अपडेट ६
(खेड़ा नका ढाबा)
रुद्रप्रताप वह जल्दी पोहोंच गया वो बात जानने के लिए उत्सुक था. वह जाते ही उसने एक सूप मंगाया. वो ढाबे के साइड वाले गार्डन में खुले में खटिया पे बैठा था. तभी सरररर से उसने यसयुवि की आवाज सुनी उसने देखा वो बलदेव की एसयूवी थी.
रुद्रप्रताप- अरे कैसे हो बलदेव कैसा है मेरा दोस्त, यहाँ अचानक क्यों बुलाया?
बलदेव ने आते ही कमर के अटकाए हुई जीन्स के बेल्ट से रिवाल्वर निकली और टेबल पर रख दी. जैसे ही रुद्रप्रताप ने ये देखा वो तुरंत समाज गया की बात क्या है. उसको ये जनाने में इतनी सी भी देर न लगी की ये जरूर उसके और जयश्री के बारे में बात करने में आया है. जैसे ही उस टेबल के चारो और के दूसरे टेबल पर बैठे लोगों ने वो रिवाल्वर देखि सब लोग फुसफुसाते हुए तुरंत टेबल और खाना चोर कर बाहर चले गए
रुद्रप्रताप- देख बलदेव... में तुमको बताने ही वाला था ...
बलदेव- कब? (थोड़ा ग़ुस्से से)
रुद्रप्रताप- देख में मानता हूँ की मुझे तभी तुझे बताना चाहिए था...
बलदेव- साले वो मेरी बेटी है सांझे ... मेरी बेटी ... साले बलदेव की बेटी ... तुझे पता नहीं था ... कम से कम तू पहले ही बोल देता
रुद्रप्रताप का चेहरा काला पाद गया. उसे समाज नहीं आ रहा था क्या कहे
बलदेव- सच बता, कब से चल रहा है तुम्हारा?
रुद्रप्रताप- बॉस यार मुश्किल से एकड़ महीना हुआ है कसम से ज्यादा कुछ नहीं... देख तू मेरी बात सुन ले शांति से... जयश्री मेरे साथ वक़्त बिताने लगी
रुद्रप्रताप: तू जनता भी है की तेरी बेटी किस चीज़ से गुजर रही है? में बॉस उसको थोड़ा सहारा दे रहा था दोस्त... तू गलत मत समझ ...
बलदेव- मुझे पता है की जयश्री किस से गुजर रही है, वो नल्ला मेरा जमाई है न उसकी वजह से है ये सब
रुद्रप्रताप अब थोड़ा सहज हो गया. उसको लगा की बात अब सतीश पे आ गयी है और वो बच के निकल सकता है
रुद्रप्रताप- वही तोह मैंने भी सोचा...
बलदेव- पर साले मेरा क्या तुझे पता है तेरे ऑफिस के और जो लोग बहार सतीश का मजाक उत्तदाते है! तू नहीं समझा अब वो लोग मेरे पे भी हसेंगे. तूने मेरी भी इज्जत दांव पे लगा दी खुल्लमखुल्ला यह कर के
रुद्रप्रताप- नहीं बलदेव सुन मेरी बात मई बोहोत सेक्रेट रखना चाहता था यह बात पर पता नहीं कैसे ये बात बहार पता चली
रुद्रप्रताप- एक बात कहु, हमारे अफेयर के बारे में सतीश को पता था सिर्फ तो कही ये बात सतीश ने तोह दुसरो को नहीं बताई?
