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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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#118.

चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Awesome update

Suyash ka is dweep se zaroor koi poorana naata hai. Aur uske tattoo mei bhale hi abhi takat aayi ho, lekin iss tattoo ka raaz bhi kaafi poorana lag raha hai..

Agle update ka intezaar rahega..

सुयश तो 'इक्ष्वाकु के वंशजों' में से एक है 'मेरी तरह' :approve:
जिन्हें साधारणतः 'सूर्यवंशी' कहते हैं
और ये अटलांटिस 'मृत्युंजयों की भूमि - मेलुहा' का ही एक भाग लगता है 'जम्वूद्वीप' की तरह... 'अराका' को 'भरतखण्ड' के समकक्ष मानें तो वहां के साम्राज्य 'आर्यावर्त', 'द्राविड़', 'तैलंग' और 'मलय' की तरह विविध सांस्कृतिक साम्राज्यों का समूह

शलाका और आकृति की समरुपता केवल एक संयोग नहीं है क्योंकि संसार में कुछ भी अकारण नहीं होता

WOW mast update raha ye bhi Raj_sharma bhai
Shalaka ke Saat Bhai or Saatoo ke pass alag alag tatva ki taqat hai lekin ye Yugaka inke piche ahe Yugaka he wahe saya to nahi jo inke pucha kar raha hai shuruvat se alag alag roop leke
Or
Ab Suyash ka pair jam kaise gaya kya hone wala hai Suyash ke sath ab

बहुत ही जबरदस्त लाजवाब और अद्भुत मनमोहक रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

अपडेट हमेशा की तरह लाजवाब था गुरूजी 🧡। मेरा पूर्वानुमान की गुरुत्व शक्ति गिरने के बाद नष्ट नही हुई होगी ,सत्य हो गया इस अपडेट में। रिंजो और शिंजो की जोड़ी अपने में ही अलग है, अतरंगी तथा हास्यास्पद कृत्य करने में अव्वल है दोनो, द्वीप पर घूम घूम कर शक्ति को खोजना और उसे अपने किसी यंत्र में प्रयोग करके उसे अपनी खोज बताना यही उनका मुख्य काम है, किरीट से शाबाशी जो मिलती है इन सबसे। व्योम भी समय के साथ शक्तिशाली होता जा रहा है पहले उस दिव्य पेड़ से , फिर गुरुत्व शक्ति और अब पंचशूल , व्योम का क्या किरदार होने वाला है आने वाले समय में ये तो लेखक ही जाने पर इतना तो जरूर है की व्योम, सुयश, शैफ़ाली हमें दिखेंगे ही लगातार बाकी का सफर कहा तक रहेगा ये अभी कहा नही जा सकता। अब व्योम और बाकी के सदस्यों का मेल मिलाप कब होगा ये भी देखने योग्य दृश्य होगा।

एक चीज़ जिसपे मैने गौर किया है की ये 114 अपडेट्स कहानी के समय के 1 महीने से भी कम समय के हैं ।

बहुत ही कमाल की कहानी है इंतजार रहे अगले प्रसंग का।

waiting next

Nice update👌👌

Nice update....

Nice update

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Bhut hi badhiya update Bhai
To alex us tin muh vale sanp ke jhute natak me phans gaya or use us jagah se aazad kar diya aur khud vaha par phans gaya
Dhekte hai ab alex us gadde se kese bahar niklata hai

Story bahut hi romanchak mod par end hua hai. Aaj Sinjo aur Rinjo 2 bhai ki wajah se Vega khatre mein pad gaya hai.
Albert ke jane ke baad ab 5 log hi bache hain.
Yadi Cristy ke paas koi abnormal power nahi aaya toh wo bhi khud ko bacha nahi payegi bhale hi wo ek secret agent hai.

Ye Alex aasman se gira aur khajur par atka wo wali baat ho gayi.
Par mujhe aisa kyun lag raha hai jaise Alex abhi toh nahi marne wala hai.

Vishakha ki acting kammal ki tha yadi Akex ki jagah main hota toh main bhi wahi karta jo Akex ne kiya tha.

Beautiful update brother.

Nice update bro

Mastt update👌👌

राज भाई - ऐसे न सोचें कि हम आपको भूल गए।
बिल्कुल ही नहीं। बस समय लग रहा है। पिछले कुछ समय से वेबसाइट का जो भर्ता बना था, यह देर उसी का परिणाम है।
इतने में आपने कई सारे अपडेट्स दे दिए!



111 से शुरू करने वाला हूँ। एक दो दिन में आता हूँ अपनी फ़ूफागिरी दिखाने 😂

मोडरेटर साहब , आप लोगों का तो हमे पता नही पर हम जैसे साधारण लोगों के लिए इस फोरम को ओपन करना बहुत मुश्किल हो गया है ।
कभी-कभार तो लगता है यह फोरम भी गाॅसिप की तरह शट डाउन हो जाएगा । फिलहाल यह फोरम ओपन तो हो रहा है , लेकिन हर पन्द्रह मिनट बाद प्रोब्लम भी पैदा हो रही है । नेक्स्ट पेज ओपन करने के लिए कभी पीछे तो कभी आगे के पेज पर जाना पड़ रहा है । कुछ कमेंट करो तो कमेंट पोस्ट करने मे दिक्कतें आ रही है ।
बहरहाल , जैसा कि मैने पहले भी कहा है आप बहुत सुंदर लिख रहे है और वह सुन्दरता हर अपडेट के बाद और भी बढ़ती जा रही है ।
इस अटलांटिस सभ्यता के अराका और समारा द्वीप मे , खासकर अराका द्वीप के मायावन मे एक से बढ़कर एक चमत्कारिक घटनाएं देखने को मिल रही है ।
डायनासोर प्रकरण देखकर ' जुरासिक पार्क ' और ' द लास्ट वर्ल्ड ' की यादें ताजा हो गई ।

जहां तक बात है वेगा की , इसकी हत्या करने की कोशिश निरंतर जारी है लेकिन इसका कारण क्या है ? कौन इसकी हत्या करना चाहता है । अब दो नए किरदार भी इस लिस्ट मे शामिल हो गए जो इन साहबान के जान के पीछे पड़े हैं - धरा और मयूर । यह लोग वेगा के जान के पीछे क्यों पड़े है ?

