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तीनो आमने सामने बैठ कर कॉफी पीते हुए अपनी नज़रो से एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ मे बस चुदाई
की ही बाते चल रही थी और तीनो की सोच उनकी नज़रो से बया भी हो रही थी बस उनकी नज़रो को पहचानने वाला चाहिए था,
रवि अपनी कमिनि नज़रे अपनी भाभी पर चला रहा था और पायल रवि को आँखे निकाल कर उसे ऐसी हरकत ना कहने के लिए मना कर रही थी, रवि जब पायल को मुस्कुरा कर आँख मार देता है तो निशा एक दम से रवि की नज़रो को देख लेती है लेकिन ऐसा शो करती है जैसे उसने कुछ ध्यान नही दिया हो, निशा अपने मन मे इस कमिने की हर्कतो से तो लगता है कि यह अपनी बहन को भी नही चोदता होगा, कही पायल अपने भाई से तो नही फसि है, नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, मुझे यह सब नही सोचना चाहिए,
तभी पायल उठ कर रवि की ओर मुस्कुरा कर देखती हुई अपने रूम मे जाने लगती है,
निशा- अरे पायल बैठ ना कहाँ जा रही है
पायल- अभी आई भाभी अपने कपड़े चेंज करके
निशा- ओके
पायल के जाने के बाद निशा अपनी नज़रे रवि की ओर करती है और रवि को मुस्कुराता हुआ अपनी ओर ही देखता पाती है
निशा- क्यो रवि क्या बात है तुम्हारे चेहरे पर हर समय मुस्कान रहती है
रवि- क्या करू भाभी जब से आप इस घर मे आई हो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही है
निशा- क्यो क्या मे इतनी अच्छी हू
रवि- आपकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नही है
निशा- और क्या पायल तुझे अच्छी नही लगती है
रवि- मुस्कुराते हुए नही भाभी ऐसी बात नही है दीदी भी अच्छी लगती है लेकिन आपकी तो बात ही कुछ और है और निशा के गदराए मोटे-मोटे चुचो को देखने लगता है निशा अपने पल्लू को अपनी छाती मे ठीक से रखते हुए झल्ला कर
निशा- रवि ऐसे घूर कर क्यो देखा करता है क्या खा जाएगा
रवि- मुस्कुरा कर उसके रसीले होंठो को देखता हुआ अरे भाभी आप भी कैसी बाते करती है आप क्या खाने की चीज़ है
आप तो पीने.....
निशा- अपनी आँखो को निकाल कर उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई, क्या बोला
रवि- मुस्कुरा कर कुछ नही भाभी
निशा- मे जानती हू तू क्या कहना चाहता है
रवि- मुस्कुराते हुए, क्या
निशा- रवि तू क्या सोचता है कि मे कोई ऐसी वैसी औरत हू
रवि- निशा के सीरीयस चेहरे को देख कर सीरीयस होता हुआ, भाभी मेने ऐसा कब कहा कि आप ऐसी वैसी औरत है
निशा- तो फिर तू मेरे साथ इस तरह क्यो पेश आता है
रवि- देखो भाभी मे तो आप से थोड़ी मज़ाक कर लेता हू यदि आपको मेरी किसी बात का बुरा लगता है तो मुझे आप साफ-साफ कह दिया करो तो मे आगे से ऐसी हरकत नही किया करूँगा
निशा- ठीक है तो फिर आगे से मेरे.... और फिर कुछ कहती हुई चुप हो जाती है और अपनी नज़रे इधर उधर करने लगती है
रवि- आगे से क्या भाभी
निशा- उसको घूर कर देखती हुई कुछ नही
रवि- नही भाभी कुछ तो है जो तुम्हे पसंद नही है मुझे खुल कर बता दो मे आगे से वह हरकत नही करूँगा जो
आपको पसंद ना हो
निशा- उसको गौर से देखती हुई, थोड़ा मुस्कुरा कर रवि तू बहुत बड़ा कमीना है,
