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Fantasy अदिति -एक अनोखी प्रेम कहानी

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Update 5 part 2

अगले दिन फिर वही हुआ वो श्रेया का इंतजार करता रहा और वो नही आयी । अब तो आदित्य का मन बहुत ही घबराने लगा । कही उसके साथ कुछ हो तो नही गया लेकिन आज उसने सोच लिया कि वो श्रेया के बारे में पता लगा के रहेगा । वो अपने दोस्त नीलेश के पास गया ।
"अरे यार वो कल से दिख नही रही पता नही कहाँ है? "
" कौन आदित्य , किसकी बात कर रहा है ? "
" अरे वही श्रेया ...." थोड़ा सकुचाते हुए बोला।
" वही लाइब्रेरी में होगी । वही तो रहती थी तुम्हारे साथ ।"
" कल से नही आयी है , पता नही क्या हुआ होगा।"
" अच्छा , फिर तो तुम्हारे लिए अच्छा ही है । फालतू में पीछे पड़ी रहती थी । चलो छुटकारा मिला । वैसे तुम्हे चिंता हो रही है क्या ?"
" नही , बस ऐसे ही पूछ रहा था कही किसी मुसीबत में ना हो । " कहते हुए बात टाल दी।
" अच्छा ठीक है । " कहते हुए नीलेश वहाँ से चला गया ।
अब तो आदित्य का मन और भी घबराने लगा । वो श्रेया की दोस्त नेहा और कामिनी के पास भी गया और श्रेया के बारे में पूछा लेकिन उसे वहाँ भी कुछ नही पता चला । उसे लगा शायद कॉलेज नही आयी होगी लेकिन नेहा से बस यही पता चला कि वो कॉलेज आयी थी लेकिन कुछ अपसेट थी पता
नही कहाँ चली गयी । अब तो आदित्य उसे पागलो की तरह पुरे कॉलेज में हर जगह खोजने लगा। जब उसे श्रेया कही नही मिली तो थक हार कर कॉलेज के मैदान में उदास हो एक पेड़ के नीचे बेंच पर बैठ गया । उसे लग रहा था कही उसकी वजह से ही श्रेया अपसेट नही है।
" कहाँ हो श्रेया ।" मन ही मन उसे याद करते हुए वो वही पर उदास सा बैठा था तभी किसी से पीछे से आकर उसकी आंखें बंद कर ली और आदित्य एकदम से चौक गया और हाथ हटाते हुए पीछे पलटा तो सामने श्रेया को देख मन ही मन खुश सा हो गया।
" मुझे याद कर रहे थे ना , सच सच बताना ।" मुस्कुराते हुए श्रेया बोली।
" मै तुम्हे क्यों याद जारूँगा । मुझे तुमसे क्या मतलब ।" वो पूछना चाहता था कि दो दिन से कहाँ थी । तुम्हे पता मै कितना परेशान था । लेकिन अपने जज्बातों को मन ही मन दबा लिया था।
" अच्छा तो फिर पुरे दिन से मुझे क्यों खोज रहे थे । तुम्ही तो चाहते थे मै तुम्हे परेशान ना करूँ और जब दो दिन नही आयी तो परेशान हो गए और जगह जगह खोजने लगे और फिर ना मिलने पर यहाँ उदास होकर बैठ गए । मुझे पता है मुझे बहुत मिस कर रहे थे ।
" अभी भी श्रेया मुस्कुराते हुए ही बोल रही थी।
" देखो श्रेया , ऐसा कुछ........ इससे पहले आदित्य कुछ कहता श्रेया ने उसके मुँह पर अपनी एक अंगुली रख उसे चुप करा दिया।
" आदि मै तुम्हे पसंद करती हूँ और तुमसे प्यार करती हूँ।मुझे नही पता मुझे तुमसे कब क्यों और कैसे प्यार हो गया लेकिन जब से मै तुमसे पहली बार मिली हूँ। तुमने मुझे छुआ
था तबसे मै सिर्फ उसी स्पर्श को महसूस करती रही हूँ। उस दिन तुमने मुझे बचाया और बिना कुछ बोले गायब से हो गए । उस दिन से एक पल के लिए मै तुम्हे भूल नही पायी हूँ।तुम्हारे एहसास ने मुझ पर पता नही क्या किया है कि तबसे सोते जगते , उठते बैठते , खाते पीते बस तुम ही याद आते हो। कितना भी मै तुम्हारे ख्यालो से निकलना चाहूँ लेकिन नही निकल पाती। हर वक्त तुम्हारे ही ख्याल ही मुझे परेशान करते है । तुम्हारे एहसास में खोना मुझे एक अलग सा सुकून
देता है । मुझे नही पता तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या है लेकिन मै तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूँ । " कहते हुए श्रेया थोड़ा भावुक सी हो गयी।

