• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
24,250
65,449
259
छुटकी -होली दीदी की ससुराल में

भाग १११ पंडित जी और बुच्ची की लिख गयी किस्मत पृष्ठ ११३८

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,400
259
इमरतिया भौजी और सूरजु देवर

Teej-104722212-110399230719823-1947498686973228579-n.jpg


इमरतिया की आँख के आगे तारे नाच रहे थे जैसे ही मोटे सुपाड़े ने बच्चेदानी पे धक्का मारा, स्साला सुपाड़ा है की हथोड़ा। पर कुछ रुक के बजाय ऊपर नीचे होने के वो सिर्फ आगे पीछे कर रही थी, फिर कभी उस मोटे मूसल को कस के भींच लेती, बुरिया सिकोड़ लेती और सुरजू चीख उठते

" ओह्ह भौजी, बहुत मजा आ रहा है, उफ़ हाँ भौजी हाँ केतना अच्छा लग रहा है "

और भौजी ढीली कर के फिर पहले से भी कस के देवर के लंड को भींच लेती और हलके से अपने को ऊपर खींच देवर को दूसरा दांव सिखाया, सुरजू को लग रहा था जैसे वो अखाड़े के नए नए दांव सीख रहा है।
WOT-IMG-20230531-065204.jpg


इमरतिया ने सुरजू के हाथ को पकड़ के अपने दोनों बड़े बड़े चूतड़ पर रख दिया और हल्के से उचकाया और सुरजू समझ गया।

बस अपने बांस पर चढ़ी भौजी को उसने दोनों चूतड़ पकड़ के थोड़ा सा ऊपर उठाया, फिर थोड़ा और, और फिर नीचे खींचा। जब लंड बुर के अंदर रगड़ रगड़ कर ऊपर नीचे होना लगा तो देवर भौजी दोनों की हालत खराब,

"अरे भौजी बहुत निक लग रहा है, ससुरा इतना मजा है चोदने में, ओह्ह अब तो हम बिना चोदे,…. हाँ भौजी हां, भौजी हमर बहुत अच्छी है"

सुरजू सिसक रहे थे नीचे से धक्के मार रहे थे और अब इमरतिया ने पूरा कंट्रोल देवर के हाथ में छोड़ दिया था
WOT-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo3-500.gif

झुक के कान में फुसफुसा के बोली

" अबे स्साले, तेरी माँ का भोंसड़ा मारु, तो चोद न। तोहार बहिनिया बुच्ची इतनी गर्मायी है,…

Girls-103337448-127806252263548-3192046901735434942-n.jpg



फिर तोहार ससुरारी वाले भेज रहे हैं चोदने के लिए मस्त माल.

लेकिन ओकरे पहले,बरात जाने के पहले अब एक दिन भी नागा नहीं होने दूंगी में अपने देवर को, चोद कस कस के और जिस भी लौंडिया को देखो, मेहरारू को देखो…., ये सोचो की इसको चोदने में कितना मजा आएगा.न नाता रिश्ता न उमर, चाहे बुच्चिया अस कच्ची कोरी हो, या चार पांच बच्चों वाली, भोंसड़ी वाली हो, सब का मज़ा अलग, रस अलग। अरे हमार बात माना देवर तो नागा छोड़ा, रोज दो तीन माल मिलेगा, बियाहे का घर, कौन माल क कमी, फिर इतना बड़ा २२ पुरवा क गाँव, .... हर तरह का, बियाहे के पहले पक्का हो जाओगे " "

Teej-0e28dd0a4f542b5f21ee7bdeb010ccac.jpg


जब औरत ऊपर चढ़ के लंड घोंटती है तब भी मरद का बहुत रोल रहता है और यही इमरतिया सिखा रही थी देवर को।

साथ में सुरुजू के मन की कुल गाँठ धीरे धीरे खोल रही थी, नाता रिश्ता भुलवाकर। औजार इतना मस्त है और एक बार चूत का भूत सर चढ़ गया तो नम्बरी चोदू हो जाएगा और फिर जिन्नगी भर इमरतिया भौजी को याद रखेगा, कौन मजा दिलवाई थीं।



कुछ ही देर में चुदाई का तूफ़ान बहुत तेज हो गया, सुरजू बोल रहे थे,


wot-hard-fu.gif

" नहीं भौजी, हाँ भौजी, अरे हमारा झड़ जाएगा, ओह्ह निकाल लो "

लेकिन इमरतिया ने उसे एक बार इसी लिए पहले झाड़ दिया था दूसरी बार जब बुर में डाल के जिंदगी की पहली चुदाई करे तो पूरा टाइम ले देवर, चिढ़ाते बोली

" तो केकरि बुर में झड़ना चाहते हो, अपनी बहिनिया के, बुच्ची के, की आपने महतारी के भोंसडे में,… अरे हमार देवर हो. इतनी जल्दी नहीं गिरोगे। "

और ऊपर से इमरतिया ने भी चुदाई की रफ़्तार बड़ा दी, वो खुद झड़ रही थी, हांफ रही थी बार बार उस की बुर सिकुड़ रही थी।

बरसो बाद ऐसा झड़ी थी वो, लेकिन थोड़ी देर बाद सुरजू भी कगार पर पहुँच गया,
WOT-cum-7bab4db305332f7de65bacd389d37787.gif


और इमरतिया तैयार थी एक बार फिर से वही मिटटी का सकोरा ले के और इस बार फिर सब मलाई उसने उसी में रोप लिया और मिटटी का बड़ा सा खूब गहरा सकोरा, बीज से भर गया एकदम लबालब। एक बूँद भी देवर की मलाई अपनी बुर में नहीं गिरने दी, सब का सब मिटटी के सकोरे में,

और कुछ देर बार बाद भाई का बीज बहिनिया के पेट में। बच्ची ने कल कुल्डह भर अपने भैया सुरुजू क बीज शीरा में मिला के, शीरा समझ के गटका था और आज सूरजु क बीज खीर में, सकोरा भर पीयेगी। कहते हैं कुँवारी बिनचुदी के होंठ पे एक बूँद कौन मरद क बीज चखा दो तो खुद बिल फैला के उसके पीछे पीछे दौड़ेगी, और यहाँ तो पूरा कुल्हड़ और सकोरा भर के, खुदे चुदवाने आएगी।
अरे देवर्जी भौजी तो होती ही अच्छी है. तुम्हे तो बस आज एहसास हुआ है. खेली खाई इमरतिया ने आखिर सूरजवा की नथ उतार ही दी. वेस खुद पहले झड गई. फिर सूरजवा झडा. और चुत के चसके मे सूरजवा की माँ बहन एक कर दी. वाह उसका सिराह उसकी बाहनिया के लिए फिर से. वाओ माझा आ गया.

10686fab87919664f76ef0a6e9bbd04d-high cdb6642579f8ca65ddb93b5575e4f052
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,400
259
दूल्हे की बहिनिया -बुच्ची
Girl-fd316ae7c0015637446bd7a695f614b5.jpg


सुरजू की आँखे बंद थी, एकदम थका जैसे कोई बड़ा मुश्किल दंगल जीत गया हो, इमरतिया कस के भींच के उसे लेटी रही, फिर खूंटे पे वो स्पेशल तेल, जिसमे आधा तो सांडे का तेल था, फिर ढेर सारा जड़ी बूटी, और कई तेल थे, हथेली में ले के हलके हलके मलने लगी। दस मिनट में वो सूख जाता उसके बाद तो तन और मन दोनों पे गजब का असर होता।


और हलके हलके सुरजू को बुच्ची के बारे में कुछ समझाती जाती।



शैतान का नाम लो, शैतान हाजिर बाहर से बुच्ची की आवाज आयी,

"भौजी, भैया का खाना ले आयी? …. महराजीन बोली हैं खाना भैया का तैयार है "
Girl-b66acb49924ad2623d7e72015ee036c6.jpg


"हाँ बस, पांच मिनट में ले आना.... और महराजिन को तोहरे भतार के लिए खास खीर बनाने के लिए बोले थे, ....तो एक बड़का कसोरा में वो भी." इमरतिया ने बिना दरवाजा खोले अपनी ननद को जवाब दिया।

सुरजू को इमरतिया ने एक पतली सी रजाई ओढ़ा दी और बोला,

"तोहार रखैल अभी खाना ले के आ रही होगी। कुछ पहनने की जरूरत नहीं है, तेल बुकवा का असर ख़त्म हो जाएगा, दस मिनट तक ऐसे आँखे बंद कर के, ओढ़ के लेटो और अपने माल के गाल के बारे में सोचो "


सुरजू ओढ़ बिढ़ के लेट गए, और इमरतिया ने चुपके से वो मिटटी का सकोरा जिसमे करीब दो अंजुरी भर के सुरजू की गाढ़ी मलाई छलछला रही थी, पीछे एक ताखे पे रख दिया, और खूंटी पे रखी अपनी साड़ी उतार के बस जस तस लपेट लिया, ब्लाउज पेटीकोट अभी भी फर्श पर पड़े थे। सुरजू के कपडे भी खूंटी पे टांग दिए।

सुरजू को बस वो महसूस हो रहा था, जो आज तक नहीं महसूस हुआ था। अभी तक देह झनझना रही थी, इतना अच्छा लग रहा था, बस बता नहीं सकता, जैसे कोई बड़ा सा दंगल जीतने के बाद एक नयी ख़ुशी होती थी, लगता था उसने कुछ कर दिया है।

अब वो सोच रहा था वो क्या मिस कर रहा था, सच में नारी देह, तभी तो सब इसके पीछे पड़े रहते है।

और वो तो इमरतिया भौजी, बल्कि माई,....वही तो इमरतिया भौजी को बोलीं, ये जिम्मेदारी सौंपी और माईबोली,

