क्या सर जी,
थोड़ी तो सहानुभूति दिखाते मानु के साथ? आपने तो सारी गलतियों का ठीकरा उसके सर मढ़ दिया! बिचारे ने ऋतू को आजादी सिर्फ इसलिए दी की उस बेचारी ने कभी ऐसी जिंदगी देखि ही नहीं! वो ऋतू का बाप थोड़े ही था की उस पर लगाम लगा कर रखता, फिर वो भी तो उसी का हमउम्र है!कॉलेज के दिनों में कौन नियम कानूनों में बांध कर रहता है? ये ही तो दिन होते हैं जो इंसान को आजीवन याद रहते हैं| आपने भी तो कॉलेज में कुछ न कुछ गुल खिलाये होंगे? या शायद आप उन 1% लोगों में होंगे जो घर से कॉलेज और कॉलेज से घर जाते हैं?! ख्याल तो वो ऋतू का अच्छे से रखता ही था, पढ़ाई में ऋतू पहले ही मन लगाती है तो अब ये राहुल से प्यार करने का कारन था क्या? वो कारण थी वो बंजारन, जिसने ऋतू को असली जिंदगी से अवगत कराया| जिंदगी की असलियत जान कर ऋतू घबरा गई और उसे अपना मानु के साथ प्यार मिथ्या लगने लगा| ठीक उसी समय उसकी जिंदगी में राहुल आया जो पैसे वाला था, उससे प्यार करता था और उससे शादी भी कर सकता था| यही नहीं दोनों की शादी की खबर घर पर भी पहुँच गई है| इससे ज्यादा ऋतू को और क्या चाहिए था?
मानु submissive नहीं था, जब-जब ऋतू गलत थी वो उसे समझाता या मार कर सही कर दिया करता था| (उसकी insecurity वाला केस आपने पढ़ा ही होगा|) कॉलेज ट्रिप पर जाने देने का कारन भी यही था की college life enjoy करनी चाहिए| अब मानु को क्या पता की ऋतू उसका पत्ता साफ़ कर चुकी है?
देखते हैं आगे मानु क्या करता है? खुद को संभालता है या इसी गम में डूब जाता है?!