रवि- अपनी भाभी की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ, वाह भाभी क्या खूब पहचाना है आपने अपने देवेर को
निशा- मुस्कुराते हुए बेटा मे तुझे आज नही उसी दिन पहचान गई थी जिस दिन तूने मुझे पहली बार अपनी इन कामिनी नज़रो से देखा था
रवि- मुस्कुराते हुए, भाभी मुझ मे यह विशेषता है कि कोई भी औरत मुझसे ज़्यादा समय तक नाराज़ नही रह पाती
है, अब अपने आप को ही देख लो मुझसे बाते करते हुए कितना खुस नज़र आ रही हो जबकि थोड़ी देर पहले आप मुझसे कितना नाराज़ हो रही थी,
निशा- उसकी बात सुन कर मुस्कुराते हुए वेरी स्मार्ट
रवि- अरे भाभी यह तो कुछ भी नही है जब आप मुझसे बिल्कुल फ्रॅंक हो जाओगी तब देखना आप मुझसे कितना खुस रहने
लगोगी और तो और आपका मन करेगा कि आप दिन भर मेरे पास ही रहो और मुझसे बाते करती रहो,
तभी अंदर से पायल की आवाज़ आती है रवि ज़रा यहाँ आना
निशा- मुस्कुराते हुए हाँ तू सच कहता है तभी तो पायल भी तेरे बिना ज़्यादा देर तक नही रह पाती है
रवि- निशा की बात को समझ कर मुस्कुराता हुआ, भाभी थोड़ा सा आप भी ट्राई करोगी तो आप भी मुझे हर पल अपने पास ही रखना चाहोगी बस थोड़ा सा मेरे बारे मे अपनी राय बदल लो फिर देखना आप मुझसे कितना खुस रहोगी, समझी, और फिर निशा के सामने ही उसको आँख मार कर मुस्कुराते हुए अपनी दीदी के रूम की ओर बढ़ जाता है और निशा उसको अपना मुँह फाडे देखती रह जाती है और फिर कुछ देर बाद थोड़ा सा मुस्कुरा कर कमीना कही का कह कर टीवी ऑन कर लेती है.
रवि पायल को पीछे से जाकर उसके गदराए मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ हे दीदी कब से
तुम्हे छुआ नही था, कितना तड़प रहा हू मे तुम्हारे बिना, ना जाने यह रात कब होगी,
पायल- उसको दूर धकेल्टी हुई, क्यो रे तू अपनी हरकत से बाज नही आएगा,इतनी जल्दी गरम-गरम खाने की कोशिश मत कर अपना हाथ और मुँह दोनो जला लेगा
रवि- पायल को वापस से पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए दीदी तुम फिकर क्यो करती हो तुम्हारा भाई हर औरत की
कमज़ोरी को जल्दी ही पकड़ लेता है, अब भाभी की बात छोड़ो और अपने इन मस्ताने दूध को पिलाने की बात करो और पायल के दूध को अपने हाथो से कस-कस कर मसल्ने लगता है,
पायल- आह थोड़ा धीरे दबा रवि तू तो एक दम जान निकालने पर उतारू हो जाता है
रवि- उसके दूध को कस कर दबाते हुए, हे दीदी मे क्या करू तुम्हारे ये मस्ताने दूध है ही इतने कठोर कि जब मे
इन्हे दबाता हू तो यह खुद मुझसे कहने लगते है कि बेटा रवि थोड़ा ज़ोर लगा कर दबाना तभी तो तेरी प्यारी दीदी की चूत
मे पानी आएगा,
पायल- आह तू बहुत कमीना है तुझे औरतो के हर सुख की नब्ज़ का अंदाज़ा रहता है, तभी तो औरते जल्दी ही तुझे अपनी चूत दे देती है,
रवि- अपनी दीदी की चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ, दीदी तुम्हारी इस फूली हुई चूत की तो बात ही अलग है
पायल- चल झूठा कही का तेरे मन मे तो ना जाने किस-किस की चूत बसी हुई है अपनी दीदी को तो तू टाइम पास समझने लगा है
रवि- नही दीदी सच मुच तुम्हारी चूत के मुक़ाबले किसी की चूत नही है,
पायल- मुस्कुरा कर अच्छा, तो मुझे यह बता कि तुझे सोनिया को चोदने मे ज़्यादा मज़ा आया था या मुझे
