• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

Brijesh

Member
280
915
94
प्यार की एक अनोखी दास्तान (भाग-3)
Update 3 part 1



श्रेया को पूरा यकीन था कि वो अभी जिससे टकराई और जिसने उसे संभाला वो वही अनजान था जिसने उस रात उसकी मदद की थी लेकिन फिर वो क्यों इंकार कर रहा है ? वही छुअन , वही आवाज , वही व्यक्तित्व और वही आँखे क्या ये सब झूठ हो सकता है ? इतनी बड़ी गलतफहमी कैसे हो सकती है ? या फिर इन्ही उधेड़बुन से सोचती वो वही खड़ी उस इंसान को दूर जाते हुए देखती रही । अब आगे ..........

श्रेया सहित सिंगिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किये सभी प्रतिभागी एक बड़े से हाल में इकठ्ठा हो जाते है । सभी के इकठ्ठा होने पर एक एक करके जिसके नाम पुकारे जा रहे थे वो मंच पर जाकर सभी को अपनी गायन प्रतिभा से ओतप्रोत कर रहा था और बार बार तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूँजने लगता था । सभी के बीच में बैठी श्रेया अभी भी बस उस अनजान इंसान के ही ख्यालो में खोयी थी
। उसे ख़ुद नही समझ आ रहा था कि वो क्यों उसके ख्यालो से नही निकल पा रही है। आखिर क्या है उसमें जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

"श्रेया श्रेया , कहाँ खोयी हुई है ।" उसकी दोस्त नेहा ने उसे हिलाते हुए कहा।
" हूं , क्या हुआ नेहा "
" अरे यार कब से तेरा नाम पुकारा जा रहा है और तू पता नही किस सोच में डूबी हुई है । जाओ जल्दी कई बार बुला चुके है ।"

" ओह सॉरी , जाती हूँ ।" कहते हुए वो मंच की तरह तेजी से भागते हुए जाती है । मंच पर जाकर सबसे पहले वो अपना परिचय देती है । वो सबके सामने बोल तो रही है लेकिन उसका ध्यान कही और है । उसकी नजरे इधर उधर जैसे बस सिर्फ उसे ही देख रही हो । मन में बेचैनी सी छायी हुई है । आज मिलकर भी वो उसके बारे में फिर कुछ नही जान
पायी । उसके चुप रहने के कारण वहां शोर शराबा होने लगा।

" श्रेया क्या हो गया , क्यों चुप हो ।क्या हो गया है तुम्हे । गा क्यों नही रही हो। देखो लोग कैसे शोर करने लगे है। " उसे चुप चाप मंच पर खड़े देख नेहा ने पास जाकर उससे धीऱे से कहा।

" तेरा मेरा साथ रहे , तेरा मेरा साथ रहे।
धूप हो , छाया हो , दिन हो के रात रहे।"

श्रेया से जैसे ही ये गाना शुरू किया सब तरह शांति सी छा गयी । उसकी मीठी आवाज में सभी खो से गये और उसकी आंखें गाते हुए भी सिर्फ उसी को तलाश कर रही। थी । दूसरी तरफ वही अनजान हॉल के एक किनारे लोगो की भीड़ में खड़े हुए बस सिर्फ श्रेया को ही देखे जा रहा था । श्रेया का गाना समाप्त हुआ रो लोगो की तालियों की गूंज पुरे हॉल में गूँजने लगी । चारो तरफ बस ones मोर ones मोर के नारे लगने लगे लेकिन वहाँ की जजमेंट टीम ने सभी प्रतिभागी के भाग लेने के बाद श्रेया का फिर से पेरफॉर्मेंस कराने को कहकर लोगो को शांत किया । सभी के परफॉर्मन्स के बाद लोगो की फरमाइश के कारण वहाँ की जजमेंट टीम से उसे एक बार फिर से गाने को कहा और श्रेया ख़ुशी खुसी राजी हो गयी और दोबारा स्टेज पर गयी ।

