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जोरू का गुलाम भाग २५० पृष्ठ 1556
एम् -२ --एक मेगा अपडेट पोस्टेड
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Manju ne yahan aag laga rakhi hai or apne is forum meकसी कसी मिसेज मोइत्रा
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अभी नहीं तो कभी नहीं।
मंजू जब पहली बार आयी थी, मिसेज मोइत्रा को देख के ही उसने फैसला कर लिया था, हफ्ते भर के अंदर स्साली की बुर और गाँड़ दोनों में मुट्ठी पेलूँगी, बहुत शरीफ बनी फिरती है,
लेकिन आज जब मौका था मुट्ठी करने का, उसने फैसला बदल दिया था,... स्साली की बुर बड़ी कसी थी,... कच्ची कली ऐसी तो नहीं लेकिन नयी दुल्हन दो चार महीने की,..ऐसा तो जरूर,...
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और मिसेज मोइत्रा ने खुद कारण साफ़ कर दिया था, दोनों बेटियां बुर ने नहीं ऊगली थीं, बल्कि आपरेशन से,.. और डाक्टरनी उनकी सहेली, तो उसने लगे हाथ एक आपरेशन और कर दिया था,... जो थोड़ी बहुत चूत ढीली हुयी थी उसे फिर से टाइट कर दिया था,... और उसके बाद १५ -१६ साल से ऊपर ही हो गए हो गए, कुछ अंदर गया नहीं,.. मोइत्रा का केंचुआ भी पहले तो नीली गोली खा के महीने दो महीने में लेकिन ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद वो भी नहीं, और वो भी सबसे छोटी अंगुली जैसा और आधे टाइम तो बाहर ही,... दसो साल हो गए,... ऊँगली से छुआ भी नहीं था,... असर वही था, वो छनछनाती रहती थीं, गुस्से में,...
लेकिन आज उन्हें पता चल रहा था चूत बनाने वाले ने क्यों बनायी थी,...
और पिछवाड़ा तो कोरा ही था,...
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इसलिए मंजू मिसेज मोइत्रा की गाँड़ में मुट्ठी डाल के उन्हें जल्द ही चोदने वाले उनके दामाद का मजा कम नहीं करना चाहती थी, और उस स्साले का खूंटा भी उनकी मुट्ठी से कम नहीं थी, पहले भी साइज अच्छी थी, लेकिन मंजू की बेटी के पहलौठी के दूध का असर, एकदम लोहे का खम्भा,... मंजू ऐसी को तीन पानी झाड़ के झड़ता था,... मंजू ने भी अपनी ख़ास जड़ी बूटी की मालिश और फिर उनकी सास ने जो जो ट्रिक सिखाई,...
तो मिसेज मोइत्रा और उनकी दोनों कबुतरियों की गाँड़ में जब वो मोटू घुसेगा तो पता चलेगा,...
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रगड़घिस्स से बुर पानी फेंक रही थी, एक तार की चाशनी, ... एक ऊँगली गोल गोल घुमा के बड़ी मुश्किल से मंजू बाई ने पेला,..
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थोड़ी देर अंदर बाहर करने के बाद जब दुबारा ऊँगली गयी तो उसी के ऊपर चढ़ा के दूसरी ऊँगली,... मिसेज मोइत्रा की दो ऊँगली में भी जबरदस्त चीख निकल गयी, अंदर जाकर दोनों उँगलियाँ फ़ैल गयीं, एक एक नर्व इंडिंग को पकड़ के रगड़ के टैप करके,.. सिर्फ तीन चार इंच में ही बुर के अंदर की हर प्वाइंट पे मंजू रगड़ रही थी ,..
और मिसेज मोइत्रा सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थी,...
" ऐसी तेरी दोनों बेटियां चुदेगी,... बड़ा मजा आएगा जब उनके जीजू का लंड घुसेगा, ये तो दो ऊँगली है उसका तो मुट्ठी ऐसा,... " मंजू मिसेज मोइत्रा के कान में बोल रही थी,...
