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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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Ajinohase dirty

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अगले अपडेट का इन्तजार है
कृप्या शीघ्रता से अपडेट देने का कष्ट करें लेखक जी
कहानी बहुत मजा दे २ही है
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी

Update -37

स्नान


मैं: ईईआई! तुम ये क्या कर रही हो ?

मीनाक्षी ने मेरी इस अभिव्यक्ति पर बेक़ाबू होकर, ही-ही करती हुई हसने लगी और वह रुक गई और हंसते हुए खड़ी हो गई।

मीनाक्षी: उह! बस उन्हें देखिये !

वो मेरे गोल स्तन के साथ बिल्कुल सट कर खड़ी हो गयी और उसने मेरे गुलाबी निप्पलों की तरफ इशारा किया, जो तब तक अपने पूरे आकार तक बढ़ कर, दो पके हुए अंगूरों की तरह लग रहे थे , और मैं शर्म से लाल हो गयी ।

मीनाक्षी: मैडम, अब आप कृपया पीछे घूमिये ।

मैंने अपनी नंगी पीठ उसकी ओर कर दी और उसने थोड़ा पानी लगाया और मेरी पीठ पर साबुन लगाना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि घिसने पर लंग के आकार वाला साबुन बहुत जल्दी से छोटा हो रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे कि एक खड़ा हुआ कठोर लिंग धीरे-धीरे स्खलित होता हुआ शिथिल हो रहा है



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मीनाक्षी: मैडम , हमे साबुन को पूरा लगाना है उसके बाद ही बाहर निकालना है।

मैं: है मैं भी देख रही हूँ। यह काफी आसानी से गल रहा है इससे झाग भी बहुत ज्यादा हो बन यही है ।

मीनाक्षी: अरे! ये ऐसी ही सामग्री से बना है ? एक साबुन एक व्यक्ति के स्नान के लिए ही है।

मेरी पूरी पीठ और मम्मों पर साबुन अच्छी तरह से मसलने और मलने के बाद मीनाक्षी मेरी कमर पर पहुँची और साबुन को नीचे की तरफ रगड़ने लगी। उसके फिसलते हाथ मेरे गोल नंगे नितम्बो पर हर तरफ चले गए। मैं अपने नग्न नितंबों पर गोल गोल घूमते हुए हाथों के सहलाने के कारन तेजी से उत्तेजित हो रही थी उसकेबाद मैंने अपने स्तन और निपल्स को दबाने लगी क्योंकि उसके द्वारा मेरे नितम्बो को यो छेड़ने से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी ।

चूँकि मैं टॉयलेट में एक महिला के साथ थी, मैंने आराम से अपने बूब्स और निप्पलों को अपने हाथों से दबाने और सहलाने में कोई संकोच महसूस नहीं किया। फिर मैंने महसूस किया की जब मीनाक्षी के हाथ मेरे चूतड़ों को सहला रहा थे तो उसकी उंगलिया नेरी गांड के छेद को भी बीच बीच में छु रही थी ।

मैं: ईसससस ?

उसके स्पर्श ने उत्कृष्ट उत्तेजना उतपन्न की ।

मीनाक्षी: मैडम, बस एक मिनट? हाँ, अब बस खत्म होने ही वाला हैं ।

वो मुझसे थोड़ा दूर हो गयी और मैंने अपने नग्न शरीर पर एक बार फिर पानी डालना शुरू कर दिया फिर मैंने अपने शरीर से झाग को पानी डाल कर हटाना और रगड़ कर निकालना शुरू कर दिया। इस तरह एक-दो मिनट के भीतर मेरा स्नान समाप्त हो गया और उसने मुझे तौलिया सौंप दिया। तौलिया में से भी अच्छी सुगंध आ रही थी और मैंने खुद को सुखाते हुए गहरी सांस ली। पूरे शौचालय उस साबुन की मनमोहक खुशबू से भर गया था और मैंने खुद को रात के उस समय (11 बजे) तरोताजा महसूस किया .

मैं अपनी ब्रा और पैंटी दरवाजे के हुक से उतारने ही वाली थी कि तभी मीनाक्षी ने बीच में टोक दिया।

मीनाक्षी: मैडम, कृपया प्रतीक्षा करें। पहले मैं आपके शरीर को तेल लगा देती हूँ ।

हालांकि मैं तेल लगाना पूरी तरह से भूल ही चुकी थी पर मैंने कहा, ठीक है? मैं थोड़ी और देर के लिए उस उज्ज्वल प्रकाश में बिल्कुल नग्न खड़ी हुई काफी शर्म महसूस कर रही थी था इस बीच मीनाक्षी ने तेल की बोतल खोली और मैंने देखा कि वो तेल हरे रंगका कुछ जड़ी बूटियों का हर्बल अर्क था ।

मैं: मीनाक्षी, मैं तेल लगा लेती हूँ ?

मीनाक्षी: मैडम, जब मैं मौजूद हूँ तो आप परेशानी क्यों उठाएंगी ?

