Update 7 Part 1
आदित्य ने सबके सामने श्रेया से बड़े ही रोमांटिक अंदाज में अपने प्यार का इजहार किया और ये देखकर श्रेया बहुत ही खुश हुई । जिसके प्यार की उसे तलाश थी वो आज जाकर पूरा हुआ । जिसके सपने , एहसासों में वो दिन रात गुजारती थी वो सपना आज सच हो चूका था और उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे जिंदगी की सारी खुशियाँ मिल गयी हो। आज उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे पंख लग गए हो और वो खुले आसमान में उड़ने को तैयार हो गयी हो । अब आगे.....
श्रेया और आदित्य वहाँ से भागते हुए मैदान में एक पेड़ के नीचे आ जाते और फिर वही पड़ी मेज पे बैठ जाते है और दोनों ही एक दूसरे को देखकर हँसने लगते है।
श्रेया क्या सोच के तुमने इस तरह मुझे प्रोपोज़ किया ।"
कुछ नही बस यही सोच रही थी कि कुछ ऐसा करूँ कि तुम्हे देख के हँसी आ जाय और तुम इंकार ना कर सको।"
"अच्छा अगर आज भी मै इकरार ना करता तो क्योंकि मै तो वहाँ से चला ही गया था ।"
" तो क्या कुछ नही , जब तक मेरे प्यार को स्वीकार नही करते मै कोशिश करती रहती और जोक की तरह पीछे पड़ी रहती। " कहते हुए हँसने लगी।
" एकदम पागल हो तुम।"
"बस सिर्फ तुम्हारे लिए । आदि शायद तुम्हे नही पता जबसे मैने उस रात पहली बार देखा था तभी से पता नही क्यों मेरे मन तुम्हारे लिए एक एहसास जगा था और मन ना जाने क्यों फिर से मिलने की चाहत रखने लगा।"
" अच्छा तुमने मुझमे ऐसा क्या देख लिया जो मुझे जाने बिना मुझे चाहने लगी।"
" आदि तुमने जब चोट लगने के कारण मुझे अपनी बाहों में उठा ले चल रहे थे तो तुम्हारी नजरे तो सामने रस्ते पर थी लेकिन मेरी नजर तुम्हारे चेहरे पर अटक सी गयी थी। चेहरा तो अँधेरे की वजह से नही देख पायी लेकिन तुम्हारी जो आँखे थी , उनमे पता नही कैसी कशिश थी जो मुझे खोने पर मजबूर कर रही थी। उन्हें देख बस मै उन्हें ही देखती रह गयी और तो और तुम्हारी आँखे देख तो मै तुम्हे लाखो की भीड़ में भी पहचान सकती थी।"
"मेरी आँखें हो । " कहते हुए आदित्य हँसने लगा। तुम भी ना अजीब तरह की बाते करती
" नही आदित्य सच में , उस समय जो तुम्हारी आँखों की चमक थी वो कुछ अलग थी । चाह कर भी कोई उसे भुला नही सकता।"
" अच्छा बाबा ठीक है । अब बहुत हो गयी मेरी आँखों की तारीफ । यहाँ लड़कियाँ अपनी तारीफ सुनने को बेताब रहती है और एक तुम हो जो मेरी तारीफे करे जा रही हो।"
आदित्य ने जब ये कहा तो दोनों हँस पड़े। थोड़ी देर वही दीन दुनिया से बेखबर दोनों हाथों में हाथ पकड़ आपस में बैठे प्यार भरी बाते करते रहे और कुछ समय बाद अपने अपने घर चले गए।
आदित्य शाम को अपने घर में बैठा श्रेया के ख्यालो में खोया मंद मंद मुस्कुरा रहा था । जिस प्यार को वो दिलोजान से दिल ही दिल में छुपाये बैठा था वो आज उसके सामने था । आज उसे ये तन्हा दुनिया बहुत ही रंगीन लग रही थी। इतनी ही देर में ना जाने वो श्रेया के साथ कितने ही रंगीन सपनो में खो गया । तभी फ़ोन की घंटी बजने से
उसका ध्यान भंग होता है। श्रेया का फ़ोन आने से उसके चेहरे पर खुशी की लकीरें साफ साफ दिखाई देने लगती है।
"हेल्लो श्रेया ! कैसी हो ?"
