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रवि, करण के फ्लॅट पर पहुच कर उसकी डोर बेल बजाता है और करण आकर गेट खोल देता है
कारण- आ गया तू
रवि- हा यार बड़ी मुस्किल मे आने दिया
कारण- किसने
अरे मेरी जानेमन ने और किसने
कारण- यार कभी हमे भी अपनी जानेमन से मिलवा दे ना
रवि- अरे वाह बड़ा आया मेरी जानेमन से मिलने वाला जिस दिन तुझे पता चलेगा कि मेरी जान कौन है उस दिन तेरे होश उड़ जाएगे समझे
कारण- अरे ऐसी कौन सी हूर की परी है जिसे देख कर मेरे होश उड़ जाएगे
रवि- अरे डियर वह सब तो मे तुझे बाद मे बताउन्गा पहले मुझे यह तो बता तुझ जैसे गधे से कौन ब्याह रचाने को राज़ी हो गई, कमिने साले चले है शादी करने
करण- आबे मुझसे भी बड़ा कमीना तो तू है ना जाने कब किसे चोदने का सोचने लग जाए कोई ईमान धरम तो है नही
रवि- हाँ यार यह तो तू सच कह रहा है एक बार तो मेने सपने मे तेरे फ्लॅट मे आकर ही अपना लंड खूब तबीयत से हिलाया थाकारण- किसको सोच कर
रवि- तेरी मम्मी को और किसको
करण- लगता है आज तू सुबह से ही किसी की चूत के दर्शन करके आया है जो सुबह से ही तुझे चूत दिखाई दे रही है
रवि- सॉरी यार बुरा मत मानना मे तो मज़ाक कर रहा था
करण- अबे तेरी बात का बुरा मान कर मे कर भी क्या लूँगा, तेरा कोई भरोशा नही है मेरी मम्मी को देख लेगा तो उसे
भी चोदने के बारे मे सोचने लग जाएगा, आख़िर कमीना जो ठहरा
रवि- करण की बात पर मुस्कुराता हुआ, नही यार तेरी मम्मी तो बूढ़ी हो गई होगी उसकी चूत मे क्या मारूँगा
करण- अबे साले तूने अगर मेरी मम्मी को देखा होता तो ऐसी बात नही करता
रवि- अच्छा तो क्या तेरी मम्मी अभी तक जवान है
करण- तू बैठ मे पहले तेरी चाय्स लेकर आता हू फिर आराम से बैठ कर बाते करेगे आज मेरा लंड भी सुबह से
परेशान कर रहा है
रवि- क्यो तुझे तेरी मम्मी की गदराई फूली हुई चूत याद आ गई क्या
करण- अबे तू मेरी मम्मी की चूत और मोटी गान्ड देख लेगा तो पागल हो जाएगा
रवि- अबे दिखा चाहे ना दिखा अपने मुँह से ही बता दे मुझे तो उसमे ही मज़ा आ जाएगा
करण वोड्का की बोतल उसके सामने रख कर बैठ जाता है और फिर दो लार्ग पॅक बनाता है और दोनो एक ही सांस मे पूरा
ग्लास खाली कर देते है और फिर दूसरा लार्ग पॅक ख़तम करते हुए,
रवि- हा तो करण तू क्या कह रहा था तेरी मम्मी के बारे मे
करण- अरे यार क्या बताऊ, तूने आते ही मेरी मम्मी की फूली हुई चूत की बात करके मेरा लंड खड़ा कर दिया है
रवि- क्या तेरी मम्मी की चूत इतनी ज़्यादा मस्त और फूली हुई है
करण- अरे मेरी मम्मी की चूत देख कर तो बुड्ढे का लंड भी झटके मारने लगे क्या गदराई चूत है उसकी और उसकी मोटी
गान्ड देख कर तो तू खड़े-खड़े ही उसकी गान्ड मे अपना लंड फासने को तैयार हो जाए,
रवि- क्या खूब मोटी और गदराई गान्ड है तेरी मम्मी की
करण- अरे अगर तू मेरी मम्मी को पूरी नंगी देख ले तो तेरे लंड से खड़े-खड़े ही पानी निकल जाएगा, मेरी मम्मी की