क्रिस्टी के लख्ते जिगर एलेक्स साहब को जिंदा देखकर बहुत खुशी हुई पर यह खुशी कपूर की माफिक छर्र से उड़ गई । साहब आसमान से गिरकर खजूर पर आ टपके है ।

सम्राट के सिर्फ शायद छ पैसेंजर बचे हैं । देखते हैं एलेक्स साहब अगले शिकार होते है या फिर अंत तक कैप्टन सुयश साहब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मायावन का तिलिस्म तोड़ते है !

सुयश साहब के लिए एक शेर अर्ज है -
" कैद मे है बुलबुल सैय्यद मुस्कराए ,
कहा भी न जाए , चुप रहा भी न जाए । "
सुयश उर्फ आर्यन साहब की बुलबुल सदियों से कैद मे है । कम से कम कुछ तो ऐसा करें कि साहब के चेहरे पर मुस्कराहट आता दिखे !

सभी अपडेट बेहद ही खूबसूरत थे शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Bahut

Bahut hi romanchak update he Raj_sharma Bro

Alex zinda to bach gaya lekin, nayi musibat me fans gaya he.......

Vishaka ne dhokhe se apni mani prapt kar li Alex se........

Ab Medusa se kaise bachega Alex......

Keep rocking Bro

Amazing update and nice story

Let's review Begin's
वेगा पर सर्प ने हमला किया, लेकिन ये है कौन जो बार-बार वेगा पर हमला कर रहा है
कभी शार्क, कभी ईगल, कभी सर्प , ये सभी की क्या दुश्मनी होगी वेगा से?

धरा और मयूर
वेगा से धरातत्त्व लेने आए हैं, लेकिन यहाँ वो खुद ही घायल हो बैठे।
वैसे यहाँ प्रश्न उठता है कि ज़ोडियक वॉच बनाने में जिन शक्तितत्त्वों का इस्तेमाल किया गया वो तत्त्व ज़ोडियक वॉच इन्वेंटर के पास पहुँचे कैसे?

अब देखना होगा कि धरा और मयूर वेगा से ज़ोडियक वॉच लेने के लिए क्या तरकीब अपनाते हैं।

एलेक्स भैया
आज एक बार फिर कहानी में नज़र आए। चलो, क्रिस्टिना मैडम का प्यार जीवित है, ये अच्छा हुआ।
लेकिन आने के साथ ही इन्होंने अब मूर्खतापूर्ण हरकत कर डाली — विशाखा को जीवित कर दिया, और स्वयं ही गड्ढे में फँस गए हैं।
अब विशाखा और विषकन्या का ज़िक्र हुआ है, इससे ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये आने वाले अपडेट्स में अहम भूमिका निभाएँगे।

कुल मिलाकर दोनों अपडेट बहुत अच्छे थे।
अगले अपडेट का इंतज़ार है।

nice update..ye vishaka saap to bada harami nikla ,,alex ne madad ki par uska koi faayda nahi hua ,bechare ko marta hua chhodkar chala gaya vishaka..

Story matter krti hai jarrori nahi ki sirf sex hi ho movies series' main kon sa sex hi hota hai abhi panchyat dekhi usme to nhi tha pr story' mast hai aur ye sab temporary hai

Update posted friends :declare:
 

parkas

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चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

KEKIUS MAXIMUS

Supreme
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romanchak update..christi ka darr bhi sahi tha ..
christi ki painting ne to sabko mushkil me daal diya tha ,ek janwar ko khatm nahi kiya to dusra taiyar ho jata par aaj christi heroine ban gayi jo bina dare ladhne ko taiyar thi aur aakhirkar apne akl ka istemal karke saare khatro ka nash kar diya ..
ab uske paas aisi pencil bhi hai jisse jo banao wo mil jayega ..dekhte hai aage kaise use hota hai pencil ka ..
 

Dhakad boy

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चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
Bhut hi badhiya update Bhai
To kristi ki samjhdari se ye sabhi is samsya ko par kar gaye
Or kristi ko ek pencil bhi mil gayi
Dhekte hai ye pencil aage kya kam aati hai
 

kas1709

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#118.

चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
Nice update....
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#118.

चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
Wow*
Shaka Laka boom boom tv serial ka yaad dila diya brother.

Bear aur lion ne kaam achha kiya par Cristy dono se aage nikal gayi.

Khair Nakshatra ke paas ab bhi apni time ko freeze karne ki Shakti bacha hua hai ye ek achhi baat hai.

Lovely 🌹 update brother.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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romanchak update..christi ka darr bhi sahi tha ..
christi ki painting ne to sabko mushkil me daal diya tha ,ek janwar ko khatm nahi kiya to dusra taiyar ho jata par aaj christi heroine ban gayi jo bina dare ladhne ko taiyar thi aur aakhirkar apne akl ka istemal karke saare khatro ka nash kar diya ..
ab uske paas aisi pencil bhi hai jisse jo banao wo mil jayega ..dekhte hai aage kaise use hota hai pencil ka ..
Abhi kuch kaha nahi ja sakta ki wo pencil ✏️ kis kaam aa sakti hai:hmm2:
Btw. Thank you very much for your valuable review and superb support bhai :hug: Sath bane rahiye
 
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