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Erotica अरिन्दम से बनी अवंतिका

Ye kahani kis font me likhun???

  • Hindi

    Votes: 15 78.9%
  • Hinglish

    Votes: 4 21.1%

  • Total voters
    19

KD's Love

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Awesome update, मम्मी को बेटे से और पापा को बेटी से लगाव ज्यादा होता है, यहाँ अगर मम्मी अपने बेटे/बेटी से blojob ले ले तो कोई भी अपराध नही होगा और एक सुखद अनुभव मिल सकता है।

Keep it up ✍️
Thanx for yor feedback sir. Sir Aisa kuchh hua hi nahin to main vo kuchh nahin likh sakti.
 

dkpk

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अगले दिन हम हॉस्पिटल पहुंचे और हमने रिपोर्ट्स कलेक्ट की और अपने डॉक्टर को वो रिपोर्ट दिखाईं।
डॉक्टर - हम्म्म, (पापा से) तो मिस्टर चौहान आपको पता ही है पहले से ही कि आपके बेटे के पास ड्यूल पर्सनेलिटी है। It means कि इसके पास लड़के और लड़की वाले दोनों के फीचर हैं। हम पहले मेडिसिन देंगे एक साल तक ताकि जो फीचर शो हो रहे हैं वो न बढ़ें और अगर ये कारगर रहा तो फिर हम सर्जरी कर के इसकी बच्चेदानी को निकाल देंगे और इसकी वेजाइना बंद ही रहने देंगे।
मम्मी - और अगर ये दवाइयां कारगर न रहीं तो।
डॉक्टर - जी मिसेज चौहान मैं वही बता रही हूं। अगर इसकी मेडिसिन वर्क आउट नहीं होती हैं तो ये इसका ओपिनियन होगा की ये चाहे तो ऐसे ही रहे या फिर फुल लड़की बन सकता है। क्योंकि इसके पास बच्चेदानी भी है तो लड़की बनने पर कोई कॉम्प्लीकेशन नहीं होगा।
मम्मी - डॉक्टर साहिबा अगर ये लड़की बनता है तो क्या ये तब बच्चे पैदा कर सकता है।
डॉक्टर - हम ने इसकी भी जांच करवाई थी तो हां ये बच्चे भी पैदा कर सकता है। इसलिए मैने बोला कि अगर मेडिसिन वर्क आउट नहीं करती हैं तो ये फुल लड़की बन कर ज़िंदगी बिता सकता है। तो मैं मेडिसिन दे रही हूं इसको एक साल तक डेली सुबह शाम देना है। ये मेडिसिन एस्ट्रोजन हार्मोन्स को कम करेगी और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स को बढ़ाएगी। (मम्मी से) और हां ये याद रखिएगा अब ये बिना लेडीज अंडर गारमेंट्स पहने बाहर नहीं जाएगा वर्ना इसी को प्रोब्लम होगी। हां बाकी अपने कपड़े पहन सकता है।और रात में बिना अंडर गारमेंट्स के सोना है। OK
मम्मी - जी मैं इसका ध्यान रखूंगी।
हम मेडिसिन ले कर होटल आ गए और मैं फ्रेश होने चली गई। क्योंकि ब्रा और पैंटी मुझे इरिटेट कर रही थी।
पापा - अभी निकलना है घर के लिए तो तैयारी कर लो। लंच कर के निकलते हैं।
मम्मी - आज नहीं कल जाएं तो कैसा रहेगा। हम वैसे भी बाहर कहीं घूमने नहीं जा पाते इसी बहाने घूम लेंगे एक साथ।
पापा - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी। लंच कर के थोड़ा रेस्ट कर लो फिर इवनिंग में चलते हैं।
हम सबने लंच कर के कुछ देर रेस्ट किया फिर हम लोग घूमने गए। जहां मेरे लिए ढेर सारे लेडीज ड्रेसेज लिए गए।
मैं - मम्मी इसकी क्या जरूरत है। हैं तो कपड़े मेरे पास और वैसे भी अपना बुटीक है तो हमे इसकी जरूरत नहीं है।
मम्मी - बेटा हम घूमने निकले हैं तो ले लेते हैं। और वैसे भी ये ड्रेसेज तो एक साल तक तो चलेंगी नहीं। है ना।
इस बात पर मैं चुप हो गई और मम्मी मेरे लिए हर स्टाइल की ब्रा पैंटी और ड्रेसेज लेने लगीं।
हम घूम कर और शॉपिंग कर के रूम पर आ गए और डिनर कर के सो गए।
फिर अगले दिन हम सुबह जल्दी उठ कर अपने शहर अपने घर के लिए निकल गए।
Waaaooo mast story, superb work!
 

manu@84

Well-Known Member
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अगले दिन हम हॉस्पिटल पहुंचे और हमने रिपोर्ट्स कलेक्ट की और अपने डॉक्टर को वो रिपोर्ट दिखाईं।
डॉक्टर - हम्म्म, (पापा से) तो मिस्टर चौहान आपको पता ही है पहले से ही कि आपके बेटे के पास ड्यूल पर्सनेलिटी है। It means कि इसके पास लड़के और लड़की वाले दोनों के फीचर हैं। हम पहले मेडिसिन देंगे एक साल तक ताकि जो फीचर शो हो रहे हैं वो न बढ़ें और अगर ये कारगर रहा तो फिर हम सर्जरी कर के इसकी बच्चेदानी को निकाल देंगे और इसकी वेजाइना बंद ही रहने देंगे।
मम्मी - और अगर ये दवाइयां कारगर न रहीं तो।
डॉक्टर - जी मिसेज चौहान मैं वही बता रही हूं। अगर इसकी मेडिसिन वर्क आउट नहीं होती हैं तो ये इसका ओपिनियन होगा की ये चाहे तो ऐसे ही रहे या फिर फुल लड़की बन सकता है। क्योंकि इसके पास बच्चेदानी भी है तो लड़की बनने पर कोई कॉम्प्लीकेशन नहीं होगा।
मम्मी - डॉक्टर साहिबा अगर ये लड़की बनता है तो क्या ये तब बच्चे पैदा कर सकता है।
डॉक्टर - हम ने इसकी भी जांच करवाई थी तो हां ये बच्चे भी पैदा कर सकता है। इसलिए मैने बोला कि अगर मेडिसिन वर्क आउट नहीं करती हैं तो ये फुल लड़की बन कर ज़िंदगी बिता सकता है। तो मैं मेडिसिन दे रही हूं इसको एक साल तक डेली सुबह शाम देना है। ये मेडिसिन एस्ट्रोजन हार्मोन्स को कम करेगी और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स को बढ़ाएगी। (मम्मी से) और हां ये याद रखिएगा अब ये बिना लेडीज अंडर गारमेंट्स पहने बाहर नहीं जाएगा वर्ना इसी को प्रोब्लम होगी। हां बाकी अपने कपड़े पहन सकता है।और रात में बिना अंडर गारमेंट्स के सोना है। OK
मम्मी - जी मैं इसका ध्यान रखूंगी।
हम मेडिसिन ले कर होटल आ गए और मैं फ्रेश होने चली गई। क्योंकि ब्रा और पैंटी मुझे इरिटेट कर रही थी।
पापा - अभी निकलना है घर के लिए तो तैयारी कर लो। लंच कर के निकलते हैं।
मम्मी - आज नहीं कल जाएं तो कैसा रहेगा। हम वैसे भी बाहर कहीं घूमने नहीं जा पाते इसी बहाने घूम लेंगे एक साथ।
पापा - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी। लंच कर के थोड़ा रेस्ट कर लो फिर इवनिंग में चलते हैं।
हम सबने लंच कर के कुछ देर रेस्ट किया फिर हम लोग घूमने गए। जहां मेरे लिए ढेर सारे लेडीज ड्रेसेज लिए गए।
मैं - मम्मी इसकी क्या जरूरत है। हैं तो कपड़े मेरे पास और वैसे भी अपना बुटीक है तो हमे इसकी जरूरत नहीं है।
मम्मी - बेटा हम घूमने निकले हैं तो ले लेते हैं। और वैसे भी ये ड्रेसेज तो एक साल तक तो चलेंगी नहीं। है ना।
इस बात पर मैं चुप हो गई और मम्मी मेरे लिए हर स्टाइल की ब्रा पैंटी और ड्रेसेज लेने लगीं।
हम घूम कर और शॉपिंग कर के रूम पर आ गए और डिनर कर के सो गए।
फिर अगले दिन हम सुबह जल्दी उठ कर अपने शहर अपने घर के लिए निकल गए।
Nice update," dual फीचर्स " ये पढ़कर अच्छा लगा..... वैसे इतना complicate case है, तो mc भी होती होगी....???
 