" ये तुम क्या कह रही हो । मुझे कुछ समझ नही आ रहा ।मैने तो ऐसा कभी नही कहा । "
" समझ नही आ रहा या समझना नही चाहते । मुझे पता है तुम भी मुझसे प्यार करते हो लेकिन छुपा क्यों रहे हो ये नही पता ।"
" ऐसा नही है , मै कुछ नही छुपा रहा । मेरे दिल में तुम्हारे लिए कुछ नही है।"
"अच्छा , अगर कुछ नही है तो तुम्हे मेरा इंतजार क्यों रहता है क्यों मुझे छुप छुप के देखते हो । तुम झूठ बोल सकते हो लेकिन तुम्हारी आँखे झूठ नही बोल सकती और उसमें मुझे मेरे लिए बेपनाह प्यार नजर आता है। अब ये नही पता कि तुम छुपा क्यों रहे हो।"
" पता नही ये सब तुम क्या कह रही हो ।" कहते हुए आदित्य वहाँ से जाने लगता है लेकिन अचानक से उसका पैर किसी चीज से टकरा जाता है और वो ख़ुद को संभाल नही पाता और एकदम से श्रेया के ऊपर ही गिर जाता है। गिरते ही उनकी आंखें आपस में टकरा जाती है और आदित्य जो
हमेशा श्रेया से नजरे मिलाने से डरता था अचानक से दोनों की ना चाहते हुए भी नजरे टकरा जाती है और इस समय दोनों की धड़कने तेज हो जाती है । सांसो से सांसे आपस में टकराने लगती है और ह्रदय की कम्पन्न की गति बढ़ सी जाती है। एक पल के लिए दोनों पूरी दीन दुनिया से जैसे खो से गये हो । ऐसा लगा जैसे किसी सपनो की दुनिया ने वो सैर कर रहे हो और वहाँ कोई भी उन्हें देखने वाला ना हो । तभी अचानक से आसमान से हल्की बूंदाबांदी सी होने लगी , ऐसा लगा मानो पूरा आसमा भी इस वक्त उन्हें इस लम्हे में खो देने को आतुर सा हो गया हो । श्रेया से आदित्य को जोर से अपने आगोश में ले लिया और आदित्य चाह कर भी उस पल कुछ ना कर सका । श्रेया की बाहों में एक अलग तरह का सुकून महसूस किया उसने जिसके एहसास को सब्दो में व्यक्त नही किया जा सकता।

" श्रेया बारिश तेज हो गयी है भीग जाओगी , अंदर चलो।" बारिश तेज हो गयी और इधर उधर कॉलेज के लोग अंदर हाल की तरफ जाने लगे । उनकी आवाजो से हड़बड़ा कर दोनों उठकर अंदर हाल की तरह चल दिए ।
"आदित्य तुमने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया । " अंदर चलते हुए हाथ पकड़कर श्रेया ने आदित्य से पूछा।
" कौन सी बात " कहते हुए आदित्य ने बात टालने की कोशिश की।
" कोई बात नही , चलो नही तो पूरी तरह भीग जायेंगे। मुझे पता है आदि तुम भी मुझे चाहते हो और मै तुम्हारे मुँह से निकलवा के ही रहूँगी " मन ही मन सोचते हुए मुस्कुराते हुए वो आदित्य के साथ बारिश से बचने के लिए कॉलेज में आकार खड़ी हो गयी लेकिन वो बस आदित्य को ही देखती रही।
*****************
दो दिन बाद जब आदित्य लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहा था तभी उसके पास नीलेश दौड़ता हुआ आया ।
" आदित्य आदित्य , श्रेया का एक्सीडेंट हो गया है। उसके सिर से बहुत खून बह रहा है । " घबराते हुए नीलेश ने आदित्य से कहा।


क्रमश:
Akhir ishq ka ek taraf se he sahi izhaar to hua :love: par abhi bhi story purani story se match nahi hui he Kher intjaar rahega
 

