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Wowww Arti is ready to take on Rajnath.भाग 9
फिर आरती बोलती है कि मेरी तारीफ करना बंद कीजिये और मुझे मेरा काम करने दीजिए नहीं तो फिर देर हो जाएगी फिर दादी मुझे ढूँढते हूए इधर आ जाएगी।
तो फिर मैं राजनाथ-- बोलता है आजाएगी तो आने दो कया होगा।
तो फिर आरती बोलती है कि अच्छा ऐसी बात तो ठीक है फिर दरवाजा क्यों बंद करवाया है जा कर खोल देती हूँ और बाहर जा के दादी को भी बोल देती हूँ की आप मुझे ढूँढीएगा मत मैं कमरे के अंदर आपके बेटे का पैर हांथ दबा रही हूं फिर वह बेड से उठकर जाने लगती है तभी राजनाथ झट से उसका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लेता है और इस हड़बड़ी में आरती सीधे उसके ऊपर गिर जाती है और उसकी छाती यानी उसका दूध सीधे उसके छाती से जाकर टकरा जाता है और उसके बाल सीधे उसके मुंह पर गिर जाता है और यह सब इतना जल्दी हुआ कि राजनाथ को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करें तो चुपचाप उसी तरह लेटा रहा।
फिर आरती अपने आप को संभालते हुए उठकर खड़ी हुई और बोली कि बाबूजी आप भी ना एकदम बच्चों की तरह करते हैं आपने इतना जोर से खींच कि मैं गिर गई।
राजनाथ अरे मैंने तो सिर्फ तुम्हारा हाथ पकड़ा है खींचा थोड़ी है।
आरती अच्छा सिर्फ हाथ पकड़ने से मैं इतनी जोर से आपके ऊपर गिर गई।
राजनाथ अच्छा सॉरी बाबा मुझे माफ कर दे मैंने तो सिर्फ हल्का सा खींचा था मुझे क्या पता था कि तुम तुम्हारे अंदर इतनी भी ताकत नहीं है कि तुम सीधा मेरे ऊपर गिर जाओगी।
आरती तो क्या आप मुझे अपनी तरह पहलवान समझते हैं जो मैं आपका मुकाबला करूंगी।
राजनाथ अच्छा सॉरी बाबा मुझे माफ कर दे मेरे से गलती हो गई।
अच्छा यह सब छोड़िए पहले ये बताइए कि आपने मुझे पकड़ क्यों।
राजनाथ-- तुम दरवाजा ना खोल दो जाकर इस वजह से मैंने तुमको पड़ा।
आरती क्यों क्या हुआ अभी तो आप कह रहे थे कि आपको कोई डर नहीं है फिर दरवाजा खोलने से क्यों डर रहे हैं।
राजनाथ-- अरे मैं तो मजाक कर रहा था तुम मजाक को भी सीरियस ले लेती हो।
आरती आप मजाक करते रहिए अब मैं जा रही हूं।
राजनाथ क्यों क्या हुआ क्यों जा रही हो।
आरती जाऊंगी नहीं तो क्या यही बैठी रहूंगी बहुत देर हो चुकी है दादी ढूंढने लगेगी तो उनको क्या जवाब दूंगी अगर आपको और पैर हांथ दबवाना है तो रात में जितना कहेंगे उतना दबा दूंगी लेकिन अभी मैं जा रही हूं फिर वह दरवाजा खोल के बाहर देखी की दादी बैठी है कि नहीं तो दादी बाहर में नहीं थी तो वह निकल के चली गई।
और इधर राजनाथ मन ही मन बहुत खुश था कि वह जो चाह रहा था उसमें कामयाब हो गया आज उसने अपनी बेटी को और उसकी बदन की खुशबू को इतने करीब से महसूस कर पाया था और इस खुशी में उसके पैजामे के अंदर मे उसका मोटा तगड़ा लंड भी उछाल उछाल के खुश हो रहा है था की काश आरती मेरी बेटी नहीं मेरी बीवी होती तो कितना मजा आता।
