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Thodi tabiyat sahi nahi hai .. raat me deta hoo shayadKaha ho Bhai update de do
Thodi tabiyat sahi nahi hai .. raat me deta hoo shayadKaha ho Bhai update de do
Ok koi na health firstThodi tabiyat sahi nahi hai .. raat me deta hoo shayad
nice update..!!#गताँक से आगे
कुसुमपुर से बाहर नदी के किनारे शमशान घाट पर आज ४ चिताएं जलनी थी । ये वही लोग है जो आशी और अजिंक्य को मारने के चक्कर में खुद निपट लिए थे । सुरेश बिल्डर के आदेश के वजह से इनका उचित क्रियाकर्म हो रहा है । सुरेश बिल्डर भी वही आ आगया था और एक एक करके सभी लाशों पर कपड़ा उठा कर देख रहा था
सुरेश बिल्डर : गोवर्धन मुझे नही लग रहा ये किसी जानवर का काम है । ये लाशे कहां मिली थी ।
गोवर्धन : वो नदी घाट वाला महादेव मंदिर है ना वही मिली थी । और इनकी गाड़ी भी वही खड़ी थी।
सुरेश b : वहां कोई और था
गोवर्धन : नही साहब वहां तो कोई नही था
सुरेश b : भोसड़ जा कर पता कर कि वहा कोई आया था या नहीं , और आया था तो कौन आया था ।
इधर अजिंक्य और आशी सुबह जल्दी उठ कर भारद्वाज और श्री कामा से मिलने गए थे उनके ऑफिस । जहां सिर्फ श्री कामा ही मिली ,भारद्वाज किसी काम से बाहर गए थे । उसने दोनो का स्वागत किया । और सोफे पर बैठाया ।
श्री : तो अजिंक्य आशी कैसे हो तुम दोनो , क्या लोगे ठंडा या गर्म ?
अजिंक्य : जी मैं तो ठीक हू ।
आशी : मै भी ठीक हू आंटी , ठंडा चलेगा ।
श्री : यार आंटी न बोला करो , इतनी हॉट और सुंदर लेडी पर आंटी वर्ड सूट नही करता न
अपने क्लीगवेज पर से सारी का पल्ला हटाते हुए इठला कर बोली और ऑफिस में ही साइड बार बना हुआ था वहां जा कर ३ ग्लास में वोदका और बर्फ डाल लाई और आशी अजिंक्य को दे दिया ।
आशी वोदका का सिप लेते हुए बोली
आशी : हां तो किस काम से बुलाया था आपने हमे
श्री : यार तुमने एक होटल खोलने के लिए उस दिन बात की थी ना । इसलिए उस पर। चर्चा करनी थी ।
आशी : वो तो ठीक है । पर होटल का काम अब से मेरे पति अजिंक्य ही देखेंगे ।
श्री : अरे वाह , फिर तो मुझे भी इनसे ही मिलना पड़ेगा । एक काम करते है । अभी तो मुझे कहीं निकालना है । अजिंक्य आज शाम को तुम मेरे फार्म हाउस आ जाना ।
अजिंक्य एक बार आशी को देखा । और आशी उसके तरफ देख कर मुस्कुरा दी
आशी : हां हां आ जायेंगे ।
फिर कुछ देर बैठ कर दोनो वहा से निकल कर अपनी कार में बैठ गए । और घर की तरफ जाने लगे ।
अजिंक्य : तुम्हे पता है ना वो मुझसे क्या चाहती है फिर भी तुम मुझे उसके पास भेज रही हो ।
आशी : हां मुझे तुम पर भरोसा है इसलिए तो भेज रही हू । इसकी इतनी चुदाई करना कि ये तुम्हारी रखैल बन जाए । याद रखना , मेरी नाम न कटवा देना।
अजिंक्य ये सब सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान कार के साइड व्यू मिरर पर था । पीछे एक काली कार लगी हुई थी । जब से वो भारद्वाज के ऑफिस से निकला था ।
अजिंक्य : एक काम करो हाईवे पर ले लो ।
आशी : क्यू ? क्या हुआ
अजिंक्य : पीछे एक कार लगी हुई है बहुत देर से ।
आशी : ओहो आज तो पार्टी होनी है
