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रवि उसकी नाभि चूमते हुए 1 हाथ से सारी के उपर से ही उसकी जांघे सहला रहा था.सहलाते हुए उसका हाथ उसके पैरो तक चला गया & उसकी सारी उठाने की कोशिश करने लगा तो रीमा उठा बैठी & उसका हाथ वाहा से हटाने लगी,"..नही...प्लीज़..रवि.."
रवि ने उठा कर बैठे हुए ही उसे गले से लगा लिया & उसके गालो को चूमने लगा,"ओह्ह...रीमा..मुझे तो यकीन ही नही हो रहा की तुम मेरी हो गयी हो.",रवि ने उसकी कमर पे हाथ फिरते हुए उसके ढीले ब्लाउस मे हाथ घुसा दिया & पीठ पे फेरने लगा.
जवाब मे रीमा उसके होटो को चूमने लगी.रवि ने चूमते हुए ही उसका ब्लाउस उतार दिया & उसे अपने सीने से भींच कर उसके गले को चूमने लगा.रीमा को चूत मे अजीब सा लग रहा था,उसका दिल जैसे भर आया था,वो बेचैनी मे अपनी जाँघो मे अपनी चूत को भींच रही थी.रवि ने उसके ब्रा स्ट्रॅप्स उसके कंधो से सरका दिए और उसके कंधो को चूमने लगा,फिर उसने ब्रा स्ट्रॅप्स को उसके हाथो से भी निकाल दिया. अब ऐसा लग रहा था जैसे रीमा स्ट्रेप्लेस्स ब्रा पहने हो.
दोनो 1 दूसरे से लिपटे हुए पागलो की तरह 1 दूसरे को चूमने लगे,रवि उसकी पीठ पे तेज़ी से हाथ फेर रहा था & फेरते हुए उसने उसके ब्रा के हुक्स खोल दिए.अब ब्रा दोनो के जिस्मो के बीच रीमा की चुचियाँ ढँके बस अटका हुआ था.
"इसे हटा दू?.",रवि ने उसकी थोड़ी चूम ली.
"ना."
"क्यू?"
"बस ऐसे ही."
"मैं तो हताउन्गा."
रीमा ने शर्म से आँखे बंद कर ली,ये पहला मौका था जब वो किसी मर्द के सामने अपनी चूचिया नंगी कर रही थी.रवि ने उसे अपने से थोड़ा दूर किया तो ब्रा नीचे उनकी गोद मे गिर गया,रवि ने उसे उठा कर उच्छाल दिया.
"ओह्ह..रीमा मैने जैसा सोचा था ये तो उस से भी कही ज़्यादा खूबसूरत हैं.",रवि उसके सीने पे झुक गया & 1 चूची को अपने मुँह मे भर लिया.रीमा के बदन मे करेंट दौड़ गया,साथ ही अपनी तारीफ सुन उसे बहुत अच्छा लगा.उसका बदन जैसे टूट रहा था,वो बिस्तर पे लेट गयी तो रवि इतमीनान से उसकी चूचिया चूसने लगा.उसने जी भर कर उन्हे अपने हाथो से सहालाया,दबाया & मसला & अपने होटो से उसके निपल्स को चूसा.
जब उसने उसके 1 निपल को अपनी उंगलियो मे मसलकर दूसरे को मुँह मे भर कर ज़ोर से चूसा तो रीमा की चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.वो अपने हाथो पहले भी झड़ी थी पर आज जैसा उसने कभी महसूस नही किया था.उसने रवि का सर अपने सीने से अलग किया & करवट ले सूबकने लगी.रवि ने अपनी शर्ट उतारी & पीछे से उस से आ लगा & उसकी बाहें सहलाता उसके बाल चूमने लगा.
