- 992
- 4,611
- 138
Dhanyawad BhaiShandar update bhai maja agya hai.
Sumit ka avabhagat uske sasural me hua achha laga .
Congratulations ki delivery ho gayi.
ThanksCongrats.. Pyar ka phal mil gaya..!!!
They deserve after so much of hurdles in their life. All the time they stood United to face everything. Really this the beauty of their love and care.
Dhanywad bhaiबहुत बढ़िया अपडेट
आखिर इतने इंतजार के बाद बच्चे आए, और आने के पहले सब सही भी कर गए।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैमेरी बात सुन कर अर्जुन के पापा बोले देखो हमने अपने तरफ से कोई भी बात नही छुपाई है और नाही ऐसी कोई मंशा रखते है....सारी बाते जानने के बाद ही सुगंधा बेटा के पापा ने हामी भरी है तभी तो हम आज यहां मौजूद है.....
तो मम्मी बोली कौन सी बाते हमे तो बस यही बताया गया की लड़का सरकारी नौकरी में है इकलौता है अपना घर है दो दो जगह बस बाद बाकी कोई भी बात नही बताया है हमे....
तो अर्जुन की मां सरला बुआ के तरफ घूमी और बोली अच्छा खेल खेली हो तुम शरम नही आ रहा जरा सा भी तुम्हारा दिल कैसे मान गया इतना बड़ा षड्यंत्र रचने को हा....
आज तक कभी भी झूट का सहारा नही लिए हमलोग और तुम एक झटके में हमे झूटा साबित करवा दी वो भी बस अपने मतलब के लिए....और वो बहुत गुस्से में सरला बुआ के तरफ देखी और आगे बढ़ गई तो मम्मी अर्जुन की मां का हाथ पकड़ कर बोली.....आप पहले अपनी अधूरी बात तो पूरी कीजिए हम भी तो जाने की मेरी ये ननद क्या बात नही बताई थी हम लोगो को....
तो अर्जुन की मां बोली हमे नही करना ये रिश्ता तो अब इन सब बातो का कोई मतलब नहीं निकलता है और अगर आपको जानना ही है तो जा कर अपनी ननद से पूछिए और वो हाथ छुड़ा कर जाने लगी तो पूजा के पापा आगे आ कर अर्जुन की मां के सामने हाथ जोड़ कर बोले बहन जी देखिए गुस्से में कोई भी कदम मत उठाइए.....
अगर कुछ बात है तो उसको बैठ कर शांति से सुलझाते है हर बात का उपाय होता है वो अर्जुन के पापा की तरफ मुखातिब होते हुए बोले भाई साहब आप भी भाभी जी को समझाइए.....
तो मम्मी बोली अरे वो नही बताएगी अगर बताना होता तो बता ना देती अब आप ही बता दीजिए....
तो सरला बुआ जोर से चिल्ला कर बोली भाभी आप ये क्या तमाशा लगा रही है होश में तो है न आप अपनी सुगंधा का छेंका है आज....
तो मम्मी बोली आपसे बात नही कर रहे है हम और अगर आज बीच में बोली न तो देख लेना सब लाज लिहाज भूल जायेंगे....पहले इनको बताने दो की क्या बात है जो ये तुम्हे बताए है और तुमने हमे नही बताया है....
मम्मी पूजा के पापा से बोली देख लीजिए कह रहे थे ना हम की कुछ बात है जरूर है पर आप तो खाली बहिन के पीछे पागल हो रहे थे की दीदी सब पूछ ली है पहले से जानती है.....
इसीलिए आधा अधूरा बात बताई है.....तो पापा बुआ से पूछे की क्या बात है दीदी ये सब क्या बोल रहे है बताओ क्या बात है जो आप हमलोग को नही बताई है.....
तभी पीछे से पूजा के चाचा बोले तू भी पागल हो गया है क्या सब के साथ मिल कर काहे छोटा सा बात का बतंगड़ बना रहा है...
इतना बोल कर वो हमसे बोले सरकार आप अपनी बीवी और बाकी लोगो को ले कर यहां से चले जाइए तब ही माहोल शांत होगा सब आपलोग का किया धरा है.....और वो पूजा की तरफ हाथ दिखलाते हुए बोले बहुत अच्छा गुल खिलाई है तू पहले बाप की इज्जत अपने पैरो तले रौंद के घर की दहलीज लांघी और अब यहां पे ये तमाशा कर के बची खुची इज्जत भी अच्छे से नीलाम कर रही है.....इससे तो अच्छा होता की उस रात दो गोली तुझे भी मार देता तेरा भाई तो सारा झंझट ही खतम हो जाता....चोंच लड़ाने का बहुत शौक है ना तेरे बाप के जगह हम होते तो कब का मौत की नींद सुला दिए होते....रण्डी कहींकी खुद के रंडीपने के चक्कर में सब का जीवन बरबाद किए हुई है....
उसके मुंह से इतना सुनना था की हम तेजी से उसके तरफ लपके और उसका गिरेबान पकड़ कर गाली देते हुए एक के बाद एक थप्पड़ और घुसे उसके मुंह और पेट पे दे मारे और बोले मादरचोद हिम्मत कैसे हुआ मेरी पूजा को गाली देने का हा...
तू उसको मौत का नींद सुलाएगा हम तुझको बताते है गोली कैसे मारते है और अपना घुटना मोड़ कर पूरी ताकत से उसकी टांगो के बीच दे मारे और वो दर्द से कराहता हुआ वही जमीन पे लोटने लगा पर हम तब भी उसको मारते पर तब तक मेरे पापा और पूजा के पापा हमको रोक दिये....
मेरे को पकड़ के हटाने के बाद उनको पूजा के पापा उनको उठा कर वही हॉल के एक सोफे पे बिठाए और उनको पानी पीने को दिए और वो मेरे तरफ चीखते हुए बोले सुमित ये अच्छा नही किए हो तुम...तब पिछे से सुगंधा बोली एकदम सही किए है सुमित जीजा ये क्या बात हुआ इन सब में पूजा दी का क्या दोष है....दोष अगर है तो वो बुआ का है क्यू बुआ आप कुछ बोल नहीं रही है....
वैसे क्या बात है जो आप हमलोग को नही बतलाई है....और मेरी शादी की बात आप इस अर्जुन से ही क्यों चलाई और भी तो लड़का होगा ना अपने जाति का....
वही अर्जुन भी गुस्से में सरला बुआ को देख रहा था.....पूजा के पापा सुगंधा को बोले तुम अंदर जाओ बेटा हमलोग बात कर रहे है ऐसे बाहर नहीं आओ जाओ....
तो राहुल बोला काहे वो काहे नही आयेगी जिस लड़के से उसका शादी हो रहा है उसके बारे में जानने का उसको हक है और आप तो किसी से कुछ बात करने ही नही देते है तुरंत में मारने पीटने लगते है....
पूजा दी के समय हम बहुत बड़ा गलती कर दिए थे पर सग्गू दी के समय ये नही दोहराएंगे हम....
और चाचा जी अपना मर्यादा भूल गए थे जो सुमित जीजा उनको याद दिला दिए है और सुनिए चाचा अगर याद नही आया है की अपने घर की बहन बेटी से कैसे बात करते है दुबारा बोल के देखिएगा फिर सुमित जीजा से पहले हम आपको बताएंगे.....
और पापा आप अभी हमको ऐसे घूरना बंद कर के अपनी बहन से अपने भाई से पूछिए की क्या छुपाया है आज अगर ये बात नही खुलता तो फिर क्या होता कुछ सोचे भी है.....कुछ होश भी है की नही आपको....
तो मम्मी बोली शादी ब्याह एक खेल है क्या मेरी पूजा जब सुमित बेटा का हाथ थामी तो अच्छा बुरा सब सोच कर ही ना पकड़ी और भाई साहब आप क्या बोलते है इज्जत रौंद के चली गई क्यू ये भाग गई थी क्या कही या फिर कुछ ऊंच नीच हो गया था जो इज्जत चली गई और अभी तो आप जैसे लोगो के वजह से बहुत इज्जत बढ़ रहा है....है ना...
इतना ही भाई का खयाल था तो बिना जमीन गिरवी रखे पैसे दे देते पर जीवन भर तो आप दोनो भाई बहन पैसा के पीछे ही भागे है....एक एक बात याद है हमको भूल नही गए है हम दीदी....पर आज...आज शायद भगवान आपके पक्ष में नही है...
तब पूजा के पापा चिल्लाते हुए मम्मी को बोले अरे चुप रहो पहले बात तो समझने दो....तो मम्मी बोली हा समझते रहिए अब यही रह ही गया है.....
पूजा के पापा सरला बुआ के तरफ घूमे और उनसे पूछे बताओ दी क्या बात है सब कुछ तो तुम्हारे कहे मुताबिक ही हम किए है जैसा तुम और भईया बोले हो हम किए है बताओ क्या बात के लिए हमको अंधेरे में रखी हो....
अब सरला बुआ कुछ बोलती उससे पहले अर्जुन के पापा आगे आए और सरला बुआ के सामने खड़े हो कर बोले हम सब समझ गए है सरला तुमने इनको क्या नही बताया है खैर वो तुम देखो हमने अपने तरफ से किसी भी बात को नही छुपाया है और न ही ऐसा करना चाहते है किसी भी लड़की के साथ....
और इतना बोल कर वो पूजा के पापा के तरफ घूमे और हाथ जोड़ कर बोले भाई साहब आपकी बहन तो गलत है ही साथ ही साथ हम भी गलत है हमको आपसे सीधे सीधे बात करनी चाहिए थी पर क्या कहे कहने को तो ये मेरी पत्नी की सहेली थी पर इनको मानती थी वो अपनी बहन के जैसे पर शायद ये इज्जत अफजाई इनको पची नही इसलिए एक साथ इतने लोगो का जीवन दाव पर लगा कर केवल अपना उल्लू सीधा करना चाह रही थी पर विश्वनाथ बाबा सब देखते रहते है.....
दरअसल मेरे बेटे अर्जुन को बचपन में पतंग उतारते वक्त बिजली के तार से झटका लगा था जिस कारण वो मानसिक रोगी हो गया था पर डॉक्टर के इलाज के साथ साथ उसको एक योगी बाबा के आश्रम से प्राकृतिक औषधि का भी इलाज चला और इन दोनो के रेगुलर ट्रीटमेंट से वो ठीक तो हुआ पर कुछ दिनों बाद दवाइयों का साइड इफेक्ट कहे या कुछ और.....अर्जुन को मिर्गी की शिकायत हो गई जिसके लिए फिर से उसका इलाज चला और इन्ही चक्करों में उसकी शादी की उमर निकलती चली गई....
पर अब मेरा बेटा पूरी तरह से ठीक है और इसी योगी बाबा के यहां आने जाने के दौरान मेरी पत्नी और सरला की जान पहचान हुई जो आगे चल कर दोस्ती में बदल गई....
अर्जुन हमारी इकलौती संतान है और अब वो बिल्कुल ठीक है और सरकारी नौकरी में है तो उसकी शादी के लिए रिश्ता ढूंढना शुरू किया पर जहां भी बात चलाई हमने अपने बच्चे की सारी बाते पहले ही बता दी ताकि आगे चल कर कोई दिक्कत ना हो.....और कही रिश्ता ना पक्का होता देख कर अर्जुन की मां ने उसकी शादी के लिए लड़की ढूंढने की बात सरला से की और फिर सरला ने ही पहले आपकी बड़ी बेटी का नाम सुझाया था फिर आपसे मिलने के कुछ दिनों बाद उन्होंने बताया की आपकी बेटी ने शादी करने से मना कर दिया है....और वजह बताई की हमारे लड़के के पास सरकारी नौकरी नही है....
पर फिर उसके कुछ दिन बाद फिर इन्होंने सुगंधा बेटा का नाम सुझाया और हम भी इनपे भरोसा करते गए और उसी भरोसे में हमने इनके पति को अपनी एक फैक्टरी का जनरल मैनेजर बनाया और अर्जुन की मां तो सरला को सहेली कम बहन ज्यादा मानने लगी थी लेकिन उसके साथ साथ हम दोनो पति पत्नी ये भी बोल रखा था की अर्जुन के बारे में सारी बाते बता कर ही बात आगे बढ़ाइएगा तो इन्होंने कहा कि पहले एक बार तो आपसे मिल चुके ही है सब कुछ जानते है ही और अर्जुन बेटा के बारे में सारी बाते बता कर ही बात आगे बढ़ाई है और मेरा भाई तैयार है....
पर क्या कहे गलती हमारी भी है हमे आपसे एक बार सीधे सीधे बात कर लेनी चाहिए थी.....
उस दिन जब आप पैसे देने आए थे तब भी मौका था पर गलती इंसानों से हो होती है क्षमा कीजिएगा और सुगंधा बेटा इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है और अब हम भी नही है इसलिए ये रिश्ता नही हो पाएगा और इतना बोल कर वो अपनी पत्नी और बेटे के तरफ घूमे और बोले चलो अब यहां से बेकार ही तुम बहु लाने के सपने देखने लगी थी....
अर्जुन की मां उनके साथ हो ली पर जाते जाते सरला बुआ को बोली आज के बाद अपना ये घिनौना चेहरा मत दिखलाना कभी भी....जो अपने सगे भाई की ना हो सकी वो हमसे कैसा प्रेम निभायेगी....मतलब परस्त हो तुम समझी....सरला बुआ के पति अर्जुन के पापा के तरफ बढ़े और बोले भईया हमारी बात तो सुनिए ऐसा कोई बात नही है खाली पीली छोटा सा बात को ले कर तिल का ताड़ कर रही है भाभी जी....
तो अर्जुन के पापा अबतक अपनी जुबान को जो रोक रखे थे वो उसको बोले....सुनो भोसड़ी के तुम्हायी बीवी जो की सो की वो तुम दोनो समझो पर अब जो तुम कऊनो नौटंकी किए ना तो बताए दे रहे है बहुते बुरा हो जायेगा इसलिए यहां से अपना इज्जत का पूड़ी जलेबी बंटवाने के बाद वहा आ कर इज्जत से मेरी फैक्ट्री का चाभी और अपना त्यागपत्र मेरे हेड ऑफिस में आ कर दरबान को दे जाना मेरे ऑफिस की दहलीज पार करने की कोशिश भी मत करना....
और हा फैक्ट्री का सब हिसाब किताब क्लियर चाहिए हमको एक भी गलती पकड़ लिए ना या हेर फेर तो सब भांग भोसड़ा कर देंगे हम....और तुम हमारा पावर को तो जान ही रहे हो अच्छे से....
और हा जो पैसा मेरे बेटे के दहेज के नाम पे ले कर अपने गठरी में डाले हो ना अगर थोड़ा शरम बचा हो तो लौटा देना सही से....बईमान साले... हट
इतना बोल कर वो तीनो लोग वहा से निकल लिए.....जाते जाते अर्जुन सरला बुआ को बोला आपको मौसी जैसा मानते थे हम पर आप...छी...थू है आप पर...आपको कोई हक नही था मेरे जज्बातों के साथ खेलने का....इसकी सजा आपको ऊपर वाला देगा याद रखिएगा और अर्जुन के पापा उसको लगभग खींचते हुए निकल गए वहा से....
..
....
इतने देर में सब का ध्यान अर्जुन के पापा और सरला बुआ के तरफ था और उनके जाने के बाद पापा गुस्से से तमतमाए हुए अपनी बहन के तरफ देख रहे थे वही उनका बड़ा भाई खुद को अभी भी महान दिखला रहा था....पर इतने देर में वो कुछ बोला नहीं क्युकी उसको फिर से मुझसे मार नही खाना था और इधर मेरी पूजा जो रो तो नही रही थी पर ये सब का दोषी वो खुद को मान रही थी.....मेरी मां और पापा पूजा के साथ खड़े थे और भौंचक से हो कर सरला बुआ और पूजा के फूफा जी को देख रहे थे....
राहुल सुगंधा के साथ पीछे खड़ा था...तब मम्मी जी सरला बुआ के तरफ हाथ दिखलाते हुए पापा से बोली अब बोलिए ना क्या हुआ अब हाथ नही उठाइएगा हा....खाली घर के आदमी पर जोर निकालना जानते है आप है ना....
और मम्मी सरला बुआ की बाह पकड़ के जोर से हिलाई और बोली बोलती क्यों नही है रे बेशर्माही खड़ी काहे है बोल ना अब....
भाई से पैसा हड़पने के लिए इतना बड़ा चाल चल दी की तुझको ये भी नही दिखा की तू मेरी बच्ची अपनी ही भतीजी का जीवन बरबाद करने चली थी खुद की बेटी होती तो करवाती क्या शादी हा....
पर तुझको ये सब कैसे पता चलेगा बांझ जो है हरामजादी....
अपना बड़का भाई की भी दो दो बेटी है ना उसको भेज देती इतना ही पसंद था उसका धन दौलत तुझको तो....
तब पूजा के चाचा बोले जबान संभाल के बोलो बहु मेरी बेटियो के बारे में समझी वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा.....
तब राहुल आगे आया और खींच के तीन चार तमाचे अपने चाचा के मुंह पे धर दिये और बोला ये बात तब कहा गया था जब तू मेरी बहन को गाली दे रहा था हा.....तू एक नंबर का हरामी है समझा खून चूसने वाला कीड़ा है तू सुधखोर साला गांव में क्या गुल खिलाते हो खेत के मचान पर सब पता है समझा ना भड़वा साला और फिर एक दो तमाचे और मारा....इस बार पूजा के पापा एकदम जड़वत खड़े थे बस वो एक टक सरला बुआ को देखे जा रहे थे....
और इधर राहुल को मेरे पापा ने रोका हम तो चाहते थे की और मार पड़े...इतना कुछ होता देख सरला बुआ के पति रोने लगे और जमीन पे घुटनों के बल बैठ गए और बोले सारी करस्तानी मेरी पत्नी की है शुरू से इसके कहे अनुसार चलता आया और आज उसी का नतीजा है की मैं अपनी ही नजरो में गिर गया मां बाप तो पहले ही छूट गए पर जो रही सही इज्जत थी वो भी मिट्टी में मिल गई सिर्फ और सिर्फ दौलत के लिए....
दौलत के नशे में ये औरत इतनी चूर हुई की इसको पैसों के सिवाय कुछ नहीं दिखता.....
पैसों के लिए इसने क्या नही किया...पर हाथ जितना आया उससे ज्यादा इसने उड़ाया पर इसकी भूख नही मिटी कभी भी...
सरला बुआ अपने पति को बोली चलो उठो अब नौटंकी मत लगाओ यहां पे पहले से ही बहुत नौटंकी हो गया है...
तो पूजा के पापा आगे आए और अपने बहनोई यानी की सरला बुआ के पति को एक लात दे के गिरा दिए और सरला बुआ के पास जा कर खींच कर एक तमाचा मारे और उसके बाल पकड़ कर जोर से हिला कर बोले किस बात का खुन्नस निकाली है तू हा.....
जरा भी नही सोचा की अपनी ही भतीजी की शादी एक मानसिक रोगी लड़के से करवाने चली थी....
तो बुआ बोली जब तू नही समझा था मेरी बात को तो फिर हम क्यू समझते...तो पापा बोले कौन सी बात.....