फिर दो दिन के बाद दोनों बाप बेटी अस्पताल जाते हैं अपना रिपोर्ट लेने के लिए[ फिर नर्स दोनों को अंदर जाने के लिए बोलती है फिर वह दोनों अंदर जाते हैं तो डॉक्टर दोनों को बैठने के लिए बोलती है फिर रिपोर्ट निकाल कर पढ़ने लगती है और पढ़ने के बाद बोलती है की आप दोनों की रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है फिर राजनाथ को बोलता है क्या प्रकार रिपोर्ट बिल्कुल सही है आपकी पत्नी जैसा बोल रही थी वैसा कुछ नहीं है ।
तो राजनाथ मन ही मन बोलता है कि वह मेरे बारे में थोड़ी बोल रही थी वह तो अपने पति के बारे में बोल रही थी और यह तो मेरा रिपोर्ट है और मेरे में कोई कमी थोड़ी है की रिपोर्ट में गलत बतायेगा।
डॉक्टर फिर से बोलती है कि आपकी पत्नी का भी रिपोर्ट सही है थोड़ा बहुत प्रॉब्लम उसके लिए मैं दवा लिख दे रही हूं दवा खाने के बाद वह ठीक हो जाएगा।
फिर राजनाथ आरती को देखकर और फिर डॉक्टर को देखते हुए बोलता है कि हमको दवा नहीं दीजिएगा क्या।
तो डॉक्टर बोलता है कि आपको दवा की तो जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी आपके लिए भी कुछ दवा लिख दे रही हूं इसमें से एक आपका वीर्य गाढ़ा करने वाला है दूसरा आपका सेक्स पावर बढ़ाएगा,
एक बात और आप दोनों पति-पत्नी दूध पीजिए दूध पीने से आप दोनों को सेक्स करने की चाहत बढ़ेगी और आप दोनों ज्यादा से ज्यादा सेक्स कर सकेंगे इसलिए जितना हो सके उतना दूध पीजिए अभी मैं आप दोनों के लिए दो महीना के लिए दवा लिख दे रही हूँ उसको खाइए फिर कैसा क्या रहेगा दो महीने के बाद आकर बताइएगा अब आप लोग जाइए और बाहर मेडिकल से दवा लेकर घर जाइए।
फिर वह दोनों उठकर जाने लगे तो डॉक्टर ने आवाज दी राजनाथ जी , फिर राजनाथ पीछे मुड़कर उसके पास आते हुए बोला जी मैडम जी।
फिर डॉक्टर ने बोला कि आपका घर गांव मे है तो क्या आप खेती-बाड़ी करते हैं ।
तो राजनाथ ने जवाब दिया जी हां मैडम खेती बाड़ी करते हैं।
तो फिर डॉक्टर ने बोला कि आप खेती-बाड़ी करते हैं तो आपको तो मालूम होगा की खेत की जुताई जब तक अच्छे से बार-बार नहीं होगी उसमें फसल नहीं उगेगा इसलिए आप भी अपनी खेत की जुताई अच्छे से कीजिए और बार-बार कीजिए तब जाकर उसमें फसल उगेगा फिर डॉक्टर मुस्कुराते हुए बोली कि आप मेरी बात को समझे कि नहीं।
तो राजनाथ भी मुस्कुराते हुए बोला जी मैडम मैं समझ गया वह तो पहले ही समझ गया था कि डॉक्टर कौन सी खेत की जुताई करने के बात कर रही है वहीं पर आरती जो थोड़ी दूर में खड़ी थी वह भी उनकी बात सुनकर समझ गई और शरमाते हुए अपनी मुंह दूसरी तरफ कर ली फिर डॉक्टर ने बोला अब आप लोग जाइए।
फिर राजनाथ आरती के पास आया बोला कि चलो और आरती अभी भी अपनी नज़रें नीचे करके शर्मा रही थी फिर वह दोनों बाहर आए और बाहर आकर मेडिकल से दवा खरीदी दवा खरीदने के बाद नर्स के पास गए यह पूछने के लिए की दवा कब से और कैसे खाना है।
फिर नर्स ने राजनाथ को बताया कि आपको रात में एक-एक टैबलेट खाना है और आपकी पत्नी को रात में और सुबह दो टाइम खाना है और उनको अगला पीरियड आएगा उसके तीन दिन के बाद से खाना है और दोनों को साथ में रहना है।
