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Romance कायाकल्प [Completed]

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avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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Bhai keep up the good work. Hindi ki itni achi story kabi nai padhi......God bless for promoting national language
बहुत बहुत धन्यवाद! :)
 
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avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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फिलहाल मुश्किल है भाई! छुट्टी पर हूँ!
और जहाँ जा रहा हूँ, वहाँ शायद इंटरनेट भी न हो, इसलिए लैपटॉप साथ नहीं लाया।
 
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mashish

BHARAT
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फिलहाल मुश्किल है भाई! छुट्टी पर हूँ!
और जहाँ जा रहा हूँ, वहाँ शायद इंटरनेट भी न हो, इसलिए लैपटॉप साथ नहीं लाया।
its ok writer ji enjoy kijiye family ke sath milte hai break ke baad
 
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manikmittalme07

Well-Known Member
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उत्तम ! अति उत्तम !! साधु साधु !!!

प्रिय बन्धु,

क्या कहूं मैं आपकी कलम के बारे में! मेरे पास शब्द ही नहीं हैं व्यक्त करने के लिए, बस इतना ही कहूंगा कि आपकी यह कृति हिंदी साहित्य के लिए एक अनुपम भेंट हैं ! कहाँ से आप ऐसे विचार लाते हो, कैसे आप शब्दों का चयन करते हो, सब कुछ अद्वितीय है! आप इस मंच के एक बहुत ही उत्कृष्ट लेखक हैं! पर हाय री लोगों की किस्मत जो सिर्फ कुटुम्भसम्भोग पढ़ने के लिए ही आते हैं! चाहे आपने भी इसमें कुछ दृश्य सम्भोग से सम्बंधित डाले हैं परन्तु वे कहानी की मांग के अनुसार ही थे और सबसे बड़ी बात फूहड़ नहीं थे ! मैं पहले कभी आपकी कहानी की ओर ध्यान ही नहीं दे पाया किन्तु अब जब मैंने पढ़ी तो वो जैसे एक ही सांस में लोग बोतल खाली कर देते हैं ना ठीक उसी तरह से मैंने भी एक ही बैठक में आपकी अभी तक की कहानी बिना रुके पढ़ी, परन्तु कई जगह मादक दृश्यों की पुनरावृत्ति (दोहराव) की वजह से मैंने उस पक्ष को छोड़ कर आगे बढ़ना ही ठीक समझा! आप सच में ना सिर्फ इस मंच के बल्कि हिंदी साहित्य के एक उच्च कोटि के लेखक हैं! मुझे बल्कि दुःख हो रहा है कि मैं अभी तक इस कहानी की उपेक्षा कैसे करता रहा! किन्तु कहा जाता है ना कि जब जागो तभी सवेरा ! तो मेरा सवेरा कल हुआ! कल मैंने इसलिए समीक्षा नहीं दी क्यूंकि रात बहुत हो गयी थी और यदि उससे अधिक थोड़ा भी समय और हो जाता तो दांत कटकटाती ठण्ड में जूते का प्रहार सेहन करने में मैं सक्षम नहीं था (हाहाहाहा) ! और दूसरी बात मैं शांत मन से और आराम से आपकी कहानी के बारे में चंद शब्द लिखना चाह रहा था !

मैं कोई आप जैसा लेखक तो हूँ नहीं बस जितना मुझे समझ में आया मैंने लिख दिया ! एक और बात मैं आपसे कहना चाहूंगा ! कुटुम्भसम्भोग की कहानियों के लिए प्रसिद्ध मंच पर भी आपकी कहानी पढ़ी जा रही है तो यह बहुत बड़ी बात है ! कहीं कहीं मैंने आपको निरुत्साहित देखा, तो कृपया अपने उन पाठकों के लिए जो आपकी कहानी और आपकी लेखनी से प्यार करते हैं ! अपनी कहानी को पूरा अवश्य करें !

सेवक !
माणिक मित्तल

एक अधिकारपत्र प्राप्त लेखाकार !
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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उत्तम ! अति उत्तम !! साधु साधु !!!