तो पूजा के फूफा जी बोले पैसों की बात जब आपने इसे देने से मना किया था तब से ही ये पागल हो रखी थी और इसको भड़काने वाले और कोई नही आपके बड़े भईया है....
तो पापा बुआ को जोर से हिला कर बोले हम कब मना किए तुझको दीदी पैसों के लिए जहां तक हो पाया हम आपका मदद ही किए थे हम पर आपका तो मन कभी भरा ही नही....
इतना करने के बावजूद आप मेरी ही बेटी की जिंदगी बरबाद करने चली थी...तो बुआ बोली जिंदगी बरबाद की आबाद करने चली थी तो मम्मी आगे आई और एक झन्नाटेदार झापड़ बुआ को रसीद कर के बोली....कीड़े पड़ेंगे तुझको देख लेना अपने सारे किए का फल इसी धरती पर इसी जीवन में भोग कर जायेगी तू और अच्छा हुआ भगवान ने तुझ जैसी औरत को बेऔलाद रखा वरना तू उसको भी बेच कर खा जाती....
तो बुआ बेशर्मी से बोली सुना नही वो लड़का बिल्कुल ठीक हो चुका है तो फिर क्या दिक्कत था...तो पूजा के पापा एक और तमाचा खींच कर मारे और बोले दूर हो जा मेरी नजरो से वरना आज कुछ अनर्थ हो जायेगा....और वो उनको धकेल दिए.....
उसके बाद वो अपने बड़े भाई की तरफ बढ़े और उसको भी गिरेबान पकड़ कर बोले सीधे तरह से मेरी जमीन के कागजात वापिस कर देना समझा वरना भूलना नहीं हम भी उसी बाप के बेटे है जिसका खून तेरी नसों में दौड़ रहा है पर तेरा खून पानी हो चुका है मेरा नही और भगवान करे की कल को तेरी भी बेटी किसी के प्यार में पड़े और तब तुझे इस बात का एहसास होगा अच्छे से....और तब हम भी देखेंगे की तू कैसे अपनी ही बेटी पर गोली दागता है....
आज के बाद से तुम दोनो से मेरा कोई रिश्ता नहीं और वो राहुल के तरफ घूमे और बोले बेटा इन तीनो के पास से जब तक तेरे बाप के पैसे और जमीन के कागजात ना निकल जाए छोड़ना मत जरूरत पड़े तो अच्छे से खातिरदारी करना....
राहुल उन लोगो को लगभग धकेलते हुए वही हॉल के एक कमरे में अंदर कर के बाहर से दरवाजा बंद कर दिया...
..
...
इधर पापा सुगंधा के तरफ घूमे और उसको अपने पास बुला कर उसके सर पे हाथ फेरते हुए बोले हमको माफ करना बेटा जाने अंजाने में तेरी जिंदगी बरबाद करने चला था....पर भगवान का शुक्र है की सही समय पर सब कुछ शीशे की तरह साफ साफ हो गया....हमको माफ कर दे बेटा तो सुगंधा बोली नही पापा ऐसा कुछ बात नही है फिर वो पूजा की तरफ देखने लगी तो पापा उसका इशारा समझ गए....
वो फिर पूजा की तरफ घूमे और पास आ कर उसके पैरो के पास बैठ गए.....हम उनको उठाने के लिए आगे बढ़े तो मम्मी हमको रोक दी और ना में इशारा कर दी....
अपने पापा को अपने ही पैरो के पास बैठता देख कर पूजा रोने लगी और उनको उठाने के लिए झुकने लगी तो मेरी मां उसको रोकी और मेरे पापा पूजा के पापा को बोले भाई साहब ये सब आप क्या कर रहे है उठिए....
तो पापा रोते हुए बोले नही भाई साहब आज आप बाप बेटी के बीच में मत आइए बल्कि आज हम दोनो के बीच कोई नही आयेगा मैने अपनी ही बेटी को हमेशा से गुनहगार माना उसकी खुशियों में कभी भी पूरे मन से शामिल नही हुआ...दुनिया में हर बाप अपनी बेटी की खुशी में ही खुश होता है पर हम कितने कुकर्मी बाप है जो अपनी ही बेटी की खुशी को नही समझ पाए बल्कि इसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी को हम सबसे बड़े दुख में बदला चाहे अपने झूठी शान के चक्कर में इन दोनो पे कितने जुल्म ढाए उसके लिए तो हमको भगवान भी कभी माफ नहीं करेगा....
मेरी पूजा को सुमित कितना खुश रखता है पर हम आज तक उसको सिर्फ ढोंग समझते आए हमेशा ये सोचते थे की आज ना तो कल ये मेरी बेटी को छोड़ देगा पर हम हर बार गलत हुए लेकिन फिर भी अपने नीच गिरे हुए भाई बहन के बहकावे में आ कर कभी भी इन दोनो के प्यार भरे रिश्ते को उसकी मजबूती को नही समझ पाए....
पापा पूजा के सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोले मुझे माफ कर दे बेटा हमको माफ कर दे आज अगर तेरा ये परिवार ना होता तो हम अपनी सग्गू को जाने अंजाने नर्क में धकेल देते....
हमको माफ कर दे रे बेटा....पूजा रोते हुए अपने पापा का हाथ पकड़ी और बोली नही पापा आप ऐसे मत बोलिए भला बाप अपनी ही बेटी के सामने हाथ जोड़ता है कही....
वो उठ कर खड़ी हो गई और अपने पापा के पास धीरे से जमीन पर पालथिन मार के बैठ गई और पहले उनके आंख से बहते हुए आंसुओ को पोंछी और बोली आप रोइए मत पापा अब सब ठीक है....
पर पापा फिर भी रोते हुए बोले नही मेरी बच्ची इन्ही हाथो से मैने तुझे उस दिन कितने बेरहमी से मारा था....
तेरी कमाई से ही मैने कितने ही महाजनों का कर्ज उतारा और भी बहुत कुछ किया और जब तूने अपने दिल की बात मुझसे कहनी चाही तो हम तेरी एक भी बात सुने तक नही और तुझको....
तेरे अंदर इतना भय पैदा कर दिया की तू आज भी घर आने में घबराती है सोच हम कितना बुरा किए थे तेरे साथ जो एक बेटी को अपने मायके आने में ही डर लगता था....
ये कहते हुए पापा और रोने लगे....पूजा रोते हुए बोली पापा मत ना रोइए बीती बातों को भूल जाइए.....अब हम नही डरते है सुमित हमको बहुत समझाते थे और अब हम नही डरते है पापा....तो पापा बोले हा इसलिए तू अब घर आना ही बंद कर दी और आती भी है तो बिना हमसे मिले चली जाती थी है ना....
पूजा मेरी तरफ देखने लगी फिर वो पापा को बोली नही पापा बस आप रोइए मत अच्छा नही लग रहा ऐसे प्लीज पापा...
..
...
इधर हॉल हम सब लोग नम आंखों के साथ चुप चाप खड़े थे कोई कुछ नही बोल रहा था पर मम्मी रो रही थी.....पापा की बाते सुन कर लग रहा था की आज शायद उन्होंने हमे अपने दिल से अपना लिया था....
तभी हम पापा के पास गए और उनके हाथ को पकड़ते हुए बोले अब बस करिए पापा हो गया अब तो आप हम दोनो को मन से अपना लिए ना...तो उन्होंने मुझे और पूजा को अपने आलिंगन में ले कर गले से लगा लिया और दोनो के माथे पे चूमते हुए बोले हमेशा खुश रहो दोनो.....मेरी वजह से बहुत दर्द तकलीफ झेला है तुम लोगो ने....
पर आज तक पलट कर एक बार भी जवाब नही दिया....दूसरा कोई होता तो कब का मेरे मुंह पे थूक कर चला गया होता और दुबारा मेरी शकल तक नही देखता....
तो पूजा बोली अरे पापा आप ये क्या बोल रहे है मम्मी तुम भी तो पापा को चुप होने बोलो ना...
तो मम्मी बोली रो लेने दे बेटा आज हम कुछ नही बोलेंगे पिछली बार बहुत समझाई थी पर उस वक्त नफरत भारी था पर आज शायद तेरा प्यार जीत गया और नफरत हार गई.....
तो पापा एक बार फिर हम दोनो को जोर से गले से लगा लिए तभी मेरे पापा आगे आए और पूजा के पापा को पकड़ कर उठाते हुए बोले अरे इतना खुशी का मौका है और आप ऐसे रो रहे है समधी से आज मन से गले तो मिलिए पहले और वो पापा को अपने गले से लगा कर बोले हा ये हुआ ना चलिए अब रोना धोना बंद कीजिए फिर पूजा को हम सहारा दे कर उठाए और उसकी आंखो में अटके आंसुओ को पोंछे और धीरे से बोले अब रो मत सब कुछ ठीक है अब....वो मेरी आंखों में देखने लगी तो हम हौले से मुस्कुरा कर बोले आई लव यू जान
तो पूजा मुस्कुरा दी और मेरे सीने से लग के रोने लगी.....तभी मम्मी आगे आई और पूजा को बोली अब तो मत रो पगली....इधर आ और फिर वो पूजा के साथ हमको भी अपने आलिंगन में ले ली और बोली खुश रहो मेरे बच्चो और अब जल्दी से मेरे नाती नातिन का मुंह दिखला दो ताकि उनको खूब खेलाए हमलोग......
सुगंधा को हम बुलाए और धीरे से बोले बच गेले बेटा तू नही तो अब्बा डब्बा जब्बा हो जाता तेरे साथ......तो पूजा हस कर बोली ऐसे कैसे हो जाता हम लोग थे ना.....तो सुगंधा भी हंसते हुए हम दोनो से एक साथ गले मिल गई और बोली पर दी जो भी हो आखिर मम्मी जी के मुंह से वो बात नही निकला होता तो फिर आज मेरा बर्बादी तय था....
फिर मेरी मां पूजा को बोली ए बेटा आ इधर आ कर बैठ तब से परेशान है तू....तो पूजा बोली एक मिनट मां अभी आते है....
और फिर वो मेरा हाथ पकड़ी और उस कमरे की तरफ बढ़ी जिसमे बुआ और बाकी लोग बंद थे....हम बोले किस लिए जा रही है उधर तो वो बोली हमको बुआ से पूछना है की आखिर वो ऐसा क्यों की.....
हम बोले अरे कोई मतलब नहीं बनता है जान छोड़ो.....तभी पीछे से मम्मी आ कर उसका हाथ पकड़ कर रोकती हुई बोली नही उस हरामजादी का साया भी तुझ पर नही पड़ने देंगे हम चल इधर आ मेरे पास उसके किए का सजा उसको वक्त देगा छोड़ तू ये सब....तो पापा बोले पूजा बेटा वो तू हम पर छोड़ दे हम सब जानते है की वो ऐसा क्यों की है पर अब जाने दो....ये सब से कुछ फर्क नही पड़ता मेरा सारा परिवार मेरे पास आ गया है....छोड़ उसको अब....
तो पूजा पूछी की नही पापा आप बताइए की ऐसा क्यों की है बुआ किसलिए की तो पापा बोले अभी रहने देते है बेटा ये सब पुरानी बाते याद कर के मन खट्टा नही करना चाहते....
फिलहाल तू अपनी सेहत का ध्यान रख शादी के पहले और शादी के बाद से तुझको जिस अपनेपन से अपने प्यार से दूर रखे है अब वो सब हम पूरा करेंगे....अब तुझको तेरे पहले वाले पापा देखने को मिलेंगे जिससे तुझको डर नही लगेगा...
तो हम पापा के पास गए और बोले अरे पापा पूजा का तो मामला सुलट गया पर मेरा क्या हमको नही मिलेगा मेरे ससुर का प्यार आशीर्वाद....
तो पापा मेरे तरफ हाथ बढ़ा के बोले तुझसे तो बेटा हम क्या बोले....तेरे सामने तो हमको अभी बहुत प्रायश्चित करना है बहुत तकलीफ दिए तुझको बेटा पर अब नही....
जैसे तू पहले मेरे लिए सिर्फ सुमित था पर अब से सुमित के साथ साथ मेरा दामाद भी है....
और वो आगे आ कर मेरे कंधे पे हाथ रख कर बोले मेरी बेटी को इतना प्यार देने के लिए...अभी वो इतना ही बोले थे की हम बोले अरे पापा क्या आप भी ये सब बोलने लगे प्रायश्चित और फलाना ढिमकाना....आप तो बस अब अपने दुकान से हमको मैगी दे दिया कीजिएगा जिसको हम अपने ससुराल में आ कर एक बार फिर से खुद से बना कर आप सब को खिलाए वो भी बे झिझक...
तो पापा हस्ते हुए हमको थप्पड़ दिखलाए और बोले बच्चा का बच्चा ही रहेगा और फिर हमको अपने गले से लगा लिए और उसी तरह पूजा को भी इशारा से बुला कर वो उसको भी गले से लगा लिए....और पीछे से सुगंधा आ कर हम लोग के पीछे अपनी बाहें फैला कर लिपट गई और वही काम राहुल भी किया आ कर ये बोलते हुए अरे थोड़ा हमको भी एडजस्ट करो सब कोई....
इधर मम्मी जी मेरी मां के पास जा के खड़ी हो कर उनका हाथ पकड़ के बोली बहन जी अब सब कुछ ठीक हो गया आज हमको मेरा परिवार वापिस मिल गया और ये सब मुमकिन हुआ आपके वजह से.....
तो मेरे पापा बोले नही बहन जी ये सब ऊपर वाले के हाथ में है जो जब होना है वो हो कर ही रहता है....
आज ये होना था सो हो गया पर जो भी हुआ बहुत ही अच्छा हुआ...पर एक शिकायत है...
ये सुन कर मम्मी थोड़ा गंभीर हो गई तो पापा हस्ते हुए बोले अरे इतना देर हो गया कोई कुछ खाने पीने का बात ही नही कर रहा.....खाना ना सही पर कुछ मीठा तो बनता है ना की नही...
इधर हम लोग पापा से अलग हुए और पूजा के पापा बोले सब इंतजाम हो रखा है...सग्गू बेटा का छेंका नही हुआ तो क्या इसी बहाने मेरा पूरा परिवार एक हो गया जैसे पहले था....
फिर राहुल हॉल मैनेजमेंट वाला को जा कर बोला की भईया खाना लगवा दीजिए तो हॉल वाला भी सब फटाफट इंतजाम कर दिया...और फिर सब कोई एक साथ खाना खाए और आज पूजा और हमको पापा मम्मी अपने साथ बिठा कर खिलाए.....
सच में आज जब पापा पूरे मन से हम दोनो को अपना लिए तब जा कर पूजा के मन से तो डर निकला ही साथ ही साथ मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतरा क्युकी कही न कही पूजा मेरे वजह से अपने बाप से दूर हो गई थी...
पर आज जो हुआ उसके बाद हम पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कह सकते थे की हम दोनो का प्यार जीत गया
सब कोई के खाने के बाद मेरे पापा पूजा के पापा से बोले चलिए भाईसाहब अब इजाजत दीजिए....
तो पूजा के पापा बोले अरे भाईसाहब कैसी बाते करते है भला आप भी....ये बोलिए की फिर मिलते है जल्द ही और वैसे भी अब तो हम दोनो लोग अक्सर मिलते रहेंगे आखिर बिजनेसमैन जो ठहरे...फिर चारो ओल्डी लोग हस दिया और उसके बाद हम, मेरी जान, और मां पापा सब कोई नीचे उतरे साथ में पूजा का भी पूरा परिवार नीचे आया जबकि बुआ और बाकी लोग अभी भी ऊपर कमरे में ही बंद थे....
पापा और मां गाड़ी में बैठे और पूजा और हम दोनो कोई मम्मी पापा को प्रणाम किए तो वो दो आशीर्वाद देने के बाद पापा बोले कल दोनो कोई घर आओ तो पूजा मेरा चेहरा देखने लगी तो हम बोले ठीक है पापा कल पक्का रहा...
तभी मेरे पापा गाड़ी से बाहर निकले और बोले अरे एक और खुशखबरी तो पता होगा ही सुमित का ट्रांसफर यही पटना में हो गया है....ये सुन कर राहुल बोला कांग्रेट्स जीजा जी....हम बोले हम्मम थैंक्यू पर खाली कांग्रेट्स से काम नही चलेगा....
तो पूजा के पापा बोले अरे बेटा कल आओ फिर डबल जश्न मनाएंगे....
हम बोले ठीक है पापा आते है फिर उन सब से विदा ले कर हम लोग निकल गए घर.....
Nice updateहमारे जाने के बाद पूजा का पूरा परिवार अपने हरामी रिश्तेदारों से मुखातिब हुआ और पूरे बेइज्जती के साथ उनको ले कर पहुंचे अपने घर और वहा पे शुरू हुआ लेनदारी और देनदारी का तमाशा....अब तक जितना मम्मी और सुगंधा झेली थी वो सब मम्मी अपने तल्ख लहजे में वापिस देना शुरू की और पापा के साथ राहुल और सुगंधा लग गए अपने बाप की कमाई वापिस लाने में....जो की आज चाचा और फूफा जी को लौटना ही था किसी भी सूरत ए हाल में वरना राहुल तो पहले से ही खुन्नस में था और पापा अगर उसको एक इशारा कर देते तो फिर इन तीनो का खैर नहीं था....
दरअसल जब से सुगंधा की शादी के दहेज के पैसे पापा दे के आए थे तब से दोनो भाई बहन एकदम निश्चिंत था की अब सब काम हो चुका है अब चाह कर भी कोई कुछ नही कर सकता पर छेंका के समय जो उलट फेर हुआ वो इन लोगो में से किसी ने नहीं सोचा था और अब तो पापा को हर बात जेहन में ताजा हो गई थी की इन सब के पीछे की वजह क्या है....
उस रात तो चाचा जी वापिस लौट गए ये कह कर की जमीन के कागजात वो कल ले कर वापिस आ जायेंगे तो राहुल ने उनको चेताया की अगर वो कुछ भी चालाकी करने का कोशिश किए तो फिर जो साहूकार के रूप में इज्जत की पीपड़ी बजाए फिरते है ना गांव में वो सब वही आ कर धूल में मिला देंगे और घर के अंदर डंका बजाएंगे सो अलग और फिर जैसे आप भूल गए थे की मेरी बहन आपकी क्या लगती है और उसको आपको किस ढंग से बोलना चाहिए था तो हम भी ये भूलने में देर नहीं करेंगे की आपकी दोनो बेटियां मेरी बहन लगती है....सो ये सब बाते अपने जेहन में बिठा लीजिएगा....
चाचा की तो घिग्घी बंध गई क्युकी वो अच्छे से जानते थे की जिस गांव से वो ताल्लुक रखते है उनका भाई भी वही से ताल्लुक रखता है इसलिए यहां पे अगर वो चापलूसी किए तो न घर के रहेंगे ना घाट के....