दवा लेने के बाद दोनों बाप बेटी घर वापस आ गए फिर शाम का खाना बना फिर सब लोगों ने खाना खाया फिर खाना खाने के बाद राजनाथ अपने कमरे में सोने चला गया और दादी भी अपने कमरे में चली गई फिर आरती बर्तन समेटकर दूध गर्म करने लगी उसके घर में एक गाय थी वह दूध देती थी क्योंकि आज डॉक्टर ने दोनों को दूध पीने के लिए बोली थी इसलिए वह दूध गर्म करने लगी गरम करने के बाद वह एक गिलास में दूध लेकर राजनाथ को देने के लिए गई और बोली बाबूजी यह लीजिए आपका पहले दूध पी लीजिएगा उसके बाद सोइएगा।
तो राजनाथ बोला की दूध, दूध क्यों लाई है मैं तो दूध पीता नहीं।
तो फिर आरती बोली कि मुझे पता है क्या आप दूध नहीं पीते लेकिन आज डॉक्टर ने क्या बोला आपने सुना नहीं।
तो राजनाथ बोला की अरे वह मेरे लिए थोड़ी बोल रहा थी वह तो तुमको पीने के लिए बोली रही थी।
तो आरती जवाब देती है नहीं नहीं वह हमको नहीं वो दोनों को पीने के लिए बोल रही थी।
तो राजनाथ बोलता हैं कि अरे हां वो तुम दोनों को पीने के लिए बोली है।
तो आरती अनजान बनते हुए पूछती है कि कौन हम दोनों के लिए।
तो राजनाथ बोलता हैं तुम दोनों को यानी कि तुमको और दामाद जी को।
तो फिर आरती पूछती है की आपका दामाद यहां है जो पिएगा।
तो राजनाथ बोलता है अरे अभी यहां नहीं है तो क्या हुआ जब तुम उसके पास जाओगी तब पिलाना।
तो आरती गुस्सा होते हुए बोली कि मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ पूछता है क्यों नहीं जाएगी।
तो जवाब देती है क्यों जाऊंगी मैं यहां अपने से नहीं आई हूँ उन लोगों की वजह से आई जब तक वह मुझे लेने के लिए नहीं आएगा मैं नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है ठीक है मैं तुमको वहां लेकर जाऊंगा।
तो आरती बोलती है कि आप क्यों लेकर जाएंगे क्या आप हमको लाने के लिए गए थे जो आप लेकर जाएंगे जब तक वह खुद नहीं आएगा तब तक मैं नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है कि ठीक है मैं दामाद जी से बात करूंगा और वह तुमको लेकर जाएगा ठीक है
तो आरती बोलती है ठीक है जब आएगा तब देखा जाएगा अभी आप दूध पीजिए।
तो राजनाथ बोलता है कि मैं क्यों दूध पीउँगा मुझे थोड़ी पीने के लिए बोला है।
तो आरती बोलती है आपको पीने के लिए नहीं बोला है तो क्या हुआ कोई दवा थोड़ी है कि पीने से खराबी करेगा पीने से और फायदा करेगा और ताकत भी बढे़गा इसलिए जल्दी से पी लीजिए।
तो राजनाथ बोलता है कि तुम मेरे साथ जबरदस्ती कर रही हो ।
तो आरती बोलती कि हां मैं जबर्दस्ती कर रही हूं फिर भी आपको पीना पड़ेगा।
तो फिर राजनाथ पूछता है की तुम अपना दूध पी के आई हो।
तो फिर आरती जवाब देती आप नहीं पी रहे हैं तो फिर मैं क्यों पिऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है कि ठीक है जब तुम पियोगी तो मैं भी पी लूंगा।
तो आरती बोलती है की आप पीजिए मैं जाकर पी लूंगी।
तो राजनाथ बोलता है नहीं नहीं यही लेकर आओ और मेरे सामने पियो।
तो आरती बोलती ठीक है मैं लेकर आ रही हूं फिर वह दूध लेकर आई और दोनों बाप बेटी ने दूध पिया फिर दूध पीने के बाद आरती ने बोला कि मैं अब जा रही हूं सोने के लिए आप भी सो जाइए।
तो राजनाथ ने पूछा क्यों क्या हुआ नींद आ रही है क्या।
तो आरती बोली सोने का टाइम हो गया है तो नींद तो आएगी ही ना।।