KD's Love

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घर पहुंच कर हम फ्रेश हुए और कुछ देर रेस्ट किया। फिर पापा ने शाम को हमें इकट्ठा होने हो कहा तो शाम को हम सब इकट्ठे हुए।
कुमुद - पापा आपने हमें इकट्ठा होने को कहा था। बताइए क्या बात है।
पापा - हां बेटा एक बात मुझे टेंशन दे रही है इसलिए सबको बुलाया।
मम्मी - अजी ऐसी क्या बात है जिससे टेंशन हो रही है।
पापा - बात ऐसी है कि अरिंदम की प्रोब्लम दिन पर दिन बढ़ रही है हां ये बात अलग है कि अभी इतनी बड़ी नहीं है। अगर बाई चांस ये प्रोब्लम और बढ़ गई तो इसके बाहर जाने में प्रोब्लम हो जायेगी।
मैं - क्या पापा जबतक आप लोगों को पता नहीं था तब तक कोई प्रोब्लम नहीं थी, पहले भी मैं बाहर जाता ही था तो अब क्या प्रोब्लम है।
पापा - पहले की बात अलग थी और अब की बात अलग है।
कुमुद - हां पापा सही बोल रहे हैं अभी की बात अलग है। भगवान न करे अगर ये प्रोब्लम बढ़ गई तो।
पापा - इसीलिए मैने सबको बुलाया है। मैं ये सोंच रहा हूं कि अरिंदम अब कहीं बाहर न जाए जब तक इलाज चल रहा है तो बेहतर रहेगा।
कुमुद - ये सही आइडिया है।
मैं - (गुस्सा हो के) क्या सही आइडिया है, मेरे इलेवंथ के एग्जाम हैं कल से। मेरे पास मैसेज आया है कॉलेज से।
पापा - तब तो प्रोब्लम हो जायेगी।
कुमुद - मेरे पास एक आइडिया है क्यों न मैं इसे लेकर जाऊं और ले कर वापस आऊं। मतलब जितनी देर एग्जाम हैं उतनी देर ये बाहर रहेगा और उसके बाद घर में। यहां घर पर रह कर पढ़ाई करेगा और घर का काम भी सीखेगा आगे के लिए।
मम्मी - हां ये आइडिया सही है।
मैं - मेरा जिम भी होता है उसका क्या।
पापा - जिम की टेंशन न लो मैं घर पर ही बनवा दूंगा।
मैं - OK
ये बोल उठ के मैं रूम में आ गई
मैं -(मन में) अब बाहर निकलना भी बंद कर देंगे मेरा। इसकी वजह से कहीं जाने भी नहीं देंगे। भगवान क्या मैं ही मिला था, मैने ऐसा क्या किया था जो ये प्रोब्लम मुझे दे दी।
अभी मैं ये सोंच ही रही थी कि रूम का गेट किसी ने खटखटाया। जब मैने गेट खोला तो कुमुद थे।
मैं - हां भैया क्या है।
कुमुद - भैया तो मत बोलो यार।
मैं - अच्छा ठीक है अब नहीं बोलूंगा। कोई काम था आपको।
कुमुद - देखो मुझे पता है तुम्हें गुस्सा आ रहा होगा लेकिन ये सब तुम्हारे भले के लिए है। जब तुम ठीक हो जाओगे तो तुम आराम से बाहर जा सकते हो।
मैं - और अगर मैं ठीक न हुआ तो मुझे हमेशा के लिए घर में कैद कर दोगे तुम लोग।
कुमुद - नहीं तब तो सब चेंज ही हो जायेगा। फिर नाम चेंज हो जायेगा, जेंडर चेंज हो जायेगा। तब लोग कुछ नहीं बोलेंगे। अभी अगर कोई कुछ बोलेगा तो गड़बड़ हो जायेगी। और वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए फायदा है न।
मैं - मेरा फायदा कैसे हुआ इसमें
कुमुद - (हस कर) देखो अगर तुम घर पर रहोगी तो घर का काम सीख जाओगी। और जब हमारी शादी होगी तो तुम मुझे अच्छा अच्छा खाना खा खिला सकती हो। घर को अच्छे से संभाल सकती हो। मुझे अच्छे से संभाल सकती हो। बच्चों को कैसे संभालना है, ये सीख जाओगी।
ये बोल कुमुद ने मेरे बालों को मेरे कान के पीछे किया और मेरे गाल को सहलाने लगे।
मैं - ये क्या कर रहे हैं आप। ये मुझे पसंद नहीं है।
कुमुद - अरे तुम्हें पसंद नहीं है तो मैं क्या करूं। मेरी होने वाली बीबी मेरी अवंतिका को तो पसंद है।
मैं - वो भी मैं ही हूं तो अब जाओ आप यहां से।
कुमुद - इसका मतलब तुमने ये मान लिया कि तुम मेरी होने वाली बीबी हो।
मैं - मैने बीबी के लिए नहीं अवंतिका नाम के लिए बोला था। OK.
कुमुद - हां तो अवंतिका मेरी होने वाली बीबी है और अवंतिका तुम हो तो बीबी भी तुम ही हुई न।
ये बोल कुमुद हस्ते हुए चले गए। मैने जोर से गेट को बंद किया। और कमरे में बैठ गई।
मैं - (मन में) वैसे कुमुद बात तो सही बोल रहे थे। मुझे अभी घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। जब सब ठीक हो जाएगा तो कोई दिक्कत नहीं होगी या सेक्स चेंज होगा तब भी इतनी प्रोब्लम नहीं होगी जितनी अभी होगी अगर किसी ने मेरी प्रोब्लम फिगर आउट कर ली। लेकिन ये बात ठीक नहीं मुझे उनका छूना पसंद नहीं है पापा मम्मी भी कुछ नहीं कहेंगे क्या करूं मैं इस प्रोब्लम का। खैर अभी के लिए ये सब छोड़ता हूं और पढ़ाई पर ध्यान देता हूं कल से एग्जाम हैं मेरे।
ये सब सोंच मैं पढ़ने बैठ गई अपने एग्जाम्स के लिए।
 

