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Incest कमीना

LUCKY4ROD

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रवि, करण के फ्लॅट पर पहुच कर उसकी डोर बेल बजाता है और करण आकर गेट खोल देता है

कारण- आ गया तू

रवि- हा यार बड़ी मुस्किल मे आने दिया

कारण- किसने

अरे मेरी जानेमन ने और किसने

कारण- यार कभी हमे भी अपनी जानेमन से मिलवा दे ना

रवि- अरे वाह बड़ा आया मेरी जानेमन से मिलने वाला जिस दिन तुझे पता चलेगा कि मेरी जान कौन है उस दिन तेरे होश उड़ जाएगे समझे

कारण- अरे ऐसी कौन सी हूर की परी है जिसे देख कर मेरे होश उड़ जाएगे

रवि- अरे डियर वह सब तो मे तुझे बाद मे बताउन्गा पहले मुझे यह तो बता तुझ जैसे गधे से कौन ब्याह रचाने को राज़ी हो गई, कमिने साले चले है शादी करने

करण- आबे मुझसे भी बड़ा कमीना तो तू है ना जाने कब किसे चोदने का सोचने लग जाए कोई ईमान धरम तो है नही

रवि- हाँ यार यह तो तू सच कह रहा है एक बार तो मेने सपने मे तेरे फ्लॅट मे आकर ही अपना लंड खूब तबीयत से हिलाया था
कारण- किसको सोच कर

रवि- तेरी मम्मी को और किसको

करण- लगता है आज तू सुबह से ही किसी की चूत के दर्शन करके आया है जो सुबह से ही तुझे चूत दिखाई दे रही है

रवि- सॉरी यार बुरा मत मानना मे तो मज़ाक कर रहा था

करण- अबे तेरी बात का बुरा मान कर मे कर भी क्या लूँगा, तेरा कोई भरोशा नही है मेरी मम्मी को देख लेगा तो उसे

भी चोदने के बारे मे सोचने लग जाएगा, आख़िर कमीना जो ठहरा

रवि- करण की बात पर मुस्कुराता हुआ, नही यार तेरी मम्मी तो बूढ़ी हो गई होगी उसकी चूत मे क्या मारूँगा

करण- अबे साले तूने अगर मेरी मम्मी को देखा होता तो ऐसी बात नही करता

रवि- अच्छा तो क्या तेरी मम्मी अभी तक जवान है

करण- तू बैठ मे पहले तेरी चाय्स लेकर आता हू फिर आराम से बैठ कर बाते करेगे आज मेरा लंड भी सुबह से

परेशान कर रहा है

रवि- क्यो तुझे तेरी मम्मी की गदराई फूली हुई चूत याद आ गई क्या

करण- अबे तू मेरी मम्मी की चूत और मोटी गान्ड देख लेगा तो पागल हो जाएगा

रवि- अबे दिखा चाहे ना दिखा अपने मुँह से ही बता दे मुझे तो उसमे ही मज़ा आ जाएगा

करण वोड्का की बोतल उसके सामने रख कर बैठ जाता है और फिर दो लार्ग पॅक बनाता है और दोनो एक ही सांस मे पूरा

ग्लास खाली कर देते है और फिर दूसरा लार्ग पॅक ख़तम करते हुए,

रवि- हा तो करण तू क्या कह रहा था तेरी मम्मी के बारे मे

करण- अरे यार क्या बताऊ, तूने आते ही मेरी मम्मी की फूली हुई चूत की बात करके मेरा लंड खड़ा कर दिया है

रवि- क्या तेरी मम्मी की चूत इतनी ज़्यादा मस्त और फूली हुई है

करण- अरे मेरी मम्मी की चूत देख कर तो बुड्ढे का लंड भी झटके मारने लगे क्या गदराई चूत है उसकी और उसकी मोटी

गान्ड देख कर तो तू खड़े-खड़े ही उसकी गान्ड मे अपना लंड फासने को तैयार हो जाए,

रवि- क्या खूब मोटी और गदराई गान्ड है तेरी मम्मी की

करण- अरे अगर तू मेरी मम्मी को पूरी नंगी देख ले तो तेरे लंड से खड़े-खड़े ही पानी निकल जाएगा, मेरी मम्मी की

गदराई जवानी उसकी मोटी गान्ड और उसकी मोटी-मोटी चिकनी जंघे हाय मे तो अपने लंड को अपनी मम्मी को पूरी नंगी सोच कर ही हिलाता हू, ऐसी जबरदस्त गान्ड और ऐसी फूली हुई चूत मेने आज तक नही देखी,

रवि- अच्छा ये बता देखने मे कैसी लगती है तेरी मम्मी, कितनी उमर होगी उसकी

करण- अपना ग्लास ख़तम करता हुआ, अरे यार कम से कम 45 की होगी पर उसकी गदराई जवानी आज भी इतनी कसी हुई है उसके भारी-भारी चुतड तो तेरे दोनो हाथो मे भी नही समा सकते और एक दम गोरी गान्ड है उसकी और उसकी छूट अफ क्या बतौ