आशी ने अपनी कार हाईवे पर ले ली और टोल टैक्स से पहले एक कच्ची सड़क नीचे उतरती है । वहा ले जा कर गाड़ी खड़ी करके छुप गए । वो पीछे से कार वाले आए और इन दोनो को ढूंढने लगे । अचानक ही अशिबौर अजिंक्य ने इन दोनो के पीछे से आ कर इनके सर पर कार जैक और रिंच के मदद से हमला कर दिया । दोनो हमलावर बेहोश हो गए । आशी अजिंक्य ने दोनो को बांध दिया ।
आशी : यार मैं इन्हे बहुत ही आराम से मार देती , मुझे इनके दिल खाने हैं
अजिंक्य : यार बाबू कभी तो इंसानों वाली बात किया करो । इनसे पता करना जरूरी है कि ये है कौन और किसके कहने पर पीछा कर वही थे ।
आशी : uh hoon hmmm ठीक हैं
आशी बच्चो जैसा रूठ कर एक पेड़ की छांव में जा कर बैठ गई और अजिंक्य कार से पानी निकाल कर ले आया। और दोनो gundo पर पानी छिड़क कर होश में लाने लगा ।
Bahot khoob badhiya update bhai#गताँक से आगे
यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं
अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा
सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।
गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।
बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।
कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।
सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?
पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न
गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।
।
सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?
ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।
गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।
सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।
गोवर्धन : जी बिलकुल
ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है
सुरेश b : गोवर्धन
गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए
सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ
गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे
सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ
to be continued
Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
Tow shiri n Ajinkya ko form house per bulaya h ab raat wahi rangeen hogi lagta h#गताँक से आगे
कुसुमपुर से बाहर नदी के किनारे शमशान घाट पर आज ४ चिताएं जलनी थी । ये वही लोग है जो आशी और अजिंक्य को मारने के चक्कर में खुद निपट लिए थे । सुरेश बिल्डर के आदेश के वजह से इनका उचित क्रियाकर्म हो रहा है । सुरेश बिल्डर भी वही आ आगया था और एक एक करके सभी लाशों पर कपड़ा उठा कर देख रहा था
सुरेश बिल्डर : गोवर्धन मुझे नही लग रहा ये किसी जानवर का काम है । ये लाशे कहां मिली थी ।
गोवर्धन : वो नदी घाट वाला महादेव मंदिर है ना वही मिली थी । और इनकी गाड़ी भी वही खड़ी थी।
सुरेश b : वहां कोई और था
गोवर्धन : नही साहब वहां तो कोई नही था
सुरेश b : भोसड़ जा कर पता कर कि वहा कोई आया था या नहीं , और आया था तो कौन आया था ।
इधर अजिंक्य और आशी सुबह जल्दी उठ कर भारद्वाज और श्री कामा से मिलने गए थे उनके ऑफिस । जहां सिर्फ श्री कामा ही मिली ,भारद्वाज किसी काम से बाहर गए थे । उसने दोनो का स्वागत किया । और सोफे पर बैठाया ।
श्री : तो अजिंक्य आशी कैसे हो तुम दोनो , क्या लोगे ठंडा या गर्म ?
