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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-1


निर्जन समुद्र तट !


मैं रितेश और सोनिया भाभी समुद्र तट पर नाश्ते के बाद ही आ गए थे, इस कारण से समुद्र तट पर भीड़ बहुत कम थी। दिन भी ज्यादा गर्म नहीं था क्योंकि ठंडी हवा चल रही थी। हमारे पास समुद्र तट की ओर बहुत से नारियल के पेड़ थे और हम सब कुछ देर रेत पर टहलते रहे।

रितेश: रश्मि, आज हम समुद्र तट के इस हिस्से में स्नान नहीं करेंगे। एक पत्थर फेंकने की दूरी पर एक और खूबसूरत जगह है। कल मैंने इसका पता लगाया था।

मैं: वाक़ई? कहाँ है?

रितेश: हम रिक्शा से जा सकते हैं। मुश्किल से 15-20 मिनट लगेंगे।

सोनिआ भाबी: यह जानकर बहुत अच्छा लगा।

मैं: चलो फिर चलते हैं। हम यहाँ जितनी देर करेंगे, सूरज जोर से चमकने लगेगा और गर्मी बढ़ जायेगी।

रितेश: ठीक है!

रितेश रिक्शा स्टैंड पर गया और हमारे लिए एक साइकिल-रिक्शा लाया और हम मुख्य सीट पर बैठ गए और रितेश ने खींचने वाले की सीट साझा की। करीब आधे घंटे में हम मौके पर पहुँच गए। दरअसल यह उतना करीब नहीं था जितना रितेश ने शुरू में बताया था। वास्तव में समुद्र तट ने एक मोड़ ले लिया था और हालांकि समुद्र तट का यह हिस्सा काफी ऊबड़-खाबड़ था, लेकिन सेटिंग अच्छी थी।

सोनिआ भाबी: वाह! यह जगह बहुत खूबसूरत लगती है, खासकर पहाड़ी पृष्ठभूमि के साथ।

रितेश: मैंने तुमसे कहा था। यह एक बहुत अच्छी जगह है।

मैंने यह भी नोट किया कि आश्चर्यजनक रूप से वह स्थान बिल्कुल उजाड़ और निर्जन था। रिक्शा वाले और हमारे अलावा उस तट पर कोई नहीं था। इसके अलावा समुद्र तट वास्तव में चट्टानी था।

मैं: लेकिन? लेकिन समुद्र तट बहुत पथरीला लगता है। यहाँ कोई कैसे स्नान कर सकता है?

रिक्शा चलाने वाला: महोदया, यहाँ लोग नहाते हैं। यहाँ रोजाना कई विदेशी आते हैं। बस कुछ देर रुकिए, 11 बजे के बाद ये आना शुरू हो जाएंगे।

रितेश: जाओ और देखो! मैं रिक्शावाले के साथ प्रतीक्षा करने की दर तय कर लेता हूँ।

हम समुद्र तट की ओर बढ़े और रितेश ने रिक्शा वाले से बात की। गहरे नीले पानी में सुनहरी रेत के साथ दृश्य वास्तव में अच्छा था और पृष्ठभूमि में पहाड़ी वास्तव में सुरम्य थी।

रितेश: चलो समंदर में चलते हैं।

हम दोनों वापस लौट आए क्योंकि रितेश पहले से ही वहाँ था और हमने देखा कि रिक्शा वाला भी हमारे कैरी बैग के साथ रितेश के पीछे आ रहा था।

रितेश: वह तब तक इंतजार करेगा जब तक हम स्नान नहीं कर लेते और हमारे कपड़े, कैमरा और सैंडल की देखभाल करेंगा।

सोनिया भाबी: वाह! बहुत बढ़िया!

मैं: लेकिन किसी भी मामले में यहाँ कोई नहीं है। इन्हें कौन चुराएगा?

रितेश: फिर भी रश्मि, सुरक्षित रहना ही बेहतर है। यह हमारे लिए एक अनजान जगह है। है ना?

सोनिआ भाबी: नहीं रश्मि, रितेश ने सही काम किया है। किसी को पहरा देना अच्छा है।

चलते समय हमें सावधान रहना पड़ा क्योंकि समुद्र तट पर बहुत सारे कंकड़ और छोटी-छोटी नुकीली चट्टानें रेत में मिली हुई थीं। हम लगभग पानी तक पहुँच चुके थे और यहाँ समुद्र तट तुलनात्मक रूप से साफ और चट्टानों से रहित था। रिक्शा वाला भी वहीं था, बैग लिए हुए कुछ ही पीछे खड़ा था, जिसमें मेरी एक सलवार-कमीज और भाबी की एक साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज था। हमने एक अंडरगारमेंट सेट भी लिया था और बैग में कैमरा भी था। रितेश कुछ भी नहीं लाया था, क्योंकि उसे विश्वास था कि वह तेज धूप में आसानी से सूख जाएगा।

मैंने अपनी-अपनी चुनरी उतारी और रितेश को सौंप दी ताकि वह उसे पैकेट में रख सके। मेरे बड़े और सुडोल स्तन अब मेरे कामिज़ के अंदर चुनरी के बिना और अधिक स्पष्ट दिख रहे थे। चूंकि रिक्शा वाला काफी पास खड़ा था, मुझे कुछ अजीब-सा लगा। रितेश ने भी अपने शॉर्ट्स उतारना शुरू कर दिए, जो उसने अपनी पतलून के नीचे पहने हुए थे।

रितेश: ठीक है, भाई तुम यहीं रुको। बस पानी से सुरक्षित दूरी बनाकर रखना क्योंकि उस पैकेट में सूखे कपड़े हैं।

रिक्शा वाला: साहब चिंता मत करो। मैं आपके पैकेट की देखभाल करूंगा। लेकिन? लेकिन मुझे लगता है कि?

रितेश: क्या आप कुछ कहना चाहते हैं?

रिक्शा चलाने वाला: हाँ साहब! मैडम के लिए।

यह कह कर उन्होंने भाबी को इशारा किया।

रितेश: क्या?

रिक्शा चलाने वाला: साहब, यहाँ समुद्र का करंट बहुत ज्यादा है। समुद्र में जाते समय साड़ी पहनना एक बड़ा जोखिम है।

सोनिया भाबी: हम गहराई में नहीं जाएंगे और फिर रितेश मेरी बगल में ही होगा।

रिक्शा चलाने वाला: फिर भी महोदया, पानी के तेह बहाव और करंट के कारण आपका संतुलन बिगड़ सकता है। आप यहाँ नए हैं, आप इस जगह में पानी के प्रवाह को नहीं जानते हैं।

भाबी और मैंने एक दूसरे को देखा। हम पानी के करंट के बारे में सुनकर थोड़े चिंतित थे।

रितेश: भाबी, क्या करें?

सोनिआ भाबी: आपका क्या सुझाव है?

रितेश: देखिए भाबी, आखिर वह एक स्थानीय है और समुद्र को हमसे बेहतर जानता है।

सोनिआ भाबी: लेकिन? लेकिन मैं अपने साथ सलवार-कमिज़ नहीं लायी हूँ।

रितेश: भाबी, वह जो कहता है उस पर शब्दशः न करें?

भाबी ने सवालिया नजरों से रितेश की तरफ देखा।

रितेश: आपको सलवार-कमिज़ में बदलने की ज़रूरत नहीं है। हाँ, करंट में साड़ी को मैनेज करना मुश्किल होगा। आप साड़ी यहीं छोड़ सकती हैं।

सोनिआ भाबी: मतलब? तुम्हारा मतलब है? मैं अपने पेटीकोट और ब्लाउज में जाऊँ?

रितेश: हाँ।

सुनीता भाबी: लेकिन? लेकिन मैं येर कैसे कर सकती हूँ?

रितेश: भाबी? यह एक बहुत ही सुरक्षित और निर्जन जगह है। बहुत कोशिश करने पर भी आपको यहाँ देखने वाला एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा।

सुनीता भाबी: वह तो ठीक है, लेकिन?

रिक्शा-चालक: यह पर्यटकों के लिए एक प्रसिद्ध स्थान नहीं है। मैडम यहाँ विदेशियों के अलावा कोई नहीं आता। वे भी लगभग दोपहर के समय आते हैं और आपको तो पता ही है वह तो पूरे कपडे भी निकाल देते हैं ।

स्थिति बहुत ही अजीब होती जा रही थी। दो पुरुष एक विवाहित 40+ महिला को अपनी साड़ी उतारने और स्नान के लिए जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे कि उसे यहाँ कोई भी नहीं देखेगा!

रिक्शा-चालक: मैडम देखिये, पैरों में कुछ भी चिपक जाने से उस धारा में परेशानी हो सकती है।

रितेश: ठीक है। भाबी यहाँ चांस नहीं लेना चाहिए। अपनी साड़ी उसके पास छोड़ दो।

सुनीता भाबी: ओह! ठीक है, जैसा आप कहते हैं।

इतना कहकर भाबी हमसे दूर हो गई और साड़ी खोलने लगी। सुनीता भाबी दिन के उजाले में खड़ी अपनी साड़ी को खोलने लगी और वह भी दो पुरुषों के सामने, विशेष रूप से रिक्शा चलाने वाले के सामने, यह बेहद अजीब लग रहा था। भाबी की सुडौल पीठ और उसकी विशाल गांड को देखकर रिक्शा चलाने वाले की आँखें मानो बाहर निकल आईं। जैसे ही वह हमारी ओर मुड़ी, वह काफी आकर्षक लग रही थी, क्योंकि उसके तंग गोल स्तन उसके ब्लाउज में बहुत बड़े लग रहे थे। भाबी के स्तनों की उजली दरार भी नजर आ रही थी, जो उन्हें हॉट लुक दे रहे थे। भाबी ने अपनी साड़ी रिक्शा वाले को सौंप दी, जिसने मुस्कुराते हुए उसे ले लिया।

रितेश: भाबी आप बहुत अच्छी लग रही हो!

सोनिआ भाबी: बस चुप रहो!

भाबी अपने खुली हुए दरार को ढकने के लिए अपने ब्लाउज को समायोजित करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन यह एक असंभव काम था। तभी मैंने उनकी कमर पर नज़र डाली और चौंक गयी। भाबी को कुछ भी संकेत देने से पहले मैंने अपनी आंखों के कोने से रिक्शा वाले को देखा कि क्या उसने यह देखा है और मेरे पूर्ण सदमे में मैंने देखा कि वह केवल वही देख रहा था! मैं इस निम्न वर्ग के व्यक्ति की गंदी निगाहों को स्पष्ट रूप से समझ रही थी।

जो मैं देख रही थी, रिक्शा वाले की भी उस पर नजर थी!

जारी रहेगी


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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-2


निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरे !
भाबी अपने खुली हुए दरार को ढकने के लिए अपने ब्लाउज को समायोजित करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन यह एक असंभव काम था। तभी मैंने उनकी कमर पर नज़र डाली और चौंक गयी। भाबी को कुछ भी संकेत देने से पहले मैंने अपनी आंखों के कोने से रिक्शा वाले को देखा कि क्या उसने यह देखा है और मेरे पूर्ण सदमे में मैंने देखा कि वह केवल वही देख रहा था! मैं इस निम्न वर्ग के व्यक्ति की गंदी निगाहों को स्पष्ट रूप से समझ रही थी।

जो मैं देख रही थी, रिक्शा वाले की भी उस पर नजर थी!


दरअसल भाबी ने अपने पेटीकोट की गाँठ बाँधने वाली जगह को अपने दाएँ तरफ घुमाया था। महिलाएं जो नियमित रूप से साड़ी पहनती हैं, अक्सर आराम महसूस करने के लिए इस अभ्यास का पालन करती हैं, क्योंकि कभी-कभी जब हमने पैंटी नहीं पहनी होती है और अपनी साड़ी खोली होती है और जब हम सिर्फ पेटीकोट में होती हैं , तो पेटीकोट का चीरा वास्तव में हमारी चूत और योनि क्षेत्र के बालों को उजागर कर देता है। इसलिए अगर हम सिर्फ पेटीकोट को घुमा कर एक तरफ गाँठ बाँधते हैं, तो हमे अधिक सुरक्षित महसूस होता है। सोनिआ भाबी ने भी वैसा ही किया था, लेकिन उसकी लाल रंग की पैंटी उसके पेटीकोट के चीरे से साफ दिखाई दे रही थी! बेशक भाबी इस बात से अनजान थी और उस रिक्शाचालक को एक बहुत ही सेक्सी नजारा पेश कर रही थी।

हम सब पानी की ओर चलने लगे और मैंने भाबी को कोहनी मारी और उसके पेटीकोट के चीरे के बारे में संकेत दिया। जै उसने इसे जल्दी से समायोजित कर लिया।

रितेश: यह क्षेत्र कमोबेश चट्टानों और कंकड़ से साफ है। क्या कहती हो रश्मि ?

मैं हां? ठीक लगता है।

जैसे ही हमने पानी में प्रवेश किया, हम आसानी से पानी के प्रवाह और करंट को समझ सकते थे। हमने एक-दूसरे को कस कर पकड़ रखा था क्योंकि समुद्र हमारे पैरों के नीचे रेत को को काटने लगा था। हालांकि समुद्र शांत दिखाई दे रहा था, लेकिन एक तेज अंतर्धारा थी। सोनिआ भाबी हमारे बीच में थीं और पहले से ही मैं जानती थी कि वो दोनों सही अर्थ में एक-दूसरे की ओर झुक रहे थे।

भाबी और मैं हर तरह की चीख-पुकार कर चिल्ला चिल्ला कर मस्ती कर रहे थे क्योंकि रितेश ने हमें समुद्र में अधिक से अधिक अंदर तक खींच लिया था । रितेश हम दोनों को संभालने वाले एक अच्छे अनुभवी तैराक लग रहे थे। रितेश ने अचानक हमारा हाथ छोड़ दिया और हम पर समंदर का पानी छिड़कने लगा। और यह आकस्मिक था, लेकिन उसने गंभीरता से हमारे ऊपरी हिस्सों को भीगाना शुरू कर दिया। अभी तक मैं जाँघों तक गीली थी , लेकिन अब रितेश ने मेरे ऊपर के हिस्से को भिगो दिया। स्वाभाविक रूप से मेरे स्तन मेरी पोशाक पर अधिक स्पष्ट दिख रहे थे और ठंडे पानी ने तुरंत मेरे निपल्स को कठोर बना दिया। सभ्य दिखने के लिए मैंने अपनी कमीज को आगे किया । भाबी जोर से हंस रही थी और रितेश को मुझे और गीला करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी!

