Random2022
Active Member
- 550
- 1,314
- 123
Manju ne yahan aag laga rakhi hai or apne is forum meकसी कसी मिसेज मोइत्रा
अभी नहीं तो कभी नहीं।
मंजू जब पहली बार आयी थी, मिसेज मोइत्रा को देख के ही उसने फैसला कर लिया था, हफ्ते भर के अंदर स्साली की बुर और गाँड़ दोनों में मुट्ठी पेलूँगी, बहुत शरीफ बनी फिरती है,
लेकिन आज जब मौका था मुट्ठी करने का, उसने फैसला बदल दिया था,... स्साली की बुर बड़ी कसी थी,... कच्ची कली ऐसी तो नहीं लेकिन नयी दुल्हन दो चार महीने की,..ऐसा तो जरूर,...
और मिसेज मोइत्रा ने खुद कारण साफ़ कर दिया था, दोनों बेटियां बुर ने नहीं ऊगली थीं, बल्कि आपरेशन से,.. और डाक्टरनी उनकी सहेली, तो उसने लगे हाथ एक आपरेशन और कर दिया था,... जो थोड़ी बहुत चूत ढीली हुयी थी उसे फिर से टाइट कर दिया था,... और उसके बाद १५ -१६ साल से ऊपर ही हो गए हो गए, कुछ अंदर गया नहीं,.. मोइत्रा का केंचुआ भी पहले तो नीली गोली खा के महीने दो महीने में लेकिन ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद वो भी नहीं, और वो भी सबसे छोटी अंगुली जैसा और आधे टाइम तो बाहर ही,... दसो साल हो गए,... ऊँगली से छुआ भी नहीं था,... असर वही था, वो छनछनाती रहती थीं, गुस्से में,...
लेकिन आज उन्हें पता चल रहा था चूत बनाने वाले ने क्यों बनायी थी,...
और पिछवाड़ा तो कोरा ही था,...
इसलिए मंजू मिसेज मोइत्रा की गाँड़ में मुट्ठी डाल के उन्हें जल्द ही चोदने वाले उनके दामाद का मजा कम नहीं करना चाहती थी, और उस स्साले का खूंटा भी उनकी मुट्ठी से कम नहीं थी, पहले भी साइज अच्छी थी, लेकिन मंजू की बेटी के पहलौठी के दूध का असर, एकदम लोहे का खम्भा,... मंजू ऐसी को तीन पानी झाड़ के झड़ता था,... मंजू ने भी अपनी ख़ास जड़ी बूटी की मालिश और फिर उनकी सास ने जो जो ट्रिक सिखाई,...
तो मिसेज मोइत्रा और उनकी दोनों कबुतरियों की गाँड़ में जब वो मोटू घुसेगा तो पता चलेगा,...
रगड़घिस्स से बुर पानी फेंक रही थी, एक तार की चाशनी, ... एक ऊँगली गोल गोल घुमा के बड़ी मुश्किल से मंजू बाई ने पेला,..
थोड़ी देर अंदर बाहर करने के बाद जब दुबारा ऊँगली गयी तो उसी के ऊपर चढ़ा के दूसरी ऊँगली,... मिसेज मोइत्रा की दो ऊँगली में भी जबरदस्त चीख निकल गयी, अंदर जाकर दोनों उँगलियाँ फ़ैल गयीं, एक एक नर्व इंडिंग को पकड़ के रगड़ के टैप करके,.. सिर्फ तीन चार इंच में ही बुर के अंदर की हर प्वाइंट पे मंजू रगड़ रही थी ,..
और मिसेज मोइत्रा सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थी,...
" ऐसी तेरी दोनों बेटियां चुदेगी,... बड़ा मजा आएगा जब उनके जीजू का लंड घुसेगा, ये तो दो ऊँगली है उसका तो मुट्ठी ऐसा,... " मंजू मिसेज मोइत्रा के कान में बोल रही थी,...