प्रिय बन्धु,

क्या कहूं मैं आपकी कलम के बारे में! मेरे पास शब्द ही नहीं हैं व्यक्त करने के लिए, बस इतना ही कहूंगा कि आपकी यह कृति हिंदी साहित्य के लिए एक अनुपम भेंट हैं ! कहाँ से आप ऐसे विचार लाते हो, कैसे आप शब्दों का चयन करते हो, सब कुछ अद्वितीय है! आप इस मंच के एक बहुत ही उत्कृष्ट लेखक हैं! पर हाय री लोगों की किस्मत जो सिर्फ कुटुम्भसम्भोग पढ़ने के लिए ही आते हैं! चाहे आपने भी इसमें कुछ दृश्य सम्भोग से सम्बंधित डाले हैं परन्तु वे कहानी की मांग के अनुसार ही थे और सबसे बड़ी बात फूहड़ नहीं थे ! मैं पहले कभी आपकी कहानी की ओर ध्यान ही नहीं दे पाया किन्तु अब जब मैंने पढ़ी तो वो जैसे एक ही सांस में लोग बोतल खाली कर देते हैं ना ठीक उसी तरह से मैंने भी एक ही बैठक में आपकी अभी तक की कहानी बिना रुके पढ़ी, परन्तु कई जगह मादक दृश्यों की पुनरावृत्ति (दोहराव) की वजह से मैंने उस पक्ष को छोड़ कर आगे बढ़ना ही ठीक समझा! आप सच में ना सिर्फ इस मंच के बल्कि हिंदी साहित्य के एक उच्च कोटि के लेखक हैं! मुझे बल्कि दुःख हो रहा है कि मैं अभी तक इस कहानी की उपेक्षा कैसे करता रहा! किन्तु कहा जाता है ना कि जब जागो तभी सवेरा ! तो मेरा सवेरा कल हुआ! कल मैंने इसलिए समीक्षा नहीं दी क्यूंकि रात बहुत हो गयी थी और यदि उससे अधिक थोड़ा भी समय और हो जाता तो दांत कटकटाती ठण्ड में जूते का प्रहार सेहन करने में मैं सक्षम नहीं था (हाहाहाहा) ! और दूसरी बात मैं शांत मन से और आराम से आपकी कहानी के बारे में चंद शब्द लिखना चाह रहा था !

मैं कोई आप जैसा लेखक तो हूँ नहीं बस जितना मुझे समझ में आया मैंने लिख दिया ! एक और बात मैं आपसे कहना चाहूंगा ! कुटुम्भसम्भोग की कहानियों के लिए प्रसिद्ध मंच पर भी आपकी कहानी पढ़ी जा रही है तो यह बहुत बड़ी बात है ! कहीं कहीं मैंने आपको निरुत्साहित देखा, तो कृपया अपने उन पाठकों के लिए जो आपकी कहानी और आपकी लेखनी से प्यार करते हैं ! अपनी कहानी को पूरा अवश्य करें !

सेवक !
माणिक मित्तल

एक अधिकारपत्र प्राप्त लेखाकार !

मित्र माणिक - सबसे पहले बहुत बहुत धन्यवाद आपके पत्र और इतनी विस्तृत समीक्षा के लिए। आपने इतनी बढ़ाई कर दी है मेरी कि मैं चने के झाड़ पर चढ़ गया।

केवल हिंदी भाषा में कुछ लिख लेना भर ही आता है मुझको। बस वही कर रहा हूँ। कायाकल्प मेरी बड़ी शुरुवात की कहानियों में से एक है : उस समय तक लिखना नहीं आता था। (वैसे राज़ की बात तो यही है कि अभी भी लिखना नहीं आता) .... खैर, चूँकि यह कहानी मैंने एक कामुक फोरम के लिए लिखी थी, इसलिए सम्भोग के दृश्य कई सारे डालने पड़े।
मेरी नई कहानियों में कामुक दृश्य कम हैं और सामाजिक सन्देश अधिक! उम्मीद है कि आप मेरी अन्य कहानियाँ भी पढ़ेंगे, और उसका आनंद लेंगे।

अभी अभी हिमालय की गोद में परिवार के साथ छुट्टियाँ बिता कर आया हूँ। मन साफ़ है। मन प्रसन्न है।
बस, आनंद ही आनंद! भगवान् आप सभी को ऐसे ही आनंद में रखें। धन्यवाद! :)
 
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