" हेल्लो आदि ! मै ठीक हूँ तुम कैसे हो ।"
मै भी ठीक हूँ, अपना बताओ ।"
"अच्छा तुम मेरे बारे में ही सोच रहे थे ना ।"
नहीं तो.....तुम्हे ऐसा क्यों लग रहा ।"
"अरे अब तो झूठ मत बोलो ना । कभी तो सच स्वीकार कर लिया करो। अगर नही याद कर रहे थे तो ठीक है मै फ़ोन रखती हूं।"
अरे अरे , तुम तो नाराज हो गयी । सच्ची में तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था।"
'मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आ रही है। मुझे अभी मिलना है।"
" अरे अभी थोड़ी देर पहले ही तो साथ थे कॉलेज में।"
उसे थोड़ी देर को 4 घंटे हो चुके है बुधू।"
" उफ़्फ़! अच्छा बताओ कहाँ मिलना है ?"
" कॉलेज के पास में जो कॉफी शॉप है वही पर मिले ? साथ में कॉफ़ी पियेंगे और थोड़ी देर साथ रहेंगे।"
" अच्छा ठीक है ,7 बजे वही पर मिलते है।"
"ठीक है " कहते हुए श्रेया तैयार होने के लिए वो अलमारी खोल कर " क्या पहनू क्या पहनू " सोचते हुए एक एक कपड़े को आईने के सामने लगा लगा कर ट्राय कर रही थी कि किस अच्छा लगेगा। पहली बार तो वो आदित्य के साथ डेट पर जा रही थी तो वो चाहती थी कि एक उसके सामने वो अच्छे से तैयार होकर जाये।
ये अच्छी लग रही है , मै इसे ही पहन के जाऊंगी।" मन ही मन कहते हुए श्रेया जल्दी जल्दी तैयार होने लगी और जल्दी जल्दी कॉफ़ी शॉप पर पहुँची तो उसने देखा कार्नर की सीट पर पहले से ही आदित्य उसका इंतजार कर रहा था।
" हाय आदि " जैसे ही उसने बोला तो आदित्य ने उसकी तरफ देखा तो बस देखता ही रह गया । एक पल को वो उसी में खो सा गया । पीच कलर की लांग वेस्टर्न ड्रेस, कानो में सिल्वर कलर के लंबे लटकते हुए इयरिंग्स , आँखों में गहरा मोटा काजल , हल्के पीच कलर की लिपिस्टिक , एक हाथ में घड़ी, दूसरे हाथ में सिल्वर ब्रेसलेट और पैरो में हाई हील्स की सैंडल पहने श्रेया आज किसी मॉडल से कम नही लग रही थी। उसे देखते ही आदित्य बस उसे देखते ही रह गया । उसकी आंखें बस उसके मासूम से कातिलाना सौंदर्य पे टिक सी गयी थी।
" सॉरी मै थोड़ा सा लेट हो गयी , अरे कहाँ ध्यान है जनाब को " उसकी बात का कोई जबाब न देने पर चुटकी बजाते हुए श्रेया कहती है। उसके चुटकी बजाते हुए वो एकदम से जैसे सपनों की दुनिया से बाहर आया हो।
" सॉरी ! श्रेया आओ बैठो ।"
एक बात कहूँ?"
" हा, बोलो"
"आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो।"
" अच्छा सच्ची में , तो क्या रोज बुरी लगती हूँ। " कहते हुए श्रेया हँस दी
नहीं रोज अच्छी लगती हो लेकिन आज बहुत बहुत अच्छी लग रही हो।"
" थैंक यू , लेकिन ये सब बस तुम्हारे प्यार का असर है । कहते है प्यार इंसान को खूबसूरत बना देता है और उसकी चमक चेहरे पर भी नजर आती है और वही मेरे साथ भी हुआ है। "
अच्छा बताओ क्या खाओगी - पिओगी।"
" तुम क्या खाओगे " थोड़ा सोचते हुए बोली।
" जो तुम पिओगी।"
" मै ना , कोल्ड कॉफ़ी विथ आइसक्रीम पिउँगी।"
" ओके मै भी " कहते हुए आदित्य वेटर को आवाज देता है।