तो राजनाथ बोला ठीक है तो जाओ जाकर सो जाओ।
फिर वह चली जाती है जब वह दादी के पास जाती है तो उसे याद आता है कि दूध पिलाने के चक्कर में बाबूजी को मालिश करना ही भूल गई उधर राजनाथ भी यही सोच रहा है कि दूध देने के चक्कर में मालिश करना भूल गई फिर आरती तेल मालिश करने के लिए जा रही थी तभी उसका पेट भारी-भारी लगने लगा शायद आज पहली बार दूध पिया था इसलिए लग रहा था फिर उसने सोचा थोड़ी देर आराम कर लेती हूं उसके बाद जाऊंगी फिर वह लेट गई लेटने के बाद उसे अस्पताल की बात याद आ गई और वह मन ही मन शर्मा ने लगी और उसको वह बात याद आने लगी कि कैसे डॉक्टर बाबूजी को बोल रही थी की फसल उगाने के लिए खेत को अच्छे से जोतना पड़ेगा मतलब डॉक्टर बाबूजी को बोल रही थी कि आपको अच्छे से चोदना पड़ेगा यानी की वो मेरे बारे में बोल रही थी कि अच्छे से चुदाई करना पड़ेगा यह सोचते ही वह अंदर ही अंदर गण गणा जाती है और सोचती है कि यह मेरी कैसी किस्मत है कि कोई दूसरा आदमी मेरे बाप को मुझे चोदने के लिए बोल रहा हे और मैं कुछ नहीं बोल पाई यह सब सोचते सोचते उसको नींद आ जाती है।
उधर राजनाथ भी यही सब सोचते सोचते अपना लंड सहलाते हुए वह भी सो जाता है।
अचानक रात में आरती की नींद खुलती है और वह उठकर पेशाब करने के लिए बाथरूम की तरफ जाती है तो देखी है कि बाथरूम का लाइट जल रहा है तो वह समझ जाती है कि बाथरूम में कोई है तो उसको लगा कि शायद बाबूजी होंगे तो वह धीरे-धीरे और करीब गई तो उसे पेशाब करने की आवाज आने लगी बाथरूम का दरवाजा खुला था लेकिन वह दूसरी तरफ इसलिए आरती को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो उसके मन में देखने का लालच आ गया कि बाबूजी अंदर क्या कर रहे हैं तो वह धीरे-धीरे और करीब गई तो बाथरूम के साइड वाले दीवाल में एक छोटा सा छेद था उसे छेद में से आरती अंदर झांक कर देखने लगी जैसे ही उसने अंदर झांका तो उसके होश उड़ गए।
क्योंकि राजनाथ अपना लंबा मोटा तगड़ा लंड अपना हाफ पेंट खोल के लंड निकाल कर मूत रहा था और आरती यह सब उसके दाहिना साइड वाले दीवाल से अंदर देखी तो चौंक गई और सोच में पड़ गई कि उसके बाबूजी का इतना बड़ा लंड है आज तक मैंने किसी का इतना बड़ा लड नहीं देखा।
अस्पताल से आने के बाद राजनाथ का लंड अपनी बेटी के बारे में सोचते ही खड़ा हो जाता है अभी भी वह अपनी बेटी के ही बारे में सोच रहा है कि काश एक बार उसकी चूत में लंड घुसाने के लिए मिल जाता तो मेरा जीवन धन्य हो जाता पेशाब करने के बाद अपने लंड को पकड़ के ऊपर नीचे डोलाने लगता है यह देखकर आरती और गाना गाना जाती है और सोचने लगती है कि काश मेरा पति का इसका आधा भी होता फिर वह अपने बाप का लंड देखकर अंदाजा लगाने लगती है कि कितना इंच का होगा फिर उसने देखा कि उसके लंड के जड़ में काफी घुंघराले काले काले बाल है फिर उसने अंदाजा लगाया की जड़ से सुपाडा तक पूरा कम से कम 9 इंच का होगा इतना बड़ा लंड जिसके अंदर जाएगा उसका तो जीवन ही सफल हो जाएगा।
आगे की कहानी अगले भाग में