आज भी अपनी छूट के बाल जब साफ कर लेती है तो उसकी छूट इनटी गोरी और इतनी फूली हुई नज़र आती है कि दिल करता है की अपनी मम्मी की चूत मे अपना मुँह रख कर अपने मुँह से उसकी फूली हुई चूत को दबाता ही रहू, उसकी गदराई जंघे देख कर तो मे पागल हो जाता हू इतनी चिकनी और इतनी मोटी-मोटी गदराई जंघे है की अपने दोनो हाथो मे भर-भर कर दबोचने मे मज़ा आ जाए, उसके दूध इतने मोटे-मोटे और कसे हुए है कि क्या बताऊ,

रवि -अच्छा करण तेरी मम्मी आज भी पेंटी पहनती है कि नही

करण- अरे वह तो अपनी भारी गान्ड के उपर इतनी छोटी सी पेंटी पहनती है कि उसकी पेंटी तो उसकी मोटी गदराई गान्ड की दरार मे ही फस जाती है और उसके भारी-भारी चुतडो के पाट पूरे नंगे ही नज़र आते है, और तो और रवि जब मेरी मम्मी की चूत जब उसकी गुलाबी पेंटी मे कस जाती है तब भी मेरी मम्मी की चूत पेंटी के उपर से भी इतनी फूली हुई नज़र आती है कि अपने हाथो के पूरे पंजो से पकड़ कर दबोचने पर भी मेरी मम्मी की फूली हुई चूत पकड़ मे ना आए,
रवि- अपने ग्लास को खाली करता हुआ, अच्छा करण जब तेरी मम्मी अपनी मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है तब उसकी चूतकैसी नज़र आती है,

करण- सबसे बड़ी बात तो यह है कि मेरी मम्मी हमेशा अपनी चूत के बाल साफ करके उसे एक दम चिकना रखती है और जब वह अपनी मोटी-मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है तो उसका चूत पूरा भोसड़ा नज़र आने लगती है उसकी चूत की फूली हुई मोटी-मोटी फांके बहुत ही गदराई हुई लगती है और जब वह घोड़ी बन कर खड़ी होती है तो उसका एक बीते से भी ज़्यादा बड़ा भोसड़ा और सूकी फूली हुई गदराई फांके बहुत ही खूबसूरत लगती है ऐसा लगता है जैसे पीछे से उसकी मस्तानी फूली हुई चूत की मोटी-मोटी फांको को फैलाकर अपनी मम्मी की चूत को खूब कस-कस कर चाट लू, मेरी मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को जब से देखा है मे तो पागल हो गया हू मेरा लंड दिन रत अपनी मम्मी की चूत और गान्ड चोदने के लिए तड़प्ता रहता है, मे तो दिन रात अपनी मम्मी को अपनी कल्पना मे नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हू और यह फील करता हू

कि कैसे मेरी मम्मी अपने नंगे बदन को मुझसे चिपका-चिपका कर मुझसे अपनी चूत और गान्ड मराती है, जब मे अपनी

मम्मी को अपने सपनो मे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हू तो मुझे बहुत मज़ा आता है और मे तबीयत से

झाड़ता हू.

रवि- करण क्या तेरी मम्मी थोड़ी मोटी है

करण- तू उसे मोटी नही गदराई कह उसका गुदाज उभरा हुआ पेट उसकी गहरी नाभि, उसके भारी-भारी मोटे-मोटे चुतड, उसकी गदराई चिकनी और खूब मोटी जंघे और सबसे खूबसूरत चिकनी फूली हुई एक बीते से भी लंबी फूली चूत, उफ्फ रवि

मेरी मम्मी थोड़ी भारी बदन की है लेकिन उसे चोदने मे मज़ा आ जाए, उसे जब पूरी नंगी करके उसके नंगे गदराए

बदन पर चढ़ कर उसे चोदो तो मज़ा आ जाए, तू पिछली बार कह रहा था ना कि करण तेरी फॅंटेसी क्या है तू किसको नंगी

सोच कर अपने लंड को सहलाता है, तू किसकी चूत को अपनी कल्पना मे चोद-चोद कर झाड़ता है, तो दोस्त वह मेरी मम्मी

है जिसको अपने कल्पना मे मे कई बार चोद चुका हू,

रवि- यार करण जब तू अपनी मम्मी की मोटी-मोटी गदराई गान्ड देखता है तो तुझे कैसा फील होता है

करण- मुझे लगता है की पीछे से जाकर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर इस कदर अपनी मम्मी की मोटी और गदराई गान्ड मारू की वह मस्त हो जाए, मेरी मम्मी की गान्ड है भी इतनी मोटी और गदराई हुई की उसे खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से चोदना पड़े तब जाकर उसे कुछ मज़ा आएगा, तू सोच रवि मेरी उस समय क्या हालत होती होगी जब मे अपने घर जाता हू और मेरी मम्मी दिन भर मेरे सामने अपनी मोटी-मोटी गान्ड मतकती हुई घूमती है, तब तो दोस्त ऐसा लगता है कि अभी अपनी मम्मी की साडी उठा कर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटे-मोटे चुतडो को चोद दू, मेरा तो लंड दिन भर उसकी गदराई जवानी, मोटे-मोटे फैले हुए चुतड और फूली हुई चूत को

देख-देख कर खड़ा रहता है, उपर से अपनी छोटी सी पेंटी भी मेरे सामने ही बाथरूम मे टांग देती है तब बस यही

कल्पना करता हू कि यह छोटी सी पेंटी मेरी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई चूत से कैसे कसी रहती होगी,

रवि- फिर तो करण तेरा मन अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदने का करता होगा