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" अरे मंजू, चुदे न, इस उमर में नहीं चुदेगी तो कब, ओह्ह और अंदर डाल न मंजू,ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है " मिसजे मोइत्रा सिसक रही थीं,... " अरे चुदे न, मेरा दामाद है,... मेरी दामाद है मेरी बेटी को नहीं चोदेगा तो किसको चोदेगा,... दोनों अपने जीजू से चुदवाये, चाहे जिससे पेलवायें,... बस मंजू मुझे मेरे दामाद का मोटा लंड चाहिए, ... और अभी तो तू ही झाड़ दे न, मंजू तो बड़ी अच्छी है तू चाहेगी तो सब कुछ हो जाएगा, इत्ते दिन से तड़प रही हूँ, और तूने और आग लगा दी, ... अब तो,... "
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मिसेज मोइत्रा सुलग रही थीं,
" मिलेगा, मिलेगा, तुझे मस्त मोटा तेरे दामाद का खूंटा मिलेगा, अब तो तू मेरी सहेली है, पहले अपने दामाद का घोंट ले, उसके बाद एक बार दुकान खुल जाये तो मंजू शटर डाउन नहीं होने देगी, रोज रोज, .. लेकिन दस पंद्रह दिन बाद, "
मंजू ने और आग लगाई,
" नहीं नहीं इतना इन्तजार क्यों, ,,, मिसेज मोइत्रा से रहा नहीं जा रहा था।
मंजू ने ऊँगली करना रोक दिया और अपना शक साफ़ जाहिर कर दिया,
" स्साली कल चुद जाए और उसके फिर वही भोंसड़ी की नौटंकी पेलने लगे, तो आठ दस दिन देखूंगी रोज तू बदल रही है की नहीं, कपडे में बोलने, जब खुलेगी तभी तो मजा लेगी, कल से ही देखूंगी कैसे बोलती है अपने बेटियों से, कैसे पहनती है कपडे, ये सब ढक्क्न वक्क्न बंद, आज सुबह तेरे ब्लाउज के सब के ऊपर के दो बटन तोड़ दूंगी, कम से कम निपल तक तो दिखना चाहिए, ... और कहीं भी किसी के सामने भी अपने बोल सुधारना, बिना लंड, बुर चुदाई के अगर बोली न तो सोच भूल जाना अपने दामाद का लंड,... अभी तो मैं हूँ सामने, तुझे झड़ने की ललक लगी है और कल फिर तेरी हिम्मत न पड़े उस स्साले दामाद का लंड खोल के पकड़ने की तब,"
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"नहीं मंजू नहीं दोनों बेटियां तो अब तेरे हवाले हैं कल से तू यहीं रहनादेखना जैसे तू कह रही है एकदम वैसे ही करुँगी, कोई पहचान भी नहीं पायेगा, पक्का, ... " मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं
और मंजू ने जड़ तक ऊँगली पेल दी फिर घचाघच, गपागप,... और वो भी चूतड़ उठा उठा के लेकिन बात मंजू उनके बेटियों की ही कर रही थी और मिसेज मोइत्रा जवाब भी दे रही थीं , वो झड़ने के करीब थीं,...
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और मंजू ने अंगूठा क्लिट पर लगा के रगड़ना शुरू कर दिया,... जैसे ज्वालामुखी फूटे उस तरह से वो झड़ रही थी,... और मंजू भी रुकी नहीं, एक बार दो बार,... मिसेज मोइत्रा जब थेथर हो गयीं झड़ झड़ के तब जाके वो रुकी और ऊँगली में जो भी बुर की चाशनी थी, मिसेज मोइत्रा को चटा दिया,
थोड़ी देर तक जैसे बिस्तर पर मर्द औरत चुदाई के बाद कस के चिपक के पड़े रहते हैं उसी तरह मंजू और मिसेज मोइत्रा दोनों, आधे पौन घण्टे के बाद पहल जैसे मर्द करता है मंजू ने ही की, कस के चुम्मा ले कर खूब गीला सा और कचकचा के मिसेज मोइत्रा के होंठ काट लिए, देर तक। सुबह तक पूरी देह पर खास कर गालों पर, चेहरे पर जोबन पर आज की रात के निशान न रहे तो क्या मजा,
और मिसेज मोइत्रा भी सुनगुनाने लगीं, पार्टनर कौन जो बिन बोले जोड़ीदार की बात न समझ जाए। वो समझ गयीं मंजू अब चाहती है की वो उसकी बुर चाटे, चूसें
Komal ji , planning hi itni hor hai jab execution hoga to tehlaka mach jayega. Ab intejar nhi hotaमाँ बेटी साथ साथ - मंजू का प्लान
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,मंजू घुमा फिरा के बात बेटियों पे ही ले आती,
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उसने मिसेज मोइत्रा को समझाया,... मेरी गीता को तो जिस दिन से माहवारी शुरू हुयी, मैंने सहेली मान लिया,... उस पे लगाम लगाने के चक्कर में मेरे लगाम लग जाती, उसके यारों को रोकती तो मेरे यार रुक जाते,... तो पहले गोली फिर तांबे का ताला,...
