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#118.
चैपटर-5: रेत मानव
(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)
चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।
सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।
तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।
कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।
क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।
अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।
एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।
“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।
“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।
“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।
क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।
धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।
ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।
तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।
“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।
सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।
सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।
सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।
सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।
क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।
तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।
उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।
लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।
तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।
“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।
सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।
अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।
यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।
रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।
यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।
“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”
“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“
तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।
उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।
तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।
“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”
इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।
सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।
उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।
यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।
रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।
यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।
“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।
“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।
अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।
शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?
“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”
“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”
जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।
क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।
अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।
तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।
रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।
“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“
यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।
क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।
सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।
रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।
क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।
रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।
यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।
तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।
क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।
यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।
तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।
अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।
जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।
तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।
यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।
पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।
तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।
उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।
जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।
अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।
शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।
किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।
सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।
पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।
एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।
शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।
अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।
“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”
“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”
क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।
सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।
तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।
क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-
“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”
इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।
क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।
नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।
सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।
इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।
“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”
क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।
कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।
तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।
क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।
कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।
“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।
“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।
“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”
“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”
क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।
क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।
पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।
क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।
सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।
जारी रहेगा_______
चैपटर-5: रेत मानव
(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)
चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।
सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।
तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।
कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।
क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।
अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।
एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।
“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।
“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।
“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।
क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।
धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।
ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।
तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।
“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।
सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।
सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।
सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।
सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।
क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।
तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।
उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।
लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।
तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।
“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।
सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।
अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।
यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।
रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।
यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।
“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”
“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“
तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।
उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।
तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।
“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”
इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।
सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।
उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।
यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।
रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।
यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।
“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।
“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।
अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।
शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?
“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”
“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”
जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।
क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।
अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।
तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।
रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।
“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“
यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।
क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।
सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।
रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।
क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।
रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।
यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।
तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।
क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।
यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।
तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।
अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।
जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।
तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।
यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।
पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।
तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।
उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।
जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।
अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।
शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।
किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।
सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।
पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।
एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।
शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।
अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।
“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”
“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”
क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।
सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।
तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।
क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-
“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”
इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।
क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।
नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।
सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।
इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।
“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”
क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।
कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।
तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।
क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।
कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।
“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।
“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।
“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”
“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”
क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।
क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।
पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।
क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।
सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।
जारी रहेगा_______