मैं: अरे? रितेश, रुक जाओ ।

रितेश :: अणि में गीला होने से डर रही ही

और रितेश हंस रहा था और शायद भाबी के प्रोत्साहन से अब मुझ पर पानी बरसा रहा था और कुछ ही समय में मेरा सामने वाला हिस्सा भीग गया था। मेरे बूब्स ऐसे लग रहे थे जैसे दो पके अमरूद धूप में चमक रहे हों। मैं अब काफी आवेश में आ गयी थी और पहले रितेश को उसी तरह भिगाया और फिर मैंने मेरा ध्यान भाबी की ओर लगाया।

मैं: भाबी, जब वह मुझ पर पानी डाल रहा था, आप बहुत एन्जॉय कर रही हो? अब देखें कैसा लगता है।

भाबी ने जिस तरह से मुझे गीला करने के लिए रितेश को उकसाया, उससे मैं वास्तव में काफी नाराज थी । रितेश औरमैंने दोनों ने भाबी पर हमला किया और एक झटके में वह पूरी भीग गई। उसका ब्लाउज भीग गया और उसकी सफेद ब्रा अब बहुत साफ दिख रही थी।

मैं: अब, कैसा लग रहा है आप को ?

मैंने किसी तरह खुद को कोई भी गाली बोलने से नियंत्रित किया। भाबी अब गीली हालत में बेहद सेक्सी लग रही थीं, खासकर बिना साड़ी के।

रितेश: भाबी, देखो वहां क्या है कितना बड़ा पक्षी !

भाबी के साथ मैंने भी ऊपर देखा और रितेश ने उस मौके का फायदा उठाया और भाबी को पानी में धकेल दिया, क्योंकि वह उस पल के लिए पूरी तरह से बेफिक्र थी। मुझे भाबी को उस असहाय अवस्था में देखकर बहुत अच्छा लगा और रितेश और मैं दोनों को बहुत हंसी आई। हालांकि रितेश ने जल्दी से भाभी को पकड़ लिया, नहीं तो समुद्र का तेज प्रवाह उसे और समुद्र में खींच लेता। लेकिन उस समय तक भाबी पूरी तरह से अपनी कमर तक नग्न हो गयी थी । जैसे ही वह गिरी और पानी में पूरी तरह से उसका पेटीकोट उसकी कमर तक उठ गया और उसकी मांसल जांघों को उजागर कर दिया और उनकी कमर के पीछे केवल उनकी लाल पैंटी काफी देर तक चमकती रही। सोनिआ भाबी ने थोड़ा नमकीन पानी पिया लेकिन फिर वो खांस रही थी और ठीक होने में एक मिनट का समय लगा।

रितेश: क्या तुम अब ठीक हो? आशा है कि आप आहत नहीं हैं?

सोनिआ भाबी: नहीं, नहीं, मैं ठीक हूँ। अच्छा मज़ाक था ।

वह फिर भी खांसते हुए हंस रही थी।

रितेश: लगता है तुमने खारा पानी पी लिया है!

सोनिआ भाबी: हां, काफी।

रितेश: तो मुझे इसे बाहर निकालने की जरूरत है?

सोनिआ भाबी: लेकिन कैसे?

रितेश: सिंपल! रश्मि , एक बार अपनी आँखें बंद करो?

मैं क्यों?

रितेश: मुझे पानी पंप करना है।

मैं: जिस तरह से आपने हमें गीला किया है उसके बाद क्या कोई शर्म बाकी है?

सोनिआ भाबी: सच कह रही हो तुम रश्मि ?

रितेश: तो मैं पंप करना शुरू कर रहा हूँ?

सोनिआ भाबी: लेकिन? आख़िर कैसे?

रितेश: सिंपल! ऐसे ही? जितना अधिक आप पंप करेंगे, उतना अधिक पानी निकलेगा?

यह कहते हुए कि उसने अचानक भाबी के स्तन पकड़ लिए और उन्हें एक साथ निचोड़ लिया। स्वाभाविक रूप से सुनीता भाबी ने उनसे इस तरह के कृत्य की उम्मीद नहीं की थी और झपकी लेते हुए पकड़ी गई थी और उन्हें अपने स्तनों के निचोड़ को बर्दार्श्त पड़ा था।

सोनिआ भाबी: तुम? तुम बहुत शरारती और बदमाश हो !


रितेश ने इसे इतने कैजुअल और चंचल अंदाज में किया कि हम सब हंस पड़े। मैं इस कृत्य को भाबी के कमरे में कल रात के नाटक के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही थी और मैं उन्हें आनंद लेने के लिए और अधिक मौका प्रदान करने के लिए उत्सुक थी ।

रितेश: ओये- हेलो । यहाँ आओ!

उसने रिक्शा वाले को इशारा किया जो किनारे पर खड़ा हमें देख रहा था।

सोनिआ भाबी: तुम उसे क्यों बुला रहे हो? मै पूरी गीली हूँ?

मैं: हाँ, तुम उसे यहाँ क्यों बुला रहे हो?

रितेश: ओह! तुम लोग बहुत परेशान हो! मेरे पास आज आनंद लेने की पूरी योजना है। वह बियर ला रहा है। यह बहुत मजेदार होगा, मुझे यकीन है।

सोनिआ भाबी: लेकिन?

मुझे अब एहसास हुआ कि यह एक सुनियोजित बात थी। उसने उस आदमी को बियर लाने के लिए पहले ही पैसे दे दिए थे

मैंने पीछे मुड़कर देखा कि वह आदमी अपनी लुंगी को लगभग कमर तक घुमा चुका था और हमारे पास आ रहा था।

रितेश: भाभी, पर क्या? वह आपको गीली हालत में देखेगा? क्या आप शर्मिंदा हो? मेरी प्यारी भाभी, क्या आप जानती हैं कि जब मैं कल उसके साथ आया था तो हमने यहाँ क्या देखा था?

सोनिआ भाबी: क्या?

रितेश: भाबी, आप चिंतित हैं कि आप इस गीले पोशाक में अच्छे नहीं लग रही हो ? लेकिन कल हमने दो विदेशी अधेड़ उम्र की महिलाओं को पूरी तरह से टॉपलेस समुद्र से बाहर आते देखा? वे सिर्फ जाँघिया पहने हुयी थी ! और वह भी बहुत गैर-मौजूद प्रकार- मतलब छोटी सी ? उस नज़रिये से भाभी, आप बहुत ढकी हुयी हो?

सुनीता भाबी कुछ कहने ही वाली थी, लेकिन रिक्शा वाला हाथ में बीयर की दो बोतलें और चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ रितेश के पास आ गया ।

रितेश: धन्यवाद यार!

वह वहीं खड़ा रहा और अब हम दोनों को घूर रहा था। मेरी गीले कमीज में मेरे स्तन बहुत प्रमुख दिख रहे थे और मेरी पोशाक का निचला हिस्सा भी मेरी जांघों और गांड से चिपक रहा था और मेरे अंगो के आकर का पूरा नजारा हो रहा था। बस मैं नंगी नहीं थी और गीले कपडे पहने हुई थी । भाबी औ भी गंदी स्थिति में थी और उसके पतले ब्लाउज में से उजागर उसके निप्पल की छापों को स्पष्ट रूप से दिख रहे थे ! ब्लाउज के अंदर उसकी ब्रा ब्रा का पट्टा, कप, हुक, और इलास्टिक बैंड बहुत ही स्पष्ट थे!

रितेश ने अपने दांतों का उपयोग करके एक बोतल खोली और रिक्शा चलाने वाला भी दूसरे को खोलने के कार्य के बराबर सिद्ध हुआ । रितेश ने भाबी को बोतल थमा दी और उससे दूसरी ले ली और उसे निगलने लगा । एक बार में आधी बोतल खाली हो गई और फिर उसनेबाकी बोतल रिक्शा वाले को थमा दी।

रितेश: तुम भी एक घूंट लो!

रिक्शा चलाने वाला: ज़रूर साहब!

पलक झपकते ही बीयर की बोतल खाली हो गई और उसने उसे पानी में फेंक दिया और अपनी लुंगी को ठीक करने लगा। उसने अपनी लुंगी पहले से ही बहुत ऊँची उठा रखी थी और अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वह अपनी लुंगी को जिस तरह से ऊपर उठाएगा, वह निश्चित रूप से हमारे सामने अपनी डंडी दिखायेगा। भाबी और मैं बीयर की दूसरी बोतल शेयर कर रहे थे। यह स्थानीय बियर काफी स्ट्रांग थी । हालांकि इसका स्वाद सबसे अच्छा नहीं था, लेकिन माहौल ने इसने हम सभी का मूड अच्छा बना दिया।इस सब के बीक मेरे लिए बेचैनी की एक ही हवा थी, हमारे बीच उस निम्न श्रेणी के रिक्शाचालक की उपस्थिति।

मुझे एहसास हुआ कि मेरे पैरों के नीचे पानी बढ़ रहा है और मैं रितेश को यह बताने वाली थी, लेकिन अचानक एक बड़ी लहर आई और पानी का स्तर काफी बढ़ गया और हमारी कमर तक आ गया। मुझे एहसास हुआ कि इस लहर के कारण मेरी पैंटी मेरी पोशाक के अंदर पूरी तरह से गीली हो गई है। भाबी अधिक गंदी स्थिति में दिखाई दी क्योंकि लहर ने उसके निचले हिस्से को पूरी तरह से भिगो दिया था और उसका गीला पेटीकोट खतरनाक रूप से नीचे की ओर खिसक गया था जिससे उनके सुडौल नितम्ब दिखाई दे रहे थे । जब तक वह सतर्क होती और आने कपडे संभालती तब तक दोनों पुरुष उसकी लाल पैंटी के ऊपरी किनारे को आसानी से ताक रहे थे।


जारी रहेगी


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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-3


समुद्र की लहरे !



रिक्शा चलाने वाला : साहब मैं वापस किनारे पर आ जाऊँ या यहीं रहूँ? साहब ध्यान रखना , यह ज्वार का समय है।

मैं: अरे! तुम किनारे पर लौट आओ; हमारे कपड़े वहाँ हैं। साथ ही कैमरा ...

रितेश: लेकिन रश्मि ? आपने ध्यान नहीं दिया कि यहाँ किस तरह से समुद्र का प्रवाह बढ़ गया है! ऐसे में उसे आस पास रखना ही बुद्धिमानी है।

सोनिआ भाबी: हाँ रश्मि ! मुझे लगता है कि रितेश सही कह रहा हैं। देखो समुद्र तट बिल्कुल उजाड़ है। देखो! दूर दूर तक कोई नहीं है । ऐसे में कैमरा पूरी तरह से सुरक्षित है।

मैं पीछे मुड़ी और समुद्र तट बिलकुल खाली और सुनसान था।

मैं: ठीक है, उसे यहाँ रहने दो।

रितेश ने फिर एक चुटकुला सुनाया और हम सभी ने बहुत हँसी आयी और लहरदार समुद्री जल के साथ मेरी नाभि तक मेरी नाभि तक भीगी हुई मैं लगातार हंस रही थी । देसी तौर तेज बियर मुझ पर अपना असर कर रहा थी । रितेश हमारे मूड को खुशनुमा और चंचल बनाने लगा और वह लगातार बात कर रहा था और हमें हंसाने की कोशिश कर रहा था। मुझे एहसास हुआ कि जितना अधिक मैं हँस रही थी , उतना ही पानी में हिल रही थी और असंतुलित हो रही थी ; भाभी के साथ भी ऐसा ही था। हम महिलाओं के लिए स्थानीय निर्मित बीयर निश्चित रूप से थोड़ी बहुत तेज थी।

रितेश पानी में तरह-तरह की कलाबाजी करने लगा और वह भाबी के काफी करीब डुबकिया लगा रहा था। और उसने सुनीता भाबी का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी चंचल गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश की और ऐसा करते हुए वह खुले तौर पर भाबी को अंतरंग भागों में छू रहा था। भाबी हंस रही थी और पूरी बात का आनंद ले रही थी। रितेश बोल्ड हो रहा था और भाबी को उसके कंधे, पेट, कमर पर छू रहा था, और दो बार मैंने देखा कि उसने उनके बड़े नितम्बो पर भी उसने विनोदी ढंग से चिकोटी काटी । कहने की जरूरत नहीं है कि सुनीता भाबी की ओर से कोई विरोध या बाधा नहीं थी।

जब मैं रिक्शा वाले की ओर मुड़ी तो मैंने देखा , वह स्वाभाविक रूप से उस दृश्य का आनंद ले रहा था और जाहिर तौर पर उनके करीब आ रहा था! अगले ही पल एक तेज लंबी लहर आई और हम सभी बड़ी लहर के लिए सतर्क नहीं थे । लहर ने हमें लगभग डुबो दिया और हम मुश्किल से अपने सिर को जल स्तर से ऊपर रख पाए। रितेश ने भाबी और मुझे अपने हाथों से पकड़ लिया और सौभाग्य से लहर बहुत जल्दी पीछे हट गई और सौभाग्य से उसके बाद जल्दी से कोई लहर नहीं आयी और इसलिए हम जल्दी से किनारे की और तो पीछे आये और खुद को पुनर्गठित किया।

अगली लहर जब आयी तो इस बार सोनिआ भाबी और मैं पूरी तरह से डूब गए थे, सचमुच नाक तक । मैं महसूस कर सकती थी कि मेरी ब्रा पूरी तरह से भीग रही है और ठंडे पानी से तुरंत मेरे निप्पल सूज गए हैं और मेरी ब्रा के अंदर सख्त हो गए हैं। मैंने पल भर में अपने स्तनों को नीचे देखा, मैं यह देखकर चौंक गई कि मेरे कामिज़ पर मेरे निप्पल के निशान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं! अचानक आई लहर ने हमें बहुत करीब ला दिया था और अब रितेश, सुनीता भाबी, रिक्शाचालक और मैं पानी में एक दुसरे के काफी करीब खड़े थे। जैसे ही मैंने ऊपर देखा, मेरी आँखें सीधे उस बदमाश रिक्शेवाले से मिलीं और वह मेरे बड़े गोल स्तनों को अचूक रूप से देख रहा था, जो मेरी गीली कमीज पर दिखाई देने वाले निप्पल के निशान के साथ बेहद सेक्सी लग रहे थे।

रितेश: चलो आगे बढ़ते हैं भाबी! असली रोमांच लहरों के साथ खेलने में है और यहाँ किनारे पर नहीं।

रिक्शा चलाने वाला : लेकिन साहब अभी ज्वार-भाटा है, ज्यादा आगे मत बढ़ो। अच्छे तैराक भी तेज प्रवाह की अंतर्धारा से निपटने में असमर्थ होते हैं।

रितेश: नहीं, नहीं, हम केवल कुछ ही कदम आगे जाएंगे । चलो भाभी! अनीता?

