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Adultery एक चौथाई इश्क एक तिहाई बदला

कहानी का पहला भाग खत्म हों गया तो पुराने पाठक अब ये बताइए , कहानी का कौन सा भाग शुरू करूं ?


  • Total voters
    28
  • Poll closed .

A.A.G.

Well-Known Member
9,638
20,130
173
#गताँक से आगे

यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं

अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
nice update..!!
anshul ek paheli lagti hai..!! suresh anshu ka baap hai aur paiso ka ispe bahot ghamand hai..pehle iske saare jo contacts hai unhe todana hoga..fir iska ghamand todana hoga..isko aur iski family ko paiso ko liye tadpana hoga aur raste par bheek mangwana hoga..uske baad inko mout ki saja milegi..aur agar anshul bhi isme shamil huyi toh usko bhi yahi saja mukarrar ki jayegi..!! yeh suresh unn aadmiyon ki mout ka pata karwa raha hai gowardhan se..lekin kuchh pata chalne se raha..pehle iss gowardhan ko maar do..aur yeh suresh bhardwaj se kaun si deal ki baat kar raha hai..yeh deal ajinkya ko leni hogi..!!
 

A.A.G.

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यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं

अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
nice update..!!
anshul ek paheli lagti hai..!! suresh anshu ka baap hai aur paiso ka ispe bahot ghamand hai..pehle iske saare jo contacts hai unhe todana hoga..fir iska ghamand todana hoga..isko aur iski family ko paiso ko liye tadpana hoga aur raste par bheek mangwana hoga..uske baad inko mout ki saja milegi..aur agar anshul bhi isme shamil huyi toh usko bhi yahi saja mukarrar ki jayegi..!! yeh suresh unn aadmiyon ki mout ka pata karwa raha hai gowardhan se..lekin kuchh pata chalne se raha..pehle iss gowardhan ko maar do..aur yeh suresh bhardwaj se kaun si deal ki baat kar raha hai..yeh deal ajinkya ko leni hogi..!!
 

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अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
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anshul ek paheli lagti hai..!! suresh anshu ka baap hai aur paiso ka ispe bahot ghamand hai..pehle iske saare jo contacts hai unhe todana hoga..fir iska ghamand todana hoga..isko aur iski family ko paiso ko liye tadpana hoga aur raste par bheek mangwana hoga..uske baad inko mout ki saja milegi..aur agar anshul bhi isme shamil huyi toh usko bhi yahi saja mukarrar ki jayegi..!! yeh suresh unn aadmiyon ki mout ka pata karwa raha hai gowardhan se..lekin kuchh pata chalne se raha..pehle iss gowardhan ko maar do..aur yeh suresh bhardwaj se kaun si deal ki baat kar raha hai..yeh deal ajinkya ko leni hogi..!!
 

Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
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#गताँक से आगे


कुसुमपुर से बाहर नदी के किनारे शमशान घाट पर आज ४ चिताएं जलनी थी । ये वही लोग है जो आशी और अजिंक्य को मारने के चक्कर में खुद निपट लिए थे । सुरेश बिल्डर के आदेश के वजह से इनका उचित क्रियाकर्म हो रहा है । सुरेश बिल्डर भी वही आ आगया था और एक एक करके सभी लाशों पर कपड़ा उठा कर देख रहा था

सुरेश बिल्डर : गोवर्धन मुझे नही लग रहा ये किसी जानवर का काम है । ये लाशे कहां मिली थी ।

गोवर्धन : वो नदी घाट वाला महादेव मंदिर है ना वही मिली थी । और इनकी गाड़ी भी वही खड़ी थी।

सुरेश b : वहां कोई और था

गोवर्धन : नही साहब वहां तो कोई नही था

सुरेश b : भोसड़ जा कर पता कर कि वहा कोई आया था या नहीं , और आया था तो कौन आया था ।

इधर अजिंक्य और आशी सुबह जल्दी उठ कर भारद्वाज और श्री कामा से मिलने गए थे उनके ऑफिस । जहां सिर्फ श्री कामा ही मिली ,भारद्वाज किसी काम से बाहर गए थे । उसने दोनो का स्वागत किया । और सोफे पर बैठाया ।

श्री : तो अजिंक्य आशी कैसे हो तुम दोनो , क्या लोगे ठंडा या गर्म ?