अजिंक्य : जी मैं तो ठीक हू ।
आशी : मै भी ठीक हू आंटी , ठंडा चलेगा ।
श्री : यार आंटी न बोला करो , इतनी हॉट और सुंदर लेडी पर आंटी वर्ड सूट नही करता न
अपने क्लीगवेज पर से सारी का पल्ला हटाते हुए इठला कर बोली और ऑफिस में ही साइड बार बना हुआ था वहां जा कर ३ ग्लास में वोदका और बर्फ डाल लाई और आशी अजिंक्य को दे दिया ।
आशी वोदका का सिप लेते हुए बोली
आशी : हां तो किस काम से बुलाया था आपने हमे
श्री : यार तुमने एक होटल खोलने के लिए उस दिन बात की थी ना । इसलिए उस पर। चर्चा करनी थी ।
आशी : वो तो ठीक है । पर होटल का काम अब से मेरे पति अजिंक्य ही देखेंगे ।
श्री : अरे वाह , फिर तो मुझे भी इनसे ही मिलना पड़ेगा । एक काम करते है । अभी तो मुझे कहीं निकालना है । अजिंक्य आज शाम को तुम मेरे फार्म हाउस आ जाना ।
अजिंक्य एक बार आशी को देखा । और आशी उसके तरफ देख कर मुस्कुरा दी
आशी : हां हां आ जायेंगे ।
फिर कुछ देर बैठ कर दोनो वहा से निकल कर अपनी कार में बैठ गए । और घर की तरफ जाने लगे ।
अजिंक्य : तुम्हे पता है ना वो मुझसे क्या चाहती है फिर भी तुम मुझे उसके पास भेज रही हो ।
आशी : हां मुझे तुम पर भरोसा है इसलिए तो भेज रही हू । इसकी इतनी चुदाई करना कि ये तुम्हारी रखैल बन जाए । याद रखना , मेरी नाम न कटवा देना।
अजिंक्य ये सब सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान कार के साइड व्यू मिरर पर था । पीछे एक काली कार लगी हुई थी । जब से वो भारद्वाज के ऑफिस से निकला था ।
अजिंक्य : एक काम करो हाईवे पर ले लो ।
आशी : क्यू ? क्या हुआ
अजिंक्य : पीछे एक कार लगी हुई है बहुत देर से ।
आशी : ओहो आज तो पार्टी होनी है
आशी ने अपनी कार हाईवे पर ले ली और टोल टैक्स से पहले एक कच्ची सड़क नीचे उतरती है । वहा ले जा कर गाड़ी खड़ी करके छुप गए । वो पीछे से कार वाले आए और इन दोनो को ढूंढने लगे । अचानक ही अशिबौर अजिंक्य ने इन दोनो के पीछे से आ कर इनके सर पर कार जैक और रिंच के मदद से हमला कर दिया । दोनो हमलावर बेहोश हो गए । आशी अजिंक्य ने दोनो को बांध दिया ।
आशी : यार मैं इन्हे बहुत ही आराम से मार देती , मुझे इनके दिल खाने हैं
अजिंक्य : यार बाबू कभी तो इंसानों वाली बात किया करो । इनसे पता करना जरूरी है कि ये है कौन और किसके कहने पर पीछा कर वही थे ।
आशी : uh hoon hmmm ठीक हैं
आशी बच्चो जैसा रूठ कर एक पेड़ की छांव में जा कर बैठ गई और अजिंक्य कार से पानी निकाल कर ले आया। और दोनो gundo पर पानी छिड़क कर होश में लाने लगा ।
In longo ka nanga. naach shuru ho gaya#गताँक से आगे
अजिंक्य : बताओ किसके कहने पर हमारा पीछा कर रहे थे
अजिंक्य दोनो आदमियों से पूछ रहा था लेकिन वो दोनो उसे बस घूर रहे थे मौन रह कर । अजिंक्य उन्हे मार मार कर थक चुका था । वहीं आशी सामने एक पेड़ के छांव के नीचे बैठ बस देख रही थी और चिप्स खा रही थी । अब अजिंक्य भी थक चुका था और पेड़ के नीचे आ कर बैठ गया
आशी : क्या हुआ थक गए ?
अजिंक्य ने उसे देखा और मौन स्वीकृति दे दी । अब आशी उठी और खड़े होते ही उसके चेहरे पर दरिंदगी छा गई । उसके कपड़े बदल गए थे । बाल जहां पहले एक चोटी में गूंथे हुएब्थे अब वो खुल कर लहरा गए थे ।आंखे लाल हो चुकी थी और नाखून अचानक से बड़े और पैने हो गए थे ,। दोनो आदमियों के साथ अजिंक्य भी चौंक उठा था
आशी : बताओगे या मैं तुम्हारा दिल निकाल कर खा लूं
अब पहला आदमी थूक निगल कर बोला
पहला : अगर हमने कुछ बताया तो वो हमारे परिवार को मार डालेगा
आशी : और तुमने कुछ नही बताया तो मैं मार दूंगी
दूसरा : मरना तो हम वैसे भी है ।
इतना कहते हुए दोनो आदमियों ने एक दुसरे के तरफ देखा ,मुस्कुराए और अपने दांतो मे कुछ छुपा कर रखे हुए थे उसको चबा लिया और तुरंत ही उनकी गर्दन एक तरफ को झूल गई ।
ये सब इतनी जल्दी में हुआ की किसी को कु छ समझ नही आया ,अजिंक्य तुरंत दोनो के पास आया और उनकी नब्ज चेक की लेकिन वो दोनो मर चुके थे
अजिंक्य : अब क्या करें ।
।आशी : करना क्या है इन्हे यही छोड़ो और हम वापस चलते है ।
अजिंक्य : लेकिन इन्हे भेजा किसने होगा
आशी : कोई तो है लेकिन बाद में पता चल ही जाएगा
वैसे भी वहां अब रुकने को कुछ था नही तो दोनो वापस अपने घर की ओर चल दिए । दोनो ही अब अपने घर के रूम में बैठे हुए थे ।
आशी : आज मैं भी फार्महाउस चलूंगी
अजिंक्य : क्या करने ? मेरा और उस ठरकी बुड्ढी को चुदाई देखने ?