मैं: नहीं, नहीं रितेश। मैं रही ठीक हूं। तुम भाभी के साथ जाओ ।

रितेश: ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी। भाभी, आओ।

सोनिआ भाबी के अनुमोदन की प्रतीक्षा किए बिना, रितेश ने उसे अपने हाथ से खींचना शुरू कर दिया और समुद्र में और आगे बढ़ गया। भाबी ने हालांकि हल्का सा विरोध किया, लेकिन वह रितेश को रोकने के लिए बहुत नम्र था।

रिक्शा चलाने वाला : साहब, अगर आप कहो तो मैं साथ चलूँ?

रितेश: बेशक, आप एक विशेषज्ञ हो । हमारे पास रहो।

तो मैं घुटने से जांघ तक ऊंचे पानी में रही और भाबी, रितेश, और वह आदमी आगे बढ़ गए । जैसे ही भाबी मेरे पास से गुज़री, मैंने देखा कि उसकी पेटीकोट, यहाँ तक कि उसकी गांड की दरार से भी उसकी बड़ी-सी लहराती हुई गाँड साफ-साफ दिखाई दे रही थी। पेटीकोट पीछे से काफी नीचे खिसक गया था जिससे उसकी लाल पैंटी टॉप भी दिख रही थी! भाभी इस बात से पूरी तरह अनजान थी और दो आदमियों के साथ चल पड़ी।

रितेश को आखिरकार बहुप्रतीक्षित अवसर मिल ही रहा था कि उसने भाबी को कमर से पकड़ रखा था। मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा क्योंकि मुझे कुछ गर्म देखने का अनुमान था और मैंने तुरंत एक या दो कदम आगे बढ़ाया ताकि मुझे एक पल स्पष्ट दिखे । जल्द ही एक लहर उनके पास आ रही थी और रितेश ने बस उसके आने का इंतजार नहीं किया और सुनीता भाबी को गले लगा लिया और उनके चिपके हुए शरीर पर पानी भर गया। जैसे-जैसे लहर कम हुई, वे जल्दी से अलग हो गए, लेकिन रितेश का दाहिना हाथ अभी भी भाबी की पीठ को घेरे हुआ था और उसका हाथ उनकी कांख के नीचे चला गया और निश्चित रूप से वो भाभी के दाहिने स्तन को सहला रहा था। मैं यह नहीं देख पा रहा था क्योंकि उनकी पीठ हमारी ओर थी। मैंने देखा कि रिक्शा वाला भाबी के पास खड़ा सब कुछ देख रहा था ।

एक अनजान आदमी के सामने सोनिआ भाबी की बेशर्मी देखकर मैं थोड़ा हैरान थी ! मैं अच्छी तरह से समझ गयी थी कि उनको अपने पति से उचित शारीरिक ध्यान नहीं मिल रहा था और इसलिए वो इसे चाह रहे थी और रितेश एक कुंवारा लड़का जो की उनके उभारो को देख कर आकर्षित था , लेकिन उन दोनों को शालीनता बनाये रखनी चाहिए थी ! वह अनजान आदमी आपसे कुछ ही फीट की दूरी पर खड़ा था और भाबी रितेश को खुलेआम अपने स्तनों को निचोड़ने दे रही थी !

सोनिआ भाबी हँस रही थी क्योंकि लहरें लगातार उन्हें भीगा रही थीं और अब वह भी प्रेमियों की तरह रितेश को करीब से पकड़ रही थी । मैंने देखा कि रितेश बार-बार अपना बायाँ हाथ भाबी के ललाट क्षेत्र की ओर ले जा रहा था और मुझे आश्चर्य हो रहा था कि वह क्या कर रहा था वो जरूर उनके दूसरे स्तन को भी निचोड़ रहा होगा और दबा रहा होगा, जिसे मैं देख नहीं पा रही थी ।

वे और आगे बढ़े और मुझे भी एक कदम आगे बढ़ाना पड़ा ताकि मैं भी हर क्रिया को करने के लिए आस-पास ही रहूं। अब दो-दो विशाल लहरें एक साथ आ रही थीं, और जो वो उनपर से गुजरी तो मैं केवल उनके सिर देख सकती थी क्योंकि वो दोनों ऊँची औरर तेज लहरे थी। मैंने भाबी को चिल्लाते हुए सुना और लहर में तैरते हुए रितेश ने उसे कसकर गले लगा लिया।
!
सोनिआ भाबी: हाय! इस्सस! रिटेशहहह! मुझे सम्भालो ... . उईईई!

सच कहूं तो उस समय मुझे समझ नहीं आ रहा था कि सोनिआ भाबी की समस्या क्या है। वह रितेश की गोद में थी और संतुलित भी थी। रितेश अब बहुत खुलेआम भाबी के ब्लाउज के अंदर गीले हो चुके स्तनों को बगल से सहला रहे थे।

रितेश: अरे, क्या हुआ?

सोनिआभाबी : ओइइइइइइइइइइ माँ! क्या कर रहे हो ? ईईआई !

अचानक मैंने देखा कि कुछ दूरी पर पानी में कुछ तैर रहा है।

यह सुनीता भाबी का पेटीकोट थी!

लहरें इतनी जोरदार थीं कि भाबी जहां वह खड़ी थी उस रेत के तल से हटा दिया गया होगा और पेटीकोट पूरी तरह से गीला होने के कारण भारी हो गया था और गाँठ ढीली हो गई होगी, और रितेश की गोदी और बाहो में जब वो में संतुलित हुई तो यह उनके पैरों से नीचे फिसल कर निकल गया था। अब वो सिर्फ अपने ब्लाउज और पैंटी में दो आदमियों के सामने खड़ी थी! गनीमत रही कि पानी उसकी कमर तक ढका हुआ था। जैसे ही वह खड़ी हुई , मेरी आँखें स्वतः ही उनके नारियल जैसे स्तनों की ओर आकर्षित हो गईं और कोई भी उसके पूर्ण आकार के सूजे हुए निपल्स को उसके ब्लाउज के माध्यम से स्पष्ट रूप से देख सकता था और उनका ब्लाउज भीगने के कारण लगभग न के बराबर था।

रितेश: ओह! आये होये ! आपका पेटीकोट?. भाबी, आपका पेटीकोट चला गया है! हा हा हा ! हो हो हो!

मैंने दूर से देखा की भाबी का चेहरा शर्म से लाल हो गया था और उसने दो पुरुषों के सामने अपनी उजागर अवस्था को महसूस करते हुए पानी की ओर देखा।

रिक्शा चलाने वाला : मैडम मैंने आपको करंट के बारे में चेतावनी दी थी। जरा रुकिए मैडम, मुझे इसे बहने से पहले इकट्ठा करने दीजिए।

वह पानी में तैरा और भाबी का पेटीकोट उठाया, जो इतने कम समय में पानी पर कुछ दूरी तय कर चुका था। वह वापस आया और उसे भाबी को सौंप दिया।

रितेश: भाभी आप पानी में खड़ी होकर इसे कैसे पहनेंगी? असंभव।

सोनिआ भाबी: लेकिन? लेकिन रितेश मैं इस तरह खुले में खड़ा नहीं रह सकती ?

रितेश: चिंता मत करो भाबी! मैं जाँच करता हूं? उह! कुछ भी नहीं देखा जा सकता है? पानी आपको पर्याप्त रूप से छुपा रहा है। हा हा?

सोनिआ भाबी: बस चुप रहो! कुछ शर्म करो।

रितेश: ठीक है, ठीक है। मैं आपको पकड़ता हूँ और फिर आप इसे पहनने की कोशिश करो।

चूँकि मैं थोड़ा पीछे खड़ी थी , उन्होंने मेरी उपस्थिति को नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन मैं सब कुछ सुन और देख सकती थी । रितेश ने सोनिआ भाबी को पीछे से पकड़ लिया और भाबी ने एक पैर ऊपर उठाया और पेटीकोट के छेद में डालने की कोशिश की। मैं रितेश को पूरी मस्ती करते हुए देख रही थी भाबी अपने क्रॉच और गोल गांड को पेटीकोट में धकेल रही थी और सहारे के नाम पर रितेश उसके पूरे स्तन को दोनों हाथों से दबा रहा था । भाबी पेटीकोट पहनने और अपनी गरिमा बचाने के लिए इतनी उत्सुक थी कि उसने ध्यान ही नहीं दिया कि ज्वार के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।

एक तेज लहर ने उन्हें एक बार फिर झकझोर दिया और भाबी रितेश की पकड़ से फिसल गई और कुछ क्षण के लिए पानी में स्वतंत्र रूप से तैरने लगी। वह अब पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी थी और उसकी गोरी नंगी जांघें और पैंटी सभी को दिखाई दे रही थी। वह रितेश से दूर जा रही थी जो पानी में लड़खड़ा रही थी और तभी रिक्शा वाला उसके बचाव में आ गया। उसने तेजी से भाबी को दूर जाने से रोक लिया। उसने जल्दी से उन्हें वापस खींच लिया और भाबी को गले लगा लिया ताकि वह गिर न जाए। इस प्रक्रिया में उसने भी मौके का फायदा उठाया और भाबी के परिपक्व स्तनों को पकड़ा और उसके भारी नितंबों को कई बार सहलाया। उस आदमी की त्वचा का रंग काला था और उसके काले हाथ सोनिया भाबी के गोरे शरीर पर अधिक स्पष्ट थे।


जारी रहेगी


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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-4


समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !


समुद्र की तेज और बड़ी लहरों के कारणों रितेश की हालत भी खराब थी और वह लगातार लहरों से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा था। रिक्शेवाले ने देखा कि सोनिआ भाबी थक चुकी थी और खारे पानी को पी रही थी, उसने भी इस मोटी सेक्सी गृहिणी को बिना मजे लिए छोड़ा नहीं । मैंने साफ़ देखा कि उसने भी इस मौके का पूरा नाजायज फायदा उठाया और वह अब सीधे भाबी को आगे से गले लगा रहा था जैसे कि उसका समर्थन कर रहा हो और उन्हें उनके कूल्हों से पकड़ रहा था । भाबी अभी भी ठीक से खड़े होने के लिए संघर्ष कर रही थी और वह उसकी बाँहों को पकड़ रही थी और मैंने देखा कि वह सामने से उन्हें अपने छाती पर दबा रहा था और उनके रसीले स्तनों को अपने सीने पर दबाए जाने का आनंद ले रहा था।

अंत में रितेश जब सम्भल गया तो उसने भाबी का पेटीकोट, जो समुद्र में तैर रहा था, उसे उठाया और उनके पास आया।

रितेश: भाबी, मेरी गलती थी । मुझे पहली ही उसकी मदद लेनी चाहिए थी। क्या अब आप ठीक हैं?

भाबी ने बस सिर हिलाया और रिक्शा वाले ने उनका हाथ रितेश को सौंप दिया। मैंने देखा कि भाबी के बूब्स उनके ब्लाउज से लगभग बाहर निकल आए थे। उनका ब्लाउज और ब्रा पूरी तरह से गीला होने के कारण काफी नीचे खिसक गया था और उसके बड़े स्तन दोनों पुरुषों के सामने लगभग आधे नग्न थे।

रितेश: ये रहा आपका बेशकीमती पेटीकोट! यह फिर से फिसल गया। बहुत शरारती लगता है? हा हा हा?

रिक्शा चलाने वाला : मुझे दे दो साहब, मैं संभाल लूंगा; मैं तो पहले ही कह रहा था की मैडम इसे पानी पहन कर दिक्कत महसूस करेंगी ।

रितेश: ठीक है। भाभी चलो फिर चलते हैं। बहुत मजा आया, क्या विचार है ?

सोनिआ भाबी: नहीं, नहीं? तुम जाओ। मैं अब और नहीं कर सकती !

मैंने देखा किरिक्शेवाले ने भाबी के गीले पेटीकोट को मोड़ा और उसकी लुंगी के अंदर डाल लिया ! रिक्शा वाले की लुंगी के अंदर गृहिणी का अंदरूनी पहनावा चला गया !

रितेश: ओह! भाबी। इस बार कोई अनहोनी नहीं होगी। वह भी वहीं रहेगा। प्लीज चलो . यहाँ मजे करने ही तो आये हैं ?

यह कहते हुए कि उसने भाबी को विरोध करने की गुंजाइश नहीं दी और उसे अपने हाथ से समुद्र में खींच लिया। मैं देख सकती थी कि भाबी अनिच्छुक और झिझक रही थी, लेकिन रितेश को रोक नहीं सकी ।

रितेश: अरे तुम, भाभी आप उसका दूसरा हाथ क्यों नहीं पकड़ती ? इस तरह भाभी आप बिल्कुल सेफ रहेंगी।

रिक्शाचालक भी सोनिआ भाबी का हाथ पकड़ने के लिए बेताब था और मेरी आंखों के सामने उन दो आदमियों ने सुनीता भाबी को पकड़ कर समुद्र में कुछ और आगे छलांग लगा दी । यह नजारा देखकर मेरा दिल धड़क रहा था और मैंने कुछ कदम आगे बढ़ गयी ताकि मैं भी कार्रवाई को स्पष्ट रूप से देख सुन सकूं।

रितेश: भाभी ? बेहतर होगा कि आप सतर्क रहें? देखो! एक बड़ी लहर आ रही है।

यह कहते हुए कि उन्होंने भाभी को कसकर गले लगा लिया जैसे वे प्रेमी हों! मैंने देखा कि भाबी भी बेबस होकर उससे लिपट गई थी, क्योंकि वह अभी भी पिछली घटना से पूरी तरह उबर नहीं पाई थी।

रितेश: अरे तुम! तुम खाली क्यों खड़े हो? इन्हे पीछे से पकड़ो।

अब मैंने अपने जीवन का सबसे अविश्वसनीय दृश्य देखा जब उस रिक्शेवाले ने भाबी को पीछे से गले लगा लिया। लहर आयी तो दो आदमी भाबी को गले लगा रहे थे। मैं यह देखने के लिए की क्या हो रहा है मैं इतनी उत्सुक था कि मैं दो कदम और आगे बढ़ गयी !

