mistyvixen
Prime
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Aapki story ke baare mein toh bhul hi gye thi...padhte hoon time milne parNa jaane kitne next post kar rakhe hai, per tumne padha hi nahi? Misty
Aapki story ke baare mein toh bhul hi gye thi...padhte hoon time milne parNa jaane kitne next post kar rakhe hai, per tumne padha hi nahi? Misty
First of all congratulationsEk tarf Aslam hai jo Ship me sabhi ke sath is tarh ghool mila hai jaise wo khud bhi unme se ek ho jabki Aslam ka such to kuch or hai
.
Lekin Jack or Johnny kaun se daulat ki bat kar rhe the Kaun se Daulat looting hai indono ne mil ke sahip me ya fir apni bite kal me or sath he ye dono kis SHAKSH ke bare me bat kar rhe hai
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Bada ajeeb kism ka Twist hai story me Raj_sharma bhai
,jack and jony ne peeche samay me kuch loot paat kiya hoga usi ki baat kar rahe hai, or wo aadmi jo bhi isi ship 

Mujhe bhool jaaogi to kaise chalega sarkaar?Aapki story ke baare mein toh bhul hi gye thi...padhte hoon time milne par![]()
Kristi ko ab antt pas najar aaraha hai, isi liye wo alex se ILU-ILU kar rahi hai, waise mystery girl kevel ek hi hai mistyvixenWaise hai to Kristi bhi ek tarh se Mistry girl jispe Alex Fida ho gay tha or aaj wahe Alex ko shyad afsoos ho raha hai
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AB ye kaun sa new member aa gya Ship me ek Tota bole to Parrotname Amoo aate he Suyash ko dost bol raha hai apna kya matlab hai is bat ka ab
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Kafi majedar lagta hai Amooshyad ye koi rasta dikha ske sabko bachne ka maja aa gya Raj_sharma bhai update me
Baaki sab normal hi hai, rahi baat Emu-tota ki to ab wo aaya hai to ship per bhoochaal hi aayega
Sayad. Sath bane rahiye, Thanks brother for your wonderful review and support 
Itni aasani se kaise khool du saare raaj?Aaaaaaayyyyyeeeeee
Ab ye kya ho raha hai yaha per ek tarf yeAmmoo bolta hai Suyash se ki tum bar bar chod ke chale jate ho ab is bat ka kya matlab hua bhala
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Uper se Aslam to poora waqt Suyash ke sath rhaa tha to fir Lab me Thomas ko kisne maar dia or Kaun hai wo Katil
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Tagda Jhatkha Dene wala hai ye update Raj_sharma bhai
Wo kaatil kon hai iska bhi pata chal hi jayega, or wo tota chod ke nahi
BOLA, balki Chhod ke bola tha
, is baat me wakai me rahasya hai, or hum jald hi iska khulasa karenge mitra 

Shefaali ki ye paheli to aasaan hi hai bhaiKatil ho bhi hai bahut he jada shatir hai wo aakhir hai kaun wo
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Dosre tarf Shafali ki ajeeb paheli mere to sir ke uper se nikal gaye
Ab to majboori meri hai jada socha Shafali ki paheli ko Mere HONEYMOON ki lag jaygi
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Lekin Shafali ne kaha suna hai Amoo ka name or sochte sochte aakhir Shafali esa kya sochne lagi ki Bruno sirf Shafali ko sochte dekh usse door hone laga aakhir Shafali ki kya Mistry ho skti hai is safar me
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Bahut he Amazing Update hai Raj_sharma bhai
Khud try kar ke dekho? Honeymoon ki nahi lagegi
,
Mystery girl kisliyeKristi ko ab antt pas najar aaraha hai, isi liye wo alex se ILU-ILU kar rahi hai, waise mystery girl kevel ek hi hai mistyvixenBaaki sab normal hi hai, rahi baat Emu-tota ki to ab wo aaya hai to ship per bhoochaal hi aayega
Sayad. Sath bane rahiye, Thanks brother for your wonderful review and support
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Naam Raaz hai toh bhul gye...kyuki bahut common naam haiMujhe bhool jaaogi to kaise chalega sarkaar?