अब रह गई बुआ रानी और अपने बड़े भाई की दुर्गति देख कर वो गिरगिट के तरह रंग बदलते हुए बोली भाभी भईया हम मानते है हम गलत करने जा रहे थे पर वो सब हम गुस्से में करने जा रहे थे जिसका पछतावा हमको अब हो रहा है पर देखो अंत में सब कुछ सही हो गया ऊपरवाले की लाठी हम पर ऐसी पड़ी की ना मेरे पति के पास कोई नौकरी रही ना मेरे पास कोई इज्जत मान....
पूजा के पापा इतना सुनते ही फिर से अपनी बहन को एक चमाट रख के दिए और बोले दुबारा ये अपना मगरमच्छ के आंसुओ वाला चेहरा हमको मत दिखलाना....क्युकी इसके पीछे की भूख को हम पहचान चुके है जो अपनी भूख के आगे कुछ नही देखती इसलिए दया माया की उम्मीद तो हमसे अब रखना ही मत सीधे तरीके से मेरे पैसे लौटा दो वरना अर्जुन के पिता जी का घर का रास्ता हम भूले नही है और अगर हमको उनके दहलीज पर जाने की जरूरत पड़ गई तो फिर उनकी बाते तो तुम दोनो मिया बीवी को अच्छे से याद होंगी....और अगर नही याद है तो लगाऊ फोन...
तो पूजा के फूफा जी घबरा कर बोले नही भाई जी इसकी कोई जरूरत नहीं है हम आपके पूरे पैसे ला कर देते है पर उसके लिए हमको बनारस से आने जाने का समय तो दीजिए....
तो राहुल बोला पिछवाड़े में पेट्रोल डालिए और सरपट दौड़ते भागते जाइए और पैसे ले कर आइए....
तो मम्मी बोली नही इन दोनो को मेरे घर से निकालो जितना जल्दी हो सके इस हरामजादी कुत्ती और इस कुत्ते को हम सोना तो दूर पीने के लिए पानी तक नहीं देंगे पहले ही बहुत खून चूस चुका ये दोनो.....तो पूजा के पापा बोले सही बोल रही हो इतना सब जो हुआ उसके पीछे अगर कोई सबसे ज्यादा जिम्मेदार है तो वो ये है उनका इशारा बुआ के तरफ था....
तभी वो राहुल को बोले बेटा अपने दो तीन दोस्तो को पकड़ और इन दोनो चंडाल चंडालनी के साथ जा और सुबह तक पैसे ले कर आ....
और कुछ भी दिक्कत हो तो तुझको पता ही है क्या करना है...ये बिलकुल मत सोचना की ये तेरे फुआ फूफा थे कभी....
तो राहुल फिर बोला आते है फिर इंतजाम कर के और वो चला गया जबकि सुगंधा बोली मां खाना तो बढ़िया से हम लोग खा लिए है पर मीठा नही खा पाए तो अभी हम खीर बनाते है अपने हाथ से और फिर खायेंगे वैसे भी अभी ज्यादा टाइम तो हुआ नही है और पूजा दी का फोन भी आता ही होगा तब आराम से बात करते है....
मम्मी बोली सही बोल रही है तू अपने काम में लग तब तक हम और तेरे पापा बुरी बला को घर से बाहर निकाल कर आते है...
वो दोनो बुआ और फूफा को घर के बाहर गलियारे में ले गए और बोले यही खड़े रहो दोनो जब तक तुम्हारा काल वापिस नही आ जाता...उनका इशारा राहुल के तरफ था....
इधर राहुल जैसे उस रात अपने दोस्तो के साथ मार पिटाई और कट्टा का इंतजाम किया था वैसे ही आज भी एक गाड़ी का इंतजाम किया और अपने तीन दोस्तो को ले कर घर पहुंचा और उसको देख के पापा बोले देख बेटा ध्यान से जाना और सारे रास्ते तू हम लोग से बात करते रहना इसका कोई भरोसा नहीं....तो राहुल के साथ साथ उसके दोस्त बोले आप टेंशन फ्री रहिए अंकल इनका टेटुआ दबाने में हमे जरा भी टाइम नही लगेगा....
तो मम्मी बोली फिर भी बेटा ध्यान रखना....और राहुल वहा से निकल गया....
..
...
इधर हमलोग के घर पहुंचने तक पापा और मां दोनो पूजा को बोलते रहे की अब तो बेटा तू बिल्कुल टेंशन फ्री हो जा असल मायनों में आज तुझको तेरे पापा से रजामंदी मिली है....
वही पूजा भी बहुत खुश थी की फाइनली सब कुछ सही हो गया हमारे प्यार के गुलदस्ते में एक कांटा जो घुसा पड़ा था आज वो भी फुल का रूप ले लिया...
घर पहुंचने के बाद मां बोली पूजा बेटा तू अभी से आराम कर जा कर अपना दवाई ले कर आराम करेगी हम दूध गरम कर के आवाज देंगे तो सुमित तू आ कर ले जाना समझा....
अभी हम सब लोग नीचे आंगन में ही थे की भईया भाभी घर आ गए और भाभी आते के साथ बोली तब देवरानी जी मजा किए ना खूब चलो ऊपर और सुगंधा का छेंका का फोटो दिखाओ देखे तो मेरा देवर का साढ़ू भाई कैसा है.....तो मां बोली अरे वहा छेंका तो नही हुआ पर कुछ और ही हो गया...
तो भईया बोला का मतलब...
तो मां हस कर बोली बताते है रुक जा और वो हम दोनो को बोली अब रामायण हम कह देंगे तू दोनो ऊपर जाओ बेटा आराम कर कपड़ा बदल कर... ई लड़की को एकदम चिंता नही है भरल पेट बच्चा है जा भाग ऊपर
हम मां को हस्ते हुए बोले अरे मां बेकार ही आप इतना चिंता करती हो तुम्हारी छोटी बहू स्ट्रॉन्ग है...
तो पापा बोले हा जानते है कितना सॉलिट है....तुरंत में रोवाई छूट जाता है....
हम सब कोई पूजा को देख के हस दिए और मेरी जानेमन शर्मा कर बोली अरे बै पापा उम्म्म और ऊपर जाने लगी....
तो हम उसके पीछे हो लिए और ऊपर कमरे में आ गए....
ऊपर आने के बाद हम दरवाजा बंद किए और पूजा डार्लिंग को अपने आलिंगन में ले लिए और पूजा भी इसी पल का इंतजार कर रही थी....वो तुरंत मेरे होंठो को चूम ली और अपनी बाहों का घेरा मेरे गर्दन में फसा कर बोली जान आज पापा भी मान गए हमको तो यकीन ही नही हो रहा था कुछ देर तक की पापा के मन में इतना कुछ था जो आज सब निकल गया....
हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले मम्मी ठीक ही बोली थी की आज हमारा प्यार जीत गया और नफरत हार गई....
फिर पूजा बोली जान आज हम बहुत खुश है....हम बोले हम भी है जान आखिर आज हमको मेरे पुराने वाले पापा से मिलना हुआ जैसे उनसे पहली बार सुगंधा के दोस्त बन कर मिले थे ठीक वैसे ही....
फिर हम बोले अच्छा चलो अब इस खुशी को अभी साइड करते है पहले हम अपना बेटा बेटी से तो मिल ले...जब से भोपाल से आए है एक बार भी सही से मिलना नही हुआ....और ये बोल एक हम पूजा के सलवार का नाड़ा खोल दिए और वो सरसराता हुआ जमीन पे जा गिरा....
और हम नीचे बैठ कर पूजा के समीज को हटा कर उसके पेट पे चूमे और बोले अरे मेरा बच्चा सब क्या हाल चाल और ये बोल कर उसके पेट पे कान लगा दिए तो उधर से गुड़ गुड़ का आवाज आया तो हम पूजा को बोले एई बोल रहा है की मम्मी को बोलिए की मेरे पापा को दूध पिला दे वो भूखे है और ऐसे मौके पे कुछ मीठा होना चाहिए....
तो पूजा हस कर बोली मेरा बाल बच्चा की अपने पापा के तरह ही है शैतान...ऊपर तो आइए पहले तब तो आपका मुंह मीठा करवाए हम....
फिर हम मेरी डार्लिंग की चूत को देखे जिसको आज सुबह ही हम चिकनी किए थे उसके ऊपर चूम लिए और खड़े हुए फटाक से तो पूजा बोली अरे जान आप कहा पे चूम लिए उफ्फ मेरा मूड बना रहे है आप....
हम बोले आज मूड में आ ही जाओ तुम हम तुम्हारा सब उपाय कर देंगे आज....
फिर पूजा को पकड़ के बिस्तर के कोने पे बिठाए और पूजा का सूट उतार दिए दुपट्टा वो पहले ही उतार चुकी थी....
उसके लाल रंग की ब्रा जो उस दिन हम नई लाए थे उसमे से उसके निप्पल एकदम साफ दिख रहे थे हम ब्रा के कप को खिसका कर उसकी चुचियों को बाहर निकाले और उन पर टूट पड़े वही पूजा सिसकी लेते हुए मेरे सर को अपनी छाती पे दबाने लगी....
कुछ देर उसकी चुचियों को पीने के बाद हम खड़े हुए और उसकी ब्रा को भी उतार दिए अब वो पूरी नंगी थी और हम अभी तक अपने कपड़ों में थे....पूजा को नंगी करने के बाद हम भी तुरंत नंगे हुए और फिर उसको खड़ा कर के अपने आलिंगन में ले लिए तो पूजा मेरे खड़े लंड को पकड़ के बोली जान इसको थोड़ा अंदर कीजिए ना....हम उसके पैरो को थोड़ा फैला कर अपने लंड को उसकी चूत से सटाए जो बिलकुल गीली थी...मन तो हुआ की एक ही बार में अंदर जड़ तक पेल दू पर फिर अपने बाल बच्चा का सोच कर रुक गए पर एक दो बार उसकी चूत पे ऊपर से नीचे तक फिराए और फिर अलग हो कर उसको वापिस बेड पे बिठा दिए....
और उसकी नाइटी को हैंगर से उतार कर उसके गले में डालने के लिए तैयार करने लगे तो वो बोली जान अभी इसको रखिए....इधर आइए और हमको पकड़ के मेरे गले से लग गई और मेरे छाती पे चूम कर बोली आप आग लगा दिए है मेरे अंदर....
हम उसके चेहरे पे हर जगह चूम कर बोले जान बस थोड़ा दिन और फिर तुमको हर कोने से ठंडा करेंगे हम....वो बोली नही आज अभी कीजिए....हम बोले अच्छा फिर अपना लल्ला लल्ली क्या बोलेगा....मेरा बाबू मईया ठरकी है...
तो पूजा हौले से हस कर थोड़ा उचक कर मेरे होंठो को चूम ली और हम भी थोड़ा नीचे झुके तो वो मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़ दी और उसके बाद क्या चूसी वो मेरे होंठो को एकदम पैशनेट किस हुआ हम दोनो में और उस किस के बाद पूजा हाफते हुए मुस्कुराते हुए बोली आज कितने दिनों के बाद आपको ऐसे किस किए हम....
हम उसकी आंखो में देखते हुए बोले तीन महीने अठारह दिन के बाद....
तो पूजा कन्फ्यूज होती हुई बोली अरे मतलब क्या....
हम मुस्कुराते हुए उसकी चूंची को पकड़ कर हौले से दबाते हुए बोले मैथ भूल गई क्या तुम सब....
फिर पूजा अपनी आंखे गोल करते हुए हसीं और बोली जान आप दिन गिन रहे है पागल....
तो हम बोले यस माय लव ताकि जब अपना ये बनवास टूटेगा तो फिर एक एक दिन का हिसाब लेंगे....
पूजा एक अदा के साथ बोली एकदम मेरी जान अच्छे से हिसाब लीजिएगा हमसे.....फिर हम बोले हा ठीक है चलो अब नाइटी पहन लो और लेट जाओ थोड़ा तबतक हम थोड़ा नीचे से हो आते है....फिर पूजा मेरे लंड को अपने हाथ से दो तीन बार हिलाई और अपने उसी हाथ को चूम ली और बोली वेट फिर माय टर्न बेबी
उसके बाद हम नीचे गए जबकि इधर पूजा अपने घर पे बात करने लगी....
हम नीचे गए तो भाभी बोली तब देवर राम अब सब सेट है अब जिंदगी इंजॉय कीजिए....
फिर भईया भी बोला चल अब सब कुछ अच्छा हो गया नही तो तुम दोनो पे हमेशा एक तलवार लटकता रहता था....हम बोले हा भी और नही भी पर अब जाने दीजिए जो भी था अब वो सब नही है अंततः मेरी और पूजा के जिंदगी में सब कुछ ठीक है अब यही बहुत है
तभी भाभी बोली अब रहा सहा कसर बउआ लोग आ कर पूरा कर देगा....
तो मां बोली वो क्या कर रही है आराम की गप सरक्का....
तो हम हस कर बोले आराम के साथ साथ गप सरक्का....लेट के घर पे बात कर रही है तो मां कुछ बोलती उससे पहले हम बोले जाने दो मां कोई दिक्कत नही है....फिर भईया बोला चलो अब ढेर रात होने को है जाते है घर ठीक ना अब आराम करो सब कोई....
फिर वो दोनो चले गए अपने घर और हमारा जिमी जो उनके यहां था उसको बांध के बिठा दिए घर के गेट के पास.....
फिर मां हमको पूजा के लिए दूध दी गरम गरम और हम वो ले कर ऊपर आए और मेरी जान अभी तक अपने घर का सारा खबर ले चुकी थी और आंखे बंद कर के लेटी हुई थी....
हम उसके पास गए दूध टेबल पे रखे और बोले एई जानेमन सो गई क्या....और सच में पूजा का आंख लग गया था....
हम उसके चेहरे के पास झुक कर उसके होंठ पे चूम लिए और बोले जानेमन हमको जाना पड़ेगा उठो देखो हम चले....
पूजा तुरंत मेरा हाथ पकड़ के आंख खोल के बोली गंदे कहिंके सताने में मजा आता है आपको है ना कहा जा रहे है आप जरा हम भी तो सुने....
हम हस कर बोले अपने जान के पास जा रहे थे सपना में क्युकी हकीकत में तो अभी मेरी जान के पास जाना खतरे से खाली नहीं है...
तो पूजा उठ कर बैठी और मेरे को अपने पास बिठाती हुई बोली जान ऐसे मत बोलिए पागल आपको मना थोड़े किए है हम बस अभी थोड़ा नो एंट्री है पर हम घुस ले कर आपको एंट्री दे रहे थे ना पर आप ही नही गए.....
हम उसका मुंह पकड़ के हिलाते हुए बोले अरे मेरी ट्रैफिक पुलिस बीवी बस बस हो गया और सुन लो अभी दूदू पियो पहले फिर हम तुम्हारे दूदू पीते हुए सोएंगे आज....
तो पूजा हस्ते हुए बोली बात बदलना कोई आपसे सीखे...मेरे जान मेरे सनम आई लव यू और एक चुम्मा मेरे होंठो पे चिपका दी....
फिर वो दूध पीने लगी धीरे धीरे और हम उससे पूछे की घर पे क्या हाल चाल तो वो बोली अरे मत पूछिए राहुल अभी बनारस गया गया पैसा सब ले कर वापिस आएगा सुबह तक आ जायेगा ना....
हम बोले अरे इतना रात में क्यू जाना था सुबह चला जाता....तो पूजा बोली अरे नही अब बुआ को शायद ही पापा मम्मी अपने घर में रहने दे....पर बुआ बहुत गंदा खेल रची थी मेरे लिए भी और सग्गू के लिए भी पर आप जो है ना मेरे लकी चार्म सब नेगेटिव चीज को मेरे आस पास आने ही नही देते है आज जो कुछ भी हुआ उसमे भी अंत में मेरे और आपके लिए पापा के मन में जो भी बुरा बात था सब निकल गया ना....
सब आपके कारण क्युकी आप है ही इतने प्यारे की आपके रहते मेरे आस पास कुछ गलत आ ही नही सकता ना कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता है....
हम बोले बस हो गया अब कितना चने के झाड़ पे चढ़ाओगी फिलहाल तो हमको तुम पर चढ़ना है चढ़ जाए....
तो पूजा अपना दूध खतम करते हुए बोली इसका जवाब हम बाथरूम से आ कर देते है आपको....और वो उठ कर चली गई जबकि हम सुगंधा के पास फोन लगा दिए.....
सुगंधा से हम पूछे क्या हाल चाल कमांडर तो वो हस्ते हुए बोली क्या यार जीजू...हम बोले अरे एक मिनट पहले डिसाइड कर जीजू की यार....
तो वो बोली दोनो अब इसका एक्सप्लेनेशन हम नही दे रहे....इतने में पापा उससे फोन मांग लिए तो हम बोले राहुल को अभी क्यू भेजे आप सुबह भेज देते....तो पापा बोले नही बेटा अब इनको निपटा कर खतम करे बहुत दिन से हमारी खुशियों पर कुंडली मार के बैठी थी....
इधर पूजा आई तो हम बोले पूजा से बात हुआ तो वो बोले अरे कहां दोनो मां बेटी खुद बात कर ली हमको नही करवाई....
तो सुगंधा बोली अरे कैसे करवाते आप बाहर थे पापा उस समय....फिर हम पूजा को फोन दिए की पापा है लो बात करो....
पूजा बोली हा पापा प्रणाम तो पापा बोले खुश रहो बेटा और तबियत कैसा है...तो पूजा बोली हम एकदम ठीक है पापा....तो हम बोले हा पापा हम दोनो अब बिल्कुल ठीक है और अब रहेंगे भी...
तो पापा हस्ते हुए बोले जरूर बेटा अच्छा कल दोनो आएगा ना...हम बोले हा आयेंगे....
पूजा फिर बोली पर पापा आप बताए नही आखिर ऐसा क्यों की बुआ तो पीछे से मम्मी बोली रुक बताते है सब बात ई हरामजादी का....
फिर पापा बोले ऊहू रुको हमको बात करने दो और फिर वो बताना शुरू किए....
..
...
अब चलते है थोड़ा फ्लैश बैक में...
बात है 1991 की जब पूजा और सुगंधा बच्चे थे और राहुल पैदा भी नहीं हुआ था.....अभी कुछ समय पहले ही पूजा के दादा जी की मृत्यु हुई थी और उनकी मृत्यु के बाद आपसी समझौते के तहत पूजा के बड़े चाचा और उसके पापा ने बंटवारा कर लिया जिसमे गांव की जमीन के दो हिस्से हुए जिसमे एक हिस्सा बड़े भाई ने अपने पास रखा और उसी में से आधा हिस्सा पूजा के पापा को मिला.....
पूजा के पापा ने गांव के ही स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई कर रखी थी इसलिए उन्होंने दिमाग से काम लेते हुए शहर का रुख करने का सोचा और अपने हिस्से की जमीन में से कुछ हिस्सा एक दूसरे धनी व्यक्ति को बेच दिया और मिले हुए पैसों से पटना में एक किराने की दुकान डाली....
शुरू शुरू में वो पटना अकेले ही रहे और गांव आना जाना लगा रहा उस बीच पूजा पढ़ती नही थी पर कुछ दिन बाद जब सुगंधा की उमर स्कूल जाने लायक हो गई तब पूजा के पापा अपने परिवार को पटना ले आए और एक किराए के मकान में रखा.....