हे भगवान! मुझे देख कर विश्वास ही नहीं हुआ . रितेश अब सोनिआ भाबी को गले लगाए हुए उसके होठों पर चूम रहा था और रिक्शा वाले के दोनों हाथ पीछे से भाबी की कांख के नीचे थे और स्पष्ट था कि वह क्या कर रहा था। सबसे अधिक गौर तलब बात यह थी कि लहर के थमने और घटने के बाद भी, दोनों आदमी सुनीता भाबी के शरीर से चिपके रहे, एक सामने से और दूसरा पीछे से। जैसे ही अगली लहर आई, मैंने देखा कि रितेश भाबी को उसके कंधों और गर्दन पर किस कर रहा था और उसके हाथ उसकी पीठ से उसके भारी नितंबों की ओर खिसक गए। रिक्शा वाले ने जगह बनाई ताकि रितेश भाबी के मांसल गांड पर अपना हाथ रख सके। मैंने सोच रही थी की क्या भाबी की मानसिक स्थिति इस समय क्या होगी जब दो आदमी एक साथ उनका सेक्सी बदन टटोल रहे थे, लेकिन उसने देख कर लग रहा था की वह पूरी तरह से शारीरिक स्पर्श का आनंद ले रही थी

जैसे ही लहर कम हुई, मैंने देखा कि रितेश ने तुरंत भाबी को छोड़ दिया और अपने शॉर्ट्स खोलने लगे! मैं सन्न थी की उसकी अगली योजना क्या है? चूंकि वहां पानी बहुत अधिक था, इसलिए मैं यह पता नहीं लगा सकी कि वह नग्न है या नहीं! उसने अपनी शॉर्ट्स रिक्शा वाले को थमा दी और उसने जल्दी से उसे वहीं डाल दिया जहाँ उसने भाबी का पेटीकोट रखा था। रितेश ने फिर से भाबी को गले लगाया, लेकिन इस बार भाबी विरोध करती दिख रही थी, लेकिन यह बहुत ही अल्पकालिक था क्योंकि अगली लहर ने उसकी आपत्ति को धो दिया। जिस तरह से रितेश भाबी को गले लगा रहा था और जिस मुद्रा में वह था, मुझे यकीन था कि रितेश नग्न था और वह भाबी की चूत पर अपना लंड दबाने की कोशिश कर रहा था। रिक्शाचालक भी भाबी के विशाल गाण्ड में अपना लिंग क्षेत्र अपनी लुंगी के साथ दबा रहा था।

लहर के पीछे हटने के तुरंत बाद, रितेश ने भाबी को कुछ कदम पीछे धकेल दिया, जहां पानी का स्तर थोड़ा कम था और रिक्शा वाले को उसे छोड़ने का संकेत दिया। भाबी पूरी तरह से भीगने से बहुत उत्साहित थी और दो परिपक्व पुरुषों लगातार उसके अर्धनग्न बदन के साथ चिपक रहे थे. रितेश ने बस फिर उन्हें अपनी ओर खींच लिया और खुलेआम फिर से बहुत ही जोश से किस करना शुरू कर दिया। क्षण भर बाद मुझे उसकी योजना का एहसास हुआ। उसका हाथ भाबी की कमर पर फिसल गया और वह उनकी पैंटी को नीचे खींचने की कोशिश कर रहा था! मैं चौंक गयी और सोच रही थी कि आगे भाबी क्या करेगी। क्या वह सेक्स के लिए अपनी भूख बुझाने के लिए इस तरह खुले में नग्न होने का साहस करेगी?

सोनिआ भाबी इस कार्रवाई पर बहुत सतर्क थी और स्पष्ट रूप से इसके खिलाफ संघर्ष कर रही थी। रितेश ने उसके मोटे होंठों को लगातार चूसते हुए उसे कुछ और कदम पीछे धकेला और अब भाबी की कमर पानी के स्तर से ऊपर थी और उसकी लाल पैंटी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी।

मैं: उफ़!

मेरे मुँह खुला रहा गया और अगला दृश्य देखकर मैं लगभग काँप उठी । रितेश एकदम नंगा था और उसका लंड बड़े पके केले की तरह बाहर निकला हुआ था। उसकी जांघो के बीच बालों का घना जंगल बहुत स्पष्ट था। वह भाबी की बाहों से बचने की कोशिश कर रहा था और पैंटी को उसके बड़े नितम्बो से नीचे सरकआने लगा । कोई भी महिला, चाहे विवाहित हो या अविवाहित, अपने पति के साथ भी खुले में नग्न नहीं होना चाहेगी, और भाबी भी कोई अपवाद नहीं थी।

रितेश: भाबी, । यहाँ कोई नहीं है।

सोनिआ भाबी: नहीं, नहीं?. तुम पागल हो क्या?

रितेश: भाबी प्लीज?. देखिए मैंने भी अपना ब्रीफ खोला है? इसे महसूस करें।

यह कहते हुए कि उसने भाबी का दाहिना हाथ लिया और उसे अपने नग्न लंड पर निर्देशित किया। जैसे ही भाबी अपनी कठोर मर्दानगी की महसूस किया वो पल भर में मंत्रमुग्ध हो गई और उत्तेजित होने लगी , रितेश ने अपनी पैंटी को उसके नितंबों से आधा नीचे कर दिया।

सोनिआ भाबी: नहीं प्लीज रुको !

भाबी ने तुरंत अपनी पैंटी को अपनी कमर तक वापिस खींचने की कोशिश की, लेकिन रितेश अब बल प्रयोग कर रहा था और एक संघर्ष मेरे सामने हो रहा था। भाबी रितेश के साथ झगड़ रही थी, जबकि उसकी मक्खन के रंग की बड़ी गोल गांड आधी खुली हुई थी। भाबी सचमुच एक रंडी की तरह दिख रही थी? उनके आधे से अधिक स्तन का मांस उसके गीले ब्लाउज के ऊपर खुला हुआ था और उनकी पैंटी उनके बड़े गोल कूल्हों से आधी नीचे की ओर खींची जा रही थी जिसे वो दूसरी तरफ से पकड़ कर ऊपर खींच रही थी । रिक्शावाले की निगाह उस पर स्वाभाविक रूप से थी और मैं यह देखकर चौंक गया कि वह अपनी लुंगी के अंदर खुलेआम अपने लंड को सहला रहा है !

रितेश: भाबी, प्लीज?

सोनिआ भाबी: रितेश, नहीं? कृपया ये मत करो ?

रितेश: अरे तुम मजे ले रहे हो ? देख क्या रहे हो एह? इनके हाथ पकड़ो।

वह आदमी मानो फिर से अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था और तुरंत भाबी पर कूद पड़ा और उनके संघर्षरत हाथों को कस कर पकड़ लिया।

सोनिआ भाबी: रितेश? नहीं नहीं? कृपया ऐसा न करें?. मैं एक विवाहित महिला हूँ? कृपया?

भाबी की दलीलें रितेश बहरे कानों तक पड़ीं और रितेश ने झुककर आसानी से अपनी पैंटी को उनकी कमर से नीचे खींच लिया, अपने गोल नितंबों, चिकनी जांघों और अंत में उनके पैरों से बाहर कर दिया। फिर उसने जो किया वह और भी आश्चर्यजनक था! उसने पैंटी को गुच्छा बनाया और उसे दूर समुद्र में दूर फेंक दिया। भाबी अपने शरीर के निचले हिस्से पर बिना धागे के रिक्शाचालक के हाथों में फंसी रही। अब हम सब उसकी चूत के ठीक ऊपर रेशमी, काले, भूरे झांटो के बालों के झुंड की झलक देख सकते थे, जो सौभाग्य से पानी के नीचे था।

सोनिआ भाबी: ईई? क्या? क्या तुम पागल हो गए हो ? क्या कर रहे हो ?

रितेश: तुम इतनी चिंतित क्यों हो? मैं आपको बाजार से एक पैंटी खरीद दूंगा । खुश ?

रिक्शा चालक अब फिर से हरकत में आ गया और यह महसूस करते हुए कि उसे अब भाबी के हाथ पकड़ने की जरूरत नहीं है, उसने उसके ब्लाउज पर उसके बड़े रसदार स्तनों के पीछे से पकड़ना शुरू कर दिया। स्वाभाविक रूप से भाबी पहले से ही रितेश के वर्तमान व्यवहार से काफी चिढ़ गई थी और जब उसे लगा कि रिक्शा वाले ने उसके स्तन पर हाथ रखा है, तो वह फट गई। एक ही झटके में वह पीछे मुड़ी और उस आदमी को बहुत जोर से थप्पड़ मारा।

सोनिआ भाबी : काफ़ी समय से मैं तुम्हें सह रही हूँ। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे इस तरह छूने की?

उस व्यक्ति को इस तरह की प्रतिक्रिया की कभी उम्मीद नहीं थी क्योंकि भाबी ने उसे नहाते समय बहुत अधिक छूट दे दी था और बिल्कुल हतप्रभ लग रहा था।

रितेश: भाबी, भाबी। प्लीज शांत हो जाओ। आप अपना गुस्सा उस पर क्यों निकाल रही हो?

सोनिआ भाबी: तुम इस आदमी से ठीक से व्यवहार करने के लिए कहो।

जारी रहेगी


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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-5


नज़ारे


रितेश: भाबी आप भूलो मत कि जब आप लहरों में बह गयी थी तो उसने तुम्हें बचाया था।

सुनीता भाबी: हुह! बदमाश कहीं का ! तो क्या इसका मतलब उसे बदमाशी की छूट मिल गयी है मेरा पेटीकोट वापस दे दो !

रितेश: भाबी, कृपया शांत हो जाओ। अपना मूड मत ख़राब करो ? हम यहाँ मनोरंजन के लिए तो आए हैं! प्लीज छोड़ो भाभी!

यह कहते हुए कि उसने प्यार से सोनिया भाभी को गले लगा लिया। वो उनके कानों में भी कुछ फुसफुसाया। रितेश जिस तरह से उसे गले लगा रहा था और उसे छू रहा था, उसे देखकर मैं दंग रह गयी यह इतना सामान्य था मानो वह उनका पति हो! भाबी शायद रितेश के सीधे लंड को अपनी चूत पर छूने से ठंडी हो गई थी । मुझे ज्ञात था की भाभी लंड और सेक्स के लिए तरसती हुई एक महिला है इसलिए मैं कुछ कुछ उनकी मनस्थिति समझ रही थी . मैं समुद्र के पानी के ऊपर रितेश और भाबी के नग्न नितंबों की झलक देख सकती थी । रितेश ने धीरे से उसे अपनी बाहों में लेकर फिर से गहरे समुद्र की ओर ले लिया और उसने चुपके से रिक्शा वाले को उनका पीछा करने का संकेत दिया।

लगभग एक या दो मिनट में सब कुछ सामान्य हो गया! भाबी फिर से हँस रही थी और रितेश के प्यार भरे आलिंगन में थी।

रिक्शा चलाने वाला : साहब, जो करना है जल्दी करो, क्योंकि कुछ देर बाद लोग आना शुरू हो जाएंगे ।

सोनिया भाबी: माई गॉड! चलो फिर लौट चलते हैं। रितेश? कृपया? मैं पूरी तरह से नग्न हूँ? मैं इस तरह किसी के सामने नहीं जा सकती !

रिक्शा-चालक : महोदया सही कह रही है साहब! हालांकि मैंने कई विदेशी महिलाओं को बिलकुल नंगी पानी से बाहर निकलते देखा है? कल मैंने आपको कुछ नज़ारे भी दिखाए थे साहब? लेकिन मैडम ऐसा नहीं कर सकतीं।

रितेश: हम्म। लेकिन भाबी, आप उन विदेशी महिलाओं से काम या बहुत पीछे नहीं हैं, अगर आप अपना ब्लाउज उतार दें तो आप अपनी विदेशी समकक्षों के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर सकती है बल्कि मैं तो कहता हूँ आप उनकी मात दे सकती हैं ! हा हा?

सोनिआ भाबी: तुम? बदमाश हो पक्के !

सोनिआ भाबी : रितेश कल आपने यहाँ क्या लजीज नजारा देखा, मुझे भी बताएं.

रितेश: कुछ खास नहीं। बेशक इससे ज्यादा कुछ नहीं?

यह कहते हुए कि उसने अपना दाहिना हाथ भाबी की चूत के पास में खिसका दिया और हालाँकि आगे मैं नहीं देख सकती थी क्योंकि हाथ पानी स्तर पर्याप्त था और हाथ पानी के अंदर था , लेकिन रितेश के हाथ की हरकत से भाबी को उसकी चूत पर जो दुलार मिल रहा था, उसे आसानी से पहचाना जा सकता है। रितेश का शरीर तुरंत झुक गया और वह उस व्यक्ति के सामने उसके प्रेम स्थान पर उसे सहलाता रहा। भाबी बड़ी बेशर्मी से ठहाका लगा रही थी और यह देखकर कि मैं बस अपने भीतर चिल्लायी और सोचा कि अगर मनोहर अंकल ने अपनी पत्नी के इस व्यवहार को देखा होता, तो उन्हें मौके पर ही दिल का दौरा पड़ा होता।

सुनीता भाबी: अरे रुको वह देख रहा है। मुझे बताओ तो सही तुमने क्या देखा ?

भाबी ने ऐसा व्यवहार किया जैसे वह एक किशोरी थी और रितेश उसका प्रेमी था।

रितेश: ठीक है? ठीक। दरअसल कल जब हम इस जगह से निकल रहे थे तो हमने पानी से बाहर आ रही एक विदेशी महिला को देखा जो दूसरों से बिल्कुल अलग थी। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, लेकिन नीचे बिल्कुल नंगी थी! अन्य सभी विदेशी महिलाएं जिन्हें हमने कल देखा था, उन्होंने या तो बिकनी पहनी हुई थी या कम से कम एक पैंटी पहनी हुई थी । लेकिन यह अधेड़ उम्र की महिला सभी को अपनी चुत दिखा रही थी, हालांकि समुद्र तट पर विदेशियों के अलावा कोई नहीं था। हमने वास्तव में झाड़ियों में से चुप कर झाँका।


सोनिआ भाबी पर आपके मुकाबले वो तो बच्ची थी भाबी? मेरा मतलब है आपकी छूट के हिसाब से हालांकि मैंने अभी तक आपका स्वाद नहीं चखा है?