" अरे मंजू, चुदे न, इस उमर में नहीं चुदेगी तो कब, ओह्ह और अंदर डाल न मंजू,ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है " मिसजे मोइत्रा सिसक रही थीं,... " अरे चुदे न, मेरा दामाद है,... मेरी दामाद है मेरी बेटी को नहीं चोदेगा तो किसको चोदेगा,... दोनों अपने जीजू से चुदवाये, चाहे जिससे पेलवायें,... बस मंजू मुझे मेरे दामाद का मोटा लंड चाहिए, ... और अभी तो तू ही झाड़ दे न, मंजू तो बड़ी अच्छी है तू चाहेगी तो सब कुछ हो जाएगा, इत्ते दिन से तड़प रही हूँ, और तूने और आग लगा दी, ... अब तो,... "
मिसेज मोइत्रा सुलग रही थीं,
" मिलेगा, मिलेगा, तुझे मस्त मोटा तेरे दामाद का खूंटा मिलेगा, अब तो तू मेरी सहेली है, पहले अपने दामाद का घोंट ले, उसके बाद एक बार दुकान खुल जाये तो मंजू शटर डाउन नहीं होने देगी, रोज रोज, .. लेकिन दस पंद्रह दिन बाद, "
मंजू ने और आग लगाई,
" नहीं नहीं इतना इन्तजार क्यों, ,,, मिसेज मोइत्रा से रहा नहीं जा रहा था।
मंजू ने ऊँगली करना रोक दिया और अपना शक साफ़ जाहिर कर दिया,
" स्साली कल चुद जाए और उसके फिर वही भोंसड़ी की नौटंकी पेलने लगे, तो आठ दस दिन देखूंगी रोज तू बदल रही है की नहीं, कपडे में बोलने, जब खुलेगी तभी तो मजा लेगी, कल से ही देखूंगी कैसे बोलती है अपने बेटियों से, कैसे पहनती है कपडे, ये सब ढक्क्न वक्क्न बंद, आज सुबह तेरे ब्लाउज के सब के ऊपर के दो बटन तोड़ दूंगी, कम से कम निपल तक तो दिखना चाहिए, ... और कहीं भी किसी के सामने भी अपने बोल सुधारना, बिना लंड, बुर चुदाई के अगर बोली न तो सोच भूल जाना अपने दामाद का लंड,... अभी तो मैं हूँ सामने, तुझे झड़ने की ललक लगी है और कल फिर तेरी हिम्मत न पड़े उस स्साले दामाद का लंड खोल के पकड़ने की तब,"
"नहीं मंजू नहीं दोनों बेटियां तो अब तेरे हवाले हैं कल से तू यहीं रहनादेखना जैसे तू कह रही है एकदम वैसे ही करुँगी, कोई पहचान भी नहीं पायेगा, पक्का, ... " मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं
और मंजू ने जड़ तक ऊँगली पेल दी फिर घचाघच, गपागप,... और वो भी चूतड़ उठा उठा के लेकिन बात मंजू उनके बेटियों की ही कर रही थी और मिसेज मोइत्रा जवाब भी दे रही थीं , वो झड़ने के करीब थीं,...
और मंजू ने अंगूठा क्लिट पर लगा के रगड़ना शुरू कर दिया,... जैसे ज्वालामुखी फूटे उस तरह से वो झड़ रही थी,... और मंजू भी रुकी नहीं, एक बार दो बार,... मिसेज मोइत्रा जब थेथर हो गयीं झड़ झड़ के तब जाके वो रुकी और ऊँगली में जो भी बुर की चाशनी थी, मिसेज मोइत्रा को चटा दिया,
थोड़ी देर तक जैसे बिस्तर पर मर्द औरत चुदाई के बाद कस के चिपक के पड़े रहते हैं उसी तरह मंजू और मिसेज मोइत्रा दोनों, आधे पौन घण्टे के बाद पहल जैसे मर्द करता है मंजू ने ही की, कस के चुम्मा ले कर खूब गीला सा और कचकचा के मिसेज मोइत्रा के होंठ काट लिए, देर तक। सुबह तक पूरी देह पर खास कर गालों पर, चेहरे पर जोबन पर आज की रात के निशान न रहे तो क्या मजा,
और मिसेज मोइत्रा भी सुनगुनाने लगीं, पार्टनर कौन जो बिन बोले जोड़ीदार की बात न समझ जाए। वो समझ गयीं मंजू अब चाहती है की वो उसकी बुर चाटे, चूसें