' सुन मुन्ना, …..आज से इमरतिया क हुकुम तो हमार हुकुम, बल्कि अगले दस दिन तक खाली तोहार भौजी का हुकुम, '
Teej-MIL-8fc38315676e53028e241b66a7883e06.jpg


गुरु जी भी उसके बस एक ही बात कहते थे, ताकत जरूरी है देह में, तगड़ा होना भी, एक एक मांसपेशी का काम होता है, तो दंड बैठक, कसरत, लेकिन उसके साथ ही जरूरी है दो चीज।

एक तो दांव पेंच सही से आना, और वो भी कब कहाँ और किस पे कौन सा दांव चलेगा, और ऐन मौके पे वो दांव लगाना और वो आता है प्रैक्टिस से।

दूसरी बात कुश्ती में मजा आना चाहिए, दिमाग में हरदम वही चलेगा , दांव के बारे में, मौका मिलने पे किसको कैसे पटकना है, और यही बात, ठीक यही बात इमरतिया भौजी कह रही हैं,



सुरजू के देह में अभी भी हलकी हलकी झझंझनाहट थी, और बुकवा तेल का असर लग रहा था।

एकदम कोई थकान नहीं थी, पूरी देह हल्की सी लग रही थी लेकिन ' वहां' एक अजीब सी फड़फड़ाहट हो रही थी, कुछ चुनचुना रहा था और वो बिना बात के हलके हलके फनफना रहा था, मन कर रहा था बस कोई मिल जाए,..कोई मतलब कोई, किसी उमर की हो, बस हो ,.... पकड़ के पटक के चोद दूँ।



उधर बुच्ची खाना लेने गयी
c44b36da21deec600ea84592a4921160.jpg


बुच्ची की हालत सूरजु से कम खराब नहीं थी, कल रात भर जो भौजाइयों ने उसकी रगड़ाई की, तीन बार उसकी चुनमुनिया झड़ने के कगार पर पहुंची और तीनो बार झड़ने से रोक दिया और हर बार कबुलवाया,

'बोल स्साली हमरे देवर से चुदवाओगी"

और उससे खुल के बुलवाया एक दो बार नहीं दस बार, की वो सुरजू भैया का लंड अपनी चूत में लेगी, भौजी के आने के पहले ही। और सबसे बढ़के मंजू भाभी,

'अरे देवर से नहीं देवरन से, खाली दूल्हे का घोंटने से काम नहीं चलेगा, घर गाँव में देवरन क कमी नहीं है, फिर हम भौजाई लोगन क भी तो भाई है क्यों मुन्ना बहू"
Teej-cc749491db0c4d9f735447ac5ee26454.jpg


" और मुन्ना बहू ने न सिर्फ मंजू भाभी की बात में हुंकारी भरी, बल्कि बुच्ची का गाल मीजते हुए, बता भी दिया,

" अरे बुच्ची बबुनी को अब लंड क कउनो कमी नहीं होगी, ...दो चार लंड क इंतजाम तो रोज नया नया, तोहार ये भौजी कर देंगी, मुन्ना बहु "
Teej-bbe2320c57231bf317f3.jpg


और उसके बाद इमरतिया भौजी ने सबेरे भैया का 'दरसन' करा दिया,

स्साला सोच सोच के अभी तक देह गिनगीना जा रही है। केतना मोटा था, लेकिन इतना तो वो भी जान गयी थी की केतनो मोटा हो,... घुस तो जाता ही है, कितनी बार वो देखी थी, सांड़ को बछिया पे चढ़ते, कैसे दबोच के ठोंकता है, इतना लम्बा मोटा, खूब छटपटाती है लेकिन घोंट लेती है, और वही न मिले तो कितना हुड़कती है,

बुच्ची ने इसी गाँव में दो चार महीने पहले ही अपनी सहेलीशीलवा , को कभी गन्ने के खेत में कभी आम की बाग़ में दरजनो बार एक से एक लंड लेते देखा था कितनी बार तो उसकी सहेली एक साथ दो,दो, एक आगे पीछे, चौकीदारी तो बुच्ची ही करती थी तो देखती भी थी, लेकिन एक बात थी, जो सबेरे उसने देखा था, अपने भैया का वो मोटा कड़ियल फुफकारता नाग था, उसके आगे तो वो सब,.... एक बार भैया का किसी तरह ले ले फिर तो बाकी सब को वो निचोड़ के रख देगी, शीलवा का नंबर डका के जायेगी अबकी।

वो महराजिन के पास से कपड़ा चेंज करने आयी थी।

अब यही पहन कर रात में और फिर मंजू भाभी, मुन्ना बहु और इमरतिया भौजी, के साथ कोहबर में खूब मस्ती होगी और फिर गाना भी आज से, और यही पहन के सोना भी होगा,


बुच्ची ने एक पुरानी स्कूल की ड्रेस निकाली, टाइट होती है तो क्या, एक टॉप, और स्कर्ट और साथ में एक मोटी सी चड्ढी। आज कल तो हमला सीधे नीचे ही होता है तो चड्ढी तो बहुत जरूरी है।
Panty-tumblr-3a92ee235ec54620d1e54af9c3b84ef7-47c6cb8d-640.jpg


और रसोई में पहुंची तो पहले महराजिन उबल पड़ी,

" बबुनी केसे केसे चुदवा रही थी, ....यहाँ खाना निकाल के ठंडा हो रहा था, "

" अरे चोदने वालों की कौन कमी है,… हमारी ननद को, “

सुरजू भैया के ननिहाल की एक भौजी जो थोड़ी देर पहले आयी थीं, बोलीं और जोड़ा,

“इतने तो हमार देवर हैं, सब के सब बहनचोद,... बिना चोदे छोड़ेंगे थोड़ी हमार बुच्ची को। "
Teej-Gao-image-8420741633168391.jpg


कहारिन भौजी ने और पलीता लगाया,

" अरे पहले इनके भाई हमर देवर पेलेंगे, फिर हमार भाई पेलेंगे, बुच्ची बबुनी केहू को मना नहीं करेंगी सबका मन रखेंगी, जरा सी दो इंच की चीज के लिए '


Teej-Gao-c5877d0dc15dc182be746cefb6e6b7ec.jpg


तबतक चुनिया के साथ मंजू भाभी भी रसोई में आ गयी और बोली,

" वो तो ठीक हैं लेकिन बुच्ची अभी किससे चुदवा के आ रही हो, ये तो बता दो अब भौजाई से कौन शर्म "

" अरे तो बुरिया बजबजा रही होगी न, अभी खोल के देख लेती हूँ "

कहारिन भौजी बोलीं और जैसे इशारा पाके पीछे से चुनिया ने अपनी सहेली का हाथ दबोच लिया और कहारिन भौजी ने एक झटके में स्कर्ट उठा दी।


सफ़ेद खूब मोटी चड्ढी,



और अब तो सब भौजाई पीछे पड़ गयीं, " अरे का बात है, दुलहिनिया को बड़ा परदे में रखा है, इतना घूंघट काढ़ा है, जरूर कुछ घोंट के आयी है "


Teej-Cleavage-4fc08be64d7967c5517f2517452ee676.jpg


और चड्ढी कहारिन भौजी के हाथ में, और उसके बाद किस किस भाभी के हाथ में पहुंची, कित्ते हिस्से में फटी, बंटी,…. पता नहीं चला बुच्ची को, क्योंकि एक तो कहारिन भौजी ने दोनों फांक खोल दी थी, गुलाबी बुलबुल चोंच खोल के देख रही थी और ऊपर से महराजिन भाभियो पे हल्ला कर रही थी

" अरे अभी खाना ले के जाने दो, देर हो रही है, रात में गाने में मजा लेना ननद लोगो का तुम सब और हाँ बुच्ची ये मिटटी के सकोरे में तोहरे भैया के लिए खीर भी है "

बाहर से भैया की माई भी हल्ला कर रही थीं, अरे अभी दुलहा का खाना गया की नहीं।
वाह अभी तो इमरतिया का खेल ख़तम हुआ है. और बुची आ गई. इमरतिया ने भी सूरजवा को अच्छे से समझा दिया. अब तो वो मानेगा भी. क्यों की एक तो उसकी महतारी ने अपने बेटे की जिम्मेदारी उसकी भौजी मतलब इमरतिया को शॉप दी. भौजी का हुकम महतारी का हुकम समझो. दूसरा भौजी से ज्यादा तो इमरतिया गुरु है. और बुची के पीछे तो सारी भौजी पड़ी है. उनके अमेज़िंग ताने भरे मज़ाक. माझा आ गया. और उसके भैया का सिराह फिर से खीर बोलके. जबरदस्त....

images-51 images-52
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,400
259
भैया के लिए खीर

Kheer-Indian-rice-pudding-recipe.jpg


मंजू भाभी बुच्ची से बोलीं,

"हे तू चल, ये लेकर, इमरतिया अभी ऊपर होगी। अभी आधे घण्टे में मैं शीलवा के साथ अपन लोगों का खाना लेकर आती हूँ, हम लोगो को भी कोहबर में ही रात का खाना खाना होगा "

और बुच्ची थाली लेकर ऊपर, लेकिन देह अभी भी गिनगीना रही थी।

सबेरे तो इमरतिया भौजी ने भैया के सामने बैठा के मेरे हाथ से खाना खिलवाया था लेकिन अबकी तो गोद में बैठ के उनके खिलाऊंगी, बेचारे मन भी करता है उनका और सोझ भी बहुत हैं, लेकिन, ….“

सोच सोच के बुच्ची मुस्करा रही थी

Girl-f3d449a106c65543f6918e763401d3a8.jpg


और कमरे में घुसते ही उसकी आँखे चौंधिया गयी,

इमरती भौजी क पेटीकोट ब्लाउज दोनों फर्श पे पड़ा था, तो मतलब वो भैया के साथ गपागप कर ली,....