मिसेज मोइत्रा ने कस के लिप्पी लेते बोला तू सच्ची समझदार है, मैं भी यही करुँगी, मजे लो, मजे लेने दो,... उन सबों के मजे पे रोक लगाने के चक्कर में मेरी जवानी सूखी जा रही थी,...
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"दोनों तेरी वाली मस्त माल हैं, बस थोड़ा मेरा हाथ लग गया न तो देखना अपनी माँ का भी नंबर डकायेंगी, लेकिन अब हम दोनों जैसे आपस में बात करते हैं गाली देकर, खुले आम चुदाई की लंड और चूत की,... बस ऐसे ही उनके सामने भी,.. कभी लेट वेट हो गयीं न तो बजाय हड़काने के प्यार दुलार से चिढ़ा के छेड़ के बोल,
" क्यों लगता है किसी यार से चुदवा के आ रही है, जा आराम कर,... "
मंजू ने समझाया और मोइत्रा ने हंस के उसे गले लगा लिया।
सुबह तक तीन बातें तय हो गयीं,... दोनों बच्चियों की अब पूरी जिम्मेदारी मंजू पर,... सब कुछ सिखाने पढ़ाने की, कहीं जाना है, देर से आना है सब कुछ,... और दोनों के सामने भी दोनों से भी एकदम मंजू वाली जुबान में ही बात होगी, आपस में क्या शर्म लाज
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दूसरी बात,... अब अपने दामाद से लड़कियों के सामने भी चिपका चिपकी करेंगी वो, और खाली पैंट के ऊपर से नहीं दबाएंगी, खोल के मुठियायेंगी, पैंट के अंदर हाथ डाल देंगी,
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और लड़कियां पास में होंगी तो बात चीत में उनको भी जोड़ लेंगी, देख तेरे जीजू ने पैंट में क्या छुपा रखा है, कभी खोल के पकड़ा की नहीं , कैसी साली हो,
और आखिरी बात चुदाई में कैसे उन दोनों को शामिल कराएं और उसका रस्ता मिसेज मोइत्रा ने खुद बोल दिया,
" यार मंजू तू तो बस उस स्साले को किसी तरह एक बार मेरे ऊपर चढ़वा दे,... फिर आगे का मैं देख लूंगी,... एक राउंड के बाद किसी दिन उन दोनों को बुला लुंगी और खुद अपने हाथ से पकड़ा दूंगी और हड़काऊंगी अगर ज़रा भी झिझकी, फिर उसे बोलूंगी मुठियाने के लिए, ... और मुंह में लेने को, नहीं तो खुद चूस के दिखाउंगी , और सीधे उन दोनों के मुंह में बारी बारी से,...
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एक बार मेरे सामने चुद गयीं न तो फिर उन दोनों से घबड़ाने की मुझे कोई जरूरत नहीं, और हम तीनो के बीच फिर कोई पर्दा नहीं रहेगा। "
मंजू की प्लानिंग कामयाब रही, सोच मिसेज मोइत्रा की बदल गयी जिन रसगुल्लों को वो डिब्बे में बंद रखती थीं अब उसे खुद प्लेट में रख कर परसने वाली थीं, पर उन्हें क्या मालूम था की खानेवाला उसके पहले ही दोनों का भोग लगा लेगा,...
हाँ तीनो की एक साथ लेने की बात ही और थी एक ही बिस्तर पर मिसेज मोइत्रा भी और उनकी दोनों बेटियां भी , बीच में माँ दोनों ओर दोनों टीनेजर जस्ट हाईस्कूल में गयी बेटियां।
Komal ji you are just too good in narrating the smallest of details in a very erotic way. You keep the reader always in an excited state.जोरू का गुलाम भाग२०९
मंजू और मिसेज मोइत्रा - किचेन में मस्ती
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रोल प्ले में तो मंजू एकदम माहिर, ऐक्शन हो , आवाज हो,... और अब वो एकदम किसी नयी नौसिखिया की तरह, जो पहली बार बुर पर मुंह लगा रही हो, उसी तरह मुंह लगा रही थी, जैसे छेद ढूंढ रही हो, कभी जाँघों के ऊपर वाले हिस्से पे चाटती तो कभी बुर के छेद के ठीक बगल में,... तो कभी गलती से उसकी जीभ क्लिट को छू के हट जाती,... तो मिसेज मोइत्रा के तन में आग लग जाती,...