करण- हा यार ऐसा लगता है कि दिन रात अपनी मम्मी को नंगी करके चोदता ही रहू

रवि- पर तूने अपनी मम्मी को पूरी नंगी कब देख लिया

कारण- अरे एक बार मे जब अपने घर गया था तब एक दिन मेरे घर पर मम्मी और मेरे अलावा कोई नही था, मे अपने

रूम मे लेटा हुआ था तभी मुझे प्यास लगी और मे किचन की ओर पानी लेने गया तो देखा की मम्मी का रूम अंदर से

बंद था मे सोचने लगा कि मम्मी दिन मे ही रूम लॉक करके क्या कर रही तब मेने देखा घर के दरवाजे पुराने

जमाने के लकड़ी के बने हुए थे और उनके बीच काफ़ी दरार थी मेने जैसे ही अंदर झाँक कर देखा मेरे तो होश उड़
रवि- क्यो ऐसा क्या देख लिया तूने

करण- अरे मेने देखा मेरी मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थी, उसकी मोटी और गदराई जवानी

फूली हुई चूत और मोटी-मोटी गान्ड देख कर मे तो पागल हो गया और मेरा लंड अपनी मम्मी की नंगी मदमस्त जवानी को

देख कर खड़ा हो गया, वह अपनी चूत के एक-एक बाल को बड़े प्यार से साफ कर रही थी और उसकी चूत से जैसे-जैसे बाल साफ हो

रहे थे उसकी गोरी चूत और ज़्यादा फूली हुई नज़र आने लगी, उसकी फूली हुई चूत के मोटी-मोटी फूली हुई फांके और उसकी

चूत का कटाव साफ नज़र आ रहा था और उसके पेडू और गदराए पेट के उठाव ने मुझे पागल कर दिया था, जब वह थोड़ा

घूम गई तो उसकी गदराई मोटी गान्ड देख कर तो मेरा दिल करने लगा कि अभी जाकर अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई मोटी गान्ड मे अपने लंड को कस कर पेल दू, जब मेरी मम्मी के चूत के बाल पूरे साफ हो गये तो वह अपनी फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए बचे हुए बालो कॉधूढ़ने लगी, उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया और मुझे ऐसा लगने लगा कि काश ऐसी फूली हुई चूत को चूमने का मोका मिल जाए तो ऐसी रसीली चूत को रात भर नंगी करके चातू,

रवि- करण को एक और ग्लास देता हुआ ले करण आज तेरी बातो से वोड्का का नशा डबल लगने लगा है, आगे बता फिर क्या हुआ,

करण- रवि से ग्लास ले कर अपने मुँह मे लगा कर एक ही घुट मे ग्लास खाली करते हुए, फिर उस दिन मेने अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी को ध्यान करते हुए, उसकी फूली हुई चूत और मोटी गान्ड को कस-कस कर चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और तू यकीन नही करेगा अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने की कल्पना करके जब मेने अपना लंड हिलाया तो मुझे उस दिन सबसे ज़्यादा मज़ा आया, उस दिन के बाद मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने के मोके ढूढ़ने लगा और मेने फिर उसे कभी बाथरूम मे कभी उसके रूम मे कई बार नंगी देखा और अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का सोच-सोच के खूब लंड हिलाया,

रवि- कभी तूने अपनी मम्मी को चोदने की कोशिश नही की

कारण- नही यार मेरी मम्मी बहुत सख़्त है इसलिए मेरी कभी हिम्मत ही नही पड़ी, हा किसी ना किसी बहाने से कभी अपनी मम्मी की मोटी गान्ड कभी उसके मोटे-मोटे दूध, और कभी उसकी गदराई जाँघो को ज़रूर छू कर मज़ा लिया है पर

चोदने का कभी मोका नही मिला और ना ही मेरी कभी हिम्मत ही पड़ी,

रवि- अबे यह बात तू मुझे पहले बता देता तो मे कुछ ना कुछ आइडिया तो तुझे ज़रूर दे देता,

करण- रहने दे यार तेरे आइडिया मुझे किसी भी दिन मरवा देंगे, मे तो अपनी मम्मी को चोदने की कल्पना करके लंड हिला

कर ही खुस हो लेता हू, मुझे कोई रिस्क नही लेना है,

रवि- खेर जैसी तेरी मर्ज़ी पर तूने अपनी मम्मी की चूत और गान्ड को जब से देखा होगा तब से तुझे भारी बदन वाली औरतो को ही चोदने का मन करता होगा,

करण- अरे मुझे तो अपनी मम्मी को ही चोदने का मन करता है लेकिन क्या करू, अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए गान्ड मे दम भी तो होना चाहिए, अपनी मम्मी को फसा कर चोदना कोई मज़ाक तो नही है,

रवि- तू ठीक कहता है, लेकिन अगर तो कोशिश करता तो शायद सफल भी हो जाता, क्यो की औरतो को भी मोटे-मोटे लंड की बहुत चाह होती है, तूने अपना मोटा लोडा अपनी मम्मी को दिखा दिया होता तो शायद वह भी तेरी और ध्यान देने लगती,

करण- तू कहता तो ठीक है पर ऐसी स्थिति भी तो बनना चाहिए कि मे यह सब कर सकता

रवि- अरे यार ज़यादा कुछ नही तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को एक बार सोते हुए ही अपनी मुट्ठी मे भर के तो देखता तुझे नही मालूम ऐसी गदराई औरतो की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल्ने मे कितना मज़ा आता है,