रितेश: तुम? तुम ठग! मैं तुम्हें मार डालूँगी ?

भाबी और रितेश के बीच एक नकली लड़ाई शुरू हो गई और ऐसा करते हुए रितेश ने सुनीता भाबी को आगे और पीछे दोनों तरफ से गले लगाने से लेकर, उसके नितंबों को सहलाने और महसूस करने, उसके स्तनों को दबाने और उसकी जांघों को सहलाने से लेकर लगभग हर जगह छुआ और क्या नहीं किया ।

तभी अचानक मुझे एक चीख सुनाई दी! स्पष्ट रूप से यह भाबी की आवाज थी!

मैंने देखा कि सोनिआ भाबी ने रितेश को अपने शरीर से दूर धक्का दे दिया और वह लगभग एक पैर पर पानी में नाच रही थी और चिल्ला रही थी।

रितेश: क्या हुआ भाबी? क्या हुआ?

रिक्शा-चालक : महोदया? क्या हो रहा है?

भाबी: कुछ मुझे काट रहा है? ओह! मेरे पैर में! ऊउउउउउओओ?. यह मेरे पैर के अंगूठे में छेद कर रहा है रितेश? आह? मदद करो मेरी !

रिक्शा चलाने वाला: हे भगवान! मुझे आशा है कि यह जीव है। साहब झटपट महोदया को उथले पानी में ले जाओ! जल्दी करो साहब! ।

रितेश: ठीक है, तुम मुझे एक हाथ दो।

रितेश और रिक्शा वाले ने भाबी को पकड़ लिया और जल्दी से उथले पानी में वापस आ गए। वे मेरे बहुत करीब थे और मैंने भी बीच-बचाव किया।

मैं: भाबी को क्या हुआ?

रितेश: उसे किसी ने काट लिया था? मैं ठीक से नहीं जानता।

सोनिआ भाबी: यह अभी भी वहीं है?. उहह्ह्ह! माँ। यह मेरे पैर की अंगुली पर चिपक रहा है।

भाबी दर्द से कराह रही थी और रितेश उनके हाथ पकड़ रहा था जबकि रिक्शा वाला उनके पैर पकड़ रहा था। जैसे ही वे तेजी से पीछे हटे, पानी का स्तर कम होता जा रहा था और तुरंत भाबी को अपनी कमर के नीचे नग्नता के बारे में बहुत होश आया।

सुनीता भाबी: ईआई? विराम! विराम! और पीछे मत जाओ? कृपया।

मैं क्यों? यहां पानी अभी भी ज्यादा है। वहां पर आपका पैर देखना आसान होगा।

मैंने किनारे की ओर इशारा किया और जानबूझ कर यह सवाल पूछा, क्यों भाभी ? मानो मैं इस बात से अनजान थी कि उन्होंने पेटीकोट और पैंटी नहीं पहनी हुई थी।

सुनीता भाबी: नहीं, नहीं? मेरा मतलब है? वास्तव में?

रितेश: दरअसल रश्मि , तुम्हें पता है, लहरें इतनी तेज हैं कि किसी तरह भाबी का पेटीकोट बह गया और इसलिए उन्हें शर्म आ रही है। लेकिन मेरे लिए भी ऐसा ही था? मैंने भी अपने शॉर्ट्स को खो दिया । क्या करें? लहरें अभी बहुत तेज हिंसक हैं।

मैं: हे! समझी ।

मैंने बहुत ही मासूमियत से और सामान्य रूप से जवाब दिया ताकि वे असहज महसूस न करें।

मैं: शर्म मत करो भाबी। यहाँ केवल हम ही हैं! यहां और कोई नहीं है।

रिक्शाचालक और रितेश तेजी से भाभी को किनारे पर ले जा रहे थे और मैं उनका पीछा करने लगी । जैसे ही वे किनारे के पास पहुँचे, यहाँ पानी का स्तर काफी नीचे था और दिन के उजाले में भाबी की नग्न गांड, चुत और टाँगे पूरी तरह से हम सभी के सामने आ गए थे। वह अपनी कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी और हवा में लटकी हुई थी, जिसे दो आदमी हाथ और पैर पकड़कर चल रहे थे।

दृश्य बस कमाल था! एक परिपक्व विवाहित महिला को इस तरह देखना अविश्वसनीय था! मैंने देखा कि भाबी ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं, शायद शर्म से। अब हम उसके बाएं पैर के अंगूठे से चिपके हुए एक छोटे लाल जीव और उस क्षेत्र में खून के थक्के को भी देख सकते थे ।

रिक्शा-चालक: साहब जैसा कि मैंने अपेक्षा की थी, यह एक जीव है। वे बहुत खतरनाक हैं।

रितेश: लेकिन हमारे पास यहाँ कोई दवा नहीं है! और भाभी का खून निकल रहा है।

रिक्शा चलाने वाला : आराम से साहब! मैं देखता हूँ ।

जैसे ही उन्होंने भाबी को किनारे पर रेत पर लिटाया , दोनों आदमी भाबी के बालों वाली चुत का निर्बाध दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध लग रहे थे। भट्ठा बहुत लंबा था और घने रेशमी झांटो के बाल उसकी योनि के दोनों किनारों पर थे। कोई भी यह पहचान सकता था कि भाबी की चुत का अत्यधिक उपयोग किया गया था और उन्होंने निश्चित रूप से एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत किया है और अपने पति के साथ खूब चुदाई की है क्योंकि उनकी योनि के होंठ बिना किसी बाहरी प्रयास के खुले हुए थे।

सोने भाबी: रश्मि , कृपया मुझे कुछ दो?. मैं हमेशा के लिए ऐसा नहीं रह सकती ।

रिक्शा चलाने वाला : महोदया, पहले मुझे उस चीज को आपके पैरों से निकालने दो, नहीं तो आपके शरीर में बुरी तरह से जहर फ़ैल सकता है ।

रितेश: बिल्कुल। भाबी बस चुप रहो और धैर्य रखो। उसे पहले उस केकड़े को बाहर निकालने दो।

रितेश एक 40 वर्षीय महिला की खुली चूत के नज़ारे का आनंद ले रहा था और वह चाहता था कि वह कुछ और समय तक उसी अवस्था में खुले में रहे। वह खुद नंगा था और उसका लंड बहुत अजीब तरह से हवा में झूल रहा था। भाबी की परिपक्व चुत को देखकर वह बार-बार अपने डिक को खरोंच और सहला रहा था। मैं निश्चित रूप से बहुत अजीब महसूस कर रही थी क्योंकि स्वाभाविक रूप से मेरी आँखें बार-बार उसके लंड की ओर जा रही थी क्योंकि वह हवा में लहरा रहा था । मैं भाबी के सिर के पास बैठ गया और उसे सांत्वना देने लगी।

रिक्शाचालक इस काम में माहिर लग रहा था और उसने जल्दी से भाबी के पैर के अंगूठे से जीव निकाल लिया और घायल जगह से काफी खून बह रहा था। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उसने जीव को समुद्र में नहीं फेंका, बल्कि उसे रूमाल में कैद कर लिया।

मैं: अरे! तुम जीव क्यों रख रहे हो?

रिक्शा चलाने वाला : पता नहीं इसने मैडम के शरीर में कितना जहर डाला है, शायद बाद में इस जीव की जहर निकालने की जरूरत पड़े।

रितेश: क्या यह संभव है? सच में?

रिक्शा चलाने वाला : हाँ साहब ! आप शहर के लोग गांव की इन तरकीबों को नहीं जानते हो लेकिन मुझे आशा है कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

जारी रहेगी


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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-6


जीव का जहर


रितेश: धन्यवाद । तुम्हारा हमारे पास होना अच्छा रहा नहीं तो हम मुसीबत में पड़ जाते। उफ्फ! रश्मि , तुम्हें पता है, जब भाबी पहली बार चिल्लाई तो मैं बहुत डर गया था । अब आपको कैसा लग रहा है भाभी?

सोनिआ भाबी: जीव हटाया जा चूका है! फिर भी ज्यादा दर्द हो रहा है?

रितेश: एह? ऐसे कैसे हो सकता है?

रिक्शा चलाने वाला: महोदया, जैसा कि मैंने कहा कि जीव के पंजों में जहर है और इसने आपके शरीर में अपने जहर का इंजेक्शन लगा दिया है। मुझे जहर बाहर निकालना है। साहब कुछ और काम बाकी है।

रितेश: ठीक है, लेकिन यह कैसे करोगे ?

रिक्शा-खींचने वाला: मैं इसे चूसूंगा। थोड़ा समय लगेगा, लेकिन मैडम पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी।

सुनीता भाबी: रितेश, प्लीज़? मुझे एक कवर दे दो ? मैं इस तरह खुले में लेटने में बहुत असहज महसूस कर रही हूं। रश्मि ? आप महसूस कर सकती हो ? प्लीज कुछ करो !

रितेश: ठीक है, ठीक है। लेकिन इस समुद्र तट में कोई आवरण कहाँ मिलेगा?

रिक्शा चलाने वाला: साहब, ये रहे आपके शॉर्ट्स और मैडम का पेटीकोट। चलो इन्हे मंदिर ले चलते हैं।

रितेश: मंदिर? आपको यहाँ मंदिर कहाँ से मिला?

रिक्शा चलाने वाला : उस झाड़ी के ठीक पीछे। यह एक परित्यक्त मंदिर है। इसका इस्तेमाल कोई नहीं करता।

रितेश: ठीक है। रश्मि , भाबी को इसे पहनने में मदद करें।

रितेश जल्दी से अपने शॉर्ट्स में आ गया और मैंने भाबी के निचले हिस्से को उस गीले पेटीकोट से लपेट दिया। इतने लंबे समय तक उसकी चूत और गांड पर बिना किसी आवरण के रहने के बाद, वह असाधारण रूप से सभ्य लग रही थी !

रिक्शा चलाने वाला : जल्दी साहब! देर हुई तो जहर फैल जाएगा।

रितेश: ठीक है, ठीक है।

उन्होंने फिर से भाबी को ऐसे पकड़ लिया जैसे उन्होंने उसे पानी से निकाल लिया हो और इस बार मैंने उसका सिर पकड़ने में मदद की। हममें से किसी ने नहीं देखा कि पहले झाड़ी के पीछे टूटी हुई संरचना वास्तव में एक मंदिर था, लेकिन वह बहुत पहले की बात है। मूल संरचना के केवल कुछ अवशेष ही इसके अस्तित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाबी को मंदिर के फर्श पर लिटा दिया गया और वह वास्तव में अपने बाएं पैर में कुछ तेज दर्द हो रहा है ये बता रही थी।

रिक्शा चलाने वाला : चिंता मत करो मैडम, अगर आप सब्र रखेंगी तो कुछ मिनट में ठीक हो जाएगा। साहब, एक बार यहां आ जाओ।

दोनों आदमी आपस में फुसफुसाए और भाबी बहुत चिंतित दिख रही थी।

रितेश: रश्मि क्या आप हम पर एक एहसान कर सकती हैं?

मैं क्या?

रितेश: उनका कहना है कि चूंकि यह एक मंदिर है और अगर कोई स्थानीय व्यक्ति उसे यहां देखता है, तो इससे बड़ी अराजकता और उथल-पुथल हो जाएगी, क्योंकि उन लोगो का यहाँ आना निषेध है।

मैं: ये चीज़ें अब भी यहाँ होती हैं?

रिक्शा-चालक: मैडम, हम भले ही अपनी रोजी-रोटी के लिए शहर में काम करते हैं, लेकिन हम मूल रूप से गांव से हैं और यहां ये चीजें बहुत सख्त हैं।

मैं: ठीक है, मैं समझ सकती हूँ। आप मुझसे क्या करवाना चाहते हैं?

रितेश: आप बस बाहर खड़े हो जाओ और अपनी आँखें खुली रखो। यदि आप किसी स्थानीय व्यक्ति को इस स्थान की ओर आते हुए देखें तो हमें सचेत करें। बस इतना ही।

मैं मान गया और मंदिर के बाहर चली गयी , लेकिन कुछ पलों के बाद मेरी छठी इंद्रिय ही मुझे उन दोनों आदमियों पर नजर रखने के लिए दस्तक दे रही थी। मुझे पूरा यकीन था कि रितेश आज भाबी को बिना चुदाई के नहीं छोड़ने वाला है , लेकिन इस केकड़े की घटना ने उनके रास्ते में एक बाधा डाल दी थी। मैंने तुरंत अपनी स्थिति मंदिर के सामने से पीछे की ओर स्थानांतरित कर दी और मैंने झाड़ियों और झाड़ियों के माध्यम से अपना रास्ता बना लिया और जितना संभव हो सके चुप रहने की कोशिश की। जल्द ही मुझे दीवार में एक छेद दिखाई दिया जहाँ से मैं उस स्थान को देख सकता था जहाँ भाबी पड़ी थी। मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे इस काम के लिए अपनी पीठ थपथपानई चाहिए !

मुझे रितेश और उस आदमी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।

रितेश: वह रिक्शेवाला इस समय इस काम का विशेषज्ञ हैं। यदि आप उसकी बात से सहमत नहीं हैं तो जहर आपके शरीर में फैल जाएगा। तुम क्यों नहीं समझती ? क्या आप तब अस्पताल जाना चाहेंगी ?

सुनीता भाबी: नहीं, लेकिन? रितेश? मैं कैसे कर सकती हूँ?। आखिर मैं एक महिला हूं।

रितेश: कृपया भाभी! सोचिये ! कौन सी बात अधिक महत्वपूर्ण है, आप स्वयं निर्णय लें? आपके शरीर में फैल रहा है यह विष या तुम्हारी लज्जा?

सुनीता भाबी: वो तो ठीक है, लेकिन फिर भी? वह एक बाहरी व्यक्ति है?

रितेश : भाबी, क्या आप डॉक्टर को ऐसा नहीं करने देंगी अगर वो बोलोगे यही इसका इलाज है ! क्या आपकी जिंदगी में कभी केकड़ा काटेगा? नहीं ना? इसलिए?