मीनाक्षी ने मेरे बड़े और चौड़े कंधों और लंबे हाथों पर तेल रगड़ना शुरू कर दिया। हालाँकि यह मालिश नहीं थी, लेकिन उस ठंडे पानी के स्नान के बाद यह सुखद अनुभव था और इससे निश्चित रूप से मेरे शरीर को आराम मिला ।



bath2

मैं: मुझे आशा है कि इस समय इतने ठंडे पानी से स्नान करने से मुझे ठण्ड नहीं पड़केगी और जुकाम नहीं होगा ।

मिनाक्षी थोड़ा सा मुस्कुराई और बोतल से थोड़ा तेल लिया और उसे अपनी दोनों हथेलियों में फैला लिया और मेरे पास आ गई। मीनाक्षी को शायद एहसास हुआ कि मैं नग्न खड़े होने के कारण शर्म महसूस कर रही थी, जबकि उसने पूरे कपडे पहने हुए थे ।


मीनाक्षी: मैडम, एक काम कीजिए, आप तेल लगाते समय अपनी आँखें बंद कर लीजिए। मुझे लगता है इससे आप बेहतर महसूस करेंगी।

मैं: हम्म। लेकिन कृपया जल्दी से लगा दीजिये ।

मीनाक्षी ने सहमति में सिर हिलाया और मैंने आँखें बंद कर लीं। मीनाक्षी ने मेरे कंधों से तेल लगाना शुरू किया और फिर मेरी लंबी बाँहों पर तेल लगाने के बाद आगे स्तनों की तरफ बढ़ गई। यह निश्चित रूप से मालिश नहीं थी, लेकिन फिर भी जड़ी बूटियों से युक्त बर्फीले पानी से मेरे स्नान के बाद उसके गर्म हाथो का गर्म स्पर्श मेरे लिए राहत भरा था ।

जब उसके तैलीय हाथों ने मेरे प्रत्येक उभरे हुए स्तन को अपने हाथो में भर कर और रगड़ कर उन्हें तेल से सराबोर कर दिया और फिर सहलाने लगी तो मेरा पूरा शरीर कांप गया और झटका देने लगा यद्यपि मेरी आँखें बंद थीं, मैं उसके हाथों को मेरे स्तनों को दबाते हुए महसूस कर रही थी और फिर उसने मेरे निपल्स को दो अंगुलियों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे उन्हें मसल दिया और इस तरह से सहलाने और मसलने के कारण मेरे चूचक एक ही क्षण के भीतर खड़े हो गए। फिर उसकी साड़ी उंगलियों ने मेरी निपल्स को अपनी उँगलियों से दबाया और उस मुझे बिल्कुल ऐसा लगा जैसे मेरे पति की जीभ मेरे निप्पलों के साथ खेल रही हो!

मैं अपना ध्यान स्थानांतरित करने की कोशिश करते हुए बोली

मैं: मीनाक्षी, क्या यह तेल मेरी ब्रा नहीं ख़राब करेगा?

मीनाक्षी: मैडम, यह गुरु-जी द्वारा स्वयं तैयार किया गया पूर्णतया चिकनायी रहित जड़ी बूटियों का मिश्रण है इसलिए आप बिलकुल चिंता मत करो?

मैं: ठीक है।

फिर मीनाक्षी ने मेरे पेट पर तेल लगाया और मेरी टांगो पर तेल लगाने लगी । वह मेरी जाँघों और टांगों पर हाथ फेर रही थी इसलिए मुझे गुदगुदी का अहसास भी हो रहा था । जब उसने मेरी टांगो पर लगा लिया तो मैंने सोचा था कि वह अब मेरी पीठ के पीछे तेल लगाबे जायेगी , लेकिन?

मीनाक्षी: मैडम, कृपया पीछे मुड़ें।

मैं: आप इस तरफ क्यों नहीं आए?



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मीनाक्षी: नहीं, नहीं मैडम। मेरे लिए ऐसा करना आसान होगा।

हालाँकि मैं उसके इस तरफ नहीं आने से थोड़ा हैरान थी , लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया था । मुझे शुक हुआ कही यहाँ कोई गुप्त कैमरा तो इसी तरफ नहीं था और मैं तब तक मैं उस गुप्त कैमरे का सामना कर रही थी वो मेरे पूरी तरह से नग्न अगर भाग को रिकॉर्ड कर रहा था और अब जैसे मैंने अपनी गांड मीनाक्षी की तरफ घुमाई, तो मैं वास्तव में कैमरे को अपनी बड़ी नंगी गाँड दिखा रही थी !

कहानी जारी रहेगी

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1. पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

2- औलाद की चाह

3. मेरे अंतरंग हमसफ़र
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

तैयारी

Update -38


परिधान


मीनाक्षी ने मेरी पीठ, मिड्रिफ, दो गाल और मेरी जांघों की पीठ पर तेल रगड़ना जारी रखा और दो से तीन मिनट में तेल रगड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस बीच मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सदा बाथरूम में नंगा ही खड़ी रहूंगी और मैं पूरी तरह से कैमरे के बारे को भूल गयी ।

मीनाक्षी: मैडम, बस कुछ और सेकंड, मुझे टैग्स लगाने दीजिए।

मैं: ओह हाँ! मैं आपसे पूछने वाली थी लेकिन भूल गयी कि ये टैग किस लिए हैं?

मीनाक्षी: मैडम , ये टैग आपके शरीर पर लगाए जाएंगे और महा-यज्ञ के दौरान आवश्यक होंगे।

मैंने अपनी आँखें खोलीं और नोट किया कि मीनाक्षी ने नीले कागज ले लिए और वह मेरे पास आयी और एक टैग मेरे बाएं निप्पल पर और दूसरा मेरे दायें निप्पल पर चिपका दिया ।




11
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मीनाक्षी: मैडम, हमारे शरीर में छह ऑर्गेज्म पॉइंट्स हैं और मैं इन लिटमस पेपरों को वहीं चिपका दूंगी।

मैं: लेकिन मीनाक्षी? मेरा मतलब? उद्देश्य क्या है?

मेरे निपल्स के बाद, उसने मेरी नाभि पर एक चिपकाया। फिर वो मेरी चूत के सामने नीचे बैठ गयी और वहां चिपकाने से पहले मीनाक्षी ने मेरे झांटो के छोटे-छोटे बालो के टुकड़े साफ किए और मेरी चूत के छेद के ठीक बगल में बाईं ओर एक टैग चिपका दिया।

मीनाक्षी: मैडम, महा-यज्ञ में सब चीजों का एक निश्चित उद्देश्य है, सही समय आने दें, आपको इसका महत्व पता लग जाएगा । आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा . वैसे इन छोटो छोटी महत्वहीन चीजों के बारे में आप बिलकुल चिंता मत करो और अपने मुख्या उद्देश्य पर अपना ध्यान केंद्रित रखो ।

महत्वहीन !? वह इसे महत्वहीन कह रही थी ! उसने मेरे निपल्स और चूत पर छोटे-छोटे कागज़ चिपकाए थे ? अब मैं कैसे इसकी पूरी तरह से अनदेखी कर सकती हूं?