dkpk

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घर पहुंच कर हम फ्रेश हुए और कुछ देर रेस्ट किया। फिर पापा ने शाम को हमें इकट्ठा होने हो कहा तो शाम को हम सब इकट्ठे हुए।
कुमुद - पापा आपने हमें इकट्ठा होने को कहा था। बताइए क्या बात है।
पापा - हां बेटा एक बात मुझे टेंशन दे रही है इसलिए सबको बुलाया।
मम्मी - अजी ऐसी क्या बात है जिससे टेंशन हो रही है।
पापा - बात ऐसी है कि अरिंदम की प्रोब्लम दिन पर दिन बढ़ रही है हां ये बात अलग है कि अभी इतनी बड़ी नहीं है। अगर बाई चांस ये प्रोब्लम और बढ़ गई तो इसके बाहर जाने में प्रोब्लम हो जायेगी।
मैं - क्या पापा जबतक आप लोगों को पता नहीं था तब तक कोई प्रोब्लम नहीं थी, पहले भी मैं बाहर जाता ही था तो अब क्या प्रोब्लम है।
पापा - पहले की बात अलग थी और अब की बात अलग है।
कुमुद - हां पापा सही बोल रहे हैं अभी की बात अलग है। भगवान न करे अगर ये प्रोब्लम बढ़ गई तो।
पापा - इसीलिए मैने सबको बुलाया है। मैं ये सोंच रहा हूं कि अरिंदम अब कहीं बाहर न जाए जब तक इलाज चल रहा है तो बेहतर रहेगा।
कुमुद - ये सही आइडिया है।
मैं - (गुस्सा हो के) क्या सही आइडिया है, मेरे इलेवंथ के एग्जाम हैं कल से। मेरे पास मैसेज आया है कॉलेज से।
पापा - तब तो प्रोब्लम हो जायेगी।
कुमुद - मेरे पास एक आइडिया है क्यों न मैं इसे लेकर जाऊं और ले कर वापस आऊं। मतलब जितनी देर एग्जाम हैं उतनी देर ये बाहर रहेगा और उसके बाद घर में। यहां घर पर रह कर पढ़ाई करेगा और घर का काम भी सीखेगा आगे के लिए।
मम्मी - हां ये आइडिया सही है।
मैं - मेरा जिम भी होता है उसका क्या।
पापा - जिम की टेंशन न लो मैं घर पर ही बनवा दूंगा।
मैं - OK
ये बोल उठ के मैं रूम में आ गई
मैं -(मन में) अब बाहर निकलना भी बंद कर देंगे मेरा। इसकी वजह से कहीं जाने भी नहीं देंगे। भगवान क्या मैं ही मिला था, मैने ऐसा क्या किया था जो ये प्रोब्लम मुझे दे दी।
अभी मैं ये सोंच ही रही थी कि रूम का गेट किसी ने खटखटाया। जब मैने गेट खोला तो कुमुद थे।
मैं - हां भैया क्या है।
कुमुद - भैया तो मत बोलो यार।
मैं - अच्छा ठीक है अब नहीं बोलूंगा। कोई काम था आपको।
कुमुद - देखो मुझे पता है तुम्हें गुस्सा आ रहा होगा लेकिन ये सब तुम्हारे भले के लिए है। जब तुम ठीक हो जाओगे तो तुम आराम से बाहर जा सकते हो।
मैं - और अगर मैं ठीक न हुआ तो मुझे हमेशा के लिए घर में कैद कर दोगे तुम लोग।
कुमुद - नहीं तब तो सब चेंज ही हो जायेगा। फिर नाम चेंज हो जायेगा, जेंडर चेंज हो जायेगा। तब लोग कुछ नहीं बोलेंगे। अभी अगर कोई कुछ बोलेगा तो गड़बड़ हो जायेगी। और वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए फायदा है न।
मैं - मेरा फायदा कैसे हुआ इसमें
कुमुद - (हस कर) देखो अगर तुम घर पर रहोगी तो घर का काम सीख जाओगी। और जब हमारी शादी होगी तो तुम मुझे अच्छा अच्छा खाना खा खिला सकती हो। घर को अच्छे से संभाल सकती हो। मुझे अच्छे से संभाल सकती हो। बच्चों को कैसे संभालना है, ये सीख जाओगी।
ये बोल कुमुद ने मेरे बालों को मेरे कान के पीछे किया और मेरे गाल को सहलाने लगे।
मैं - ये क्या कर रहे हैं आप। ये मुझे पसंद नहीं है।
कुमुद - अरे तुम्हें पसंद नहीं है तो मैं क्या करूं। मेरी होने वाली बीबी मेरी अवंतिका को तो पसंद है।
मैं - वो भी मैं ही हूं तो अब जाओ आप यहां से।
कुमुद - इसका मतलब तुमने ये मान लिया कि तुम मेरी होने वाली बीबी हो।
मैं - मैने बीबी के लिए नहीं अवंतिका नाम के लिए बोला था। OK.
कुमुद - हां तो अवंतिका मेरी होने वाली बीबी है और अवंतिका तुम हो तो बीबी भी तुम ही हुई न।
ये बोल कुमुद हस्ते हुए चले गए। मैने जोर से गेट को बंद किया। और कमरे में बैठ गई।
मैं - (मन में) वैसे कुमुद बात तो सही बोल रहे थे। मुझे अभी घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। जब सब ठीक हो जाएगा तो कोई दिक्कत नहीं होगी या सेक्स चेंज होगा तब भी इतनी प्रोब्लम नहीं होगी जितनी अभी होगी अगर किसी ने मेरी प्रोब्लम फिगर आउट कर ली। लेकिन ये बात ठीक नहीं मुझे उनका छूना पसंद नहीं है पापा मम्मी भी कुछ नहीं कहेंगे क्या करूं मैं इस प्रोब्लम का। खैर अभी के लिए ये सब छोड़ता हूं और पढ़ाई पर ध्यान देता हूं कल से एग्जाम हैं मेरे।
ये सब सोंच मैं पढ़ने बैठ गई अपने एग्जाम्स के लिए।
Mast story, keep updating
 