और फिर उसकी आँखे फ़ैल गयी,

दोपहर में जाने के पहले बुच्ची भैया के सामने बोल गयी थी, "पहले भौजी,... और उसके बाद उसका नंबर". और अब भौजी का नंबर लग गया तो,.... फिर अब तो कोई बहाना भी नहीं,

बुच्ची कुछ सोच के मुस्करा पड़ी, लग जाय नंबर तो लग जाए, शीलवा कब से घोंट रही है, उसकी क्लास वालियों में से दो चार ही बुच्ची ऐसी कोरी बची हैं और उसके अपने गाँव में भी, लेकिन उसने कब से मन बना रखा था, लेगी तो भैया का ही। और भैया इतने लजाधुर हैं तो पहल तो बुच्चिए को करनी पड़ेगी। दुनो जनी लजायेंगे तो हो चुका , घपघप।


Girl-78969c1f4f79008d9fe2adcf69ad7214.jpg


ये तो इमरतिया भौजी ऐसे भौजी हैं की भैया क कुछ लाज कम की और फिर अब एक बार वो घोंट ली हैं तो बुच्ची क भी काइन क्लियर है लेकिन अब बुच्ची को ही भैय्या को उकसाना पड़ेगा।

और भैया एकदम उठ के बैठ गए, बस एक पतली सी तौलिया खींच के अपनी गोद में रख लिए, उसको ढंकने के लिए, खूंटा फिर से खड़ा था

बुच्ची बस मन ही मन मना रही थी, आज भैया के खुले खड़े, कड़े खूंटे पे बैठने को मिल जाए और भौजी कौन जो ननद की बिन बोली मन की बात न समझ जाए,

" हे छिनार, अरे हमरे देवर की गोद में बैठ के अपने हाथ से खिलाओ, ऐसे ननद नहीं हो "
इमरतिया ने न सिर्फ बोला बल्कि धक्का देके उसे सुरजू की गोद में,

Teej-2fbc09defadc47597ae93dd5fd62938f.jpg

और भौजी वो भी इमरतिया जैसी हो, साथ ही साथ उसने सुरजू की गोद से वो तौलिया खींच दिया और ननद की स्कर्ट उठा दी,

भैय्या के मोटे डंडे और बहिनिया की कच्ची कोरी बिल की मुलाकात हो गयी,

नीचे बुच्ची की सहेली चुनिया ने हाथ पकड़ा था और कहारिन भौजी ने आराम से उसकी मोटी चड्ढी खींच के उतार दी थी, फिर इतनी भौजाई, किसने फाड़ी, किसके किसके बीच बंटी, लेकिन बुच्ची की बिलिया अब एकदम खुली थी और वो गीली पनियाई बिल अब सीधे खड़े, फड़फड़ाते सूरजु भैया के खूंटे पे

तबतक घिस्सा मार के, बुच्ची अपने भैया की गोद में बैठ चुकी थी और इमरतिया की बात का जवाब सीधे सुरजू को देते मुस्करा के आँख नचा के बोली,

" हे भैया, अपने हाथ से खिलाऊंगी, और तोहें अब आपन हाथ इस्तेमाल ये बहिनिया के रहते इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है "
Girl-fa3c45c2c5c27c2bc4159f3ceeb81b6f.jpg


" और क्या बहिनिया तोर ठीक कह रही है लेकिन कल की लौंडिया, ....गिर पड़ेगी, कस के अपने हाथ से पकड़ लो इसे "

इमरतिया ने मुस्करा के सुरजू को ललकारा,


बुच्ची के आने के पहले ही दस बार वो समझा चुकी थी, अब लजाना छोड़े, बुच्ची के साथ खुल के मजा ले, वो कच्ची उम्र की लौंडिया खुल के बोलती है, मजे लेती है सुरजू पीछे रहा जाता है।

सुरजू ने हाथ कमर पे लगाया लेकिन इमरतिया ने पकड़ के सीधे गोल गोल चूँचियों पे ,

" एकदम बुरबक हो का, अरे बिधना इतना बड़ा बड़ा गोल गोल लड़की की देह में बनाये हैं पकड़ने के लिए और तू "

और ये करने के पहले बुच्ची का टॉप भी उठा दिया,

Guddi-nip-77163383f5bf87e5d022082a1977a5d8.jpg


अब सुरजू के दोनों हाथ बुच्ची के बस जस्ट आ रहे उभारो पे, एकदम रुई के फाहे जैसे, उसे लग रहा था किसी ने दोनों हाथो में हवा मिठाई आ गयी हो, वो बस हिम्मत कर के छू रहा था और नीचे अब बुच्ची के खुले छोटे छोटे चूतड़ों से रगड़ के उसका खूंटा एकदम करवट ले रहा था और ऊपर से बुच्ची और डबल मीनिंग डायलॉग बोल के

" भैया पूरा खोल न मुंह, अरे जैसा हमार भौजी लोग बड़ा बड़ा खोलती हैं, क्यों भौजी "

इमरतिया को चिढ़ाती बुच्ची बोली और ये भी बता दिया की उसे मालूम चल गया की इमरतिया भौजी ने उसके भैया का अभी थोड़ी देर पहले ही घोंटा है।

सुरजू ने मुंह खोल दिया, पर इमरतिया क्यों मौका छोड़ती, वो भी बुच्ची की तरह सुरजू के ही पीछे पड़ी थी।

"अरे हमार ननद इतने प्यार से दे रही है, और तुम लेने में पीछे हट रहे हो, नाक मत कटाना ले लो आज मन भर के "
Teej-Sug-e8e677e52833f3207ba2b3e9578a06e6.jpg
वाओ वैसे तो घुसते ही बुची को झटका तो लगा. इमरतिया के कपडे फर्श पर थे.
समझ गई प्यारी....
पर वैसे भी वो खुद ही पहले भौजी बोल रही थी. लो भौजी का तो हो गया. अब बुची की बारी है. इमरतिया ने भी बुची को सूरजवा की गोद मे बिठा ही दिया. क्या इरोटिक खेला है कोमलजी.

images-53 m-eaf8-Ggaaa-Wavb-mh-2b-OOp3-UCRPqhf-Ao7-2 images-36
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
भाग १०८ - खुल गया नाड़ा
२७,३४,५१४
Teej-05b7c0a582c78b288f3de2d8ad2cb8b6.jpg

इमरतिया उसको सब गुर सिखा रही थी।



" लेकिन ये मत समझो की भरतपुर इतनी आसानी से लूट लोगे। उसको भी उसकी भौजाई, घर की नाउन, माई मौसी सिखा रही होंगी। दोनों गोड़ में गोड़ फंसा के बाँध लेगी जिससे भले नाड़ा खुल जाए, लेकिन पेटीकोट उतर न पाए। फिर शहर वाली है तो पेटीकोट के नीचे भी का पता चड्ढी पहनती हो, या उस दिन जानबूझ के पहने।
दूसरी बात, पेटीकोट की गाँठ, एक गाँठ नहीं भौजाई सब सिखा के भेजेंगी, सात सात गाँठ, और न खोल पाए, तो अगले दिन जब तोहार बहिनिया सब हाल चाल पूछेंगी न तो न हंस के वही चिढ़ाएगी, ' तोहार भाई तो पूरी रात लगा दिए, मुर्गा बोलने लगा, गाँठ खोलने में तो का कर पाते बेचारे। तुम सब कुछ सिखाये पढ़ाये नहीं थीं का। '

और उससे ज्यादा तोहार सास अपनी समधन का, तोहरी माई क चिढ़ाएँगी,...' बेटवा जिन्नगी भर पहलवानी करता रहा गया और हमार बिटिया जाए के, रात भर में नाड़ा क गाँठ ढूंढे में लग गयी, "


Teej-Gao-62a0e694d308999aa350acbe7e79335c.jpg


अब भौजी सीने पे हाथ पे बुकवा लगी रही थीं फिर ढेर सारा बुकवा लेके जो थोड़ा सोया थोड़ा जाएगा मूसल था उसके ऊपर, और बस हलके हलके लें भौजाई की उँगलियों की छुअन लेकिन इतना काफी था, वो फिर से फुफकारने लगा।

सुरजू भौजी के गदराये जोबना को निहार रहा था, लालटेन की हलकी हलकी पीली रौशनी, जमीन पर छितरायी थी।

गोरा चम्पई मुखा, छोटी सी नथ, बड़ी सी बिंदी, लाल लाल खूब भरे रसीले होंठ,

-" क्यों खोलना है नाड़ा " भौजी एकदम उसके सीने पे चढ़ी, अपने पेटीकोट का नाड़ा दिखा रही थीं,

Peticoat-10-21.jpg


सुरजू ने हाथ बढ़ाया, लेकिन भौजी ने झटक दिया

" हे ऐसे थोड़ी। जिन्नगी में पहली बार नाड़ा खोल रहे हो, नेग देना पड़ेगा "


सुरजू ने बोला ही था की का चाही नेग में, बिना पीछे मुड़े बाएं हाथ से भौजी ने देवर का मुस्टंडा तन्नाया लंड पकड़ लिया और दाएं हाथ से देवर का हाथ खींच कर नाड़े पे,

" ये चाही, और जेकरे जेकरे बुरिया में कहब ओकरे ओकरे बुरिया में जाई "

" एकदम भौजी, लेकिन देवर के कुल गुन ढंग सिखाना पड़ेगा "


हँसते हुए सुरजू बोले और नाड़ा खींच दिया, सररर पेटीकोट नीचे और लालटेन की रौशनी में दोनों भरी भरी फांके, गलबाहें डाले, कसी चिपकी रस से भरी मालपूवे की तरह
pussy-wet.jpg


लालची मोटा नेवला लार टपकाने लगा। सुपाड़े के ऊपर प्री कम की दो बुँदे छलक गयीं

‘कुल सिखा दूंगी लेकिन पहले बुकवा तो छुड़ा दूँ, ‘ ....और बिना हाथ लगाए इमरतिया भौजी ने बुकवा छुड़ाना शुरू कर दिया, अपने जोबन से रगड़ के, देह से घिस घिस के, क्या कोई बाड़ी टू बाड़ी मसाज करेगा और जब खूंटे पे लगे बुकवा का नंबर आया, दोनों जोबना के बीच दबा के।