गदराई जवानी उसकी मोटी गान्ड और उसकी मोटी-मोटी चिकनी जंघे हाय मे तो अपने लंड को अपनी मम्मी को पूरी नंगी सोच कर ही हिलाता हू, ऐसी जबरदस्त गान्ड और ऐसी फूली हुई चूत मेने आज तक नही देखी,
रवि- अच्छा ये बता देखने मे कैसी लगती है तेरी मम्मी, कितनी उमर होगी उसकी
करण- अपना ग्लास ख़तम करता हुआ, अरे यार कम से कम 45 की होगी पर उसकी गदराई जवानी आज भी इतनी कसी हुई है उसके भारी-भारी चुतड तो तेरे दोनो हाथो मे भी नही समा सकते और एक दम गोरी गान्ड है उसकी और उसकी छूट अफ क्या बतौ
आज भी अपनी छूट के बाल जब साफ कर लेती है तो उसकी छूट इनटी गोरी और इतनी फूली हुई नज़र आती है कि दिल करता है की अपनी मम्मी की चूत मे अपना मुँह रख कर अपने मुँह से उसकी फूली हुई चूत को दबाता ही रहू, उसकी गदराई जंघे देख कर तो मे पागल हो जाता हू इतनी चिकनी और इतनी मोटी-मोटी गदराई जंघे है की अपने दोनो हाथो मे भर-भर कर दबोचने मे मज़ा आ जाए, उसके दूध इतने मोटे-मोटे और कसे हुए है कि क्या बताऊ,
रवि -अच्छा करण तेरी मम्मी आज भी पेंटी पहनती है कि नही
करण- अरे वह तो अपनी भारी गान्ड के उपर इतनी छोटी सी पेंटी पहनती है कि उसकी पेंटी तो उसकी मोटी गदराई गान्ड की दरार मे ही फस जाती है और उसके भारी-भारी चुतडो के पाट पूरे नंगे ही नज़र आते है, और तो और रवि जब मेरी मम्मी की चूत जब उसकी गुलाबी पेंटी मे कस जाती है तब भी मेरी मम्मी की चूत पेंटी के उपर से भी इतनी फूली हुई नज़र आती है कि अपने हाथो के पूरे पंजो से पकड़ कर दबोचने पर भी मेरी मम्मी की फूली हुई चूत पकड़ मे ना आए,रवि- अपने ग्लास को खाली करता हुआ, अच्छा करण जब तेरी मम्मी अपनी मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है तब उसकी चूतकैसी नज़र आती है,
करण- सबसे बड़ी बात तो यह है कि मेरी मम्मी हमेशा अपनी चूत के बाल साफ करके उसे एक दम चिकना रखती है और जब वह अपनी मोटी-मोटी गदराई जाँघो को फैला लेती है तो उसका चूत पूरा भोसड़ा नज़र आने लगती है उसकी चूत की फूली हुई मोटी-मोटी फांके बहुत ही गदराई हुई लगती है और जब वह घोड़ी बन कर खड़ी होती है तो उसका एक बीते से भी ज़्यादा बड़ा भोसड़ा और सूकी फूली हुई गदराई फांके बहुत ही खूबसूरत लगती है ऐसा लगता है जैसे पीछे से उसकी मस्तानी फूली हुई चूत की मोटी-मोटी फांको को फैलाकर अपनी मम्मी की चूत को खूब कस-कस कर चाट लू, मेरी मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को जब से देखा है मे तो पागल हो गया हू मेरा लंड दिन रत अपनी मम्मी की चूत और गान्ड चोदने के लिए तड़प्ता रहता है, मे तो दिन रात अपनी मम्मी को अपनी कल्पना मे नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हू और यह फील करता हू
कि कैसे मेरी मम्मी अपने नंगे बदन को मुझसे चिपका-चिपका कर मुझसे अपनी चूत और गान्ड मराती है, जब मे अपनी
मम्मी को अपने सपनो मे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदता हू तो मुझे बहुत मज़ा आता है और मे तबीयत से
झाड़ता हू.