Raj_sharma (the poet) one and only apun hi hai is forum perMystery girl kisliye
Naam Raaz hai toh bhul gye...kyuki bahut common naam hai
Kuch kadal sa maseledaar rkho...
Raj Sharma isse common naam nhi ho skta kuch.

# 44 .
ऐमू को इस तरह से बोलते देख ना चाहते हुए भी सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
“ब्रैंडन...पहले तो शिप को उस दिशा में मोड़ने के लिए कह दो, जिधर से ये तोता........म...मेरा मतलब है कि यह ऐमू आया है।“ सुयश ने ऐमू को देखते हुए तुरंत अपनी बात सुधारी- “और हां ऐमू के खाने के लिए कुछ फल ले आओ।“
“फल नहीं खाता......ऐमू फल नहीं खाता..... फल उल्लू खाता.... ऐमू उल्लू नहीं.........मैं ऐमू.......ये ऐमू का दोस्त..... ऐमू टमाटर, मिर्ची खाता।“ ऐमू ने मुंह बनाते हुए कहा।
“अच्छा-अच्छा ! ऐमू जी के लिए टमाटर व मिर्ची भिजवा दो।“ इस बार सुयश के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।
“अच्छा ऐमू जी, जब तक आप यहां बैठें और टमाटर मिर्ची खाएं। मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं।“ सुयश ने ऐमू से कहा।
“जल्दी आना.....ऐमू के दोस्त...... तुम बार-बार ऐमू को छोड़ कर चले जाते हो।“
हालांकि सुयश ने ऐमू की बात सुनी जरुर, पर उसे कुछ समझ में नहीं आया कि ऐमू क्या बोल रहा है ?सुयश ऐमू को ब्रैंडन के हवाले कर, असलम को लेकर एक ओर बढ़ गया।
“कैप्टेन, मेरी समझ में नहीं आया कि आपने उस तोते की वजह से शिप क्यों मुड़वाया ?“ असलम ने चलते-चलते पूछा।
“क्यों ?“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से कहा।
“क्यों कि कल जब आपने उस सुनहरे मानव की वजह से शिप को मुड़वाया था। तब से अभी तक हमारे ऊपर कोई मुसीबत नहीं आई है। फिर यह दोबारा से शिप को मोड़ना, मेरी समझ में नहीं आया।“ असलम ने कहा।
“तुम ऐमू को ध्यान से देखो असलम। वह कितनी साफ इंग्लिश बोलता हैं। इसका मतलब वह जिस दिशा से आया है, वहां पर सभ्य इंसान रहते हैं। इसलिए मैंने शिप को उस दिशा में मुड़वा दिया।“ सुयश ने असलम को समझाते हुए कहा।
“ठीक है कैप्टन, अगर आपने ऐसा सोचा है। तो सही ही सोचा होगा। पर जाने क्यों आज मेरा मन बहुत भारी-भारी सा हो रहा है। ऐसा लगता है जैसे आज कोई खतरनाक घटना घटने वाली है।“ असलम के चेहरे पर घबराहट साफ नजर आ रही थी।
“यह तुम्हारा भ्रम भी तो हो सकता है। अच्छा छोड़ो इस बात को।“ कहते हुए सुयश ने टॉपिक को चेंज किया- “यह बताओ कि अलबर्ट की स्थिति अब कैसी है? डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट के बारे में क्या बताया ?“