आशी : और नही तो क्या ? मै भी तो देखूं कि मेरा शिष्य की शिक्षा कहां तक पहुंची है ।
ये कह कर आशी हंस दी और अजिंक्य के सीने से लग गई दोनो ही अब शांत थे और आशी जहां अजिंक्य के सीने से चिपकी हुई थी वहीं अजिंक्य आशी के बाल पर हाथ फेर रहा था ।
"
सुनते हैं के मिल जाती है हर चीज़ दुआ से
इक रोज़ तुम्हें माँग के देखेंगे ख़ुदा से
आशी गुनगुना रही थी और अजिंक्य को ये सुन कर एक अजीब सा सुकून मिलता था लेकिन उसे ये समझ नही आता था कि ये सब तो उसने कभी आशी को बताया नही लेकिन उसे ये सब कैसे पता है । ये उसकी फेवरेट गजलों में से एक है ।
अजिंक्य : तुम्हे ये ग़ज़ल का कैसे पता
आशी : बाबू तुम मेरी जान हो , और मैं अपनी जान की हर एक चीज के बारे में जानती हू
अजिंक्य : अच्छा चलो ये बताओ तुमने उस दिन मेरी ही शायरी बोली थी ,उसके बाद की कौन सी शायरी थी
आशी : हर सूं इश्क करके क्या ही मिलेगा
कुछ अपने पास भी रखो ,तुम्हे अकेले वक्त बहुत गुजारना है
अजिंक्य अब एकदम आश्चर्य से भर उठा था । उसे एकदम याद था कि ये शायरी उसने कभी भी आशी को नही सुनाई
अजिंक्य : ये ये ये तुम्हे कहां से पता चली
आशी अब अजिंक्य से अलग हो कर बैठ गई थी और उसके आंखो में। देख रही थी
आशी : ये शायरी तुमने एक दिन तब बोली थी जब हम तुम उस बरगद के नीचे बैठे थे । और मैं तुम्हे अपना टिफिन खिला कर तुम्हारे लिए चाय लेने गई थी
अजिंक्य : पर तुम तो चाय लेने गई थी ना फिर ?