दूसरी तरह वो अनजान जो लोगो की भीड़ में एक किनारे खड़े श्रेया को देख रहा था उसने दोनों हाथों से जोर से अपने सर को पकड़ लिया । ऐसा लग रहा जैसे उसके सर में भयंकर दर्द होने लगा हो और वो भागकर बाहर की तरफ भगा तो उसके पीछे उसका दोस्त भी गया।

" क्या हुआ तुम्हे , ऐसे अचानक से क्यों भाग आये।" उसके दोस्त नीलेश ने पूछा।

" कुछ नही तुम जाओ अंदर । मै आता हूँ । " कहते हुए अपने सर को जोर से पकड़े दर्द से बेचैन सा होने लगा।

" अरे यार बता तो ऐसा अचानक से क्या हो गया । क्या फिर से वही ..........." जैसे कुछ याद आते उसके दोस्त ने कहा।

" हा यार फिर से मेरे साथ ......"

" अच्छा यहाँ बैठ पहले " कहते हुए नीलेश ने उसे एक किनारे बैठाया । उसने दोनों हाथों से अपने सर को जोर से दबाया और आँखे बंद करके वही बैठ गया ।
लगभग 2 सेकंड बाद .....

" अरे यार नीलेश हमें सबको बचाना होगा , जल्दी चलो ।" कहते हुए वो हाल की तरह लगभग दौड़ने सा लगा।

" अरे बता तो क्या हुआ , किसे बचाना है और कहाँ ।क्या हो गया है ?"

" पहले चल तो फिर बताता हूँ ।" दौड़ते हुए दोनों हॉल में पहुँचे तो वहाँ भगदड़ मची हुई थी और लोग अंदर से बहार की तरफ भाग रहे थे । वहाँ शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गयी थी और बहुत से लोग फॅसे हुए थे ।

"ओह्ह तो क्या तुमने ये ..........." कहते हुए नीलेश और वो अंदर की तरह लोगो की मदद के लिए जाते है ।

" हा यार और मैने उस लड़की पर .......... तुम उस साइड से जाओ मै इस तरफ से जाता हूँ ।" कहते हुए दोनों हॉल के अंदर जाते है । एक एक करके उन दोनों से सबको शांति से रहने के लिए कहा और सबकी मदद की और बाहर निकाला । पूरे हॉल में काफी आग फ़ैल चुकी थी ।

" चल यार अब सब लोग बाहर जा चुके है । आज तेरी वजह से सब सेफ है । " नीलेश ने उसे बाहर चलने को कहा लेकिन वो इधर उधर देखता ही रहा ।

" क्या देख रहा है , सब बाहर आ गए । अब चल नही तो आग बढ़ जायेगी । फायर ब्रिगेड को फ़ोन कर दिया है आती ही होगी।"

" तू चल मै एक बार देख के आता हूँ ।" कहता हुआ वो दूसरी तरफ देखने के लिए चला गया । वहाँ उसने श्रेया को स्टेज के दूसरी तरफ हाथ से मुँह पर रुमाल रख खांसते हुए देखा ।

" तुम अभी तक यहाँ से क्यों नही निकली । मारना है क्या देखा नही आग बढ़ती जा रही है।" उसने श्रेया के पास जा कर कहा लेकिन श्रेया का उस धुएं से बुरा हाल हो गया था तो उसने श्रेया का हाथ पकड़ उसे बाहर की तरफ लाने लगा तो श्रेया ने उसका हाथ झटक दिया ।

" तुम कौन होते हो मेरा हाथ पकड़ने वाले । जब मुझे जानते तक नही हो । मै खुद बाहर चली जाऊंगी ।" धुएं से परेशान होते हुए भी श्रेया बड़ी मुश्किल से बोली ।

" अच्छा नही पकडूँगा हाथ लेकिन चलो यहाँ से जल्दी , आग बढ़ रही है ।"
"नही जाऊंगी , आप जाओ । "
" जिद मत करो और चलो यहाँ से ।"
"पहले ये बताओ तुम वही हो न जिसने मेरी उस रात मदद की थी ।"

