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बहुत बहुत शुक्रिया, हुज़ूर का, तशरीफ़ लाने के लिए और हौसला अफ़जाई के लिएBhut shandaar
बहुत बहुत शुक्रिया, हुज़ूर का, तशरीफ़ लाने के लिए और हौसला अफ़जाई के लिएBhut shandaar
वाह , वाह , क्या बात कही है ,
क्या बात है , न डूबने देता है , न उबरने देता है , आपके आने से मह्फ़िल में चरागां हो जाता है , बहुत बहुत शुक्रिया, हुज़ूर का,महफिल अजीब है ये मंज़र अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।
बहुत खूबक्या पूछते हो शोख निगाहों का माजरा,
दो तीर थे जो मेरे जिगर में उतर गए।।
वाह , वाह ,सिर्फ आँखों को देख के कर ली उनसे मोहब्बत,
छोड़ दिया अपने मुक़द्दर को उसके नक़ाब के पीछे।
बहुत बहुत शुक्रिया, हुज़ूर का, तशरीफ़ लाने के लिए,क्या बात कही है ,कभी बैठा के सामने पूछेंगे तेरी आँखों से,
किसने सिखाया है इन्हें हर दिल में उतर जाना।
वाह , वाह , क्या बात कही है ,बहुत बेबाक आँखों में ताल्लुक टिक नहीं पाता,
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना जरूरी है।
जबरदस्तसाकी को गिला है कि उसकी बिकती नहीं शराब,
और एक तेरी आँखें हैं कि होश में आने नहीं देती।
बहुत बहुत शुक्रिया,हौसला अफ़जाई के लिएBahut khoob![]()