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यह बात, यह तबस्सुम, यह नाज, यह निगाहें,
आखिर तुम्हीं बताओं क्यों कर न तुमको चाहे।
-'जोश' मलीहाबादी
1.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट, मंदहास, स्मित
आखिर तुम्हीं बताओं क्यों कर न तुमको चाहे।
-'जोश' मलीहाबादी
1.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट, मंदहास, स्मित