manu@84

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घर पहुंच कर हम फ्रेश हुए और कुछ देर रेस्ट किया। फिर पापा ने शाम को हमें इकट्ठा होने हो कहा तो शाम को हम सब इकट्ठे हुए।
कुमुद - पापा आपने हमें इकट्ठा होने को कहा था। बताइए क्या बात है।
पापा - हां बेटा एक बात मुझे टेंशन दे रही है इसलिए सबको बुलाया।
मम्मी - अजी ऐसी क्या बात है जिससे टेंशन हो रही है।
पापा - बात ऐसी है कि अरिंदम की प्रोब्लम दिन पर दिन बढ़ रही है हां ये बात अलग है कि अभी इतनी बड़ी नहीं है। अगर बाई चांस ये प्रोब्लम और बढ़ गई तो इसके बाहर जाने में प्रोब्लम हो जायेगी।
मैं - क्या पापा जबतक आप लोगों को पता नहीं था तब तक कोई प्रोब्लम नहीं थी, पहले भी मैं बाहर जाता ही था तो अब क्या प्रोब्लम है।
पापा - पहले की बात अलग थी और अब की बात अलग है।
कुमुद - हां पापा सही बोल रहे हैं अभी की बात अलग है। भगवान न करे अगर ये प्रोब्लम बढ़ गई तो।
पापा - इसीलिए मैने सबको बुलाया है। मैं ये सोंच रहा हूं कि अरिंदम अब कहीं बाहर न जाए जब तक इलाज चल रहा है तो बेहतर रहेगा।
कुमुद - ये सही आइडिया है।
मैं - (गुस्सा हो के) क्या सही आइडिया है, मेरे इलेवंथ के एग्जाम हैं कल से। मेरे पास मैसेज आया है कॉलेज से।
पापा - तब तो प्रोब्लम हो जायेगी।
कुमुद - मेरे पास एक आइडिया है क्यों न मैं इसे लेकर जाऊं और ले कर वापस आऊं। मतलब जितनी देर एग्जाम हैं उतनी देर ये बाहर रहेगा और उसके बाद घर में। यहां घर पर रह कर पढ़ाई करेगा और घर का काम भी सीखेगा आगे के लिए।
मम्मी - हां ये आइडिया सही है।
मैं - मेरा जिम भी होता है उसका क्या।
पापा - जिम की टेंशन न लो मैं घर पर ही बनवा दूंगा।
मैं - OK
ये बोल उठ के मैं रूम में आ गई
मैं -(मन में) अब बाहर निकलना भी बंद कर देंगे मेरा। इसकी वजह से कहीं जाने भी नहीं देंगे। भगवान क्या मैं ही मिला था, मैने ऐसा क्या किया था जो ये प्रोब्लम मुझे दे दी।
अभी मैं ये सोंच ही रही थी कि रूम का गेट किसी ने खटखटाया। जब मैने गेट खोला तो कुमुद थे।
मैं - हां भैया क्या है।
कुमुद - भैया तो मत बोलो यार।
मैं - अच्छा ठीक है अब नहीं बोलूंगा। कोई काम था आपको।
कुमुद - देखो मुझे पता है तुम्हें गुस्सा आ रहा होगा लेकिन ये सब तुम्हारे भले के लिए है। जब तुम ठीक हो जाओगे तो तुम आराम से बाहर जा सकते हो।
मैं - और अगर मैं ठीक न हुआ तो मुझे हमेशा के लिए घर में कैद कर दोगे तुम लोग।
कुमुद - नहीं तब तो सब चेंज ही हो जायेगा। फिर नाम चेंज हो जायेगा, जेंडर चेंज हो जायेगा। तब लोग कुछ नहीं बोलेंगे। अभी अगर कोई कुछ बोलेगा तो गड़बड़ हो जायेगी। और वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए फायदा है न।
मैं - मेरा फायदा कैसे हुआ इसमें
कुमुद - (हस कर) देखो अगर तुम घर पर रहोगी तो घर का काम सीख जाओगी। और जब हमारी शादी होगी तो तुम मुझे अच्छा अच्छा खाना खा खिला सकती हो। घर को अच्छे से संभाल सकती हो। मुझे अच्छे से संभाल सकती हो। बच्चों को कैसे संभालना है, ये सीख जाओगी।
ये बोल कुमुद ने मेरे बालों को मेरे कान के पीछे किया और मेरे गाल को सहलाने लगे।
मैं - ये क्या कर रहे हैं आप। ये मुझे पसंद नहीं है।
कुमुद - अरे तुम्हें पसंद नहीं है तो मैं क्या करूं। मेरी होने वाली बीबी मेरी अवंतिका को तो पसंद है।
मैं - वो भी मैं ही हूं तो अब जाओ आप यहां से।
कुमुद - इसका मतलब तुमने ये मान लिया कि तुम मेरी होने वाली बीबी हो।
मैं - मैने बीबी के लिए नहीं अवंतिका नाम के लिए बोला था। OK.
कुमुद - हां तो अवंतिका मेरी होने वाली बीबी है और अवंतिका तुम हो तो बीबी भी तुम ही हुई न।
ये बोल कुमुद हस्ते हुए चले गए। मैने जोर से गेट को बंद किया। और कमरे में बैठ गई।
मैं - (मन में) वैसे कुमुद बात तो सही बोल रहे थे। मुझे अभी घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। जब सब ठीक हो जाएगा तो कोई दिक्कत नहीं होगी या सेक्स चेंज होगा तब भी इतनी प्रोब्लम नहीं होगी जितनी अभी होगी अगर किसी ने मेरी प्रोब्लम फिगर आउट कर ली। लेकिन ये बात ठीक नहीं मुझे उनका छूना पसंद नहीं है पापा मम्मी भी कुछ नहीं कहेंगे क्या करूं मैं इस प्रोब्लम का। खैर अभी के लिए ये सब छोड़ता हूं और पढ़ाई पर ध्यान देता हूं कल से एग्जाम हैं मेरे।
ये सब सोंच मैं पढ़ने बैठ गई अपने एग्जाम्स के लिए।
मुझे ये समझ नहीं आ रहा है opreation की जरूरत क्यों पड़ रही है, god गिफ्ट को बेवजह क्यों ठुकराया जा रहा है, लंड + चूत + चूचे three in one wow सोच कर ही रोमे खड़ी हो जाती हैं, कुमुद् को छोड़िये मै अवंतिका को अपनाने के लिए तैयार हू.... 👌
 
