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Grt bhai bht ki jor dar update Diya hUPDATE 011
Good morning
रात ढल रही थी और मै शर्म से अपने कमरे से निकल नहीं रहा था ।
शाम की चाय के लिए भी अम्मी ने आवाज नहीं दी थी अजीब सा डर लग रहा था मन में
मोबाइल भी अम्मी के पास ही था ।
रात के 9 बजने को हो रहे थे और किचन में सीटियां कबकी बज कर शांत हो चुकी थी , दोपहर से ही भूख लगी थी और उसपे से अम्मी की फिकर अलग थी ।
समझ नहीं आ रहा था क्या करूं
बड़ी हिम्मत कर मै उठा और जीने से नीचे आने लगा , अम्मी के कमरे से हल्की फुल्की आवाजे आ रही थी ।
शायद अब्बू से फोन पर कुछ बात कर रही होगी ऐसा मुझे लगा ।
ना जाने क्यों ऐसी सिचुएशन में भी अब्बू अम्मी की बातें करना मेरे लंड को भाने लगा , और वो अपना सर उठाने लगाने लगा ।
फट भी रही थी कि अगर अम्मी से अब्बू से कह दिया तो पिटाई तय थी ।
बिल्लियों के जैसे बिना आहट के मै जीने से उतर कर अम्मी के कमरे के पास गया, दरवाजा पूरा खुला तो ऐसे में मैं बिना दरवाजे के आगे गए किनारे से ही दीवाल से लग गया ।
: सारी गलती मेरी है यार , मै तुझसे बातों में लगी थी और फिर उसने मोबाइल मागा तो दे दिया मैने ( अम्मी फोन पर बोली )
मै समझ गया मेरी ही हो रही है मगर किससे?
: मेरी तो हिम्मत नहीं हो रही है कि उसके सामने जाऊ। बेचारा दुपहर से नीचे नहीं आया ।
कुछ देर तक अम्मी फोन पर सामने वाली की बातें सुनती रही
: हा खाना बना लिया है मैने , मुझे बहुत अफसोस हो रहा है कि खुद की गलती होते हुए आज पहली बार मेरा हाथ उठा उसके ऊपर ( अम्मी फोन पर समझा रही थी और उनकी बातों से मुझे हिम्मत हो रही थी )
मै समझ गया कि अगर मैने पहल की तो चीज़ें नॉर्मल हो सकती है और शायद अब्बू तक बातें न जाए ।
: अम्मी भूख लगी है ( मै रुआंस लहजे में अम्मी के कमरे के दरवाजे पर आ गया )
: अच्छा नगमा तू फोन रख , शानू आया है । ( अम्मी मुझे देख कर बोली )
: हम्मम मै करती हूं अभी ( अम्मी ने फोन काट दिया )
नगमा नाम सुनते ही मै समझ गया कि अम्मी अपने सहेली से बात कर ही थी
मै वही दरवाजे पर खड़ा रहा और अम्मी को देख रहा था भरी आंखों से । अम्मी ने मुझे देखा और दुपट्टा सही करती हुई नजरे चुराने लगी ।
वो मेरी ओर बढ़ रही थी बिना कुछ बोले और मेरे बगल से निकल कर किचन में खाना निकालने लगी ।
मै उनके पीछे चला गया
: अम्मी आप भी खा लो न प्लीज
अम्मी के हाथ रुक गए और मगर वो मेरे ओर चेहरा नहीं की थी ।
फिर से वो मेरी ही प्लेट में परोस रही थी ।
