बाथरूम में गर्मी का पारा लगातार नीचे गिरता चला जा रहा था उम्मीद से कई गुना ज्यादा गरम नजारा बाथरूम के अंदर तीनों के द्वारा दर्शाया जा रहा था बेहद उत्तेजक और अलौकिक नजारा इस समय बाथरूम में बना हुआ था शीतल घुटनों के बल बैठी हुई थी और निर्मला अपने बेटे के ठीक पीछे खड़े होकर अपने एक हाथ में उसका लंड लेकर उसे ऊपर नीचे हिलाते हुए शीतल को ललचा रही थी,,,। ना तो शुभम को और ना ही शीतल को इस बात की उम्मीद थी कि निर्मला खुद अपने हाथ में अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे चूसने के लिए बोलेगी,,, निर्मला के मुंह से इतना सुनते ही वह अपने आप को रोक नहीं पाए और अपने लाल-लाल होठों को आगे बढ़ा कर सीधा शुभम के लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,,, एक मां के लिए यह बेहद उत्तेजना आत्मक दृश्य था जब उसकी आंखों के सामने उसकी हमउम्र खूबसूरत सहेली एकदम नग्न अवस्था में घुटनों के बल बैठ कर उसकी आंखों के सामने उसके बेटे के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह और वह भी बिना किसी शर्म के चूस रही थी,,, शीतल मजे लेकर शुभम के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी शुभम तो साथ में आसमान में उड़ रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जो भी उसके साथ हो रहा है वह सच है या कल्पना,,,, वह तो बस आनंद की सीमा को पार कर चुका था आनंद की परिभाषा को अपने अंदर जी रहा था,,, निर्मला भी एकदम मदहोश हो चुकी थी क्योंकि जिस तरह से शीतल उसके बेटे के लंड को बाहर बार अपने गले तक उतारकर उसे चूसने का आनंद लूट रही थी निर्मला से भी रहा नहीं जा रहा था वह उत्तेजित होते हुए बार-बार अपने बेटे की पीठ पर अपनी दोनों चुचियों को रखते हुए अपनी एक हथेली से अपने बेटे के नितंब को नोच ले रही थी और उसे ऐसा करने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,।
Bathroom me nahate huye
शुभम अपनी आंखों को बंद करके इस असीम पल का आनंद ले रहा था शिमला में आना उसके लिए मानो स्वर्ग में आने के बराबर हो गया था जिसमें वह एक राजा की तरह दो-दो अप्सराओं और वह भी एक दम नंगी उनका आनंद लूट रहा था,,, शुभम भी मदहोश होता हुआ अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर जहां तक हो सकता था वहां तक अपनी मां के नंगे खूबसूरत बदन पर अपनी हथेली फिराता हुआ जगह-जगह पर उसके बदन को दबोच ले रहा था,,,,, जिससे निर्मला के मुंह से कराहने की आवाज फूट पड़ रही थी। और निर्मला उत्तेजना बस बार-बार शीतल के मुंह में से अपनी बेटी के लंड को बाहर खींचकर उसे उसके चेहरे पर पटकने लगती थी जिससे शीतल को तो चोट लगती थी लेकिन उस चोट में भी उसका अलग मजा उसे मिल रहा था
निर्मला पागल हुए जा रही थी वह बार-बार इसी तरह की हरकत करते हुए अपने बेटे के लंड के मोटे सुपाड़े को उसके गोरे गोरे गाल पर रगड़ रही थी,,,,, जिससे मारे उत्तेजना के शीतल सीहर उठ रही थी,,,, तीनों को अपने अपने तरीके से बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,। शिमला के बर्फीले मौसम में बाथरूम में इस समय तीनों एकदम नंगे होकर एक दूसरे की छलकती जवानी को दोनों हाथों से लूट रहे थे उन्हें ठंडे पन का जरा भी एहसास नहीं हो रहा था क्योंकि बाथरूम के बाहर का पारा जितना ठंडा था उससे ज्यादा गर्म बाथरूम के अंदर का पारा होता जा रहा था क्योंकि दो दो औरतों की गर्म जवानी के आगे मौसम के ठंडापन एकदम फीका पड़ता नजर आ रहा था,,,। जी भर के शीतल शुभम के लंड को चूस रही थी,,,। अब इस खेल में निर्मला