इधर गांव की जो जमीन अभी उनके पास थी उसे उन्होंने एक किसान को खेती के लिए दे दिया और उपज में से कुछ हिस्सा वो उस किसान से ले आते और उसे अपने दुकान पे खुदरा माल के तरह बेचते...
इससे उन्हें बाजार के मुकाबले अधिक मुनाफा होने लगा और उनकी दुकान अपने समय के हिसाब से बेहतर चलने लगी.....दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्होंने इतना सामर्थ्य हासिल कर लिया की दोनो बेटियो को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के साथ साथ उन्होंने एक पुराना मकान खरीद लिया और उसकी मरम्मत करा कर विधिवत पूजा पाठ और गृहप्रवेश का कार्यक्रम कर के उसमे रहने लगे....
पूजा के पापा की बहन सरला यानी की उसकी बुआ की शादी बनारस के एक व्यापारी के बेटे के साथ हुई थी वो भी अच्छे खानदान में ब्याही गई थी किसी भी चीज की कोई कमी नही पर बुआ रानी ठहरी लालची शादी के बाद आए दिन अपने सास ससुर से लड़ाई झगड़ा करने लगी और पति के सामने दोष देती अपने सास ससुर को....
जो बंटवारे का खेल उनके मायके में पिता के मरने के बाद हुआ था उन्होंने वही खेल अपने ससुराल में अपने सास ससुर के जीते जी करवा दिया और उनके इकलौते बेटे को उनसे अलग कर के अपना घर संसार बसा कर रहने लगी और उनको दर दर की ठोकरें खाने के लिए वृद्धाश्रम का रास्ता दिखला दिया....पर कहते है ना की ऊपर वाले की लाठी में आवाज नही होती पर जब पड़ती है तो दर्द बहुत होता है....
सरला के पति ने जो माल पानी अपने बाप से हड़प कर के अपने व्यापार में लगाया था कुछ ही दिनों में सब डूब गया और बुआ जी की हालत बहुत खराब हो गई पर अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत....
अपनी माली हालत ठीक करने के लिए उन्होंने अपने बड़े भाई की तरफ रुख किया जो अभी भी गांव में ही रह रहा था वहां पे उन्होंने बड़े भाई से कहा की पिता की संपति को दोनो भाई ने आपस में बांट लिया पर इकलौती बहन होने के नाते उसको भी तो कुछ मिलना चाहिए था ना आज अगर उसके पास कुछ होता तो वो अपने डूबे हुए व्यापार को दुबारा खड़ा कर सकती थी.....
अब बड़ा भाई करता तो खेती ही था पर उसका असल धंधा था पैसो को ब्याज पर देना और ये काम उसको उसके बाप से विरासत में मिली थी जो वो बड़े ही गोपनीय तरीके से करता था हालांकि इस बात का पता पूजा की बुआ और पूजा के पापा दोनो को था पर पूजा के पापा ने इस धंधे में कभी भी दिलचस्पी नहीं दिखलाई वजह थी गरीबों की हाय उन्होंने अक्सर कई कर्जदारों को अपने बड़े भाई और अपने बाप के हाथो बेइज्जत होते देखा था जिसके जवाब में वो उन्हें बद्दुआएं दे कर लौट जाते थे.....पर पूजा के पापा ने कभी इसका विरोध नहीं किया अब इसके कई कारण हो सकते थे पर अभी इसको रहने देते है.....
जब बुआ ने संपति को ले कर टोका तो बड़ा भाई साफ साफ मुकर गया की मेरे हिस्से मे जो जमीन है मैं उसी से खेती कर के जीवन यापन कर रहा हु रही बात पैसे ब्याज पे लगाने के तो वो काम अब पहले जैसा नही रहा इसलिए अब उसमे से भी कुछ नही आ रहा और अगर तुझे ऐसा लगता है की हम दोनो भाई ने तेरे साथ कोई नाइंसाफी की है तो मेरे हिस्से में से ले ले कुछ जमीन कोई दिक्कत नही पर तू छोटे को भी तो बोल असली मलाई तो वो खा रहा है......
पटना में अपना घर दुकान सब कर लिया पर न तुझे न मुझे आज तक एक फूटी कौड़ी की मदद की उसने....
बस अपना ही देखा है उसने आज तक जब से पिता जी गए है ऐसा लगता है वो भी चला गया पैसे की चकाचौंध में अंधा हो गया है....
पर बुआ बहुत तेज थी इन मामलों में इसलिए उन्होंने बड़े भाई को फिर से टोका की अगर छोटा अपने हिस्से में हमको कुछ देगा तो आप भी हमको कुछ दोगे ना तो बड़ा भाई बोला अरे उसके पास से ही तुझे इतना मिल जायेगा की मुझसे लेने की जरूरत ही नही पड़ेगी तुझको....
और जब बुआ ने पूजा के पापा से अपनी हालत का वास्ता दिया तो शुरू शुरू में पूजा के पापा ने बहन के नाते हजारों रूपयो से मदद की उनकी यहां तक की अपने बहनोई को व्यापार में दुबारा पैसे लगाने के लिए अलग से रुपए ब्याज पर उठा कर दिए पर फिर भी बुआ का पेट नही भरा और ना ही उनकी हालात सुधरी.....पूजा के पापा ने जब देखा की बुआ उनका फायदा उठा रही है तो थक हार कर अंत में उन्होंने सरला बुआ से बोला की दीदी अब हमसे नही हो पाएगा....
तब बुआ उनसे बोली की तू किस हक से मना कर रहा है आखिर आज तू जो भी कमा खा रहा है वो सब बाबूजी के बदौलत ही न तो फिर मुझको देने में क्या दिक्कत है इसमें तेरा तो कुछ है नही सब बाबूजी का है....
तो पूजा के पापा बोले बाबूजी का है.... हूह....कुछ सोच समझ के बोल बहन उनकी दी हुई जमीन के कुछ हिस्से को मैने बेच कर अपनी खुद की मेहनत से सब कुछ बनाया है और आगे भी अभी हमको अभी बहुत कुछ करना है....दो दो बेटियां है उनकी पढ़ाई लिखाई फिर आगे चल कर उनके ब्याह के लिए भी तो पैसा जोड़ना है ना....
पिताजी की तरह अगर मैं भी गांव की जमीन और खेती के भरोसे रहता तो कुएं का मेंढक बन कर रह गया होता.....जैसे बड़े भईया रह रहे है पर उनका सुध ब्याज का काम अच्छा चल रहा है पर उसका कोई जिक्र नहीं है...
और मैने अपनी औकात से बढ़ कर आपकी हर संभव मदद की पर आप उस मदद का नाजायज फायदा उठा रही है इसलिए अब हमसे किसी भी तरह की कोई मदद का उम्मीद मत रखना....
ऐसी बात अपने भाई के मुंह से सुनने के बाद बुआ वहा से ये बोल कर चली गई की अच्छा हुआ ये बात तूने बाबूजी को जीते जी नही सुनाई....बाबूजी तो चले ही गए हम समझेंगे की आज के बाद मेरे मायके में कोई मेरा नही रहा...
उस दिन बुआ तो वहा से चली आई और पहुंची अपने बड़े भाई के पास पर बड़े भाई ने भी उन्हें कुछ नही दिया उल्टे उसने पूजा के पापा को ही दोषी ठहराया और सरला बुआ को उसको अपने तरफ से कुछ न देना पड़े इसलिए वो उनकी तरफ से बोला और पूजा के पापा के प्रति जहर भर दिया और जब अर्जुन की मां से वो संपर्क में आई तो उन्होंने अपने मांग की नाफरमानी का बदला निकालने के लिए ही उन्होंने पूजा के पापा से दुबारा बात की और इतने सालो के बाद जब बहन ने खुद सामने से आ कर बात की तो पूजा के पापा भी भावनाओ की गिरफ्त में आ कर जैसा उनकी बहन बोलती गई वो करते गए और जब सरला बुआ ने पूजा की शादी की बात छेड़ी तब तक सुमित पूजा की जिंदगी में आ चुका था और वहा उनका चारा नही चला....
जब राहुल ने सुमित को गोली मारी और फिर जो पुलिस थाना का चक्कर लगा तब पूजा के पापा के अंदर एक डर समा गया और उसी प्रेशर में आ कर वो पूजा की शादी के लिए राजी हो गए थे वरना अर्जुन और पूजा की शादी तो वो करवा कर ही रहते....
और इधर जब पूजा की शादी बुआ अर्जुन से नही करवा पाई तब उन्हे एक और मौका मिल गया अपने भाई को बरगलाने करने का....उन्होंने पूजा के खिलाफ जहर भरना शुरू किया जिसका असर आज तक पूजा और सुमित के रिश्ते पर पड़ते आया था.....
और इस बीच अर्जुन सरकारी नौकरी में आ गया तो बुआ को और मजबूत कारण मिल गया उसकी शादी करवाने के लिए जिसके लिए उन्होंने सुगंधा को चुना और जब सुगंधा की शादी की बात उन्होंने अपने भाई से छेड़ी तो वो तुरंत मान गए और चालक बुआ ने अपने बड़े भाई को भी इस बार इस खेल में शामिल कर लिया जिसके तहत दहेज के पैसे जोड़ने के लिए उसने पूजा के पापा के हिस्से की गांव की बची हुई जमीन अपने पास गिरवी रखवा ली....
पूजा के लव मैरिज करने के बाद सुगंधा उनके लिए सॉफ्ट टारगेट थी और वो इसमें कामयाब भी हो गई थी पर अफसोस ऐसा हो न सका....
इतनी सारी बाते जानने के बाद हम पापा से बोले भगवान बचाए ऐसे रिश्ते नाते से....इंसान अकेला रहे वही बढ़िया है पर ऐसे भाई बहन होंगे तो फिर दुश्मनों की कोई जरूरत नहीं होगी....
फिर पापा बोले अरे छोड़ इनकी बाते अब...इनका अध्याय अब खतम हो गया....ये सब छोड़ो तुम्हारा ट्रांसफर पटना कब हुआ....
तो हम बोले इसी हफ्ते हुआ है पापा पर ज्वाइनिंग में अभी टाइम है दो हफ्ता बाद है अभी.....
तो पापा बोले चलो अच्छा है फिर कल आएगा तो रुकना पड़ेगा यही...तो पूजा मेरे तरफ देखने लगी....हम बोले रुकने के लिए फिर पूजा का सब दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा पापा उतना क्यू करना पास में ही तो है परसो भी आ जायेंगे....तो मम्मी बोली अरे दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा तो क्या हो गया एक दिन रह लेना हमारे साथ में आखिर शादी के बाद से पूजा बेटा एक बार भी नही रुकी है पर कल हम उसको रोकेंगे और तुमको भी रुकना पड़ेगा....
फिर हम बोले अच्छा कल आते है फिर आपको परेशान करेंगे ना एकदम टिपिकल दामाद के जैसे तो आप खुद ही भगा दीजिएगा....
तो पापा बोले नही बेटा अब ऐसा कभी नहीं होगा तुम दोनो मेरे लिए क्या मायने रखते हो ये अभी नही समझोगे धीरे धीरे समझ आएगा खैर कल आओ अच्छे से और फिलहाल आराम करो दोनो....
पूजा बोली पापा आप भी आराम कीजिए...तो वो बोले अभी नही बेटा आज की रात हराम फिर कल से आराम ही आराम है....
तो हम बोले अच्छा राहुल वापिस आ जायेगा तो बता दीजिएगा ध्यान लगा हुआ रहेगा इसका भी और मेरा भी....
फिर पापा बोले ठीक बेटा और फिर फोन कट गया...
फोन कटते ही हम अपने जान से लिपट गए और बोले तब मैडम कल रात में वहा रुकना है तो वो बोली मां से पूछ लेंगे तब ही वो बोलेंगी तो ठीक नही बोलेंगे तो भी ठीक वरना ऐसे अपने मन से नही और आपका भी बात सही है बगल में तो घर है....
हम बोले अरे मेरी मां की आज्ञाकारी बहु परमिशन हम दिलवा देंगे एक रात ससुराल में भी तो बिताने दो देखे तो ससुराल में कैसा नींद आता है....
तो पूजा अपना नाइटी अपने कंधे से सरकाती हुई बोली अब यहां पे ऐसे सोने का मौका मिलता है वहा तो मिलेगा नही....
हम उसकी चूची को पकड़ के मुंह में लेते हुए बोले अच्छा बेटा ब्लैकमेल...तो पूजा कसमसाती हुई बोली आह जान उम्म्म अब उसके मुंह से आवाज नही निकल रहा था बस मेरा सर अपने चूची पे दबाए जा रही थी और फिर इसी तरह थोड़ा प्रेम क्रीड़ा कर एक दोनो कोई नंगे एक दूसरे की बाहों में सो गए
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैअगली सुबह पूजा की नींद हमसे पहले खुली और उठते के साथ उसने अपने प्यारे प्यारे होंठो से मेरी आंखो पर चूमा और मेरे कान के निचले भाग को अपने मुंह में ले कर चुभलाते हुए बोली जान मेरी उठिए....
हम उसको अपनी बाहों में भरते हुए नींद में कुनमुनाते हुए बोले अरे जान आज ना ऑफिस है ना ही कोई ताम झाम तो फिर आज तो थोड़ा एक्स्ट्रा सो लो मेरे साथ....
वो मेरे होंठो पे चूमी और बोली अब तो रोज आपके ही साथ सोएंगे जान पर अभी हमको भूख लग रहा है सो उठिए और फिर थोड़ा और लेट होगा तो मां ऊपर आयेगी और उठा कर बोलेंगी की पूजा उठ बेटा नाश्ता कर के दवाई ले ले...तो हम उनके सामने ऐसे जायेंगे....
पूजा और हम दोनो कोई नंगे थे तो हम उसको अपने से और ज्यादा सटाते हुए बोले मां भी सब समझती है पगली पर दवाई का बात है तो उठ जाते है और फिर हम अलसाये से उठे और पूजा के गाल पे चूमते हुए उसकी चुचियों पे भी चूम लिए....तो पूजा बोली जान आज कितने दिन बाद ऐसा लग रहा की सब कुछ पहले जैसा हो गया है आपके साथ रोज साथ में सोना प्यार भरी बातें करना और वो भी एक दूसरे के सामने बैठ कर फोन पे नही....और तो और मेरी जान के हाथो से खाना खाने का मजा मिलता है वो अलग....
हम बोले और तुम्हारा अनलिमिटेड प्यार मेरे को मिल रहा अब....तो पूजा मुस्कुरा कर बोली हम दोनो को एक दूसरे का लव डोज डायरेक्टली मिल रहा....अब कोई वर्चुअल दुनिया नही सब सामने सामने से
फिर हम बिस्तर से उतरे और पूजा को भी उतारे और आइने के सामने ले जा कर उसकी चुचियों को भींचते हुए बोले प्रेगनेंसी जब खतम हो जायेगा फिर तुम और भी निखर जायेगी देखना....
वो बोली अच्छा वो क्यू भला...हम बोले तुम्हारी इस जवानी का रस पीने वाले तीन तीन लोग जो हो जायेंगे...पूजा चट से मेरे कंधे पे मारी और बोली बुद्धू मेरी जवानी का रस सिर्फ आप पीते है और आप ही पीजिएगा रही बात उन दोनो की तो वो दोनो केवल मेरा दूध पियेगा और कुछ नही.....
हम बोले वो भी हमसे बचेगा तब ना...
तो पूजा बोली वाह मेरे भुक्खड़ पति अपना बच्चा लोग का ही दूध पी जाइयेगा तो बचवा लोग आपको अपना छोटा छोटा नाखून से नोचेगा देखिएगा
हम बोले नोच लेने देंगे वैसे भी ये आदत तो ऊनलोग को उसकी मां से ही मिलेगा काहे की वो भी जाने अंजाने में हमको नोच देती है
तो पूजा मेरे तरफ घूम कर बोली बै जान भक्क वो तो सब आप करवाते है इतना भड़का देते है हमको की होश ही नही रहता वरना हम आपको नोचेंगे...ऐसा कभी नही कर सकते है हम जान....
क्युकी आई लव यू...हम मुस्कुरा कर बोले आई लव यू टू मेरा जान
और फिर हम दोनो खड़े खड़े ही एक दूसरे को चूमने लगे और एक मस्त वाले मॉर्निंग फ्रेश वाले चुम्बन के बाद पूजा अलग होती हुई बोली उम्म्म मजा आ गया आज मॉर्निंग अपना गुड हो गया....
हम बोले अच्छा वो क्यू भला इससे पहले किस नही किए है क्या हम दोनो सुबह सुबह....
तो पूजा बोली किए है ना जान पर उस समय आपके जाने का एक घंटी बजते रहता था पर आज वाली किस्सी में ये घंटी नही बजा और नही अब कभी बजेगा....
हाय शादी के बाद घर में बेहिचक बेफिक्र हो कर रहेंगे हम की मेरे जान शाम होते होते मेरे पास आ जायेंगे मेरी बाहों में....
हम बोले यस माय लव और फिर तो तुम्हारी खैर नहीं...
वो बोली अरे वाह ये क्या मेरा खैर क्यू नही...हम उसकी चूत में उंगली घुसाए और बोले इन दोनो को आ जाने दो फिर कुछ दिन के बाद जब तुम्हारी मुनिया ठीक हो जाएगी फिर देखना अगले एक साल तक जब मन करेगा इसकी पिटाई चालू कर देंगे हम....और फिर तुमपे नया फरमान जारी करेंगे और हमको पूरा यकीन है की मेरी जानेमन यानी की मेरी पूजा यानी की तुम यानी की मेरी पत्नी यानी की मेरी दुनिया उस फरमान को जरूर निभायेगी....
पूजा कसमसाते हुए मेरे तरफ घूमी और मेरे कमर में अपनी बाहें लपेटते हुए बोली अरे जान आप हुकुम कीजिएगा आपके फरमान का पालन हो जायेगा....वैसे भी हम खुद आपको खाने को बेचैन है क्युकी मेरा आदत आप बिगाड़ दिए है...
हम बोले हा हमको पता है और इसमें मेरा ही फायदा है क्युकी तुम जितना उबाल मारेगी मेरे लिए उतना ही बढ़िया है हम तुमको ठंडा करते रहेंगे अपने प्यार के रस से...
पूजा मेरे कंधे पे दात से काट के बोली अच्छा अच्छा चलिए अब बस कीजिए यही सब बोल के ना आप मेरा मूड बना देते है और भूल जाते ही की ये दोनो का भी ध्यान रखना है...
हम फिर उसके चूतड़ों को फैलाए और उसके गांड़ के छेद में अपनी उंगली घुसा दिए तो वो चिहुंक कर बोली अरे जान आप क्या सुबह सुबह अभी ना बोली आपको की मेरा मन भटकता है और आप है कि मानते ही नहीं...
फिर हम उसके सर से सर टकरा के हस दिए और बोले सॉरी बेबी पर क्या करे तुम मेरी बाहों में नंगी खड़ी हो और फिर हम कंट्रोल में रहे ये हो ही नही पाता हमसे...