“अलबर्ट की स्थिति अब पहले से बहुत बेहतर है। कभी-कभी वो थोड़ा भावुक हो जाते हैं। लेकिन कोई ऐसी परेशानी की बात नहीं है। हम लोगों ने उन्हें पुरानी बातें भुलाने के लिए, उनके पुराने कमरे को बदलकर उन्हें नए कमरे में कर दिया है। आज सुबह से ही शैफाली और उसके मम्मी-पापा अलबर्ट के ही कमरे में हैं। डॉक्टर निक्सन के अनुसार भी वह पूरी तरह से नॉर्मल हैं। थोड़ी सी परेशानी उनके सिगरेट ना पीने की वजह से हुई थी क्यों कि वह काफी लंबे अरसे से सिगरेट पी रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे वह अपने आप को कंट्रोल कर लेंगे।“ असलम ने कहा।
“चलो पहले मैं उन्हीं से मिल लूं। इसी बहाने थोड़ा उनका मन भी हल्का हो जाएगा।"
लेकिन इससे पहले की सुयश और असलम, अलबर्ट के नए कमरे की ओर बढ़ते, एक सिक्योरिटी गार्ड वहां दौड़ा-दौड़ा आया और बोला-
“कैप्टेन जल्दी चलिए, पता नहीं कैसे हमारी लैब में आग लग गई है?“
“क्या ऽऽऽ?“ सुयश ने आश्चर्य से कहा। यह खबर सुनते ही सुयश का दिमाग ब्लास्ट हो गया।
“असलम जल्दी चलो, लगता है कोई नयी मुसीबत हमारा इंतजार कर रही है।“ इतना कहकर सुयश, असलम को लेकर तेजी से लैब की ओर भागा।
चैपटर-14 6 जनवरी 2002, रविवार, 15:00;
थॉमस अपनी लैब में बैठा हुआ था। उसके बगल में रुमाल का एक ढेर लगा था। वह बार-बार अलग-अलग रुमाल उठाता और उस पर कोई केमिकल डालकर रुमाल को चेक कर रहा था। उसकी गहरी निगाहें रुमाल के ऊपर लगीं थीं।
अचानक एक रुमाल पर केमिकल डालते ही उसकी आंखें चमक उठीं। रुमाल पर कुछ छोटे-छोटे कण अब चमकने लगे थे। थॉमस ने एक बार पुनः वह रसायन उस रुमाल पर डाला और ध्यान से उसके रिएक्शन को देखने लगा। वह काले कण कुछ और ज्यादा गाढ़े हो गए।
“निश्चित ही यह बारूद के कण हैं।“ थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया- “इसका मतलब है कि जिसने भी हॉल में लॉरेन को गोली मारी, यह रुमाल उसी का है और उसने रिवाल्वर को रुमाल से पकड़ रखा था।“
रुमाल का एक हिस्सा रिवाल्वर की नाल की वजह से थोड़ा जल भी गया था, जो अब थॉमस को साफ दिख रहा था। रुमाल से अभी भी संदल की खुशबू आ रही थी। थॉमस ने तुरंत रुमाल को उठाकर उसे पीछे पलटा। पीछे उस आदमी का नाम और रूम नंबर पड़ा था। थॉमस ने मन ही मन उस नाम को दोहराया।
“खाना खाने नहीं चलना है क्या सर?“ पीछे से उसके असिस्टेंट पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लंच के लिए जा चुके हैं, बस हम ही लोग बाकी बचे हैं।“
“2 मिनट रुक जाओ पीटर........या फिर ऐसा करो कि तुम खाने के लिए चलो, मैं बस थोड़ी ही देर में आ रहा हूं।“ थॉमस ने पीटर से कहा।
“ओ.के. सर।“ कहकर पीटर रुम से बाहर निकल गया, शायद उसे तेज भूख लगी थी।
“मुझे तुरंत कैप्टेन को कातिल का नाम बता देना चाहिए।“ थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया।
यह सोचकर वह फोन की ओर बढ़ गया। थॉमस ने जैसे ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन पर एक खरखराती आवाज सुनाई दी-