बेचारे सुरजू की हालत खराब थीं, पहली बार नारी देह का सुख मिल रहा था, वो भी ऐसी गदरायी,

" भौजी, भौजी हमें करे दे ना, ....करा न "


" अनाड़ी चुदवैया बुर क खराबी, अच्छा चला देवर क मन भौजी न राखी तो के राखी लेकिन तू कुछ जिन करना मैं ही करुँगी "

इमरतिया बोली और देवर के ऊपर,

अब उसकी रसमलाई लालटेन की रौशनी में साफ़ दिख रही थीं फिर भी, दोनों हाथों से दोनों फांको को फैला के सुरजू को दिखाया, ललचाया और तने सुपाड़े के ऊपर रगड़ के ऊपर उठा लिया।

सूरज को जोर से झटका लगा, वो बोल उठा, " भौजी करा न, चोदा ना "

":बोल, बुच्चिया को चोदबे ना : " इमरतिया ने तीन तिरबाचा भरवाया।

" हाँ भौजी हाँ " सुरजू तू किसी भी बात पे हाँ करने को तैयार था।

" आज से लाज शर्म झिझक खत्म, जउने लौंडिया को औरत को देखोगे बस खाली ओकर चूँची देखोगे, यही सोचोगे की चोदने में केतना मजा देगी "
Bhabhi-283794b9a308f9358f7913479a694236.jpg


"हाँ भौजी हाँ " सुरुजू बोलै और इमरतिया ने थोड़ा सा कमर नीचे कर के अपनी रसमलाई की दोनों फांके पूरी ताकत से फैला के सुपाड़े में रगड़ दिया।

उसके मरद का भी अच्छा खासा बड़ा था, छह इंच से ज्यादा ही रहा होगा और उसके बाद भी तो इमरतिया ने एक से एक घोंटे थे, कड़ियल जवान, तगड़े मरद, पहली चीज वो यही देखती थी, औजार।

लेकिन देवर का तो पूरा बांस था, और मोटा कितना, लेकिन इमरतिया भी खूब खेली खायी थी। भले ही कितनी चुदी थी, लेकिन अभी तक लड़कोर नहीं थी तो बुर का भोसड़ा नहीं हुआ था और ऊपर से बहुत ख्याल भी रखती थी अपनी राजदुलारी का वो।


सबसे पहले वो सरसों के तेल की बोतल उठा के सीधे धीरे धीरे बोतल से ही खड़े लंड पर, चमचम चमक रहा था।


holding-cock-jkg-3.jpg


अंजुरी भर तेल से पहले तो नहला दिया, फिर अंजुरी भर तेल सीधे खाली सुपाड़े पे, बूँद बूँद, टप टप, टप टप, जैसे अखाड़े में कोई नया नया पहलवान तेल लगा के उतरा हो,
हाथ में लगा तेल इमरतिया ने अपनी दुलारी पे लपेट लिया और दो तेल में चुपड़ी ऊँगली, देवर को दिखाते हुए बुरिया में डाल के फांके दोनों फैला दी, फिर दोनों टाँगे अपनी छितरा के सूरजु के ऊपर,

सुरजू का सीना जितना चौड़ा था, कमर उतनी ही पतली, और चूतड़ देख के लगता था बला की ताकत होगी उसमे।


दाएं हाथ से अपनी दोनों फांके फैला के, बाएं से सुरजू का खूंटा पकड़ के इमरतिया ने फंसा लिया और फिर दोनों हाथों से सुरजू की दोनों कलाई पकड़ के सांस रोक के अपनी ताकत से दुने जोर से पहला धक्का मारा। जैसे पहली रात में दूल्हा, तड़पती, छटपटाती, दुलहिनिया की दोनों कलाई पकड़ के पूरी ताकत से धक्का मारता है और दुल्हिन की चीख पहले निकलती है, फिर चुरमुराती चूड़ियां चटचटा के टूटती हैं और गप्प से सुपाड़ा अंदर, कभी पूरा, कभी आधा, लेकिन एक बार घुस गया तो फिर बिना फाड़े नहीं निकलता।



बस उसी तरह पूरी ताकत से पेला इमरतिया ने,
Surju की सुहागraat हो ही गयी आज.... बड़ा जबरदस्त धक्का मारा है imartiya ने.....
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
चढ़ गयी इमरतिया भौजी ----ऊपर
WOT-G-CU-tumblr-okfhgg-Q3141vtzi3vo1-1280.jpg


" भौजी "

सुरजू की आँखे मजे से पलट गयीं, हल्की सी चीख निकल गयी। ये मजा उसने सोचा भी नहीं था। सारी देह का खून जैसे लंड में जमा हो गया था। देह गनगना रही थी।

इमरतिया सुरजू के मजे को देखकर मजा ले रही थी। बुर उसकी फटी जा रही थी, इतना दर्द तो बुर को बच्चा निकालते नहीं होगा, जितना इस मोटे मूसल को घोंट के हो रहा था, लग रहा था किसी ने पाव भर लाल मिर्च कूट कूट के भर दिया हो, ऐसे छरछरा परपरा रही थी।

लेकिन इसी छरछराने परपराने के लिए तो औरतें मरी जाती हैं।

सुरजू ने आँखे खोली और भौजी की आँखे उस की आँखों को देख के बिन बोले मुस्करा पड़ी, जैसे पूछ रही हों, मजा आया ? और देवर की आँख लजा गयी, जैसे नयी दुल्हन हो और इमरतिया भौजी दूल्हा हो।

इमरतिया ने कलाई छोड़ दी और अबकी सुरजू के दोनों कंधो को पकड़ के क्या हुमच के धक्का मारा और एक इंच और अंदर घुस गया। सुपाड़े ने अब बुर के अंदर जगह बना ली थी और इमरतिया ने सुरजू के दोनों हाथों को पकड़ के अपने जोबन पे रख के समझाया

Joru-K-wot-jjj.gif


" इस से भी जोर से,…. ताकत से धक्का मारना होगा, बुच्ची की बुरिया में एकदम कोरी है, कच्ची तोहरी दुलहिनिया की तरह और दुलहिनिया के साथे तो और,…। नयी दुल्हन जान बुझ के तड़पाती हैं, पेलने नहीं देती, और केतनो चिचिययाये, रोये गाये, हाथ जोड़े, पूरी ताकत से पेले बिना घुसेगा नहीं, ज़रा भी रहम नहीं करना, पूरी बेदर्दी से पेलना। आपन पूरी पहलवानी देखाय देना वरना नाक कटी तोहार महतारी की, तोहरी ससुरारी में उनकी हंसाई होगी, यही दूध पिलाई थीं की लड़का घुसेड़ भी नहीं पाया। तोहरी दुलहिनिया तो और अपनी ओर से भींच के रखेगी, जांघ सटा के, देखें कैसे घुसाते हैं, मरद हमार। उसकी महतारी भौजाई, गाँव का नाउन कुल सिखा के भेजेंगी, इस लिए पूरी ताकत और कोई रहम नहीं, चीखने चिल्लाने पे। आखिर ओकर महतारी चुदवाने के लिए ही तो भेजी हैं. समझे बबुआ, “

इमरतिया अपने देवर को समझा भी रही थी, नयी दुलहिनिया को कस कस के पेलने के लिए, पहली रात के मजे के लिए तैयार भी कर रही थी, समझा के।


Teej-IMG-20230606-045527.jpg



फिर इमरतिया भौजी ने देवर को उकसाया।
“अब जरा नीचे से धक्का मारो, देखी तोहार पहलवानी। "

बेचारा पहलवान, पहली बार चुदाई के अखाड़े में उतरा था, और पहली बार धक्का मार रहा था, जोर उसने पूरा लगाया लेकिन हँसते हुए इमरतिया ने रोक दिया,

" अरे अपनी माई के भतार, तोहार महतारी कुछ सिखायेस नहीं, ऐसे नहीं खाली चूतड़ के जोर से "

WOT-tumblr-nx856z7-OBU1tz0kwjo1-500.gif


खाली सिखाने की देर थी, और अबकी नीचे से सुरजू ने पूरे जोर से धक्का मारा, इमरतिया ने अपनी कमर उसके दोनों हाथो में पकड़ा दी। सच में दस हाथी का जोर था, देवर में और हाथों की पकड़ भी तगड़ी थी।

इमरतिया कांप गयी, जैसे किसी ने मुट्ठी पेल दी हो। लेकिन उससे बड़ी बात थी धक्के रुके नहीं थे, एक बाद दूसरा। सच में सुरजू के लंड में ऐसी ताकत थी की दीवाल में छेद कर दे बस थोड़ा गुन ढंग सिखाने की बात थी।

पांच दस धक्के के बाद सुरजू ने साँस ली और मुस्करा के इमरतिया ने देखा और एक बार फिर से कमान अपने हाथ में ले

" अरे अपनी महतारी के यार, खाली धक्के मारने से काम नहीं चलेगा, …कल को अपनी बहिनिया बुच्ची की चोदोगे या अपनी दुलहिनिया की,… तो पांच दस धक्के के बाद रुक जाना, एक बार में पूरा बांस नहीं घोंट पाएंगी दोनों।"

थोड़ी देर कसी बुर में लंड का मजा लेने देना और लौंडिया की देह में तो हर जगह से रस छलकता है, चूँची है, गाल है, पूरी देह है सहलाओ, दबाओ, मसलो, नोचो, काटो। अरे दांत के, नाख़ून के निशान तो बहुत जरूरी है, वही देख देख के सोच सोच के अगले दिन दुलहिनिया का फिर से मन करेगा और ननदें छेड़ेंगी, ' क्यों भौजी, मच्छर काटा है का । '


nipple-bites-e338f9fa09ed6779409bdf8f4268b003.jpg


और हाँ कोई सम्हलने की अपने को रोकने की जरूरत नहीं की, कही चोट न लग जाए, दर्द न हो, खूब चीखेगी, कहरेगी, माई बाप करेगी, मतलब और करो।