वो बोलने लगतीं,
" अरे छुटकी क्या करती है, सही जगह चाट न, ओह्ह उफ़ बहुत अच्छा लग रहा है, मस्त चाटती है,... अरे वहां लगा न,... छेद पे सीधे, डाल दे जीभ अंदर "
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मिसेज मोइत्रा की छोटी बेटी छुटकी का रोल कर रही, एकदम यंग टीनेजर की तरह छुटकी की आवाज में मंजू बोली,...
" मम्मी, किधर किस छेद में,... आप एक बार साफ़ साफ़,... "
और बिना बात पूरी किये मिसेज मोइत्रा ने दोनों हाथों से सर पकड़ के कस के खींच के सीधे अपनी बुर के छेद पर लगा दिया, और प्यार से हड़काते बोलीं,
" छुटकी तू भी न इत्ती बड़ी हो गयी अभी तुझे छेद सिखाना पड़ेगा, ... अरे मेरी बुर में, आग लगी है वहां, प्लीज बेटी जरा चाट कस कस के, हाँ ऐसे ही,... फिर अंदर डाल, .... ओह्ह छुटकी उफ्फ्फ "
मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं और छुटकी की आवाज निकाल रही मंजू उन्हें तड़पा रही थीं, लेकिन मिसेज मोइत्रा ने कस के उनका सर पकड़ रखा था जैसे कोई बच्चे का हाथ पकड़ के क ख ग लिखना सिखाती हो माँ,...
और छुटकी का रोल निभा रही मंजू की जीभ,.. मिसेज मोइत्रा की रसीली फांकों के ठीक ऊपर से क्लिट के नीचे से लेकर एकदम अंत तक सपड़ सपड़, सपड़ सपड़ चाट रही थी, और फिर दोनों फांको को अपने होंठों में जब दबा के चूसना शुरू किया तो मिसेज मोइत्रा के बदन में आग लग गयी,... एक यंग टीनेजर जो अभी हाईस्कूल में गयी गयी हो, वो जब चूसेगी कितना रस होगा,
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मिसजे मोइत्रा अपने बड़े बड़े चूतड़ पटक रही थीं और बोल रहीं थीं हाँ छुटकी हाँ बेटी बस एक बार अंदर, जरा सा अंदर,.. अरे दोनों फांको को फैला के, हाँ ही बस थोड़ा सा और , ओह्ह उफ़ उफ्फ्फ
मंजू एकदम किसी नयी लड़की तरह चूस रही थी, कभी जीभ बुर से बाहर सरक जाती तो कभी चाटते चूसते, और मिसेज मोइत्रा को भी बस यही लग रहा था की उनकी छुटकी बिटिया ही अपनी माँ की बुर चूस चाट रही है, एकदम नए तरह का मज़ा आ रहा था, कभी चूतड़ पटकती तो कभी छुटकी का नाम लेके बुलाती,...
"ओह्ह साली चूस चूस कस के चूस अपनी माँ की बुर, अरे बेटी क्या मस्त चूस रही है, आज झाड़ दे ना तेरी माँ बहुत दिन से तड़प रही है"
और मंजू उनकी बात सुन के और कस के, लेकिन जैसे हो मिसेज मोइत्रा झड़ने के कगार पर होतीं बस जैसे गलती से जीभ निकल जाती,
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और वो तड़प उठतीं कराहने लगती, चार पांच बार मिसेज मोइत्रा को झड़ने के कगार पर ले जाकर,... मंजू रुक गयी,... और एक बार जब मिसेज मोइत्रा एकदम झड़ना शुरू कर रही थीं, मंजू ने उन्हें छोड़ दिया और उठ के खड़ी हो गयीं,...
बेचारी मिसेज मोइत्रा, तड़प के रह गयीं, मंजू से बोलीं , यार प्लीज झाड़ दे न,...
मंजू ने मुस्कराते हुए उनका हाथ पकड़ के बिस्तर से उठाते हुए चिढ़ाया भी हड़काया,...
" स्साली, इत्ते दो दो मस्त माल घर में रखे हैं, इसी चूत से निकले तो हैं तो,... अब छुटकी से चुसवा के झड़वाना, ...