“तुझे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है क्या ? जो मेरे बारे में कैप्टन को बताने जा रहा है।“ एकदम से फोन पर आयी आवाज से थॉमस हैरान हो गया।
वह एक पल में समझ गया कि इस फोन के पैरलल में लगे किसी फोन पर कातिल मौजूद है और वह उसे भली भांति देख रहा है। यह अहसास ही उसे एक पल के लिए कंपा गया। थॉमस ने तुरंत आसपास के सभी फोन पर नजर मारी।
उसकी निगाह एक दिशा में जाकर ठहर गई। एक खंभे के पास अंधेरे में खड़ा, उसे एक साया नजर आया। जो उसी की तरफ देख रहा था। कातिल के सीधे हाथ में रिसीवर था, जो वह अपने कान पर लगाये था।
“कौन हो तुम?“ थॉमस ने हिम्मत करते हुए जोर से पूछा और फिर रिसीवर को धीरे से क्रैडल पर रख दिया।
“अभी-अभी तुमने मेरा नाम रुमाल पर से पढ़ा तो है, फिर भी भूल गए।“ कातिल की गुर्राती हुई आवाज वातावरण में गूंजी।
“तो क्या तुम......?“
“मेरा नाम लेने की कोशिश मत करो।“ कातिल ने थॉमस के शब्दों को बीच में ही काटते हुए, उसे चुप करा दिया- “क्यों कि मेरे हिसाब से हवा के भी कान होते हैं और मैं नहीं चाहता कि मेरी आवाज, मेरा नाम अभी किसी तक पहुंचे।“
“क्या चाहते हो तुम?“ थॉमस के शब्दों में भय साफ नजर आ रहा था।
“अजीब पागल हो तुम.....।“ कातिल के स्वर में खतरनाक भाव आ गये- “अब जब तुमने मेरा नाम ‘जान‘ लिया है, तो अब मैं भी तुम्हारी ‘जान‘ ही लूंगा।“
“तुम..... तुम मुझे नहीं मार सकते।“ थॉमस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा ।
थॉमस की आँखें अब अंधेरे में भी कातिल के हाथ में थमे रिवाल्वर की स्पष्ट देख रहीं थीं। और इससे पहले कि थॉमस अपने बचाव में कुछ कर पाता, एक ‘पिट्‘ की आवाज हुई और एक गोली उसके गले में सुराख कर गई। थॉमस किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से फर्श पर गिर गया। उसकी आंखों में आश्चर्य के भाव थे। शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर विश्वास नहीं था।
कातिल ने रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारकर हवा में उड़ाया और फिर रिवाल्वर की नाल पर लगा साइलेंसर हटाकर, दोनों ही चीजें अपनी जेब के हवाले कर लीं। अब कातिल रुमाल के ढेर के पास पहुच गया। उसने अपनी जेब में हाथ डालकर एक लाईटर निकाल लिया। ‘खटाक‘ की आवाज के साथ लाइटर ऑन हुई और उससे निकलती हुई लौ ने तुरंत ही रुमाल के गठ्ठरों को अपने घेरे में ले लिया।
कातिल ने एक-दो जलते हुए रुमाल थॉमस के ऊपर व कुछ रुमाल कमरे में इधर-उधर फेंक दिये। धीरे-धीरे पूरे कमरे ने आग पकड़ ली। कुछ ज्वलनशील रसायनों को भी आग ने अपने घेरे में ले लिया। कातिल अब सधे कदमों से रुम के बाहर निकला और एक दिशा में चल दिया। कुछ आगे जाने पर उसकी स्पीड एका एक तेज हो गई। अब वह तेजी से चिल्ला रहा था-