रवि- करण क्या तेरी मम्मी थोड़ी मोटी है
करण- तू उसे मोटी नही गदराई कह उसका गुदाज उभरा हुआ पेट उसकी गहरी नाभि, उसके भारी-भारी मोटे-मोटे चुतड, उसकी गदराई चिकनी और खूब मोटी जंघे और सबसे खूबसूरत चिकनी फूली हुई एक बीते से भी लंबी फूली चूत, उफ्फ रवि
मेरी मम्मी थोड़ी भारी बदन की है लेकिन उसे चोदने मे मज़ा आ जाए, उसे जब पूरी नंगी करके उसके नंगे गदराए
बदन पर चढ़ कर उसे चोदो तो मज़ा आ जाए, तू पिछली बार कह रहा था ना कि करण तेरी फॅंटेसी क्या है तू किसको नंगी
सोच कर अपने लंड को सहलाता है, तू किसकी चूत को अपनी कल्पना मे चोद-चोद कर झाड़ता है, तो दोस्त वह मेरी मम्मी
है जिसको अपने कल्पना मे मे कई बार चोद चुका हू,
रवि- यार करण जब तू अपनी मम्मी की मोटी-मोटी गदराई गान्ड देखता है तो तुझे कैसा फील होता है
करण- मुझे लगता है की पीछे से जाकर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर इस कदर अपनी मम्मी की मोटी और गदराई गान्ड मारू की वह मस्त हो जाए, मेरी मम्मी की गान्ड है भी इतनी मोटी और गदराई हुई की उसे खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से चोदना पड़े तब जाकर उसे कुछ मज़ा आएगा, तू सोच रवि मेरी उस समय क्या हालत होती होगी जब मे अपने घर जाता हू और मेरी मम्मी दिन भर मेरे सामने अपनी मोटी-मोटी गान्ड मतकती हुई घूमती है, तब तो दोस्त ऐसा लगता है कि अभी अपनी मम्मी की साडी उठा कर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटे-मोटे चुतडो को चोद दू, मेरा तो लंड दिन भर उसकी गदराई जवानी, मोटे-मोटे फैले हुए चुतड और फूली हुई चूत को
देख-देख कर खड़ा रहता है, उपर से अपनी छोटी सी पेंटी भी मेरे सामने ही बाथरूम मे टांग देती है तब बस यही
कल्पना करता हू कि यह छोटी सी पेंटी मेरी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई चूत से कैसे कसी रहती होगी,
रवि- फिर तो करण तेरा मन अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदने का करता होगा
करण- हा यार ऐसा लगता है कि दिन रात अपनी मम्मी को नंगी करके चोदता ही रहू
रवि- पर तूने अपनी मम्मी को पूरी नंगी कब देख लिया
कारण- अरे एक बार मे जब अपने घर गया था तब एक दिन मेरे घर पर मम्मी और मेरे अलावा कोई नही था, मे अपने
रूम मे लेटा हुआ था तभी मुझे प्यास लगी और मे किचन की ओर पानी लेने गया तो देखा की मम्मी का रूम अंदर से
बंद था मे सोचने लगा कि मम्मी दिन मे ही रूम लॉक करके क्या कर रही तब मेने देखा घर के दरवाजे पुराने
जमाने के लकड़ी के बने हुए थे और उनके बीच काफ़ी दरार थी मेने जैसे ही अंदर झाँक कर देखा मेरे तो होश उड़
रवि- क्यो ऐसा क्या देख लिया तूने
करण- अरे मेने देखा मेरी मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थी, उसकी मोटी और गदराई जवानी
फूली हुई चूत और मोटी-मोटी गान्ड देख कर मे तो पागल हो गया और मेरा लंड अपनी मम्मी की नंगी मदमस्त जवानी को
देख कर खड़ा हो गया, वह अपनी चूत के एक-एक बाल को बड़े प्यार से साफ कर रही थी और उसकी चूत से जैसे-जैसे बाल साफ हो
रहे थे उसकी गोरी चूत और ज़्यादा फूली हुई नज़र आने लगी, उसकी फूली हुई चूत के मोटी-मोटी फूली हुई फांके और उसकी
चूत का कटाव साफ नज़र आ रहा था और उसके पेडू और गदराए पेट के उठाव ने मुझे पागल कर दिया था, जब वह थोड़ा
