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Romance Wo Lal Bag Wali (Completed)

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DARK WOLFKING

Supreme
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nice update . kitaab ke liye itni pareshan ....kya wo kitaab thi ya diary jisme apna secret likhte hai ....
na chahte huye bhi dobara mil hi gaye ...
 

AlexMt

❤️ Interesting Stories ❤️
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Updated 7
रागिनी कि नींद सुबह 11 बजे खुली, दो दिन के सफर के बाद कल उसे ठीक से सोना मिला था | उसने उठकर अपने बाल हेयर बंद से बांधे और रूम का जायजा लिया, वो पुराने जमाने का कमरा था मगर बहुत गर्म और आरामदायक, कमरे में एक सोफा, टी टेबल और पलंग के अलावा एक अलमारी थी जिसमे वो अपने कपड़े रख सकती थी, पीछे एक खिड़की थी जिसपर मलमल का पर्दा लगा था, वो खिड़की तक पहुची और उसने पर्दा हटाया पीछे जो दृश्य उसे दिखाई दिया वो उसकी कल्पना से बहार था, एक बड़ा सा हरा भरा मैदान जिसको चिड के पेड़ो ने चारो और से धेर रखा था, उसमे तितलियां और कई प्रकार कि चिड़ियाए फूलो पे मंडरा रही थी, मैदान ख़त्म होते ही एक ढलान था, और ढलान के साथ एक छोटा सा झरना वो आश्चर्य से प्रकृति कि सुन्दरता निहारने लगी, उसका मन प्रफुल्लित हो उठा ऐसा दृश्य उसने पहले कभी नही देखा था, वो अपने जीवन भर कंक्रीट कि दिवालो के बिच ही घिरी रही थी पहली बार उसे खुली हवा और सुंदर नजरो को जी भर के बिना डर के देखने का अवसर मिला था।

कल के पूरा घटनाक्रम उसकी नजरो के सामने उतर आया कैसे वो लड़का उसकी बेवकूफी से गिरते गिरते बचा और कैसे उसने उसके साथ बुरा बर्ताव किया अब उसे अच्छा महसूस नही हो रहा था क्या उसे फिर से उससे मिलना चाहिए?

उसके साथ कि सब लड़कियां जिनके कॉलेज में कई बॉयफ्रेंड थे और ब्रेकअप सोंग इस गरिमा से गा देती थी जैसे कोई भजन गा रही हो, आज शादी करके दो दो बच्चों कि माँ बन चुकी है और वो 25 साल कि नव युवती जिसकी जिन्दगी में अभी तक एक भी लड़का नही आ पाया था, फिर उसने गहरी साँस ली और सोचा- रागिनी बहुत ऊँची चीज है उसे पाना इतना आसान नही है मिस्टर यूनिवर्स, फिर वो मुस्कुराई और सोचा अगर वो मुझे चाहता होगा तो खुद ही आ जायेगा और अगर मेरे लायक है तो खुद ही साबित करेगा। उधर नींद में मयूर को गर्मियों में आने वाले फॉर्च्यून टेलर सपने में आ रहा था उसने मयूर को टेरो कार्ड निकालने को कहा और जब उसने टेरो कार्ड निकाल कर दिया तो उसने कार्ड

पढ़ कर कहा - एक बहुत बड़ी मुसीबत तुम्हारे तरफ बढ़ रही है, आने वाले 6 महीने तुम्हारे ऊपर बहुत भारी है, फिर उसे सपने में अपनी ही हंसी सुनाई पढ़ी, फिर बस के दरवाजे पर खड़ी रागिनी दिखाई दी और उसकी नींद खुल गयी। वो उठा और उसे रागिनी से मिलने कि त्रिव इच्छा हुई फिर उसने सोचा -अगर वो मुझसे

नही मिलना चाहती तो कोई बात नहीं, उसने दृढ़ता से मुझे फिर नही मिलने का कहा था मैं

उससे नहीं मिलेगा आगे किस्मत को जो भी मंजूर हो।

रागिनी ने अपना सामान लाल बेग में से निकला और एक एक कर के अलमारी में जमाना शुरू किया, सरे ट्रेडिशनल सूट के साथ एक जोड़ा जींस और टी शर्ट भी थी जो उसने आज