करण- अरे डियर अपनी मम्मी की चूत को तो मे कई बार जब वह गहरी नींद मे होती थी तब अपनी मुट्ठी मे भर कर

दबोचने क्या, एक बार तो उसकी साडी सोते हुए पूरी उपर हो गई थी और उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी और शायद झाँत के बाल भी उसने एक दिन पहले ही बनाए थे तब तू बात नही मानेगा मेने अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर अपने मुँह को रख कर जब उसकी गदराई मुलायम चूत को चूमा तो मेरा लंड अपना पेंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प उठा, अपनी

मम्मी की फूली हुई चूत की मादक गान्ड ने मुझको पागल कर दिया था, मुझसे रहा नही गया और जब मेने हिम्मत

करके अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी गदराई फांको को अलग करने की कोशिश की वह एक दम से करवट ले कर लेट गई और मेरी तो गान्ड ही फॅट गई लेकिन किस्मत से मे बच गया तब से ज़्यादा कुछ नही करता हू, जब भी देखता हू कि वह गहरी नींद मे है तब कभी उसकी मोटी गान्ड को सहला लेता हू या फिर उसकी गदराई फूली हुई चूत पर अपना हाथ फेर लेता हू और फिर जाकर मूठ मार लेता हू

रवि- हाय तुझे तो बड़ा मज़ा आया होगा अपनी मम्मी की फूली हुई छूट को अपने हाथो


मे भर कर दबोचने मे

करण- हा यार ऐसा मज़ा तो आदमी को पागल कर देता है

रवि- अपने मन मे सोचता हुआ, बेटे करण मेरा आधा सपना तो सच निकला पर तूने तेरी मम्मी को चोदा नही और मेरे

ख्वाबो मे तो तूने अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदा था, कही ऐसा तो नही कि तू पूरी बात मुझे बता नही रहा

है, खेर कोई बात नही, अगर तूने अपनी मम्मी को चोदा होगा तो एक ना एक दिन तू मुझे ज़रूर बताएगा,

रवि- करण तू मुझे अपनी होनेवाली बीबी की फोटो दिखाने वाला था ना

कारण- हाँ यार दिखाने वाला तो था लेकिन अभी तक तो फोटो मेरे पास नही आया है अब मेने ही नही देखा तो तुझे कहा

से दिखाऊ, लेकिन आज कल मे आ जाएगा फिट तुझे ज़रूर दिखाउँगा

रवि- चल ठीक है लेकिन शादी कब कर रहा है,

कारण- बस फोटो देख कर हाँ कहना है और फिर शादी की तैयारी शुरू

रवि- मतलब चट मँगनी और पट ब्याह

करण- हा यार अब चूत के बिना नही रहा जाता है, पर तूने यह नही बताया कि तू उस दिन किस लड़की को यहाँ लाया था, तूने

ज़रूर उसे मेरे बेड पर पूरी नंगी करके चोदा होगा,

रवि- तू ठीक कह रहा है, मेने उसकी उस दिन खूब कस कर चूत मारी थी, तू उसे नही जानता है, वह मेरी जान है और मे

उसी से शादी करने का सोच रहा हू पर

करण- पर क्या

रवि- अरे यार अब क्या बताऊ ना जाने किस मदर्चोद का रिश्ता उसके लिए आया है तब से वह बहुत रो रही है और मे भी

उसके लिए परेशान हू

करण- तो फिर अब क्या करेगा

रवि- सोचता हू जिस भोसड़ी वाले का रिश्ता उसके लिए आया है जाकर उसकी मा चोद दू

करण- हस्ते हुए, अबे तो जाकर चोद दे ना तुझे किसने रोका है

रवि- यार तुझे मज़ाक लग रहा है पर यह मेरे प्यार का सवाल है, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है मे क्या करू

करण- एक कम क्यो नही करता, लड़की के मा-बाप से जाकर तू ही रिश्ता माँग ले

रवि- देखते है दोस्त क्या होता है, कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,

दोनो दोस्त दिन भर आपस मे डिसकस करते हुए बिता देते है उसके बाद खाना खाकर रवि वही सो जाता है और जब शाम

होती है तो वह करण को बाइ करके अपने घर की ओर चल देता है,

रास्ते भर उसके दिमाग़ मे करण की बाते घूमती रहती है और वह करण की मम्मी की मस्तानी गान्ड और फूली हुई चूत को सोच-सोच कर उसका लोडा भनभनया रहता है, जब वह घर पहुचता है तो निशा और पायल बैठी हुई बाते करती रहती

है, और पायल रवि को देख कर

पायल- आ गये भाई साहब, कहाँ थे दिन भर

निशा- लगता है अपनी किसी गर्लफ्रेंड से मिल कर आ रहे है

रवि- उन दोनो को देख कर मुस्कुराता है और अपने रूम की ओर जाने लगता है, पायल का मन रवि से चिपकने के लिए सुबह से बेचैन रहता है और वह रवि को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देखती है लेकिन अपनी भाभी के सामने कुछ नही कर पाती है, निशा पायल के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करती है और फिर कुछ सोच कर,