उसके बाद उसने मेरी ऊपरी जांघों पर आखिरी दो लिटमस पेपर चिपकाए और इस तरह (निपल्स (2), नाभि, चूत, और जांघ (2)) छह ऑर्गेज्म पॉइंट पूरे किए?

मीनाक्षी: मैडम, अब आप महा-यज्ञ परिधान पहन लीजिये ।



choli

मैंने तुरंत अपनी पैंटी को दरवाजे के हुक से निकाल लिया और पहनने लगी .

उसके सामने मुझे मेरे अंडरगारमेंट्स पहनते हुए बहुत अजीब लग रहा था, इसलिए मैं कपड़े पहनने के लिए थोड़ा दूर हो गयी ।

मीनाक्षी: मैडम, मैडम, कृपया दूर मत जाईये। और कपडे पहनते हुए कृपया इस तरफ का सामना करें। उसने दृढ़ता से आग्रह किया .

उस तरफ का सामना करने के बारे में उसकी दृढ़ता भरा आग्रह देखकर मेरी भौंहें तन गईं! उसने जल्दी से खुद को सभाला। पहली बार मुझे कुछ शक हुआ । मैंने उस तरफ की दीवार को ध्यान से देखा; लेकिन चमकते हुआ उच्च शक्ति के बल्ब और उसके नीचे वेंटीलेटर के अतरिक्त मुझे कुछ भी संदिग्ध नहीं नज़र आया । मेरा पूरा शरीर नंगा था और मैं अभी भी अपनी पैंटी को अपने दाहिने हाथ में पकड़े हुए थी .

मीनाक्षी: मैडम वास्तव में महा-यज्ञ के लिए स्नान करते समय पूर्व दिशा का सामना करना चाहिए , इसलिए मैं आपको ये सुझाव दे रहा थी ? उसने ये भांप कर के मुझे कुछ संदिग्ध लग रहा था मुझे आश्वस्त करने का प्रयास किया

मुझे कमोबेश उसकी बातों पर यकीन हो गया और सामने वेंटिलेटर को देखते हुए मैंने अपनी पैंटी पहनी। मुझे ऐसा लग रहा था कि वेंटिलेटर में कुछ ऐसा है, जो काफी गहराई तक छुपा हुआ है, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं अपने गोल नितम्बो के गालो पर मेरी पैंटी के किनारों को खींचने में व्यस्त हो गयी और ब्रा को भी जल्दी से पहन लिया । उस समय मेरी प्राथमिकता मेरे अंतरंग भागों को पहले तेजी से कवर करने की और सुरक्षित महसूस करने की थी।

लेकिन मैं कितनी सुरक्षित थी मुझे इस पर पूरा संशय है ? यदि मैं बेखबर उस समय इस पर ध्यान देती की मीनाक्षी मुझे उस दीवार का सामना करने के लिए क्यों जोर दे रही थी, कम ऊंचाई पर बने उस वेंटीलेटर की थोड़ी भी अगर जांच कर लेती तो निश्चित रूप से या तो मेरी तस्सली हो जाती के वहां कुछ नहीं था या फिर उस वेंटिलेटर के बारे में मैं ही अति उत्सुक थी या थोड़ा और ध्यान देती तो मैं आसानी से उनकी किसी गंदी हरकत को पकड़ सकती थी जिसमे मैंने कैमरे के सामने अपने 28 साल के शरीर पर एक भी धागे के बिना स्नान किया था और फिर पैंटी पहनने के लिए मैं थोड़ा नीचे झुक गयी और मेरी सुदृढ़ नंगे दूध के टैंक हवा में स्वतंत्र रूप से झूलने लगे थे, फिर उसके बाद पैंटी के अंदर ापीर डालने के लिए अपने पैरों को बारी बारी से उठा लिया था ? मैं बाद में सोच थी क्या मेरा स्नान और कपडे पहनना सब का सब कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था !



मीनाक्षी: मैडम, आपके एक्स्ट्रा-कवर?

मीनाक्षी ने मुझे चिपकने वाली बोतल के साथ छोटे गोलाकार लाल कपड़े के टुकड़े सौंपे। मैंने चिपकने वाले तरल को छोटे गोल कवरों पर चिपकाया और उन्हें मेरी दो उभरी हुई निपल्स पर अपनी ब्रा के भीतर रख दिया।



BRA3

में : मीनाक्षी, यह ब्रा सामग्री हालांकि पहनने के लिए बहुत आरामदायक है, लेकिन पतली है।

मीनाक्षी: हाँ मैडम और उसके लिए ये अतिरिक्त कवर वास्तव में काफी अच्छे रहेंगे मैं अक्सर उनका उपयोग करता हूं क्योंकि मेरे निपल्स अक्सर बहुत अधिक बड़े हो जाते हैं।

ऐसा कहते हुए वह शर्माते हुए मुस्कुराई। मीनाक्षी एक परिपक्व महिला थी और उसके चेरी के आकार की निपल्स स्पष्ट से बड़ी थी।

मैं: लेकिन अगर आप सामान्य ब्रा पहनती हैं तो आपको उनकी आवश्यकता क्यों होगी?