अजिंक्य : जी मैं तो ठीक हू ।

आशी : मै भी ठीक हू आंटी , ठंडा चलेगा ।

श्री : यार आंटी न बोला करो , इतनी हॉट और सुंदर लेडी पर आंटी वर्ड सूट नही करता न

अपने क्लीगवेज पर से सारी का पल्ला हटाते हुए इठला कर बोली और ऑफिस में ही साइड बार बना हुआ था वहां जा कर ३ ग्लास में वोदका और बर्फ डाल लाई और आशी अजिंक्य को दे दिया ।

आशी वोदका का सिप लेते हुए बोली

आशी : हां तो किस काम से बुलाया था आपने हमे

श्री : यार तुमने एक होटल खोलने के लिए उस दिन बात की थी ना । इसलिए उस पर। चर्चा करनी थी ।

आशी : वो तो ठीक है । पर होटल का काम अब से मेरे पति अजिंक्य ही देखेंगे ।

श्री : अरे वाह , फिर तो मुझे भी इनसे ही मिलना पड़ेगा । एक काम करते है । अभी तो मुझे कहीं निकालना है । अजिंक्य आज शाम को तुम मेरे फार्म हाउस आ जाना ।

अजिंक्य एक बार आशी को देखा । और आशी उसके तरफ देख कर मुस्कुरा दी

आशी : हां हां आ जायेंगे ।

फिर कुछ देर बैठ कर दोनो वहा से निकल कर अपनी कार में बैठ गए । और घर की तरफ जाने लगे ।

अजिंक्य : तुम्हे पता है ना वो मुझसे क्या चाहती है फिर भी तुम मुझे उसके पास भेज रही हो ।

आशी : हां मुझे तुम पर भरोसा है इसलिए तो भेज रही हू । इसकी इतनी चुदाई करना कि ये तुम्हारी रखैल बन जाए । याद रखना , मेरी नाम न कटवा देना।

अजिंक्य ये सब सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान कार के साइड व्यू मिरर पर था । पीछे एक काली कार लगी हुई थी । जब से वो भारद्वाज के ऑफिस से निकला था ।


अजिंक्य : एक काम करो हाईवे पर ले लो ।

आशी : क्यू ? क्या हुआ

अजिंक्य : पीछे एक कार लगी हुई है बहुत देर से ।

आशी : ओहो आज तो पार्टी होनी है

आशी ने अपनी कार हाईवे पर ले ली और टोल टैक्स से पहले एक कच्ची सड़क नीचे उतरती है । वहा ले जा कर गाड़ी खड़ी करके छुप गए । वो पीछे से कार वाले आए और इन दोनो को ढूंढने लगे । अचानक ही अशिबौर अजिंक्य ने इन दोनो के पीछे से आ कर इनके सर पर कार जैक और रिंच के मदद से हमला कर दिया । दोनो हमलावर बेहोश हो गए । आशी अजिंक्य ने दोनो को बांध दिया ।

आशी : यार मैं इन्हे बहुत ही आराम से मार देती , मुझे इनके दिल खाने हैं

अजिंक्य : यार बाबू कभी तो इंसानों वाली बात किया करो । इनसे पता करना जरूरी है कि ये है कौन और किसके कहने पर पीछा कर वही थे ।

आशी : uh hoon hmmm ठीक हैं

आशी बच्चो जैसा रूठ कर एक पेड़ की छांव में जा कर बैठ गई और अजिंक्य कार से पानी निकाल कर ले आया। और दोनो gundo पर पानी छिड़क कर होश में लाने लगा ।
 

parkas

Well-Known Member
26,221
58,531
303
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यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं

अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
Nice and lovely update....
 
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कुसुमपुर से बाहर नदी के किनारे शमशान घाट पर आज ४ चिताएं जलनी थी । ये वही लोग है जो आशी और अजिंक्य को मारने के चक्कर में खुद निपट लिए थे । सुरेश बिल्डर के आदेश के वजह से इनका उचित क्रियाकर्म हो रहा है । सुरेश बिल्डर भी वही आ आगया था और एक एक करके सभी लाशों पर कपड़ा उठा कर देख रहा था

सुरेश बिल्डर : गोवर्धन मुझे नही लग रहा ये किसी जानवर का काम है । ये लाशे कहां मिली थी ।

गोवर्धन : वो नदी घाट वाला महादेव मंदिर है ना वही मिली थी । और इनकी गाड़ी भी वही खड़ी थी।

सुरेश b : वहां कोई और था

गोवर्धन : नही साहब वहां तो कोई नही था

सुरेश b : भोसड़ जा कर पता कर कि वहा कोई आया था या नहीं , और आया था तो कौन आया था ।

इधर अजिंक्य और आशी सुबह जल्दी उठ कर भारद्वाज और श्री कामा से मिलने गए थे उनके ऑफिस । जहां सिर्फ श्री कामा ही मिली ,भारद्वाज किसी काम से बाहर गए थे । उसने दोनो का स्वागत किया । और सोफे पर बैठाया ।

श्री : तो अजिंक्य आशी कैसे हो तुम दोनो , क्या लोगे ठंडा या गर्म ?