Sona

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Update 5 part 2

अगले दिन फिर वही हुआ वो श्रेया का इंतजार करता रहा और वो नही आयी । अब तो आदित्य का मन बहुत ही घबराने लगा । कही उसके साथ कुछ हो तो नही गया लेकिन आज उसने सोच लिया कि वो श्रेया के बारे में पता लगा के रहेगा । वो अपने दोस्त नीलेश के पास गया ।
"अरे यार वो कल से दिख नही रही पता नही कहाँ है? "
" कौन आदित्य , किसकी बात कर रहा है ? "
" अरे वही श्रेया ...." थोड़ा सकुचाते हुए बोला।
" वही लाइब्रेरी में होगी । वही तो रहती थी तुम्हारे साथ ।"
" कल से नही आयी है , पता नही क्या हुआ होगा।"
" अच्छा , फिर तो तुम्हारे लिए अच्छा ही है । फालतू में पीछे पड़ी रहती थी । चलो छुटकारा मिला । वैसे तुम्हे चिंता हो रही है क्या ?"
" नही , बस ऐसे ही पूछ रहा था कही किसी मुसीबत में ना हो । " कहते हुए बात टाल दी।
" अच्छा ठीक है । " कहते हुए नीलेश वहाँ से चला गया ।
अब तो आदित्य का मन और भी घबराने लगा । वो श्रेया की दोस्त नेहा और कामिनी के पास भी गया और श्रेया के बारे में पूछा लेकिन उसे वहाँ भी कुछ नही पता चला । उसे लगा शायद कॉलेज नही आयी होगी लेकिन नेहा से बस यही पता चला कि वो कॉलेज आयी थी लेकिन कुछ अपसेट थी पता
नही कहाँ चली गयी । अब तो आदित्य उसे पागलो की तरह पुरे कॉलेज में हर जगह खोजने लगा। जब उसे श्रेया कही नही मिली तो थक हार कर कॉलेज के मैदान में उदास हो एक पेड़ के नीचे बेंच पर बैठ गया । उसे लग रहा था कही उसकी वजह से ही श्रेया अपसेट नही है।
" कहाँ हो श्रेया ।" मन ही मन उसे याद करते हुए वो वही पर उदास सा बैठा था तभी किसी से पीछे से आकर उसकी आंखें बंद कर ली और आदित्य एकदम से चौक गया और हाथ हटाते हुए पीछे पलटा तो सामने श्रेया को देख मन ही मन खुश सा हो गया।
" मुझे याद कर रहे थे ना , सच सच बताना ।" मुस्कुराते हुए श्रेया बोली।
" मै तुम्हे क्यों याद जारूँगा । मुझे तुमसे क्या मतलब ।" वो पूछना चाहता था कि दो दिन से कहाँ थी । तुम्हे पता मै कितना परेशान था । लेकिन अपने जज्बातों को मन ही मन दबा लिया था।
" अच्छा तो फिर पुरे दिन से मुझे क्यों खोज रहे थे । तुम्ही तो चाहते थे मै तुम्हे परेशान ना करूँ और जब दो दिन नही आयी तो परेशान हो गए और जगह जगह खोजने लगे और फिर ना मिलने पर यहाँ उदास होकर बैठ गए । मुझे पता है मुझे बहुत मिस कर रहे थे ।
" अभी भी श्रेया मुस्कुराते हुए ही बोल रही थी।
" देखो श्रेया , ऐसा कुछ........ इससे पहले आदित्य कुछ कहता श्रेया ने उसके मुँह पर अपनी एक अंगुली रख उसे चुप करा दिया।
" आदि मै तुम्हे पसंद करती हूँ और तुमसे प्यार करती हूँ।मुझे नही पता मुझे तुमसे कब क्यों और कैसे प्यार हो गया लेकिन जब से मै तुमसे पहली बार मिली हूँ। तुमने मुझे छुआ
था तबसे मै सिर्फ उसी स्पर्श को महसूस करती रही हूँ। उस दिन तुमने मुझे बचाया और बिना कुछ बोले गायब से हो गए । उस दिन से एक पल के लिए मै तुम्हे भूल नही पायी हूँ।तुम्हारे एहसास ने मुझ पर पता नही क्या किया है कि तबसे सोते जगते , उठते बैठते , खाते पीते बस तुम ही याद आते हो। कितना भी मै तुम्हारे ख्यालो से निकलना चाहूँ लेकिन नही निकल पाती। हर वक्त तुम्हारे ही ख्याल ही मुझे परेशान करते है । तुम्हारे एहसास में खोना मुझे एक अलग सा सुकून
देता है । मुझे नही पता तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या है लेकिन मै तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूँ । " कहते हुए श्रेया थोड़ा भावुक सी हो गयी।