तक नहीं पहनी थी, सूट में दो चिकेन के एक कश्मीरी और तीन इंडो वेस्टर्न सूट थे इंडो वेस्टर्न सूट भी वो काम ही पहनती थी, कुछ ही देर में सारा सामान अलमारी में करीने से जम गया और वो फ्री हो गई।

सामान जमाते समय उसे अपने साथ लाये दो एप्पल भी मिले जिनको वो अलमारी में नही रख सकती थी, उसने उनको खाया और फिर बिस्तर पर सो गयी, वो आजाद थी जो चाहे वो करने के लिए, कोई डर नही कोई बंदिश नहीं बिलकुल एक आजाद चिड़िया कि तरह वो खुशी से भर गयी फिर खुशी में उसका मन डूबने लगा वो इस दुनिया में अकेली थी और फिर वो मयूर के बारे सोचने लगी, उसके मन में एक मीठी हलचल शुरू हो गई और फिर

उसे एक मीठी गहरी नींद ने घेर लीया। उसकी नींद खुली तब सामने लगी घड़ी में दो बज रहे थे, उसे तीव्र भूख लगी थी उसने कल रात से सिर्फ दो सेवफल के अलावा कुछ नही खाया था वो बहार निकली और उसे गलियारे में एक लड़की मिली उसने पूछा क्या तुम मुझे बता सकती हो मेस कहाँ है लडकी ने कहा -तीसरी मंजिल पर

वो एक रूफ टॉप किचेन था जहाँ का खाना बहुत सादा था, कम से कम उसके घर पे मिलने
वाले खाने से तो बहुत ही सामान्य, न तेज मिर्च मसाले न पनीर, बटर सिर्फ चपाती दाल, आलू मटर कि सब्जी और चावल पर उसने आज पहली बार मटर का असली स्वाद लीया था, और वह उसे बहुत अच्छा लगा था, खाने के बाद उसे अपनी प्लेट खुद ही सिंक में रखनी थी वहा कोई नौकर नहीं था, पर बदले में इनाम में उसे आजादी मिली थी, जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार थी उसने प्लेट उठा कर किचेन सिंक में रखी, तभी उसके दिमाग में बिजली सी कौंधी वो तेजी

से अपने रूम कि तरफ भागी, रूम में उसने अपनी पूरी अलमारी उलट पुलट दी, फिर बेग

खोला और उसको पूरा टटोला उसका मन भय से भर गया, वो अपने आप से बुदबुदाई - कहाँ चली गयी मैंने कहाँ रख दी, तभी उसे कुछ ख्याल आया और वो बहार कि तरफ तेजी से चल पड़ी जब तक वो उसे नही मिल जाती वो चैन से नही बैठ सकती थी, वो उसने अपने साथ ली ही क्यों थी, जबकि उसका नया जीवन शुरू हो रहा था? - उसने अपने आप को सांत्वना दी,

और अगर वह नहीं मिली तो ? जो होगा देखा जायेगा

वो बहार निकली और रिक्शा वाले को रोका और बोली- बस स्टैंड

उस समय लगभग 5 बजे थे और मयूर रागिनी के ख्यालो में डूबा था, कल का समय वापिस आ गया था और बादल भी कल कि अपनी नौकरी बखूबी निभा के आराम कर रहे थे, हल्की हल्की धुप में हरियाली निखर रही थी, और वो गम में डूबा था, सुबह से बहार नहीं निकला था. उसने सोचा बस स्टैंड तक चलते है. काका कि चाय का समय हो गया है।

उसने अपना ब्लू टाउसर और वाइट शर्ट डाला और गाड़ी स्टार्ट कि, लगभग 5 मिनिट में वो बस स्टैंड पर था, आज कल कि तुलना में थोड़ी भीड़ थी और सैलानी भी आ जा रहे थे, उसने गाड़ी पार्किंग में रखी और चाय कि दुकान कि तरफ बढ़ चला उसके मन में कल कि याद थी ये लड़की दूसरी लड़कियों से अलग थी-सोचते सोचते सोचते वो काका कि चाय कि दुकान पर पहुच गया, उसे देखते ही काका ने कहा वो लाल बेग वाली मेडम जी तुमको दो घंटे से ढूंढ रही है अभी यही प्रतिक्षालय में खड़ी थी