आशी : तुम्हारा ध्यान नहीं था बाबू मैं वही खड़ी थी ।
यकीन मानो मेरा अक्स तुम में घुल चुका है । मेरे लिए तुम सांसों से बढ़ कर हो । और आज से नही तब से जब से तुम्हे पहली बार मिली थीं।
अजिंक्य बस आशी को एकटक देखे जा रहा था लेकिन कह कुछ नही पा रहा था । उसे आगे बढ़ कर आशी को गले लगा लेता है और लेट जाता है बिस्तर पर ।
दोनो शाम को फॉर्महाउस पर गए थे । वहां कोई नही था । बड़े फार्म में चारो तरफ बड़ी बड़ी दीवार थी । और उन दीवारों के बीच ढेर सारे पेड़ और पेड़ो के बीच एक दो मंजिल का मकान । मकान ऐसा था कि उसमे जरूर और विलासिता की हर एक चीज थी। और मकान के सामने ही एक बड़ा स्विमिंग पूल था । अजिंक्य और आशी दोनो ही फार्म हाउस के अंदर गए । वहां उनका स्वागत श्री और भारद्वाज ने किया ।
श्री : आओ आओ आशी और AJ
श्री के साथ उसका पति भी था । और आज श्री अजिंक्य को Aj पुकार रही थी।
दोनो के हाथ में व्हिस्की के ग्लास दे दिए गए । आशी और aj सामने ही सोफे पर बैठे थे ।
श्री : आशी तुम्हे आने की क्या जरूरत थी । सुबह aj खुद ही आ जाता ।
आशी : मेरा भी आज मन किया कि लाइव सेक्स देखू इसलिए आ गई
भारद्वाज : ओहो तो आज मतलब foursome होगा
भारद्वाज खुश हो कर बोल रहा था वही श्री की आंखे अजिंक्य और आशी पर टिकी हुई n थी
आशी : नही अंकल मेरा बदन सिर्फ अजिंक्य के लिए है ।मै इसे किसी और के साथ नही बाटना चाहती । मैं तो बस आप लोगो का सेक्स देखूंगी और मन हुआ तो अजिंक्य के साथ करूंगी । सिर्फ अजिंक्य के साथ
आशी ने अपनी बात मुस्कुराते हुए स्पष्ट रूप से कह दी थी । तीनो ही उसके चेहरे को खुले मुंह से देख रहे थे ।
( अब से मैं सेक्स सीन्स रोमन फोंट्स में ही लिखूंगा )
श्री : अच्छा छोड़ो ये सब बातें । चलो पूल पर चलते है । थोड़ा बदन को ठंडा करते है । तुम दोनो ऊपर के रूम में जाओ । वहा स्विमिंग ड्रेस रखी है वो पहन लो ।
ajinkya aur ashi dono upar aa jate hai . Wahan dekha to bed par ek male thong aur ek micro bikini rakhi hui thi .
Dono hi pehan kar bahar aaye . Ajinkya ka to bas lund hi us thong me dhanka hua tha lekin wo transparent tha . Aur ashi ko pehli baar ajinkya aise kapdo me dekh raha tha . Jaane kitni hi baar use bina kapdo ke nanga dekha tha lekin bikini me pehli baar dekh raha tha to uska lund khada ho gaya tha . Ashi ye dekha to uske paas muskuraate hue aayi . Aur hontho pe apna honth rakh kar kiss karne lagi aur ek hath se uska lund masalne lagi . Thodi der tak dono kiss karte rahe phir kiss tod ashi ne kaha
ashi : apni saanso ko control karo babu . Tumhe haarna nahi hai balki haraana hai saamne wale ko tabhi wo humare gulaan ban kar humari baat manenge ye yaad rakhna .
.ajinkya : hmmm theek hai
Aur dono hi bahar aa gaye . Dono ne dekha to bharadwaj aur shri dono pool me nange ho kar ek dusre ko kiss kar rahe the . Jab shri aur bharadwaj ka dhyan in dono par gaya to dono alag ho gaye . Ashi wahi jaa kar alag ho kar ek pool chair par baith gayi apna whiskey ka glass le kar . Aur shri pool se nikal nangi hi ajinkya ke paas chali gayi . Pehle to kuch pal ajinkya ke gol ghoom kar dekhti rahi. Phir najdiik aa kar sidhe hi ajinkya ka lund hath me le liya aur ajinkya k hontho par kiss karne lagi . Aur wahi bharadwaj pool se bahar nikal ashi kepaas wali chair par baith gaya aur whiskey ke 3 peg banaane laga .
ashi : uncle jao aap bhi join karo
bharadwaj jaise apne soch se bahar aaya aur ashi ko aankho me dekhne laga .
ashi muskurate hue boli
ashi : mujhe pata hai aap bisexual ho . Aur dont worry ajinkya will tear your ass and her pussy too .
bhradwaj : tumhe bahut vishwas hai ?
ashi : khud se jyada
bharadwaj : agar aisa hua to yaad rakhna hotel wala contract tum logo ka aurtum dono ko politics me bhi introduce karwaung lekin ajinkya aisa nahi kar paya to tum dono humare gulam rahoge aur mai tumse sex karunga
ashi muskuraate hue apna angutha utha kar bolti hai
AShi : deal done .jaiye ab aap bhi . Mai yahan baith kar aaj live bisexual porn movie dekhungi
**** To be continued ****