" ये तुम क्या कह रही हो । मुझे कुछ समझ नही आ रहा ।मैने तो ऐसा कभी नही कहा । "
" समझ नही आ रहा या समझना नही चाहते । मुझे पता है तुम भी मुझसे प्यार करते हो लेकिन छुपा क्यों रहे हो ये नही पता ।"
" ऐसा नही है , मै कुछ नही छुपा रहा । मेरे दिल में तुम्हारे लिए कुछ नही है।"
"अच्छा , अगर कुछ नही है तो तुम्हे मेरा इंतजार क्यों रहता है क्यों मुझे छुप छुप के देखते हो । तुम झूठ बोल सकते हो लेकिन तुम्हारी आँखे झूठ नही बोल सकती और उसमें मुझे मेरे लिए बेपनाह प्यार नजर आता है। अब ये नही पता कि तुम छुपा क्यों रहे हो।"
" पता नही ये सब तुम क्या कह रही हो ।" कहते हुए आदित्य वहाँ से जाने लगता है लेकिन अचानक से उसका पैर किसी चीज से टकरा जाता है और वो ख़ुद को संभाल नही पाता और एकदम से श्रेया के ऊपर ही गिर जाता है। गिरते ही उनकी आंखें आपस में टकरा जाती है और आदित्य जो
हमेशा श्रेया से नजरे मिलाने से डरता था अचानक से दोनों की ना चाहते हुए भी नजरे टकरा जाती है और इस समय दोनों की धड़कने तेज हो जाती है । सांसो से सांसे आपस में टकराने लगती है और ह्रदय की कम्पन्न की गति बढ़ सी जाती है। एक पल के लिए दोनों पूरी दीन दुनिया से जैसे खो से गये हो । ऐसा लगा जैसे किसी सपनो की दुनिया ने वो सैर कर रहे हो और वहाँ कोई भी उन्हें देखने वाला ना हो । तभी अचानक से आसमान से हल्की बूंदाबांदी सी होने लगी , ऐसा लगा मानो पूरा आसमा भी इस वक्त उन्हें इस लम्हे में खो देने को आतुर सा हो गया हो । श्रेया से आदित्य को जोर से अपने आगोश में ले लिया और आदित्य चाह कर भी उस पल कुछ ना कर सका । श्रेया की बाहों में एक अलग तरह का सुकून महसूस किया उसने जिसके एहसास को सब्दो में व्यक्त नही किया जा सकता।

" श्रेया बारिश तेज हो गयी है भीग जाओगी , अंदर चलो।" बारिश तेज हो गयी और इधर उधर कॉलेज के लोग अंदर हाल की तरफ जाने लगे । उनकी आवाजो से हड़बड़ा कर दोनों उठकर अंदर हाल की तरह चल दिए ।
"आदित्य तुमने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया । " अंदर चलते हुए हाथ पकड़कर श्रेया ने आदित्य से पूछा।
" कौन सी बात " कहते हुए आदित्य ने बात टालने की कोशिश की।
" कोई बात नही , चलो नही तो पूरी तरह भीग जायेंगे। मुझे पता है आदि तुम भी मुझे चाहते हो और मै तुम्हारे मुँह से निकलवा के ही रहूँगी " मन ही मन सोचते हुए मुस्कुराते हुए वो आदित्य के साथ बारिश से बचने के लिए कॉलेज में आकार खड़ी हो गयी लेकिन वो बस आदित्य को ही देखती रही।
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दो दिन बाद जब आदित्य लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहा था तभी उसके पास नीलेश दौड़ता हुआ आया ।
" आदित्य आदित्य , श्रेया का एक्सीडेंट हो गया है। उसके सिर से बहुत खून बह रहा है । " घबराते हुए नीलेश ने आदित्य से कहा।


क्रमश:
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दो दिन से आदित्य ने श्रेया को नही देखा तो उसका मन बेचैन हो उठा । सब जगह खोजने के बाद भी जब वो नही मिली तो उदास होकर वो मैदान में बैठ गया । तभी श्रेया ने पीछे से आकर उसकी आंखें बंद कर दी और श्रेया को सामने देखकर वो मन ही मन बहुत खुश हो गया लेकिन ऊपर से वो अनजान ही बना रहा । तभी श्रेया आदित्य से अपने दिल की बात कही लेकिन आदित्य ने सुनकर भी जानबूझ कर अनसुना करते हुए वहाँ से जाने लगा लेकिन अचानक से एक पत्थर से टकराकर वो श्रेया के ऊपर ही गिर गया और पहली बार उनकी नजरे आपस में टकरा गई थी और एक पल के लिये वो एक दूजे में खो गए । अब आगे .......

" आदित्य आदित्य " कहते हुए नीलेश आदित्य के पास भागता हुआ आया।"
क्या हुआ नीलेश ऐसे घबराते हुए क्यो आ रहे हो ।
" वो वो .....".हाँफते हुए निलेश बोला।
" पहले थोड़ा साँस तो ले और बता क्या हुआ।"
" अरे यार वो श्रेया का एक्सीडेंट हो गया है, उसे बहुत चोट लगी है सर से खून निकल रहा है।"

"क्या कैसे , कब और कहाँ " पूछते हुए वो परेशान सा हो गया।
" जल्दी चल फिर बताता हूँ।" घबराते हुए आदित्य अपना सब सामान वही छोड़ पागलो की तरह चल देता है।