पूजा बोली बस थोड़ा दिन का सब्र और जान फिर उसके बाद आप सब कुछ कीजिएगा कोई रुकावट नहीं रहेगा
फिर हम दोनो एक साथ फ्रेश हुए और हम अपनी जान की चूत, चूतड़ों और कांख पे से छोटे छोटे बाल हटाने का भी काम किए...और खुद के जंगल को भी साफ किए...उसके बाद दोनो कोई बाहर निकले और पूजा को हम बोले की अभी नाइटी मत पहनना कोई सूट पहन लो या कुर्ती जिसमे तुम कंफर्टेबल हो....पूजा बोली क्यू जान अभी ही....
हम बोले अरे पगली आज अपने मायके जायेगी ना और हम अपने ससुराल तो बस रेडी हो जाते है दोनो कोई....
तो पूजा मेरे गले में बाहें डालते हुए बोली पहले मां से परमिशन तो ले ले जान...हम उसके चूतड़ों पे अपने हाथ रखते हुए बोले अरे हम है ना...वो बोली नही जान मां बहुत चिंता करती है और अब तो भाभी भी बहुत केयर करती है.... उधर से दीदी फोन पे अलग ही क्लास लगाते रहती है की कैसे रह रही है क्या खा रही है ये वो और भी बहुत कुछ...
मां का सीधा सीधा कहना है की जुड़वा बच्चा का सीन पूरे घर में पहली बार हो रहा है इसलिए बहुत एहतियात बरतना है और अब तो दिन भी नजदीक है इसलिए हम भी ज्यादा प्रेशर नही ले रहे....
हम उसके चूतड़ों पे हल्के से चपत लगाते हुए बोले ओके मेरी रानी अभी चलो नीचे और फिलहाल तुम्हारी भूख का नाश करते है फिर बाकी बात बाद में सोचेंगे....
हम दोनो जब नीचे पहुंचे तो मां नाश्ता बना चुकी थी और पापा हम दोनो को बुलाने के लिए ही मां से बोल रहे थे....
हमे देख के मां बोली आ जा अभी तुम दोनो को ही बुलाने जा रहे थे हम....नाश्ता तैयार है खा ले और पूजा बेटा जा भगवान जी को प्रणाम कर के आ फिर नाश्ता कर के दवाई खा....
हम बोले वो सब तो ठीक है पर आज अपने ससुराल जायेंगे हम...
तो पापा हस के बोले हा जा भाई हो आ आज तो तेरा ससुर बुलाया है...एक तरह से आज तू पहली बार अपने ससुराल जायेगा...क्यू पूजा बेटा सही बोले ना और शादी के बाद तू भी पहली बार बिना किसी डर के अपने घर जायेगी...
तो मां बोली हा और अब तेरा रोना भी बंद नही तो बात बात पे रोने लगती थी कुछ भी बात हुआ तुरंत में रोने लगती थी....पर अब खुश रह बेटा....और अब तो सुमित का ट्रांसफर भी यही हो गया है अब तो कोई दिक्कत नही है ना....
तभी हम बोले हा अब ये खुश रहेगी और हम भी डबल खुश रहेंगे और इसी खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए आज ससुराल में रुकेंगे हम दोनो....
तो मां कुछ बोलती इससे पहले पापा बोले हा रुक जाना बेटा पर ध्यान से रहना ये नही की कुछ ऊंच नीच हो जाए वरना हम परमिशन दिए है और अगर कुछ हुआ तो तेरी मां मेरा गला पकड़ेगी....
तो मां बोली ना हम काहे को आपका गला पकड़ेंगे पर बेटा देख तू समझदार है और पूजा बेटा का डिलीवरी डेट नजदीक है...ज्यादा इधर उधर करने का नही बाकी वहा रुकने का क्या बात है.....
तो हम बोले पूजा इतने दिन में एक बार भी घर पे नही रुकी है शादी के पहले को कुछ हुआ उसके बाद एक महीना तो वो बाहर ही रही ना फिर आज जा के मौका लगा है तो एक दो दिन रुकने में क्या हर्ज है....
तो मां को भी मेरी बात समझ में आई और वो बोली चल रुक जाना पर बेटा ध्यान रखना....
फिर हम सुगंधा को फोन लगाए की राहुल का हाल चाल ले ले....उससे बात होने पे पता चला की राहुल तड़के सुबह ही वापिस आ गया था और पैसे पूरे ले आया और बुआ और फूफा जी वही रह गए...इतने में मम्मी उससे फोन ले ली और बोली इन सब को छोड़ बेटा ये बता आज पूजा को ले कर आएगा ना...
उनकी आवाज से साफ साफ पता चल रहा था की वो रुवांसी हो रखी है...हम पूछे क्या हुआ मम्मी ऐसे क्यू बोल रही है...
तो वो बोली नही बेटा शादी के बाद आज पहली बार मेरी बेटी घर आयेगी और वो भी बिना किसी डर के...
तो हम बोले अरे मम्मी अभी हम पापा और बाकी सब से यही बात कर रहे थे....तो पापा भी बोले आज पहली बार हम अपने ससुराल जा रहे है
तो मम्मी भी हस दी ये जान कर की सब के मन में यही बात घूम रहा है....
फिर हम बोले आप बस आज कमर कस के तैयारी कीजिए बेटी दामाद घर आ रहा है आज तो हम भी अपना दामाद वाला धौक जमाएंगे...
तो मम्मी बोली अरे बेटा तू आ जा बस फिर हम समझ लेंगे तू बस पूजा को ले कर आ जा और हा आज रुकेगा ना...हम बोले हा मम्मी रुकेंगे....
तो वो खुशी से बोली बस फिर तो आ जा अब जल्दी से....अच्छा बेटा पूजा से बात करवा दे ना थोड़ा
फिर हम पूजा को फोन दिए तो मम्मी उसको कुछ कुछ बात समझाई की ये रख लेना वो रख लेना और पूजा हम्मम हम्मम कर के फिर फोन रख दी....
इधर मां पूजा को बोली जा भगवान जी को प्रणाम कर के आ तब तक हम नाश्ता निकालते है सब कोई का....
पूजा के जाते ही हम मां के साथ हो लिए किचन में वहा मां हमको बोली देख बेटा जा तो रहा है वहा.....पर ध्यान से क्युकी डॉक्टर के हिसाब से डेट नजदीक है तो जरा सा भी कुछ लगे तुरंत फोन करना ये नही की खुद से चल दिए....
हम बोले अरे मां आप बिलकुल निश्चिंत रहो हम वहा बसने नही जा रहे कल शाम तक आ जायेंगे....
तो मां मेरा कान पकड़ के खींचते हुए बोली ज्यादा ना जबान ना चलाओ जितना बोल रहे उतना सुन चुप चाप...
हम कराहते हुए बोले अच्छा ठीक ठीक हम कुछ नही बोल रहे आपको...
तभी पूजा किचन में आई तो मां बोली अरे बेटा तू जा बैठ हम आ रहे है...तो पूजा बोली अरे मां कोई बात नही चलिए अब ले के चलते है फिर हम बाहर आ गए अपना प्लेट ले के और पीछे से पूजा पापा और मां का नाश्ता ले के आई और पूजा खुद के खाने से पहले जिमी को खाने को दी....
नाश्ते के बाद मां पूजा को बोली तैयारी कर ली है जाने का की नही...तो पूजा बोली अरे मां हमको तो समझ ही नही आ रहा की क्या ले और क्या नहीं....फिर मां बोली अच्छा चल हम तेरा मदद कर देते है और वो दोनो चल दी ऊपर...
इधर पापा हमसे बोले बेटा आज तू उधर पार्टी मनाना और इधर हम....तिवरीया कब से हल्ला कर रहा है तू कुछ बोला था क्या उसको...
हम मुस्कुराते हुए बोले पापा तिवारी अंकल लाल पानी का डिमांड किए थे हमसे...तो पापा बोले एक नंबर का बेहया है साला...आज मिलने दे तब बताते है...
हम बोले अरे अरे काहे आप फालतू का बात कहा से कहा जोड़ रहे है हम ला रखे है भोपाल से ही लेते आए थे तो पापा बोले तू भी कम नहीं है...वैसे कौन सा लाया है ला के दे दे हमको...
हम बोले अभी पूजा और मां को नीचे आने दीजिए फिर ले आ देंगे...
तभी पापा बोले अरे सुन तू बता दे कहा रखा है हम ले लेंगे जा कर वरना तेरी मां देखेगी तो पार्टी का सत्यानाश हो जायेगा पहले ही....
हम हस कर बोले ठीक है पर बाकी आइटम का क्या...तिवारी अंकल बसमतिया चावल और मीट बोले है...
पापा बोले वो सब हम करवा लेंगे उधर ही बाकी मेन आइटम तो तेरे पास है वैसे कितना का लाया....
हम बोले अरे हो गया आप बस पार्टी एंजॉय कीजिए...इतने में भाभी आई और हम दोनो को अकेला देख के बोली अरे पापा मम्मी और इसकी महारानी कहा है...तो हम बोले बस आपके सर पे सवार है दोनो कोई और ज्यादा बोलिएगा ना तो मेरा दोनो लल्ला लल्ली आपका बलवा नोच देगा की हिम्मत कैसे हुआ मेरी मईया को महारानी बोलने का....
तो भाभी मुंह बना के बोली बड़का ना हम पटक ही देंगे सर पे से फिर लल्ला लल्ली तोरे मुंह नोचतवा की कहा बैठा दिए थे पप्पा
तो पापा बोले अरे अब सुबह सुबह झगड़ा मत करने लग जाना बहु जाओ ऊपर है दोनो आज तुम्हारा देवर अपने ससुराल जा रहा है ना और पूजा बेटा को कुछ पल्ले नहीं पड़ रहा था की क्या रखे और क्या नहीं वही समझाने गई है थोड़ा....तू भी जा हो आ ऊपर से....
इतने में पूजा और मां नीचे आने लगी और मां पूजा को बोल रही थी चल अब आराम से जा फिर वो हमसे बोली पूजा बेटा का सब जरूरत का समान रखवा दिए है क्या बोले हम इसको एकदम गधी है कौन कपड़ा ले जाए कौन नही इसको ले कर परेशान थी...
हम मां को ऐसे बोलते सुन के हस कर बोले अरे भोपाल थोड़े जाना है की सब समेट के ले के जायेगी....वही पूजा सर नीचे कर के मुस्कुरा रही थी क्युकी अभी उसका मन एक जगह नही लग रहा था कारण था आज घर जाना क्युकी भले वो जाहिर नही कर रही थी पर उसकी हरकते साफ साफ बयान कर रही थी की वो कितनी खुश है....
मां पूजा को एक साड़ी ही पहना दी थी ये कह कर की गाड़ी से तो जाना है फिर वहा जा कर बदल लेना....और पूजा आज भी वैसी ही खूबसूरत लग रही थी और तो और मां ने उसको अपने गले की सोने की चेन उसको पहना दी थी की जब वापिस आयेगी तो हम पहन लेंगे और उनकी हिदायते तो खतम होने का नाम ही नही ले रही थी.....
इधर हम मौका देख के पापा को जगह बता दिए की उनका सामना कहा रखा है....
जब मेरी डार्लिंग मेरे बगल में आ कर खड़ी हुई तो उसके बदन से उठती वो भीनी भीनी खुशबू हमको मजबूर कर रही थी की कब हम उसको अपने आलिंगन में ले के चूम ले पर अभी ये पॉसिबल नही था...खैर पूजा भाभी से बोली मां पापा का ध्यान रखिएगा भाभी तब तक हम आते है आपके लिए कुछ बढ़िया सा ले कर...
तो भाभी बोली हा देवरानी जी आपका हुकुम सर आंखों पर लेकिन उधर से आते वक्त बढ़िया चीज ही लाना ये नही की गोदी में दो दो गो पोसउआ बउआ दे देना ला के की लीजिए अब पोसिए आप ही....
उनकी इस बात पे सब कोई हस दिया वही पूजा और हम बुरी तरह झेंप गए
सबलोग से बाते और हिदायते सुन कर हम दोनो अपने घर से गाड़ी में निकले पूजा के घर के लिए....
..
....
पूजा के साथ गाड़ी में बैठ कर जब रोड पे निकल आए तो हम झुक कर पूजा को चूम लिए तो वो मेरे बाहों में अपनी बाहें फसाते हुए बोली हम वही सोच रहे थे की मेरी जान हमको अभी तक अपने मुहर से नवाजे नही...
पर अभी आप मुहर लगा ही दिए की हम सुंदर लग रहे है...तो हम बोले मेरी जान पहले से ही सुंदर है उसको मुहर वुहर का जरूरत नहीं है और रही बात चूमने की तो हम कब से मौका ढूंढ रहे थे की तुम्हारे को चूमे जो अभी मिला तो बस...तो पूजा बोली थोड़ा इधर देखिए और जैसे ही हम उसके तरफ घूमे वो मेरे होंठो पे चूम ली और बोली आई लव यू माय लव
हम बोले आई लव यू टू माय जान पर देखो ऐसे करेगी ना तो फिर हम ई अंडा अंडी को देखेंगे नही और जर्दी छिल देंगे....
पूजा गुस्सा करते हुए बोली बै जान कैसे बोलते है आप भक्क अपना ही बच्चा है दोनो और ये क्या होता है अंडा अंडी पागल आदमी....
हम हस कर बोले अच्छा अच्छा सॉरी मेरा जाना मेरा प्यारा प्यारा बेटा बेटी है वो ठीक और चलो अब मुंह मत बनाओ तुम....ऐसे में तुम बिल्कुल अच्छी नही दिखती है तो पूजा मेरे बाह पे दांत से काट ली और बोली गंदे आदमी...
हम कसमसाते हुए बोले अच्छा आज एक सुहागरात अपने ससुराल में भी मना ले क्या...जैसे पहले शाम में हमलोग मिलने पे लव डोज देते थे एक दूसरे को छोटा छोटा सा गोदी में बैठ के तो कभी सोफे पे लेट के तो कभी किचन में तो कभी गलियारे में.....
तो पूजा मेरा नाक पकड़ के हिलाते हुए बोली बस बस बाबा बस खाली मौका चाहिए रहता है आपको है ना मेरे सेक्सी सनम
हम बोले और नही तो क्या और वैसे भी आज हम वहा कुछ न कुछ तो करेंगे ही क्युकी आज पहली बार सामने से दामाद बन के दहलीज पार करेंगे अपने ससुराल का....
तो पूजा एक अदा से मेरे कंधे पे अपना सर रखते हुए बोली जान आप पुराना बात याद दिला दिला के मेरा मूड बना रहे है देखिए फिर बहुत गड़बड़ हो जायेगा...
हम एक हाथ से उसकी चूची को दबा के बोले तो हो जाने दो आज तो सब ग्रह दशा यही चाह रहा है...
तो पूजा कसमसा के बोली चलिए वो सब जब होगा तब का तब देखेंगे फिलहाल मिठाई ले लेते है और आज तो डबल सेलिब्रेशन होगा एक अपने आने का और एक अपनी सग्गू का उस मिर्गियाहा लड़का से बियाह टूटने का....
तो हम बोले तुम बोली तो तुमको चाशनी में डूबा के तरबतर कर दे क्या फिर तुम्हारी वाली मिठाई तो हम ही खायेंगे...
शहद खाए थे ना याद है ना...तो पूजा बोली बै जान नही मानिएगा घर जा रहे है हमलोग हनीमून पे नही...
हम हस्ते हुए बोले चलो न आज सब पता चलेगा की हनीमून है की सुहागरातऔर फिर गाड़ी साइड में रोक कर पूजा को भी बाहर निकाले और दोनो कोई अपने हिसाब से मिठाई पैक करवा के वापिस चल पड़े घर की तरफ....
रास्ते में हम लोग देखे की पापा का दुकान अभी बंद ही है तो पूजा सुगंधा को फोन लगाई की कहा बेटा हम दो मिनट में पहुंच रहे है...याद भी है की नही की हम आने वाले है आज...
तो सुगंधा बोली अरे दी तू फोन भी नही की पगली निकलने से पहले...
इतने में हम गाड़ी से हॉर्न मारे और बोले अब टाइम चला गया अपनी भयानक वाली शकल ले के बाहर आ जा...
तभी राहुल और मम्मी बाहर आए और सुगंधा दरवाजे पे ही खड़ी रही....मम्मी के हम पैर छुए और पूजा मुंह से हो प्रणाम कर दी मम्मी को फिर मम्मी पूजा को हाथ पकड़ के अंदर ले गई जबकि हम गाड़ी सही से पार्क कर के राहुल के साथ घर में आए...
दरवाजे पे पूजा रुक गई की उनको आने दो मां फिर चलते है अंदर....हम जब पूजा के पास आए तो बोले यहां क्यू रुक गई तो पूजा बोली आपके साथ अंदर जायेंगे ना....
फिर मम्मी जी हमदोनो को अपने गले से लगा के नम आंखों से बोली बहुत खुश हुए बेटा हम आज तुझको यहां देख के तो हम बोले अरे मम्मी क्या आप भी पहले हम लोग आते थे तो आप खुश नही होती थी क्या....तो मम्मी अपने आंसू पोंछते हुए बोली नही बेटा ऐसा बात नही है पर तू तो सब समझता है ना....फिर पूजा बोली हा मां पर अब रो मत चलो अच्छे मन से हम दोनो आज घर में अंदर बुलाओ....तो मम्मी अपने पास से कुछ सिक्के निकाली और हम दोनो पे वार के वो बाहर गलियारे के दीवाल पे रख दी और फिर पूजा के चेहरे को अपने दोनो हाथो में पकड़ के बोली किसी की नजर ना लगे अब तेरी इस हसी को....और इतना कह कर पूजा को वो दो तीन जगह चूम ली...
हम मम्मी के तरफ देख रहे थे तो पीछे से सुगंधा बोली अरे मम्मी तुम सुमित के सामने उसके माल पे हमला कर रही हो देखना कही गड़बड़ ना कर दे....
तो पूजा शर्मा गई और बोली गधी कहिंकी कुच्छो बोल देती है पागल...तो पीछे से हम बोले टेंशन मत ले इसका बदला हम तेरे से ले लेंगे....पूजा तुनक के मेरे तरफ घूमी तो हम बोले अरे अब तुम मत गुस्साओ बदला ले लेंगे से मेरा मतलब था सेवा करवा के काम करवा के खाना बनवा के....
पूजा हमको खा जाने वाली नजरो से देखी और फिर हौले से मुस्कुरा दी और उसके हस्ते ही बाकी सब भी हस दिया पर सुगंधा वहा से अंदर भाग गई....
फिर हम सब लोग घर में आए और सोफे पे बैठेते ही पूजा पूछी की पापा कहां है.....
तो मम्मी बोली आज बेटी दामाद आ रहा है तो उसी का सब इंतजाम कर रहे है काहे की बेटी को मछली पसंद है और दामाद को चिकन तो वही लाने गए है आते ही होंगे वैसे भी वो खुश है उनका चाल ढाल बता रहा है और अभी वो कुछ दिन शांति से रहेंगे घर पर ही क्युकी पिछले कुछ दिनों से बहुत भागा दौड़ी हो गया सुग्गु के चक्कर में...