बलदेव- हं... हो सकता है हरामी कही का सतीश. पर तू साले जब जयश्री तेरे पास आनेलगी तोह तब क्यों नहीं बोलै तू मुझे, एक बार बता देता न
रुद्रप्रताप- और तू चुपचाप सुन लेता? देखा अभी तूने टेबल पे क्या रखा है... (रिवाल्वर को देखते हुए)
बलदेव अब चुप रहा. उसने वो रिवाल्वर ली और पीछे जीन्स के अटके कोने पर टांग दी. अब मोके पे चौका लगते हुई रुद्रप्रताप ने कुछ सोच लिया
रुद्रप्रताप- देख यार हम कब से जिगरी दोस्त है तुझे पता है न? में तुमको नुकसान करने का सोच भी नहीं सकता. हमें एक साथ कितने कांड किये... एक साथ ऐयाशी करते है और पता है तेरी बजह से ही में भी खुशमलंग हो गया. हमने आज चाक एक दूसरे को कुछ नहीं छुपाया पर इस बार मुझ से थोड़ी गलती हो गयी मुझे तुझे बताना चाहिए था...
बलदेव- सुन अब तुम्हारा ये सब जो चल रहा है वो सब भूल जा अब बस अब फाइनल बोल रहा हु
रुद्रप्रताप- बिलकुल मेरे दोस्त अब से में जयश्री को छुऊँगा भी नहीं, छुऊँगा क्या यार उसकी तरफ देखूंगा भी नहीं.. बस इस बार माफ़ कर दे यार मुझे...
म्याटर को सेटल होते देख रुद्रप्रताप खुश होते हुए अब बात करने लगा
रुद्रप्रताप- चल बोल, तेरे लिए क्या मंगाऊं? अपने दोस्त के लिए रम या वाइन या व्हिस्की या...
बलदेव- व्हिस्की (थोड़ा नाराज होते हुए)
रुद्रप्रताप- झे.. बात है.. अब हुआ न तू मेरा दोस्त...
रुद्रप्रताप- हेलो वेटर, एक पैग माल्ट व्हिस्की लाना
वेटर- सर, कौन सी ब्रांड पसंद करेंगे?
रुद्रप्रताप- Glenfiddich 12 Years ले आओ। और हाँ दो पेग
वेटर- सर, कितने ML का पैग चाहिए—30ml, 60ml या 90ml?
रुद्रप्रताप- 60ml बना दो
वेटर- सर, इसे कैसे लेना पसंद करेंगे—स्ट्रेट, ऑन द रॉक्स, या पानी या सोडा के साथ?
रुद्रप्रताप- ऑन द रॉक्स लाना, थोड़ा सोडा अलग से देना
वेटर- सर, कोई और चीज़ साथ में लेंगे—स्नैक्स या ड्राई फ्रूट्स?
ग्राहक- हाँ, साथ में कुछ पीनट्स और चिप्स भी ले आओ
बलदेव ने एक सिगरेट निकली और लाइटर धुंध रहा था इतने में रुद्रप्रताप ने तुरंत उसको लाइटर लिट् क्र को बलदेव की सिगरेट पे थामा
रुद्रप्रताप- वैसे एक बात बताऊँ तू बोहोत लकी है यार, जयश्री जैसी प्यारी, नटखट, चालाक और आज़ाद खयालो वाली बेटी मिली है.
अब दोनों साथ साथ ड्रिंक लेते हुई सुट्टा मरते हुए बातें करने लगे
रुद्रप्रताप- पता है उसने अकेले ने मेरे अमनपुर के मोंको क्लाइंट के टेंडर बना दिए थे. मुझे बस साइन करने का काम बाकि छोड़ा था बस... वो जब ऑफिस में होती है पुरे ऑफिस में ख़ुशी का माहौल होता है. सेक्रेटरी का ही नहीं बाकि भी सब काम करती है.
रुद्रप्रताप बोलते बोलते चौक गया... और बलदेव से कहने लगा की
रुद्रप्रताप- मेरा मतलब ऑफिस के भी काम.
रुद्रप्रताप जानबुज़कर उनके इंटिमेट मोमेंट्स के बारे में बात करना ताल रहा था क्यों की उसे लगा की बलदेव ऐसी बात सुन कर असहज हो जायेगा
बलदेव अब व्हिस्की और धुए का चस्का लगा लगा कर अपनी बेटी की तारीफ बाहरवालों से सुन रहा था. उसे अंदर से गर्व महसूस हो रहा था. पर बस खुद की बनमी के से परहेज रखना चाहता था.