अरे सब लोग मिल के बरात ले के जाओगे, काहें के लिए उसको लाने, चोदने के लिए ही न, और ओकर महतारी तोहार दरवाजा खन दी, हमरे बिटिया से बियाह करवाय द, भाई,… महतारी कुल भेज रहे हैं, काहें,… चुदवाने के लिए ही न,…. फिर तो जब चुदवाने आ रही है तो तनी ढंग से चुदवावे, कस कस के चूँची दबाओ, कचकचा के गाल काटो, चूस चूस के होंठ सुजा दो, चौथी ले के उसके भाई कुल काहें आते हैं ? यही देखने के लिए की उनकी बहिनिया ढंग से चोदी जा रही है की नहीं, “

और ये कह के भौजी ने देवर के दोनों हाथ एक बार फिर से अपनी दोनों बड़ी बड़ी चूँची पे रख लिए। अंधे को का चाहे दो आंखे और पगलाए देवर को का चाही, भौजी क दोनों चूँची

nipple-bites-tumblr-p1xpd9-Amx-E1sch9yqo1-540.jpg


बस क्या ताकत से चूँची इमरतिया की मसली गयीं, रगड़ी गयीं और इमरतिया नौसिखिया देवर को उकसा के, सिखा के देवरानी के लिए तैयार कर रही थी। और अब इमरतिया ने फिर से ऊपर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और देवर से बोली

' और देवर जी, चोदते समय, जितना देर तक और जितना रगड़ रगड़ के,… औरत हो लौंडिया हो, पेली जाए, उस स्साली को उतना ही मजा आता है, मुंह से चाहे जो बोले, जितना चीखे चिल्लाये, छोड़ दो, बहुत पीरा रहा है, नहीं ले पाउंगी, ….तो सोचो स्साली काहें नहीं ले पाएगी, महतारी बाप भेजे काहें हैं, लौंड़ा घोंटने को ही तो भेजे हैं। इसलिए कुछ देर पेलने के बाद मौज मस्ती लो, और जब वो बुर के अंदर के लंड को भूलने लगे कहे अरे चूँची मत काटो बहुत पिरा रहा है तो और हचक के धक्के मारो "

WOT-J-tumblr-ovk3f2e-Rf51vnyt2qo1-540.gif


और यह कह के भौजी ने क्या जबरदस्त धक्के मारे और देवर का पूरा बांस घोंट लिया।
सही बात है अगर दुल्हन सही से चल पाए suhagraat के बाद तो फिर क्या ही दूल्हा ने choda उसको.....


जबरदस्त तरीके से chudayi होनी चाहिए पहली रात को
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
इमरतिया भौजी और सूरजु देवर

Teej-104722212-110399230719823-1947498686973228579-n.jpg


इमरतिया की आँख के आगे तारे नाच रहे थे जैसे ही मोटे सुपाड़े ने बच्चेदानी पे धक्का मारा, स्साला सुपाड़ा है की हथोड़ा। पर कुछ रुक के बजाय ऊपर नीचे होने के वो सिर्फ आगे पीछे कर रही थी, फिर कभी उस मोटे मूसल को कस के भींच लेती, बुरिया सिकोड़ लेती और सुरजू चीख उठते

" ओह्ह भौजी, बहुत मजा आ रहा है, उफ़ हाँ भौजी हाँ केतना अच्छा लग रहा है "

और भौजी ढीली कर के फिर पहले से भी कस के देवर के लंड को भींच लेती और हलके से अपने को ऊपर खींच देवर को दूसरा दांव सिखाया, सुरजू को लग रहा था जैसे वो अखाड़े के नए नए दांव सीख रहा है।
WOT-IMG-20230531-065204.jpg


इमरतिया ने सुरजू के हाथ को पकड़ के अपने दोनों बड़े बड़े चूतड़ पर रख दिया और हल्के से उचकाया और सुरजू समझ गया।

बस अपने बांस पर चढ़ी भौजी को उसने दोनों चूतड़ पकड़ के थोड़ा सा ऊपर उठाया, फिर थोड़ा और, और फिर नीचे खींचा। जब लंड बुर के अंदर रगड़ रगड़ कर ऊपर नीचे होना लगा तो देवर भौजी दोनों की हालत खराब,

"अरे भौजी बहुत निक लग रहा है, ससुरा इतना मजा है चोदने में, ओह्ह अब तो हम बिना चोदे,…. हाँ भौजी हां, भौजी हमर बहुत अच्छी है"

सुरजू सिसक रहे थे नीचे से धक्के मार रहे थे और अब इमरतिया ने पूरा कंट्रोल देवर के हाथ में छोड़ दिया था
WOT-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo3-500.gif

झुक के कान में फुसफुसा के बोली

" अबे स्साले, तेरी माँ का भोंसड़ा मारु, तो चोद न। तोहार बहिनिया बुच्ची इतनी गर्मायी है,…

Girls-103337448-127806252263548-3192046901735434942-n.jpg



फिर तोहार ससुरारी वाले भेज रहे हैं चोदने के लिए मस्त माल.

लेकिन ओकरे पहले,बरात जाने के पहले अब एक दिन भी नागा नहीं होने दूंगी में अपने देवर को, चोद कस कस के और जिस भी लौंडिया को देखो, मेहरारू को देखो…., ये सोचो की इसको चोदने में कितना मजा आएगा.न नाता रिश्ता न उमर, चाहे बुच्चिया अस कच्ची कोरी हो, या चार पांच बच्चों वाली, भोंसड़ी वाली हो, सब का मज़ा अलग, रस अलग। अरे हमार बात माना देवर तो नागा छोड़ा, रोज दो तीन माल मिलेगा, बियाहे का घर, कौन माल क कमी, फिर इतना बड़ा २२ पुरवा क गाँव, .... हर तरह का, बियाहे के पहले पक्का हो जाओगे " "

Teej-0e28dd0a4f542b5f21ee7bdeb010ccac.jpg


जब औरत ऊपर चढ़ के लंड घोंटती है तब भी मरद का बहुत रोल रहता है और यही इमरतिया सिखा रही थी देवर को।

साथ में सुरुजू के मन की कुल गाँठ धीरे धीरे खोल रही थी, नाता रिश्ता भुलवाकर। औजार इतना मस्त है और एक बार चूत का भूत सर चढ़ गया तो नम्बरी चोदू हो जाएगा और फिर जिन्नगी भर इमरतिया भौजी को याद रखेगा, कौन मजा दिलवाई थीं।



कुछ ही देर में चुदाई का तूफ़ान बहुत तेज हो गया, सुरजू बोल रहे थे,


wot-hard-fu.gif

" नहीं भौजी, हाँ भौजी, अरे हमारा झड़ जाएगा, ओह्ह निकाल लो "

लेकिन इमरतिया ने उसे एक बार इसी लिए पहले झाड़ दिया था दूसरी बार जब बुर में डाल के जिंदगी की पहली चुदाई करे तो पूरा टाइम ले देवर, चिढ़ाते बोली

" तो केकरि बुर में झड़ना चाहते हो, अपनी बहिनिया के, बुच्ची के, की आपने महतारी के भोंसडे में,… अरे हमार देवर हो. इतनी जल्दी नहीं गिरोगे। "

और ऊपर से इमरतिया ने भी चुदाई की रफ़्तार बड़ा दी, वो खुद झड़ रही थी, हांफ रही थी बार बार उस की बुर सिकुड़ रही थी।

बरसो बाद ऐसा झड़ी थी वो, लेकिन थोड़ी देर बाद सुरजू भी कगार पर पहुँच गया,
WOT-cum-7bab4db305332f7de65bacd389d37787.gif


और इमरतिया तैयार थी एक बार फिर से वही मिटटी का सकोरा ले के और इस बार फिर सब मलाई उसने उसी में रोप लिया और मिटटी का बड़ा सा खूब गहरा सकोरा, बीज से भर गया एकदम लबालब। एक बूँद भी देवर की मलाई अपनी बुर में नहीं गिरने दी, सब का सब मिटटी के सकोरे में,

और कुछ देर बार बाद भाई का बीज बहिनिया के पेट में। बच्ची ने कल कुल्डह भर अपने भैया सुरुजू क बीज शीरा में मिला के, शीरा समझ के गटका था और आज सूरजु क बीज खीर में, सकोरा भर पीयेगी। कहते हैं कुँवारी बिनचुदी के होंठ पे एक बूँद कौन मरद क बीज चखा दो तो खुद बिल फैला के उसके पीछे पीछे दौड़ेगी, और यहाँ तो पूरा कुल्हड़ और सकोरा भर के, खुदे चुदवाने आएगी।
Aakhirkar bhabhi Ne surjo Ko Duniya Ki Sabse Khubsurat chij ka Ehsas Karva hi Diya


ab surjo bus land se sochega aur use Charon Taraf bus chut hi chut Dikhai Denge
 
  • Like
Reactions: Shetan

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
दूल्हे की बहिनिया -बुच्ची
Girl-fd316ae7c0015637446bd7a695f614b5.jpg


सुरजू की आँखे बंद थी, एकदम थका जैसे कोई बड़ा मुश्किल दंगल जीत गया हो, इमरतिया कस के भींच के उसे लेटी रही, फिर खूंटे पे वो स्पेशल तेल, जिसमे आधा तो सांडे का तेल था, फिर ढेर सारा जड़ी बूटी, और कई तेल थे, हथेली में ले के हलके हलके मलने लगी। दस मिनट में वो सूख जाता उसके बाद तो तन और मन दोनों पे गजब का असर होता।