वो हतभ्रत था रागिनी मुझे ढूंढ रही थी ? कहा, कब, कैसे ? उसे अपने उतावलेपन पर खुद ही पछतावा हो गया

अभी नहीं थी शायद कुछ अर्जेंट काम था तुमसे, यही कही होगी-काका ने कहा

तब तक वो संभल चूका था उसने घूम कर चारो तरफ देखा और वो उसे दिखाई दी आज

फिर चिकेन का कुर्ता पर लाइट ग्रीन पैरेट कलर का फिर सफेद लेगी, बाल खुल्ले नहीं पर

हेयर बंद से बांधे हुए, वो उसकी कार के पीछे खड़ी होकर डिक्की खोलने कि कोशिश कर रही थी असम में फंसा मयूर तेजी से अपनी कार की ओर बढ़ा और उसने पूछा- क्या हुआ मेडम

अब क्या डिक्की तोड़ने का इरादा है?

उसके चेहरे कि अधीरता साफ देखी जा सकती थी-मैं कल किताब रखने के बाद बेग कि

चैन लगाना भूल गयी थी, मेरी किताब अंदर ही गिर गयी है। मयूर ने बिना कुछ बोले डिक्की का दरवाजा खोला और रागिनी ने अधीरता से अन्दर झाँका

डिक्की में पीछे कि तरफ उसकी किताब पड़ी हुई थी मानो उसी के आने का इंतजार कर रही थी उसने लपककर किताब उठा ली और उसको अपने पर्स मैं इस तरह डाला जैसे

कोई दुनिया कि सबसे कीमती चीज हो वो मुड़ी उसकी नजरे फिर मयूर से मिली जो उसको एक तक देख रहा था - क्या तुम यहाँ

ये किताब लेने आई हो?.
Hope you will complete this story, and good going ❤️❤️
 

Raanjhanaa

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नही में सिर्फ तुमसे मिलने आई हूं, रात भर से नींद नही आ रही थी तुम्हारी याद में और दो शरारती हंसी हंसने लगी - असल में मैं उस किताब के क्लाइमेक्स तक पहुंच गयी और अब मन मैं बहुत गहरा सस्पेंस है कि आगे क्या होगा - उसने उसकी नीली आँखों से बचते हुए शरारती अंदाज में बोला, ये नीली आँखे बहुत गहरा जाल डालती है शालिनी ने मन ही मन सोचा, इन आँखों से बच कर रहने में ही हम दोनों कि भलाई है। अगर तुम्हारी ये किताब खतम हो जाये तो क्यों न अपनी एक रोमांटिक कहानी शुरू करे?

मयूर ने उसकी आखों में जबरन आखें डालते हुए कहा

वैरी स्मार्ट, लेकिन रोमांटिक बिलकुल भी नही, क्या तुमको प्रोपोसे करने का इससे बढ़िया तरीका नही मिला था - रागिनी ने उसे चिढ़ाते हुए कहा तो तुम भी उन हिंदी फिल्मो कि हेरोइन कि तरह प्रपोसे चाहती हो । उसने कहा और टेबल के गुलदस्ते में पड़ी एक गुलाब कि कली उठा कर रागिनी कि और बढ़ते हुए बोला क्या तुम मुझसे प्यार करोगी?

चत रागिनी ने कहा- ऐसे तो शादी का प्रोपोसे करते है। हाँ पर पहले प्यार कर लो फिर शादी भी कर लेंगे - मयूर ने फिर उसकी आँखों में आखे

डालते हुए कहा

मेरे पापा बोलते है. प्यार एक भूत का नाम है जिसको लगता है उसको मार कर ही छोड़ता है

मयूर ने चौक कर उसकी तरफ देखा - उसका चेहरा फत्थर कि तरह सख्त था, और आंखें भी पथराई हुई

उसने फुल को वापिस गुलदस्ते में डाल दिया, शायद उसकी किस्मत नहीं थी किसी के प्यार इजहार और इकरार का गवाह बनने की। दोनों कुछ सेकंड तक बिना कुछ बोले एक दुसरे को देखते रहे मानो प्यार की किसी मूक भाषा में बात कर रहे हो, फिर क्या तुम मुझे वापिस हॉस्टल तक छोड़ दोगे- रागिनी ने पूछा

तुमको इतनी जल्दी क्या है हॉस्टल जाने कि ?

