• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Shayari आँखे - शेरी शायरी

komaalrani

Well-Known Member
22,319
58,138
259

मैकदे लाख बंद करें जमाने वाले,
शहर में कम नहीं आंखों से पिलाने वाले।
 
  • Like
Reactions: Shetan

komaalrani

Well-Known Member
22,319
58,138
259
मैं उम्र भर 'अदम' न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये।

-अब्दुल हमीद 'अदम'
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
आँखे - शेरी शायरी

चंद शेर पेश करने की इजाज़त चाहूंगी , आँखों के बारे में और दोस्तों से अर्ज़ है, गुज़ारिश है, इल्तज़ा है , अपनी राय से जरूर नवाजेंगे और हो सके तो इसमें शिरक़त भी करें , उस्तादों के कलाम हों , या उनके अपने, अज़ीज़ों के, .... लेकिन हों इस सिलसिले से जुड़े और इसी ज़मीन पर,... तो शुरू करती हूँ,

:congrats: dear :celebconf:
 
  • Like
Reactions: komaalrani

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
मैं उम्र भर 'अदम' न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये।

-अब्दुल हमीद 'अदम'
Waah! :applause:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
क्या कह गई किसी की नज़र कुछ न पूछिए।
क्या कुछ हुआ है दिल पे असर कुछ न पूछिए।।

वो देखना किसी का कनखियों से बार बार,
वो बार बार उस का असर कुछ न पूछिए।।

रो रो के किस तरह से कटी रात क्या कहें,
मर मर के कैसे की है सहर कुछ न पूछिए।।

'अख़्तर' दयार-ए-हुस्न में पहुँचे हैं मर के हम,
क्यूँ-कर हुआ है तय ये सफ़र कुछ न पूछिए।।

______'अख़्तर' शीरानी
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।।

_____मुनव्वर राना
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो,
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है।।

______जाँ निसार अख़्तर
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,765
117,168
354
images-7.jpg
 

komaalrani

Well-Known Member
22,319
58,138
259
क्या कह गई किसी की नज़र कुछ न पूछिए।
क्या कुछ हुआ है दिल पे असर कुछ न पूछिए।।


वो देखना किसी का कनखियों से बार बार,
वो बार बार उस का असर कुछ न पूछिए।।

रो रो के किस तरह से कटी रात क्या कहें,
मर मर के कैसे की है सहर कुछ न पूछिए।।


'अख़्तर' दयार-ए-हुस्न में पहुँचे हैं मर के हम,
क्यूँ-कर हुआ है तय ये सफ़र कुछ न पूछिए।।


______'अख़्तर' शीरानी
Bahoot Khoob, Wah Wah
 

komaalrani

Well-Known Member
22,319
58,138
259
Kya baat hai , bahoot khoob
 
Top