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मिसेज मोइत्रा की निगाहें कपडे के लिए इधर उधर ढूंढ रही थीं पर कपडे, तो सब मंजू ने हटा दिए थे,
मंजू समझ गयी, हंस के बोली, अरे दामाद से चुदवाना है तो पहले सब लाज सरम अपने भोंसडे में डाल साली और अपने बिटियों की चूत में तभी मस्त मोटा लंड मिलेगा,... घबड़ा मत यार झाड़ दूंगी और तुझे तेरे दामाद से चुदवा भी दूंगी, अभी पेट में आग लगी है चल पहले किचेन में कुछ,...
और वैसे ही नंगी पुंगी,... दोनों किचेन में,
Thanks Komal didi, u r soooo nice 2 me.Thanks so much. I do understand. As they say, 'Ars longa, vita brevis'. And readers like you with such a complete commitment are rare. Bharat in his Natyashastra has shown the importance of ' Rasic' a discerning listener, viewer, or reader, who knows the art. So every writer like me is always in search of readers like you. Dil to baccha hai ji. I always look forward to your comments and yes like many other times you are the first on the post.
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Raji, Komal Madam is nice to both of usThanks Komal didi, u r soooo nice 2 me.![]()
Thanks so much, It is Doctor Sahiba's greatness, otherwise i have learnt a lot form my friend, and daring to write Incest is only one of them,... her humility, her humble approac is unmatched,Raji, Komal Madam is nice to both of us
Ofcourse, she being mentor you means she is extra nice to you![]()
komaalrani Rajizexy
It is your Humility.Thanks Komal didi, u r soooo nice 2 me.![]()
मंजू की ट्रिक गाजर की खीर
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और मिसेज मोइत्रा भी सुनगुनाने लगीं, पार्टनर कौन जो बिन बोले जोड़ीदार की बात न समझ जाए। वो समझ गयीं मंजू अब चाहती है की वो उसकी बुर चाटे, चूसें
बस वो मंजू की खुली जाँघों के बीच सपड़ सपड़,
"घबड़ा मत साली कल तेरी बेटियों के सामने तुझसे ऐसे ही चुसवाऊँगी चटवाउंगी, स्साली सब तुझे देख देख के सीख जाएंगी, ... जब माँ को मजे करते देखेंगी तो वो भी खुल के उड़ने लगेंगी, ... "
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मंजू ने कस के मिसेज मोइत्रा का सर पकड़ के अपनी बुर पे रगड़ते हुए बोला,
ये सोच के ही मिसेज मोइत्रा की चुनमुनिया फड़फड़ाने लगी, वो जान रही थीं मंजू अगर कह रही है तो करवाएगी भी, और अब उसकी बात वो मना नहीं कर सकती थीं, ... बस और कस के वो चूसने लगीं और उन्हें सोच सोच के मजा आ रहा था की कैसे मंजू उसकी बेटियों के सामने उस से चुसवायेगी,
मंजू ने भी तय कर लिया था, मिसेज मोइत्रा को तोड़ने का यही तरीका है, ...
वरना कुतिया की पूँछ कितना भी नली में रखोगे, बाहर निकलते ही, लेकिन इस बंगालन की ऐसी सीधी करनी है की कातिक की कुतिया की तरह हरदम गर्मायी रहे,... बस पहला मौका मिलते ही इसी बिस्तर में, और इसी चुसवायेगी, सुबह सुबह और इसकी दोनों बेटियां, सोचती हैं बेड टी बिस्तर पर मिलें, इसी को बोलूंगी, बुलाये अपनी बेटी को,.. और मैं बोलूंगी, देख रही हो तेरी मम्मी थोड़ी बिजी हैं, ज़रा तू ही दो कप चाय बना के फट्टा फट,
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और ये सोच के मंजू और जोश में आ गयी और कस के रगड़ रगड़ चुसवाने लगी,...
अरे गाँड़ चट्टो जरा गाँड़ भी तो चाट हरामिन,
हड़काया मंजू ने और अगले ही पल मिसेज मोइत्रा की जीभ पिछवाड़े के छेद पर, कस कस कर, दोनों होठों को छेद पर लगाकर क्या वैक्यूम क्लीनर चूसेगा,
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अब मंजू सब छोड़ के मजे ले रही थी और थोड़ी देर में जब वो झड़ी तो कस के मिसेज मोइत्रा को चिपका लिया।
दो पाउच दारु मिसेज मोइत्रा के देह पर लगी और बाकी उनके पेट में, कुछ सीधे कुछ मंजू के मुंह से,... और अब वो एकदम मंजू की भाषा में बात कर रही थी चार बार रात में वो झड़ी , चार बार उन्होंने मंजू को झाड़ा चूस चूस के चूत पे चूत रगड़ के,...