“आग.....आग.....लैब में आग लग गई......गार्ड.....गार्ड..जल्दी सीजफायर लाओ।“ उसके चिल्लाते ही बहुत से लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित हो गया।
तब तक लैब से काला धुआं निकलने लगा था। बहुत से लोग लैब से धुंआ निकलते देख वहां पर एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने शीशे तोड़कर आग बुझाने के यंत्र निकाल लिए। वह सिलेण्डर हाथ में लेकर लैब में घुस गए। आग अभी इतनी ज्यादा नहीं फैली थी कि उसे बुझाया न जा सके।
धीरे-धीरे गार्ड्स ने आग पर काबू पा लिया। कातिल भी अब भीड़ में शामिल हो गया था। आग परशकंट्रोल होते देख उसके चेहरे पर एक दबी-दबी सी मुस्कान आ गयी। तभी वहां भागते हुए सुयश, असलम और ब्रैंडन दाखिल हुए।
“क्या हुआ? यह आग कैसे लग गई?“ सुयश ने एक गार्ड से पूछा।
“पता नहीं सर.......अभी इस बारे में कुछ मालूम नहीं हुआ है.... धुंआ छटे तो शायद कुछ समझ में आए।“
तभी पीटर वहां दौड़ता हुआ आया- “थॉमस सर तो ठीक हैं ना ?..... वो लैब के अंदर ही थे।“
“क्या ऽऽऽ?“ सुयश ने हैरानी से कहा। सुयश तुरंत छलांग लगाकर धुंए को हाथों से हटाता हुआ अंदर दाखिल हो गया।
धुंआ अब काफी कम हो गया था। लैब के सारे खिड़की दरवाजे खोल दिए गए और एग्जास्ट फैन चालू कर दिए गए। बामुश्किल 5 मिनट में ही धुंआ काफी हद तक छंट गया। पीटर भी अब अंदर दाखिल हो गया। तभी सुयश को दूर जमीन पर कुछ पड़ा दिखाई दिया।
पास पहुंचने पर पता चला कि वह थॉमस की लाश है। लाश बुरी तरह से जल गई थी, लेकिन फिर भी पीटर ने उसे पहचान लिया। लाश के कपड़ों से अभी भी कहीं-कहीं से धुआं निकल रहा था। धुंआ निकल जाने की वजह से अब रुम की सभी चीजें बिल्कुल साफ नजर आ रहीं थीं।
जारी रहेगा________![]()
# 45 .
थॉमस की लाश देखने के बाद सुयश की नजरें अब पूरी लैब में दौड़ने लगीं।
ब्रैंडन ने किसी भी यात्री को अंदर आने से मना कर दिया। सुयश की नजरें तेजी से किसी सर्चलाइट की तरह पूरी लैब में घूम रही थीं। तभी उसकी निगाह कुछ दूर पड़े एक अधजले रुमाल पर पड़ी। अचानक ही कुछ यादकर सुयश के दिमाग में धमाके से होने लगे। उसने फिर अपनी नजरें इधर-उधर दौड़ाईं।
अब उसकी नजरों के आगे लैब में बिखरे कई अधजले रुमाल नजर आने लगे। सुयश धीरे-धीरे चलता हुआ, थॉमस की लाश के पास आया और उसे ध्यान से देखने लगा। कुछ ही देर में सुयश की पैनी निगाहें थॉमस के गले पर थीं। अब वह थॉमस की लाश के पास बैठकर ध्यान से उसके गले के पास देखने लगा।
ब्रैंडन व असलम की भी निगाहें अब सुयश की निगाहों का पीछा करते हुए थॉमस की लाश के गले पर चलीं गयीं। गले के पास का हिस्सा जल जाने के बाद भी गोली का सुराख स्पष्ट नजर आ रहा था।
“आखिरकार लॉरेन के ब्वॉयफ्रेंड ने एक और कत्ल कर ही दिया।“ सुयश के चेहरे पर अफसोस के भाव आ गये।