" लेकिन है कहाँ ...कैसे हुआ , कुछ तो बता " चलते चलते आदित्य नीलेश से पूछ था।

" वो साइंस सेक्शन की खिड़की से पता नही कैसे नीचे गिर गयी । कुछ लोगो ने देखा तो उसे उठाकर उसके नीचे बने रूम में ले गए है और एम्बुलेंस को फ़ोन कर दिया गया है। मै वही से आ रहा था तभी देखा तो तुझे बताने दौड़ा चला आया। " कहते हुए वो दोनों साइंस सेक्शन के नीचे बने रूम की तरफ आ गए।
" आदित्य तू चल अंदर मै एम्बुलेंस को देख के आता हूँ अभी कहाँ पहुच रही है। " कहते हुए नीलेश फ़ोन पर बात करते हुए दूसरी तरफ चला जाता है और आदित्य अंदर रूम में चला जाता है लेकिन उसे वहाँ कोई नही दिखता । पुरे कमरे में अँधेरा छाया हुआ होता है।
"श्रेया श्रेया " कहाँ हो । यहाँ कोई है ।" बहुत ही परेशान और घबराते हुए आदित्य ने आवाज लगायी । तभी एकदम से लाइट जलती है और बहुत से लोग सामने आकर " हैप्पी बैर्थडे टू आदित्य , हैप्पी बर्थडे टू यू " और पीछे से नीलेश
एक मेज पर केक सजाकर बोलते हुए लाता है। आदित्य हैरान हो सबको देखने लगता है । उसकी घबराहट एक पल में ही ख़ुशी में बदल जाता है ।
तुम लोग भी ना हद करते हो ," चलो अच्छा केक काटो जल्दी से वेट नही हो रहा है ।" कहते हुए नीलेश आदित्य की तरफ चाकू बढ़ा देता है। आदित्य केक काटता है और सभी उस पार्टी को फुल एन्जॉय करते है । आदित्य के लिए तो एक शॉकिंग और ख़ुशी देने वाला पल था जिसकी कल्पना भी वो कभी नहीं किया होगा।

" दोस्तों आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया । आप सभी ने जो मुझे आज ख़ुशी दी है उसकी तो मै कभी कल्पना भी नही कर सकता था लेकिन जिस तरह आप सभी ने मिलकर मेरा जन्मदिन को स्पेशल बनाया सच में मै बहुत बहुत बहुत खुश हूँ। मुझे तो खुद ही अपना जन्मदिन याद नही था फिर तुम लोगो को कैसे पता चला और ये सब नीलेश तेरा ही काम होगा।"
"अरे नही यार ये सब मैने नही किया ।"
"फिर किसने........."
" हमें तो पता ही नही था तुम्हारे जन्मदिन के बारे में । वो तो श्रेया आयी और उसी ने ये सब प्लान किया और हम सबको जो जो करने को कहा हम सभी ने अपना अपना काम किया। वैसे मेरी एक्टिंग अच्छी थी ना । मैने श्रेया की एक्सीडेंट की एक्टिंग अच्छे से की थी और हा ये सब प्लानिंग श्रेया की थी इसलिए तुम श्रेया का शुक्रिया करो।"
नीलेश के मुँह से श्रेया के एक्सीडेंट की खबर श्रेया द्वारा ही सब की गयी ये सुनकर आदित्य गुस्से से लाल हो गया उसने श्रेया को देखा तो वो दूसरी तरह उसे ही देख खड़ी मुस्कुरा रही थी । आदित्य गुस्से में श्रेया के पास गया।
"तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना ।"
" अब मैने क्या किया आदि।"
" इस तरह कोई एक्सीडेंट की खबर देता है क्या , तुम्हे सब मजाक ही लगता है । किसी की तकलीफ और परेशानी से तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता क्या । इतनी बड़ी हो गयी हो लेकिन जरा भी अक्ल नही है । जरा भी नहीं सोचा कि ये सब सुनकर किसी का क्या हॉल होगा । मै पागलो की तरह भाग के आया कि पता नही क्या हो गया । कितना घबरा गए थे । " कहते हुए आदित्य श्रेया को चिल्ला रहा था ।
" अच्छा आदि तुम्हे तो मुझसे कोई मतलब नही था मुझसे , फिर मेरे एक्सीडेंट की खबर सुन क्यों घबरा गए थे और भागते हुए मेरे पास आये थे । अगर मेरे लिए तुम्हारे दिल में कुछ नही है तो फिर मेरी इतनी चिंता क्यों। वो इसलिये क्योंकि तुम् भी मुझे चाहते हो और इसलिए मेरी तकलीफ तुमसे बर्दास्त नही हुई और तुम पागलो की तरह कुछ भी समझे मेरे पास दौड़े चले आये । "
" तुम एकदम पागल हो । तुमसे तो बात ही करने वाला नही है । अब मुझे तुमसे कोई बात ही नही करनी । मै जा रहा हूँ यहाँ से । " कहते हुए आदित्य मुड़ कर वहाँ से जाने लगता है लेकिन अचानक से वहाँ की लाइट बंद हो जाती है । पुरे कमरे में अँधेरा सा हो जाता है , जिसे देखकर वो रुक जाता है।
 