बलदेव- यार मैंने कभी उसके बारे में ध्यान ही नहीं दिया, पता ही नहीं चला वो इतनी काबिल और निडर कैसे हो गयी
रुद्रप्रताप- हो भी क्यों न! आखिर बेटी किस की है, तुम से बड़ा यशस्वी और काबिल मैंने भी आज तक नहीं देखा और तेरे जैसी निडर भी है वो
बलदेव अब अपनी प्रशंसा सुन कर उसका रुद्रप्रताप के प्रति सहेज भाव फिर से वापिस आया
रुद्रप्रताप- अच्छा ये बता तुमको हमारे बारे में किस ने बताया
बलदेव- और कोण हो सकता है! वही नल्ला जमाई मेरा
रुद्रप्रताप- साला एक बात कहु तेरा जमाई दीखता सीधा है पर बड़ी टेढ़ी चीज़ है दोस्त, बच के रहना उस से
बलदेव- पता है वो उसने क्या कहा! बॉल रहा था मेरा डाइवोर्स करा दो या तुमको चुप करा दूँ या फिर फिर ...
रुद्रप्रताप- या... फिर क्या ...
बलदेव- बोल रहा था की चुप रहे के लिए उसे मेरी जायदाद चाहिए थोड़ी
रुद्रप्रताप- इ साला हरामी ... तुम उसके जहांसे में मत आना हं ... बोहोत नंबरी दीखता है साला .. पता है जयश्री भी तंग आ चुकी है उस से बोहोत. कहती है की नल्ले ने ५ मैंने से उसे कुछ भी नहीं किया
बलदेव- साला.. नल्ला (सिगरेट का धुवा छोड़ते हुए)
रुद्रप्रताप- तू क्या अब उसे अपनी जायदाद देगा ऐसे नल्ले को ? तू फ़िक्र मात क्र मई तेरे साथ हु.
बलदेव साइड से हस्ते हुए बोला
बलदेव- सुन खून पसीना लगा दिया है मैंने इस साम्राज्य में उसे उसे पिद्दी पे लगा ने के लिए नहीं किया
रुद्रप्रताप भी हसने लगा
रुद्रप्रताप- साल हम कमाते है ऐश करने के लिए जिंदगी का हर पल बेख़ौफ़ मज़े करने के लिए और अपना दबदबा बनाने के लिए उसको ऐसे च्यु_ पे लगाने के लिए नहीं
बलदेव- पर वो मेरा दामाद है यह हम नहीं भूल सकते, वो अभी भी जयश्री का पति है मई नहीं चाहता की उसकी वजह से मेरी लाड़ली को कुछ दिक्कत हो. वो डाइवोर्स के लिए भी फाइल कर सकता है अचानक से
रुद्रप्रताप- तू उनका डाइवोर्स करा देगा! तू ये क्या कर रहा है. तुझे पता है की तू उनका डाइवोर्स करा देगा तोह जयश्री कहा जाएगी? अगर वो तेरे पास रहती है तो भी कितने दिन और फिर तेरी इज्जत दांव पे लग जाएगी. साला सतीश ने तोह मामला पेचीदा कर दिया बे
बलदेव सोच में पड़ गया
बलदेव- सुन, मैंने कुछ सोचा है, मै उसको कह दूंगा की मै उसकी शर्त मान गया हूँ और कह दूंगा की तू भी उसे आगे से नहीं सताएगा
रुद्रप्रताप- मेरे लिए तोह ये मामूली बात है, ऐसे भी किनता कमाता है वो सतीश मेरे से, कुछ चंद हज़ार पगार साला उसके ५० गुना तो तू मुझे कमा के देता है, (हसने लगा) पर यर तू उसको डाइवोर्स भी नहीं देगा, जयश्री का क्या सोचा है फिर और अब मै भी बाजु हैट गया हूँ जयश्री से तोह जयश्री तोह अकेली पड़ गयी बेचारी
बलदेव सोच रहा था और होंठो पे साइड से स्माइल करने लगा. रुद्रप्रताप पहेली बार बलदेव को ऐसे हस्ते देखा था. कुछ साजिश जैसा...