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ऐसे ही रोज़ कुमुद मुझे ले कर जाते और एग्जाम दिलवा कर वापस ले कर आते। मेरे एग्जाम बिना गैप हुए एक हफ्ता चले।
एग्जाम के लास्ट दिन कुमुद ने मेरे क्लास न करके घर से पढ़ने के लिए एप्लीकेशन दी और हम घर के लिए निकल गए। जब हम वापस घर आए तो घर पर भीड़ लगी थी किन्नरों की। वो लोग पापा मम्मी से मुझे साथ ले जाने के लिए बोल रहे थे। मम्मी रो रहीं थीं और पापा उन्हें समझाने में लगे हुए थे। मेरे पहुंचते ही वो लोग मुझे पकड़ने लगे तो पापा ने उन्हें रोक के मुझे अंदर कमरे में जाने को बोला।
पापा - बेटा तुम अंदर जाओ (कुमुद से) कुमुद बेटा इसे ले कर जाओ कमरे में।
कुमुद मुझे कमरे में ले गए मैं इस सब से बहुत डर गई थी तो मुझे सिबरिंग होने लगी। मैं कांपने लगी थी और कुमुद को कसके पकड़े हुई थी। बाहर पापा ने अनलोगों से क्या कहा, क्या हुआ मुझे उस टाइम कुछ पता नहीं था। जब कुछ देर बाद मम्मी पापा जब कमरे में आए तब लगा कि सब ठीक है।
पापा - (मेरा सर सहलाते हुए) कुछ नहीं हुआ है बेटा सब ठीक है आप परेशान न हो। मैं हूं ना कुछ नहीं होगा, कोई कुछ नहीं कर सकता।(फिर सब से) ये बात वहां तक पहुंची कैसे तुम लोगों में से किसी ने बाहर बोला है इस बारे में।
मम्मी - नहीं अभी हम में से कोई बाहर भी नहीं गया किसी से मिलने।
पापा - फिर ये खबर बाहर कैसे गई।
मम्मी - कहीं ऐसा तो नहीं कि सुशीला ने किसी को बोला हो उसी को पता है बाहर।
पापा - उसको फोन करो, उसे बुलाओ यहां।
मम्मी - जी
फिर मम्मी सुशीला आंटी को फोन करने लगती हैं।
कुमुद - वो सब तो ठीक है पापा लेकिन ये लोग माने कैसे?
पापा - पहले तो हम लोग सिर्फ बात को दबाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन फिर जब तुम लोग आ गए और इसके वो सब देख के वो तो और जबरदस्ती करने लगे तब हमने उन्हें सारी सिचुएशन बताई और ये भी बोला कि मेडिसिन चल रही हैं इसके पास लड़कियों की बच्चेदानी भी है। ये भी बोला कि अगर मेडिसिन काम नहीं करेंगी तो हम इसका सेक्स चेंज करवा देंगे हम इसके साथ हैं। जो इसका फैसला होगा हम साथ देंगे। फिर पता नहीं क्या सोंचा उन लोगों ने और हमें दुआ दे कर गए हैं कि हमारा अच्छा ही हो।
अभी पापा के शांत ही हुए थे कि मम्मी ने सुशीला आंटी का आने का बोला
मम्मी - सुशीला से बात हो गई है वो आ रही है।
हम सब सुशीला आंटी का इंतज़ार करने लगे। करीब 10 मिनट बाद सुशीला आंटी आ गईं।
पापा - सुशीला जो मैं पूछूं उसका सच सच जवाब देना।
सुशीला आंटी - क्या बात है भाई साहब ऐसे क्यों बोल रहे हो। जो पूछना है पूछ सकते हैं।
पापा - क्या तुमने अरिंदम के बारे में उसकी प्रोब्लम के बारे में किन्नर लोगों को बताया था??
सुशीला आंटी - कैसी बात कर रहे हो भाई साहब अरिंदम मेरे बेटे समान है। आपको पता ही है कि मेरे पति बहुत जल्द मर गए थे और मेरे कोई बच्चे भी नहीं थे तब सिर्फ अरिंदम की वजह से मैं संभल पाई थी। मैने अरिंदम की वजह से सब कुछ भूल गई थी कि मेरे पति अब नहीं रहे या मेरे कोई बच्चे नहीं हैं। मैं तो बस इसी को लिए रहती थी। और आप बोल रहे हैं कि मैने इसकी प्रोब्लम को उन लोगों को बताया। आप ने ये क्यों नहीं सोंचा मेरा इसमें क्या फायदा, मेरा तो नुकसान हो जायेगा क्योंकि मैं सिर्फ इसी की वजह से ही जी रही हूं अभी तक।
सुशीला आंटी की ये बातें सुन के हम लोग चुप हो गए थे क्योंकि इसके बाद हमारे पास कुछ बोलने के लिए बचा ही नहीं था।
पापा - सुशीला देखो हम माफी मांगते हैं कि हमने तुम पे शक किया लेकिन बात अभी भी वही है कि अगर तुमने नहीं बताया तो फिर किसने बताया।
मम्मी - सुशीला तुम पर मुझे भरोसा है कि तुम ऐसा नहीं करोगी।
कुमुद - अब जाने दीजिए जो हुआ उसके बारे में सोचने से क्या फायदा बस हमें इतना करना है कि अब हमें सतर्कता बरतनी होगी। वैसे मैने अरिंदम के स्कूल में एप्लीकेशन दे दी है। स्कूल बालों ने इसको घर से पढ़ाई करने के लिए परमिशन दे दी है।
अभी कुमुद बता ही रहे थे कि मेरे पेट में दर्द होने लगा। मैं दर्द से तड़पने लगी तो सब परेशान हो गए। और डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन करने लगे। और कुमुद मुझे पैन किलर इंजेक्शन देने के लिए मेडिसिन बॉक्स लेने गए।
सुशीला आंटी - (मेरा सर सहलाते हुए) क्या हुआ बेटा एकदम अचानक से दर्द क्यों होने लगा।
मैं - (दर्द में तड़पते हुए) आंटी ऐसा तो हर महीने इसी डेट पे होता है।
मेरी ये बात सुनते ही सब को जैसे कुछ समझ आ गया था वो सब एक दूसरे को देखने लगे।
मम्मी तुरन्त किचन में कुछ करने गईं और कुमुद ने मुंबई हॉस्पिटल में मेरी डॉक्टर को ये बात बताई।
कुमुद - डॉक्टर मैं कुमुद बोल रहा हूं।
डॉक्टर - जी बोलिए।
कुमुद - मैम बात ऐसी है कि अरिंदम के पेट में दर्द होने लगा है, और उसने ये बताया है कि ये उसको हर मंथ सेम डेट को होता है।
डॉक्टर - कुमुद तुम भी मेडिकल स्टूडेंट हो तो इतना तो तुम भी समझ ही गए होगे कि ये मेंस्ट्रूअल साइकिल का दर्द है।
कुमुद - जी वो तो मैं समझ गया था लेकिन मुझे अभी भी ये समझ नहीं आ रहा है कि अगर ये मेंस्ट्रूअल साइकिल है तो ब्लड कहां से आता होगा।
डॉक्टर - आप लोगों को बताया था कि उसका पेनिस और वेजाइना जुड़ी हुई हैं तो उसके पेनिस से ब्लड आता होगा। ये आप कन्फर्म कर सकते हैं।
कुमुद - एक मिनट। (मुझसे) अरिंदम क्या तुम्हारे पेनिस से ब्लड भी आता है।
मैं - हां कभी कभी।
डॉक्टर - सुन लिया आपने।
कुमुद - डॉक्टर क्या ऐसा नहीं कर सकते कि उसकी वेजाइना open कर दी जाए। क्योंकि जहां तक मुझे पता है पेनिस से ब्लड आने पर इन्फेक्शन हो सकता है।
डॉक्टर - बात तो सही है। एक काम कर सकते हैं आप लोग उसको कल सुबह ले कर आ जाइए हम उसकी वेजाइना ओपन कर देंगे।
कुमुद - OK Doctor. हम कल मिलते हैं।
कुमुद ने फोन कट कर के हमें सब बताया।
मम्मी - पर बेटा अभी के लिए दर्द तो बंद करना पड़ेगा।
कुमुद - मम्मी आप परेशान न हों। मैं डबल डोज पेन किलर लगा दे रहा हूं। 10 मिनट में दर्द बंद हो जाएगा।
पापा - ठीक है फिर हम रात में निकलेंगे और कल सुबह तक पहुंच जायेंगे तो सीधे हॉस्पिटल चलेंगे।
कुमुद - पर रात में ड्राइविंग ठीक रहेगी।
पापा - वो मैं देख लूंगा।
सुशीला आंटी - मैं भी चलूंगी साथ में।
पापा - अरे सुशीला यहां फिर कोई तो होना चाहिए।
सुशीला आंटी - मुझे चलना है बस।
मम्मी - ठीक है जी चलने दीजिए।
सुशीला - मैं जाती हूं तैयारी करने।
ये बोल सुशीला आंटी चली गईं इधर कुमुद ने मुझे इंजेक्शन दे दिया।
मम्मी - हमने कभी इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। हम लोग तो ये दर्द नॉर्मल समझते थे, हमें तो पता ही नहीं था कि ये माहवारी है। हे भगवान इतने साल से मेरा बच्चा ये झेल रहा है। बस अब मुझे पता चल गया है तो जब होगा तो मैं देख लूंगी।
कुमुद - मम्मी उसके लिए इसकी वेजाइना ओपन भी होनी चाहिए थी। आप क्या कर लेती।
मम्मी - अगर पहले से मालूम होता तो हम इसकी क्या बोलते हो तुम लोग हां वेजाइना ओपन करवा देते तो इतनी दिक्कत नहीं होती ना।
कुमुद - सही बात है।
इंजेक्शन लगाने से थोड़ा पेन कम हुआ तो आराम मिली तो फिर हम लोग तैयारी करने लगे क्योंकि कल से मेरी एक और परीक्षा शुरू होने वाली थी। जिस दर्द को मैं नॉर्मल पेट दर्द या कुछ उल्टा सीधा खा लिया होगा समझती थी वो मेंस्ट्रूअल पेन निकला। अब जब मेरी वेजाइना ओपन हो जायेगी तब मेरी प्रोब्लम और बढ़ जाएगी।
फिर रात 8 बजे हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए।
 