: सॉरी अम्मी , प्लीज ( अम्मी फफक पड़ी और मैं उनकी पीछे से हग कर लिया)
मेरी आंखो से भी आंसू गिर रहे थे नहीं पता क्यों मगर अम्मी के गुदाज मुलायम चूतड से चिपक खड़े होना और उनकी पीठ पर सर टिकाना बहुत भा रहा था मुझे , वही अम्मी किचन स्लैब पकड़ कर खड़ी खड़ी रो रही थी ।
: अम्मी प्लीज आप रो मत , सॉरी मुझे नहीं देखना चाहिए था वो सब ( वो सिसकती फफकती रही )
: मुझे नहीं चाहिए मोबाईल आप ही रखो इसे , लेकिन प्लीज आप भी खाना खा लो । दुपहर से आपने कुछ नहीं खाया । ( मै अम्मी के कंधे पर सर रखता हुआ पीछे से ही बोला )
: तूने खा लिया बड़ा जैसे , चाय बनाई थी आया क्यों नहीं पीने ( अम्मी मेरी ओर घूम कर बोली )
: सॉरी मुझे लगा आप नाराज होगी ( मै उदास चेहरे से उनकी ओर देखा , आंसुओं ने आंखे और गाल दोनो गाल कर दिए थे उनके )
: तुझसे मै भला क्यों नाराज होऊंगी रे, इधर आ ( अम्मी ने खींच कर मुझे अपने सीने से लगा लिया )
गुदाज छातियों में मै कही खो सा गया और वो मेरे सर को कस कर हग कर ली थी। सालों बाद ऐसे दुलारा था अम्मी ने मुझे , इन रसीले मम्मों को महज छूने भर के ख्वाब थे मेरे और अम्मी उन्हीं में मुझे कसे जा रही थी , लंड खुद ब खुद अकड़ने लगा था ,
: हवसी कही का ( मैने मन में लंड को डांटा )
: अम्मी अपनी थाली भी लगाओ न प्लीज ( मैने अम्मी से फिर से रिक्वेस्ट की )
: क्यों मुझे अपनी थाली में नहीं खाने देगा उम्मम ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: क्या सच में , आप मेरे थाली ने खाओगे ( मै चहक कर एक बार फिर से उनसे लिपटने को हुआ )
: ऊहू अब और चिपका चिपकी नहीं ( अम्मी बोल कर हसने लगी तो मैं फिर से उनको हग कर किया )
: ओहो बाबा हो गया , अब छोड़ न बदमाश
: हीहीहीही , लेकिन आपको मेरे हाथ से ही खाना पड़ेगा
: उम्मम , ठीक है ( अम्मी ने मुस्कुरा कर बोला )
फिर हम हाल में आए और सोफे पर बैठ कर खाने लगे ।
मै अम्मी को खिचड़ी खिला रहा था
: हम्म्म ये सही है , अब से रोज तू ही खिलाना मुझे । मुझे मेहनत नहीं करनी पड़ेगी
: अब्बू रहेंगे तब भी ( मै हंसते हुए बोला और वो आंखे दिखा कर हसने लगी )
: बहुत बिगड़ गया है तू , पढ़ाई में ध्यान दे एग्जाम सर पर है और मोबाइल.. !!
: वो आप ही रखो , मुझे नहीं चाहिए
: चला लेना कभी कभी , लेकिन मुझसे पूछ कर ही ( अम्मी की बात सुनकर मैं चहक उठा)
: थैंक्यू अम्मी
थोड़ी देर बाद मै अम्मी के साथ बैठा था ।
: अम्मी , आपने उस बारे ने अब्बू को बता दिया क्या ? ( डरते हुए बोला मै )
: नहीं क्यों , बता दूं
: नहीं नहीं प्लीज , अब्बू मुझे ही मारेंगे बिना गलती के !!