घूम गई तो उसकी गदराई मोटी गान्ड देख कर तो मेरा दिल करने लगा कि अभी जाकर अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई मोटी गान्ड मे अपने लंड को कस कर पेल दू, जब मेरी मम्मी के चूत के बाल पूरे साफ हो गये तो वह अपनी फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए बचे हुए बालो कॉधूढ़ने लगी, उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया और मुझे ऐसा लगने लगा कि काश ऐसी फूली हुई चूत को चूमने का मोका मिल जाए तो ऐसी रसीली चूत को रात भर नंगी करके चातू,
रवि- करण को एक और ग्लास देता हुआ ले करण आज तेरी बातो से वोड्का का नशा डबल लगने लगा है, आगे बता फिर क्या हुआ,
करण- रवि से ग्लास ले कर अपने मुँह मे लगा कर एक ही घुट मे ग्लास खाली करते हुए, फिर उस दिन मेने अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी को ध्यान करते हुए, उसकी फूली हुई चूत और मोटी गान्ड को कस-कस कर चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और तू यकीन नही करेगा अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने की कल्पना करके जब मेने अपना लंड हिलाया तो मुझे उस दिन सबसे ज़्यादा मज़ा आया, उस दिन के बाद मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने के मोके ढूढ़ने लगा और मेने फिर उसे कभी बाथरूम मे कभी उसके रूम मे कई बार नंगी देखा और अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का सोच-सोच के खूब लंड हिलाया,
रवि- कभी तूने अपनी मम्मी को चोदने की कोशिश नही की
कारण- नही यार मेरी मम्मी बहुत सख़्त है इसलिए मेरी कभी हिम्मत ही नही पड़ी, हा किसी ना किसी बहाने से कभी अपनी मम्मी की मोटी गान्ड कभी उसके मोटे-मोटे दूध, और कभी उसकी गदराई जाँघो को ज़रूर छू कर मज़ा लिया है पर
चोदने का कभी मोका नही मिला और ना ही मेरी कभी हिम्मत ही पड़ी,
रवि- अबे यह बात तू मुझे पहले बता देता तो मे कुछ ना कुछ आइडिया तो तुझे ज़रूर दे देता,
करण- रहने दे यार तेरे आइडिया मुझे किसी भी दिन मरवा देंगे, मे तो अपनी मम्मी को चोदने की कल्पना करके लंड हिला
कर ही खुस हो लेता हू, मुझे कोई रिस्क नही लेना है,
रवि- खेर जैसी तेरी मर्ज़ी पर तूने अपनी मम्मी की चूत और गान्ड को जब से देखा होगा तब से तुझे भारी बदन वाली औरतो को ही चोदने का मन करता होगा,
करण- अरे मुझे तो अपनी मम्मी को ही चोदने का मन करता है लेकिन क्या करू, अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए गान्ड मे दम भी तो होना चाहिए, अपनी मम्मी को फसा कर चोदना कोई मज़ाक तो नही है,
रवि- तू ठीक कहता है, लेकिन अगर तो कोशिश करता तो शायद सफल भी हो जाता, क्यो की औरतो को भी मोटे-मोटे लंड की बहुत चाह होती है, तूने अपना मोटा लोडा अपनी मम्मी को दिखा दिया होता तो शायद वह भी तेरी और ध्यान देने लगती,
करण- तू कहता तो ठीक है पर ऐसी स्थिति भी तो बनना चाहिए कि मे यह सब कर सकता
रवि- अरे यार ज़यादा कुछ नही तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को एक बार सोते हुए ही अपनी मुट्ठी मे भर के तो देखता तुझे नही मालूम ऐसी गदराई औरतो की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल्ने मे कितना मज़ा आता है,
करण- अरे डियर अपनी मम्मी की चूत को तो मे कई बार जब वह गहरी नींद मे होती थी तब अपनी मुट्ठी मे भर कर