“कैप्टेन आपकी यह बात तो सही है कि इनकी हत्या की गयी है और वह भी गोली मारकर। पर आप यह कैसे कह सकते हैं कि उनकी हत्या लॉरेन के ब्वॉयफ्रेंड ने की है।“ ब्रैंडन के स्वर में उत्सुकता के भाव नजर आये।
“ब्रैंडन जरा पूरी लैब में बिखरे हुए इन रुमालों को देखो और कुछ याद करने की कोशिश करो।“ सुयश के शब्दों को सुन ब्रैंडन और असलम दोनों की निगाह लैब में चारों ओर घूम गई।
“मैं समझ गया कैप्टेन कि आप क्या कहना चाहते हैं।“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “थॉमस ने जरूर रुमाल के द्वारा कातिल का पता लगा लिया होगा। जिससे की कातिल ने उसे खत्म कर दिया।“
“लेकिन इससे एक और बात पता चलती है कि कातिल जो भी है, वह बहुत तेज व चालाक है और वह हम लोगों की एक-एक हरकत पर नजर रखे है। ये भी हो सकता है कि बाहर खड़ी भीड़ में भी वह हो और यह पता करने की कोशिश कर रहा हो कि अंदर के हालात क्या हैं?“ सुयश ने बाहर खड़ी भीड़ पर नजर मारते हुए कहा।
“मेरी समझ में यह नहीं आया कि वह कातिल पागल है क्या ? जो उसने कत्ल करने के बाद लैब में आग लगा दी ? क्यों कि उसको भी पता होगा कि अगर शिप में आग ज्यादा भड़क जाती तो पूरा शिप जलकर राख हो जाता और शिप में तो वह स्वयं भी था। फिर उसने इतना बड़ा रिस्क कैसे लिया ?“ ब्रैंडन ने अपने दिमाग में घूम रहे प्रश्नों का उत्तर जानना चाहा।
“ये भी तो हो सकता है कि आग उसने इस तरह लगाई हो कि वह ज्यादा ना भड़कने पाए या फिर आग लगाने के बाद उसने ही सबको बुला कर इकट्ठा किया हो?“ सुयश ने कहा।
“होने को तो कुछ भी हो सकता है लेकिन वह सब हमारी कल्पना मात्र होगा। इसलिए फिलहाल बहस करने का को ई फायदा नहीं है। ऐसा करते हैं सर कि फिलहाल हम इस लाश को भी स्टोर रुम में रखवा देते हैं और बाकी की परेशानियों की ओर ध्यान दें। जो कि आने वाली हैं ना कि जो बीत गईं हैं।“ असलम ने सबको भविष्य की तस्वीर दिखाते हुए कहा।
“ठीक है ऐसा ही करो।“ सुयश ने सिर हिलाते हुए कहा- “ब्रैंडन तुम इस लाश को भी स्टोर रूम में रखवा दो और असलम तुम मेरे साथ अलबर्ट के रुम की ओर चलो।“ इतना कहकर सुयश लैब से बाहर निकल गया। असलम भी उसके पीछे-पीछे था।
6 जनवरी 2002, रविवार, 16:45;
“हां तो ग्रैंड अंकल, अब अगला सवाल।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें चमकाते हुए अलबर्ट को फिर से एक पहेली में उलझा दिया-
“सबसे पहले आपका जन्म जिस तारीख को हुआ था वह लिख लीजिए.......फिर उसे 4 से गुणा करके उसमें 13 जोड़ दीजिए।“
अलबर्ट शैफाली की कही बातों को सुनकर, एक पेज पर कैलकुलेशन करने लगा। चूंकि रुम का दरवाजा खुला था इसलिए सुयश व असलम को बेल बजाने की जरुरत नहीं पड़ी। वह दोनो कमरे में दाखिल हो गये।
अलबर्ट को कैलकुलेशन में व्यस्त देख सुयश व असलम बिना किसी को डिस्टर्ब किए सोफे पर बैठ गये। उधर शैफाली लगातार बोले जा रही थी-