मेरी बात पर अम्मी मुस्कुराई
: अगर मेरी गलती नहीं थी तो आपने मारा क्यों ( मै दुलराते हुए उनसे चिपककर बोला )
: किसने कहा तेरी गलती नहीं थी ( अम्मी ने मेरी ओर देखा )
: वो सब तो आप भरवा कर लाई थी न , मै तो बस मूवी देखने के लिए खोला था ।
: चुप कर तू , ऐसे बात करेगा अपनी अम्मी से ( वो डांटने को हुई मगर चुप हो गई )
: मै तुझे इस गलती के लिए नहीं मारा , तेरी आदतें बहुत बिगड़ गई है इसीलिए मारा तुझे ।
: मेरी आदतें ? मैने क्या किया अब ( भीतर से मेरी फट रही थी कि अब क्या पता चल गया अम्मी को )
: अगर तुझे पता था वो सब वीडियो गंदी थी तो क्यों देख रहा था बोल । तुझे मोबाइल बंद करके रख देना चाहिए था ( अम्मी ने मुझे घूर कर देखा )
: सॉरी न अम्मी ? ( मै उनके बाजू को पकड़े हुए उनके कंधे पर अपने गाल रखे हुए उनसे बोला , एक अजीब सी गुदगुदी लग रही थी बदन में )
: और तू अपनी आदतें सुधार ले किसी दिन तेरे अब्बू ने पकड़ लिया तो खूब पिटाई होगी तेरी और अभी तेरी उम्र नहीं है ये सब करने की समझा ( अम्मी ने हड़काया मुझे )
: अब क्या किया मैने ? ( मै चौक कर सीधा होकर अम्मी की देखते हुए बोला )
: चल इतना भी भोला बनने की जरूरत नहीं है , तेरी सारी हरकतों के सबूत है मेरे पास समझा ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
: मतलब ? सच में नहीं पता आप किस बारे में बात कर रही है ?
: अच्छा अब तुझे ये भी बताना पड़ेगा कि जीने पर तो कभी बाथरूम में तो कभी वहा दरवाजे के पास ( अम्मी ने अपने कमरे के दरवाजे के पास इशारे किया ) छिप छिप कर क्या करता है सारे निशान मिल जाते है मुझे । एक लगाऊंगी अभी कमीना कही का ( अम्मी बोलते बोलते एकदम गुस्से से लाल होने लगी )
: उन्हीं सब आदतों को सोच कर तुझे मारा था , कहा से सीख रहा है ये सब तू ( अम्मी फिर से मेरे ऊपर गरजी ) कौन से दोस्त तुझे बिगाड़ रहे है बोल
: सॉरी ( मै बस इतना ही बोला , भीतर से मेरी फटी हुई थी और अपनी लापवाही के लिए खुद को गालियां बक रहा था , अम्मी को कैसे पता मै हिलाता हूं, जरूर मेरे वीर्य के दाग देखी होंगी )
: चूतिया हु बहनचोद मै ( मन ही मन खुद को गरियाया और उखड़ा हुआ एक टक अम्मी को निहार रहा था अब ना जाने क्या बोल दे वो )
: चल अब सो जा जाकर ( अम्मी ने गुस्से से कहा )
शायद वो मेरे मूठ मारने वाली बातें मुझसे नहीं कहना चाहती थी मगर मुझसे कह कर वो खुद से ही शर्मिंदा थी और उस बात का गुस्सा मुझ पर ही निकाल रही थी , मै चुपचाप ऊपर चला गया ।
रात के 11 बजने को हो रहे थे और मुझे नीद नहीं आ रही थी
बेसब्री थी जहन में अम्मी के पास जाने की उनकी बातें सुनने की
आखिर मैं कमरे से बाहर निकल आया और दबे पाव जीने से सरकता हुआ अम्मी के कमरे तक
अभी भी उनकी बातें चल रही थी
बातों से वो नॉर्मल दिख रही थी कुछ हसी ठिठौली भरी बातें हो रही थी , उनकी सहेली नगमा से ।
: अच्छा सुन वीडियो कॉल करती हु दिखा दे न , क्या छुपा रही है ?