रीमा शांत हुई तो वो खुद ही घूम कर उसकी बाहों मे आ गयी & उसके सीने पे सर रख दिया.रवि ने 1 बाँह से उसे घेर उसके बालों मे उंगलिया फिराने लगा & दूसरे से उसकी कमर.रीमा उसके सीने पे हल्के-2 चूम रही थी.रवि ने उसके सर को अपने हाथ से अपने निपल की तरफ किया तो वो उसका इशारा समझ गयी.वो उठ कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराइ & फिर झुक कर उसके सीने पे चूमते हुए उसके निप्प्लेस्को वैसे ही चूसने लगी जैसे थोड़ी देर पहले रवि ने उसके निपल्स को चूसा था.
रवि जोश मे उसके सर को अपने सीने पे दबाने लगा.रीमा थोड़ी देर तक उसके निपल्स से खेलती रही,फिर चूमते हुए नीचे उसके पेट पे आ गयी,थोडा और नीचे हुई तो रवि ने कहा,"मेरी पॅंट खोल दो."
"धात.",रीमा ने शर्मा कर उपर आ उसके सीने पे अपनी भारी चूचिया दबा उसकी गर्दन मे अपना मुँह च्छूपा लिया.
"ना अपने कपड़े खुद खोलती हो ना मेरे,सारे काम मैं ही करूँगा क्या!",वो हाथ नीचे ले जा कर सारी के उपर से ही उसकी मस्त गंद सहलाने लगा.रीमा उसकी इस हरकत से कसमसने लगी.
"हा,ऐसे गंदे काम तुम ही करो."
"ये गंदे काम हैं?तो अभी थोड़ी देर पहले इतना मज़ा किसे आया था,मुझे?",रीमा ने बनावटी गुस्से से उठ कर उसकी छाती पे 1 मुक्का लगाया.ऐसा करने से उसकी चूचिया रवि की नज़रो के सामने आ गयी थी.उसने उसे बाहो मे भर पलट कर अपने नीचे ले लिया & उसकी चूचियाँ चूमने,चूसने लगा.रीमा फिर से मस्ती के सागर मे डूबने लगी.
रवि उठा & उसने अपनी पॅंट उतार दी.रीमा ने अधखुली आँखो से देखा तो पाया कि रवि केवल अंडरवेर मे उसके सामने था & अंडरवेर बहुत फूला हुआ था.उसने शर्म से आँखे बंद कर ली.रवि झुक कर उसके पैरो को चूमने लगा तो रीमा उसका इरादा भाँप गयी,वो फिर खुद उसे रोकने ही वाली थी की रवि ने 1 झटके मे उसकी सारी उसकी कमर तक उठा दी."हाई राम!ये क्या कर रहे हो?",रीमा उठा कर अपनी सारी नीचे करने लगी तो रवि ने उसके हाथ पकड़ कर उसे नीचे लिटा दिया & उसके 1 हाथ को अपने होटो से लगा लिया,फिर उसने उसकी कलईओं से चूड़िया उतार दी & 1-1 करके उसकी दोनो बाहो को चूमा.रीमा और मस्त हो गयी.
रवि उठा & उसकी कमर मे हाथ डाल उसकी सारी &पेटिकोट निकालने लगा.रीमा ने उसे रोकने की नाकाम कोशिश की.थोड़ी ही देर मे वो केवल लाल रंग के लेस पॅंटी मे रवि के सामने थी.रवि ने देखा की उसकी पॅंटी पे 1 गोल धब्बा पड़ा हुआ है & वो उसकी चूत से चिपकी हुई सी है.उसने झुक कर हल्के से उस धब्बे पेचुमा तो रीमा सिहर गयी.रवि नीचे गया & उसके पैरो को चूमता,सहलाता उपर आने लगा.