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दो दिन से आदित्य ने श्रेया को नही देखा तो उसका मन बेचैन हो उठा । सब जगह खोजने के बाद भी जब वो नही मिली तो उदास होकर वो मैदान में बैठ गया । तभी श्रेया ने पीछे से आकर उसकी आंखें बंद कर दी और श्रेया को सामने देखकर वो मन ही मन बहुत खुश हो गया लेकिन ऊपर से वो अनजान ही बना रहा । तभी श्रेया आदित्य से अपने दिल की बात कही लेकिन आदित्य ने सुनकर भी जानबूझ कर अनसुना करते हुए वहाँ से जाने लगा लेकिन अचानक से एक पत्थर से टकराकर वो श्रेया के ऊपर ही गिर गया और पहली बार उनकी नजरे आपस में टकरा गई थी और एक पल के लिये वो एक दूजे में खो गए । अब आगे .......

" आदित्य आदित्य " कहते हुए नीलेश आदित्य के पास भागता हुआ आया।"
क्या हुआ नीलेश ऐसे घबराते हुए क्यो आ रहे हो ।
" वो वो .....".हाँफते हुए निलेश बोला।
" पहले थोड़ा साँस तो ले और बता क्या हुआ।"
" अरे यार वो श्रेया का एक्सीडेंट हो गया है, उसे बहुत चोट लगी है सर से खून निकल रहा है।"

"क्या कैसे , कब और कहाँ " पूछते हुए वो परेशान सा हो गया।
" जल्दी चल फिर बताता हूँ।" घबराते हुए आदित्य अपना सब सामान वही छोड़ पागलो की तरह चल देता है।

" लेकिन है कहाँ ...कैसे हुआ , कुछ तो बता " चलते चलते आदित्य नीलेश से पूछ था।

" वो साइंस सेक्शन की खिड़की से पता नही कैसे नीचे गिर गयी । कुछ लोगो ने देखा तो उसे उठाकर उसके नीचे बने रूम में ले गए है और एम्बुलेंस को फ़ोन कर दिया गया है। मै वही से आ रहा था तभी देखा तो तुझे बताने दौड़ा चला आया। " कहते हुए वो दोनों साइंस सेक्शन के नीचे बने रूम की तरफ आ गए।
" आदित्य तू चल अंदर मै एम्बुलेंस को देख के आता हूँ अभी कहाँ पहुच रही है। " कहते हुए नीलेश फ़ोन पर बात करते हुए दूसरी तरफ चला जाता है और आदित्य अंदर रूम में चला जाता है लेकिन उसे वहाँ कोई नही दिखता । पुरे कमरे में अँधेरा छाया हुआ होता है।
"श्रेया श्रेया " कहाँ हो । यहाँ कोई है ।" बहुत ही परेशान और घबराते हुए आदित्य ने आवाज लगायी । तभी एकदम से लाइट जलती है और बहुत से लोग सामने आकर " हैप्पी बैर्थडे टू आदित्य , हैप्पी बर्थडे टू यू " और पीछे से नीलेश
एक मेज पर केक सजाकर बोलते हुए लाता है। आदित्य हैरान हो सबको देखने लगता है । उसकी घबराहट एक पल में ही ख़ुशी में बदल जाता है ।
तुम लोग भी ना हद करते हो ," चलो अच्छा केक काटो जल्दी से वेट नही हो रहा है ।" कहते हुए नीलेश आदित्य की तरफ चाकू बढ़ा देता है। आदित्य केक काटता है और सभी उस पार्टी को फुल एन्जॉय करते है । आदित्य के लिए तो एक शॉकिंग और ख़ुशी देने वाला पल था जिसकी कल्पना भी वो कभी नहीं किया होगा।