को पूरी तरह से आनंद आने लगा था वह अच्छी तरह से समझ गई थी कि जितना वह अपने शर्म को त्यागे की उतना अधिक आनंद उसकी ओर खींचता चला आएगा,,, और ऐसा ही हो रहा था तभी तो इस समय बाथरूम में तीनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे की जवानी को अपने अपने हिसाब से लूट रहे थे शुभम का लंड पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह खड़ा था और शीतल के नरम नरम गुलाबी होठों के बीच अपनी जगह बनाते हुए शीतल के गले तक पहुंच रहा था,,,।
निर्मला इस खेल को और भी ज्यादा उत्तेजक बनाना चाहती थी इसलिए अपना हाथ ऊपर की तरफ बढ़ाकर साबर का नोट घुमा दी और सावर में से गर्म पानी की बौछार नीचे गिरने लगी,,,, लेकिन इससे तीनों को किसी भी प्रकार की दिक्कत पेश नहीं आई बल्कि उन तीनों को और ज्यादा मजा आने लगा,,,।
ले चूस शीतल रानी मेरे बेटे के लंड को पूरा मुंह में लेकर चूसने जिंदगी में तूने ऐसा मोटा तगड़ा लंड नहीं देखी होगी,,, क्या मस्त लंड चूसती है तू शीतल तूने तो मुझे एकदम मस्त कर दी,,,।आहहहहहहह,,,,,( ऐसा कहते हुए निर्मला अपने बेटे के लैंड को सीधा के मुंह में से एक बार फिर से बाहर निकाल कर उसके चेहरे पर उसके मोटे तगड़े लंड को पटकने लगी,,,,,।) बहुत मजा आएगा जब मेरी आंखों के सामने मेरे बेटे का लंड तेरी गुलाबी बुर के अंदर घुसेगा देखना मेरे बेटे का लंड तेरी बुर का भोसड़ा बना देगा कितना मजा आएगा शीतल रानी,,,,,,आहहहहरहहह,,,,
( इतना कहते हुए दिल मेरा एक बार फिर से अपने हाथ से ही अपने बेटे का लंड पकड़ कर शीतल के मुंह में डालते हुए बोली,,,) ले चूस मेरी जान अच्छे से चूस,,, ताकि यह तेरी बुर में जाकर तुझे एकदम मस्त कर सके,,,,,
Shubhsm ka mooh me lete huye
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( और एक बार फिर से शीतल शुभम के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी शुभम तो अपनी मां की गंदी बातों को सुनकर एकदम उत्तेजित हो गया था वह हल्के हल्के अपनी कमर को आगे पीछे कर के सीतल के मुंह को चोदना शुरु कर दिया था,,,, इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि अपने दोनों हाथों में अपनी मां का चेहरा पकड़ कर उसे अपने करीब लाता हुआ उसके लाल लाल होंठों को अपने होंठों में दबा कर चूसना शुरू कर दिया,,,, तीनों एकदम आनंद से भरे जा रहे थे सावर में इसे झड़ रहे गर्म पानी का फावारा उन तीनों के गर्म बदन को और ज्यादा गर्मी प्रदान कर रहा था,,,। तीनों पानी में पूरी तरह से गीले हो चुके थे,,,। थोड़ी देर बाद शुभम अपने होठों को अपनी मां के लाल लाल होठों से अलग करते हुए बोला,,,,।
तू भी मेरा लंड चूस मम्मी बहुत मजा आएगा जब एक साथ तुम दोनों मेरे लंड को बारी-बारी से अपने मुंह में लेकर चूसोगी,,,,
( इतना सुनते ही निर्मला भी तुरंत घुटनों के बल बैठ गई और शीतल के मुंह में से अपने बेटे के लंड को निकालकर अपनी मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी अब इस खेल में और ज्यादा मजा आने लगा था,,, निर्मला पागलों की तरह अपने बेटे के लंड को चूस रही थी और उसे शुभम के लंड को चूसते हुए शीतल बड़े गौर से देख रही थी निर्मला के खूबसूरत नंगे बदन को देखकर शीतल के बदन में कुछ-कुछ हो रहा था उससे रहा नहीं गया और वह अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर निर्मला के दोनों दशहरी आम को अपने हाथों में थाम ली,,,,। और से जोर-जोर से लगाना शुरु कर दी शीतल की इस हरकत से निर्मला के तन बदन में आग लग गई उसे मज़ा आने लगा एक अद्भुत अहसास उसके तन बदन को झकझोरने लगा,,,, पहली बार किसी औरत के हाथ में वह अपनी दोनों चुचियों को महसूस कर रही थी और उसे मजा भी आ रहा था क्योंकि शीतल उसे जोर जोर से दबा रही थी शीतल के लिए भी यह पहला मौका था जब वह किसी औरत के अंग को अपने हाथ में लेकर उससे खेल रही थी उसे रहा नहीं गया और वह इससे भी ज्यादा आनंद पाने की अपेक्षा के चलते अपना मुंह आगे बढ़ाकर निर्मला की चूची को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,,।