तो पूजा बोली हमको की पापा को फोन कीजिए ना की कहा है कब आयेंगे...तो हम बोले अरे आ हो रहे होंगे तो पूजा बोली अरे आप कीजिए ना...हम भी उसकी बेचैनी को समझ रहे थे इसलिए ज्यादा बहस ना करते हुए फोन लगाए तो पापा फोन काट दिए और घर में घुसते हुए बोले हम आ ही रहे थे बेटा कब आए तुमलोग...
तो पूजा उठी और पापा के पास जाने लगी तो पापा समान का थैली राहुल को पकड़ाते हुए पूजा को बाहों से पकड़े और बोले खुश रह खुश रह...
पीछे से हम भी उनके पैर छुए तो हमको भी बोले अरे बेटा खुश रहो दोनो के दोनो
पूजा बोली राहुल को भेज देते लाने के लिए इतना भागा दौड़ी किए है ये नही की थोड़ा आराम से रहे अभी....
तो पापा उसको अपने साथ लाते हुए सोफे पे बिठाए और बोले इतना दिन तो उल जुलुल कामों में लगा रहा और आज मेरी बेटी इतने दिनो बाद अपने घर आ रही थी तो उसके पसंद की कुछ चीजे भी ना लाते खुद से....
ताजा ताजा रेहू मछली थी फ्राई में ही खा लेना जैसा तुझको पसंद है और सुमित बेटा तेरे लिए देसी चिकन लाए है...
आज ससुर के हिस्से का भी प्यार मिल रहा है इतने दिन तो सासू मां का प्यार पाया ही है आज से मेरा भी पा लिए तुम दोनो...
तो मम्मी बोली कुछ दिन बाद आपको दू दू गो नाती नातिन को भी प्यार देना होगा अपनी पूजा को जुड़वा बच्चा है...
तो पापा बोले हा पता है और उसके लिए भी इनका नाना तैयार है अब कभी कुछ गलत नहीं करेंगे बेटा और उनकी आंखों से आंसू टपक पड़े....
तो पूजा भी रोते हुए पापा का हाथ पकड़ के बोली अब आप मत रोईये पापा हमर पापा ऐसे रोते हुए अच्छे नही लगते कल भी आप वहा उतना रोए हम चाह कर भी आपको रोक नहीं पाए थे...
तब हम बोले हा पापा कल तो कुछ समझ ही नही आया हमको जब आप पूजा के पास वैसे बैठ गए और रोने लगे थे....तो पापा मेरे भी सर पे हाथ फेर के बोले सब पश्चाताप का आंसू था बेटा बहना जरूरी थी जितना जहर घुला हुआ था सब कल बह गया ना...तो फिर पूजा बोली अच्छा अब हो गया बस कीजिए....
तो राहुल बोला हा उनको बोल रही है बस करने और खुद...खुद भी तो सुबकना बंद कर दे दी....
फिर हम बोले हा ठीक बोला राहुल तुम्हारी बहन के आंखो में तो पता नही कौन सा नदी है तुरंत में ओवरफ्लो हो जाता है
तो सब कोई हसने लगा सिवाय पूजा के वो मेरे को केहूनी से मारी मेरे बाह पे और बोली गंदे
फिर हम अपने घर पे पापा को फोन कर दिए की हम लोग यहां पहुंच गए है और फिर मां पूजा से बात की और उसको फिर से वही सब हिदायत दी की ध्यान से रहना ये वो....
और हम पापा को जहा पे बता कर आए थे वो अपना समान निकाल लिए थे और बोतल का साइज देख के पापा बहुत खुश हुए और फोन पे हमसे बोले की आज दुकान नही जायेंगे बेटा और तेरी मां भी आज कुछ नही बोली ये चमत्कार है बे तो आज तू वहा पार्टी मना और हम यहां तिवारी और भाभी यही आयेंगे थोड़ा देर में फिर दोपहर के खाने के बाद शाम में बढ़िया मटन बनेगा....हम बोले अच्छा है पापा सब कोई घर पे रहेगा तो मां का मन लगा रहेगा वरना वो पूजा का सोच सोच के ही परेशान होती रहेंगी...
इधर राहुल पापा को बोला की दुकान तो खुलेगा नही आज पापा तो जो पैसा लाए है फुआ के पास से उसको बैंक में डाल आते है...तो पूजा बोली अरे नही पगला इतना पैसा एक साथ जमा करेगा तो इनकम टैक्स वाला नकेल ही कस देगा पैसा संभाल के घर में ही रहने दो....
तो पापा बोले हा वैसे भी तेरा मक्कार चाचा आज किसी भी टाइम में जमीन का पेपर ले के आएगा ही तो उसको पैसे दे के खतम करे अब और नहीं रहना इन हरामखोरो के चक्कर में....
उसके बाद मेरा और पूजा का बैग उस रूम में रखवा दिया गया जिसमे पूजा और सुगंधा सोया करती थी....
मम्मी बोली तुम दोनो उसी कमरे में सो जाना सुगंधा हमारे साथ सो जायेगी...
तो हम बोले अरे काहे उसको तकलीफ दें रही है मम्मी वो अपनी बहन के साथ सोएगी हम और राहुल एक साथ सो जायेंगे कोई दिक्कत नही...
तो सुगंधा बोली अरे नही बाबा ये फिर रात में उठ के रोने लगेगी की मेरे सुमित उधर ठीक से सोए होंगे की नही और मेरा नींद खराब करेगी...
हम उसका बात पे बोले नही बेटा जितना तू पूजा का मजाक उड़ाती है वो वैसे है नही बल्कि वो मेरा केयर करती है समझी....खाली पीली हर वक्त मजाक हो सूझता है तेरे को....
पूजा हमको उसके साइड से बोलते देख एकदम गौरवान्वित हो कर हमको एकटक से देखने लगी...
तो पापा बोले अरे पूजा बेटा और सुमित बेटा एक साथ सोएंगे उधर और तू सुग्गु बेटा हमारे साथ सो लेना और राहुल यहां हॉल में सोता है जैसे वैसे सो लेगा बस हो गया अब इसपे और चर्चा नही होगा....
फिर पूजा अपना कपड़ा बदली और हम भी थोड़ा हल्का कपड़ा में आ गए और उसके बाद सिलसिला शुरू हुआ खाना बनने का और खाने का....
मम्मी और सुगंधा किचन में थी और पूजा उनके पास वही पे बैठी हुई थी जबकि हम, पापा और राहुल बाहर वाले कमरे में बैठे बात कर रहे थे की कल हमारे जाने के बाद कैसे कैसे क्या क्या तमाशा हुआ....
अभी थोड़ी देर ही हुए थे हमे बैठे हुए की पूजा के चाचा जी प्रकट हो गए और वो अपने साथ ले कर आए थे पूजा के पापा के जमीन के कागजात...
पापा ने उनको घर में घुसने तक नही दिया दरवाजे पे ही रोके और उनसे कागजात ले कर चेक करने के बाद उनके पैसे उनको दे दिए और बोले की आज के बाद से समझ लेना की हम सब मर गए आप लोग के लिए...
तो चाचा बोले मर तो तू कल ही गया था मेरे लिए आज तो बस बची खुची कसर कह ले या फिर अंतिम संस्कार वो करने आया हु...
राहुल उनके सामने आया और हम पापा के पीछे खड़े हो गए और राहुल बोला देख चाचा मेरे दुहारी पे खड़े हो के ज्यादा बकचोदी ना करो जो काम करने आए थे वो कर लिए अब निकलो यहां से....
चाचा हमको घूर के देख रहे थे और तभी पीछे से मम्मी, सुग्गु और पूजा आ गई बाहर....
तो चाचा की नजर पूजा पे पड़ी और वो थोड़ा आगे बढ़ कर उसके पेट के तरफ थूक दिए और बोले पाप का अंश ले के घूम रही है हरामजादी तुझे तो समय बताएगा इस पूरे कलह की वजह तू और तेरा ही आशिक है.....
इस बार मेरा खून खौल गया और पापा के पीछे से ही उसपे लपके और फिर तो मेरे मुक्के जो बरसने चालू हुए उसपे और इस बार राहुल और सुगंधा भी लड़ाई में कूद गए और परिणाम स्वरूप चाचा जी लहूलुहान हो गए....
दम भर मारने के बाद पापा और मम्मी हम तीनो को हटाए और फिर पापा अपने भाई को गिरेबान से पकड़ के उठा के बोले वो मेरी बेटी है और ये मेरा दामाद...
जिस मुंह से तूने मेरी बेटी के पेट पे थूका है ना उसी मुंह से अपनी बेटियो के लिए औलाद मांगता फिरेगा तू देखना और समय इसको नही तुझको बताएगा की औलाद क्या होती है और जब उसी औलाद को नासमझी में अपने ही हाथो से खुनमखून कर देते है और बाद में उसके जख्मों पे मलहम भी नही लगा सकते तो वो तड़प कैसी होती है....
इतने दिनो तक अपनी बच्ची से मुंह फेरे रहा सिर्फ और सिर्फ तुम दोनो भाई बहन के वजह से....
और अंत में मेरी इसी बेटी दामाद ने तुम लोगों की असलियत सामने लाई....दूर हो जा मेरे घर की दहलीज से इससे पहले की हम अपना आपा खोए और तेरी इससे भी बुरी दुर्गति हो....
राहुल आगे बढ़ा और पैसों से भरा झोला उठा लिया और पापा से बोला पापा हम तो कह रहे है की इतने दिन तक जो बरगलाने का काम किए उसके हर्जाने के रूप में इसको रख लेते है...
तो मम्मी बोली नही बेटे ये पैसे हमारे हक के नही है छोड़ दे इसको....
फिर राहुल उनको उठाया और घर के गलियारे के बाहर कर दिया जहा वो एक चबूतरे पे बैठ गए क्युकी उनकी हालत अभी पतली हो रखी थी...
इधर इतना कुछ होता देख पूजा रोई तो नही पर वो थोड़ी सहम गई थी और मम्मी उसका हाथ पकड़े हुए थी....
चाचा को बाहर करने के बाद सब कोई घर में वापिस आ गए और हम पूजा को बोले तुम टेंशन मत लो किसी एरे गैरे के बोलने से हमारे बच्चो को कुछ नही होगा समझी....
तभी पापा आगे आए और पूजा के सर पे हाथ फेर के बोले बेटा तू टेंशन बिलकुल नही लेना तेरा बाप अब तेरे हर कदम पे साथ रहेगा और अभी तो अपने नाती नातिन को एक महीना अपने यहां रखेंगे बोल देना अपने ससुर से की डिलीवरी के बाद तू एक महीने के लिए यहां रहेगी...
और अब तो सुमित का ट्रांसफर भी यही हो गया है तो बस अब कोई दिक्कत नही क्यू सुमित बेटा पूजा के यहां रहने से कोई दिक्कत है क्या...
हम बोले अरे नही पापा कैसी बाते कर रहे है आप....
पूजा का घबराया हुआ चेहरा देख के पापा बोले बेटा अपने बाप पे अब भरोसा कर सकती है तू.....
तो पूजा बोली नही पापा हम ऐसा कुछ नही सोच रहे पर ये सोच रहे है की मेरे से ऐसा क्या गलती हो गया जो चाचा मेरे बच्चा लोग को जो अभी इस दुनिया में आया भी नही है उसको बद्दुआ दे दिए....और ये बोल के वो रोने लगी...
तो हम बोले अरे गधी रो क्यों रही है पागल अभी पापा क्या समझाए और आगे बढ़ कर उसके आंसुओ को पोंछ दिए....
फिर मम्मी भी उसको प्यार से समझाई और सुगंधा को बोली अरे लड़की जा इसके लिए मछली निकाल के ले आ खामखा फालतू आदमी के चक्कर में सारा माहोल बिगड़ गया कहा अभी आराम से बच्ची बैठ के खाती मेरी और हरामी आ के सब कबाड़ा कर दिया....
तो राहुल बोला नही मां कुछ नही हुआ है जो किए वो उसका रिटर्न तुरंत मिल गया उनको देखे ना....
फिर सुगंधा पूजा के सामने फ्राई किया हुआ मछली का एक प्लेट ला के रख दी और बोली दीदी का मूड अब एकदम ठीक हो जायेगा...देख तो कितना टेंपटिंग लग रहा है देखने में....
फिर पापा अपने हाथ से उसको मछली का टुकड़ा तोड़ के दिए तो पूजा गप से मुंह में ले ली और बोली पापा ऐसे अपना हाथ से बचपन में खिलाते थे
कितने साल बाद आज खिलाए है फिर तो पापा तीनो बच्चा को अपने हाथ से ही खिलाए और मम्मी फ्राई कर के ला के देती गई....
थोड़ी देर बाद पापा बोले अब खाना लगाओ सब कोई का हम दो मिनट में आते है....वो घर से बाहर निकले ये देखने को की उनके भाई साहब गए की नही....चबूतरे के पास जा के देखे तो वो नदारद थे वहा से...
फिर पापा घर में वापिस आए तो मम्मी बोली देख आए गया की नही....तो पापा बोले जायेगा नही तो क्या करेगा....
उसके बाद पापा हमसे बोले की बेटा ये सब जो अभी हुआ वो अपने घर पे मत बतला देना वरना वो बेकार में परेशान होंगे....
हम बोले हा पापा हम समझते है आप टेंशन मत लिजिए और पूजा के साथ साथ हम भी यही है अभी...
वैसे भी ज्वाइनिंग ने टाइम है अभी मेरे तो कोई दिक्कत नही....
फिर सब के साथ खाना पीना हुआ और उसके बाद मम्मी पूजा को बोली आराम करने क्युकी सुबह से जब से वो आई थी तब से एक बार भी लेटी नही थी वो और हम भी उसको बोले की लेट जाओ थोड़ा वरना अगर कुछ इधर उधर हुआ ना तो मां वहा मेरा खटिया खड़ा कर देगी....
दोपहर आराम कर के बीता फिर शाम में वही चाय नाश्ता के बाद थोड़ा बात चीत हुआ जिसमे हमारे आने वाले बउआ लोग को कैसे कैसे सब खेलाएगा उसका चर्चा हुआ....
इसी बीच मम्मी बोली वो सब तो ठीक है बाकी नाती नातिन को देने के लिए कुछ रखे है की ऐसे ही गोदी में ले लीजिएगा....
तो पापा बोले अरे कैसा बात कर दी हम रखे है ना बोलो तो अभी दे दे...तो पूजा बोली अरे नही पापा पहले इनलोगो को आ जाने दीजिए फिर दीजिएगा को देना हो पहनाना हो....
तो सुगंधा बोली हा अभी दीदी में दो फिर मेरे शादी के बाद मेरा बउआ लोग के लिए भी तैयार रहना....
फिर वो क्या बोल गई ये सोच के खुद ने शर्मा गई जबकि हम सब लोग हस पड़े....और हम राहुल को बोले अगर तुम्हारा भी कोई डिमांड है तो बोल दो अभी बढ़िया समय चल रहा है....
तो राहुल बोला अरे नही जीजा अभी मेरे मे बहुत समय है...तो पूजा बोली ज्यादा दिन नहीं बेटा सुग्गु के बाद तेरा ही नंबर है...
तो पापा बोले अरे बेटा बस कर अभी शादी का मैटर मत निकाल मेरा मूड बिगड़ जायेगा फिर....
तो मम्मी हस्ते हुए बोली फिर पकड़ के ले आयेंगे आपके लतखोर भाई को ज्योहि थोड़ा मूड सही हो....
रात में खाना खाने के बाद सब कोई एक साथ बैठे और फिर एक राउंड लूडो का हुआ जिसमे सारी लेडीज एक तरफ और सारे जेंट्स एक तरफ....
पर अफसोस अपने बुद्धू साले साहब के चक्कर में हमलोग हार गए....
खैर कोई इनाम तो था नहीं ना ही कोई शर्त जो पूरी करनी थी तो ये लूडो का कंपटीशन ऐसे ही खतम हो गया.....
फिर हम दोनो कमरे में आ गए और अभी बिस्तर पे बैठे ही थे की पापा कमरे में आए और पूजा से पूछे की कल सुबह क्या खायेगी बता वही ला देंगे तो बन जायेगा....तो पूजा बोली जो बनेगा हम खायेंगे पापा...
तो मम्मी बोली अच्छा वो मेरे ऊपर छोड़ दे हम बना देंगे तभी पापा बोले कल दुकान में से छुहारा और घी ला देंगे उसका हलवा बना देना और खिलाना इसको उससे बहुत ताकत आता है....
और पूजा बेटा देख अपनी सेहत से कोई लापरवाही नही...तो हम बोले अरे पापा आप निश्चिंत रहिए सब सही से चल रहा है इसका...
और पूजा भी बोली हा पापा सब ओके है और हम खुद भी ओके है....
इधर मेरे घर पे पूरा माहोल बना हुआ था मां पापा भईया भाभी और तिवारी अंकल आंटी सब कोई मस्त पुलाव मटन का लुफ्त उठाया और पापा के साथ तिवारी अंकल साइड साइड से अपना लाल पानी का भी रंगीन मजा ले लिए....कार्यक्रम के बाद तिवारी अंकल झूमते झुमाते अपने घर पहुंचे और उनको पहुंचाने वाला भईया था क्युकी वो भी उसी तरफ जा रहा था....
अब हम दोनो की जिंदगी में सब कुछ अच्छा हो गया था अब इंतजार था हमे अपनी नन्ही नन्ही प्यार की निशानियों का जो जल्द ही हमारी इस छोटी सी दुनिया में घुस कर कब्जा कर लेंगे और बन जायेंगे छोटा डॉन एंड टीम....
बहुत ही बढ़िया अपडेट हैउस रात जब पापा और मम्मी कमरे से बाहर निकल गए तो पूजा उठी और टेबल से पानी पी कर मेरे तरफ मुड़ी ही थी की हम उसको अपने से लिपटा लिए....इस वक्त हम बिस्तर के कोने पे बैठे थे और पूजा खड़ी थी....मेरे ऐसे लिपटते ही वो थोड़ा हड़बड़ा गई और एक नजर मेरे को देखती और एक नजर दरवाजे पे...हम हस कर बोले एई जानेमन अब हमे पकड़े जाने का कोई डर नही है उधर क्या देख रही है....
तो पूजा मेरे चेहरे को अपने हाथो में थाम कर मेरे होंठो पे चूम ली और बोली आई लव यू जान...
हम भी उसको खुद से चिपकाते हुए बोले तो फिर घबरा क्यू रही थी तो वो बोली एक पल के लिए लगा की हम दोनो शादी के पहले के समय में है और आप अचानक से हमको अपने से सटा लिए तो घूम कर देखने लगे थे....
हम बोले वाह अब तो इतमिना से लिपट जाओ हमसे एक बार तो पूजा हमसे लिपट गई जोर से और हम उसके चूतड़ों पे हाथ ले गए और उसको सहलाते हुए बोले जान ये और बड़े और मुलायम हो गए है पहले से...बोले तो एकदम गुद्देदार...
एक बार देखने तो दो...तो पूजा मेरे गाल खींचते हुए बोली खाली मौका चाहिए रहता है आपको है ना...
हम उसके नाइटी को उपर खींचना शुरू किए तो पूजा हमको रोकी और बोली एई अभी नही वरना फिर मेरा मूड बनेगा और कुछ नही कर पाएंगे तो आपके लिए बुरा लगता है हमको...