निशा- पायल मे तो बैठे-बैठे थक गई हू, मैं थोड़ा अपने रूम मे जाकर आराम कर लू

पायल- अपनी भाभी की बात सुन कर खुस होते हुए, हाँ-हाँ क्यो नही भाभी मे भी थोड़ी देर अपने रूम मे जाकर लेट जाती

हू,

निशा- पायल को देख कर मुस्कुराते हुए, अरे अगर तुझे भी लेटने का मन कर रहा है तो चल मेरे साथ मेरे रूम मे

ही लेट जाना

पायल- एक दम घबरा कर नही-नही भाभी आप आराम से लेट जाओ मे तो थोड़ी देर बाद जाउन्गि,

निशा- मुस्कुराते हुए अपने रूम की ओर जाने लगती है और पायल अपनी भाभी को देखने लगती है, तभी निशा एक दम से

अपनी गर्दन घुमा कर पायल को देखती है और पायल एक दम से अपनी नज़रे चुराने लगती है, और निशा उसकी इस हरकत पर मंद-मंद मुस्कुराती हुई अपने रूम मे चली जाती है,

निशा के अपने रूम मे जाते ही पायल जल्दी से उठ कर रवि के रूम मे पहुच जाती है और रवि अपनी पेंट उतार कर पाजामा पहनने की तैयारी मे था तभी पायल मुस्कुराते हुए रवि के पास जाकर उसके अंडरवेार के उपर से ही उसका मोटा लंड पकड़ लेती है और

पायल- हाय क्या मस्त लंड है रे तेरा, दिन रात मे तेरे इस लंड के लिए बेचैन रहने लगी हू, और तू है कि अपनी दीदी की ओर ध्यान ही नही देता है

रवि- मुस्कुराता हुआ पायल के होंठो को चूमता हुआ, मेरी जान तुम्हारे लिए तो मे भी बहुत बेचैन रहता हू पर क्या

करू थोड़ा ज़रूरी काम था नही तो मे अपनी स्वीट दीदी को छोड़ कर कही जा सकता हू क्या, और पायल के मोटे-मोटे कसे

हुए गदराए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता है और उसका लंड अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को

दबाते ही खड़ा हो जाता है, पायल से बर्दास्त नही होता है और वह रवि के अंडरवेार को थोड़ा नीचे सरका कर बैठ जाती

है और रवि के मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर लोलीपोप की तरह चूसने लगती है, लेकिन उन दोनो मे से किसी को भी इस बात का ध्यान नही रहता है कि दूसरी ओर निशा उन दोनो की उस हरकत को छुप कर देख रही है और निशा जब पायल को अपने भाई के तगड़े मोटे लंड को इतने
प्यार से सहला-सहला कर चूस्ते देखती है तो उसकी चूत पूरी गीली हो जाती है, और वह रवि के मोटे लंड को बड़ी प्यासी निगाहो से देखने लगती है,

रवि- दीदी अब बस भी करो कही भाभी ना देख.... रवि के शब्द उसके मुँह मे ही रह जाते है क्योकि उसकी नज़र निशा के

उपर पड़ जाती है और वह देखता है कि निशा उसके मोटे लंड को बड़े गौर से देख रही है, तभी निशा की नज़र भी रवि की

नज़र से मिल जाती है और निशा के होश उड़ जाते है, और रवि अपनी भाभी के कामुक चेहरे को देख कर एक कमिनी मुस्कान अपनी भाभी की ओर मारता है और निशा तुरंत वहाँ से भाग जाती है,
 

LUCKY4ROD

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निशा के जाने के बाद.........

रवि- दीदी अभी छोड़ दो रात को कर लेना

पायल- उसके लंड से अपना मुँह हटाते हुए, अरे भाभी तो सोने चली गई है

रवि- मुस्कुरा कर अरे वह तो ठीक है पर अभी ठीक नही होगा हम रात को आराम से चोदेगे ना और पायल उसके मुँह से

चोदने की बात सुन कर उससे कस कर चिपक जाती है और रवि भी अपनी दीदी को अपनी बाँहो मे भर कर चूम लेता है लेकिन रवि के दिमाग़ मे निशा ही चलती रहती है और वह सोचता है कि अब भाभी का क्या रिक्षन होगा, कही भाभी भैया से, नही-नही भाभी मे इतनी हिम्मत नही है, और फिर वह मेरे लंड को भी तो घूर-घूर कर देख रही थी, मेरे थोड़े से

प्रयास से भाभी मुझसे अपनी फूली हुई चूत मराने के लिए ज़रूर राज़ी हो जाएगी और अगर साली ने नखरा किया तो, अब तो भाभी के पास जाकर ही कुछ समझ मे आएगा लेकिन दीदी का क्या करू,

पायल- रवि किस सोच मे डूबा है तू

रवि- कुछ सोच कर, दीदी लगता है भाभी ने हमे देख लिया है

पायल- उसकी बात सुन कर अपना मुँह फाडे यह तू क्या कह रहा है रवि

रवि- हाँ दीदी मे सच कह रहा हू

पायल- घबरा कर अब क्या होगा रवि

रवि- अरे दीदी तुम घबराती क्यो हो, तुम जाकर भाभी के पास बैठो मे थोड़ी देर मे आता हू

पायल- डरते हुए नही-नही मे नही जाउन्गि, रवि मुझे बहुत डर लग रहा है कही भाभी ने भैया को..