: उम्मम इतना मन कर रहा है क्या , कल आ रही हु न तब देख लेना ?( नगमा मामी बोली )
: बस एक झलक तो दे दे , अच्छा बस सेल्फी भेज दे न ( अम्मी कसमसाते हुए बोली )
: अच्छा रुक भेजती हु
: एक मिनट ऐसे रहना ( अम्मी बोलकर शांत हुई और उनके बिस्तर से उठने की आहट मुझे मिली )
मै समझ गया कि मेरी चोरी पकड़े जाने वाली है ।
: शानू ??? ( अम्मी ने दरवाजा खोलकर मुझे आवाज लगाई)
मेरी फटी हुई थी ये सोच कर कि इनको भनक कैसे लगी कि मैं आया हु , जीने के नीचे छिपा है मै खुद से बडबडा रहा था ।
: नहीं कुछ नहीं मुझे लगा शानू नीचे आया है ( अम्मी दरवाजा लगाते हुए बोली )
मै लपक कर वापस कमरे के दरवाजे के पास से सरक कर खिड़की पर आ गया
: ओह्ह्ह्ह यार कितनी टाइट है ( अम्मी मोबाईल पर कुछ देख रही थी )
: तू भी दिखा दे
: आहा कल देख लेना हीहिही ( अम्मी खिलखिलाई )
: धत्त कामिनी है तू एक नंबर की ( नगमा मामी हंसते हुए बोली )
उनकी बातें कुछ कुछ मेरे समझ में आ रही थी मगर पूरी नहीं अब कल के लिए मेरा इंतजार बढ़ने लगा था कि कल क्या होगा ।
मै वापस चुपचाप अपने बिस्तर पर सो गया
अगली सुबह मेरी नींद खुली तो मै नरम मुलायम बिस्तर में चादरों के लिपटा हुआ था और मेरे देह पर रात में पहनी हुई एक टीशर्ट और मेरी अपनी ही बॉक्सर थी ।
आसपास का माहौल देखते ही चेहरे पर मुस्कुरा आ गई और बीती रात हुई मैम के साथ बाथरूम में मस्ती को सोच कर लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा ।
अंगड़ाई लेकर मै फ्रेश हुआ और उन्हीं कपड़ो में बाहर आया तो मैम टेबल पर बैठ कर काम रही थी , नाइटी में उनकी बड़ी सी गाड़ पूरे गोल मटोल शेप में नजर आ रही ही थी , देखते ही ईमान डोल गया
बॉक्सर के ऊपर से अपने फड़फड़ाते लंड को मसलता हुआ मै उनके पास गया
: गुड मॉर्निंग मैम ( उनको पीछे से हग करता हुआ नाइटी के उसपे से उनके मुलायम चूचों को मसल दिया )
: अह्ह्ह्ह्ह बदमाश , गुड मॉर्निंग ऐसे करते है क्या ? ( वो सिसकते हुए बोली )
: तो फिर कैसे करते है आप ही बताओ न ( मैने पीछे से उनकी गोल मटोल चूतड़ों की दरारों में नाइटी के ऊपर से उंगली घिसने लगा , उनके नरम चूतड़ों को हथेली में भरने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह शानू हटो न , मुझे ये फाइल रेडी करनी है ( वो सिसकती कसमसाती हुई बोली )
: मै कहा आपको रोक रहा हु मै ( मै उनके गर्दन कंधे को चूमता हुआ नीचे सरकने लगा और धीरे धीरे उनकी शॉर्ट नाइटी को उनके चूतड़ के नीचे से खींचता हुआ बैठने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह शानू क्या कर रह रहे हो उम्मम्म ( वो अपने बड़े बड़े गोल मटोल चूतड़ों को हल्का सा उठाते हुए बोली ताकि उनके चूतड़ों के बीच दबी हुई नाइटी आसानी से उठ जाए )
सामने उनके चूतड़ स्टूल पर फैले हुए और मेरे पंजे उनके नरम नंगे मुलायम चूतड को सहलाते हुए चूमने लगे
: उह्ह्ह्ह शानू ऐसे मै कैसे काम कर पाऊंगी , तंग मत करो न प्लीज ओह्ह्ह्ह सीईईई गुदगुदी हो रही है कितने मुलायम होठ है तुम्हारे
:ओह्ह्ह उम्मम बदमाश काट क्यों रहे हो ( मैम हल्का सा उचकी जब मैने उनके रसीले चूतड़ पर दांत लगाए )
: आपकी गाड़ बहुत मोटी है मैम उम्मम