रुद्रप्रताप- बोल यार क्या बात है? क्या सोचा है तूने जयश्री के बारे में
बलदेव- यार ...
रुद्रप्रताप- बोल यार क्या बात है क्या सोच रहा है तू
बलदेव- एक एक घूंट पेग चढ़ाते हुई सत्ता ऊपर धुए में उछलता है
बलदेव- बोहोत जी लिया यार अकेली जिंदगी अब मुझे भी तेरे जैसा स्वाग चाहिए, मौज मस्ती और ेश करनी है साल जब से जयश्री की माँ गयी है जिंदगी खली है
रुद्रप्रताप- तोह .. कहना क्या चाहता है
बलदेव- मै जयश्री को मेरी पर्सनल सेक्रेटरी बनाना चाहता हूँ... मुझे लगता है की तू लकी है .. जैसे उसने तेरा बिज़नेस संभाला वैसे वो सब मेरा बुसिनेस भी संभाले और वैसे भी यार मेरे बाद तोह सब उसी का है.. अभी से सब सिंख लेगी तोह आगे जेक तरबेज बनेगी
रुद्रप्रताप- तू कहना क्या च रहा है बलदेव .... मतलब ..के तू ...
बलदेव उसकी तरफ देख के कुन्निंग स्माइल देने लगता है
रुद्रपताप अब उसकी पूरी बात समझ चूका था ... अब उसके पैरो के निचे से जमीं खिस्साक गयी और वो मुँह फाडे बलदेव को देख रहा था... बलदेव भी उसको देख के मानो साब क्लियर किया..
रुद्रप्रताप लघभग खाट से उठ ही गया था ... उसे विशेस नहीं हो रहा था पर वो जनता था की बलदेव एक ठरकी रंगीन ऐयाश किस्म का है पर कभी उसने सपने में भी नहीं सोचा था की वो जयश्री पे ....
उसने सोचते सोचते जो भरा हुआ पेग था वो बॉटम-टॉप एक झटके में अंदर कर लिया और ज़ोर से गिलास टेबल पर पटकते हुए..
रुद्रप्रताप- मतलब .. भेंच.. ओह सॉरी.. मतलब के तू ...
५ मिनट के ख़ामोशी के बाद
रुद्रप्रताप- तूने उसके बारे में कब सोचा
बलदेव- यार जब मै तुम लोगो के फोटो देख रहा था और अभी जब तुम्हारे मुँह से उसकी तारीफे सुन रहा था तब पता नहीं क्या मुझे जिंदगी में वो महसूस हुआ जो आज तक कभी नहीं हुआ
रुद्रप्रताप- पर तू .. तुझे पता है न तू क्या कर रहा है
बलदेव- अब मुझे कोई नहीं रोक सकता रूद्र, न ही तू और न ही वो छिलका सतीश , मै बोहोत स्पष्ट हु मौज़े लगता है अब अहलात ये है की अब मुझे जयश्री की और जयश्री की मुझे जरुरत है
रुद्रप्रताप- ओह वाव यार तुम दोनों बाप बेटी कमाल हो बाबा ... मेरी तोह सब उतर गयी बे... (हस्ते हुए) वैसे सही भी है तुम दोनों पे कोई शक भी नहीं करेगा. सल्ला मै उसे होटल ले जाता था तोह सब लोग शक करते थे अफेयर का
बलदेव- वही तोह खासियत है रिश्ते की... साल कोई मुँह फाड़ फाड् क्र भी चिल्लाये की कुछ है तो भी समाज उस पर भरोसा नहीं करता
रुद्रप्रताप फिर गंभीर होते हुए
रुद्रप्रताप- तुझे लगता है जयश्री मानेगी
बलदेव- मुझे तेरी हेल्प चाहिए इस में और शायद मुझे सतीश की भी हेल्प लेनी पड़े