रवि- पायल के सर पर हाथ फेरता हुआ, अरे दीदी अपने भाई के होते हुए तुम डरती क्यो हो, मे जैसा कहता हू तुम वैसा

करो,

पायल- क्या करू

रवि- देखो दीदी अब भाभी पर हमारा राज खुल चुका है, अब उनसे बचने का बस एक ही रास्ता है मुझे भाभी को कैसे

भी करके चोदना होगा, और इसके लिए तुम्हे एक काम करना पड़ेगा

पायल- क्या करना पड़ेगा

रवि- दीदी तुम भाभी के पास जाकर बैठो और उनसे बिना डरे जितना हो सके सेक्स की बाते करो बाकी सब मे देख लूँगा

पायल- नही रवि मुझसे यह सब नही होगा मेरी तो गान्ड .....

रवि- अरे तुम तो पागल हो, भाभी की गान्ड मे इतना दम नही है कि वह यह सब बाते भैया से बता दे, तुम ऐसा शो

करना जैसे तुम्हे कुछ पता ही नही है और निडर होकर उनसे उनकी सेक्स लाइफ की बात जितना ज़्यादा हो सके करो और मुझे बताओ उनका क्या रिक्षन होता है, उसके बाद ही मे कुछ कर पाउन्गा

पायल- लेकिन रवि

रवि- डॉन'ट वरी दीदी मे हू ना, अगर कुछ गड़बड़ हुई तो सारी बात मे अपने उपर ले लूँगा तुम बिल्कुल फिकर मत करो

रवि पायल को समझा कर बाहर भेज देता है और पायल डरते हुए अपनी भाभी के रूम मे जाती है जहा निशा गंभीर

सोच मे डूबी हुई लेटी रहती है,

पायल- अपने चेहरे पर जबरन मुस्कुराहट लाते हुए,

पायल- क्या सोच रही हो भाभी मे तो समझी आप सो गई होगी

निशा- थोडा मुस्कुरा कर पायल के चेहरे को देख कर अपने मन मे देखो तो साली अपने भाई के मोटे लंड को चूस कर

कितना खुस दिख रही है, कितनी चुदासी है तू पायल मे तो तुझे बहुत सीधी समझती थी और तू क्या निकली

निशा- आ पायल बैठ

पायल- अपनी भाभी के रिप्लाइ पर कुछ राहत महसूस करती हुई, भाभी आपको भैया की बहुत याद आती होगी ना
निशा-मुस्कुरा कर हाँ वो तो है अपने पति की याद नही आएगी तो किसकी याद आएगी

निशा- अच्छा ये बता तू भी किसी को याद करती है कि नही

पायल- मुस्कुरकर अरे भाभी मे किसे याद करू, मेरी लाइफ तो वीरान है पर आपकी लाइफ तो शादी के बाद काफ़ी रंगीन हो

गई होगी ना

निशा- मुस्कुराते हुए, अरे यह ज़रूरी तो नही कि शादी के बाद ही लाइफ रंगीन होती है, कुछ लोग तो शादी के पहले भी अपनीलाइफ को रंगीन बना लेते है

निशा की बात सुन कर पायल थोड़ा झेप्ते हुए, अच्छा भाभी एक बात बताओ जब से आप यहाँ आई हो रात को ठीक से सो तो नही पाती होगी ना,

निशा- क्यो

पायल- इसलिए की भैया आपको सोने ही नही देते होंगे

निशा- अरे कहाँ, तेरे भैया को अपने काम से ही इतनी थकान हो जाती है की एक घंटे मे ही खर्राटे मारने लगते है, और

अपनी नई नवेली बीबी को भूल ही जाते है,

पायल- मुस्कुरा कर पर भाभी ये भी तो हो सकता है कि भैया सारी रात की कसर एक घंटे मे ही पूरी कर देते हो

निशा- तुझे लगता है कि कोई मर्द सारी रात की कसर एक घंटे मे पूरी कर सकता है

पायल- शरमाने का नाटक करती हुई, अब मुझे क्या पता भाभी मेरी तो अभी तक शादी भी नही हुई है

निशा- मुस्कुरा कर पर तुझे देख कर तो ऐसा लगता है जैसे तेरे पास कितना एक्सपीरियेन्स हो, कही किसी से टांका तो नही

भिड़ा लिया है तूने

पायल- तुम भी क्या बात करती हो भाभी, क्या मे ऐसी दिखती हू

निशा- पायल के मोटे-मोटे दूध को उसकी आँखो के सामने देख कर उसके दूध को अचानक अपने हाथो मे भर कर

दबाती हुई, पर तेरे ये तने हुए आम तो ऐसे ही लगते है जैसे इन्हे किसी ने कस-कस कर दबाया हो

पायल अपनी भाभी की इस हरकत के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी और निशा के द्वारा अपने मोटे-मोटे दूध मसले जाने से वह एक दम से सिहर जाती है और अपनी भाभी का हाथ अपने दूध से हटाती हुई,

पायल- अपनी भाभी को कामुक नज़रो से देखती हुई, आप भी ना भाभी, ऐसा मज़ाक करती हो

निशा -मुस्कुरा कर अच्छा, चल नही करती पर यह तो बता कि तूने कभी किसी का लंड देखा है

पायल- शर्मा कर, क्या भाभी आप भी ना

निशा- अरे मुझ से क्या शरमाती है जो तेरे पास है वही मेरे पास है, सच-सच बता दे मुझे देखा है कि नही

