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Search results

  1. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    कभी तो सुबह का कुछ ..!!ऐसा नजारा होखुले जो ऑख मेरी तो ..!!सामने चेहरा तुम्हारा होचले आओ ना अब ..!! कहा गुम होकितनी बार कहू मेरे ..!! दर्द की दवा तुम हो
  2. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    सौदा - हमारा कभी बाजार तक नहीं पहुंचा, इश्क था जो कभी इज़हार तक नहीं पहुंचा, यूं तो गूफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी, सिलसिला कभी ये प्यार तक नहीं पहुंचा,,,
  3. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    बिस्तर की सिलवटों ने जहां लिखीं थीं कहानियाँ तमाम सुनो, मैं अपनी खुशबू और तुम्हारी छुअन वहीं छोड़ आई हूँ।how to add a link to a picture
  4. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    तेरी यादें भी जाकर वापस आने लगी हैं, ठीक इन सर्द हवाओं की तरह...
  5. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    नज़दीकियां तुम्हारी, मुझे मेरा कम, तुम्हारा ज्यादा बनाती हैं। जैसे हर लम्हा, हर सांस तेरे होने की गवाही दे जाती है। मैं चुप रहूं तो भी, मेरी धड़कनें बेपरवाह होकर तुमसे बातें करती हैं। तेरे करीब आते ही, जैसे हर दूरी सिमटकर एक आहट बन जाती है। तुम्हारी नजरों का जादू, मेरे वजूद को खामोशी में ढाल...
  6. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    जब प्रेम में थी तब तुम्हें नहीं समझी जब विरह में थी तब लगा प्रेम समझने लगी हूँ तुम्हें..... तब भी नहीं समझी प्रेम.... समझने का विषय ही नहीं है शायद.....! मेरी बुद्धि में कभी चढ़ा ही नहीं चढ़ता तो समझती ना पहले प्रेम को और..... फिर तुम्हें भी तुम बांहों में तो थे मगर लकीरों में नहीं थे तुम दिल...
  7. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    सोचती हूँ हमारे रिश्ते को कोई नाम दे दूं मगर क्या.....? और उससे भी बड़ा प्रश्न ये है कि क्यों.....? जैसे हवा ख़ुशबू को पहचानती है जैसे बादल आसमान को नदियां,समंदर को वैसे ही मेरा हृदय पहचानता है तुम्हें तुम्हारी ख़ुशबू को तुम्हारे आसमान को तुम्हारी आँखों के समंदर को अब तुम ही कहो...
  8. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    'मर्द'शब्दशारीरिक बल का प्रतीक है, लेकिन..तुम थोड़े भावुक, संवेदनशील और तनिक माँ से बने रहना ।ताकि..कोई लड़की बेझिझक तुम्हें अपनी पीड़ा सुना सके ।तुम्हारे कांधे पर सर रख कर वो बच्चे-सी रो सके।
  9. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    मनुष्य के भीतर प्रेम छिपा है सिर्फ उघाड़ने की बात है,उसे पैदा करने का सवाल नहीं है अनावृत करने की बात है..!!कुछ है जो हमने ऊपर से ओढ़ा हुआ है जो उसे प्रकट नहीं होने देता..!!
  10. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    शुभ प्रभातप्रभात के पल बड़े स्नेहिल और प्रेरक होते हैं। इसे पल में कोमल मन किसी की आगोश में छुपना चाहती है। वो अपने दिन भर के लिए प्रेम संचित करना चाहती है और वो अपने रूह को किसी के स्पर्श से पवित्र करना चाहती है। किसी ने सच कहा है,मन को मोहने वाला जीवनसाथी जरूरी है जीने को
  11. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    एक शादीशुदा स्त्री क्यों पड़ जाती हैकिसी के प्रेम में ? ऐसा नहीं कि वो बदचलन है ऐसा भी नहीं कि उसकाचरित्र ग़लत है पर हाँ फिर भी वो पड़ जातीहै किसी के प्रेम में उसके जीवन में जो खालीपन हैं उसे किसी का साथ भरनेलगता है जब उसे लगता है उसे कोई नहीं समझता कोई भी उसे नहीं सुनता तब वह उसे अच्छा लगने...
  12. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

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  13. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    संभोग से शरीर तृप्त होता है,लेकिन जिससे प्रेम हो,उसी के साथ संभोग हो जाए तो शरीर के साथ साथ आत्मा भी तृप्त हो जाती है...!!!
  14. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    "यौवन का अर्थ केवल उम्र से नहीं है। यौवन एक मनोदशा है, एक ताजगी, एक मासूमियत, एक सहजता। जब व्यक्ति अपने मन और आत्मा को पूरी तरह से खुला रखता है, जब वह जीवन की हर लहर के साथ बहता है, तब वह सच्चे अर्थों में युवा होता है। यौवन का मतलब सिर्फ शारीरिक शक्ति नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से नई...
  15. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    अहोभाव बहुत घाव सहने पड़ेंगे। प्रेम की बहुत पीड़ा सहनी पड़ेगी; वैराग्य कठिन है। प्रेम की अग्नि से गुजरना होगा। जब धू-धू करके प्रेम की अग्नि तुम्हारे भीतर जलेगी तो सब कूड़ा-करकट जल जाएगा। कूड़ा करकट जिसको तुमने कल तक हीरे-जवाहरात समझा था।कूड़ा करकट जिसे कल तक तुमने विचार, ज्ञान समझा था। कूड़ा...
  16. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    जिंदगी वही हैं जो हम आज जी रहे है कल जियेंगे वो उम्मीद होगी…..!
  17. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    महिलाएं भी पुरुषों की तरह शारीरिक संबंधों की ओर आकर्षित होती हैं, लेकिन अक्सर वे अपनी रुचि को व्यक्त नहीं करतीं। वे अपने पति या साथी से भी इस बारे में खुलकर बात करने में हिचकिचाती हैं। इसके पीछे सामाजिक दबाव और दूसरों के विचारों की चिंता होती है। कई बार महिलाएं अपनी इच्छाओं को दबा देती हैं...
  18. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    बेइंतहा शोर है मेरे अंदर..और मुझे खामोशी पसंद है...
  19. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    स्त्री" स्त्री की ख्वाहिश, चाहते, आरजू, तमन्ना, इच्छाएं, क्या चाहती है एक मर्द से, पुरुष से। मैं बंधन में हूं, तेरा विश्वास चाहती हूं...!! मैं सिंदूर हूं, तेरे चेहरे पे लगना चाहती हूं...!! मैं पायल हूं, बस मचलना चाहती हूं...!! मैं वजुद हूं, तुम्हारे पास आना चाहती हूं...!! मैं कसम हूं, पूरा होना...
  20. nitya bansal3

    Adultery अनुभूति

    'स्पर्श' या लिपटन की चाहा! शीघ्र ही वासना का खूनी खंजर बन जाती है! और मुंशी प्रेमचंद्र ने तो यहाँ तक कहा हैः- कि-"स्त्री की मोहिनी शक्ति से पृथ्वी का कोई पुरूष नहीं बच सकता!" और यह सत्य है फिर भी! जिस मोहिनी शक्ति से अहंकार युक्त बड़े-बड़े ऋषि , मुनि और समाधिस्थ व्यक्ति भी बच...
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