मीनाक्षी: मैडम, आप एक गृहिणी हैं, आप हर समय एक नियमित रूप से ब्रा पहन सकती हैं, लेकिन आश्रम में कई पूजन, हवन आदि होते रहते हैं, जहाँ मुझे केवल ब्लाउज पहनना होता है।

मैं: ओह! फिर तो आपको बहुत शर्म आती होगी ।



STRAP5A



मीनाक्षी: हां, मेरे शुरुआती दिनों में यही भावना थी, अब आदत हो गई है क्योंकि जैसा कि गुरु-जी हमेशा कहते हैं कि ध्यान इन क्षुद्र चीजों से ऊपर नहीं होना चाहिए।

वह थोड़ा रुकी। मैंने अब लगभग पूरी तरह से अपने शरीर पर चोली और स्कर्ट पहन ली थी।



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मीनाक्षी: लेकिन फिर भी मैडम, मैं अपनी सारी शर्म नहीं त्याग सकती। इसलिए मैं इनका उपयोग करती हूं, जो वास्तव में मेरे आसपास मौजूद अन्य लोगों के लिए ब्लाउज पर मेरे निप्पल के उभारो को छुपाते हैं । आप भी इन्हे यज्ञ के दौरान उपयोगी पाएंगे।

कहानी जारी रहेगी
 
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CHAPTER 6 - पांचवा दिन

महायज्ञ की तैयारी

Update -38


महायज्ञ की तैयारी - परिधान पहन लीजिये


मीनाक्षी ने मेरी पीठ, मिड्रिफ, दो गाल और मेरी जांघों की पीठ पर तेल रगड़ना जारी रखा और दो से तीन मिनट में तेल रगड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस बीच मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सदा बाथरूम में नंगा ही खड़ी रहूंगी और मैं पूरी तरह से कैमरे के बारे को भूल गयी ।

मीनाक्षी: मैडम, बस कुछ और सेकंड, मुझे टैग्स लगाने दीजिए।

मैं: ओह हाँ! मैं आपसे पूछने वाली थी लेकिन भूल गयी कि ये टैग किस लिए हैं?

मीनाक्षी: मैडम , ये टैग आपके शरीर पर लगाए जाएंगे और महा-यज्ञ के दौरान आवश्यक होंगे।

मैंने अपनी आँखें खोलीं और नोट किया कि मीनाक्षी ने नीले कागज ले लिए और वह मेरे पास आयी और एक टैग मेरे बाएं निप्पल पर और दूसरा मेरे दायें निप्पल पर चिपका दिया ।

मीनाक्षी: मैडम, हमारे शरीर में छह ऑर्गेज्म पॉइंट्स हैं और मैं इन लिटमस पेपरों को वहीं चिपका दूंगी।

मैं: लेकिन मीनाक्षी? मेरा मतलब? उद्देश्य क्या है?

मेरे निपल्स के बाद, उसने मेरी नाभि पर एक चिपकाया। फिर वो मेरी चूत के सामने नीचे बैठ गयी और वहां चिपकाने से पहले मीनाक्षी ने मेरे झांटो के छोटे-छोटे बालो के टुकड़े साफ किए और मेरी चूत के छेद के ठीक बगल में बाईं ओर एक टैग चिपका दिया।

मीनाक्षी: मैडम, महा-यज्ञ में सब चीजों का एक निश्चित उद्देश्य है, सही समय आने दें, आपको इसका महत्व पता लग जाएगा । आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा . वैसे इन छोटो छोटी महत्वहीन चीजों के बारे में आप बिलकुल चिंता मत करो और अपने मुख्या उद्देश्य पर अपना ध्यान केंद्रित रखो ।

महत्वहीन !? वह इसे महत्वहीन कह रही थी ! उसने मेरे निपल्स और चूत पर छोटे-छोटे कागज़ चिपकाए थे ? अब मैं कैसे इसकी पूरी तरह से अनदेखी कर सकती हूं?

उसके बाद उसने मेरी ऊपरी जांघों पर आखिरी दो लिटमस पेपर चिपकाए और इस तरह (निपल्स (2), नाभि, चूत, और जांघ (2)) छह ऑर्गेज्म पॉइंट पूरे किए?

मीनाक्षी: मैडम, अब आप महा-यज्ञ परिधान पहन लीजिये ।

मैंने तुरंत अपनी पैंटी को दरवाजे के हुक से निकाल लिया और पहनने लगी .

उसके सामने मुझे मेरे अंडरगारमेंट्स पहनते हुए बहुत अजीब लग रहा था, इसलिए मैं कपड़े पहनने के लिए थोड़ा दूर हो गयी ।

मीनाक्षी: मैडम, मैडम, कृपया दूर मत जाईये। और कपडे पहनते हुए कृपया इस तरफ का सामना करें। उसने दृढ़ता से आग्रह किया .

उस तरफ का सामना करने के बारे में उसकी दृढ़ता भरा आग्रह देखकर मेरी भौंहें तन गईं! उसने जल्दी से खुद को सभाला। पहली बार मुझे कुछ शक हुआ । मैंने उस तरफ की दीवार को ध्यान से देखा; लेकिन चमकते हुआ उच्च शक्ति के बल्ब और उसके नीचे वेंटीलेटर के अतरिक्त मुझे कुछ भी संदिग्ध नहीं नज़र आया । मेरा पूरा शरीर नंगा था और मैं अभी भी अपनी पैंटी को अपने दाहिने हाथ में पकड़े हुए थी .