दबोचने क्या, एक बार तो उसकी साडी सोते हुए पूरी उपर हो गई थी और उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी और शायद झाँत के बाल भी उसने एक दिन पहले ही बनाए थे तब तू बात नही मानेगा मेने अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर अपने मुँह को रख कर जब उसकी गदराई मुलायम चूत को चूमा तो मेरा लंड अपना पेंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प उठा, अपनी
मम्मी की फूली हुई चूत की मादक गान्ड ने मुझको पागल कर दिया था, मुझसे रहा नही गया और जब मेने हिम्मत
करके अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी गदराई फांको को अलग करने की कोशिश की वह एक दम से करवट ले कर लेट गई और मेरी तो गान्ड ही फॅट गई लेकिन किस्मत से मे बच गया तब से ज़्यादा कुछ नही करता हू, जब भी देखता हू कि वह गहरी नींद मे है तब कभी उसकी मोटी गान्ड को सहला लेता हू या फिर उसकी गदराई फूली हुई चूत पर अपना हाथ फेर लेता हू और फिर जाकर मूठ मार लेता हू
रवि- हाय तुझे तो बड़ा मज़ा आया होगा अपनी मम्मी की फूली हुई छूट को अपने हाथो
मे भर कर दबोचने मे
करण- हा यार ऐसा मज़ा तो आदमी को पागल कर देता है
रवि- अपने मन मे सोचता हुआ, बेटे करण मेरा आधा सपना तो सच निकला पर तूने तेरी मम्मी को चोदा नही और मेरे
ख्वाबो मे तो तूने अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदा था, कही ऐसा तो नही कि तू पूरी बात मुझे बता नही रहा
है, खेर कोई बात नही, अगर तूने अपनी मम्मी को चोदा होगा तो एक ना एक दिन तू मुझे ज़रूर बताएगा,
रवि- करण तू मुझे अपनी होनेवाली बीबी की फोटो दिखाने वाला था ना
कारण- हाँ यार दिखाने वाला तो था लेकिन अभी तक तो फोटो मेरे पास नही आया है अब मेने ही नही देखा तो तुझे कहा
से दिखाऊ, लेकिन आज कल मे आ जाएगा फिट तुझे ज़रूर दिखाउँगा
रवि- चल ठीक है लेकिन शादी कब कर रहा है,
कारण- बस फोटो देख कर हाँ कहना है और फिर शादी की तैयारी शुरू
रवि- मतलब चट मँगनी और पट ब्याह
करण- हा यार अब चूत के बिना नही रहा जाता है, पर तूने यह नही बताया कि तू उस दिन किस लड़की को यहाँ लाया था, तूने
ज़रूर उसे मेरे बेड पर पूरी नंगी करके चोदा होगा,
रवि- तू ठीक कह रहा है, मेने उसकी उस दिन खूब कस कर चूत मारी थी, तू उसे नही जानता है, वह मेरी जान है और मे
उसी से शादी करने का सोच रहा हू पर
करण- पर क्या
रवि- अरे यार अब क्या बताऊ ना जाने किस मदर्चोद का रिश्ता उसके लिए आया है तब से वह बहुत रो रही है और मे भी
उसके लिए परेशान हू
करण- तो फिर अब क्या करेगा
रवि- सोचता हू जिस भोसड़ी वाले का रिश्ता उसके लिए आया है जाकर उसकी मा चोद दू
करण- हस्ते हुए, अबे तो जाकर चोद दे ना तुझे किसने रोका है
रवि- यार तुझे मज़ाक लग रहा है पर यह मेरे प्यार का सवाल है, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है मे क्या करू
करण- एक कम क्यो नही करता, लड़की के मा-बाप से जाकर तू ही रिश्ता माँग ले
रवि- देखते है दोस्त क्या होता है, कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,
दोनो दोस्त दिन भर आपस मे डिसकस करते हुए बिता देते है उसके बाद खाना खाकर रवि वही सो जाता है और जब शाम
होती है तो वह करण को बाइ करके अपने घर की ओर चल देता है,
रास्ते भर उसके दिमाग़ मे करण की बाते घूमती रहती है और वह करण की मम्मी की मस्तानी गान्ड और फूली हुई चूत को सोच-सोच कर उसका लोडा भनभनया रहता है, जब वह घर पहुचता है तो निशा और पायल बैठी हुई बाते करती रहती