और हलके हलके सुरजू को बुच्ची के बारे में कुछ समझाती जाती।



शैतान का नाम लो, शैतान हाजिर बाहर से बुच्ची की आवाज आयी,

"भौजी, भैया का खाना ले आयी? …. महराजीन बोली हैं खाना भैया का तैयार है "
Girl-b66acb49924ad2623d7e72015ee036c6.jpg


"हाँ बस, पांच मिनट में ले आना.... और महराजिन को तोहरे भतार के लिए खास खीर बनाने के लिए बोले थे, ....तो एक बड़का कसोरा में वो भी." इमरतिया ने बिना दरवाजा खोले अपनी ननद को जवाब दिया।

सुरजू को इमरतिया ने एक पतली सी रजाई ओढ़ा दी और बोला,

"तोहार रखैल अभी खाना ले के आ रही होगी। कुछ पहनने की जरूरत नहीं है, तेल बुकवा का असर ख़त्म हो जाएगा, दस मिनट तक ऐसे आँखे बंद कर के, ओढ़ के लेटो और अपने माल के गाल के बारे में सोचो "


सुरजू ओढ़ बिढ़ के लेट गए, और इमरतिया ने चुपके से वो मिटटी का सकोरा जिसमे करीब दो अंजुरी भर के सुरजू की गाढ़ी मलाई छलछला रही थी, पीछे एक ताखे पे रख दिया, और खूंटी पे रखी अपनी साड़ी उतार के बस जस तस लपेट लिया, ब्लाउज पेटीकोट अभी भी फर्श पर पड़े थे। सुरजू के कपडे भी खूंटी पे टांग दिए।

सुरजू को बस वो महसूस हो रहा था, जो आज तक नहीं महसूस हुआ था। अभी तक देह झनझना रही थी, इतना अच्छा लग रहा था, बस बता नहीं सकता, जैसे कोई बड़ा सा दंगल जीतने के बाद एक नयी ख़ुशी होती थी, लगता था उसने कुछ कर दिया है।

अब वो सोच रहा था वो क्या मिस कर रहा था, सच में नारी देह, तभी तो सब इसके पीछे पड़े रहते है।

और वो तो इमरतिया भौजी, बल्कि माई,....वही तो इमरतिया भौजी को बोलीं, ये जिम्मेदारी सौंपी और माईबोली,

' सुन मुन्ना, …..आज से इमरतिया क हुकुम तो हमार हुकुम, बल्कि अगले दस दिन तक खाली तोहार भौजी का हुकुम, '
Teej-MIL-8fc38315676e53028e241b66a7883e06.jpg


गुरु जी भी उसके बस एक ही बात कहते थे, ताकत जरूरी है देह में, तगड़ा होना भी, एक एक मांसपेशी का काम होता है, तो दंड बैठक, कसरत, लेकिन उसके साथ ही जरूरी है दो चीज।

एक तो दांव पेंच सही से आना, और वो भी कब कहाँ और किस पे कौन सा दांव चलेगा, और ऐन मौके पे वो दांव लगाना और वो आता है प्रैक्टिस से।

दूसरी बात कुश्ती में मजा आना चाहिए, दिमाग में हरदम वही चलेगा , दांव के बारे में, मौका मिलने पे किसको कैसे पटकना है, और यही बात, ठीक यही बात इमरतिया भौजी कह रही हैं,



सुरजू के देह में अभी भी हलकी हलकी झझंझनाहट थी, और बुकवा तेल का असर लग रहा था।

एकदम कोई थकान नहीं थी, पूरी देह हल्की सी लग रही थी लेकिन ' वहां' एक अजीब सी फड़फड़ाहट हो रही थी, कुछ चुनचुना रहा था और वो बिना बात के हलके हलके फनफना रहा था, मन कर रहा था बस कोई मिल जाए,..कोई मतलब कोई, किसी उमर की हो, बस हो ,.... पकड़ के पटक के चोद दूँ।



उधर बुच्ची खाना लेने गयी
c44b36da21deec600ea84592a4921160.jpg


बुच्ची की हालत सूरजु से कम खराब नहीं थी, कल रात भर जो भौजाइयों ने उसकी रगड़ाई की, तीन बार उसकी चुनमुनिया झड़ने के कगार पर पहुंची और तीनो बार झड़ने से रोक दिया और हर बार कबुलवाया,

'बोल स्साली हमरे देवर से चुदवाओगी"

और उससे खुल के बुलवाया एक दो बार नहीं दस बार, की वो सुरजू भैया का लंड अपनी चूत में लेगी, भौजी के आने के पहले ही। और सबसे बढ़के मंजू भाभी,
'अरे देवर से नहीं देवरन से, खाली दूल्हे का घोंटने से काम नहीं चलेगा, घर गाँव में देवरन क कमी नहीं है, फिर हम भौजाई लोगन क भी तो भाई है क्यों मुन्ना बहू"
Teej-cc749491db0c4d9f735447ac5ee26454.jpg


" और मुन्ना बहू ने न सिर्फ मंजू भाभी की बात में हुंकारी भरी, बल्कि बुच्ची का गाल मीजते हुए, बता भी दिया,

" अरे बुच्ची बबुनी को अब लंड क कउनो कमी नहीं होगी, ...दो चार लंड क इंतजाम तो रोज नया नया, तोहार ये भौजी कर देंगी, मुन्ना बहु "
Teej-bbe2320c57231bf317f3.jpg


और उसके बाद इमरतिया भौजी ने सबेरे भैया का 'दरसन' करा दिया,

स्साला सोच सोच के अभी तक देह गिनगीना जा रही है। केतना मोटा था, लेकिन इतना तो वो भी जान गयी थी की केतनो मोटा हो,... घुस तो जाता ही है, कितनी बार वो देखी थी, सांड़ को बछिया पे चढ़ते, कैसे दबोच के ठोंकता है, इतना लम्बा मोटा, खूब छटपटाती है लेकिन घोंट लेती है, और वही न मिले तो कितना हुड़कती है,

बुच्ची ने इसी गाँव में दो चार महीने पहले ही अपनी सहेलीशीलवा , को कभी गन्ने के खेत में कभी आम की बाग़ में दरजनो बार एक से एक लंड लेते देखा था कितनी बार तो उसकी सहेली एक साथ दो,दो, एक आगे पीछे, चौकीदारी तो बुच्ची ही करती थी तो देखती भी थी, लेकिन एक बात थी, जो सबेरे उसने देखा था, अपने भैया का वो मोटा कड़ियल फुफकारता नाग था, उसके आगे तो वो सब,.... एक बार भैया का किसी तरह ले ले फिर तो बाकी सब को वो निचोड़ के रख देगी, शीलवा का नंबर डका के जायेगी अबकी।

वो महराजिन के पास से कपड़ा चेंज करने आयी थी।

अब यही पहन कर रात में और फिर मंजू भाभी, मुन्ना बहु और इमरतिया भौजी, के साथ कोहबर में खूब मस्ती होगी और फिर गाना भी आज से, और यही पहन के सोना भी होगा,


बुच्ची ने एक पुरानी स्कूल की ड्रेस निकाली, टाइट होती है तो क्या, एक टॉप, और स्कर्ट और साथ में एक मोटी सी चड्ढी। आज कल तो हमला सीधे नीचे ही होता है तो चड्ढी तो बहुत जरूरी है।
Panty-tumblr-3a92ee235ec54620d1e54af9c3b84ef7-47c6cb8d-640.jpg


और रसोई में पहुंची तो पहले महराजिन उबल पड़ी,

" बबुनी केसे केसे चुदवा रही थी, ....यहाँ खाना निकाल के ठंडा हो रहा था, "

" अरे चोदने वालों की कौन कमी है,… हमारी ननद को, “

सुरजू भैया के ननिहाल की एक भौजी जो थोड़ी देर पहले आयी थीं, बोलीं और जोड़ा,

“इतने तो हमार देवर हैं, सब के सब बहनचोद,... बिना चोदे छोड़ेंगे थोड़ी हमार बुच्ची को। "
Teej-Gao-image-8420741633168391.jpg


कहारिन भौजी ने और पलीता लगाया,

" अरे पहले इनके भाई हमर देवर पेलेंगे, फिर हमार भाई पेलेंगे, बुच्ची बबुनी केहू को मना नहीं करेंगी सबका मन रखेंगी, जरा सी दो इंच की चीज के लिए '


Teej-Gao-c5877d0dc15dc182be746cefb6e6b7ec.jpg


तबतक चुनिया के साथ मंजू भाभी भी रसोई में आ गयी और बोली,

" वो तो ठीक हैं लेकिन बुच्ची अभी किससे चुदवा के आ रही हो, ये तो बता दो अब भौजाई से कौन शर्म "

" अरे तो बुरिया बजबजा रही होगी न, अभी खोल के देख लेती हूँ "

कहारिन भौजी बोलीं और जैसे इशारा पाके पीछे से चुनिया ने अपनी सहेली का हाथ दबोच लिया और कहारिन भौजी ने एक झटके में स्कर्ट उठा दी।


सफ़ेद खूब मोटी चड्ढी,



और अब तो सब भौजाई पीछे पड़ गयीं, " अरे का बात है, दुलहिनिया को बड़ा परदे में रखा है, इतना घूंघट काढ़ा है, जरूर कुछ घोंट के आयी है "


Teej-Cleavage-4fc08be64d7967c5517f2517452ee676.jpg


और चड्ढी कहारिन भौजी के हाथ में, और उसके बाद किस किस भाभी के हाथ में पहुंची, कित्ते हिस्से में फटी, बंटी,…. पता नहीं चला बुच्ची को, क्योंकि एक तो कहारिन भौजी ने दोनों फांक खोल दी थी, गुलाबी बुलबुल चोंच खोल के देख रही थी और ऊपर से महराजिन भाभियो पे हल्ला कर रही थी

" अरे अभी खाना ले के जाने दो, देर हो रही है, रात में गाने में मजा लेना ननद लोगो का तुम सब और हाँ बुच्ची ये मिटटी के सकोरे में तोहरे भैया के लिए खीर भी है "

बाहर से भैया की माई भी हल्ला कर रही थीं, अरे अभी दुलहा का खाना गया की नहीं।
Lag raha hai aajkal bucchi ki bhi Jabardast chudai honi hai


aur Ho bhi Kyon Na Dulhe ki Chhoti bahan hai Dulhan ke liye bhaiya ko bhi to taiyar karna hai....