“अब जो संख्या आई है उसे 25 से गुणा कर दीजिए.......अब आयी नयी संख्या में से 200 को घटा दीजिए..... अब आपका जन्म जिस महीने में हुआ है, उसे इस पूरी संख्या में जोड़ लीजिए......यानी कि यदि आपका जन्म जुलाई में हुआ हो तो पूरी संख्या में 7 को जोड़ दीजिए... ... अब फिर से पूरी संख्या को 2 से गुणा कर दीजिए........अब पूरे में से 40 को घटा दीजिए ........अब सबका गुणा 50 से कर दीजिए... ....अब जिस वर्ष में आपका जन्म हुआ है उसे पूरी संख्या में जोड़ लीजिए.. ....यानी यदि आपका जन्म सन 1950 में हुआ हो तो पूरी संख्या में 50 जोड़ लीजिए........ अब जो भी संख्या आई, उस पूरी संख्या से 10500 घटा दीजिए।“
इतना कहकर शैफाली अब चुप हो गई। अलबर्ट ने सारी कैलकुलेशन करने के बाद, पुनः इस तरह शैफाली को देखा मानो वह पूछना चाहता हो कि ‘अब क्या करना है?‘
शैफाली ने जब अलबर्ट को थोड़ी देर शांत देखा, तो पूछ लिया-
“हां ग्रैंड अंकल अब आप जो भी उत्तर आया है, वह मुझे बता दीजिए।“
‘260435‘ अलबर्ट ने शैफाली को उत्तर दिया।
“इसका मतलब आपका जन्म 26 अप्रैल सन 1935 को हुआ था।“ अलबर्ट शैफाली का उत्तर सुनकर हैरान हो गया। क्यों कि वह जो बोल रही थी, वह बिल्कुल सही था।
अलबर्ट एक पल के लिए अपनी सारी परेशानियां भूल गया। वह काफी देर तक इस कैलकुलेशन में उलझा रहा। परंतु यह नहीं समझ पाया कि यह कैलकुलेशन आई कैसे?
“कहिए ग्रैंड अंकल, पहेली कैसी रही?“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
“बहुत ही शानदार।“ अलबर्ट ने शैफाली की तारीफ करते हुए कहा- “पर तुम इतनी कठिन गणित की पहेलियां बना कैसे लेती हो ?“
“मुझे स्वयं नहीं पता ग्रैंड अंकल। मैं तो बस गणित के इन अक्षरों से खेलती हूं। खेलते-खेलते ये पहेलियां अपने आप बन जाती हैं।“ कहते-कहते शैफाली अचानक रुक गई। उसने इधर-उधर देखा। उसका चेहरा अब सोफे पर बैठे सुयश की ओर था।
“गुड इवनिंग कैप्टेन अंकल।“ शैफाली ने हवा में अपनी नाक पर जोर देते हुए कहा- “आपके साथ भी कोई है?“
“गुड इवनिंग बेटा।“ सुयश के चेहरे पर पुनः शैफाली के लिए तारीफ के भाव आ गये- “मेरे साथ इस शिप के सेकेंड असिस्टेंट कैप्टेन असलम हैं।“
“हैलो मिस्टर अलबर्ट, कैसे हैं आप?“ सुयश ने आगे बढ़कर अलबर्ट से हाथ मिलाया।
“ठीक हूं।“ अलबर्ट का स्वर बिल्कुल शांत था- “अब पहले से अच्छा महसूस कर रहा हूं।“
सुयश ने भी अलबर्ट से मारिया के बारे में कुछ ना पूछा। वह नहीं चाहता था कि अलबर्ट को मारिया की याद आए।
“शैफाली का दिया हुआ सवाल हल कर रहे थे?“ सुयश ने टॉपिक चेंज करते हुए पूछा।
“हां, उसके पास सवाल ही ऐसे हैं कि उसे हल करने में मजा आता है। वैसे ये काफी टैलेंटेड और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लड़की है।“