अब वो अपने आपको कम्फर्ट महसूस कर रही थी- उसने कहाँ - नही कोई जल्दी नही है और उसने उन नीली आँखों में झाँका- तुम्हारी फूड चॉइस अच्छी है, इतनी अच्छी ट्रीट के लिए थैंक्स

अजीब बहुत ही अजीब-मयूर ने कहाँ पहली बार किसी ने प्यार कि ऐसी परिभाषा दी है.

ये सही नही है, तुम्हारे डैडी कहा है। वो घर है अब हमको चलना चाहिए - उसने उठते हुए कहा और अपना बेग निकाला और पैसे देने लगी उसके पास नया कड़क दो हजार का नोट था जो उसने काउंटर पर बैठे लड़के को दिया

लड़के ने मयूर कि तरफ प्रश्नवाचक नजर से देखा, मयूर ने उसको इंकार से सर हिला दिया. और लड़के ने दो हजार का नोट वापिस रागिनी को पकड़ा दिया तभी मयूर बोला - उसके पास छुट्टे नहीं है, में दे देता हूँ, और उसने अपने पास से पैसे निकाल के लड़के को दिए, जो उसने काउंटर में डाल लिए उसे क्या कोई भी दे उसे तो अपने पैसे से मतलब है. उसने पहले भी कई लड़कियों के साथ मयूर को वह आते हुए देखा था पर ये पहली बार है जब उसने पैसे दिए हो, उसने सोचा-ये लड़की कुछ अलग है।

रागिनी अजीब थी उसकी आँखों में प्यार तो था पर एक डर भी, वो डरी हुए थी पर किस बात से, क्या वो घर से भाग कर आई थी उसके मन में कई सवाल उमड़ रहे थे. अभी इसको समय कि जरूरत है. ये अन्य लड़कियों से भिन्न है क्या पता इसकी क्या प्रौब्लेम है ? और प्रोब्लेम ये जब तक नही बताएगी जब तक ये मेरे साथ कम्फर्ट महसूस नही करने लगेगी

उसने बोलना चालू किया- यहाँ हर रविवार को एक मेला लगता लखवर मेला,मुझे वह जाना बहुत अच्छा लगता है, वहां पहाड़ी संस्कृति, खाना, और लोकल लोगो मुलाकात का मजा ही अलग है।

और फिर बाते करते करते हॉस्टल आ गया, ओके रागिनी बाय

रागिनी उसका नाम सुनने में इतना अच्छा लगता है ये उसने पहली बार अपना नाम मयूर के मुंह से सुन कर महसूस किया।
 

Raanjhanaa

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Update 9
घर पहुच कर मयूर ने अपना लैपटॉप निकला और फेसबुक पर रागिनी का नाम राइप किया रागिनी शर्मा इस नाम की कई प्रोफाइल खुल गयी पर उनमें से कोई भी रागिनी नही थी, उसने इन्स्टाग्राम, गूगल प्लस सब जगह टाइप किया, पर उसे नेट पर एक भी जगह रागिनी का फोटो दिखाई नहीं दिया अजीब बात है आज की आधुनिक लड़की और नेट पर कोई उपस्थिति नही

आग दोनों तरफ बराबर लगी थी - रागिनी ने अपना मोबाइल खोला और गूगल किया फ्रेडरिक मोटेल, मसूरी और उसके सामने एक खूबसूरत मोटेल का फोटो, लोकेशन रूम अवलाब्लिटी, रेट उभर कर आ गये, इन सबमे उसको दिलचस्पी नही थी उसने पेज के निचे नजर डाली कांटेक्ट पर्सनल पर क्लिक किया और उसे दिखाई दिया मयूर फ्रेडरिक और साथ में कांटेक्ट इनफार्मेशन में एक मोबाइल नंबर भी लिखा था,

उसने नंबर अपने मोबाइल में सेव किया और व्हाट्सएप पर जाकर रिफ्रेश किया, मयूर का नंबर उसमे शो होने लगा था उसने प्रोफाइल पिक्चर पे क्लिक किया और उसे पिक्चर में वही दो नीली आखें अपनी और देखती हुई दिखाई दी, उसने फोटो अपने मोबाइल में डाउनलोड किया और मेसेज बॉक्स में हैल्लो लिखा, फिर मिटा दिया |