देखते हैं कैसे मजे लेती हैं bucchi
 
  • Like
Reactions: Shetan

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
भैया के लिए खीर

Kheer-Indian-rice-pudding-recipe.jpg


मंजू भाभी बुच्ची से बोलीं,

"हे तू चल, ये लेकर, इमरतिया अभी ऊपर होगी। अभी आधे घण्टे में मैं शीलवा के साथ अपन लोगों का खाना लेकर आती हूँ, हम लोगो को भी कोहबर में ही रात का खाना खाना होगा "

और बुच्ची थाली लेकर ऊपर, लेकिन देह अभी भी गिनगीना रही थी।

सबेरे तो इमरतिया भौजी ने भैया के सामने बैठा के मेरे हाथ से खाना खिलवाया था लेकिन अबकी तो गोद में बैठ के उनके खिलाऊंगी, बेचारे मन भी करता है उनका और सोझ भी बहुत हैं, लेकिन, ….“

सोच सोच के बुच्ची मुस्करा रही थी

Girl-f3d449a106c65543f6918e763401d3a8.jpg


और कमरे में घुसते ही उसकी आँखे चौंधिया गयी,

इमरती भौजी क पेटीकोट ब्लाउज दोनों फर्श पे पड़ा था, तो मतलब वो भैया के साथ गपागप कर ली,....

और फिर उसकी आँखे फ़ैल गयी,

दोपहर में जाने के पहले बुच्ची भैया के सामने बोल गयी थी, "पहले भौजी,... और उसके बाद उसका नंबर". और अब भौजी का नंबर लग गया तो,.... फिर अब तो कोई बहाना भी नहीं,

बुच्ची कुछ सोच के मुस्करा पड़ी, लग जाय नंबर तो लग जाए, शीलवा कब से घोंट रही है, उसकी क्लास वालियों में से दो चार ही बुच्ची ऐसी कोरी बची हैं और उसके अपने गाँव में भी, लेकिन उसने कब से मन बना रखा था, लेगी तो भैया का ही। और भैया इतने लजाधुर हैं तो पहल तो बुच्चिए को करनी पड़ेगी। दुनो जनी लजायेंगे तो हो चुका , घपघप।


Girl-78969c1f4f79008d9fe2adcf69ad7214.jpg


ये तो इमरतिया भौजी ऐसे भौजी हैं की भैया क कुछ लाज कम की और फिर अब एक बार वो घोंट ली हैं तो बुच्ची क भी काइन क्लियर है लेकिन अब बुच्ची को ही भैय्या को उकसाना पड़ेगा।

और भैया एकदम उठ के बैठ गए, बस एक पतली सी तौलिया खींच के अपनी गोद में रख लिए, उसको ढंकने के लिए, खूंटा फिर से खड़ा था

बुच्ची बस मन ही मन मना रही थी, आज भैया के खुले खड़े, कड़े खूंटे पे बैठने को मिल जाए और भौजी कौन जो ननद की बिन बोली मन की बात न समझ जाए,

" हे छिनार, अरे हमरे देवर की गोद में बैठ के अपने हाथ से खिलाओ, ऐसे ननद नहीं हो "
इमरतिया ने न सिर्फ बोला बल्कि धक्का देके उसे सुरजू की गोद में,

Teej-2fbc09defadc47597ae93dd5fd62938f.jpg

और भौजी वो भी इमरतिया जैसी हो, साथ ही साथ उसने सुरजू की गोद से वो तौलिया खींच दिया और ननद की स्कर्ट उठा दी,

भैय्या के मोटे डंडे और बहिनिया की कच्ची कोरी बिल की मुलाकात हो गयी,

नीचे बुच्ची की सहेली चुनिया ने हाथ पकड़ा था और कहारिन भौजी ने आराम से उसकी मोटी चड्ढी खींच के उतार दी थी, फिर इतनी भौजाई, किसने फाड़ी, किसके किसके बीच बंटी, लेकिन बुच्ची की बिलिया अब एकदम खुली थी और वो गीली पनियाई बिल अब सीधे खड़े, फड़फड़ाते सूरजु भैया के खूंटे पे

तबतक घिस्सा मार के, बुच्ची अपने भैया की गोद में बैठ चुकी थी और इमरतिया की बात का जवाब सीधे सुरजू को देते मुस्करा के आँख नचा के बोली,

" हे भैया, अपने हाथ से खिलाऊंगी, और तोहें अब आपन हाथ इस्तेमाल ये बहिनिया के रहते इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है "
Girl-fa3c45c2c5c27c2bc4159f3ceeb81b6f.jpg


" और क्या बहिनिया तोर ठीक कह रही है लेकिन कल की लौंडिया, ....गिर पड़ेगी, कस के अपने हाथ से पकड़ लो इसे "

इमरतिया ने मुस्करा के सुरजू को ललकारा,

बुच्ची के आने के पहले ही दस बार वो समझा चुकी थी, अब लजाना छोड़े, बुच्ची के साथ खुल के मजा ले, वो कच्ची उम्र की लौंडिया खुल के बोलती है, मजे लेती है सुरजू पीछे रहा जाता है।

सुरजू ने हाथ कमर पे लगाया लेकिन इमरतिया ने पकड़ के सीधे गोल गोल चूँचियों पे ,

" एकदम बुरबक हो का, अरे बिधना इतना बड़ा बड़ा गोल गोल लड़की की देह में बनाये हैं पकड़ने के लिए और तू "

और ये करने के पहले बुच्ची का टॉप भी उठा दिया,

Guddi-nip-77163383f5bf87e5d022082a1977a5d8.jpg


अब सुरजू के दोनों हाथ बुच्ची के बस जस्ट आ रहे उभारो पे, एकदम रुई के फाहे जैसे, उसे लग रहा था किसी ने दोनों हाथो में हवा मिठाई आ गयी हो, वो बस हिम्मत कर के छू रहा था और नीचे अब बुच्ची के खुले छोटे छोटे चूतड़ों से रगड़ के उसका खूंटा एकदम करवट ले रहा था और ऊपर से बुच्ची और डबल मीनिंग डायलॉग बोल के

" भैया पूरा खोल न मुंह, अरे जैसा हमार भौजी लोग बड़ा बड़ा खोलती हैं, क्यों भौजी "

इमरतिया को चिढ़ाती बुच्ची बोली और ये भी बता दिया की उसे मालूम चल गया की इमरतिया भौजी ने उसके भैया का अभी थोड़ी देर पहले ही घोंटा है।

सुरजू ने मुंह खोल दिया, पर इमरतिया क्यों मौका छोड़ती, वो भी बुच्ची की तरह सुरजू के ही पीछे पड़ी थी।

"अरे हमार ननद इतने प्यार से दे रही है, और तुम लेने में पीछे हट रहे हो, नाक मत कटाना ले लो आज मन भर के "
Teej-Sug-e8e677e52833f3207ba2b3e9578a06e6.jpg
Dangal ki तैयारी शुरू....बस अब कुश्ती होने ही वाली है
 
  • Like
Reactions: Shetan

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
बुच्ची और उनके भैया - सोने की थाली में जोबना परोसे

Girl-school-c357e0f26c90884ab22a998e3b0e678a.jpg


और पहल भी बुच्ची ने ही की, कौर भैया के मुंह में डालने के चक्कर में थोड़ा सा और वो सरकी, एक बार में खुले मुंह में कौर डाला और सरकने से खूंटा उसके भैया का बुच्ची की अगली दरार के मुंह पे,

pussy-teen-IMG-0293.jpg


मस्ती से बुच्ची के निचले होंठ पहले से ही गीले थे और अब पहली बार मर्द के खूंटे की रगड़ लगी,.... तो एकदम गिनगीना गए, फड़कने लगे।

बुच्ची की देह में एक नया नशा छा गया, मजाक की, चिढ़ाने और छेड़ने की बात अलग है,... लेकिन भाई का खूंटा वो भी एकदम सीधे सीधे बहन की बिल पे,.... उसकी ऊपर की सांस ऊपर नीचे की नीचे लेकिन हिम्मत कर के उसने सुरजू को उकसाना छेड़ना जारी रखा, और अबकी इमरतिया को जवाब दिया

" अरे भौजी, आज क्यों,… रोज, जब भैया का मन करे,.... हाँ अब आपके देवर का ही मन न करे तो बात अलग है " और जैसे मुंह बना के उदास सी हो गयी।
Girl-c7e8d1095c04b2b6de289ae6a0b39769.jpg


सच में ननद की जात ही छिनार की जात है।

' मन क्यों नहीं करता, बुच्ची मन तो बहुत करता है, "

सुरजू के मन से अब मन की बात निकल गयी और भौजी ने कैच कर लिया।

" अरे मन करता है तो लो न कस के, अब यहाँ और कौन है मैं हूँ, बुच्ची है और तुम हो "

इमरतिया ने ललकारा और आँख से घुरा भी जैसे कह रही हो यही साले सिखाया था इत्ती देर से,

और सुरजू के दोनों हाथ, अब बुच्ची के छोटे छोटे जुबना कस कस के मसलने, रगड़ने लगे, कभी दबाते, कभी कुचलते।