मीनाक्षी: मैडम वास्तव में महा-यज्ञ के लिए स्नान करते समय पूर्व दिशा का सामना करना चाहिए , इसलिए मैं आपको ये सुझाव दे रहा थी ? उसने ये भांप कर के मुझे कुछ संदिग्ध लग रहा था मुझे आश्वस्त करने का प्रयास किया

मुझे कमोबेश उसकी बातों पर यकीन हो गया और सामने वेंटिलेटर को देखते हुए मैंने अपनी पैंटी पहनी। मुझे ऐसा लग रहा था कि वेंटिलेटर में कुछ ऐसा है, जो काफी गहराई तक छुपा हुआ है, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं अपने गोल नितम्बो के गालो पर मेरी पैंटी के किनारों को खींचने में व्यस्त हो गयी और ब्रा को भी जल्दी से पहन लिया । उस समय मेरी प्राथमिकता मेरे अंतरंग भागों को पहले तेजी से कवर करने की और सुरक्षित महसूस करने की थी।

लेकिन मैं कितनी सुरक्षित थी मुझे इस पर पूरा संशय है ? यदि मैं बेखबर उस समय इस पर ध्यान देती की मीनाक्षी मुझे उस दीवार का सामना करने के लिए क्यों जोर दे रही थी, कम ऊंचाई पर बने उस वेंटीलेटर की थोड़ी भी अगर जांच कर लेती तो निश्चित रूप से या तो मेरी तस्सली हो जाती के वहां कुछ नहीं था या फिर उस वेंटिलेटर के बारे में मैं ही अति उत्सुक थी या थोड़ा और ध्यान देती तो मैं आसानी से उनकी किसी गंदी हरकत को पकड़ सकती थी जिसमे मैंने कैमरे के सामने अपने 28 साल के शरीर पर एक भी धागे के बिना स्नान किया था और फिर पैंटी पहनने के लिए मैं थोड़ा नीचे झुक गयी और मेरी सुदृढ़ नंगे दूध के टैंक हवा में स्वतंत्र रूप से झूलने लगे थे, फिर उसके बाद पैंटी के अंदर ापीर डालने के लिए अपने पैरों को बारी बारी से उठा लिया था ? मैं बाद में सोच थी क्या मेरा स्नान और कपडे पहनना सब का सब कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था !

मीनाक्षी: मैडम, आपके एक्स्ट्रा-कवर?

मीनाक्षी ने मुझे चिपकने वाली बोतल के साथ छोटे गोलाकार लाल कपड़े के टुकड़े सौंपे। मैंने चिपकने वाले तरल को छोटे गोल कवरों पर चिपकाया और उन्हें मेरी दो उभरी हुई निपल्स पर अपनी ब्रा के भीतर रख दिया।

में : मीनाक्षी, यह ब्रा सामग्री हालांकि पहनने के लिए बहुत आरामदायक है, लेकिन पतली है।

मीनाक्षी: हाँ मैडम और उसके लिए ये अतिरिक्त कवर वास्तव में काफी अच्छे रहेंगे मैं अक्सर उनका उपयोग करता हूं क्योंकि मेरे निपल्स अक्सर बहुत अधिक बड़े हो जाते हैं।

ऐसा कहते हुए वह शर्माते हुए मुस्कुराई। मीनाक्षी एक परिपक्व महिला थी और उसके चेरी के आकार की निपल्स स्पष्ट से बड़ी थी।

मैं: लेकिन अगर आप सामान्य ब्रा पहनती हैं तो आपको उनकी आवश्यकता क्यों होगी?

मीनाक्षी: मैडम, आप एक गृहिणी हैं, आप हर समय एक नियमित रूप से ब्रा पहन सकती हैं, लेकिन आश्रम में कई पूजन, हवन आदि होते रहते हैं, जहाँ मुझे केवल ब्लाउज पहनना होता है।

मैं: ओह! फिर तो आपको बहुत शर्म आती होगी ।

मीनाक्षी: हां, मेरे शुरुआती दिनों में यही भावना थी, अब आदत हो गई है क्योंकि जैसा कि गुरु-जी हमेशा कहते हैं कि ध्यान इन क्षुद्र चीजों से ऊपर नहीं होना चाहिए।

वह थोड़ा रुकी। मैंने अब लगभग पूरी तरह से अपने शरीर पर चोली और स्कर्ट पहन ली थी।

मीनाक्षी: लेकिन फिर भी मैडम, मैं अपनी सारी शर्म नहीं त्याग सकती। इसलिए मैं इनका उपयोग करती हूं, जो वास्तव में मेरे आसपास मौजूद अन्य लोगों के लिए ब्लाउज पर मेरे निप्पल के उभारो को छुपाते हैं । आप भी इन्हे यज्ञ के दौरान उपयोगी पाएंगे।

कहानी जारी रहेगी
अदभुत लेखनी अति आनंददायी
 

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CHAPTER 6 - पांचवा दिन

आरंभ

Update -01


संकल्प


मैं: ठीक है मीनाक्षी। मुझे वास्तव में अपने अंतरंग अंगों के लिए कुछ विशेष सुरक्षा की आवश्यकता है।

मीनाक्षी: मैडम, आप इस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही हैं क्योंकि ये आपकी सुंदर फिगर को अच्छी तरह से दर्शा रही है ।

उसकी ये बात सुनने के बाद शौचालय से स्नान करने और कपडे बदलने के बाद बाहर निकलते समय हमने परस्पर मुस्कान का आदान-प्रदान किया। गुरु जी का कमरा पहले से ज्यादा धुँआदार लग रहा था। मैंने छोटे कदम लेते हुए चल रही थी क्योंकि मैंने छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी और साथ ही मैंने अपनी गहरी उजागर दरार को ढंकने के लिए चोली को ऊपर की तरफ खींचने की पूरी कोशिश की। पूरा कमरा तरह-तरह के सामानों से भव्य तरीके से सजाया गया था।

जब मैंने धुएं के बीच में से ध्यान से देखा तो मैंने देखा कि पूरा कमरे में कई कटोरे और पूजा के लिए फूलों वाले छोटे बर्तन, कुमकुम, चंदन पाउडर, एक कलश जिसके ऊपर एक नारियल रखा था , घी, चावल और खीर से भरा हुआ कटोरा, सुपारी, लकड़ी के छोटे टुकड़े आदि रखे हुए थे । इसके अतिरिक्त, लिंग महाराज के सामने कमरे के केंद्र में यज्ञ कुंड में अग्नि प्रज्वलित थी और इसके चारों ओर चार दीपक रखे हुए थे।

इसके अलावा, कई सुगंधित अगरबत्ती (अगरबत्ती) कमरे को नशीली गंध से भर रही थीं। गुरु-जी जोर-जोर से मंत्रों का जाप कर रहे थे और इस माहौल को बनाने के लिए हर चीज का व्यापक योगदान था? शाब्दिक अर्थ के तौर पर पूरा मौहौल आध्यात्मिक था।



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वहां ऐसा वातावरण था जिसमे कोई भी व्यक्ति स्वतः ही इस आध्यात्मिक संसार में डूब जाएगा !