धन्यवाद भाई मेरी इतनी तारीफ करने के लिए मैं अपनी कहानी को जिंदगी के सच्चाई के करीब रखना चाहता हूं ताकि ताकि जो भी पाठक इस कहानी को पढ़े वह अपनी दिल से इस कहानी के साथ जुड़ सके
Zabardast update bro.next plZभाग 9
फिर आरती बोलती है कि मेरी तारीफ करना बंद कीजिये और मुझे मेरा काम करने दीजिए नहीं तो फिर देर हो जाएगी फिर दादी मुझे ढूँढते हूए इधर आ जाएगी।
तो फिर मैं राजनाथ-- बोलता है आजाएगी तो आने दो कया होगा।
तो फिर आरती बोलती है कि अच्छा ऐसी बात तो ठीक है फिर दरवाजा क्यों बंद करवाया है जा कर खोल देती हूँ और बाहर जा के दादी को भी बोल देती हूँ की आप मुझे ढूँढीएगा मत मैं कमरे के अंदर आपके बेटे का पैर हांथ दबा रही हूं फिर वह बेड से उठकर जाने लगती है तभी राजनाथ झट से उसका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लेता है और इस हड़बड़ी में आरती सीधे उसके ऊपर गिर जाती है और उसकी छाती यानी उसका दूध सीधे उसके छाती से जाकर टकरा जाता है और उसके बाल सीधे उसके मुंह पर गिर जाता है और यह सब इतना जल्दी हुआ कि राजनाथ को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करें तो चुपचाप उसी तरह लेटा रहा।
फिर आरती अपने आप को संभालते हुए उठकर खड़ी हुई और बोली कि बाबूजी आप भी ना एकदम बच्चों की तरह करते हैं आपने इतना जोर से खींच कि मैं गिर गई।
राजनाथ अरे मैंने तो सिर्फ तुम्हारा हाथ पकड़ा है खींचा थोड़ी है।
आरती अच्छा सिर्फ हाथ पकड़ने से मैं इतनी जोर से आपके ऊपर गिर गई।
राजनाथ अच्छा सॉरी बाबा मुझे माफ कर दे मैंने तो सिर्फ हल्का सा खींचा था मुझे क्या पता था कि तुम तुम्हारे अंदर इतनी भी ताकत नहीं है कि तुम सीधा मेरे ऊपर गिर जाओगी।
आरती तो क्या आप मुझे अपनी तरह पहलवान समझते हैं जो मैं आपका मुकाबला करूंगी।
राजनाथ अच्छा सॉरी बाबा मुझे माफ कर दे मेरे से गलती हो गई।
अच्छा यह सब छोड़िए पहले ये बताइए कि आपने मुझे पकड़ क्यों।
राजनाथ-- तुम दरवाजा ना खोल दो जाकर इस वजह से मैंने तुमको पड़ा।
आरती क्यों क्या हुआ अभी तो आप कह रहे थे कि आपको कोई डर नहीं है फिर दरवाजा खोलने से क्यों डर रहे हैं।
राजनाथ-- अरे मैं तो मजाक कर रहा था तुम मजाक को भी सीरियस ले लेती हो।
आरती आप मजाक करते रहिए अब मैं जा रही हूं।
राजनाथ क्यों क्या हुआ क्यों जा रही हो।
आरती जाऊंगी नहीं तो क्या यही बैठी रहूंगी बहुत देर हो चुकी है दादी ढूंढने लगेगी तो उनको क्या जवाब दूंगी अगर आपको और पैर हांथ दबवाना है तो रात में जितना कहेंगे उतना दबा दूंगी लेकिन अभी मैं जा रही हूं फिर वह दरवाजा खोल के बाहर देखी की दादी बैठी है कि नहीं तो दादी बाहर में नहीं थी तो वह निकल के चली गई।
और इधर राजनाथ मन ही मन बहुत खुश था कि वह जो चाह रहा था उसमें कामयाब हो गया आज उसने अपनी बेटी को और उसकी बदन की खुशबू को इतने करीब से महसूस कर पाया था और इस खुशी में उसके पैजामे के अंदर मे उसका मोटा तगड़ा लंड भी उछाल उछाल के खुश हो रहा है था की काश आरती मेरी बेटी नहीं मेरी बीवी होती तो कितना मजा आता।