अजिंक्य : जी मैं तो ठीक हू ।

आशी : मै भी ठीक हू आंटी , ठंडा चलेगा ।

श्री : यार आंटी न बोला करो , इतनी हॉट और सुंदर लेडी पर आंटी वर्ड सूट नही करता न

अपने क्लीगवेज पर से सारी का पल्ला हटाते हुए इठला कर बोली और ऑफिस में ही साइड बार बना हुआ था वहां जा कर ३ ग्लास में वोदका और बर्फ डाल लाई और आशी अजिंक्य को दे दिया ।

आशी वोदका का सिप लेते हुए बोली

आशी : हां तो किस काम से बुलाया था आपने हमे

श्री : यार तुमने एक होटल खोलने के लिए उस दिन बात की थी ना । इसलिए उस पर। चर्चा करनी थी ।

आशी : वो तो ठीक है । पर होटल का काम अब से मेरे पति अजिंक्य ही देखेंगे ।

श्री : अरे वाह , फिर तो मुझे भी इनसे ही मिलना पड़ेगा । एक काम करते है । अभी तो मुझे कहीं निकालना है । अजिंक्य आज शाम को तुम मेरे फार्म हाउस आ जाना ।

अजिंक्य एक बार आशी को देखा । और आशी उसके तरफ देख कर मुस्कुरा दी

आशी : हां हां आ जायेंगे ।

फिर कुछ देर बैठ कर दोनो वहा से निकल कर अपनी कार में बैठ गए । और घर की तरफ जाने लगे ।

अजिंक्य : तुम्हे पता है ना वो मुझसे क्या चाहती है फिर भी तुम मुझे उसके पास भेज रही हो ।

आशी : हां मुझे तुम पर भरोसा है इसलिए तो भेज रही हू । इसकी इतनी चुदाई करना कि ये तुम्हारी रखैल बन जाए । याद रखना , मेरी नाम न कटवा देना।

अजिंक्य ये सब सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान कार के साइड व्यू मिरर पर था । पीछे एक काली कार लगी हुई थी । जब से वो भारद्वाज के ऑफिस से निकला था ।


अजिंक्य : एक काम करो हाईवे पर ले लो ।

आशी : क्यू ? क्या हुआ

अजिंक्य : पीछे एक कार लगी हुई है बहुत देर से ।

आशी : ओहो आज तो पार्टी होनी है

आशी ने अपनी कार हाईवे पर ले ली और टोल टैक्स से पहले एक कच्ची सड़क नीचे उतरती है । वहा ले जा कर गाड़ी खड़ी करके छुप गए । वो पीछे से कार वाले आए और इन दोनो को ढूंढने लगे । अचानक ही अशिबौर अजिंक्य ने इन दोनो के पीछे से आ कर इनके सर पर कार जैक और रिंच के मदद से हमला कर दिया । दोनो हमलावर बेहोश हो गए । आशी अजिंक्य ने दोनो को बांध दिया ।

आशी : यार मैं इन्हे बहुत ही आराम से मार देती , मुझे इनके दिल खाने हैं

अजिंक्य : यार बाबू कभी तो इंसानों वाली बात किया करो । इनसे पता करना जरूरी है कि ये है कौन और किसके कहने पर पीछा कर वही थे ।

आशी : uh hoon hmmm ठीक हैं

आशी बच्चो जैसा रूठ कर एक पेड़ की छांव में जा कर बैठ गई और अजिंक्य कार से पानी निकाल कर ले आया। और दोनो gundo पर पानी छिड़क कर होश में लाने लगा ।
Theek baat ye samajh me aayi ki vo hot madam inse milna chahati hai aur mill bhi liya par ye kya jab inhe pata padha ki aadhi nahi ajinkya hi inka kaam kar sakta hai to ajinkya ko farmhouse pe bula liya ye bhi theek but jab ajinkya ne piche dekha car lagi huyi hai piche to hai ye kiski car aur ye gaadi lagi kyu hai piche hmm supence hai re baba chalo agle update me dekhte hai
 

parkas

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कुसुमपुर से बाहर नदी के किनारे शमशान घाट पर आज ४ चिताएं जलनी थी । ये वही लोग है जो आशी और अजिंक्य को मारने के चक्कर में खुद निपट लिए थे । सुरेश बिल्डर के आदेश के वजह से इनका उचित क्रियाकर्म हो रहा है । सुरेश बिल्डर भी वही आ आगया था और एक एक करके सभी लाशों पर कपड़ा उठा कर देख रहा था