हेल्लो लिखने और मिटने का सिलसिला लगभग आधे घंटे तक चलता रहा, वो मेसेज भेज कर उसको हेल्लो बोलना भी रही थी पर एक भय उसे रोक रहा था, सुबह जब वो सो कर उठी तो उसने हिम्मत जुटाई गुड मॉर्निंग लिखा और आंख बंद कर सेंट् का बटन दबा दिया।

मयूर सुबह उठा तो उसे अपने व्हाट्सएप्प में कई रेगुलर मैसेज के साथ एक अननोन नम्बर

भी दिखाई दिया, जिसपर मैसेज आया था- गुड मॉर्निंग

उसने प्रोफाइल पिक्चर पे क्लिक किया और रागिनी अपनी सहेलियों के साथ विच पर

दिखाई दे रही थी, तो मेडम ने मेरा नम्बर कही से ले लिया, उसने मेसेज का जवाब दिया वैरी गुड मोरिनिंग, कैसी हो, आज शाम को फ्री हो क्या ? शाम के 8 बजे तक तक कोई रिप्लाई नहीं आया और रात भी निकल गयी, अगले दिन सूरज निकलने के साथ ही मयूर की खुशी, मायूसी में बदल गयी आखिर उसने उसके

मेसेज के रिप्लाई क्यों नही किया।

फिर उसे एक हिंदी फिल्म का आईडिया सुझा, रागिनी की हिंदी फिल्मे बहुत पसंद है. उसको ऐसा ही आईडिया पसंद आएगा- उसने मैसेज किया आज दिन के सेकंड शो की दो टिगिट ली है. तुम्हारा इंतजार करूंगा विजेता मल्टीप्लेक्स के बहार, बस स्टैंड के पास, रात 9 बजे सी यू बाय

स्काई ब्लू जींस और वाइट शर्ट पहना, ब्लैक फॉर्मल शूज, करीने से सजे बाल और क्लोज से महकता वो खुद मजिल बहुत पास है. आजकल लड़किया भी हिंदी मूवीज देख देख कर ड्रामा क्वीन बन गई है. उसने कार स्टार्ट की और मल्टीप्लेक्स के पार्किंग में ही जा कर रोकी, कार से उतरा और रागिनी का इंतजार करने लगा। उसने घड़ी देखी समय लगभग 8:30 बजा था, धीरे धीरे 9 बजने आई और उसके दिल की धड़कन बढ़ गयी, क्या होगा अगर वो नही आई तो, 9 की 10.30 हुई और ।। बजने आ

गयी, उसका मन बैठने लगा, अब वो नहीं आएगी, वो पुरे शो के खतम होने तक वही खड़ा

रहा, लगभग ।। बजे तक उसका मन हो गया और वो बुझे मन से अपनी कार की और

चल पड़ा

रागिनी नहीं आई तो नही ही आई, अजीब लड़की है, उसने कहा-अब में कभी उसे मैसेज नही करुगा, न ही कभी मिलेगा चाहे कुछ भी हो जायें। उस रात वो बिना कुछ खाए सो गया, उसका कुछ भी करने का मन नही हो रहा था, शाम खराब हो गयी थी।

सुबह उठकर गर्म पानी का शावर लेते हुए वो उसके सामने रागिनी का चेहरा उभर आया, उसका मन गुस्से, खीज, और अजीब से दर्द से भर गया, आज रविवार है, आज उसको फेअर (मेले) में जाना था, पर उसका कही जाने का मन नही हो रहा था वो चुपचाप बैठा शून्य को घुर रहा था की तभी फ़ोन की घटी बजी, उसने फ़ोन उठाया और एक खनकती हुई आवाज सुनाई दी- मयूर में कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ तुम आये

क्यों नहीं ? वो आवाज रागिनी की ही थी।

उसके मुंह से बोल नहीं फुट रहे थे, बड़ी मुश्किल से उसने पूछा- कहाँ नही आया में ? दूसरी तरफ से रागिनी ने कहा माय गॉड, क्या तुमने मेरा मैसेज नही पढ़ा जो मेने तुम्हारे मूवी वाले मेसेज के बाद किया था।

अब मयूर के मन में उत्सुकता अपने परवान पर भी- नही, क्या था उसमें ? पढो, पहले उसे मेसेज को पढो और मुझे फोन करो, मैं यहाँ तुम्हारा वेट कर रही हूँ।
 
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