बीच बीच में मस्ती भरी बातें भी, मंजू की,
" सुन स्साली, कितने पाउच हैं "
" पूरे तीन " हँसते हुए मिसेज मोइत्रा बोलीं,
" अरे गाँडमरानो तो स्साली खोल न, एक, आधा पहले तू गटक जा और आधा मुझे दे दे " मंजू बोली। और वो मिसेज मोइत्रा जो जूस के अलावा कुछ पीती नहीं थी वो भी सील बंद टेट्रा पैक और आज अपने हाथ से देसी महुआ का पाउच,... लेकिन यही बदलाव तो मंजू चाहती थी,
" सुन, " महुआ गटकते मंजू ने अपनी सहेली को सुझाव दिया,
" तेरा स्साला दामाद बियर, पीता है उसके यहाँ फ्रिज में मैंने खुद देखा है, तो तू भी अपने फ्रिज में,.. बजाय चाय के उसे बीयर दे, खुद खोल के,... और हाँ ये टाउनशिप के बाहर जो दुकाने कोल्ड ड्रिंक रखती हैं वहीँ मिल जाती है, ... अपनी बेटियों को भेज के मंगा लेना, ... लड़कियों को देख के स्साले डिस्काउंट भी दे देंगे, ... दर्जन भर कम से कम उनके स्कूल के रास्ते में ही पड़ती है,... "
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" कल ही भेज के मंगा लूंगी " मिसेज मोइत्रा ने महुआ गटकते तुरंत हामी भरी।
" एक ट्रिक बताती हूँ, लेकिन स्साली तुझसे नहीं होगा, तू अपनी लड़कियों से स्साली शरमाती बहुत है, बिना शर्म लाज छोड़े जवानी का रस नहीं मिलता। "
मंजू ने और चढ़ाया मिसेज मोइत्रा को,
" अरे बोल तो दिया कल से दोनों लड़कियां तेरे हवाले देखना तू बोल न, करुँगी पक्का करुँगी, " मिसेज मोइत्रा ऑलमोस्ट चिरौरी करते बोली।
" जानती है तेरे दामाद को गाजर की खीर बहुत पसंद है,... " मंजू ने सिर्फ एक टुकड़ा फेंका और मिसेज मोइत्रा ने लपक लिया।
" अरे मैं ऐसी गाजर की खीर बनाती हूँ की वो ऊँगली चाटेगा " मिसेज मोइत्रा बोलीं, और मंजू ने फिर पासा फेंक दिया
" पेसल फार्मूला है, जब तेरी बेटी जायेगी न बीयर लाने, छुटकी को भेजना,... सामने ही ठेले पर सब्जी वाले रहते हैं, तो छुटकी से साफ़ साफ़ बोल देना, ... जैसा तेरे जीजू का औजार है, पकड़ा तो होगा तूने, स्साली कौन जो जीजू का औजार न पकड़े, बस उसी साइज का बित्ते भर का कम से कम, ... बोल देना सब्जी वाले से लम्बा भी चाहिए और मोटा भी चाहिए,... ऐसी आधी दर्जन गाजर लाल,... "
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" एकदम ऐसे ही बोलूंगी, " हँसते हुए मिसेज मोइत्रा बोलूं, फिर जोड़ा अब आगे बोल न
" बस आगे सोच ले , जैसे वो छुटकी ले आएगी, उस से लेकर तुरंत, इधर उधर मत रखना सीधे अपनी बुर में घुसेड़ लेना, एकदम जड़ तक, ... और एक गाजर आधे से पौन घंटे तक, फिर कुछ भी करके झड़ना होगा, सोचना की तेरे दामाद का लंड है, एक के बाद एक कम से कम तीन चार गाजर, और उसी की खीर बना के अपने दामाद को खिला दें,... एकदम से तेरे आगे पीछे नाचेगा "
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मंजू ने तरीका समझा दिया और मिसेज मोइत्रा ने मान भी लिया।
और ,मंजू घुमा फिरा के बात बेटियों पे ही ले आती, उसने मिसेज मोइत्रा को समझाया,... मेरी गीता को तो जिस दिन से माहवारी शुरू हुयी, मैंने सहेली मान लिया,... उस पे लगाम लगाने के चक्कर में मेरे लगाम लग जाती, उसके यारों को रोकती तो मेरे यार रुक जाते,... तो पहले गोली फिर तांबे का ताला,...