रुद्रप्रताप- पर सुन उस नल्ले सतीश को कुछ मत देना जायदाद का नहीं तोह पछतायेगा
बलदेव- दूंगा, पर उसे नहीं. (हस्ते हुए) तुझे, आज से तेरे हर गाड़ी के मेंटेनन्स का ३०% डिस्काउंट. जा ऐश कर
रुद्रप्रताप इतना खुश हुआ की उसे लगा लाटरी लग गयी. वो सोचने लगा की ये सब जसिहरी की वजह से ही हुआ है
रुद्रप्रताप- वह मेरे दोस्त जिओ, अब आएगा मज़ा यार . वह क्या बात है तेरी , मै तेरी हर मदत करूँगा बोल क्या करना है , चल एक काम करते है इस ख़ुशी के मोके पे आज उस रेडबेड होटल जायेंगे सुना है इस हफ्ते कुछ नयी औरते आयी है
पर अब बलदेव का मूड कही लगनेवाला नहीं था
बलदेव- नहीं यार तू जा अब मै नहीं आऊंगा वह
रुद्रप्रताप- हाँ हाँ अब तू क्यों मेरे साथ आएगा बाज़ारू औरतों के पास अब जो तुझे ...(हंस रहा था)
बलदेव भी स्माइल करेने लगा
बलदेव- चल में निकलता हूँ
कहकर बलदेव जाने लगा वो थोड़ा लड़खड़ाने लगा तो रुद्रप्रताप ने कहा
रुद्रप्रताप- रुक मै छोड़ दूँ क्या तुझे
बलदेव - साले तू भी तोह लड़खड़ा रहा है, तू छोड़ मै देख लूंगा कुछ
रुद्रप्रताप- सुन मेरे दोस्त , सुन ऐसा मत कर रुक मै कुछ करता हूँ इंतजाम
रुद्रप्रताप ने उसके उस ढाबे के पहचान वाले एक कप्तान गोलू को खुद बलदेव की गाड़ी चला कर उसे घर छोड़ आने को बोला. वो आदमी मान गया
बलदेव- क्या यार इसकी क्या ज़रूरत !
रुद्रप्रताप- मेरे दोस्त तू आराम से जा चिंता मत कर ये चोर देगा अपना गोलू है यह
रुद्रप्रताप ने गोलू को ५०० रूपया हाथ में थमा दिया. गोलू खुश हो कर उसको छोड़ने को राज़ी हो गया
जातेजाते रुद्रप्रताप ने फिर से एक बार बलदेव को वापिस बुलाया और उसको गले लगाया अब दोनों को थोड़ी चढ़ी हुई थी. उसको गले लगते लगते बोल गया
रुद्रप्रताप- सुन दोस्त, मै तुझे के टिप देता हु. अगर जयश्री को अपनी तरफ आकर्षित करना है तोह उसे दो ही चीज़ खुश कर सकती है, पहली वाली मै बताता हु अब दूसरीवाली तू समझ ले. पहली बात तो यह है के उसको गहने बोहोत पसंत है. साला वो सतीश तोह कुछ आज तक उसे एक फूटी कोड़ी भी नहीं दिया बेचारी को . उसे महंगे अलग अलग डिज़ाइन के गहनों का बोहोत आकर्षण है. जा मेरे दोस्त आल थे बेस्ट
बलदेव यह सुन कर खुश होता है
बलदेव- और हं सॉरी मेरे दोस्त मै वो रिवाल्वर लेके नहीं आना चाहिए था
रुद्रप्रताप- तू मेरा दोस्त है यार, कसी बात करता है तेरे लिए तोह जान भी हाज़िर है
बलदेव- बस बस इतना ड्रामा मात कर और हाँ सुन इस बारे में किसी से नहीं कहना बिलकुल भी
रुद्रप्रताप: (ड्रामा करते हुए) शु... कौनसी बात मै तोह भूल गया (आंख मारते हुए )
दोनों एक दूसरे को गुड बाई बोल कर चल देते है.