: धत्त गंदे कैसा बोल रहे हो , शर्म नहीं आ रही , छोड़ो ना हटो वहाआअ सेहह ओह्ह्ह्ह अम्मीईईई उम्मम्म क्याह्ह कर रहे अह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह शानू उम्मम
मैने उनके कसे हुए चूतड़ों को फैलाते हुए उनकी गाड़ की सुराख पर जीभ चलाने लगा और वो बुरी तरह से अकड़ने फड़कने लगी
उनकी भूरी सुराख को अच्छे से चाटते हुए मै उनके चूतड़ को फैलाते जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह्ह गॉड शानू उम्मम यस बेबी फक्क्क् ओह्ह्ह्ह खा जाओ कितना अच्छा लग रहा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह शानू डाल दो न
: क्या चाहिए मैम ( मै खड़ा होकर अपना 9 इंच लंबा बियर की कैन जैसा मोटा मूसल निकाल उसपे थूक लगाते हुए दूसरे साथ से मैम की गाड़ पर अंगूठा दरते हुए बोला )
: वही जो तुम्हारे हाथ में है ( वो बड़ी बड़ी आंखों से गर्दन घुमा कर गहरी गहरी सास लेते हुए मेरा लंड घूरते हुए बोली )
: इसका नाम भी है मैम ( मै मेरे लंड का सुपाड़ा उनके गाड़ के सुराख पर टिकाया घिसने लगा , वो आंखे उलटती हुई खुद को शांत करने की कोशिश कर रही थी )
: बोलो न मैम ( मैने ढेर सारा थूक लेकर उनकी गाड़ की सुराख पर लीपते बोला )
: ल लंड डालो न मेरी जान ओह्ह्ह्ह प्लीज ओह्ह्ह्ह सीईईई आराम से ओह्ह्ह्ह टाइट है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड बड़ा है आराम से शानू ( मै मेरा सुपाड़ा उनकी गाड़ में भेद चुका था जो बड़ी मशक्कत से जा रहा था , रात में ही मैम ने बताया था कि उनके शौहर उनकी गाड़ बहुत मारते थे और सुबह मेरी नियत खराब हो गई ).
: अह्ह्ह्ह्ह मैम आपकी गाड़ बहुत कसी है आह्ह्ह्ह कितना मजा आ रहा है घुसाने ओह्ह्ह ( मै हल्का हल्का उनकी गाड़ में लंड आगे पीछे करने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई हार्ड ओह्ह्ह्ह गॉड इट्स टू बिग इन माय एस्स उम्मम अम्मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड
: लो मेरी सेक्सी मैम अह्ह्ह्ह आपकी गाड़ बहुत मस्त है आह्ह्ह्ह चोद चोद इसको भर दूंगा मैं अह्ह्ह्ह्ह मैम
: डोंट काल मी मैम, से माय नेम बेबी फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी फक्क्क् मीईईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह शानू
: अह्ह्ह्ह्ह रेशमा मेरी जान ओह्ह्ह्ह लेह मेरा मोटा लंड अपनी गाड़ में ओह्ह्ह्ह जिस दिन से ज्वाइन किया था तेरे गाड़ ने मुझे पागल कर रखा था अह्ह्ह्ह्ह
: तो एक बार मांग लेते मेरे राजा खुद खोल कर बैठी जाती मै तेरे लंड पर ओह्ह्ह्ह्ह
: ओह गॉड सच में क्या , ऑफिस में ही चुदवा लेती क्या
: जब ऑफिस में मिजवा सकती हु तो चुदवा क्यों नहीं सकती ( मैम की बातें सुनकर मेरा लंड और अकड़ गया )
: तो उस बहनचोद आहूजा से मिज़वाती हो अपने चूचे उम्मम
: बस दो बार अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रुकना मत चोदो ओह्ह्ह्ह गॉड आ रहा है ओह्ह्ह्ह अम्मीईईई फक्क्क् मीईईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
: साली रंडी आज तेरी फाड़ दूंगा ( मै पूरे जोश में अपना लंड उनकी गाड़ में पेलने लगा और वो झड़ रही थी )
: हा फाड़ दो भर दो मेरी गाड़ ओह्ह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह शानू पेलो और तेज अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क्क् मीईईईई हार्ड