गुरु-जी: रश्मि। तुम महा-यज्ञ पोशाक में बहुत दिव्य दिख रही हो !

गुरु-जी की आंखें मुहे इस महायज्ञ परिधान में देखते हुए मेरे चेहरे से लेकर मेरे पैरो तक घूम गई। मीनाक्षी गुरु जी को प्रणाम करते हुए कमरे से निकल गई और मैं उदय, संजीव, और गुरु-जीतीनों पुरुषों के साथ उस कक्ष में बिल्कुल अकेली ामहिला रह गई।

गुरु-जी: बेटी, पहले लिंग महाराज की प्रार्थना करेंगे ! आप अपने मन को प्राथना में एकाग्र कीजिये ।

उसने मुझे कुछ फूल सौंपे और मुझे प्रार्थना की तरह हाथ जोड़कर इशारा किया। उदय ने यज्ञ कुंड में कुछ घी डाला? और जैसे ही मैंने अपनी आँखें बंद कीं गुरु-जी ने बहुत ज़ोर से मंत्रों का जाप करना शुरू कर दिया। लिंग महाराज से मेरी एकमात्र प्रार्थना इस यज्ञ की सफलता थी ताकि मैं मातृत्व के अपने लक्ष्य तक पहुंच सकूं। प्रार्थना लगभग दो मिनट तक चली और फिर जब गुरूजी ने मंत्र बंद कर दिया तो मैंने अपनी आँखें खोलीं।

गुरु जी : जय लिंग महाराज! रश्मि, यहाँ आकर मेरे सामने खड़ी हो जाओ।

मैंने गुरु जी के सामने जाने के लिए कुछ झिझकते हुए कदम उठाए क्योंकि मेरी सुडौल जांघें मेरे द्वारा पहनी गई मिनीस्कर्ट के कारण उजागर हो गई थीं। गुरु-जी फर्श पर बैठे थे, जिस कोण से वह मुझे देख रहे थे, उस वजह से मैं और अधिक असहज हो गयी थी । उस समय उदय और संजीव मेरे पीछे खड़े थे।

गुरु-जी: रश्मि, इस परिधान को पहनकर आप में कुछ संशय और घबराहट देख रहा हूँ! ऐसा क्यों है?

मैं हां? मेरा मतलब है नहीं गुरु-जी, अब ठीक है।



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गुरु-जी: मुझे आशा है। फिर ऐसे क्यों खड़ी हो? रश्मि मन को आराम दो। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपके दिमाग को बिल्कुल बेफिक्र होना होगा।

मैं अपने पैरों को आपस में चिपकाए खड़ी थी और मैंने अपने हाथ मेरी छोटी स्कर्ट के सामने कर लिए थे । मैंने जल्दी से स्कर्ट के सामने से अपने हाथों को हटाकर उस स्थिति से उबरने की कोशिश की।

गुरु-जी: ये बेहतर है !

मेरे स्कर्ट से ढके शरीर के मध्य क्षेत्र को देखकर गुरु जी हल्के से मुस्कुराये । मैंने भी आराम से खड़े होने के लिए अपने पैरों को थोड़ा सा हिलाया। गुरु जी मेरी सूक्ष्म-मिनी स्कर्ट के नीचे मेरे शरीर के नग्न अंगो को गौर से देख रहे थे।



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गुरु जी : ठीक है। अब आपको सफल महायज्ञ करने का संकल्प करना होगा । और फिर मुझे संकल्प का महत्त्व समझाते हुए बोले हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार किसी भी प्रकार की पूजा से पहले संकल्प अवश्य लेना चाहिए नहीं तो उस पूजन का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो है। हमारे देश में कोई भी कार्य होता हो चाहे वह भूमिपूजन हो, वास्तुनिर्माण का प्रारंभ हो गृह प्रवेश हो, जन्म, विवाह या कोई भी अन्य मांगलिक कार्य हो, वह करने के पहले कुछ धार्मिक विधि संपन्न की जाती उसमें सबसे पहले संकल्प कराया जाता है । यह संकल्प मंत्र यानी अनंत काल से आज तक की समय की स्थिति बताने वाला मंत्र है ।शास्त्रों के अनुसार संकल्प के बिना की गई पूजा का सारा फल इन्द्र देव को प्राप्त होता है। इसीलिए पूजा में पहले संकल्प मंत्र द्वारा संकल्प लेना चाहिए, फिर पूजा करनी चाहिए। संकल्प का मंत्र दाहिने हाथ में जल, पुष्प, सिक्का तथा अक्षत लेकर /संकल्प मंत्र/ का उच्चारण करन चाहिए

फिर गुरूजी बोले : जब तक मैं आरंभिक संकल्प पूजा पूरी नहीं कर लेता तब तक आप यहीं प्रतीक्षा करें।

मैं: जी गुरु-जी।

गुरु-जी ने संकल्प प्रक्रिया की शुरुआत पूजा की शुरुआत से की और मंत्रों का जाप करते हुए लिंग महाराज के चरणों में फूल फेंके। उदय और संजीव उसकी जरूरत का सामान पकड़ा कर गुरूजी की मदद कर रहे थे। मैं हाथ जोड़कर खड़ी प्रार्थना कर रही थी । कुछ ही मिनटों में संकल्प पूजा समाप्त हो गई।