ताकत की तो कमी न थी और थोड़ी देर पहले ही इमरतिया के बड़े बड़े जोबन का रस ले लेकर काफी कुछ वो सीख चुका था। बस रस ले ले कर बुच्ची की जस्ट आती हुयी कच्ची कच्ची चूँची और नीचे से अब खूंटा भी एकदम खड़ा बार बार बुच्ची की बुर में डंक मार रहा था. और बुरिया भी ऐसी की जहाँ अभी साल भर भी नहीं हुए थे झांटे आते, एकदम टाइट, ढंग से सहेलियों की भौजाइयों की ऊँगली भी अभी नहीं गयी थी, दोनों फांके एकदम चिपकी।

लेकिन इमरतिया को अब इतने में मजा नहीं आ रहा था, उसने सुरजू को बगल में रखी तेल की कटोरी की ओर,.... और ननद की बुर की ओर इशारा किया,

Mustard-Oil-600x600.png

बस

सुरजू की हथेली अब बुच्ची की जांघ के बीच सीधे बिलिया पे और बुच्ची ने पूरी ताकत से जाँघे फैला दी जिससे पूरी हथेली सीधे रगड़ रगड़ .भाभियों, सहेलियों ने तो बहुत चुनमुनिया को रगड़ा था, दुलार किया था राजदुलारी का लेकिन पहले बार गुलाबो पर किसी मरद का हाथ पड़ा था, वो भी भाई का, जिसका खूंटा घोंटने के लिए बुच्ची खुद बेचैन थी।


pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif


सिसकते हुए वो भैया को खाना खिला रही थी लेकिन इमरतिया बोली,

अरे बुच्ची अब खीर और सीधे सकोरे से, भैया का मुंह लगाय के


और सुरजू से बोली, और जुठ कर के थोड़ा बहिनिया के लिए छोड़ देना,


Kheer-gajar-ki-kheer-recipe-in-hindi.jpg


सकोरे को जैसे मुंह सुरजू ने लगाया,

इमरतिया ने खुद सुरजू का हाथ पकड़ के पहले दो उंगलिया तेल के कटोरे में डुबोई और फिर बुच्ची की बिल में

अब सुरजू को उसके आगे बताने की जरूरत नहीं थी। इमरतिया ने दस बार बताई थी बुच्ची के आने के पहले, 'ऊँगली जरूर करना, जो लड़की आज ऊँगली घोंटेंगी, कल लंड जरूर घोंटेंगी "

गच्चाक

पूरी ताकत से ऊँगली पेल दी, पहलवान का हाथ गच्च से दो पोर अंदर चला गया। लेकिन सूरजु को भी कसी चूत का मतलब समझ में आया, तेल में चुपड़ी थी,तेल टपक रहा था तब भी पूरी कलाई का जोर लगाने के बाद घुमा घुमा के, एक ऊँगली किसी तरह घुसी और बुच्ची ने खुद अपनी जाँघे फैला ली, इमरतिया भौजी सही कह रही है, बिना पूरा जोर लगाए इस बिल में लंड नहीं घुसने वाला, लेकिन बिना घुसाए अब वो छोड़ेगा भी नहीं।

और बुच्ची की सिसकी निकल गयी।

ओह्ह भैया ओह्ह्ह बदमाश नहीं हाँ ओह्ह

लेकिन थी वो भी बदमाश,
एक हाथ से सकोरे को पकडे दूसरे हाथ से सीधे भैया के मस्ताए लंड को पकड़ लिया और अपनी बिल के ऊपर,....

holding-cock-tumblr-p9e0ge-Heew1wq8vvjo1-1280.png


सुपाड़ा पागल हो रहा था, उस दर्जा नौ वाली टीनेजर की कच्ची कसी फांको पे रगड़ रहा था, धक्के मार रहा था।

खाना ख़तम हो गया था, लेकिन देह की जो भूख सूरजु और बुच्ची के मन और तन में लग गयी थी वो इतनी जल्दी नहीं ख़तम होने वाली थी।



जैसे एक बार इंसान का गोश्त खाकर शेर आदमखोर हो जाता है उसी तरह लंड भी एक बार चूत का मजा पाकर, उसके बिना रह नहीं पाता।

और फिर बुच्ची जैसी कच्ची कली जो अभी कैशोर्य का दरवाजा खटखटा रही थी, उसकी कच्ची चूत में पहले तो तेल लगी ऊँगली और फिर मोटा सुपाड़ा दोनों फांको के बीच फंसा, धंसा, कसमसाता, बस सूरजु सोच रहे थे बस एक बार मौका मिल जाए, बिन फाड़े छोडूंगा नहीं और उससे बढ़कर उन्हें बुच्ची में अपनी पांच छह दिन बाद मिलने वाली दुलहिनिया नजर आ रही थी।

बुच्ची से मुश्किल से साल भर ही तो बड़ी होगी, ऐसी ही कसी कसी उसकी भी होगी, लेकिन जो ट्रिक भौजी ने सिखाई थी, माई भी तो बोली थीं, दो चार गाँव न सही लेकिन अपने गाँव में तो जरूर चीख सुनाई देगी, बहुत मजा आएगा, और दुलहिनिया को सोचते हुए बहिनिया की बिल में रगड़ घिस रगड़ घिस



और बुच्ची की बुर में आग लग गयी थी,

बस वह यही सोच रही थी, चाहे कितना दर्द हो, भले बुर खून का आंसू रोये, फट के चिथड़ा हो जाए, लेकिन अपने भैया का, सूरजु भैया के वो लेगी जरूर अपने अंदर

Girl-desktop-wallpaper-rashmika-mandanna-telugu-actress.jpg



ख़तम हो गया था, खाने की थाली इमरतिया ने उठा ली थी। लेकिन खीर का सकोरा अभी भी बुच्ची पकडे थी



लेकिन तभी झटके से दरवाजा खुला और मंजू भाभी और शीला अंदर, ये बोलने के लिए की कोहबर वालियों का खाना वो लोग ले के आयी है, बुच्ची और इमरतिया भी आ जाएँ। लेकिन सुरजू को देख के मंजू भाभी ने देवर को हड़काया
कुश्ती शुरू होने के पहले ही दर्शक आ गए.... अभी तो बस उँगली ही गयी हैं......bucchi को
 
  • Like
Reactions: Shetan

Luckyloda

Well-Known Member
2,869
9,251
159
गाना नाच

Teej-558888210-799076726058880-6373498141038093202-n.jpg


इमरतिया ने इशारे से सुरुजू को अपनी ओर बुलाया, और धीरे से बोली,

" अभिन थोड़ी देर में बगल में गाना नाच शुरू होगा "

सूरजु थोड़ा मुस्करा के थोड़ा उदास हो के उसी तरह धीमे से फुसफुसाते बोला, " तो हमें कौन देखे सुने के मिली, बाहर से कुण्डी लग जाई और सबेरे खुली। "

इमरतिया खुल के हंसी।

सच में होता यही था। इसी लिए रात के गाने का प्रोग्राम छत पर, मरद लड़के सब नीचे, और सीढ़ी का दरवाजा बंद , खाली सांकल ही नहीं ताला भी।

हाँ दूल्हे से उतनी लाज शर्म नहीं होती थी, उसी का नाम ले ले के तो सब बहिन महतारी गरियाई जाती थीं/ लेकिन ये बात भी सही थी की उसके कमरे के बाहर भी कुण्डी लगा दी जाती थी, थोड़ा बहुत आवाज सुनाई दे तो दे,

लेकिन देखने का कोई सवाल नहीं था और इसलिए भी की शायद ही किसी की साडी ब्लाउज बचती, और ज्यादा जोश हो तो बात उसके आगे भी बढ़ जाती, भौजाइयां ननदों की शलवार का नाड़ा पहले खोलती थीं।

गाल पे कस के चिकोटी काटते इमरतिया बोली,

" अरे हमरे देवर, तोहार ये भौजी काहें को है, कुल दिखाई देगा, तोहार बहिन महतारी सब का भोंसड़ा, लेकिन मैं बत्ती बंद करके जाउंगी और बत्ती खोलना मत, और ये देखो "


Teej-548782823-786839337282619-8389918497315098748-n.jpg


इमरतिया ने बत्ती बंद की, और एक पतला सा काला कागज़ जो उसने खिड़की पे चिपका रखा था, उसे उचाड़ दिया, बस कई छोटे छोटे छेद, जैसे बच्चे बचपन में आँख लगा के ध्यान से बाइस्कोप देखते हैं, सूरजु ने आँख लगा लिया और उस पार का पूरा इलाका दिख रहा था, एक एक आवाज साफ़ आ रही थी जैसे उसी के कमरे में कोई बोल रहा हो, अभी इंतजाम हो रहा था, फर्श पे दरी बिछ रही थी, एक भौजी नीचे से ढोलक ले आयी थीं।

वो जोर से मुस्कराया और इमरतिया ने फिर कागज चिपका दिया और आगे की हिदायत दे दी,


" हे अपनी बहिन महतारी क देख देख के अगर ये टनटना जाए तो मुट्ठ मत मारने लग जाना और इस मोटू को खोल के रखना, "



लेकिन सूरजु भी अब चालाक हो गए थे, भौजी से बोले, " और भौजी, अगर तोहें, हमरी रसीली भौजी को देख के टनटना जाए तो

" तो अगली बार जैसे मिलूंगी चोद लेना और अगली बार मैं ऊपर नहीं चढूँगी तुम चढ़ के पेलना, ....जैसे हमारी ननद बुच्ची को चोदोगे , "
Teej-f20895be311f152027380a6331013dfd.jpg




इमरतिया बोली, और झुक के खड़े खूंटे को कस के दबोच लिया और प्यार से मसल दिया ,और निकलते हुए बत्ती बंद कर दी।



1138
Bhut shandaar update..... bucchi k liye abhi aur intjaar karna padega surju ko....



Khair koi nahi... sabar ka fal mitha hoga
 
  • Like
Reactions: Shetan
Top