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हमें रात दो बजे पहुंचना था लेकिन रात की ड्राइविंग की वजह से पापा ने स्लो ड्राइविंग की और हम लोग सुबह 6 बजे पहुंच गए। फिर डिसाइड हुआ की थकान हो मिटाने के लिए बाथ लेना होगा। और उसके लिए हम पहुंच गए अपने पुराने होटल में जहां हमने पहले भी स्टे किया किया था। हम लोग वहां पहले अच्छी पे और टिप दे कर आए थे तो उन लोगों ने हमे तुरंत ही सबके लिए रूम उपलब्ध करवा दिए। हम लोगों ने कुछ देर रेस्ट किया और बाथ लिया फिर निकल पड़े करीब 9 बजे हॉस्पिटल के लिए।
हम सीधे डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने सर्जरी की पेमेंट करवाई और हम OT पहुंचे जहां मुझे ड्रेस चेंज करने को बोला गया। मैने ड्रेस चेंज की और फिर मुझे एनेस्थीसिया दिया गया। करीब शायद 2 घंटे के बाद मुझे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। अब मैं कह सकती थी कि अब मैं आधी लड़की हूं आधी इसलिए क्योंकि अभी मेरे पास मेरा लन्ड था। जब मुझे पूरी तरह से होश आया तो शाम हो चुकी थी। मम्मी और सुशीला आंटी बैठे थे मेरे पास। मुझे होश आता देख मम्मी खुश हो गईं।
मम्मी - अब कैसा लग रहा है बेटी।
मैं बेटी सुन कर कभी मम्मी की तरफ तो कभी सुशीला आंटी की तरफ देख रही थी। क्योंकि मुझे लगा कि मम्मी ने सुशीला आंटी के सामने बोल दिया है कुछ गड़बड़ न हो जाए।
मम्मी - ऐसा मत देख अपनी सुशीला आंटी को। तेरे ऑपरेशन के डॉक्यूमेंट्स में अवंतिका डाला गया है अरिंदम नहीं।
सुशीला आंटी - वो इसलिए बेटा कि तू अब लड़की बनने की पहली सीढ़ी चढ़ चुका है।
ये लोग मुझे इधर ये सब बता रहे थे और उधर डॉक्टर रूम में पापा और कुमुद बैठे कुछ डिस्कस कर रहे थे।
पापा - डॉक्टर आपने उसकी वेजाइनल ओपनिंग कर दी है तो उससे और कोई प्रोब्लम तो नहीं आएगी। जैसे बाथरूम करने में या किसी लड़की के साथ कुछ करने में।
डॉक्टर - मिस्टर चौहान डोंट वरी कोई भी प्रोब्लम अगले एक साल तक क्या आगे भी नहीं होगी। क्योंकि हमने मेंस्ट्रूअल साइकिल के लिए सिर्फ वेजाइनल कैविटी को ओपन किया है युरेथरा ओपन नहीं किया है। तो वो पेनिस से यूरीन पास आउट कर सकता है साथ ही साथ किसी भी लड़की के साथ इंटरकोर्स कर के उसको प्रेगनेंट भी कर सकता है। Bye the way अब आगे की प्रोसीजर अब अवंतिका के नाम से होंगे तो अब उसको बेटे के साथ बेटी की तरह ट्रीट करिए उसको कंफर्टेबल करिए आगे आने वाली सिचुएशन के लिए। जो मेडिसिन चल रहीं हैं उनको चलने दीजिए और हीलिंग के लिए मेडिसिन दे दी गई है एक हफ्ते में your son या फिर कहें daughter will be fine in 3 days. क्योंकि हमने उसे इंजेक्शंस दिए हैं और जल्दी हीलिंग के लिए इंजेक्शंस ही सही रहेंगे।
कुमुद - थैंक्स मैम। But वो पैडिंग।
डॉक्टर - don't worry Kumud. हमने एंटरनेली सब कुछ किया है एक्सटरनेली सिर्फ स्किन को ही हटाया है। तो मेंस्ट्रूअल पैड ईजिली यूज कर सकती है।
पापा & कुमुद - थैंक्यू डॉक्टर।
डॉक्टर - वेलकम।
फिर पापा और कुमुद हमारे पास आए और उन्होंने हमे सब बताया।
मम्मी - चलो ये तो सही है कि अब पीरियड्स में वैसी प्रोब्लम नहीं होगी कि उससे खून आ रहा है। अब खून अपने सही जगह से आएगा।
सुशीला आंटी - क्या कुछ भी बोलती है बच्चे पास में हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि अभी भी ये किसी भी लड़की को प्रेगनेंट कर सकता है।
मम्मी - हां वो तो है लेकिन सकता है नहीं सकती है। (फिर मुझ से) लड़की बनना इतना आसान काम नहीं बेटे हम लड़कियों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है।
सुशीला आंटी - सही कहा तुम्हारी मम्मी ने बेटा। जब तुम लड़की की तरह बाहर जाओगे तब पता चलेगा।
कुछ देर ऐसे ही बात होती रही फिर नर्स आई मुझे चेक करने के लिए।
नर्स - हॉस्पिटल में सिर्फ एक पर्सन ही रुक सकता है। जिसे पेशेंट के पास रुकना हो वो रुके बाकी लोग जाएं यहां से।
हॉस्पिटल में रुकने के लिए डिसाइड हुआ कि मम्मी रुकेंगी मेरे साथ क्योंकि रात में अगर पैड चेंज करने की नौबत आई तो मम्मी ही करवा सकती हैं, तो पापा, सुशीला आंटी और कुमुद को ले जाने लगे।
कुमुद - एक मिनट पापा, मम्मी और अवंतिका को डिनर के लिए खाना ला देता हूं फिर चलते हैं।
कुमुद मेरे और मम्मी के लिए खाना ले कर हमे दे गए और फिर वो लोग चले गए। हम लोग वहां तीन दिन और रुके फिर घर वापस आ गए। इन तीन दिनों में मैने पैड्स लगाने और मेंस्ट्रूअ पीरियड के टाइम हाइजीन कैसे रखते हैं वो सीख लिया था। इस सीख के लिए मैं अपनी मम्मी की हमेशा शुक्र गुजार रहूंगी कि उन्होंने मेरे साथ रह कर मुझे सपोर्ट किया।
ऐसे ही करीब छः महीने बीत गए, मेरे और कुमुद में सेक्सी नोक झोंक भी होने लगीं थीं। मेरे सुधार तो नहीं ही हो रहा था मेरे बूब्स बढ़ कर 34d पहुंच गए थे हिप्स भी बढ़ कर और बाहर निकल आए थे।
ऐसे ही एक दिन हमारे घर का सिलेंडर लेने के लिए कुमुद गए हुए थे कि काफी देर बाद वो खाली हाथ लौटे।
कुमुद - लड़कों की लाइन बेहद लम्बी है मम्मी। आज सिलेंडर नहीं मिल पाएगा।
मम्मी - तो अब क्या करें।
कुमुद - आप लेडीज़ हैं अगर आप चलें तो शायद जल्दी मिल जायेगा।
मैं - मैं चलती हूं लड़की बन के।
मेरे चलती हूं सुन के मम्मी खुश हो गईं और मुझे शॉक से देखने लगीं।
 