मिसेज मोइत्रा ने कस के लिप्पी लेते बोला तू सच्ची समझदार है, मैं भी यही करुँगी, मजे लो, मजे लेने दो,... उन सबों के मजे पे रोक लगाने के चक्कर में मेरी जिंदगी सूखी जा रही थी, वाह कोमल जी क्या
कोमल जी वाह कथानक के कामुक संवाद और चित्रों का संयोजन अद्भुत है मजा तो आगे आएगा जब मिसेज मोइत्रा और मंजू अपने दामाद के साथ मैथुन रत होगी प्रतीक्षा रहेगीThe Last Update is on page 1058.
जोरू का गुलाम भाग २१० - मंजू, मिसेज मोइत्रा और महुआ
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Manju is too good. Mrs Moitra ko ekdam sahi paath padha rahi hai.नशा महुआ का
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असली खेल तो अब शुरू होना था।
रोहू के साथ मंजू ने कई चीजें मंगाई थी और उसमें ६ पाउच शुद्ध देसी महुआ की थी, जबरदस्त असर वाली, एक ग्लास में पाउच खोल के महुआ भरा मंजू ने मिसेज मोइत्रा के लिए और टेबल पर रखा लेकिन कुछ सोच के ग्लास आधा कर दिया, आधा मंजू की ग्लास में और मिसेज मोइत्रा वाली ग्लास लेकर बगल के बाथरूम में,... साड़ी पेटीकोट कुछ उतारना तो था नहीं, ... बस दोनों जाँघों के बीच ग्लास रख के,...
एक जबरदस्त कॉकटेल,...
मिसेज मोइत्रा रोहू ले कर आयीं और मंजू चावल फिश पकौड़ा और अपनी ख़ास लाल चटनी,.. उस पकोड़े के लिए,... और मिसेज मोइत्रा का हाथ पकड़ के अपनी दोनों जाँघों के बीच में जो अभी भी अच्छी तरह से सुनहली शराब से गीला था,
" आज हमरे हाथ से खाना होगा, अपने हाथ से यहाँ काम करो,... " मुस्करा के मंजू बोली और एक फिश पकौड़ा लेकर लाल मिर्च की चटनी में,... चपोड़ के,... मिसेज मोइत्रा ने अपने होंठ खोल दिए जैसे अपने बेटियों के जीजू के मोटे खूंटे के लिए खोल रही हों,...
गप्प
और मिसेज मोइत्रा की हालत ख़राब, अभी तक तो चूत में आग लगी थी अब मुँह जल रहा था, रोज से पांच गुनी तेज थी वो चटनी,... बोली नहीं निकल रही थी, हाथ उनके मंजू की जाँघों के बीच और मंजू के कस के अपनी जाँघे भींच ली थीं वो लाख कोशिश करें हाथ नहीं छूट सकते थे,...
मिसेज मोइत्रा के अबतक चूत से पानी निकल रहा था अब आँख से, और वो इशारा कर रही थीं पानी के ग्लास की ओर,...
मंजू ने आराम से ग्लास उठाया और मिसेज मोइत्रा के प्यासे होंठों के बीच, देसी महुआ और मंजू की अपनी दारु,... जबरदस्त कॉकटेल,... जब तक वो कुछ समझे, मंजू ने एक तिहाई ग्लास, और जब वो मुंह हटाने की कोशिश कर रही थीं, मंजू ने एक हाथ से कस के मिसेज मोइत्रा के सर को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से ग्लास की दारु उनके मुंह में अब ढकेल रही थी,... और आधा ग्लास से ज्यादा मंजू ने मिसेज मोइत्रा के मुंह में,... मिर्चे की आग तो ख़तम हो गयी थी, लेकिन एक नया स्वाद, नयी महक,..