सुरेश बिल्डर : गोवर्धन मुझे नही लग रहा ये किसी जानवर का काम है । ये लाशे कहां मिली थी ।

गोवर्धन : वो नदी घाट वाला महादेव मंदिर है ना वही मिली थी । और इनकी गाड़ी भी वही खड़ी थी।

सुरेश b : वहां कोई और था

गोवर्धन : नही साहब वहां तो कोई नही था

सुरेश b : भोसड़ जा कर पता कर कि वहा कोई आया था या नहीं , और आया था तो कौन आया था ।

इधर अजिंक्य और आशी सुबह जल्दी उठ कर भारद्वाज और श्री कामा से मिलने गए थे उनके ऑफिस । जहां सिर्फ श्री कामा ही मिली ,भारद्वाज किसी काम से बाहर गए थे । उसने दोनो का स्वागत किया । और सोफे पर बैठाया ।

श्री : तो अजिंक्य आशी कैसे हो तुम दोनो , क्या लोगे ठंडा या गर्म ?

अजिंक्य : जी मैं तो ठीक हू ।

आशी : मै भी ठीक हू आंटी , ठंडा चलेगा ।

श्री : यार आंटी न बोला करो , इतनी हॉट और सुंदर लेडी पर आंटी वर्ड सूट नही करता न

अपने क्लीगवेज पर से सारी का पल्ला हटाते हुए इठला कर बोली और ऑफिस में ही साइड बार बना हुआ था वहां जा कर ३ ग्लास में वोदका और बर्फ डाल लाई और आशी अजिंक्य को दे दिया ।

आशी वोदका का सिप लेते हुए बोली

आशी : हां तो किस काम से बुलाया था आपने हमे

श्री : यार तुमने एक होटल खोलने के लिए उस दिन बात की थी ना । इसलिए उस पर। चर्चा करनी थी ।

आशी : वो तो ठीक है । पर होटल का काम अब से मेरे पति अजिंक्य ही देखेंगे ।

श्री : अरे वाह , फिर तो मुझे भी इनसे ही मिलना पड़ेगा । एक काम करते है । अभी तो मुझे कहीं निकालना है । अजिंक्य आज शाम को तुम मेरे फार्म हाउस आ जाना ।

अजिंक्य एक बार आशी को देखा । और आशी उसके तरफ देख कर मुस्कुरा दी

आशी : हां हां आ जायेंगे ।

फिर कुछ देर बैठ कर दोनो वहा से निकल कर अपनी कार में बैठ गए । और घर की तरफ जाने लगे ।

अजिंक्य : तुम्हे पता है ना वो मुझसे क्या चाहती है फिर भी तुम मुझे उसके पास भेज रही हो ।

आशी : हां मुझे तुम पर भरोसा है इसलिए तो भेज रही हू । इसकी इतनी चुदाई करना कि ये तुम्हारी रखैल बन जाए । याद रखना , मेरी नाम न कटवा देना।

अजिंक्य ये सब सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान कार के साइड व्यू मिरर पर था । पीछे एक काली कार लगी हुई थी । जब से वो भारद्वाज के ऑफिस से निकला था ।


अजिंक्य : एक काम करो हाईवे पर ले लो ।

आशी : क्यू ? क्या हुआ

अजिंक्य : पीछे एक कार लगी हुई है बहुत देर से ।

आशी : ओहो आज तो पार्टी होनी है

आशी ने अपनी कार हाईवे पर ले ली और टोल टैक्स से पहले एक कच्ची सड़क नीचे उतरती है । वहा ले जा कर गाड़ी खड़ी करके छुप गए । वो पीछे से कार वाले आए और इन दोनो को ढूंढने लगे । अचानक ही अशिबौर अजिंक्य ने इन दोनो के पीछे से आ कर इनके सर पर कार जैक और रिंच के मदद से हमला कर दिया । दोनो हमलावर बेहोश हो गए । आशी अजिंक्य ने दोनो को बांध दिया ।

आशी : यार मैं इन्हे बहुत ही आराम से मार देती , मुझे इनके दिल खाने हैं

अजिंक्य : यार बाबू कभी तो इंसानों वाली बात किया करो । इनसे पता करना जरूरी है कि ये है कौन और किसके कहने पर पीछा कर वही थे ।

आशी : uh hoon hmmm ठीक हैं

आशी बच्चो जैसा रूठ कर एक पेड़ की छांव में जा कर बैठ गई और अजिंक्य कार से पानी निकाल कर ले आया। और दोनो gundo पर पानी छिड़क कर होश में लाने लगा ।
Nice and beautiful update....
 
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