हम बोले अरे गजब हो कुछ नही होता बस देखने दो ना सुबह से दर्शन नही किए है घर पे होते तो दोपहर में थोड़ा लव डोज ले ही लेते हम....
फिर पूजा मुस्कुराते हुए हमसे अलग हुई और जा के दरवाजा बंद कर के आई और मेरे सामने खड़ी हो कर खुद से अपनी नाइटी को उतार दी और अब वो केवल ब्रा में खड़ी थी मेरे सामने....
हम उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए उसको अपने पास खींचे और चूतड़ों को दबाते सहलाते हुए उसके ब्रा के हुक के तरफ बढ़े और उसको भी खोल दिए जिसके बाद पूजा उसको भी उतार दी और बोली हम्मम अब जल्दी से दीजिए अपना लव डोज हमको...
हम तुरंत उसकी दूध से भरी हुई चुचियों पे टूट पड़े और एक एक कर के लगे उनको चूसने और मेरी जान मेरे सिर को पकड़ कर उनपे दबाने लगी और हम दोनो चुचियों को बदल बदल कर उसमे भरे हुए दूध को पीते गए और पूजा बेचारी खड़े खड़े सिसकियां भरती रही....
हम पूजा की चुचियों को चूसते चूसते कभी उसकी चूतड़ों को फैला कर उसके गांड़ के छेद को कुरेदते तो कभी उसके गांड़ के छेद से उंगली फिराते हुए उसकी चूत को छेद देते.....और पूजा से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था क्युकी उसकी मुंह से सिसकियों की आवाज अब बढ़ती ही जा रही थी और उसके हाथ और पैर लड़खड़ा रहे थे....कुछ पल के बाद पूजा सिसकियात हुए बोली जान खड़ा नही रहा जा रहा हमसे और आप है की हमको छोड़ ही नही रहे...
हम हस्ते हुए उसके चूतड़ पे हल्के से चपत लगाए और उसको घुमा कर अपनी गोद में बिठा लिए और मेरा खड़ा लंड उसको महसूस होते ही वो बोली मेरे साथ साथ अपना भी परेशानी बढ़ाते है आप ये कड़क हो कर अब मेरे को सिर मार रहा है क्या करिएगा अब आप....
हम बोले कुछ नही करेंगे वो थोड़ी देर में खुद नॉर्मल हो जायेगा पर एक बात बोले तुम और गदरा गई हो इधर एकदम...
पूजा मेरे कान को अपने मुंह में ले के चुभलाते हुए बोली सब आपका असर है जानेमन और अब तो आप मेरे पास ही रहिएगा ना तो आपका प्यार का डोज मिलते रहेगा तो निखरेंगे ही हम...
हम बोले इस कमरे में आज मेरी बाहों में ऐसे बैठी है सच में लग रहा की अभी फिर थोड़ा देर बाद हम अपने घर चले जायेंगे और तुम यही रह जायेगी....
तो पूजा मेरे होंठो पे चूम ली और मेरे आंखो में देखते हुए बोली थैंक्यू जान थैंक्यू सो मच मेरा हाथ थामने के लिए....मेरी जिंदगी में आने के लिए...हमको इतना प्यार देने के लिए वो सब कुछ के लिए जो आप मेरे लिए किए.....
और दुबारा से मेरे होंठो पे चूम ली...हम बोले बस अब इमोशनल मत हो जाना...बस ये सुन लो आई लव यू आई लव यू सो मच
फिर पूजा को हम अपने गोद से उतारे और उसकी नाइटी को उठा कर उसको पहना दिए और बोले ब्रा रहने दो रात में मेरा मन करेगा तो हम तुम्हारे इन थनों में से फिर दूध पियेंगे....वैसे दिन पर दिन ये स्वादिष्ट होते जा रहा है
तो पूजा बोली अगर अपना जुड़वे बच्चे नही होते तो एक आपके लिए रिजर्व रहता और एक उसके लिए....
तो हम बोले अरे जुड़वे हो रहे है ना तो भी कोई दिक्कत नही हम इसी में से थोड़ा थोड़ा पी लिया करेंगे और ज्यादा हुआ तो फिर ये है ना और उसकी चूत को नाइटी के ऊपर से दबा दिए....
तो पूजा कसमसाती हुई बोली आह जान सब तो आपका ही है...
हम बोले हा पता है सो चलो अब सो लो वरना फिर सर दुखने लगेगा मेरा रोमेंटिक बकवास सुन सुन के...
तो पूजा बोली क्या जान आप भी ये सब बात से सर नही दुखता बल्कि कुछ और दुखता है जिसका दर्द आप अपने इससे ठीक करते है और वो मेरे लंड को दबा दी...
हम दोनो हस दिए और फिर लेट गए एक दूसरे की बाहों में लिपटे और कुछ देर में दोनो कोई नींद की आगोश में चले गए थे
सुबह में पूजा हमसे पहले जागी और फिर हमको भी उठाई और मेरे आंख खोलते ही मेरे को होंठो पे चूम कर बोली मेरे जानेमन उठ जाइए अब तो हम उसके कमर में हाथ लपेटते हुए बोले अरे ससुराल में तो सोने दो कम से कम...तो पूजा बोली जानेमन आप नही उठिएगा तो हम भी पड़े रहेंगे आपके साथ और फिर अगर मां का फोन आएगा तो जवाब दीजिएगा आप की हम दोनो क्यू सोए है और हम दवाई नाश्ता वगैरह क्यू नही किए....
हम उठते हुए बोले अच्छा बेटा ब्लैकमेल...तो पूजा बोली नही जान अभी हमको नींद भी कम आता है करवट बदल नही सकते एक ही पोजिशन में सोते सोते मेरा नींद में उचाटूपन आ गया है...वो तो आप साथ में होते है तो आपसे लिपटे में जो नींद आ जाता है वही बहुत है....
हम उसके पेट के पास नाक से सहलाते हुए बोले काहे रे शैतान लोग मेरा बीवी का नींद हराम करले है... आव बाहरे तब बताते है तू दोनो के....
पूजा मेरे बालो में हाथ फेरते हुए बोली ये लोग से पहले इसकी मां को बताइए की क्या बताना है...हम अपना मुंह सीधा उसकी चूत की तरफ घुसा दिए और बोले ज्यादा बोलेगी तो यही दाती काट लेंगे...
तो पूजा हड़बड़ाते हुए बोली एई जान सुबह सुबह ये हसीन सजा का नाम मत लिजिए आप....
हम हस्ते हुए बिस्तर से उठे और उसको भी उतारे और गले लगाते हुए बोले अरे जान ऐसे बोलेगी तो फिर तो हम कुछ कर बैठेंगे....
पूजा मेरी आंखों में देखते हुए बोली कर लीजिएगा जान फिलहाल चलिए फ्रेश हो लेते है...
हम बोले एक साथ चले तो पूजा अपनी आंखे गोल करते हुए बोली चलिए ना कोई दिक्कत नही बशर्ते कोई देखे नही वरना दामाद जी को बहुत भारी वाला ऑकवार्ड सिचुएशन का सामना करना पड़ेगा....
हम इसके चूतड़ों को सहलाते हुए बोले जाओ आज अकेले ही हो आओ बक्श दिए आज हम जाओ...
तो पूजा हस्ते हुए हमसे अलग हुई और वो दरवाजे के तरफ बढ़ गई जबकि हम बिस्तर को थोड़ा सही कर दिए वरना जितनी सिलवटे उसपे पड़ी हुई थी उसको देख के कोई भी कहता की साला प्रेगनेंसी में भी हम अपनी जानेमन को नही छोड़ते है....खास कर सुगंधा उसको तो दिन भर चिढ़ाने का मौका ही मिल जाता...
खैर ये सब करने के बाद हम अपने घर फोन मिलाए और मां पापा का हाल चाल लिए...मां सबसे पहले पूजा का जानकारी ली और हम उनको बताए की वो बाथरूम गई है....फिर वो बताई की कल कैसे सब पार्टी एंजॉय किया और खाना पीना भी बढ़िया बना था....
इतने में सुगंधा कमरे में आई और हमको बोली अरे सुबह सुबह कहा शिकायत कर रहे है रात में नींद नहीं आया क्या की मच्छर सोने नही दिया...
तभी पीछे से पूजा बोली अभी तुझको हम बताए की मच्छर कौन है और कौन नही सोने दिया हा...
तो हम पूजा को बोले तुम मां से बात करो इससे हम निपटते है...फिर पूजा को फोन थमा कर हम सुगंधा के साथ बाहर निकले जहां वो बोली फ्रेश हो ले तब तक हम चाय लाते है...
वही मम्मी और पापा साथ में बैठे थे और कुछ बात कर रहे थे और राहुल हमको दिखा नही शायद बाहर गया हो...
हम फ्रेश होने जाते इससे पहले वापिस कमरे में गए और अपने लिए एक टी शर्ट और साफ पायजामा ले कर ही बाथरूम में घुस गए और फिर फ्रेश हो कर सीधा नहा कर ही बाहर निकले....
फिर चाय पीए और तब तक पूजा भी नहा कर अपने नाइटी में आ कर बैठ गई...उसके आने के बाद पापा हमसे पूछे की डिलीवरी का तारीख कब है डॉक्टर से मिले हो ना...
हम बोले नजदीक ही है पापा अगले हफ्ते तक हो जाना चाहिए...
तो मम्मी बोली हा तो फिर तैयार रहो दवाई सब तो टाइम से खा रही है ना तो पूजा बोली हम एकदम तैयार है मां सब कुछ मेरा टाइम से ही होता है और अगर कुछ भूल जाए तो फिर मम्मी या फिर ये याद से खिला देते है...
फिर पापा बोले अच्छा सुन अपनी जो गांव वाली जमीन का कागज कल आया है ना उसको हम अपने नाती नातिन के नाम कर रहे है क्युकी इस जमीन का हक तुझको ही मिलना चाहिए बेटा और सुन तू मना भी करेगी ना तो भी हम ये काम।कर एक ही रहेंगे...
तो हम बोले अरे नही पापा गांव वाली जमीन का हम क्या करेंगे...तो मम्मी बोली अरे बेटा रख ले आगे काम ही आएगा...
तो पूजा बोली फिर सुगंधा के लिए क्या बचेगा....तो सुगंधा बोली तुम मेरा टेंशन मत ले दी पापा मम्मी सब सोच समझ कर ही कर रहे है पागल...
तभी पापा बोले देख तू दिमाग मत चला ज्यादा सुग्गु बेटा के लिए भी है मेरे पास रे पगली और वैसे भी जितना तेरे साथ गलत किए है उसका कुछ तो भरपाई करने दे और ये मेरा नाती नातिन के लिए प्यार है उसके नाना नानी के तरफ से....
डिलीवरी हो जाने दे दूर नामकरण के बाद उसके नाम से ट्रांसफर और कागज बन जायेगा....
हम पूजा का हाथ पकड़ते हुए बोले जाने दो पापा मम्मी का मन है...मना कर के उनका बात काटते नही...
..
...
फिर सब कोई साथ में नाश्ता किए और आज भी पापा दुकान नही जाने वाले थे तो वो हम लोग के साथ ही बैठे रहे जबकि सुगंधा और मम्मी किचन और घर के कामों में लग गई और मेरी जान नाश्ता कर के थोड़ा लेटी थी दवाई ले कर.....राहुल मेरी गाड़ी ले कर बाहर गया ये कह कर की थोड़ी देर में आता है....और पापा के साथ हम हॉल में बैठे टीवी देख रहे थे बीच बीच में पापा कुछ कुछ पूछते भी रहते थे की भोपाल में कैसा रहा कैसा नही...और हम उनको उसी मुताबिक जवाब देते और उसी बीच हम उनको अपने जिमी के बारे में बतलाए की उसको कैसे हम ले कर घर आए थे...
तभी पापा हमसे बोले अच्छा एक बात पूछे बेटा तू घबरा मत जाना की पापा ये क्या पूछ रहे है...
तो हम उनके तरफ देखने लगे तो वो दुबारा बोले पूछे...
तो हम बोले हा पापा बोलिए ना क्या बात है...तो पापा धीरे से मेरे तरफ झुक के बोले अच्छा ये बता की तुम दोनो एक दूसरे के करीब कब आए क्युकी जहां तक हमको याद है तू पूजा को पूजा दी बोलता था....
हम ये बात सुन के बहुत शर्मा गए और इधर उधर देखने लगे तो पापा हस कर मेरे कंधे पे हाथ रखते हुए बोले अरे अब ऐसे शकल मत बना लो भाई अगर तुम्हारी सास या मेरी बेटी देख लेगी तो फिर जवान हमको देना पड़ेगा....
फिर भी हम बहुत गंदे तरीके से शर्मा रहे थे तो पापा हस्ते हुए हमको जोर से हिला कर बोले अरे बस भी कर हो गया बेटा...
तो हम बोले नही पापा अब क्या बोले हम...तो पापा चुटकियाते हुए बोले अपना लव स्टोरी का स्टार्टिंग बोल कैसे हुआ और क्या....
बैंक का एग्जाम से भी भरी सवाल पूछ दिए हम है ना
उनकी इस बात पे हम हस दिए और उठ खड़े हुए और बोले हम आते है पापा और वहा से भागे अपनी जान के पास...
हमको जाते देख पापा बोले अब सब को बोल मत देना ये बात बेटा वरना फिर हमको जवान देने में नही बनेगा....
कमरे में आने के बाद हम पूजा के सिरहाने बैठे और एक लंबा सास छोड़े और मन ही मन सोचे की साला बूढ़ऊ को क्या बताता की डायरेक्ट बेटी की चूत पे हमला कर दिए थे और ये सोच कर हम खुद में ही हसने लगे तो पूजा मेरे हसने से जाग गई और बोली एई जान क्या हुआ ऐसे काहे हस रहे है मन ही मन....
हम उसके तरफ देखे तो ऑटोमेटिकली मेरा हसी फिर से निकल गया...तो पूजा बोली एई क्या हुआ पागल...
तो हम बोले कुछ नही जान और उसके माथे पे चूम लिए...
तो पूजा बोली अरे बताइए ना हम भी तो जाने फिर हम पूजा को सब बात बताए तो वो भी अपने सर पे हाथ रख कर हसने लगी और बोली सच में जान पापा को क्या बताते आप छी गंदे आदमी...
हम बोले अरे जान ये तो पापा है पर एक बात तो है की अगर कोई भी पूछेगा की हम दोनो करीब कैसे आए या प्यार कैसे हुआ तो क्या बताएंगे की मेरी जानेमन की मुनिया घायल हो गई थी और हम मलहम के जगह अपने मुंह ही लगा दिए थे उसके ऊपर.....
तो पूजा मेरे मुंह पे हाथ रख के बोली बै जान पागल और फिर मेरे बाह में अपनी बाह फसाते हुए बोली पर ये तो है की अपनी लव स्टोरी अपने आप में यूनिक है जो शायद ही कोई जान पाएगा कभी भी....
फिर हम बोले हा इसीलिए तो हम तुमको इतना प्यार करते है...तो पूजा बोली और हम आपको और फिर मेरे सर से सर सटा के बोली आई लव यू जानेमन
फिर हम बोले आई लव यू टू मेरा बेबी....
वैसे आज लौटना है ना की कल चले...तभी मम्मी कमरे में आई और बोली टांगे तोड़ देंगे जाने का नाम लिया तो अभी इस हफ्ते यही रहो दोनो कोई सुमित बेटा तेरी तो छुट्टी है ना अभी फिर रह ले थोड़े दिन...
तो पूजा मेरे तरफ देखने लगी...तो हम समझ गए वो रहना चाहती है और अपने घर इतने दिनो के बाद आई थी तो एक दिन में जाने का बात कर के हम ही बेवकूफी का परिचय दिए थे....
फिर हम मम्मी से बोले ठीक है मम्मी हम लोग यही है अभी नही जा रहे तो पूजा तुरंत मेरे गले में हाथ डाल दी खुशी से...
तो मम्मी बोली हा ये हुआ ना बात ऐसे ही खुश रहा करो तुम दोनो
फिर वो बोली चलो खाना लगाते है...तो पूजा बोली चलो मम्मी हम लोग आते है और उनके जाते ही पूजा हमको गाल पे चूम ली...
हम बोले अपने घर आए हुए एक दिन भी नही हुआ सही से और हम जाने का पूछने लगे हम भी न क्या बेवकूफ है...
तो पूजा बोली नही जान वहा मां भी तो अकेली होंगी ना उनको भी अब मन नही लगता है मेरे बगैर...पर कोई नही कल लौट जायेंगे हम लोग...
हम बोले अरे नही जानेमन इस हफ्ते में दिन ही कितना है गिन कर चार दिन बचा है और आज का एक दिन खतम होने को है तो फिर रह लेते है और मां का टेंशन मत लो हम छुट्टी सैंक्शन करवा लेंगे तुम्हारातो पूजा बोली ओके जानेमन अब चलिए खाना खाते है....
उसके बाद हमारा दो दिन ऐसे ही बीत गया और इस दौरान हम अपने ससुराल में रहने का क्या मजा होता है उससे वाकिफ हुए..
आज सन्डे था और पापा को पूजा बता दी थी की आज शाम तक हम दोनो लौट जायेंगे....हालांकि पापा का मन था की पूजा का डिलीवरी यही हो पर मां पूजा के डिलीवरी के शुरवाती टाइम से उसके साथ थी तो उनसे ये हक वो नही ले सकते थे....
इस सिलसिले में उन्होंने मेरी मां और पापा से भी बात किया पर मां बोली डिलीवरी होने के बाद पूजा वहा रहने जायेगी कुछ दिन के लिए पर पूजा बेटा की डिलिवरी इसी घर से होने दीजिए....
तब पूजा और हम इस मामले के बीच में घुसे और बोले की डिलीवरी हॉस्पिटल में होगा घर पे नही और फिर हम बोले वहा आप चारो को रहना है क्युकी उस समय पूजा आप चारो के जिम्मेदारी होगी और हम तो रहेंगे ही उसके साथ खड़े....तो पूजा के पापा मम्मी से बोले अपना दामाद समझदार है मुश्किल फैसले को यू नतीजे पे ले आया....
हमारे जाने से पहले मम्मी पूजा और हमको नए कपड़े दी और पूजा को वो अपने शादी के समय का एक हार दी जो वो पूजा को शादी के समय नही दे पाई थी कारण थे पापा....
पर अब वही पापा पूजा और हम पे बेहिचक और बेहिसाब प्यार लुटाए थे इन पांच दिनों में....और जाते जाते पापा सुगंधा को पूजा के साथ लगा दिए की तू भी इसके साथ चली जा तेरे लिए भी थोड़ा माहोल बदल जाएगा और पूजा बेटा को जब जरूरत पड़े तो तू उसके साथ रहे....
सास ससुर और सुमित बेटा तो रहेंगे ही और भी लोग है पर तू भी रहना....और अभी सुगंधा की भी पढ़ाई खत्म हो चुकी थी और उसको भी पूजा के जैसे बैंक की तैयारी करनी थी तो ये उसके लिए ये बढ़िया मौका था क्युकी पूजा उसको सब चीज डिटेल में बता देती जिससे उसका तैयारी करना आसान हो जाता......