उसके घुटनो तक पहुँचते ही उसकी किस्सस बड़ी गहरी हो गयी & जाँघो तक पहुँचते ही तो वो किस्सस नही रह गयी बल्कि चूसा हो गयी.वो उसकी भारी जाँघो को इतनी ज़ोर से चूम रहा था कि उनपर निशान छूटने लगे.रीमा इस जोश से बेचैन हो उसकी गिरफ़्त से छूटने के लिए करवट लेने लगी तो उसने उसे पेट के बल लिटा दिया & उसकी पीठ चूमते हुए नीचे उसकी कमर पे आ गया.
कमरे मे रीमा की आँहे तेज़ हो गयी.रवि ने अपने अंगूठे उसकी दोनो तरफ पॅंटी के वेस्ट बंद मे फँसाए & उसे नीचे उतार दिया.उसकी मस्त कसी गांद उसके सामने थी.वो उसपे टूट पड़ा.उसने जम के उसकी गंद की फांको चाता & चूमा & फिर रीमा को पलट उसकी चूत को अपने सामने कर लिया.
रीमा की साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी.रवि ने उसकी जांघे फैलाई & अपने होठ उसकी गीली चूत पे रख दिए तो रीमा का बदन सनसना उठा.रवि अपनी जीभ से उसकी चूत से बहता रस चाटने लगा & उसकी चूत की गहराइयाँ नापने लगा.रीमा की कमर अपने-आप हिलने लगी & उसने अपने हाथों से रवि का सर पकड़ उसे अपनी चूत पे और दबा दिया.रवि ने उसकी जंघे अपने कंधो पे चढ़ा दी तो वो उसकेसर को अपनी जाँघो मे भींचने लगी.रवि के हाथ उपर चले गये & उसकी छातियो का मज़ा लेने लगे.
पता नही रीमा कितनी बार झड़ी.जब उसे थोड़ा होश आया तो उसने अपनी पलके खोली तो देखा की रवि अपना अंडरवेर उतार रहा है.वो उसकी टांगे फैला उनके बीच अपने घुटनो पे बैठ गया.उसका 5 1/2 इंच लंबा लंड उसके सामने था.रीमा उस से अपनी नज़रे हटा नही पा रही थी.लंड के मत्थे पे कुच्छ पानी सा चमक रहा था.रवि ने उसकी पॅंटी उठाई & उस से उस पानी को सॉफ कर दिया.फिर उसने 1 पॅकेट खोल 1 कॉंडम निकाला & उसे अपने लंड पे चढ़ा लिया.
रीमा को थोडा डर भी लग रहा था पर उसे इसका इंतेज़ार भी था.आज उसका आशिक़ जिसपे वो जान छिदक्ति थी उसका कुँवारापन ख़त्म कर उसे कली से फूल बनाने वाला था.रवि ने पहले 1 कुशन उसकी गंद के नीचे लगाया,फिर उसके घुटने मोड & अपने घुटनो पे बैठे हुए ही उसकी चूत पे लंड रख धक्का लगाया पर लंड अंदर नही गया.रीमा की चूत बहुत टाइट थी.रवि ने 1 हाथ की उंगलियो से उसकी चूत की दरार को फैलाया & फिर दुसररे हाथ से लंड पकड़ उसे अंदर ठेला,इस बार लंड 1 इंच तक अंदर चला गया.
अब रवि उसके घुटने पकड़ धक्के मार लंड & अंदर डालने की कोशिश करने लगा पर जैसे चूत के अंदर उसके लंड को कुच्छ रोक रहा था.
"आह...रवि...रुक जाओ..इसे बाहर निकाल लो मुझे दर्द हो रहा है."
"अभी ठीक हो जाएगा,रीमा.घबराओ मत.बस थोड़ी देर की बात है.",इस बार रवि ने इतनी ज़ोर का धक्का मारा की लंड जड़ तक उसकी चूत मे समा गया & वो दर्द से चिल्ला पड़ी,"एयेए....अहह.......ना...ह्हियी..!",उसका बदन कमान की तरह मूड गया & चेहरे पे दर्द की लकीरे खींच गयी & आँख से आँसू निकल पड़े