सुनीता भाबी: हम्म? ठीक है?लेकिन कृपया उसे जल्दी करने के लिए कहें।

रितेश: ज़रूर भाबी।

रिक्शा चलाने वाला : महोदया, और कोई रास्ता नहीं है। जैसा कि मैंने कहा, मैं पहले तुम्हारे पैर के अंगूठे से खून का स्वाद लूंगा और फिर मेरे द्वारा किए गए घाव से खून का स्वाद चखूंगा। स्वाद में अंतर हो तो आप बच जाते हैं, नहीं तो?

सुनीता भाबी: हे भगवान!

रितेश: समय बर्बाद मत करो। आगे बढ़ो ।

रिक्शा चलाने वाला : ठीक है साहब !

रिक्शाचालक भाबी के पैरों के पास बैठ गया और पहले उसका बायाँ पैर पकड़ लिया और उसे अपने मुँह के स्तर तक उठा लिया। स्वचालित रूप से भाबी का पेटीकोट ऊपर उठा और एक सेक्सी अपस्कर्ट नजारा था। मैंने देखा कि रितेश उस पर चिल्ला रहा था जल्दी करो । उस आदमी ने उनके पैर का अंगूठा चूसना शुरू कर दिया और वह इस हरकत से काफी असहज दिख रही थी। भाबी को कुछ उत्तेजना मिल रही होगी क्योंकि उसे अपने पैर के अंगूठे पर गर्म जीभ महसूस हुई। फिर उसने अपना मुँह उठाया और भाबी के शरीर के ऊपर से उसकी गोरी जाँघों पर आ गया। उसने सीधे उसके पेटीकोट को उसकी टांगों पर ऊपर उठा दिया जिससे भाबी की चिकनी मोटी जांघें उजागर हो गईं। फिर से उसके पैर लगभग पूरी तरह से खुले हुए थे और वे दो केले के पेड़ की तरह लग रहे थे। रिक्शा वाले ने अपना मुंह उसकी बायीं जांघ पर लिया और वहां कटे के निशान को चूसने लगा। वह कट मार्क रिक्शेवाले ने तब बनाया होगा जब मैं कमरे के बाहर थी । भाबी अब सिर्फ एक ब्रा और उसके उठे हुए पेटीकोट के साथ बहुत सेक्सी लग रही थी और उस आदमी की जीभ उसकी जांघ के कटे हुए हिस्से को चाट रही थी

सुनीता भाबी: ऊऊ!.. उसस्स्स्सस्स्स्श !

मैं अच्छी तरह से महसूस कर सकती थी कि उस समय भाबी अपने हाव-भाव को नियंत्रित करने में पूर्णतया असमर्थ थी और किसी भी परिपक्व महिला की तरह वह अपनी जांघों के बीच में चूसने के कारण कराहने लगी थी। मैंने देखा कि रितेश पूरी प्रक्रिया देख रहा था और भाबी के बगल में बैठे अपने शॉर्ट्स के अंदर खुलेआम अपना कड़ा लंड खुजला रहा था। यह इतना अश्लील लग रहा था कि वह अपने गीले शॉर्ट्स के ऊपर से अपने लंड को सहला रहा था।

रिक्शा-चालक : साहब बुरी किस्मत! स्वाद वही है! मैडम के पैर के इस हिस्से तक जहर पहुंच चुका है।

रितेश: ओह! कोई बात नहीं आगे बढ़ो। जो करना है वह करना ही होगा। भाबी कृपया सहयोग करें और उम्मीद है कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन ओह! अगर मैंने इस गीली चीज को पहनना जारी रखा तो मुझे निश्चित रूप से सर्दी लग जाएगी।

रिक्शा चलाने वाला : हाँ साहब, इससे छुटकारा पाओ।

रितेश ने फौरन उठकर बड़ी लापरवाही से अपनी शॉर्ट्स खोली और भाबी और उस आदमी के सामने नंगा हो गया। निश्चित रूप से भाबी को उस समय तकलीफ हो रही थी? केकड़े के काटने पर, पानी की धारा में अपना पेटीकोट खो दिया, रितेश ने उसकी पैंटी छीन ली, और बार-बार एक बड़े पुरुष को पूरी तरह से नग्न देखकर वो जरूर उत्तेजित भी हो रही थी । मैंने देखा कि रितेशउनके सिर के पास खड़ा था और भाबी को निश्चित रूप से रितेश के खड़े हुए लंड और उसकी गेंदों का एक अच्छा नजारा मिल रहा था।

रितेश: भाभी, अगर आप उस गीले ब्लाउज को पहनना जारी रखोगी तो आपको भी सर्दी लग जाएगी!

सुनीता भाबी: ओह्ह ? हां? नहीं, नहीं, मैं ठीक हूँ।

भाबी हकलाती रही क्योंकि वह ध्यान से उसके कठोर नग्न लिंग को देख रही थी।

रितेश: क्या ठीक है? क्या आप भी इस जीव के काटने से ठीक होने पर बुखार को पकड़ बीमार होना चाहती हैं?

यह कहते हुए कि वह अपनी नंगी गांड से फर्श पर बैठ गया और उसने भाबी का ब्लाउज खोलने का प्रयास किया।

सोनिआ भाबी: उईईई ? आप क्या कर रहे हो? कृपया मत करो।

रितेश: ओहो भाबी! इसके बाबजूद वैसे भी सब कुछ दिख रहा है ? इस गीले कपड़े को पहनने का कोई फायदा नहीं, मेरी बात मानो ।


जारी रहेगी


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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-7


इलाज


सोनिआ भाबी: ठीक है बुखार हो सकता है? लेकिन फिर भी?। प्लीज रितेश, इसे मत खोलो।

रितेश: देखा? यह बहुत गीला है, तुम्हें सर्दी लग जाएगी मेरी प्रिय भाभी । अच्छी बच्ची बनो!

उसका ब्लाउज कितना गीला था, यह जानने की कोशिश में, रितेश वास्तव में उनके बड़े गोल स्तनों को सहला रहा था। जब उसने देखा कि भाबी अपने ब्लाउज को उतारने के लिए अनिच्छुक है, तो उसने खुलेआम उसके दोनों स्तनों को अपने हाथों से पकड़ लिया और उन्हें निचोड़ना शुरू कर दिया, जबकि भाबी फर्श पर लेटी रही। मैं अच्छी तरह से समझ सकता था कि भाबी ऐसी दयनीय स्थिति में थी और कुछ ही मिनटों में रितेश ने उसे मना लिया और उस रिक्शा वाले के सामने उसका ब्लाउज उतार दिया। भाबी अब अपने गीले सफेद ब्रा और पेटीकोट में लेटी हुई थी, बाद वाला पहले से ही उनकी मोटी जांघों पर खतरनाक रूप से ऊपर चढ़ गया था।

रिक्शा चलाने वाला : साहेब आगे चले ?

मैं सोच रही थी था कि अब आगे उनकी क्या योजना थी और उत्सुकता से इस बहुत ही कामुक सेटिंग को चुप कर देखती रही ।

रिक्शा चलाने वाला: महोदया, जैसा मैंने कहा, मैं आपके मुंह से लार लेकर वहां फैलाऊंगा?

भाबी की गांड की तरफ इशारा करने वाले उस आदमी की इस इशारे को देखकर मैं चौंक गयी !

रिक्शा-खींचने वाला: और फिर आपके शरीर से जहर निकालने के लिए इसी जीव का उपयोग करना होगा । मैडम चिंता मत करो, मुझ पर विश्वास करो। दरअसल ये इसका अचूक उपाय है जो हमे ,मालूम है। अगर किसी के काटने से किसी के शरीर में जहर फैल जाता है, तो उसी जीव को उस व्यक्ति को एक बार फिर काटने दिया जाता है और हम मानते हैं कि जब वो जीव उसी खून का स्वाद चखता है, तो वह वास्तव में जहर को वापस चूस लेता है।

रितेश: हम्म? तार्किक लगता है!

सोनिआ भाबी: लेकिन? मैं वास्तव में उस हिस्से के बारे में सोच कर असहज हूँ?

रितेश: ओहो भाबी, हमने अभी इस पर बात की थी। आपने केवल इतना कहा कि आप इस घटना को अंकल के सामने प्रकट नहीं करना चाहती हैं और इसलिए मैंने आपको सुझाव दिया कि हम आपके पैर की अंगुली को किनारे पर पट्टी बाँध देंगे ?

सोनिआ भाबी: नहीं, नहीं, वो तो ठीक है, लेकिन?

रितेश: लेकिन क्या? आप अंकल से दूसरा दंश छिपाना चाहती हो और निश्चित रूप से अगर यह आपके हाथ, पैर या पेट पर है, तो चाचा इसे आसानी से देख सकते हैं! मुझे लगा कि इसका सुझाव शानदारहै ! अगर आपकी गांड पर कट लग जाए तो यह सबसे सुरक्षित होगा। वह हिस्सा हमेशा आपकी साड़ी, सलवार-कमिज़, या पेंटी या फिर नाइटी से ढका रहता है - आप जो भी पहनती हैं।

सोनिआ भाबी: मैं मानती हूं, लेकिन फिर भी रितेश?

रितेश: अरे! फिर से लेकिन! फिर एहतियात के तौर पर बस यह सुनिश्चित कर लें कि अगले कुछ दिनों तक आप हमेशा अपनी साड़ी के नीचे एक पैंटी पहनें ताकि अंकल कट का निशान न देख सकें।

सोनिआ भाबी: उफ्फ! क्या आप मुझे ये भी सिखाओगे और पढ़ाएंगे? मैं उस पर सहमत हूं, लेकिन? क्या तुम मेरी लार नहीं ले सकते?

रितेश: हम्म। दोस्त तुम? क्या कहते हैं?

रिक्शा चलाने वाला: साहब, अगर मैडम को लगता है कि वह आपको अपनी लार देने में सहज महसूस कर रही है, तो निश्चित रूप से आप लार उठा सकते हैं।

रितेश: वाह ! । क्या अब आप संतुष्ट हो? उफ्फ! भाबी?आप भी इस आपातकाल में किस तरह से आप व्यवहार कर रही हो ?.

यह कहते हुए कि उसने खुलेआम भाबी के रसीले स्तन को उनकी ब्रा के ऊपर से रिक्शेवाले के सामने चुटकी काटी । भाबी अब तक इस तरह की बेशर्मी से काफी सहज लग रही थी!

रिक्शा चलाने वाला : साहब, आप अपनी उँगलियों में मैडम की लार भर ले और फिर उसकी गाण्ड पर मल दीजिये । महोदया, आपको अपना निकालने की ज़रूरत है? मेरा मतलब है आपका पेटीकोट।

सोनिआ भाबी: हुह!

भाबी ने कहीं और देखा और रितेश उस नेक काम को करने के लिए रेंगते हुए आगे बढ़ा । मैं उसकी नग्न गांड को सीधे मेरी ओर इशारा करते हुए देख सकता था जहाँ से मैं झाँक रही थी रेंगते हुए मैं उसकी गांड के बाल भी देख पा रही थी उसने भाबी का पेटीकोट नीचे खींच लिया और बहबै ने सहयोग करते हुए अपनी बड़ी गांड थोड़ा ऊपर उठा दी । मुझे ऐसा लग रहा था जैसे भाबी उसकी निजी संपत्ति हो! भाभी निचले हिस्से में फिर से पूरी तरह से नंगी हो गयी थी , लेकिन इस समय तक उन्हें शायद इसकी आदत हो गई थी।

सोनिआ भाबी: मैं यह नहीं कर सकती। हे भगवान! मैं क्या कर रही हूँ! एसएसएसएसएसएसएसएस?
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं और लग रहा था कि उन्होंने हार मान ली है! रितेश ने अपने दाहिने हाथ की दो उँगलियाँ भाबी के मुँह में डाल दीं और वह उन्हें चाट कर चूसने लगी।

रिक्शा चलाने वाला : साहब, तीन उंगलियां?

रितेश ने एक और उंगली डाली और भाबी को अपने मुंह में सब कुछ समायोजित करने में मुश्किल हो रही थी। जिस तरह से यह दिख रहा था, मुझे तुरंत लगा जैसे राजेश ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया हो। जैसे-जैसे वह उंगलियों को चाटती और चूसती रही, उसकी सांस फूलने लगी। कुछ क्षण तक यही चलता रहा।

रिक्शा-चालक: हो गया। अब मैडम तुम पीछे घूम जाओ ।

रितेश ने भाबी के मुंह से अपनी उंगलियां निकालीं और वे उसकी लार से चमक रही थी । वह पीछे मुड़ी और पेट के बल लेट गई। फिर रितेश ने भाबी के चिकने गोल नितंबों पर अपनी उँगलियों को रगड़ा और मालिश की। वह उस मुद्रा में बस कमाल की लग रही थी जिसमें उसकी गोल कद्दू जैसी गांड छत की ओर थी!

रिक्शा चलाने वाला: साहब, उसकी दरार के अंदर भी डाल दो।

हे भगवान! एक आज्ञाकारी लड़के की तरह रितेश ने भाबी की गहरी गांड की दरार में अपनी उँगलियाँ डालीं और निश्चित रूप से भाबी ज़ोर-ज़ोर से कराह रही थी जिसे लग रहा था कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो रही थी। रितेश का लंड मस्ती में लहरा रहा था और मैं रितेश के लंड को मस्ती से लहराते हुए देख रही थी ? और उसका लंड अब बिलकुल सीधा खड़ा हो गया था।

रितेश: वैसे, आपको यहाँ उसकी लार की आवश्यकता क्यों है?

रिक्शा-खींचने वाला: साहब यह एक एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है और इसलिए ये उसी व्यक्ति की लार होना चाहिए जिसे काटा गया है।

रितेश: हूँ। जो भी हो? भाबी आपके पास गजब की गांड है! अगर मैं तुम्हारा पति होता, तो मैं तुम्हें इस खूबसूरत गांड पर कुछ भी पहनने की इजाजत नहीं देता। में कसम खाता हूँ! क्या बढ़िया आकार है! आह?..

रितेश: अब आगे

रितेश ने भाबी के बहुत मांसल लेकिन तंग नितंबों के हर हिस्से को महसूस करना शुरू कर दिया था और उनकी लोच की जांच करने के लिए उसके गालों को दबाकर जांच कर रहा था!

रितेश: ओह! वो बहुत भाग्यशाली है!

सोनिआ भाबी: कौन?

रितेश: तुम्हारे पति, और कौन? अगर इस उम्र में आपकी गांड इतनी कसी हुई है, तो जब आप २० साल की थी तो कैसी शानदार रही होगी ?