“आपने बिल्कुल सही कहा।“ सुयश ने भी शैफाली की तारीफ की- “मुझे भी ऐसा लगता है, जैसे शैफाली के अंदर कुछ अंजानी विचित्र शक्तियां हैं, लेकिन इसका पता इसे स्वयं नहीं है। अब शैफाली के सपनों के बारे में ही ले लीजिए। इसने जो भी अपने सपनों में देखा था, वह सब एक-एक करके सही हो रहे हैं।“
“तो क्या उस रहस्यमय द्वीप की तरह सुनहरा मानव भी दिखाई दिया ?“ चूंकि अलबर्ट को कल घटी घटना की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए वह पूछ बैठा।
“जी हां ! कल रात समुद्र की लहरों पर दौड़ता हुआ एक सुनहरा मानव हमें दिखाई दिया। जिसके शरीर से बहुत तेज सुनहरी रोशनी निकल रही थी। उसने ठीक शैफाली के सपनो की तरह एक दिशा की ओर इशारा किया और गायब हो गया। हमने कल शिप को भी उसी दिशा में मोड़ दिया था, जिधर उस सुनहरे मानव ने इशारा किया था।“ सुयश ने कहा।
“था ?......था से आपका क्या मतलब है कैप्टेन अंकल?“ शैफाली ने हैरानी से पूछा- “क्या अब शिप उस दिशा में नहीं चल रहा है?“
“नहीं !“ सुयश ने नकारात्मक अंदाज में अपना सिर हिलाया- “हमें ऐमू नाम का एक तोता उड़कर एक दिशा से आता हुआ दिखाई दिया। वह तोता बड़ा ही रहस्यमई था। वह बिल्कुल साफ इंग्लिश बोल रहा था, इसलिए हमने उसे एक सभ्य दुनिया से आया जानकर, शिप को उस दिशा में मोड़ दिया, जिधर से वह आया था।“
“ओ.....नो !“ शैफाली के शब्दों में अफसोस झलकने लगा।
“क्या हुआ?“ सुयश को भी शैफाली के शब्दों से किसी खतरे का अहसास हुआ- “क्या कोई गलती हो गई?“
“पता नहीं , पर जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मैंने यह ऐमू नाम पहले भी कहीं सुन रखा है?“ शैफाली के शब्द इस बार किसी रहस्य से भरे थे।
“क्या ऽऽऽऽ? सुयश यह सुनकर सिहर उठा- “शैफाली तुम याद करने की कोशिश करो कि तुमने यह शब्द कहां सुन रखा है?“
“ऐमू......ऐमू ....।“ शैफाली ने होठों ही होठों में यह शब्द दोहराया और अपने दिमाग पर जोर देना शुरू कर दिया। शैफाली लगातार अपने दिमाग पर जोर डाल रही थी।
सभी की निगाहें अब सिर्फ और सिर्फ शैफाली पर थी। ब्रूनो शैफाली के पास शांत बैठा था। अचानक उसने एक झटके से अपना सिर उठा कर शैफाली की ओर देखा। ब्रूनो के कान अब खड़े हो गए और वह एकटक शैफाली को घूरने लगा।
अचानक ब्रूनो शैफाली के पास से उठा और कुछ दूर जा कर चुपचाप जमीन कर बैठ गया। लेकिन अभी भी उसकी आंखें शैफाली को घूर रही थीं। उधर शैफाली लगातार अपने दिमाग पर जोर डालते हुए ऐमू के बारे में सोच रही थी।
ब्रूनो की यह विचित्र हरकत इस बार किसी से छिपी ना रह सकी। सुयश ने बहुत ध्यान से इस बार ब्रूनो को देखा । जाने क्या सोचकर एक बार तो वह सिहर उठा। उसे ब्रैंडन की बात याद आ गई।
“यह क्या.......?“ अचानक शैफाली की आवाज ने सबको हैरान कर दिया- “यह तो वही रहस्यमई द्वीप है।“
जारी रहेगा_________![]()