" दोस्तों आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया । आप सभी ने जो मुझे आज ख़ुशी दी है उसकी तो मै कभी कल्पना भी नही कर सकता था लेकिन जिस तरह आप सभी ने मिलकर मेरा जन्मदिन को स्पेशल बनाया सच में मै बहुत बहुत बहुत खुश हूँ। मुझे तो खुद ही अपना जन्मदिन याद नही था फिर तुम लोगो को कैसे पता चला और ये सब नीलेश तेरा ही काम होगा।"
"अरे नही यार ये सब मैने नही किया ।"
"फिर किसने........."
" हमें तो पता ही नही था तुम्हारे जन्मदिन के बारे में । वो तो श्रेया आयी और उसी ने ये सब प्लान किया और हम सबको जो जो करने को कहा हम सभी ने अपना अपना काम किया। वैसे मेरी एक्टिंग अच्छी थी ना । मैने श्रेया की एक्सीडेंट की एक्टिंग अच्छे से की थी और हा ये सब प्लानिंग श्रेया की थी इसलिए तुम श्रेया का शुक्रिया करो।"
नीलेश के मुँह से श्रेया के एक्सीडेंट की खबर श्रेया द्वारा ही सब की गयी ये सुनकर आदित्य गुस्से से लाल हो गया उसने श्रेया को देखा तो वो दूसरी तरह उसे ही देख खड़ी मुस्कुरा रही थी । आदित्य गुस्से में श्रेया के पास गया।
"तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना ।"
" अब मैने क्या किया आदि।"
" इस तरह कोई एक्सीडेंट की खबर देता है क्या , तुम्हे सब मजाक ही लगता है । किसी की तकलीफ और परेशानी से तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता क्या । इतनी बड़ी हो गयी हो लेकिन जरा भी अक्ल नही है । जरा भी नहीं सोचा कि ये सब सुनकर किसी का क्या हॉल होगा । मै पागलो की तरह भाग के आया कि पता नही क्या हो गया । कितना घबरा गए थे । " कहते हुए आदित्य श्रेया को चिल्ला रहा था ।
" अच्छा आदि तुम्हे तो मुझसे कोई मतलब नही था मुझसे , फिर मेरे एक्सीडेंट की खबर सुन क्यों घबरा गए थे और भागते हुए मेरे पास आये थे । अगर मेरे लिए तुम्हारे दिल में कुछ नही है तो फिर मेरी इतनी चिंता क्यों। वो इसलिये क्योंकि तुम् भी मुझे चाहते हो और इसलिए मेरी तकलीफ तुमसे बर्दास्त नही हुई और तुम पागलो की तरह कुछ भी समझे मेरे पास दौड़े चले आये । "
" तुम एकदम पागल हो । तुमसे तो बात ही करने वाला नही है । अब मुझे तुमसे कोई बात ही नही करनी । मै जा रहा हूँ यहाँ से । " कहते हुए आदित्य मुड़ कर वहाँ से जाने लगता है लेकिन अचानक से वहाँ की लाइट बंद हो जाती है । पुरे कमरे में अँधेरा सा हो जाता है , जिसे देखकर वो रुक जाता है।
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श्रेया को डांटने के बाद आदित्य हाल से बाहर निकल जाता है तभी हाल की लाइट चली जाती है फिर आदित्य वही रुक जाता है अब आगे...

और अपने फ़ोन निकाल कर फ़ोन की टॉर्च ऑन करने लगता है तभी लाइट आ जाती है और वो देख के चौक जाता है।

" आई लव यू " कहते हुए श्रेया हाथ में एक गुलाब का फूल लिए घुटनो पर बैठ जैसे एक लड़का
लड़की को करता है वैसे ही वो आदित्य को प्रोपोज़ करती है ये देखकर वहाँ उपस्थित सभी लोग ख़ुशी से झूमने लगते है।
" अब ये पागलपन है श्रेया , तुम अपनी आदतों से बाज नही आओगी। " कहते हुए वो बिना फूल लिए वापस मुड़ता है।

" ओये तुझे एक लड़की लड़के की तरह घुटनो पर बैठे सारी दुनिया के सामने प्रोपोज़ कर रही है और तूम हो कि इतना भाव खा रहे हो । अगर मै नही पसंद तो साफ साफ कह दो लेकिन इस तरह मुझे तो ना तड़पाओ । प्लीज आदि अब मान भी जाओ ना , मै सच में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।" कहते हुए वो थोड़ा उदास सी हो जाती है और सिर नीचे झुका लेती है । आदित्य वहाँ से चला जाता है और श्रेया रोने सी लगती है।

" श्रेया रो मत । आदित्य आज तुम्हारे प्यार को नही समझ रहा लेकिन एक दिन वो समझ जायेगा और खुद ही तुम्हारे पास आयेगा। " कहते हुए नीलेश और उसकी दोस्त उसके पास आ उसे सांत्वना देने लगते है। तभी कमरे के दरवाजे पर एक म्यूजिक बजने लगती है और कुछ लोग आकार गिटार बजाने लगते है । सभी आश्चर्यचकित होकर सभी
उधर की तरफ देखने लगते है कि ये क्या और कैसे हो रहा है। कोई उनसे कुछ पूछता इससे पहले ही आदित्य हाथ में बहुत से गुब्बारे हाथों में लिए मुस्कुराता हुआ आता दिखाई देता है । वो श्रेया के पास आकर सारे गैस के गुब्बारे हवा में छोड़ देता है और एक गुलाब का फूल लेकर घुटनो पर बैठ "आई लव यू श्रेया " बोलता है तो श्रेया ख़ुशी से चहक जाती है और अपने दोनों हाथों से मुँह को ढक लेती है। वहाँ उपस्थित सभी लोग खुश हो जोर से तालियां बजाने लगते है और श्रेया " लव यू टू आदि " कहते हुए उसके सीने से लग जाती है। आदित्य के दिल की बात आज उसकी जुबान पर आ चुकी थी । दिल ही में चाहने वाले आदित्य ने आज सबसे सामने श्रेया से अपने प्यार का इजहार कर दिया था । प्यार के इकरार से दोनों के साथ साथ नीलेश , नेहा और कामिनी भी ख़ुशी से फुले नही समा रहे थे ।