गुरु-जी: अब यहाँ इस आसन (बैठने के लिए कढ़ाई वाला मोटा कपड़ा) पर बैठो।

मेरे दिल की धड़कन उस आसान पर बैठने के विचार से तेज हो गयी थी? जब मास्टर-जी और दीपु ने मुझे ड्रेस दी थी तो मैंने उस ड्रेस को पहनने के बाद बैठने और खड़े होने इत्यादि की कई मुद्राएँ आज़माईं थी और अब मुझे फर्श पर बैठना था। और उस छोटी स्कर्ट को पहनकर फर्श पर टाँगे मोड़ कर बैठना पड़े, तो मुझे कोई भी ऐसा तरीका नहीं समझ आया जिसमे मैं अपनी पैंटी को अपने आस-पास के लोगों के सामने आने से छिपा पाऊ ।

मैं गुरु-जी के पास आगे बढ़ी और आसन पर खड़ा हो मेरे घुटनों के बल बैठ गयी । मुझे पता था कि यह पर्याप्त नहीं होगा, लेकिन फिर भी मुझे उस समय यही उचित लगा।



गुरु-जी: क्या हुआ रश्मि? आप आधा रास्ता क्यों रुक गयी ठीक से बैठो ?

मैं उस समय केवल यही उम्मीद कर रही थी की गुरूजी यही कहेंगे

मैं: नहीं, वास्तव में?

मेरे हाव्-भाव देखकर गुरु-जी को मेरी समस्या का एहसास हुआ, लेकिन जिस तरह से उन्होंने खुले तौर पर मौखिक रूप से कहा उससे मुझे बहुत ज्यादा शर्म का एहसास हुआ।

गुरु-जी: ठीक है, मुझे लगता है कि आपको अपनी स्कर्ट के ऊपर उठने और सब कुछ दिखाने का संदेह है, क्यों रश्मि, क्या ऐसा है?

मैं शर्म से लाल हो गयी थी मैंने बस फर्श पर देखा और सिर हिलाया। संजीव और उदय की उपस्थिति ने मेरी स्थिति और खराब कर दी थी ।

गुरु-जी: रश्मि लेकिन आपने पैंटी पहनी होगी! संजीव, क्या तुमने रश्मि को पूरा स्टरलाइज्ड सेट नहीं दिया?

संजीव: निश्चित रूप से गुरु-जी। टॉयलेट में मीनाक्षी भी थी। उसने सुनिश्चित किया होगा कि मैडम ने पैंटी पहनी हुई है।


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Lutgaya

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औलाद की चाह

CHAPTER 6 - पांचवा दिन

आरंभ

Update -02


आरंभ



गुरु जी : ठीक है, ठीक है। तो क्यों ? फिर क्या दिक्कत है, रश्मि ?

मेरे माथे पर पसीने की बूंदें आ गयी कि क्या जवाब दूं। उदय और संजीव के साथ गुरु-जी - तीनों पुरुष मुझे ही देख रहे थे। मेरे होंठ केवल अलग हुए लेकिन मैं कोई जवाब नहीं दे सकी । मैं अभी भी अपने घुटनों पर ं बैठी हुई थी




और अब मुझे अपने नितंबों को अपने घुटनों से ऊपर उठाना था और अपने पैरों को मोड़ना था और चौकड़ी मार कर बैठना था ।


गुरु-जी: उदय, अपनी उत्तरीय ( ऊपरी वस्त्र) रश्मि को दे दो (शाल की तरह ढीला ऊपरी शरीर को ढकने का वस्त्र ) । वह इसे अपनी गोद में रख कर बैठ जायेगी ।


उदय के भगवा उत्तरीय -ऊपरी वस्त्र से अपनी नंगी जांघों को ढक कर मैं राहत महसूस कर रही थी और अपने पैरों को मोड़कर आसन पर बैठ गयी । उदय का ऊपरी हिस्सा अब नंगा था और उसका शरीर इतना आकर्षक सुदृढ़ और कसरती था कि मेरी आँखें बार-बार उसकी ओर आकर्षित हो रही थीं। उदय के लिए मेरा शुरुआती क्रश भी इसी वजह से था, लेकिन फिर मैंने यज्ञ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की। लेकिन यह मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि मैं यह भी स्पष्ट रूप से समझ सकती थी कि इस तरह बैठने से मेरी मिनीस्कर्ट मेरे गोल नितम्बो के आधी ऊपर हो गई और मुझे इस स्थिति से ऊपर उठते समय काफी सतर्क रहना होगा।


YMUDRA

गुरु जी : ठीक है, अब अपने हाथों को अपने घुटनों पर फैलाकर रखिये और मन्त्रों को मेरे पीछे पीछे जोर-जोर से दोहराइए।

उन्होंने मंत्रों के साथ शुरुआत की और मैंने अपनी बाहों को अपने मुड़े हुए घुटनों तक फैला दिया जिससे मैं थोड़ा आगे को झुक गयी । मैं गुरु जी के कहे अनुसार मन्त्र दोहरा रही थी इस बार मेरी आंखें खुली थीं, लेकिन जल्द ही मेरी छठी इंद्रिय ने मुझे सचेत कर दिया कि संजीव की नजर मुझ पर है।

शुरू में मैं गुरुजी पर ध्यान दे रही थी था, लेकिन उनकी आंखें आधी बंद देखकर मैंने अपनी आंख के कोने से संजीव की ओर देखा। मेरा अनुमान बिकुल सही था ! मैंने अपने ब्लाउज के नीचे से एक नज़र डाली और पाया कि मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरी दरार और स्तन का काफी भाग नजर आ रहा था क्योंकि मैं थोड़ा आगे को झुकी हुई थी ।

मैं थोड़ी सीधी हुई पर हरेक पोज़ में मेरे ब्लाउज की चौकोर गर्दन के कट के कारण, मेरे बूब का ऊपरी हिस्सा लगातार दिखाई दे रहा था, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह इतना आकर्षक दिखाई देगा। मैंने तुरंत अपना पोस्चर ठीक किया और पीठ को सीधा किया .

