Thanks so much aapke comments is story men chaar chaand laga dete hain, agali post bhi jld hi“”
" तो सोच न माँ जब पकड़ती होगी तो ये न सोचती होगी की जब ये बड़ा और मोटा होगा तो एक बार मैं भी,... आखिर घर की खेती है... तो बस, और असली हसींन रिश्ता है लंड और बुर का, मजा दोनों को उसी में आता है , लंड बना है चोदने के लिए,...
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hot![]()
Thanks so much aap ka saath rha to ye kahani 7 lakh bhi touch karegi bas Jude rahiye, Padhte rahiye aur comments dete rhiyeCongrats![]()
ekdam aur aage vo prasang bhi post ho gaya hai Bhaag 44 men maan beta beti tino ek saath apane jo pics share ki thin bas usi tarah se“”
" अच्छा चल स्साली छिनार, तू उस बहनचोद को मादरचोद बनाने पे तुली है तो,... "
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उफ़्फ़ गीतवा की माँ भी तैयार है अपने बेटे को परम कामुक सुख देने को
एकदम और ये सहेलियां ही गीता और उसके भाई का किस्सा स्कूल भर में पूरे गाँव में मशहूर कर देंगी, उसके बाद तो गीता लाख ना ना करे वो निकलेगी तो सब जान जाएंगे की चिड़िया उड़ना शुरू कर चुकी हैमां ने गीता के सहेलियों के साथ छेड़ छाड़ की शुरुआत कर दी है । गीता जितना छुपाना चाहती थी मां उतना ही खोलना चाहती हैं ।
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" जब तीन तीन चढ़ेंगे न एक साथ तेरे ऊपर तो पता चलेगा, अभी तो मेरा बेटा अकेले तेरी गाँड़ फाड़ देता है। और एक बार नहीं तीन बार, और मेरी कमीनी मौसेरी बहनें हर बार , मेरे बिल साफ़ कर देती ही जिससे उनके मर्दों का सूखी, बुर, गाँड़ में दरेरता रगड़ता घुसे। ढाई तीन घण्टे तक लगातार मूसल चले तीन तीन। "
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गीतवा की माँ उसको आगे आने वाले ख़तरे और मज़े के लिए तैयार कर रही है
होली पर्व ही आग लगाने वाला है, होलिका दहन से शुरू होती है मस्ती“”
" वो, वही जो मेरी तीसरी होली में, ससुराल की होली में,... उन्होंने कबुलवाया था,... की तेरी बुआ जब शादी के बाद पहली होली में अपने मायके आएँगी न तो बस उनके सामने ही एकदम खुल्ल्म खुला, इसी आंगन में उनके मरद के साथ,... और मैंने हंस के मान लिया, अरे नन्दोई का तो सलहज पे हक होता है वो भी होली में तो,... तो ये था दूसरा नेग लेकिन तू न असली बात से , तेरी मौसी लोगो वाली बात "
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होली के पानी पानी वाले माहोल में आगलगा देती है कोमल जी
Thanks so much for gracing this thread. Bahoot Bahoot swgat hai aapka bas saath baanaye rkahiyenice1
एकदम सही बात कही आपने गीता और अरविन्द मैदान के नयी खिलाड़ी हैं इसलिए माँ उनसे बार बार अभ्यास करवाएंगी अलग अलग तरीके से अलग पिचों पर,... हाँ माँ भी भी कभी कभी, कभी सिखाने के बहाने तो कभी बस मजे के लिए, अभी आगे भी आयंगे माँ बेटी बेटे के प्रसंग, अभी तो बस झिझक मिटी हैचाहे कितने भी राउंड हो जाएं..
कम हीं लगता है...
लेकिन श्रेष्ठ होने के लिए बार-बार अभ्यास जरुरी है...
लेकिन माँ ने जवाब दिया खूब मुस्कराते हुए , " अरे समझती ना का हो तुम लोग, लड़की ऐसे कब चोकरती हैं,... अरे छिनरपना है, थोड़ा सा पिरायेगा , सात गाँव गोहार,... "
गईया का चोकरना तो सब सुन चुकी होंगी..
आखिर गाँव में सबके घर में लग्हर रहता हीं है...
और अब अरविंदवा भाभी-चाचियों से सीखे ट्रिक को आजमा कर...
गितवा को दबोच लिया है... तो चोकरने के अलावा कुछ नहीं कर सकती...
बाद में मजा भी तो लेगी....