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ऐसे ही रोज़ कुमुद मुझे ले कर जाते और एग्जाम दिलवा कर वापस ले कर आते। मेरे एग्जाम बिना गैप हुए एक हफ्ता चले।
एग्जाम के लास्ट दिन कुमुद ने मेरे क्लास न करके घर से पढ़ने के लिए एप्लीकेशन दी और हम घर के लिए निकल गए। जब हम वापस घर आए तो घर पर भीड़ लगी थी किन्नरों की। वो लोग पापा मम्मी से मुझे साथ ले जाने के लिए बोल रहे थे। मम्मी रो रहीं थीं और पापा उन्हें समझाने में लगे हुए थे। मेरे पहुंचते ही वो लोग मुझे पकड़ने लगे तो पापा ने उन्हें रोक के मुझे अंदर कमरे में जाने को बोला।
पापा - बेटा तुम अंदर जाओ (कुमुद से) कुमुद बेटा इसे ले कर जाओ कमरे में।
कुमुद मुझे कमरे में ले गए मैं इस सब से बहुत डर गई थी तो मुझे सिबरिंग होने लगी। मैं कांपने लगी थी और कुमुद को कसके पकड़े हुई थी। बाहर पापा ने अनलोगों से क्या कहा, क्या हुआ मुझे उस टाइम कुछ पता नहीं था। जब कुछ देर बाद मम्मी पापा जब कमरे में आए तब लगा कि सब ठीक है।
पापा - (मेरा सर सहलाते हुए) कुछ नहीं हुआ है बेटा सब ठीक है आप परेशान न हो। मैं हूं ना कुछ नहीं होगा, कोई कुछ नहीं कर सकता।(फिर सब से) ये बात वहां तक पहुंची कैसे तुम लोगों में से किसी ने बाहर बोला है इस बारे में।
मम्मी - नहीं अभी हम में से कोई बाहर भी नहीं गया किसी से मिलने।
पापा - फिर ये खबर बाहर कैसे गई।
मम्मी - कहीं ऐसा तो नहीं कि सुशीला ने किसी को बोला हो उसी को पता है बाहर।
पापा - उसको फोन करो, उसे बुलाओ यहां।
मम्मी - जी
फिर मम्मी सुशीला आंटी को फोन करने लगती हैं।
कुमुद - वो सब तो ठीक है पापा लेकिन ये लोग माने कैसे?
पापा - पहले तो हम लोग सिर्फ बात को दबाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन फिर जब तुम लोग आ गए और इसके वो सब देख के वो तो और जबरदस्ती करने लगे तब हमने उन्हें सारी सिचुएशन बताई और ये भी बोला कि मेडिसिन चल रही हैं इसके पास लड़कियों की बच्चेदानी भी है। ये भी बोला कि अगर मेडिसिन काम नहीं करेंगी तो हम इसका सेक्स चेंज करवा देंगे हम इसके साथ हैं। जो इसका फैसला होगा हम साथ देंगे। फिर पता नहीं क्या सोंचा उन लोगों ने और हमें दुआ दे कर गए हैं कि हमारा अच्छा ही हो।
अभी पापा के शांत ही हुए थे कि मम्मी ने सुशीला आंटी का आने का बोला
मम्मी - सुशीला से बात हो गई है वो आ रही है।
हम सब सुशीला आंटी का इंतज़ार करने लगे। करीब 10 मिनट बाद सुशीला आंटी आ गईं।
पापा - सुशीला जो मैं पूछूं उसका सच सच जवाब देना।
सुशीला आंटी - क्या बात है भाई साहब ऐसे क्यों बोल रहे हो। जो पूछना है पूछ सकते हैं।
पापा - क्या तुमने अरिंदम के बारे में उसकी प्रोब्लम के बारे में किन्नर लोगों को बताया था??
सुशीला आंटी - कैसी बात कर रहे हो भाई साहब अरिंदम मेरे बेटे समान है। आपको पता ही है कि मेरे पति बहुत जल्द मर गए थे और मेरे कोई बच्चे भी नहीं थे तब सिर्फ अरिंदम की वजह से मैं संभल पाई थी। मैने अरिंदम की वजह से सब कुछ भूल गई थी कि मेरे पति अब नहीं रहे या मेरे कोई बच्चे नहीं हैं। मैं तो बस इसी को लिए रहती थी। और आप बोल रहे हैं कि मैने इसकी प्रोब्लम को उन लोगों को बताया। आप ने ये क्यों नहीं सोंचा मेरा इसमें क्या फायदा, मेरा तो नुकसान हो जायेगा क्योंकि मैं सिर्फ इसी की वजह से ही जी रही हूं अभी तक।
सुशीला आंटी की ये बातें सुन के हम लोग चुप हो गए थे क्योंकि इसके बाद हमारे पास कुछ बोलने के लिए बचा ही नहीं था।
पापा - सुशीला देखो हम माफी मांगते हैं कि हमने तुम पे शक किया लेकिन बात अभी भी वही है कि अगर तुमने नहीं बताया तो फिर किसने बताया।
मम्मी - सुशीला तुम पर मुझे भरोसा है कि तुम ऐसा नहीं करोगी।
कुमुद - अब जाने दीजिए जो हुआ उसके बारे में सोचने से क्या फायदा बस हमें इतना करना है कि अब हमें सतर्कता बरतनी होगी। वैसे मैने अरिंदम के स्कूल में एप्लीकेशन दे दी है। स्कूल बालों ने इसको घर से पढ़ाई करने के लिए परमिशन दे दी है।
अभी कुमुद बता ही रहे थे कि मेरे पेट में दर्द होने लगा। मैं दर्द से तड़पने लगी तो सब परेशान हो गए। और डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन करने लगे। और कुमुद मुझे पैन किलर इंजेक्शन देने के लिए मेडिसिन बॉक्स लेने गए।
सुशीला आंटी - (मेरा सर सहलाते हुए) क्या हुआ बेटा एकदम अचानक से दर्द क्यों होने लगा।
मैं - (दर्द में तड़पते हुए) आंटी ऐसा तो हर महीने इसी डेट पे होता है।
मेरी ये बात सुनते ही सब को जैसे कुछ समझ आ गया था वो सब एक दूसरे को देखने लगे।
मम्मी तुरन्त किचन में कुछ करने गईं और कुमुद ने मुंबई हॉस्पिटल में मेरी डॉक्टर को ये बात बताई।
कुमुद - डॉक्टर मैं कुमुद बोल रहा हूं।
डॉक्टर - जी बोलिए।
कुमुद - मैम बात ऐसी है कि अरिंदम के पेट में दर्द होने लगा है, और उसने ये बताया है कि ये उसको हर मंथ सेम डेट को होता है।
डॉक्टर - कुमुद तुम भी मेडिकल स्टूडेंट हो तो इतना तो तुम भी समझ ही गए होगे कि ये मेंस्ट्रूअल साइकिल का दर्द है।
कुमुद - जी वो तो मैं समझ गया था लेकिन मुझे अभी भी ये समझ नहीं आ रहा है कि अगर ये मेंस्ट्रूअल साइकिल है तो ब्लड कहां से आता होगा।
डॉक्टर - आप लोगों को बताया था कि उसका पेनिस और वेजाइना जुड़ी हुई हैं तो उसके पेनिस से ब्लड आता होगा। ये आप कन्फर्म कर सकते हैं।
कुमुद - एक मिनट। (मुझसे) अरिंदम क्या तुम्हारे पेनिस से ब्लड भी आता है।
मैं - हां कभी कभी।
डॉक्टर - सुन लिया आपने।
कुमुद - डॉक्टर क्या ऐसा नहीं कर सकते कि उसकी वेजाइना open कर दी जाए। क्योंकि जहां तक मुझे पता है पेनिस से ब्लड आने पर इन्फेक्शन हो सकता है।
डॉक्टर - बात तो सही है। एक काम कर सकते हैं आप लोग उसको कल सुबह ले कर आ जाइए हम उसकी वेजाइना ओपन कर देंगे।
कुमुद - OK Doctor. हम कल मिलते हैं।
कुमुद ने फोन कट कर के हमें सब बताया।
मम्मी - पर बेटा अभी के लिए दर्द तो बंद करना पड़ेगा।
कुमुद - मम्मी आप परेशान न हों। मैं डबल डोज पेन किलर लगा दे रहा हूं। 10 मिनट में दर्द बंद हो जाएगा।
पापा - ठीक है फिर हम रात में निकलेंगे और कल सुबह तक पहुंच जायेंगे तो सीधे हॉस्पिटल चलेंगे।
कुमुद - पर रात में ड्राइविंग ठीक रहेगी।
पापा - वो मैं देख लूंगा।
सुशीला आंटी - मैं भी चलूंगी साथ में।
पापा - अरे सुशीला यहां फिर कोई तो होना चाहिए।
सुशीला आंटी - मुझे चलना है बस।
मम्मी - ठीक है जी चलने दीजिए।