" ये इन बातों का वक्त नही है । मैने कहा ना मै नही था वो कोई और होगा ।"

" कोई और होगा तो जाओ यहाँ से मुझे नही जाना तुम्हारे साथ । " कहते हुए वो दूसरी तरफ जाने लगी ।उसने तो जैसे ठान लिया था इस मुश्किल वक्त में वो सच्चाई सामने लाकर ही रहेगी क्योंकि उसे अभी भी उसकी बातों पर यकीन नही हो रहा था ।

" हा मै ही था वो , अब तो चलो । "





 

Brijesh

Member
280
915
94
अपडेट 3 पार्ट 2

" मुझे पता था , पूरा यकीन था । मेरा दिल कभी झूठ बोल ही नही सकता । अच्छा फिर तबसे झूठ क्यों बोल रहे थे । तुम्हारा नाम क्या क्या है ? और उस दिन वह से गायब क्यों हो गए थे और ..........."

" अरे बस ,ये सब बातें बाद में पूछ लेना । अभी चलो यहाँ
से ।" कहते हुए वो थोड़ा जोर से चिल्लाया।

नही पहले बताओ मुझे अभी " श्रेया ने भी बच्चो की तरह जिद की । तभी छत से एक बड़ा टुकड़ा श्रेया के ऊपर गिरने लगा तो उसने बड़ी मुश्किल से रोका और दूसरी तरफ फेक दिया ।

" तुम ऐसे नही मानोगी । " कहते हुए उसने श्रेया को अपनी गोद में उठाकर बाहर की तरफ जाने लगा ।

" उतारो मुझे , उतारो पहले बताओ तुम्हारा नाम क्या है ? वरना मै नही जाऊंगी ।

" चुप हो जाओ अब वरना नही आग में छोड़ के चला जाऊंगा , फिर अच्छे से मरना । " एकदम से चिल्लाकर कहा तो श्रेया एकदम से सहम गयी और अपने ओठो पर अंगुली रख कर चुप हो गयी और रोने के जैसे नाटक करने लगी ।

" अगर मरने का शौक हो तो फिर से चली जाना । " हॉल के बाहर उतारते हुए उसने श्रेया से कहा और पलटकर जाने लगा ।

" प्लीज अब तो बता दो ना कौन हो तुम क्या नाम है ? मुझे तुमसे बहुत सी बातें करनी है। " थोड़ा रिक्वेस्ट करते हुए श्रेया उदास हो रुआँसी सी होकर बोली । उसके ऐसा बोलने पर वो श्रेया की तरफ पलटा ।

" मेरा नाम आदित्य है और बस इतना ही जानना तुम्हारे लिए काफी है ।"

और.............." इससे पहले श्रेया कुछ और पूछती आदित्य ने उसके मुँह पर अपनी अंगुली रख कर उसे चुप करा दिया और फिर वहां से एक पल में ही आँखों से ओझल हो गया । श्रेया कुछ भी नही बोल पायी वो एक बुत दी बनी उसे बस जाते हुए देखती रही । उसे अभी भी महसूस हो रहा था जैसे आदित्य के हाथ की अंगुली अभी भी उसके मुँह पर रखी हुई हो ।अब भी उसके सभी प्रश्न अधूरे ही रह गए थे और वो बस एक शून्य में उसके ख्यालो में फिर से मिलने की उम्मीद लिए खड़ी थी।

क्रमशः

 

Sona

Smiling can make u and others happy
13,403
20,577
228
Fantastic updates sir
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Hayaan

Assassin

Staff member
Moderator
4,493
3,988
159
Fascinating updates Brijesh :cool:
New characters ke sath story aur bhi intresting he par ham bhi Purane walo ko bhule nahi he :D
 
  • Like
Reactions: Naina and Hayaan

Assassin

Staff member
Moderator
4,493
3,988
159
Waiting for next update Brijesh
 
  • Like
Reactions: Naina and Hayaan
Top