: अह्ह्ह्ह लह्ह्ह साली अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो लह्ह्ह भर दिया
मै उनकी गाड़ में झड़ते हुए लंड बाहर निकाल दिया और
वो स्टूल पर बैठे हुए रही
धीरे धीरे उनकी गाड़ सारा रस बाहर उगलने लगी जो उनकी चूत से रिसकर कर फर्श पर गिरने लगी और वो खिलखिला रही थी मै भी उस रंडी को देख कर अपना लंड सहला रहा था ।
फिर मै उसके पास आगे गया और उसके लिप्स चूसने लगा
: नहाने चले
: हम्म्म ( वो मुस्कुरा कर बोली )
फिर हम नहाने के लिए बाथरूम में गए और फिर ऑफिस के लिए तैयार होने लगे ।
मै रेडी होकर नीचे आया और अम्मी ने नाश्ता तैयार कर दिया था
: शानू नाश्ता कर ले बेटा ( अम्मी आज खुश थी )
: जी अम्मी
: अच्छा सुन आज लेट तो नहीं होगा तुझे ( अम्मी ने नाश्ते की प्लेट देते हुए पूछा )
: पता नहीं अम्मी , आज प्रोजेक्ट सबमिट करना है शाम भी हो जाएगी क्यों ( मै जान रहा था कि अम्मी बस मुझसे कनफर्म कर रही थी क्योंकि आज नगमा मामी आने वाली है )
: अरे अगर समय से आ गया तो बाजार चलना था शॉपिंग के लिए
: अह कोशिश करूंगा अम्मी , और अगर लेट हुआ तो जुबैदा चच्ची के मोबाइल पर काल कर दूंगा ( मोबाईल का नाम आते ही अम्मी के चेहरे के हाव भाव बदल गए )
: तू फोन लेकर जाएगा क्या ?
: ओह सॉरी भूल गया था , मैने तो प्रोमिस किया है न मोबाइल नहीं चलाने का ( मै उखड़े हुए स्वर में जबरन मुस्कुराहट लाते हुए बोला)
: अरे बेटा ऐसा नहीं है , लेकिन अब हिसाब भर मोबाइल चलाना । तेरे एग्जाम भी तो आ रहे है उसकी तैयारी कर ( अम्मी ने मेरे सर सहलाती हुई बोली)
: जी अम्मी ( एक अजीब सी सरसराहट हुई बदन ने अम्मी ने जब हाथ फेरा तो )
: जल्दी से नाश्ता कर ले , 10 तो यही बज गए
मै कुछ कि तभी हाल में नगमा मामी काले बुरखे में दाखिल हुई और उन्हें देखकर मेरे दिल की बेचैनी बढ़ने लगी
:हाय , रेडी ? ( मैम बोली )
: हा, लेकिन ... आप ऐसे ?
: क्यों अच्छी नहीं लग रही हूं ( रेशमा मैम ने पोज देते हुए कहा और अपनी कूल्हे बाहर निकाले )
: वो तो ठीक है लेकिन आज आहूजा सर की पैंट खुल जाएगी हीहीहीही
: और तुम्हारी उम्मम ( मैम ने सीधे मेरे लंड को जींस के ऊपर से पकड़ लिया और मेरी हालत खराब होने लगी । मैने उनकी कमर में हाथ डाल कर उनकी गाड़ मसलता हुआ )
: अगर मेरा पेंट खुली तो आपकी लिपिस्टिक खराब हो जाएगी ( वो मेरी आंखो में देख रही थी और उनकी सांसे गरम हो रही थी । फिर वो मुस्कुराने लगी)
: तुम ना, छोड़ो लेट हो रहा है
फिर हम बातें करते हुए गाड़ी से ऑफिस के लिए निकल गए।
जारी रहेगी
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Thankyou dostBahut badiya update..raat ko bathroom main kya hua woh kahan chut gaya bhai.
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Bahut bahut dhanyawad BhaiSuperb! Awesome and excellent update
Thankyou so much broReally amazing and awesome update it is!!... such a hot story!! Excellent build up to the scene and situation!!!!!
Bahut bahut dhanyawad apkabahut bahut mast aur lajawab update, bahut achi writings,ekdom superb aur faadu kahaani!
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Thankyou ji
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