आहहहहहहह,,,,( मुंह में शुभम का मोटा तगड़ा लंड ठुंसा होने की वजह से निर्मला के मुंह से घुटी घुटी से सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,, उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि शीतल ने इस तरह की हरकत करेगी हालांकि इस तरह का आनंद व पहले भी अपने भाई की बेटी के साथ ले चुकी थी लेकिन आज पहली बार था कि वह अपनी हमउम्र शीतल के साथ इस तरह का मजा ले रही थी शीतल को निर्मला की चुचियों को दबाने और उसे मुंह में लेकर चूसने में बहुत मजा आ रहा था सावर में भीगते हुए तीनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, शुभम पागलों की तरह अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपनी मां के मुंह को ही चोद रहा था,,,।
शीतल को बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस पल का आनंद किस तरह से उठाएं वह कभी निर्मला की चुचियों से खेलने लगती तो कभी उसके निप्पल को मुंह में लेकर पीना शुरु कर देती तो कभी शुभम के लंड को निर्मला के मुंह से निकालकर अपने मुंह में लेकर चूसना शुरु कर देती,,,,, तीनों को बहुत मजा आ रहा था शीतल और निर्मला दोनों मस्त हुए जा रहे थे,,,। निर्मला के लिए शुभम का इतनी देर तक ठहरे रहना कोई ताज्जुब की बात नहीं थी लेकिन शीतल के लिए यह हैरान कर देने वाली बात थी कि दो दो औरतों का मजा लेने के बावजूद भी शुभम का लंड अभी तक पानी नहीं फेंका था,,, पर यही देख कर शीतल की बुर में मीठा मीठा दर्द होने लगा,,,, उससे अपनी बुर का दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था इसलिए वह खड़ी हो गई और शुभम से बोलि,,,
Sheetal ki madmast chuchiya shower me
शुभम अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है मुझ पर अपनी कृपा कर दे अपना लंड मेरी बुर में डाल दें,,,।( और इतना कहते हुए शीतल बाथरूम में दीवार पकड़ कर अपनी मदमस्त बड़ी बड़ी गांड को शुभम के आगे परोस दी और अपनी नजर घुमा कर शुभम की हरकत को देखने लगी कि अब वो क्या करता है,,,। शीतल की बातों से लेकर शुभम अपनी मां की तरफ देखने लगा इशारों ही इशारों में अपनी मां से इजाजत लेना चाहता था और उसकी मां खुश होते हुए बोली,,,।
आगे बढ़ो बेटा और शीतल की मदमस्त जवानी रूपी बुर में अपने लंड का झंडा गाड़ दो,,,,,
अपनी मां की तरफ से इजाजत पाते ही शुभम शीतल की तरफ आगे बढ़ा जो की दीवार था में हसरत भरी निगाहों से उसे ही देख रही थी और उसके झूलते हुए लंड को शुभम शीतल के करीब जाकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर दो-चार चपत लगा दिया,,,,,
आहहहह,,, शुभम,,,,
Nirmla nahate huye