पायल- भाभी प्लीज़ आप कैसे सवाल कर रही हो, अगर यही सवाल मे आप से पुछु तो

निशा- हाँ तो पूछ ना क्या पूछना चाहती है तू

पायल- क्या आपने भैया के अलावा किसी का देखा है

निशा- हाँ

पायल- अपना मुँह फाडे अपनी भाभी को देखती हुई, किसका

निशा- अरे मेने तो इतना मोटा लंड देखा है कि तेरे भैया का भी उसके सामने कुछ नही है

पायल- मुस्कुरकर क्यो आपको भैया से मज़ा नही आता है क्या

निशा- आता है लेकिन मोटे लंड की बात ही कुछ और होती है जब तू अपनी चूत मे कोई मोटा लंड लेगी तब तुझे पता चलेगा

पायल- सच बताओ भाभी आपने किसका देखा है

निशा- मुस्कुरा अरे मेने जिसका लंड देखा है उसे तू नही जानती है वह ग़लती से मुझे नज़र आ गया था, पर तूने क्या

सचमुच किसी का नही देखा

पायल- अपने गले को अपनी उंगलियो से पकड़ती हुई सच्ची भाभी क्या मे आप से झूठ बोलूँगी

निशा- अपने मन मे इतना मोटा लंड चूस के आ रही है और मेरे सामने नौटंकी छोड़ रही है, अपने भाई का ही लंड

चुस्ती है और बड़ी भोली बन रही है

पायल- मे जानती हू भाभी तुमने किसी और का नही रवि का ही मोटा लंड देखा है और इसे लिए उससे चुदवाने की चाह मे अब तुम्हे भैया का लंड भी फीका लगने लगा है, वाकई भाभी तुम भी बड़ी चुदासी हो, चुदवा लो रवि से वह तो तुम्हे

चोदना ही चाहता है, फिर इतना नखरे क्यो चोद्ती हो उसके सामने, अब दे भी दो अपनी चूत मेरे दूसरे भाई को

दोनो अपनी-अपनी बाते सोच कर एक दूसरे को देख कर मुस्कुराती है, तभी रवि बाहर से आवाज़ लगाता हुआ अरे कोई कॉफी पिलाने का कष्ट करेगा इस घर मे,

निशा- मुस्कुरा कर जा तुझे बुला रहा है, जाकर अपने भाई के लिए कॉफी बना दे

पायल- मुस्कुरा कर नही भाभी वह मुझे नही आपको बुला रहा है आजकल उसे आपकी बनाई हुई कॉफी अच्छी लगती है

निशा- मुस्कुरा कर पायल को उठाते हुए, मुझे तो लगता है उसे हम दोनो की बनाई हुई कॉफी अच्छी लगती है और दोनो

मुस्कुराते हुए बाहर आ जाते है, पायल रवि के पास से मुस्कुराती हुई गुजरती है और रवि की ओर आँख मारते हुए

किचन मे चली जाती है और निशा आकर रवि के सामने बैठ जाती है,

रवि मुस्कुराता हुआ निशा की गदराई जवानी को घूर कर देखने लगता है और निशा से अपनी नज़रे मिला कर मुस्कुराते हुए

रवि- आज फिर से आप वही हरकत कर रही थी

निशा- उसको घूर कर देखती हुई, मेने जो किया वो किया पर तू तो बहुत ही बड़ा कमीना है रवि

रवि- क्यो मेने क्या किया है

निशा- मेने सब देखा है

रवि- मुस्कुरा कर तो अब आपकी क्या मर्ज़ी है

निशा- मुझे भी पायल समझा है क्या

रवि- भाभी एक चान्स तो दो मस्त कर दूँगा तुम्हे

निशा- अपनी न
ज़रे इधर उधर करती हुई मुझे नही होना मस्त

रवि- भाभी आप झूठ बोलती हुई अच्छी नही लगती

निशा- मे कोई झूठ नही बोल रही हू

रवि- निशा के तने हुए मस्ताने चुचो को देखता हुआ, तो फिर तुम्हारी दिल की धड़कन इतनी तेज क्यो चल रही है

निशा- अपने दूध को अपनी साडी मे छुपाती हुई, उठ कर जाने लगती है और रवि उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच कर उसे पीछे से अपनी बाँहो मे भर लेता है और जैसे ही वह अपनी भाभी के गदराए जिस्म को अपनी बाँहो मे भरता है उसके मुलायम बदन के एहसास से उसका लंड खड़ा हो जाता है,
निशा- रवि छोड़ मुझे

रवि- उसके गालो पर अपना मुँह लगते हुए, भाभी एक बार दे दो ना

निशा- धीमी आवाज़ मे, रवि छोड़ पायल देख लेगी

रवि- पहले बोलो दोगि कि नही

निशा- मुस्कुरा कर नही

रवि- अपनी भाभी के दूध को अपना हाथ आगे ले जाकर कस कर दबोचते हुए, नही दोगि

निशा- आह रवि प्लीज़ छोड़ दे पायल आ जाएगी

रवि- पहले बताओ दोगि कि नही

निशा- आह क्या

रवि- अपनी भाभी के गालो को चूमता हुआ वही जो मे चाहता हू

निशा- मुझे क्या पता तू क्या चाहता है

रवि- तुम नही जानती

निशा- मुस्कुरा कर नही

रवि- अपनी भाभी के गदराए पेट पर अपने हाथ फेरता हुआ, मे बताऊ

निशा- नही

रवि- भाभी तुम जानती हो मे तुमसे क्या चाहता हू

निशा- क्या चाहता है

रवि- निशा की मोटी गान्ड से अपना लंड सटा कर उसकी गान्ड मे दबाता हुआ, भाभी मे तुम्हे खूब कस-कस कर चोदना