फिर दो दिन के बाद दोनों बाप बेटी अस्पताल जाते हैं अपना रिपोर्ट लेने के लिए[ फिर नर्स दोनों को अंदर जाने के लिए बोलती है फिर वह दोनों अंदर जाते हैं तो डॉक्टर दोनों को बैठने के लिए बोलती है फिर रिपोर्ट निकाल कर पढ़ने लगती है और पढ़ने के बाद बोलती है की आप दोनों की रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है फिर राजनाथ को बोलता है क्या प्रकार रिपोर्ट बिल्कुल सही है आपकी पत्नी जैसा बोल रही थी वैसा कुछ नहीं है ।
तो राजनाथ मन ही मन बोलता है कि वह मेरे बारे में थोड़ी बोल रही थी वह तो अपने पति के बारे में बोल रही थी और यह तो मेरा रिपोर्ट है और मेरे में कोई कमी थोड़ी है की रिपोर्ट में गलत बतायेगा।
डॉक्टर फिर से बोलती है कि आपकी पत्नी का भी रिपोर्ट सही है थोड़ा बहुत प्रॉब्लम उसके लिए मैं दवा लिख दे रही हूं दवा खाने के बाद वह ठीक हो जाएगा।
फिर राजनाथ आरती को देखकर और फिर डॉक्टर को देखते हुए बोलता है कि हमको दवा नहीं दीजिएगा क्या।
तो डॉक्टर बोलता है कि आपको दवा की तो जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी आपके लिए भी कुछ दवा लिख दे रही हूं इसमें से एक आपका वीर्य गाढ़ा करने वाला है दूसरा आपका सेक्स पावर बढ़ाएगा,
एक बात और आप दोनों पति-पत्नी दूध पीजिए दूध पीने से आप दोनों को सेक्स करने की चाहत बढ़ेगी और आप दोनों ज्यादा से ज्यादा सेक्स कर सकेंगे इसलिए जितना हो सके उतना दूध पीजिए अभी मैं आप दोनों के लिए दो महीना के लिए दवा लिख दे रही हूँ उसको खाइए फिर कैसा क्या रहेगा दो महीने के बाद आकर बताइएगा अब आप लोग जाइए और बाहर मेडिकल से दवा लेकर घर जाइए।
फिर वह दोनों उठकर जाने लगे तो डॉक्टर ने आवाज दी राजनाथ जी , फिर राजनाथ पीछे मुड़कर उसके पास आते हुए बोला जी मैडम जी।
फिर डॉक्टर ने बोला कि आपका घर गांव मे है तो क्या आप खेती-बाड़ी करते हैं ।
तो राजनाथ ने जवाब दिया जी हां मैडम खेती बाड़ी करते हैं।
तो फिर डॉक्टर ने बोला कि आप खेती-बाड़ी करते हैं तो आपको तो मालूम होगा की खेत की जुताई जब तक अच्छे से बार-बार नहीं होगी उसमें फसल नहीं उगेगा इसलिए आप भी अपनी खेत की जुताई अच्छे से कीजिए और बार-बार कीजिए तब जाकर उसमें फसल उगेगा फिर डॉक्टर मुस्कुराते हुए बोली कि आप मेरी बात को समझे कि नहीं।
तो राजनाथ भी मुस्कुराते हुए बोला जी मैडम मैं समझ गया वह तो पहले ही समझ गया था कि डॉक्टर कौन सी खेत की जुताई करने के बात कर रही है वहीं पर आरती जो थोड़ी दूर में खड़ी थी वह भी उनकी बात सुनकर समझ गई और शरमाते हुए अपनी मुंह दूसरी तरफ कर ली फिर डॉक्टर ने बोला अब आप लोग जाइए।
फिर राजनाथ आरती के पास आया बोला कि चलो और आरती अभी भी अपनी नज़रें नीचे करके शर्मा रही थी फिर वह दोनों बाहर आए और बाहर आकर मेडिकल से दवा खरीदी दवा खरीदने के बाद नर्स के पास गए यह पूछने के लिए की दवा कब से और कैसे खाना है।
फिर नर्स ने राजनाथ को बताया कि आपको रात में एक-एक टैबलेट खाना है और आपकी पत्नी को रात में और सुबह दो टाइम खाना है और उनको अगला पीरियड आएगा उसके तीन दिन के बाद से खाना है और दोनों को साथ में रहना है।