चिंता मत करो मेरी रानी मैं तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि जिंदगी भर याद रखोगी,,,,( और इतना कहते हुए शुभम अपने हिसाब से शीतल की बड़ी बड़ी गांड को एडजस्ट करने लगा और दोनों हाथों से उसकी गांड की फांकों को फैला कर उसके गुलाबी छेद को अच्छी तरह से देखने लगा,,, शुभम को शीतल की गुलाबी पूरा एकदम साफ नजर आ रही थी और वह बिना एक पल गांव आए अपने मोटे तगड़े लंड के सुपाड़े को उसके गुलाबी छेद पर टीका कर हल्के से धक्का लगाया,,,, बुर पहले से ही पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए आराम से गप्प ककके अंदर घुस गया,,, देखते ही देखते शुभम शीतल की चुदाई करना शुरू कर दिया अपनी आंखों के सामने जिंदगी में दूसरी बार निर्मला अपने बेटे को किसी और को चोदते हुए देख रही थी लेकिन उसे बहुत मजा आ रहा था उसकी आंखों से एक-एक पल बड़ी बारीकी से नजर आ रहा था,,।
निर्मला को यह नजारा देखने में बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था कि उसके बेटे का लंड शीतल की बुर के अंदर बाहर हो रहा था,,,, शीतल अपनी दोनों टांगों को फैला कर शुभम से चुदवा रही थी,,,। निर्मला भी मदहोश हुए जा रही थी शीतल के द्वारा अपनी चूची को हाथ में लेने से जिस तरह की झनझनाहट उसे अपने तन बदन में महसूस हुई थी उसी के चलते निर्मला अपने घुटनों के बल बैठ कर शीतल की दोनों टांगों के बीच में आ गई और अपने बेटे के लंड को उसकी बुर से अंदर बाहर होता हुआ देखते हुए एकदम उत्तेजित अवस्था में अपनी जीभ बाहर निकाल कर शीतल की बुर को चाटना शुरू कर दी,,, शीतल को निर्मला की तरफ से इस तरह की हरकत की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी इसलिए वह निर्मला की इस हरकत पर पूरी तरह से काम विभोर हो गई,,,, शुभम भी एकदम मस्त हो गया और वह जोर-जोर से अपने लंड को शीतल की बुर में पेलने लगा क्योंकि वह जब जब शीतल की बुर को अपनी जीभ से चाट रही थी तब तक शुभम का लंड भी स्पर्श हो जा रहा था,,।
अत्यधिक उत्तेजना को शीतल बर्दाश्त नहीं कर पाए और जल्द ही झड़ गई लेकिन शुभम अभी भी बरकरार था उसका लंड पूरी तरह से लोहे का रोड बन चुका था जो कि पानी निकलने के बाद ही ढीला होने वाला था,,,, इसलिए वह झट से शीतल की बुर से अपना लंड बाहर खींच लिया और अपनी मां की बाहों को पकड़कर उसे खड़ा करते हुए उसके गुलाबी होठों को चूसने लगा और उसके होठों को चूसते चूसते वह उसे दीवार से टिका कर उसे धीरे-धीरे अपनी गोद में उठाना शुरू कर दिया,,, और देखते ही देखते शीतल की आंखों के सामने ही वह अपनी मर्दाना जो से भरा हुआ था कर दिखाते हुए अपनी मां की भारी-भरकम शरीर को अपने गोद में उठाकर उसे दीवार से टीका दिया और अपने मोटे तगड़े लंड के सुपाड़ा को अपनी मां की गुलाबी छेद में डालकर उसे चोदना शुरु कर दिया,,, जबरदस्त गरमा गरम माहौल बन चुका था शीतल को छोड़कर उसका पानी निकाल चुका था लेकिन अभी भी उसका मर्दाना जोश पानी से लबालब भरा हुआ था इसलिए वह अपनी गर्मी शांत करने के लिए अपनी मां को गोद में उठाकर उसकी चुदाई कर रहा था,,,, शीतल हैरान थी उसके जोश और ताकत को देखकर और निर्मला मदहोश हुए जा रही थी शीतल की आंखों के सामने एकदम नंगी होकर चुदवाने में,,, उसे और ज्यादा मजा आ रहा था शुभम की कमर लगातार आगे पीछे हो रही थी उस में जरा भी थकान महसूस नहीं हो रही थी,,, सावर से निकलता गर्म पानी तीनों के बदन को भिगो रहा था,,, तकरीबन 15 मिनट तक शुभम अपनी मां को गोद में उठाए हुए उसकी चुदाई करता रहा उसकी गुलाबी बुर में अपने लंड को पेलता रहा,,,, तब जाकर पहले निर्मला और फिर शुभम का पानी निकला,,,।
तीनों एकदम तृप्त हो चुके थे शिमला में आकर यह उनका पहला कदम था एक साथ संभोग की पराकाष्ठा को प्राप्त करने का,,,, इसके बाद वह तीनों नहा कर बाथरूम से बाहर आ गए और अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गए तब तक घर की नौकरानी आ चुकी थी और घर के बाहर खड़े होकर डोरबेल बजा रही थी,,,।