भाभी कुछ भी बिल्टी उससे पहले ही रिक्शा वाले ने इस बिंदु पर हस्तक्षेप किया।

रिक्शा चलाने वाला : साहब अगर आप इजाजत दें तो?

उसने अपने रूमाल से उस जीव को बाहर निकाला और वह छोटी लाल जीव फर्श पर उछला । बहुत ही कुशल तरीके से रिक्शे वाले ने उसे पकड़ लिया !

रितेश: सावधान!

रिक्शा चलाने वाला : महोदया, मैं इसे अब आपके शरीर पर छोड़ रहा हूँ । कृपया अपना गांड मत हिलाना ।

मैंने देखा कि रिक्शावाले ने भाबी की नग्न गांड पर जीव धीरे से रखा । भाबी के नग्न मक्खन के रंग के नितंबों पर वो छोटा सा जीव अविश्वसनीय रूप से सुंदर लग रहा था। वो जीव निश्चित रूप से शुरू में एक महिला की गोल गांड पर सवयं को पाकर हैरान था, लेकिन फिर धीरे-धीरे रेंगना शुरू कर दिया। भाबी की कद्दू जैसी गांड निश्चित रूप से बहुत चिकनी और गोल थी , लेकिन यह रेत की तरह झरझरा नहीं था। जीव रशायद रेत की उम्मीद कर रहा था। इधर-उधर जाने के बाद, उसे गहरी दरार दिखाई दी, जो वास्तव में भाबी की गांड की दरार थी। यह उसकी दरार की ओर तेजी से गया और भाबी अपने गांड पर छोटे जीव की गति को महसूस करते हुए हर तरह की आवाजें निकाल रही थी। ओये आये हाय उफ़ काट लेगा ओफ़्फ़्फ़ अगले ही पल भाबी ने बहुत ज़ोर से चीख़ी क्योंकि उस जीव ने अपने पंजों को उसकी गांड की दरार में डाल दिया था । क्या गजब नज़ारा था!

रितेश: अरे! ओए! वहाँ मत जाओ। अरे?. वहाँ मत जाओ, मेरे बाप उधर जाना मना है !

लेकिन केकड़े ने रितेश की सलाह सुनी या नहीं सुनी ? ये या तो ईश्वर जानता है या फिर वो जीव ! लेकिन यह भाबी की गांड की दरार में ज्यादा देर नहीं टिका और फिर से उसके चौड़े गाल पर निकल आया ।

रितेश: शायद उसे वहां की महक अच्छी नहीं लगी? हा हा हा?

सोनिआ भाबी: ईइइइइइइइइइइइइइइ।.. उउउउउउउउउउउउउउउउउ? हाईये भाभी ने जब जीव भाभी की गांड की दरार से निकला तो एक ठंडी सांस ली ?.

लेकिन भाबी अभी भी उत्तेजना और चिंता में तरह-तरह की अजीब आवाजें निकाल रही थी। रिक्शावाले ने अब अपनी उंगली से उस जीव को थपथपाया और उसने तुरंत अपने पंजों को भाबी के गांड के गाल में गाड़ दिया और उसके बाएं नितम्ब गाल से खून की बूंदें निकलीं। खून की बूँदें उसके चौड़े बाएँ नितम्ब के गाल पर दो बिंदियों की तरह लग रही थीं। उस जीव के पंजों में उसकी गांड का मांस पसरा हुआ था और भाबी का शरीर हिल गया और दर्द से भाभी दहल गयी और जोर से चीखी ..हाय मर गयी . काट लिया .. तो रितेश ने भाभी के मुँह पर हाथ रख कर चीख को दबा दिया और बोलै भाभी जोर से मत चीखो कोई आ जाएगा ।

भाभी बोली उसने मुझे काटा और मुझे बहुत दर्द हुआ !


ऐसा लग रहा था कि जीव् को को भाबी का नरम मांस पसंद आया और उसका डंक वास्तव में लंबा था। भाबी के विशाल गाण्ड की गोल नग्न सतह पर फिर से वो जीव घूमा और इस बार तिरछे नीचे की ओर धीरे-धीरे रेंगता रहा। ऐसा लग रहा था कि यह भाबी के नितंबों पर पैंटी लाइन को ट्रेस कर रहा था ! वो जीव फिर तेजी से भाबी के दाहिने नितम्ब गाल पर चला गया ।

जारी रहेगी



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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-8

चलो जश्न मनाएं




रितेश: ये जीव जरूर नर होगा ? भाभी उसको आपकी गांड बहुत अच्छी लगी है ! देखि कैसे मजे ले रहा है ?

सोनिआ भाबी: बेवकूफ ! मेरी जान निकल रही है और तुम्हे मस्ती सूझ रही है !

रितेश : भाभी मैं तो उसकी हरकते देखकर बोल रहा था ताकि आपको दर्द कम महसूस हो

सोनिआ भाबी: इतना ही है तो अपनी गांड पर चलवा लो

रितेश : अरे! आप तो नाराज हो रही हो सोनिआ भाभी . अब इन हालात में मैं क्या कर सकता हूँ ?

सोनिआ भाबी: मुर्ख कृपया उस जीव को मेरे गाण्ड से बाहर निकालो!

रिक्शा-चालक : सब्र मैडम। यह लगभग हो चुका है।

लाल छोटी चीज उनके दाहिने गाल की परिधि के चारों ओर घूमती रही और फिर से दरार में वापस आ रही थी। इस बार रिक्शावाले ने चालाकी से उसे उठाया और खिड़की से बाहर फेंक दिया।

रिक्शा-चालक : महोदया, अब आप सुरक्षित हैं!

रितेश: बढ़िया! चलो जश्न मनाएं!

यह कहते हुए कि उसने भाबी की नग्न गांड को थपथपाना शुरू कर दिया और वास्तव में उसे उसके उछाल वाले मांस पर एक दो बार थप्पड़ मारे !

सोनिया भाबी: रितेश! यह क्या है? रुको !

रिक्शा चलाने वाला : साहब रुको। मुझे एक बार चेक करने दो।

यह कहते हुए कि उसने अपना चेहरा भाबी के नंगे नितंबों के बहुत करीब ले लिया और उसके बाएं गाल पर कटे हुए निशान को चाटना शुरू कर दिया। बेशक, उसने अपने दाहिने हाथ को उसके दाहिने गाल पर सहारा देने के लिए रखा था और अपनी हथेली पर भाबी की गांड की जकड़न महसूस कर रहा था। जीभ से चाटने और हाथ से दबाने का यह एक साथ काम कम से कम एक या दो मिनट तक चलता रहा जिसने वास्तव में भाबी को उत्तेजना में ला दिया। जैसे ही वह फर्श पर लेटी, मैंने उनके पैरों को अपने आप अलग होते देखा।

रिक्शा चलाने वाला: हुर्रे मैडम! अब आप सुरक्षित हैं। केकड़े ने अपना जहर वापस ले लिया है!

रितेश: वाह भाभी! क्या तुमने यह सुना? उठ जाओ! उठ जाओ!

रिक्शा चलाने वाला : साहब, लेकिन मुझे जख्मों पर मरहम-पट्टी करनी है। दर्द अभी कुछ देर होगा।

रितेश: अबे? आप इसे थोड़ी देर बाद करना !

रिक्शा वाला : लेकिन साहब?

रितेश ने भाबी को उसकी लेटने की स्थिति से खींच लिया और लिटा दिया और उसने भाभी का सामना किया और अपना दाहिना हाथ सीधे उन की नग्न बालों वाली चुत में डाल दिया और उस क्षेत्र को सहलाना शुरू कर दिया और अपने होंठो में भाभी के कोमल होंठों को बंद कर दिए ताकि वह इस कृत्य का विरोध न कर सके। भाबी भी एक और आदमी की मौजूदगी को भूलकर रितेश के लटके हुए लंड को पकड़ कर उसे सहलाने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वे बिस्तर पर हों! रिक्शाचालक अपने साहेब और मैडम की बेशर्म खुली हरकतों को देख रहा था।



रिक्शा चलाने वाला : साहब? साहब? मैडम के कट के निशान खुले हैं और फर्श भी गंदा है? संक्रमण की आशंका है साहब?

रितेश: तुम बस अब चुप हो जाओ ?

रितेश अब भाबी की योनी को अपने दाहिने हाथ से छू रहा था और वह वस्तुतः उत्साह और रोमांच में नाच रही थी। वह अपनी योनी में अपनी उंगली को समायोजित करने के लिए अपने कूल्हों को बहुत ही भद्दे तरीके से घुमा रही थी। दृश्य बहुत ही अश्लील लग रहा था !

सोनिआ भाबी: उइइइ ?. ओह ? रुक जाओ बस करो ररररररीीीीे !

रिक्शा चलाने वाला : साहब?

रितेश: ओह! भाबी बस तब तक प्रतीक्षा करते है जब तक यह धूर्त अपना काम नहीं कर लेता । ठीक?

सोनिआ भाबी: अइइइइइइइइइ।?. माँआ?.

रितेश: ओह! भाबी? आपके पास क्या शानदार चुत है! इतनी गहरी , इतनी विशाल! लेकिन यह इतनी सूखी क्यों है? लेकिन फिर कौन अनुमान लगा सकता है कि आपकी साडी के नीचे आपके पास ऐसी झकास चुत है? वाह भाभी

सोनिआ भाबी: धत! बदमाश !

रिक्शा चलाने वाला : साहब, मैं इन पत्तों को ड्रेसिंग के लिए इस्तेमाल करूंगा।

जब हम इस मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, उस आदमी ने कुछ झाड़ियों के कुछ पत्ते एकत्र किए और उसे अपनी लुंगी में रखा था।

रितेश: अरे तुम! यह उचित नहीं है यार!

रिक्शा चलाने वाला : क्या साहब ?

रितेश: मैं पूरी तरह से नग्न हूं। मैडम को देखो! तुम्हारी लुंगी पहनने की हिम्मत कैसे हुई? खोलो इसे? खोलो इसे।

हे मेरे भगवान! वह क्या है? मैं सोच रहा था, लेकिन निश्चित रूप से अभी बहुत कुछ बाकी था ।

सोनिआ भाबी: रितेश! यह क्या है? क्या तुम अपना मानसिक और दिमागी संतुलन खो चुके हो ?

रितेश: क्यों भाबी? यदि आप हमें अपनी योनि दिखा सकती हैं, तो वह अपना लंड क्यों नहीं दिखाएगा? क्या आपको उसमे कोई दिलचस्पी नहीं है भाबी?

रिक्शा-चालक जाहिर तौर पर हैरान-परेशान लग रहा था।

सोनिया भाबी: क्या? चुप हो जाओ! तुम पागल हो गए हो!

रितेश: अब्बे! किस का इंतजार कर रहे हो ? अपनी लुंगी खोलो वरना मैं छीन लूंगा!

रिक्शा चलाने वाला : अरे ? ठीक है साहब! मैं ? इसे उतार रहा है।

उस आदमी ने अपनी लुंगी को अपनी कमर से गिरा दिया और उसने बहुत छोटा सा अंडरवियर पहना हुआ था और कोई भी आसानी से पता लगा सकता है कि उसके अंदर एक बहुत बड़ा लंड था - यह बहुत मोटा और भरा हुआ लग रहा था!

रितेश: साला हरामी! वह चड्डी कौन खोलेगा?

उस आदमी ने अब अपना अंडरवियर भी खींच लिया और पूरी तरह से नंगा हो गया और उनके सामने खड़ा हो गया।

रितेश: वाह! तुम्हारे पास क्या लंड है यार! भाबी, जरा देखिए- जरूर ये है दक्षिण स्पेशल !

मैंने भी खड़े खड़े ं एक सांस निगल ली। इतना मोटा लिंग इससे पहले मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था! आदमी पेशे से रिक्शाचालक हो सकता है और दिखने में औसत दर्जे का हो, लेकिन उसका लंड अच्छी तरह से पोषित , लम्बा और बड़ा लग रहा था!

रिक्शा चलाने वाला : हे वो ?.

मैंने देखा भाबी की आंखें लगभग बाहर निकल चुकी थीं। जिस तरह से रितेश ने भाबी, को दुलार किया था (समुद्र से लेकर यहाँ इस टूटे हुए मंदिर के पास ) और जिस तरह से इस आदमी ने कुछ क्षण पहले भाबी कि गाण्ड को चूसा और चाटा था, वह अब तक पूरी तरह से कठोर हो गया होगा और इसलिए उम्मीद थी कि भाभी ने उसके मोटे, खड़े डिक को देखा। वो पलकें झपकाना भूल गयी !

सोनिआ भाबी: रे? सच में! ये तो राक्षस आकार का है !

मेरे लिए यह बहुत अजीब था कि मैं इन दो जवान पुरुषों को अपनी जांघो की झाड़ियों और सीधे लंड के साथ पूरी तरह से नग्न खड़े देख रही थी जो मेरी आँखों के आगे बिलकुल स्पष्ट था! अपने आप मेरा हाथ मेरे स्तनों पर चला गया और मैंने उन्हें धीरे से निचोड़ना शुरू कर दिया क्योंकि मैं खुद भी इस नजारे को देखकर काफी उत्तेजित और कामुक हो गयी थी। मैंने अपनी पैंटी को भी थोड़ा सा एडजस्ट करके अपनी चुत को रगड़ा।

रितेश: मेरे दोस्त, सभी महिलाएं तुम्हारे लिए मर जाएंगी यदि आप उन्हें इसका मजा दो ! क्या मैं गलत हूँ भाभी?

सोनिआ भाबी: बिल्कुल नहीं! आपकी पत्नी बहुत भाग्यशाली है!

रिक्शा-चालक: वो?

रितेश : भाभी, ? जब हम एक ही नाव में हैं तो हम तीनों की पोशाक एक जैसी होनी चाहिए!

सोनिआ भाबी: मतलब?

रितेश: उस ब्रा को पहनने से क्या फायदा? अगर हमने तुम्हारी चुत देख ली है, तो हमें अपना दूध भी दिखाओ, प्रिये भाबी !

सोनिआ भाबी: उम्म? क्या अजीब इच्छा है!

रितेश: चलो भाबी! कृपया!

सोनिया भाबी: ओ? ठीक है, मुझे भी ऐसा करने का मन कर रहा है?. लेकिन अपनी आँखें बंद करो?