दवा लेने के बाद दोनों बाप बेटी घर वापस आ गए फिर शाम का खाना बना फिर सब लोगों ने खाना खाया फिर खाना खाने के बाद राजनाथ अपने कमरे में सोने चला गया और दादी भी अपने कमरे में चली गई फिर आरती बर्तन समेटकर दूध गर्म करने लगी उसके घर में एक गाय थी वह दूध देती थी क्योंकि आज डॉक्टर ने दोनों को दूध पीने के लिए बोली थी इसलिए वह दूध गर्म करने लगी गरम करने के बाद वह एक गिलास में दूध लेकर राजनाथ को देने के लिए गई और बोली बाबूजी यह लीजिए आपका पहले दूध पी लीजिएगा उसके बाद सोइएगा।
तो राजनाथ बोला की दूध, दूध क्यों लाई है मैं तो दूध पीता नहीं।
तो फिर आरती बोली कि मुझे पता है क्या आप दूध नहीं पीते लेकिन आज डॉक्टर ने क्या बोला आपने सुना नहीं।
तो राजनाथ बोला की अरे वह मेरे लिए थोड़ी बोल रहा थी वह तो तुमको पीने के लिए बोली रही थी।
तो आरती जवाब देती है नहीं नहीं वह हमको नहीं वो दोनों को पीने के लिए बोल रही थी।
तो राजनाथ बोलता हैं कि अरे हां वो तुम दोनों को पीने के लिए बोली है।
तो आरती अनजान बनते हुए पूछती है कि कौन हम दोनों के लिए।
तो राजनाथ बोलता हैं तुम दोनों को यानी कि तुमको और दामाद जी को।
तो फिर आरती पूछती है की आपका दामाद यहां है जो पिएगा।
तो राजनाथ बोलता है अरे अभी यहां नहीं है तो क्या हुआ जब तुम उसके पास जाओगी तब पिलाना।
तो आरती गुस्सा होते हुए बोली कि मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ पूछता है क्यों नहीं जाएगी।
तो जवाब देती है क्यों जाऊंगी मैं यहां अपने से नहीं आई हूँ उन लोगों की वजह से आई जब तक वह मुझे लेने के लिए नहीं आएगा मैं नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है ठीक है मैं तुमको वहां लेकर जाऊंगा।
तो आरती बोलती है कि आप क्यों लेकर जाएंगे क्या आप हमको लाने के लिए गए थे जो आप लेकर जाएंगे जब तक वह खुद नहीं आएगा तब तक मैं नहीं जाऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है कि ठीक है मैं दामाद जी से बात करूंगा और वह तुमको लेकर जाएगा ठीक है
तो आरती बोलती है ठीक है जब आएगा तब देखा जाएगा अभी आप दूध पीजिए।
तो राजनाथ बोलता है कि मैं क्यों दूध पीउँगा मुझे थोड़ी पीने के लिए बोला है।
तो आरती बोलती है आपको पीने के लिए नहीं बोला है तो क्या हुआ कोई दवा थोड़ी है कि पीने से खराबी करेगा पीने से और फायदा करेगा और ताकत भी बढे़गा इसलिए जल्दी से पी लीजिए।
तो राजनाथ बोलता है कि तुम मेरे साथ जबरदस्ती कर रही हो ।
तो आरती बोलती कि हां मैं जबर्दस्ती कर रही हूं फिर भी आपको पीना पड़ेगा।
तो फिर राजनाथ पूछता है की तुम अपना दूध पी के आई हो।
तो फिर आरती जवाब देती आप नहीं पी रहे हैं तो फिर मैं क्यों पिऊंगी।
तो राजनाथ बोलता है कि ठीक है जब तुम पियोगी तो मैं भी पी लूंगा।
तो आरती बोलती है की आप पीजिए मैं जाकर पी लूंगी।
तो राजनाथ बोलता है नहीं नहीं यही लेकर आओ और मेरे सामने पियो।
तो आरती बोलती ठीक है मैं लेकर आ रही हूं फिर वह दूध लेकर आई और दोनों बाप बेटी ने दूध पिया फिर दूध पीने के बाद आरती ने बोला कि मैं अब जा रही हूं सोने के लिए आप भी सो जाइए।
तो राजनाथ ने पूछा क्यों क्या हुआ नींद आ रही है क्या।