गुरु जी : जय लिंग महाराज! तिलक लो? रश्मि ।

मैंने अपने माथे पर लाल तिलक लिया और देखा कि संजीव मुझे देख रहा था। मेरी नंगी जाँघें अब उदय के उत्तरीय से अच्छी तरह ढकी हुई थीं, लेकिन मेरे खुले हुए स्तनों की दरार को छिपाने का कोई उपाय नहीं था।

गुरु-जी: रश्मि , अब जब आपकी दीक्षा पूरी हो गई है और आपने अपनी प्रार्थना लिंग महाराज को दे दी है, तो आपको मंत्र-दान करने की आवश्यकता है? अब

मैं: क्या? वह गुरु-जी?

गुरु जी : इस महायज्ञ में सफलता पाने के लिए तीन गुप्त मंत्र हैं। इनका उच्चारण जोर से नहीं किया जा सकता क्योंकि हमारे तंत्र में इनकी मनाही है। हम में से प्रत्येक आपको एक मंत्र देगा।



YAGYA
मैं: ठीक है गुरु जी।

गुरु-जी: अनीता, इस समय तक तुम्हें एहसास हो गया होगा कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए आपकी कामेच्छा को बढ़ाना होगा।

तुम यहाँ आओ और अग्नि के पास खड़े हो जाओ। उदय, तुम उसे पहला मंत्र दो।

मैं अपने बैठने की स्थिति से उठी और अपनी स्कर्ट को अपने नितम्बो और गांड के ऊपर से सीधा कर लिया। भगवान का शुक्र है! उत्तररिया मेरी गोद में था, जिसने मुझे इन पुरुषों के सामने एक स्कर्ट के ऊपर हओने से योनि प्रदेश के उजागर होने से रोका। मैं उत्तररिया को आसन पर छोड़कर अग्नि के पास जाकर वहीं खड़ा हो गयी ।

गुरु-जी: रश्मि , उदय आपके कानों में लगातार पांच बार मंत्र का जाप करेगा और अब आप सब कुछ भूल कर मंत्र को बहुत ध्यान से सुनेंगे। छठवीं बार आपको मंत्र को खुद बुदबुदाना है। ठीक है ?

मैंने सिर हिलाया और मेरा दिल धडकने लगा, क्योंकि मुझे उस मंत्र को इतने कम समय में दिल से सीखना और याद करना था । मुझे वास्तव में संदेह था कि अगर मैं असफल हो गयी तो क्या होगा।

गुरु-जी: रश्मि बेटी, तुम्हारा चेहरा कहता है कि तुम चिंतित हो! क्यों? मंत्र बहुत छोटा है और इसमें केवल 5-6 संस्कृत के शब्द हैं। ?

मैं: ओ! इतना तो मैं कर लूंगी गुरु-जी।

उदय उस समय तक मेरे पास आ गया था।

गुरु जी : ठीक है। रश्मि , एक और बात, आपने देखा होगा कि श्री यादव के स्थान पर यज्ञ प्रक्रियाएं काफी अंतरंग थीं। तंत्र की कला भागीदारी को रेखांकित करती है। और मुझे उसी भागीदारी की जरूरत है जो मुझे आपके आश्रम प्रवास के दौरान आपसे मिलती रही है। उम्मीद है आप समझ गयी होंगी !

मैंने गुरु जी की ओर हाँ में सिर हिलाते हुए इशारा किया, ?

यहां तक कि जब मैंने पुष्टि में सिर हिलाया, तो मैं थोड़ा चिंतित थी क्योंकि जिस तरह से मैंने यादव के घर पर एक माध्यम के रूप में काम किया तब उन्होंने मेरे युवा शरीर का पूरा फायदा उठाया; मैं सच कहूं तो मैं उसका रिपीट शो नहीं चाहती थी । किसी अनजान व्यक्ति के घर के पूजा घर में इस तरह से मेरे शरीर को टटोलना मेरे लिए, विशेष रूप से विवाहित होने के कारण, एक वास्तविक शर्म की बात थी।

गुरु जी : मैं जानता हूँ रश्मि यह सुखद अनुभव नहीं था क्योंकि विवाहित होने के कारण, पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के स्पर्श पर आपकी पहली प्रतिक्रिया नकारात्मक होती है। और मिस्टर यादव आपके लिए बिलकुल अजनबी थे।



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गुरु जी को एहसास हुआ था कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है? मैंने शर्म से सिर झुका लिया।

गुरु-जी: लेकिन बेटी, आपको यह भी समझना होगा कि यज्ञ का मूल सार और लिंग महाराज को संतुष्ट करने की प्रक्रिया का पालन करना होगा। कोई भी कुछ भी इस मानदंड से ऊपर नहीं है। है ना?

मैं: जी गुरु-जी।

मैं फिर से गुरु-जी के साथ आँख से संपर्क बनाए हुई थी ।

गुरु-जी: हमारा लक्ष्य है आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचाना। तो चलिए उदय महायज्ञ के पहले गुप्त मंत्र से आपको रूबरू कराते हैं। जय लिंग महाराज!

उदय पहले से ही मेरे बगल में खड़ा था।

गुरु-जी : चूंकि यह एक गुप्त मंत्र है, आप उदय के करीब आ जाइए ताकि वह इसे आपके कान में फुसफुसा सकें

कहानी जारी रहेगी
 
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