रवि- सच कहु दीदी जितना मज़ा तुम्हारी मस्तानी चूत को फाड़ने मे आया था ना उतना मज़ा शायद ही किसी को चोदने मे
आएगा, तुम तो उपर से लेकर इतनी सेक्सी और खूबसूरत हो की मे तुम्हे चोदे बिना अब जी ही नही सकता हू, और पायल के रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसके मोटे-मोटे चुतडो को अपने हाथो मे कस कर खूब ज़ोर-ज़ोर से दबोचने
लगता है, पायल उसके लंड को उसकी पेंट के उपर से दबाते हुए,
पायल- अपनी दीदी को चोदने के लिए तेरा यह मोटा डंडा कितना जल्दी खड़ा हो जाता है
रवि- पायल की चूत को अपने हाथो से दबोचते हुए, दीदी तुम्हारी चूत भी तो अपने भाई के मोटे डंडे को खाने के लिए
कितनी जल्दी फूल जाती है,
पायल- रवि क्या कर रहा है अभी चोद देगा क्या अपनी दीदी को
रवि- हाँ दीदी मे तो कब से तुम्हे चोदने के लिए तड़प रहा हू
पायल- पगले अभी मुझे छोड़ कही भाभी ना देख ले, यह सब रात को करेगे
रवि- पायल के होंठो को चूमता हुआ, ठीक है दीदी जैसा तुम कहो और फिर रवि बाहर आ जाता है, जब रवि बाहर आता है
तो निशा उसके चेहरे को गौर से देखती है और रवि उसको देख कर मुस्कुराता हुआ उसके सामने आकर बैठ जाता है
तीनो आमने सामने बैठ कर कॉफी पीते हुए अपनी नज़रो से एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ मे बस चुदाई
की ही बाते चल रही थी और तीनो की सोच उनकी नज़रो से बया भी हो रही थी बस उनकी नज़रो को पहचानने वाला चाहिए था,
रवि अपनी कमिनि नज़रे अपनी भाभी पर चला रहा था और पायल रवि को आँखे निकाल कर उसे ऐसी हरकत ना कहने के लिए मना कर रही थी, रवि जब पायल को मुस्कुरा कर आँख मार देता है तो निशा एक दम से रवि की नज़रो को देख लेती है लेकिन ऐसा शो करती है जैसे उसने कुछ ध्यान नही दिया हो, निशा अपने मन मे इस कमिने की हर्कतो से तो लगता है कि यह अपनी बहन को भी नही चोदता होगा, कही पायल अपने भाई से तो नही फसि है, नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, मुझे यह सब नही सोचना चाहिए,
तभी पायल उठ कर रवि की ओर मुस्कुरा कर देखती हुई अपने रूम मे जाने लगती है,
निशा- अरे पायल बैठ ना कहाँ जा रही है
पायल- अभी आई भाभी अपने कपड़े चेंज करके
निशा- ओके
पायल के जाने के बाद निशा अपनी नज़रे रवि की ओर करती है और रवि को मुस्कुराता हुआ अपनी ओर ही देखता पाती है
निशा- क्यो रवि क्या बात है तुम्हारे चेहरे पर हर समय मुस्कान रहती है
रवि- क्या करू भाभी जब से आप इस घर मे आई हो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही है
निशा- क्यो क्या मे इतनी अच्छी हू
रवि- आपकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नही है
निशा- और क्या पायल तुझे अच्छी नही लगती है
रवि- मुस्कुराते हुए नही भाभी ऐसी बात नही है दीदी भी अच्छी लगती है लेकिन आपकी तो बात ही कुछ और है और निशा के गदराए मोटे-मोटे चुचो को देखने लगता है निशा अपने पल्लू को अपनी छाती मे ठीक से रखते हुए झल्ला कर
निशा- रवि ऐसे घूर कर क्यो देखा करता है क्या खा जाएगा
रवि- मुस्कुरा कर उसके रसीले होंठो को देखता हुआ अरे भाभी आप भी कैसी बाते करती है आप क्या खाने की चीज़ है
आप तो पीने.....
