• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Shayari आँखे - शेरी शायरी

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
बहुत बहुत शुक्रिया , और नील कमल कामदेव के तूणीर का अंग है , पुष्पधन्वा का धनुष ईख का है और उसके शर जिन पांच पुष्पों से सुसज्जित है उनमें नील कमल भी है,... अरविन्द ( श्वेत कमल ), नील कमल, मंजरी , चमेली और अशोक के पुष्प। तो ये मन्मथ के तीर हैं ,... बहुत ही उम्दा शेर और उतना ही अच्छा चित्र ,..साधुवाद है आपको
Shukriya dear, is jankari ko samjha karne ke liye :hug:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354

आँखों में जी मेरा है इधर यार देखना / मीर तक़ी 'मीर'



आँखों में जी मेरा है इधर यार देखना
आशिक़ का अपने आख़री दीदार देखना

कैसा चमन के हम से असीरों को मना है
चाक-ए-क़फ़स से बाग़ की दीवार देखना

आँखें चुराईओ न टुक अब्र-ए-बहार से
मेरी तरफ़ भी दीदह-ए-ख़ँबार देखना

अए हम-सफ़र न आब्ले को पहुँचे चश्म-ए-तर
लगा है मेरे पाओं में आ ख़ार देखना

होना न चार चश्म दिक उस्स ज़ुल्म-पैशाह से
होशियार ज़ीन्हार ख़बरदार देखना

सय्यद दिल है दाग़-ए-जुदाई से रश्क-ए-बाग़
तुझ को भी हो नसीब ये गुलज़ार देखना

गर ज़मज़मा यही है कोई दिन तो हम-सफ़ीर
इस फ़स्ल ही में हम को गिरिफ़्तार देखना

बुल-बुल हमारे गुल पे न गुस्ताख़ कर नज़र
हो जायेगा गले का कहीं हार देखना

शायद हमारी ख़ाक से कुछ हो भी अए नसीम
ग़िर्बाल कर के कूचा-ए-दिलदार देखना

उस ख़ुश-निगाह के इश्क़ से परहेज़ कीजिओ 'मीर'
जाता है लेके जी ही ये आज़ार देखना
Bahut hi umda :perfect:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मैकशी रही,
उसने जो फेर ली नज़र मैनें भी जाम रख दिया ..
अहमद फ़राज़
Kya baat hai :applause:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ ग‌ई,
खँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
देखा है मेरी नजरों ने एक रंग छलकते पैमाने का,
यूँ खुलती है आंख किसी की जैसे खुले दर मैखाने का।
 
Top