चाहता हू

निशा- रवि को एक दम से दूर धकेल कर किचन की ओर भागती हुई पलट कर उसको अपना अगुठा दिखाती हुई, सपने देख,

सपने

रवि- मुस्कुराता हुआ उसके पीछे जाता है और निशा किचन मे घुस जाती है, रवि किचन मे आता है और निशा पायल के

दूसरी ओर जाकर मुस्कुराते हुए रवि को देखती है और रवि अपनी भाभी को देख कर मुस्कुराता है

पायल- क्या हुआ आप दोनो इस तरह मुस्कुरा क्यो रहे है

निशा- कुछ नही पायल तेरा भाई पागल हो गया है

पायल- क्यो क्या हुआ

रवि- अरे दीदी मे तो बस भाभी से इतना ही कह रहा था कि मुझे तुम्हारी बनाई हुई कॉफी ही पीना है

निशा- मुस्कुरा कर अच्छा मे ही बना देती हू अब तू बाहर जाकर बैठ,

रवि बाहर आकर बैठ जाता है और फिर तीनो कॉफी पीते हुए अपनी नज़रो से मुस्कुरा कर एक दूसरे को देखने लगते है

उधर करण के मम्मी और पापा उससे मिलने आते है और करण की मम्मी उसको एक लिफ़ाफ़ा देती हुई बेटे यह फोटो देख ले और हमे जल्दी से बता देना की तुझे यह लड़की कैसी लगी तो फिर हम बात आगे बढ़ाते है और रिश्ता पक्का कर देते है, कारण के मम्मी पापा जब वापस चले जाते है तब करण उस लिफाफे को खोल कर जैसे ही सोनिया की फोटो देखता है उसकी याद ताज़ा हो जाती है और उसके मुँह से एक दम निकलता है हाय रब्बा यह तो वही लड़की है जो मुझे एक नज़र मे ही घायल कर गई थी, वाह मेरे रब्बा उस दिन मे तुझसे कुछ और भी माँगता तो शायद तू मुझे दे देता, करण सोनिया को देख कर खुस हो जाता है और तुरंत अपने मम्मी पापा को हाँ कह देता है और फिर वो लोग करण का रिश्ता सोनिया से पक्का कर देते है, सोनिया को जब पता चलता है कि उसकी शादी पक्की हो गई है तो वह बहुत दुखी हो जाती है और रवि को तुरंत फोन करके सब बात बता देती है और रवि अपने रूम मे बैठा-बैठा उदास हो जाता है, पायल उसकी उदासी देख कर उससे पूछती है तो रवि उसे सब बात बता देता है और पायल कुछ देर के लिए सोच मे पड़ जाती है,

पायल- क्या तू सचमुच सोनिया से शादी करना चाहता है

रवि- हाँ दीदी मे सच मच उससे प्यार करता हू, लेकिन मेरी समझ मे नही आ रहा है कि मे अब क्या करू, अगर मेने

कोई कदम नही उठाया तो सोनिया अपनी जान दे देगी और उसके लिए मे ही ज़िम्मेदार होऊँगा,

पायल- रवि के सर पर अपना हाथ फेरते हुए, रवि तू फिकर मत कर मे कुछ ना कुछ रास्ता निकालती हू,

शाम को रोहित जब घर वापस आता है तब निशा और पायल उसके पास बैठ कर बाते करती रहती है,

पायल- अच्छा भैया एक बात बताओ आप रवि की शादी कब करोगे,

रोहित- क्या बात है ये अचानक रवि की शादी की बात कहाँ से आ गई

पायल- वो बस ऐसे ही पूछ रही हू भैया

रोहित- देख पायल पहले मे तेरी शादी करूँगा क्यो कि तू रवि से बड़ी है उसके बाद ही रवि की शादी होगी

पायल- पर भैया मान लीजिए रवि मेरी शादी होने के पहले ही शादी करना चाहे तो

रोहित- अरे रवि क्या अपनी मर्ज़ी का मालिक है, जब तक तेरी शादी नही हो जाती रवि की शादी के बारे मे मे सोच भी नही सकता, हाँ अगर तुझे कोई लड़का पसंद हो तो बता दे मे तेरी शादी कर देता हू उसके बाद फिर जब रवि कहेगा उसकी शादी हो जाएगी,

पायल- रोहित की बात सुन कर कुछ सोचते हुए, ठीक है भैया

निशा- मुस्कुरा कर ठीक है का क्या मतलब है पायल क्या तूने कोई लड़का देख रखा है

पायल- मुस्कुराते हुए नही भाभी ऐसी कोई बात नही है

निशा- अगर कुछ हो तो भले अपने भैया को मत बता मुझे तो बता दे

पायल- मुस्कुराते हुए, नही भाभी ऐसी कोई बात नही है अगर होगी तो सबसे पहले आप को ही बताउन्गि
 
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