निशा- अपनी आँखो को निकाल कर उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई, क्या बोला
रवि- मुस्कुरा कर कुछ नही भाभी
निशा- मे जानती हू तू क्या कहना चाहता है
रवि- मुस्कुराते हुए, क्या
निशा- रवि तू क्या सोचता है कि मे कोई ऐसी वैसी औरत हू
रवि- निशा के सीरीयस चेहरे को देख कर सीरीयस होता हुआ, भाभी मेने ऐसा कब कहा कि आप ऐसी वैसी औरत है
निशा- तो फिर तू मेरे साथ इस तरह क्यो पेश आता है
रवि- देखो भाभी मे तो आप से थोड़ी मज़ाक कर लेता हू यदि आपको मेरी किसी बात का बुरा लगता है तो मुझे आप साफ-साफ कह दिया करो तो मे आगे से ऐसी हरकत नही किया करूँगा
निशा- ठीक है तो फिर आगे से मेरे.... और फिर कुछ कहती हुई चुप हो जाती है और अपनी नज़रे इधर उधर करने लगती है
रवि- आगे से क्या भाभी
निशा- उसको घूर कर देखती हुई कुछ नही
रवि- नही भाभी कुछ तो है जो तुम्हे पसंद नही है मुझे खुल कर बता दो मे आगे से वह हरकत नही करूँगा जो
आपको पसंद ना हो
निशा- उसको गौर से देखती हुई, थोड़ा मुस्कुरा कर रवि तू बहुत बड़ा कमीना है,
रवि- अपनी भाभी की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ, वाह भाभी क्या खूब पहचाना है आपने अपने देवेर को
निशा- मुस्कुराते हुए बेटा मे तुझे आज नही उसी दिन पहचान गई थी जिस दिन तूने मुझे पहली बार अपनी इन कामिनी नज़रो से देखा था
रवि- मुस्कुराते हुए, भाभी मुझ मे यह विशेषता है कि कोई भी औरत मुझसे ज़्यादा समय तक नाराज़ नही रह पाती
है, अब अपने आप को ही देख लो मुझसे बाते करते हुए कितना खुस नज़र आ रही हो जबकि थोड़ी देर पहले आप मुझसे कितना नाराज़ हो रही थी,
निशा- उसकी बात सुन कर मुस्कुराते हुए वेरी स्मार्ट
रवि- अरे भाभी यह तो कुछ भी नही है जब आप मुझसे बिल्कुल फ्रॅंक हो जाओगी तब देखना आप मुझसे कितना खुस रहने
लगोगी और तो और आपका मन करेगा कि आप दिन भर मेरे पास ही रहो और मुझसे बाते करती रहो,
तभी अंदर से पायल की आवाज़ आती है रवि ज़रा यहाँ आना
निशा- मुस्कुराते हुए हाँ तू सच कहता है तभी तो पायल भी तेरे बिना ज़्यादा देर तक नही रह पाती है
रवि- निशा की बात को समझ कर मुस्कुराता हुआ, भाभी थोड़ा सा आप भी ट्राई करोगी तो आप भी मुझे हर पल अपने पास ही रखना चाहोगी बस थोड़ा सा मेरे बारे मे अपनी राय बदल लो फिर देखना आप मुझसे कितना खुस रहोगी, समझी, और फिर निशा के सामने ही उसको आँख मार कर मुस्कुराते हुए अपनी दीदी के रूम की ओर बढ़ जाता है और निशा उसको अपना मुँह फाडे देखती रह जाती है और फिर कुछ देर बाद थोड़ा सा मुस्कुरा कर कमीना कही का कह कर टीवी ऑन कर लेती है.