तो आरती बोली सोने का टाइम हो गया है तो नींद तो आएगी ही ना।।
तो राजनाथ बोला ठीक है तो जाओ जाकर सो जाओ।
फिर वह चली जाती है जब वह दादी के पास जाती है तो उसे याद आता है कि दूध पिलाने के चक्कर में बाबूजी को मालिश करना ही भूल गई उधर राजनाथ भी यही सोच रहा है कि दूध देने के चक्कर में मालिश करना भूल गई फिर आरती तेल मालिश करने के लिए जा रही थी तभी उसका पेट भारी-भारी लगने लगा शायद आज पहली बार दूध पिया था इसलिए लग रहा था फिर उसने सोचा थोड़ी देर आराम कर लेती हूं उसके बाद जाऊंगी फिर वह लेट गई लेटने के बाद उसे अस्पताल की बात याद आ गई और वह मन ही मन शर्मा ने लगी और उसको वह बात याद आने लगी कि कैसे डॉक्टर बाबूजी को बोल रही थी की फसल उगाने के लिए खेत को अच्छे से जोतना पड़ेगा मतलब डॉक्टर बाबूजी को बोल रही थी कि आपको अच्छे से चोदना पड़ेगा यानी की वो मेरे बारे में बोल रही थी कि अच्छे से चुदाई करना पड़ेगा यह सोचते ही वह अंदर ही अंदर गण गणा जाती है और सोचती है कि यह मेरी कैसी किस्मत है कि कोई दूसरा आदमी मेरे बाप को मुझे चोदने के लिए बोल रहा हे और मैं कुछ नहीं बोल पाई यह सब सोचते सोचते उसको नींद आ जाती है।
उधर राजनाथ भी यही सब सोचते सोचते अपना लंड सहलाते हुए वह भी सो जाता है।
अचानक रात में आरती की नींद खुलती है और वह उठकर पेशाब करने के लिए बाथरूम की तरफ जाती है तो देखी है कि बाथरूम का लाइट जल रहा है तो वह समझ जाती है कि बाथरूम में कोई है तो उसको लगा कि शायद बाबूजी होंगे तो वह धीरे-धीरे और करीब गई तो उसे पेशाब करने की आवाज आने लगी बाथरूम का दरवाजा खुला था लेकिन वह दूसरी तरफ इसलिए आरती को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो उसके मन में देखने का लालच आ गया कि बाबूजी अंदर क्या कर रहे हैं तो वह धीरे-धीरे और करीब गई तो बाथरूम के साइड वाले दीवाल में एक छोटा सा छेद था उसे छेद में से आरती अंदर झांक कर देखने लगी जैसे ही उसने अंदर झांका तो उसके होश उड़ गए।
क्योंकि राजनाथ अपना लंबा मोटा तगड़ा लंड अपना हाफ पेंट खोल के लंड निकाल कर मूत रहा था और आरती यह सब उसके दाहिना साइड वाले दीवाल से अंदर देखी तो चौंक गई और सोच में पड़ गई कि उसके बाबूजी का इतना बड़ा लंड है आज तक मैंने किसी का इतना बड़ा लड नहीं देखा।
अस्पताल से आने के बाद राजनाथ का लंड अपनी बेटी के बारे में सोचते ही खड़ा हो जाता है अभी भी वह अपनी बेटी के ही बारे में सोच रहा है कि काश एक बार उसकी चूत में लंड घुसाने के लिए मिल जाता तो मेरा जीवन धन्य हो जाता पेशाब करने के बाद अपने लंड को पकड़ के ऊपर नीचे डोलाने लगता है यह देखकर आरती और गाना गाना जाती है और सोचने लगती है कि काश मेरा पति का इसका आधा भी होता फिर वह अपने बाप का लंड देखकर अंदाजा लगाने लगती है कि कितना इंच का होगा फिर उसने देखा कि उसके लंड के जड़ में काफी घुंघराले काले काले बाल है फिर उसने अंदाजा लगाया की जड़ से सुपाडा तक पूरा कम से कम 9 इंच का होगा इतना बड़ा लंड जिसके अंदर जाएगा उसका तो जीवन ही सफल हो जाएगा।
आगे की कहानी अगले भाग में