आज आदित्य 21 साल का हो गया था और शायद उसकी जिंदगी में एक नए बदलाव की शुरुआत जो शायद उसके अतीत की धरोहर थी। 21 साल , पूर्णमासी की रात और चंद्रग्रहण पता नही आदित्य के जीवन का उथलपुथल लेकर आने वाली थी । उसके अपनों का अतीत उसकी जिंदगी बदलने वाला था।

क्रमशः
 

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अब शायद अदित्य की माँ अदिति और पिता निलेश के बारे में पता चलेगा
 
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kamdev99008

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Ha bhai agale kuch update aditi aur lalit ke bare m pata chalega . Aur ek dusman bhe ayega .
हाँ निलेश नहीं ललित.... भूल गया
 

Sona

Smiling can make u and others happy
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Update 6 Part 2
श्रेया को डांटने के बाद आदित्य हाल से बाहर निकल जाता है तभी हाल की लाइट चली जाती है फिर आदित्य वही रुक जाता है अब आगे...

और अपने फ़ोन निकाल कर फ़ोन की टॉर्च ऑन करने लगता है तभी लाइट आ जाती है और वो देख के चौक जाता है।

" आई लव यू " कहते हुए श्रेया हाथ में एक गुलाब का फूल लिए घुटनो पर बैठ जैसे एक लड़का
लड़की को करता है वैसे ही वो आदित्य को प्रोपोज़ करती है ये देखकर वहाँ उपस्थित सभी लोग ख़ुशी से झूमने लगते है।
" अब ये पागलपन है श्रेया , तुम अपनी आदतों से बाज नही आओगी। " कहते हुए वो बिना फूल लिए वापस मुड़ता है।

" ओये तुझे एक लड़की लड़के की तरह घुटनो पर बैठे सारी दुनिया के सामने प्रोपोज़ कर रही है और तूम हो कि इतना भाव खा रहे हो । अगर मै नही पसंद तो साफ साफ कह दो लेकिन इस तरह मुझे तो ना तड़पाओ । प्लीज आदि अब मान भी जाओ ना , मै सच में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।" कहते हुए वो थोड़ा उदास सी हो जाती है और सिर नीचे झुका लेती है । आदित्य वहाँ से चला जाता है और श्रेया रोने सी लगती है।

" श्रेया रो मत । आदित्य आज तुम्हारे प्यार को नही समझ रहा लेकिन एक दिन वो समझ जायेगा और खुद ही तुम्हारे पास आयेगा। " कहते हुए नीलेश और उसकी दोस्त उसके पास आ उसे सांत्वना देने लगते है। तभी कमरे के दरवाजे पर एक म्यूजिक बजने लगती है और कुछ लोग आकार गिटार बजाने लगते है । सभी आश्चर्यचकित होकर सभी
उधर की तरफ देखने लगते है कि ये क्या और कैसे हो रहा है। कोई उनसे कुछ पूछता इससे पहले ही आदित्य हाथ में बहुत से गुब्बारे हाथों में लिए मुस्कुराता हुआ आता दिखाई देता है । वो श्रेया के पास आकर सारे गैस के गुब्बारे हवा में छोड़ देता है और एक गुलाब का फूल लेकर घुटनो पर बैठ "आई लव यू श्रेया " बोलता है तो श्रेया ख़ुशी से चहक जाती है और अपने दोनों हाथों से मुँह को ढक लेती है। वहाँ उपस्थित सभी लोग खुश हो जोर से तालियां बजाने लगते है और श्रेया " लव यू टू आदि " कहते हुए उसके सीने से लग जाती है। आदित्य के दिल की बात आज उसकी जुबान पर आ चुकी थी । दिल ही में चाहने वाले आदित्य ने आज सबसे सामने श्रेया से अपने प्यार का इजहार कर दिया था । प्यार के इकरार से दोनों के साथ साथ नीलेश , नेहा और कामिनी भी ख़ुशी से फुले नही समा रहे थे ।

आज आदित्य 21 साल का हो गया था और शायद उसकी जिंदगी में एक नए बदलाव की शुरुआत जो शायद उसके अतीत की धरोहर थी। 21 साल , पूर्णमासी की रात और चंद्रग्रहण पता नही आदित्य के जीवन का उथलपुथल लेकर आने वाली थी । उसके अपनों का अतीत उसकी जिंदगी बदलने वाला था।

क्रमशः
:superb: fantastic update
 
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