रवि पायल को पीछे से जाकर उसके गदराए मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ हे दीदी कब से
तुम्हे छुआ नही था, कितना तड़प रहा हू मे तुम्हारे बिना, ना जाने यह रात कब होगी,
पायल- उसको दूर धकेल्टी हुई, क्यो रे तू अपनी हरकत से बाज नही आएगा,इतनी जल्दी गरम-गरम खाने की कोशिश मत कर अपना हाथ और मुँह दोनो जला लेगा
रवि- पायल को वापस से पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए दीदी तुम फिकर क्यो करती हो तुम्हारा भाई हर औरत की
कमज़ोरी को जल्दी ही पकड़ लेता है, अब भाभी की बात छोड़ो और अपने इन मस्ताने दूध को पिलाने की बात करो और पायल के दूध को अपने हाथो से कस-कस कर मसल्ने लगता है,
पायल- आह थोड़ा धीरे दबा रवि तू तो एक दम जान निकालने पर उतारू हो जाता है
रवि- उसके दूध को कस कर दबाते हुए, हे दीदी मे क्या करू तुम्हारे ये मस्ताने दूध है ही इतने कठोर कि जब मे
इन्हे दबाता हू तो यह खुद मुझसे कहने लगते है कि बेटा रवि थोड़ा ज़ोर लगा कर दबाना तभी तो तेरी प्यारी दीदी की चूत
मे पानी आएगा,
पायल- आह तू बहुत कमीना है तुझे औरतो के हर सुख की नब्ज़ का अंदाज़ा रहता है, तभी तो औरते जल्दी ही तुझे अपनी चूत दे देती है,
रवि- अपनी दीदी की चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ, दीदी तुम्हारी इस फूली हुई चूत की तो बात ही अलग है
पायल- चल झूठा कही का तेरे मन मे तो ना जाने किस-किस की चूत बसी हुई है अपनी दीदी को तो तू टाइम पास समझने लगा है
रवि- नही दीदी सच मुच तुम्हारी चूत के मुक़ाबले किसी की चूत नही है,
पायल- मुस्कुरा कर अच्छा, तो मुझे यह बता कि तुझे सोनिया को चोदने मे ज़्यादा मज़ा आया था या मुझे
रवि- सच कहु दीदी जितना मज़ा तुम्हारी मस्तानी चूत को फाड़ने मे आया था ना उतना मज़ा शायद ही किसी को चोदने मे
आएगा, तुम तो उपर से लेकर इतनी सेक्सी और खूबसूरत हो की मे तुम्हे चोदे बिना अब जी ही नही सकता हू, और पायल के रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसके मोटे-मोटे चुतडो को अपने हाथो मे कस कर खूब ज़ोर-ज़ोर से दबोचने
लगता है, पायल उसके लंड को उसकी पेंट के उपर से दबाते हुए,
पायल- अपनी दीदी को चोदने के लिए तेरा यह मोटा डंडा कितना जल्दी खड़ा हो जाता है
रवि- पायल की चूत को अपने हाथो से दबोचते हुए, दीदी तुम्हारी चूत भी तो अपने भाई के मोटे डंडे को खाने के लिए
कितनी जल्दी फूल जाती है,
पायल- रवि क्या कर रहा है अभी चोद देगा क्या अपनी दीदी को
रवि- हाँ दीदी मे तो कब से तुम्हे चोदने के लिए तड़प रहा हू
पायल- पगले अभी मुझे छोड़ कही भाभी ना देख ले, यह सब रात को करेगे
रवि- पायल के होंठो को चूमता हुआ, ठीक है दीदी जैसा तुम कहो और फिर रवि बाहर आ जाता है, जब रवि बाहर आता है
तो निशा उसके चेहरे को गौर से देखती है और रवि उसको देख कर मुस्कुराता हुआ उसके सामने आकर बैठ जाता है