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bahoot bahoot shukriya, Mir to Khuda -e-sukhan hain,... lekin unko pasand karane vaale bhi km nahi.Bahut hi umda![]()
bahoot bahoot shukriya, Mir to Khuda -e-sukhan hain,... lekin unko pasand karane vaale bhi km nahi.Bahut hi umda![]()
Thanks soooooo muchजो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
Kya baat hai , welcome to the threadआँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा और तुम
दिल लगाने की बात करते हो![]()
आपके हसीन लहजे से ग़ालिब याद आ गएक्या बात है फ़राज़ मेरे पसंदीदा शायरों में से एक हैं, उन्ही की दो लाइनें
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
बस इसी तरह आते रहिएगा, और इस महफ़िल को रौशन रखियेगा , बहुत बहुत शुक्रिया हुजूर का।
बहुत बहुत शुक्रिया , ... खुदा ए सुखन मीर का एक शेर आपकी नज़र में पेश है,आपके हसीन लहजे से ग़ालिब याद आ गए
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर - ए - नीमकश को
ये ख़लिश कहाँ से होती , जो जिगर के पार होता ….
आज के दौर के ख़ुदरंग शायर ज़ुबैर अली ताबिश का एक शेर -बहुत बहुत शुक्रिया , ... खुदा ए सुखन मीर का एक शेर आपकी नज़र में पेश है,
खिलना कम, कम कली ने सीखा है,
तेरी आंखों की नीमबाजी से।
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।