सुशीला - मैं जाती हूं तैयारी करने।
ये बोल सुशीला आंटी चली गईं इधर कुमुद ने मुझे इंजेक्शन दे दिया।
मम्मी - हमने कभी इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। हम लोग तो ये दर्द नॉर्मल समझते थे, हमें तो पता ही नहीं था कि ये माहवारी है। हे भगवान इतने साल से मेरा बच्चा ये झेल रहा है। बस अब मुझे पता चल गया है तो जब होगा तो मैं देख लूंगी।
कुमुद - मम्मी उसके लिए इसकी वेजाइना ओपन भी होनी चाहिए थी। आप क्या कर लेती।
मम्मी - अगर पहले से मालूम होता तो हम इसकी क्या बोलते हो तुम लोग हां वेजाइना ओपन करवा देते तो इतनी दिक्कत नहीं होती ना।
कुमुद - सही बात है।
इंजेक्शन लगाने से थोड़ा पेन कम हुआ तो आराम मिली तो फिर हम लोग तैयारी करने लगे क्योंकि कल से मेरी एक और परीक्षा शुरू होने वाली थी। जिस दर्द को मैं नॉर्मल पेट दर्द या कुछ उल्टा सीधा खा लिया होगा समझती थी वो मेंस्ट्रूअल पेन निकला। अब जब मेरी वेजाइना ओपन हो जायेगी तब मेरी प्रोब्लम और बढ़ जाएगी।
फिर रात 8 बजे हम लोग निकल गए हॉस्पिटल के लिए।
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हमें रात दो बजे पहुंचना था लेकिन रात की ड्राइविंग की वजह से पापा ने स्लो ड्राइविंग की और हम लोग सुबह 6 बजे पहुंच गए। फिर डिसाइड हुआ की थकान हो मिटाने के लिए बाथ लेना होगा। और उसके लिए हम पहुंच गए अपने पुराने होटल में जहां हमने पहले भी स्टे किया किया था। हम लोग वहां पहले अच्छी पे और टिप दे कर आए थे तो उन लोगों ने हमे तुरंत ही सबके लिए रूम उपलब्ध करवा दिए। हम लोगों ने कुछ देर रेस्ट किया और बाथ लिया फिर निकल पड़े करीब 9 बजे हॉस्पिटल के लिए।
हम सीधे डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने सर्जरी की पेमेंट करवाई और हम OT पहुंचे जहां मुझे ड्रेस चेंज करने को बोला गया। मैने ड्रेस चेंज की और फिर मुझे एनेस्थीसिया दिया गया। करीब शायद 2 घंटे के बाद मुझे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। अब मैं कह सकती थी कि अब मैं आधी लड़की हूं आधी इसलिए क्योंकि अभी मेरे पास मेरा लन्ड था। जब मुझे पूरी तरह से होश आया तो शाम हो चुकी थी। मम्मी और सुशीला आंटी बैठे थे मेरे पास। मुझे होश आता देख मम्मी खुश हो गईं।
मम्मी - अब कैसा लग रहा है बेटी।
मैं बेटी सुन कर कभी मम्मी की तरफ तो कभी सुशीला आंटी की तरफ देख रही थी। क्योंकि मुझे लगा कि मम्मी ने सुशीला आंटी के सामने बोल दिया है कुछ गड़बड़ न हो जाए।
मम्मी - ऐसा मत देख अपनी सुशीला आंटी को। तेरे ऑपरेशन के डॉक्यूमेंट्स में अवंतिका डाला गया है अरिंदम नहीं।
सुशीला आंटी - वो इसलिए बेटा कि तू अब लड़की बनने की पहली सीढ़ी चढ़ चुका है।
ये लोग मुझे इधर ये सब बता रहे थे और उधर डॉक्टर रूम में पापा और कुमुद बैठे कुछ डिस्कस कर रहे थे।
पापा - डॉक्टर आपने उसकी वेजाइनल ओपनिंग कर दी है तो उससे और कोई प्रोब्लम तो नहीं आएगी। जैसे बाथरूम करने में या किसी लड़की के साथ कुछ करने में।
डॉक्टर - मिस्टर चौहान डोंट वरी कोई भी प्रोब्लम अगले एक साल तक क्या आगे भी नहीं होगी। क्योंकि हमने मेंस्ट्रूअल साइकिल के लिए सिर्फ वेजाइनल कैविटी को ओपन किया है युरेथरा ओपन नहीं किया है। तो वो पेनिस से यूरीन पास आउट कर सकता है साथ ही साथ किसी भी लड़की के साथ इंटरकोर्स कर के उसको प्रेगनेंट भी कर सकता है। Bye the way अब आगे की प्रोसीजर अब अवंतिका के नाम से होंगे तो अब उसको बेटे के साथ बेटी की तरह ट्रीट करिए उसको कंफर्टेबल करिए आगे आने वाली सिचुएशन के लिए। जो मेडिसिन चल रहीं हैं उनको चलने दीजिए और हीलिंग के लिए मेडिसिन दे दी गई है एक हफ्ते में your son या फिर कहें daughter will be fine in 3 days. क्योंकि हमने उसे इंजेक्शंस दिए हैं और जल्दी हीलिंग के लिए इंजेक्शंस ही सही रहेंगे।
कुमुद - थैंक्स मैम। But वो पैडिंग।
डॉक्टर - don't worry Kumud. हमने एंटरनेली सब कुछ किया है एक्सटरनेली सिर्फ स्किन को ही हटाया है। तो मेंस्ट्रूअल पैड ईजिली यूज कर सकती है।
पापा & कुमुद - थैंक्यू डॉक्टर।
डॉक्टर - वेलकम।
फिर पापा और कुमुद हमारे पास आए और उन्होंने हमे सब बताया।
मम्मी - चलो ये तो सही है कि अब पीरियड्स में वैसी प्रोब्लम नहीं होगी कि उससे खून आ रहा है। अब खून अपने सही जगह से आएगा।
सुशीला आंटी - क्या कुछ भी बोलती है बच्चे पास में हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि अभी भी ये किसी भी लड़की को प्रेगनेंट कर सकता है।
मम्मी - हां वो तो है लेकिन सकता है नहीं सकती है। (फिर मुझ से) लड़की बनना इतना आसान काम नहीं बेटे हम लड़कियों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है।
सुशीला आंटी - सही कहा तुम्हारी मम्मी ने बेटा। जब तुम लड़की की तरह बाहर जाओगे तब पता चलेगा।
कुछ देर ऐसे ही बात होती रही फिर नर्स आई मुझे चेक करने के लिए।
नर्स - हॉस्पिटल में सिर्फ एक पर्सन ही रुक सकता है। जिसे पेशेंट के पास रुकना हो वो रुके बाकी लोग जाएं यहां से।
हॉस्पिटल में रुकने के लिए डिसाइड हुआ कि मम्मी रुकेंगी मेरे साथ क्योंकि रात में अगर पैड चेंज करने की नौबत आई तो मम्मी ही करवा सकती हैं, तो पापा, सुशीला आंटी और कुमुद को ले जाने लगे।
कुमुद - एक मिनट पापा, मम्मी और अवंतिका को डिनर के लिए खाना ला देता हूं फिर चलते हैं।
कुमुद मेरे और मम्मी के लिए खाना ले कर हमे दे गए और फिर वो लोग चले गए। हम लोग वहां तीन दिन और रुके फिर घर वापस आ गए। इन तीन दिनों में मैने पैड्स लगाने और मेंस्ट्रूअ पीरियड के टाइम हाइजीन कैसे रखते हैं वो सीख लिया था। इस सीख के लिए मैं अपनी मम्मी की हमेशा शुक्र गुजार रहूंगी कि उन्होंने मेरे साथ रह कर मुझे सपोर्ट किया।
ऐसे ही करीब छः महीने बीत गए, मेरे और कुमुद में सेक्सी नोक झोंक भी होने लगीं थीं। मेरे सुधार तो नहीं ही हो रहा था मेरे बूब्स बढ़ कर 34d पहुंच गए थे हिप्स भी बढ़ कर और बाहर निकल आए थे।
ऐसे ही एक दिन हमारे घर का सिलेंडर लेने के लिए कुमुद गए हुए थे कि काफी देर बाद वो खाली हाथ लौटे।
कुमुद - लड़कों की लाइन बेहद लम्बी है मम्मी। आज सिलेंडर नहीं मिल पाएगा।
मम्मी - तो अब क्या करें।
कुमुद - आप लेडीज़ हैं अगर आप चलें तो शायद जल्दी मिल जायेगा।
मैं - मैं चलती हूं लड़की बन के।
मेरे चलती हूं सुन के मम्मी खुश हो गईं और मुझे शॉक से
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