रितेश: ठीक है भाबी, मैं अपनी आंखें बंद कर रहा हूं और अपने लंड को पकड़ रहा हूं। तुम अपनी ब्रा खोलो। और तुम! अपनी आँखें बंद करो और अपने राक्षस को पकड़ो!

सोनिया भाबी: हे वो? तुम पक्के बदमाश हो!

भाभी बेशर्मी की पराकाष्ठा पर जा रही थी। उसने अपने हाथों को पीछे किया और अपनी चोली का हुक खोल दिया और लापरवाही से अपने कंधे से पट्टियां हटा दीं और अपने दो स्तनों से प्याले निकाल लिए।


रितेश: हो गया?

जारी रहेगी
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-9


गंदे फर्श पर मत बैठो



सोनिया भाबी: हाँ हो गया ! भाभी ने अपनी ब्रा निकालने के बाद कहा ।

रितेश भाभी के स्तनों को पहले बार नग्न देख कर बोला और फिर उसने भाभी के पूरे नंगे जिस्म पर अपनी नजर दौड़ाई

रितेश: वाह! क्या दृश्य है! अब मैं तुम्हें चोदने के लिए इंतजार नहीं कर सकता भाबी!

भाबी नीचे फर्श पर देखने लगी और उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया। क्या अब भी उसमें कुछ शर्म बाकी थी? मैं हैरान थी ।

तभी भाभी को मेरी याद आयी और

सोनिया भाभी बोली : रितेश! रश्मि ?

रितेश: उसे मैंने ये देखने को बोला है की कोई आये तो हमे बता देना

सोनिया भाभी अगर वो आ गयी तो ?

रितेश भी जैसे वास्तविकता की तरफ लौटा ?

रितेश : जोर से बोला रश्मि ! क्या सब ठीक है ? कोई आ तो नहीं रहा ?

रश्मि :मैंने इधर उधर देखा . जिस काम के लिए मैं उस स्थान से दूर आयी थी उसे मैं अंदर के गर्म दिर्श्य देखते हुए भूल ही गयी थी.

मैं थोड़ा दूर हुई और दूसरी और मुँह कर बोली कोई नहीं आ रहा है ? कितनी देर और लगेगी ?

रितेश : बस थोड़ी देर और लगेगी : जब कोई आटा दिखाई दे तो आवाज दे देना और जब खत्म हो जाएगा और मैं आपको आने के लिए बोलूं तो आप आ जाना

रश्मि : ठीक है !

रितेश : भाभी ! सब ठीक है अभी वो इधर आने वाली नहीं है .

रिक्शा चलाने वाला : क्या मैं पहले ड्रेसिंग कर सकता हूँ साहब!

रितेश: यार मैं उसकी छूट की मरहम पट्टी करनी है ! जल्दी करो।

रिक्शा चलाने वाला : मैडम , मैं पहले आपके पैर के अंगूठे की मरहम पट्टी करूँगा लेकिन? उसमे समस्या यह है कि आपके लिए यह उचित नहीं होगा कि आप अपनी घायल कटी हुई गांड के साथ गंदे फर्श पर बैठें।

सोनिया भाबी: फिर? लेकिन अगर मैं नहीं बैठूंगी , तो तुम मेरे पैर के अंगूठे पर कैसे पट्टी करोगे ?

रिक्शा चलाने वाला: हाँ मैडम , मैं यही सोच रहा हूँ।

रितेश : अबे गधे! उसे मेरी गोद में बैठने दो।

रिक्शा-चालक: हाँ, हाँ। इस तरह मैडम आपका गाण्ड इस गंदगी से सुरक्षित रहेगी !

भाबी मुस्कुरा रही थी शायद वो ये अनुमान लगा रही थी कि एक ऐसे आदमी की गोद में बैठने से उसे कितना मज़ा मिलेगा, जिसने धागा तक नहीं पहना था हुआ ! रितेश फर्श पर बैठ गया और भाबी धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ी। वह एक सेक्स देवी की तरह लग रही थी - पूरी तरह से नग्न - उसकी ब्रा-रहित बड़ी, गोल दूध के बर्तन हिलते-डुलते, उसकी चूत रितेश को पूरी तरह से आमंत्रित कर रही थी, और उसके भारी चूतड़ हर कदम पर लहराते थे। वह उसकी गोद में बैठने से पहले थोड़ा नीचे झुकी और उसके स्तन हवा में स्वतंत्र रूप से लटके हुए बहुत सेक्सी लग रहे थे।

रितेश: आओ? आओ मेरी जान! मेरी जान! मेरी गोदी में आ जाओ !

भाभी ने धीरे धीरे अपना पूरा शरीर उसकी गोद में रख दिया एयर फिर भाबी की एक प्यार भरी चीख निकली जब उसने महसूस किया कि रितेश का लंड उसके कूल्हों पर जोर से चुभ रहा है ।

रितेश: ओह्ह्ह मजा आआ गया ! भाभी आपके गोल गोल नितंब कितने चिकने और कोमल हैं वाह ! इतने चिकने की फिसल रहे हैं और अभी तक इतना तंग हैं जान !

रिक्शा चलाने वाला: मैडम मैं इन पत्तों के अर्क को आपके ड्रेसिंग के लिए उपयोग करूंगा, लेकिन साथ ही मुझे आपसे भी दो चीजों की आवश्यकता होगी।

सोनिया भाबी: आआह! रितेश उन्हें और ना दबाएं?. आह्ह्ह? हाँ, आप क्या कर रहे हैं?. मुझसे आप क्या चाहते हैं?

रिक्शा चलाने वाला : पहले मुझे आपकी लार चाहिए मैडम।

सोनिया भाबी: ओ? ठीक?। उफ्फ! रितेश? तुम मुझे तकलीफ दे रहे हो। इस तरह चुटकी मत लो! हाँ? हाँ, मैं लार कैसे दूँ?

एक साथ तीन कामुक काम हो रहे थे ? भाबी को रितेश ने अपनी कामुक हरकतों से कामुक बना दिया था, जबकि वह व्यक्ति घाव की ड्रेसिंग के लिए अपनी कामुक चाल चल रहा था।

रिक्शा-चालक: मैडम आपको देने की जरूरत नहीं है। आप साहब की गोद में आराम करो । इस बार मैं आपकी लार लूंगा।

उस आदमी ने उन पत्तों को कुचलना शुरू कर दिया जो उसने जल्दी से पत्तो का रस जल्दी एकत्र कीया और पत्ते के डंठल से कुछ पारदर्शी तरल निकल रहा था, जिसे उसने अपनी उंगली पर रगड़ा और फिर उसे अपने होठों पर चिपका दिया! मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि हालांकि भाबी बेपरवाह दिखाई दे रही थी,पर वह रितेश के साथ बहुत ही साहसपूर्वक कामुक कृत्य में व्यस्त थी, क्योंकि रितेश के हाथों ने उपूरी तरह से उनके अंतरंग शरीर के अंगों पर सहलाया और दबाया। रितेश ने भाबी की टांगों को चौड़ा करके उसकी योनी में फिर से अपनी उंगली डाली और इस बार उसने उंगली निकालकर उसे सूंघा!

रितेश: हे भाबी, वहां से आपको बहुत अच्छी महक आती है! आपके पास क्या जबरदस्त चुत है!


सोनिया भाबी: तुम इस गंदी सड़ांध को सूंघना बंद करो!

रितेश: आआहहहह वाह क्या बात है और और नहीं नहीं ? मैंने अपने जीवन में बहुत सारी लड़कियों को चोदा है, लेकिन भाभी तुम्हारी चुत से असाधारण गंध आती है!

यह कहते हुए कि उसने अपनी जीभ भाबी की चुत में डाल दी और अपनी उंगली को एक गोलाकार तरीके से घुमाना शुरू कर दिया जिससे भाबी पागल हो गई।

सोनिया भाबी: आउच! रुको ?

रितेश: क्या डीप चूत है यार! मनोहर अंकल ने आपको कितनी बार चोदा? चौद चौद कर इतनी बड़ी कर दी है ?

रिक्शा चलाने वाला : साहब? साहब? मेरा मतलब है? यदि आप रुके और कृपया मैडम को एक पल के लिए भी बैठने दें तो यह मददगार होगा।

रितेश: उह्ह्ह्ह्ह्ह क्या मजा आरहा था यार! भाबी मैं तो चाहता हूँ आप ऐसे ही जीवन भर मेरी गोद में रहो ! ओइइइइ मांआआआ?

रिक्शा चलाने वाला : साहब?

रितेश: ओह! बदमाश हरामी, थोड़ी देर रुक नहीं सकता ! ना?

सोनिया भाबी: रितेश? अब बंद करो । उसे सुनो।

रिक्शा चलाने वाला : साहब, हाँ? ठीक। अब मैं मैडम के मुँह से लार ले सकता हूँ। मैडम अपने होठों को थोड़ा सा अलग कर लो।

रितेश: ज़रूर, ज़रूर! मैं उसे अभी भी पकड़ लूंगा? हा हा हा?

यह कहते हुए कि उसने भाबी के बड़े नारियल को दोनों हथेलियों से सहलाया और उन्हें दोनों हाथों में पूरी तरह से पकड़ने की कोशिश की, लेकिन भाबी के स्तन बड़े थे और उनकी हथेलियों से बाहर निकल गए थे।

हे भगवान! मनोहर अंकल की पत्नी को चूम रहा था एक रिक्शा वाला। अविश्वसनीय! हालाँकि भाबी शुरू में लार दान करने के लिए तैयार लग रही थी, लेकिन अब जब उसे एहसास हुआ कि ये आदमी वास्तव में लार लेने के लिए उसे चूमेगा, तो वह शायद डर गई।

सोनिया भाबी: लेकिन, लेकिन? आपका इरादा क्या है? आप इसे कैसे लेंगे? चूमने से?

रितेश: स्वाभाविक रूप से भाबी, वह अन्यथा कैसे एकत्र कर सकता है? उसका सहयोग करें।

सोनिया भाबी: अरे? रुको ! क्या? मैं किसी टॉम, डिक, हैरी को मुझे किस करने की अनुमति नहीं दे सकती ? मैं एक कुलीन गृहणी हूँ कोई सड़क चलती रंडी नहीं ?

रिक्शा चलाने वाला : साहब, मेरी मदद कीजिए।

रितेश: भाबी, मूर्ख मत बनो! मैंने आज तुम्हें कम से कम 50 बार किस किया है, अगर वह एक बार तुम्हारे होठों को छू ले तो क्या हर्ज है!

सोनिया भाबी: मतलब?

रितेश: ओहो भाबी! आराम से? उसने आपके शरीर का हर इंच देखा है और वह केवल आपकी चोट पर पट्टी करके आपकी मदद करना चाहता है? है ना?

भाबी को आखिरकार इस तर्क से सांत्वना मिलती दिख रही थी। वह अनिच्छा से इस सड़क किनारे वाले आदमी द्वारा चूमने की प्रतीक्षा कर रही थी! रितेश ने सुनीता भाबी का सिर पकड़ लिया और रिक्शा वाले ने भाबी को कंधों से पकड़ कर उसके होठों को छुआ। बेशक, उन गंदे काले होंठों को उसके मुंह के करीब आते देखकर भाबी की प्रारंभिक प्रतिक्रिया पूरी तरह से प्रतिकूल थी, लेकिन जैसे ही उसने धीरे-धीरे उसके होंठों को चखा, वह कुछ हद तक शांत हो गई। रिक्शाचालक अब उसके निचले होंठों को चूसने लगा। उस आदमी ने फर्श पर हाथ रखकर सहारा लिया और दृश्य इतना अश्लील था - दो नग्न पुरुष और उनके साथ एक नग्न महिला? एक की गोद में बैठी औरत दुसरे मर्द से होठों को चूसवा रही थी।

रितेश ने भाभी का सिर कसकर पकड़ रखा था ताकि वो अधिक विरोध न कर पाए , हालांकि भाबी अभी भी अपने पैरों को हवा में फेंक रही थी। वह आदमी शायद अपने जीवन का सबसे लम्बा चुंबन ले रहा था और वह उसके घने गुलाबी होंठों को चूसता रहा। अंत में उसने अपने होंठ भाबी से छोड़े और वे एक दूसरे की आँखों में एक पल के लिए देख रहे थे! किस करने के बाद भाबी ने एक बहुत लंबी और गहरी सांस ली और जाहिरा तौर पर वह बहुत असंतुष्ट नहीं लग रही थी।

रिक्शावाले ने अपने मुँह में जमा लार को पत्तों के रस पर उगल दिया और कुछ और फटे पत्तों से रस के साथ मिलाना शुरू कर दिया।

रितेश: तो? लो हो भी गया तुम इतनी डरी हुई थी की जैसे वह तुम्हें खा जाएगा!

मैंने पाया कि किस एपिसोड के पूरा होने के बाद भाबी सचमुच हांफ रही थी। उसका चेहरा बिल्कुल लाल था और वह अभी भी इस सड़क किनारे के आदमी के इस चुंबन से उबर रही थी।

रितेश: कितनी अलग थी भाबी?

सोनिया भाबी: अलग? ओह ! किससे ?

रितेश: मेरी किस् या फिर मनोहर अंकल के किस् से?

सोनिया भाबी: हम्म? यह अलग था!

रितेश: कितना? भाभी बताओ प्लीज ?

सोनिया भाबी: इसे कैसे समझाऊं? मुझे नहीं पता? हर कोई अलग तरह से चुंबन करता है!

रितेश भाबी के समझाने का इंतजार कर रहा था, जबकि रिक्शा वाला पत्तों से पेस्ट जैसा पेस्ट तैयार करने में लगा हुआ था।

रितेश: क्या आपको पसंद आयी ?

सोनिया भाबी: पसंद ? मैं कैसे बताउ ? यह एक ऐसी व्यक्तिगत भावना है? तुम्हारे चाचा हमेशा अपनी जीभ मेरे मुंह के अंदर डालने और मेरे मुंह के क्षेत्र का पता लगाने में रुचि रखते हैं, लेकिन मेरे निचले होंठों को चूसने के लिए नहीं? आप मेरे निचले होंठों को चूसने में अधिक उत्सुक रहते हैं और मुझे वास्तव में यह पसंद है? यह आदमी फिर अलग था? उसने मेरे निचले होंठों को छुआ, लेकिन बहुत धीरे से, और वह अपनी सांस रोक रहा था जबकि उसका मुंह मेरे ओंठो के ऊपर था?




जारी रहेगी



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