है, और पायल रवि को देख कर
पायल- आ गये भाई साहब, कहाँ थे दिन भर
निशा- लगता है अपनी किसी गर्लफ्रेंड से मिल कर आ रहे है
रवि- उन दोनो को देख कर मुस्कुराता है और अपने रूम की ओर जाने लगता है, पायल का मन रवि से चिपकने के लिए सुबह से बेचैन रहता है और वह रवि को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देखती है लेकिन अपनी भाभी के सामने कुछ नही कर पाती है, निशा पायल के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करती है और फिर कुछ सोच कर,
निशा- पायल मे तो बैठे-बैठे थक गई हू, मैं थोड़ा अपने रूम मे जाकर आराम कर लू
पायल- अपनी भाभी की बात सुन कर खुस होते हुए, हाँ-हाँ क्यो नही भाभी मे भी थोड़ी देर अपने रूम मे जाकर लेट जाती
हू,
निशा- पायल को देख कर मुस्कुराते हुए, अरे अगर तुझे भी लेटने का मन कर रहा है तो चल मेरे साथ मेरे रूम मे
ही लेट जाना
पायल- एक दम घबरा कर नही-नही भाभी आप आराम से लेट जाओ मे तो थोड़ी देर बाद जाउन्गि,
निशा- मुस्कुराते हुए अपने रूम की ओर जाने लगती है और पायल अपनी भाभी को देखने लगती है, तभी निशा एक दम से
अपनी गर्दन घुमा कर पायल को देखती है और पायल एक दम से अपनी नज़रे चुराने लगती है, और निशा उसकी इस हरकत पर मंद-मंद मुस्कुराती हुई अपने रूम मे चली जाती है,
निशा के अपने रूम मे जाते ही पायल जल्दी से उठ कर रवि के रूम मे पहुच जाती है और रवि अपनी पेंट उतार कर पाजामा पहनने की तैयारी मे था तभी पायल मुस्कुराते हुए रवि के पास जाकर उसके अंडरवेार के उपर से ही उसका मोटा लंड पकड़ लेती है और
पायल- हाय क्या मस्त लंड है रे तेरा, दिन रात मे तेरे इस लंड के लिए बेचैन रहने लगी हू, और तू है कि अपनी दीदी की ओर ध्यान ही नही देता है
रवि- मुस्कुराता हुआ पायल के होंठो को चूमता हुआ, मेरी जान तुम्हारे लिए तो मे भी बहुत बेचैन रहता हू पर क्या
करू थोड़ा ज़रूरी काम था नही तो मे अपनी स्वीट दीदी को छोड़ कर कही जा सकता हू क्या, और पायल के मोटे-मोटे कसे
हुए गदराए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता है और उसका लंड अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को
दबाते ही खड़ा हो जाता है, पायल से बर्दास्त नही होता है और वह रवि के अंडरवेार को थोड़ा नीचे सरका कर बैठ जाती
है और रवि के मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर लोलीपोप की तरह चूसने लगती है, लेकिन उन दोनो मे से किसी को भी इस बात का ध्यान नही रहता है कि दूसरी ओर निशा उन दोनो की उस हरकत को छुप कर देख रही है और निशा जब पायल को अपने भाई के तगड़े मोटे लंड को इतने प्यार से सहला-सहला कर चूस्ते देखती है तो उसकी चूत पूरी गीली हो जाती है, और वह रवि के मोटे लंड को बड़ी प्यासी निगाहो से देखने लगती है,
रवि- दीदी अब बस भी करो कही भाभी ना देख.... रवि के शब्द उसके मुँह मे ही रह जाते है क्योकि उसकी नज़र निशा के
उपर पड़ जाती है और वह देखता है कि निशा उसके मोटे लंड को बड़े गौर से देख रही है, तभी निशा की नज़र भी रवि की
नज़र से मिल जाती है और निशा के होश उड़ जाते है, और रवि अपनी भाभी के कामुक चेहरे को देख कर एक कमिनी मुस्कान अपनी भाभी की ओर मारता है और निशा तुरंत वहाँ से भाग जाती है,