हम लोग घर वापिस आ गए और आते के साथ मां पूजा का पूरा स्कैननिग शुरू कर दी और हम दोनो के साथ साथ सुगंधा भी उनका बेचैनी देख के खुश थे की मां को पूजा की बहुत चिंता है...
फिर सब कुछ से निश्चिंत होने के बाद वो हमको पास की वरना अगर जरा भी कुछ गड़बड़ होता ना तो मां मेरा बैंड बाजा देती....
पिछली बार सुगंधा तब आई थी जब हम भोपाल जा रहे थे और इस बार मेरे रहते भर में वो आई थी....
तो ऊपर कमरे में आने के बाद हम पूजा से पूछे की सुग्गु को अपने साथ ही सुलाएंगे ना तो पूजा बोली हा जानेमन इसमें भी पूछने वाली बात है भला.....तो फिर हम बोले हा ये भी सही है वैसे भी अब हम दोनो कुछ दिन बाद एक नए दुनिया में कदम रखेंगे तो उसके हिसाब से थोड़ा खुद को बदलना भी तो पड़ेगा ना जान....
तो पूजा मेरी बातो का मतलब समझ के बोली अरे मेरे जान आप ऐसा क्यू बोलते है जैसे आप है वैसे ही रहिए कुछ बदलने का जरूरत नहीं है....
तो हम उसके चूतड़ों पे हाथ लगाते हुए बोले अच्छा मतलब हम अभी भी तुमको कही भी हाथ लगा देंगे तो कोई दिक्कत नही ना...
पूजा हस्ते हुए बोली गजब है आप जान खाली वही सूझते रहता है आपको हर घड़ी है ना...हम बोले जी वही सूझता है क्युकी हम ठहरे ठरकी...
तो पूजा बोली एई मारेंगे ना आप कोई ठरकी वरकी नही है बस आपको कंट्रोल नही है....
हम बोले कंट्रोल करेंगे भी नही लेकिन अगर तुम बोलेगी तो कर लेंगे जैसे अभी पिछले कुछ महीनों से कर रखे है...
तो पूजा बोली बस जान थोड़ा दिन और फिर सब चीज के लिए ग्रीन सिग्नल मिल जायेगा आपको....
हम बोले अच्छा वो तो हम खुद से कर लेंगे पर अभी का क्या करू मेरी बीवी इतनी सुंदर हो गई है की बगैर उसके रूप के रस चखे बगैर रहा ही नहीं जाता... हाय तुम्हारे ये होंठ उफ्फ तुम्हारी ये गोलमगोल चूचियां...
इतना बोले ही थे की पूजा मेरे मुंह पे हाथ रखी और बोली इस्शश गंदे कहिंके चुप रहिए हर वक्त खाली यही सब.....
सुग्गु साथ में रहेगी तो कुछ नही और जब मौका लगेगा आप प्यार कर लेना समझे बेफालतू का परेशान मत होइए....और इतना बोल के वो मेरे होंठो पे चूम ली और नीचे जाने के लिए मुड़ गई....
खैर उस रात सब कुछ सही से एडजस्ट हो गया और हम तीनो अपने कमरे में सेट हो गए....
अब एक हफ्ता रह गया था मेरी ज्वाइनिंग को और पूजा के साथ मेरा समय इतना जल्दी जल्दी बीतता था की क्या बताए....
पूजा का रेगुलर चेकअप के लिए डॉक्टर के पास ले कर गए तो डॉक्टर मैडम बोली बस ज्यादा समय नहीं रह गया है जल्द ही लेबर में आ जाएगी...और वो पूजा को बोली तब मैडम आप फिजिकली तो फिट है पर मेंटली भी फिट रहिएगा वो भी उतना ही जरूरी है जितना की फिजिकली है....
तो पूजा बोली हा मैम हम है बस थोड़ा पेन को ले कर डरे हुए है....तो मां उसको समझाई की बेटा थोड़ा तो होता ही है इतना सब को सहना पड़ता है उसके बगैर मां बनने का सुख का आभास नही होता....
और डॉक्टर मैडम भी उसको बोली आप एकदम फ्री माइंड रहिए पहले के जमाने में दर्द होता था पर अब बहुत सारी दवाइया और प्रोसीजर है जिससे आपको रिलीफ मिलता रहेगा...
हालांकि डॉक्टर ये बाते सिर्फ और सिर्फ पूजा को दिलासा देने के लिए कह रही थी क्युकी लेबर पेन एक नैचुरल चीज है....
डॉक्टर से मिल कर आने के बाद फिर दो दिन निकल गए और मां के साथ सुगंधा और भाभी हर समय पूजा के साथ रहती थी और हम अपनी जान के साथ हो कर उसको खुश रख रहे थे ताकि वो एकदम सही स्तिथि में रहे क्युकी डॉक्टर हमको बताई थी की जुड़वे बच्चे है तो पेन थोड़ा बढ़ा हुआ रहेगा और पेट नीचे की और झुका हुआ है सो बच्चे एकदम हेल्थी है और इस बात का कंफर्मेशन अल्ट्रासाउंड में भी हुआ है सो आप बस अपनी पत्नी को खुश रखिए और मोटिवेट कीजिए की सब बढ़िया है....बाकी के लिए हम है...
..
...
एक सुबह पूजा और सुगंधा नीचे आंगन में मां के साथ बैठी थी और हम अपनी गाड़ी को साफ कर रहे थे पापा दुकान जाने के लिए निकल चुके थे....
की तभी सुगंधा बाहर आई और बोली अंदर चल जल्दी...हम अंदर आए तो देखे की पूजा जहा बैठी हुई थी वहा पे पानी जैसा फैल गया है और मां उसको सहारा दे कर उठा रही थी जबकि पूजा एकदम नॉर्मल थी....
हम मां से पूछे की क्या हुआ मां तो मां बोली गाड़ी निकाल टाइम हो गया पानी की थैली फट गया है....
तो हम बुद्धुओ जैसे बोले पर मां पूजा तो एकदम नॉर्मल है...
तो मां बोली हे भगवान दुनु के दुनु एक ही थरिया के चट्टा बट्टा है....अभी ई लड़की भी यही पूछ रही थी...
उनका इशारा पूजा की तरफ था...वोे फिर गुस्सा हो कर बोली....
अरे चोट्टा तू अभी सवाल जवाब करेगा की जो कह रहे है वो करेगा दर्द नही हो रहा पर पानी बह गया है अब किसी भी समय दर्द शुरू हो जायेगा चल जल्दी हॉस्पिटल और बड़की को फोन कर बोल यहां आने के लिए.....
वही सुगंधा भी पूजा का हाथ पकड़े हुए उसको शांत रहने बोल रही थी और पूछ रही थी की कुछ महसूस हो रहा है की नही....
पर मेरी पूजा एकदम सही से जवाब दे रही थी की अरे हम ठीक है अभी एकदम...
हम बोले अरे तू है ही मेरी सुपर वुमन बीवी...चलो डॉक्टर के पास ले चलते है...
फिर हम गाड़ी के तरफ भागे और साथ ही साथ पापा और भईया को फोन कर दिए....इधर सुगंधा अपने घर पे फोन कर दी की हॉस्पिटल पहुंचे जल्दी से....
मां सुगंधा को बोली बेटा इसका सब रिपोर्ट और दवाई ध्यान से एक बैग में रख लेना और एक दो नाइटी भी...
मां पूजा को आंगन में कुर्सी पे बिठाई और इधर भाभी पापा और भईया सब कोई पहुंच गए घर....
पापा पहले पूजा से पूछे की बेटा कैसा लग रहा है तो वो हस कर बोली पापा हमको तो कुछ नही महसूस हो रहा....
तो मां चिल्ला कर बोली की अब आप अपना हकीमगिरी मत झाड़ने लगिए आप दोनो कोई हॉस्पिटल पहुंचिए वहा बोल कर सब तैयारी करवाइए हम लोग पहुंचते है पूजा बेटा को ले कर....वो पापा और बड़े भईया को बोली जाने के लिए....
मां भाभी और बाकी सब को ऐसे घबराते और इधर उधर भागते देख के मेरी फटने लगी थी की साला ये क्या हो रहा है जबकि मेरी जानेमन तो एकदम ठीक है...
पर अभी जैसा मां बोल रहे थी वो करना था....
हम घर में आ कर बोले मां चले तो पूजा कुर्सी से खुद से उठी और चलने लगी तो मां उसको रोकी और मेरे पास आ कर मेरे पीठ पे एक जोरदार चांटा लगाई और बोली कुत्ता कहिंका खड़ा है लाट साहब के तरह ये नही की हाथ पकड़ के सहारा दे के चले....और तू वो अब पूजा की तरफ घूम कर बोली तुझको खुद से चलने कौन बोला अभी से बिना पूछे कुछ नही करेगी समझी...
पूजा की सिट्टी पिट्टी गुम वो मां के गुस्से से वाकिफ थी पहले ही इसलिए वो भाभी का हाथ पकड़ी और चलने लगी....
तो हम आगे आए और पूजा का हाथ पकड़ के भाभी से बोले अरे प्रभु रहने दीजिए वरना फिर से मार पड़ेगा हमको ये सुन कर भाभी और सुगंधा की हसी छूट गई...
पूजा को आराम आराम से गाड़ी में बिठाए और धीमे धीमे गाड़ी चलाते हुए पहुंच गए हॉस्पिटल...
वहा पे पापा भईया तिवारी अंकल आंटी...पूजा के पापा मम्मी और राहुल सब कोई आ चुका था...
पूजा सब कोई को देख के बोली बाप रे हॉस्पिटल वाला बोलेगा की जिसको बच्चा होना है वो अभी आई नही और बच्चा खेलाने वाले पहले आ गए और वो भी इतने सारे....
मां बोली हा और नही तो क्या...वो सब छोड़ तू अभी ठीक है ना...
तो पूजा मां का हाथ पकड़ के बोली हा मां हम एकदम ठीक है आप इतना परेशान मत होइए...
तो मां बोली कैसे ना होए बेटा तू समझ नही रही है....
राहुल दौड़ के एक व्हील चेयर ले आया तो पूजा उसको देख के बोली बै भक्क इस पर क्यू बैठेंगे हम चल रहे है ना तो पूजा की मम्मी बोली नही इसी पे बैठ के चल बेटा पैदल नही चलना है अभी...
फिर पूजा उसपे बैठी और चल दिए सब कोई अंदर डॉक्टर के पास...पूजा के लिए पापा स्पेशल वार्ड किए थे वहा उसको बेड पे बिठाए...बिठाए क्या वो खुद से बैठ गई...वो अभी भी एकदम नॉर्मल थी....
उसके वहा बैठते ही पापा डॉक्टर मैडम को बुला लाए उनके साथ एक नर्स थी...फिर शुरू हुआ मेरी जानेमन का चेकअप और डॉक्टर बोली एक इंजेक्शन दे रहे है लेबर शुर हो जायेगा थोड़े देर में और फिर वो नर्स को बोली ये नाइटी बदलवा दो और यही रहना इसके पास लेबर शुरू हो तो हमको इंफॉर्म करना फिर आगे का बताते है...
इधर इंजेक्शन का नाम सुन कर ही पूजा का दिमाग खराब हो गया...
हम समझ गए की अब इसका नौटंकी शुरू होगा इसलिए हम उसके पास गए और बोले इंजेक्शन से डरना नहीं है ओके ना...
तो पूजा तुनक कर बोली क्या ओके हमको कुछ हुआ भी नही है और ये इंजेक्शन घुसेड़ने को बोल गई....तो नर्स बोली अरे बेटा जी ये दर्द शुरू करने के लिए है ताकि तुम लेबर में आ सको....
पूजा मां के तरफ देख के रुवांसी हो कर बोली ये क्या बात हुआ मां लेबर खुद से शुरू हो जायेगा ना इंजेक्शन से क्यू...
फिर पूजा की मम्मी उसको बोली अरे बेटा इतना सा इंजेक्शन से तू कब से घबराने लगी तू तो मेरी बहादुर बेटी है ना....और इतना बोल कर वो उसको अपने आलिंगन में ले ली....
और इधर नर्स हम सब लोग को बाहर जाने बोली पर मेरी मां और मेरी सासू मां वही रह गई और बाकी सब लोग बाहर आ गए....
हमारे जाने के बाद पूजा का नाइटी और पेटीकोट चेंज करवा दिया गया और हम उधर देख भी नहीं सकते थे क्युकी भाभी, तिवारी आंटी और सुगंधा वही दरवाजे एक पास खड़ी थी और हम बाकी लोगो के साथ तोड़ साइड में...
कपड़े बदलने के बाद पूजा को इंजेक्शन दे दिया गया और उसके बाद मां हमको बुलाने के लिए आई की तू आ जा वो तेरे बगैर नही रहेगी अब असर शुरू हो रहा है बेटा....हम अंदर गए और पूजा लेटी हुई थी और उसके चेहरे से साफ झलक रहा था की दर्द धीरे धीरे बढ़ रहा है...
हम पूजा के सिरहाने बैठे और वो मेरा हाथ जोर से पकड़ ली...हम उसके चेहरे के पास झुक कर बोले घबराना नहीं जान हम है तुम्हारे साथ तुम्हारे पास यही पे...
वो थोड़ी तकलीफ वाली आवाज में बोली आप अभी कही नही जाइयेगा जान प्लीज ना...
तो मां बोली हा बेटा वो यही है कही नही जाएगा...फिर हम उसी तरह पूजा का हाथ पकड़े बैठे रहे और उसका दर्द धीरे धीरे बढ़ता हो जा रहा था और इंजेक्शन देने के तकरीबन डेढ़ घंटे बाद पूजा को असल दर्द शुरू हुआ और उसके बाद तो उसका वो चीखना और मेरा इधर कलेजा मुंह को आना.....
पूजा बार बार चिलालाए आह जान बहुत दुख रहा है दर्द में वो मेरा हाथ इतने जोर से दबा रही थी की क्या बताए....
उसको संभालने में मेरे साथ साथ सासु मां, भाभी, मेरी मां, और तिवारी आंटी भी लगी हुई थी....जबकि वो नर्स केवल मुंह से उसको दिलासा देती रही की बर्दाश्त करो थोड़ा और हम उसको बार बार यही कहते की मैडम को बुला लाइए तो वो हरामखोर बोलती की अभी नही अभी दर्द कहा शुरू हुआ है.....
पर जब पूजा का दर्द बर्दाश्त से बाहर होने लगा और वो अपना सर इधर उधर घुमा घुमा कर चीखने लगी तो हम चिड़चिड़ा कर बोले की अब कब बुलाएगी जाओ ना आप तो वो नर्स उल्टे हमको ही जाने बोली तो पूजा हमको जाने ही ना दे वो मेरे उठने से ही और चिल्लाती....तो मां बोली की मेरा बेटा मुंह उधर घुमा लेगा आप देख लीजिए.....
फिर वो नर्स उसके पेट के नीचे हाथ लगाई और बोली की आते है मैडम को ले कर....
उसके जाते ही मां पूजा के सर पे हाथ फेरते हुए बोली बस बेटा थोड़ा देर और फिर सब ठीक हो जायेगा...
कुछ ही मिनटों में मैडम उस नर्स के साथ आई और हमको फिर वो बोली आप बाहर जाइए तो पूजा कराहते हुए बोली अरे पागल औरत इनको क्यू भेजना है ये मेरे पति है आह आपका जो काम है आप वो करो ना आआआआ...
फिर वो नर्स बोली नही जाने देगी वो हम बोल बोल के थक गए...तो मां फिर से उनके साथ भी वही बात दोहराई और डॉक्टर मैडम बोली नही नही पति है तो क्या बाहर जाइए और मजबूरन हमको मेरी जान को दर्द में छोड़ कर वहा से जाना ही पड़ा....
मेरे बाहर आने के बाद पापा और बाकी लोग मेरा चेहरा देख के बोले घबरा मत इतना होता है बेटा अभी तुझको हिम्मत से काम लेना है....
फिर कुछ देर बाद वो नर्स अपने साथ दो और नर्स को बुला लाई और उनके आने के कुछ देर बाद पूजा स्ट्रेचर पे लेटी हुई कराहती हुई वहा से बाहर निकली और उसको ले गए ओटी में उसको ऐसे रोते देख के सुगंधा भी रोने लगी तो पूजा के पापा और तिवारी अंकल उसको संभाले और रोने से मना किए....
ओटी के दरवाजे से मां डॉक्टर मैडम से बात की और मेरे पास आते हुए बोली की डॉक्टरनी कह रही है की आधा घंटा में हो जायेगा हे प्रभु ध्यान रखिएगा...वो तो कह कर निकल गई आधा घंटा पर साला मेरे लिए वो आधा घंटा आधे सदी के बराबर था....
हमसे अब रहा नही गया तो हम ओटी के दरवाजे के पास जा के खड़े हो गए की शायद अंदर कुछ दिख जाए पर घंटा कुछ दिखे बल्कि अब तो मेरी जान का आवाज भी नही आ रहा था.....
तो हम दरवाजा खोलने का कोशिश करने लगे तो मां और सासु मां मेरे पास आई और मना की दरवाजा खोलने को....
फिर हम वही कान लगा के खड़े हो गए की अब जो भी होगा वो सब भगवान ही सही से करेंगे....
इतने में मेरी छोटी बहन और जीजा जी भी आ गए...दीदी भी मेरे पास आई तो मेरे आंखो में आंसू था उसको देख के वो मेरे आंसू पोंछती हुई बोली अरे पगला घबरा मत सब ठीक है....मां भी नही देखी थी की हम रो रहे है तो वो अपने साड़ी के आंचल से मेरा मुंह पोंछी और बोली चुप कर सामने ही तो है पूजा बेटा बस थोड़ा देर....
ओटी के अंदर से एक दो बार नर्स आई गई पर कुछ बताई नही....
हमसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था एक एक मिनट एक एक सेकेंड जहर लग रहा था हमको....
फिर थोड़ी देर बाद डॉक्टर मैडम बाहर आई और बोली मुबारक हो लक्ष्मी के साथ साथ कन्हैया जी भी आए है....
ये सुन कर तो जैसे लगा की बाप रे कितना बड़ा सागर पार कर लिए हो पर मेरा पहला सवाल यही था की मेरी पूजा कैसी है तो डॉक्टर मैडम बोली वो भी ठीक है फिलहाल बेहोश है थोड़ा देर में होश में आ जाएगी फिर वार्ड में शिफ्ट करेंगे तो देख लीजिएगा तीनो को तीनो एकदम सही सलामत है....
हम फिर पूछे की बेहोश क्यू है तो वो बोली अरे आप टेंशन मत लिजिए शी इज अब्सोलूटली फाइन बहुत ज्यादा प्रेशराइज करना पड़ा ना इसलिए पर टेंशन वाली कोई बात नही नॉर्मल डिलीवरी है...
अब वेट था मेरी जान और मेरे दोनो नन्हे मुन्नों से मिलने का क्युकी आज उनके आ जाने से हमारे प्यार को हमारे रिश्ते को एक नई पहचान मिली थी जो की हम सब के लिए बहुत मायने रखते है....