महुआ का असर ही काफी था. मिसेज मोइत्रा जो कोल्ड ड्रिंक भी इस डर से नहीं पीती थीं की कही किसी ने लिम्का में जिन न मिला दी हो, सिर्फ ऑरेंज जूस वो भी ग्लास में नहीं टेट्रा पैक से उनके सामने ग्लास में, ( बेचारी आज लेकिन लेडीज क्लब में जो ऑरेंज जूस के तीन ग्लास उन्होंने डकारे थे उसमें ऑरेंज वोदका मिली थी, इंजेक्शन से टेट्रा पैक में डाल के और एक बार तीन पेग वोडका का नशा चढ़ने के बाद रमोला का भी दो ग्लास,.. ) और आज एक झटके में आधी ग्लास महुआ की देसी,... और उसमें भी मंजू ने,... असर तो होना ही था, मंजू ने पहली बार मिलने पर ही सोचा था की इस साली को अपने नीचे लाकर रहूंगी, अपना पेसल पिला के, ... लेकिन ये मौका इतना जल्दी आएगा उसने सोचा भी नहीं था,...
और असर भी तुरंत हुआ, मिसेज मोइत्रा का लगा तो कहीं कुछ,.. लेकिन आज उनकी आँखों के सामने या तो दमाद का मोटा मूसल घूम रहा था या अपनी जवान होती दोनों कच्ची कलियाँ, उनसे चुसवाने का मौका, उनकी कच्ची अमिया,...
ग्लास हटाने के बाद,... जब तक मिसेज मोइत्रा कुछ बोले,... मंजू ने अपने होंठ मिसेज मोइत्रा के होंठों में चिपका दिया, मंजू के मुंह से आधी कुचली खायी फ़िश पकौड़ी, सीधे मिसेज मोइत्रा के मुंह में,... और साथ में मंजू की लार, और मंजू ने कचकचा के उनके होंठ काट खाये, मंजू की जीभ अब मिसेज मोइत्रा के मुंह में कबड्डी खेल रही थी,
बस पांच मिनट और,... मंजू जानती थी बस पांच मिनट और जितना महुआ मिसेज मोइत्रा के पेट में गया है, ... पांच मिनट में उनका दिमाग मथ देगा,... मंजू के दोनों हाथ कस कस के मिसेज मोइत्रा के गदराये जोबन पूरी ताकत से मसल रहे थे,... खाने के मेज पर ऐसी मस्ती कभी मिसेज मोइत्रा ने नहीं की थी, और अब उनकी उँगलियाँ भी मंजू के बुर में अंदर बाहर,...
पूरे पांच मिनट मंजू ने उनका मुंह बंद रखा,... और फिर अपनी ग्लास से महुआ अपने मुंह में,... लेकिन वो मंजू के पेट में नहीं गया, एक बार फिर मंजू के मुंह से मिसेज मोइत्रा के मुंह में और फिर सीधे मिसेज मोइत्रा के पेट में,...
असर सामने आ रहा था, मिसेज मोइत्रा की आँखे लाल हो रही थीं, साँस से मुंह से देसी दारु का भभका आ रहा था,
और अब जब मंजू के होंठ हटे वो समझ गयी, ... अब मिसेज मोइत्रा पर असर शुरू हो गया, ... उसने और मिसेज मोइत्रा को हड़काया,...
" अरे स्साली, ऐसे हलके हलके ऊँगली कर रही है, पेल न मेरी बुर में पूरी ताकत से, जैसे तेरा दामाद पेलेगा तेरी बेटी की कच्ची चूत में उसकी झिल्ली फाड़ने के लिए ,.. "
अब मिसेज मोइत्रा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, बस जैसा मंजू कह रही थी, उसी तरह से वो सोच रही थीं, देसी ने काम शुरू कर दिया था।
वो तेजी से ऊँगली करने लगी पूरी ताकत से,... थोड़ी देर में मंजू ने मिसेज मोइत्रा का बायां हाथ खाली कर दिया, दाहिना अभी भी ऊँगली कर रहा था,... और एक बार फिर लाल चटनी वाला पकौड़ा मिसेज मोइत्रा के मुंह में और अबकी मिसेज मोइत्रा ने अपने हाथ से ही महुआ और मंजू की … का मिक्स उठा के पी लिया,...
मंजू रोहू की भी तारीफ़ कर रही थी, और उकसा के उन्हें खुद उनकी बेटियों के बारे में अच्छे वाले मजाक करने के लिए उकसा रही थी।
" स्साली तेरी दोनों बेटियों की कच्ची अमिया अभी छोटी हैं न ज्यादा से ज्यादा तेरा यार, तेरा दामाद उन्हें कुतर लेगा, उसे क्या मजा आएगा,... " मंजू ने मिसेज मोइत्रा को चढ़ाया,