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Adultery काला साया – रात का सूपर हीरो(Completed)

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देवश : सी..र्र प्लीज़ (कमिशनर बिना कुछ कहें केबिन से निकल जाता है देवश सबकी ओर देखकर झल्लाते हुए केबिन से जाने को कहता है उसका दिमाग सच में बहुत अपसेट हो जाता है)

एक तो साला नौकरी पे बात आ गयी और ऊपर से यहां से ट्रांसफर तो मतलब सारी छूटें ऊस्की हाथ से गयी ना काकी मां की चुत मिलेगी और ना ही शीतल की जो अभी उसके लिए खुली तक नहीं..देवश यक़ीनन काफी चिढ़ सा गया था काला साया से और उसने ठान लिया अब तो उसे काला साया को पकड़ना ही पड़ेगा क्योंकि बात उसके तबादले की आ चुकी थी

शाम जल्दी ढालने लगा…मौसम का मिज़ाज़ आज ठीक नहीं था…बस बदल गाराज़ रहे थे…पुराने खेत में शांतलाल बीड़ी फहुंक रहा था और कुटुम्ब का इंतजार कर रहा था इतने में उसे किसी का साया पीछे महसूस हुआ तो पाया काला साया आ चुका था….शांतलाल उसे देखकर मुस्कराया

शांतलाल : रांड़ अभीतक नहीं आई उसी का इंतजार कर रहा हूँ
काला साया : हम मैं जनता हूँ वो आएगी जरूर बात ऊस्की घर की इज्जत की है तुमने तैयारी रखी है ना सब
शांतलाल : भाई दुल्हन के लिए मंडप भी सजा दिया और सुहागरात का बिस्तर भी बस दुल्हन का इंतजार है
काला साया : हम ये लो इस दवाई को कहा लो दररो नहीं ज़हेर नहीं दे रहा सेक्स की गोली है इसे खाते ही तुम्हारे लंड में हॉर्स के लंड वाली पावर जितनी ताक़त आ जाएगी
शांतलाल : भैईई नाइकी और पुकछ पुच्छ दो तो सही

शांतलाल ने गोली कहा ली और फिर काला साया को तरक़ीब बताने लगा…अचानक उसे एक औरत लाल सारी में काफी सजी धजी आते दिख रही थी….”भा..ईई वॉ आ रही हे अब क्या करे?”…..काला साया मुस्कराया शांतलाल तो जैसे भड़क उठा वो तो जैसे घातक शेयर की तरह ऊसपे उसी वक्त टूट पढ़कर बलात्कार कर ही देता…पर काला साया ने रोका और फिर उसे झोंपड़े के अंदर आने को कहा और उसे एक मुकोता दिया कृष जैसा मास्क….शांतलाल जनता था ऊसने फौरन मास्क पहन लिया और फिर खुद के चेहरे को ठीक करते हुए बस कुटुम्ब के पास आने का इंतजार करने लगा दोनों ने छेद से झाँका कुटुम्ब यक़ीनन आज काफी खूबसूरत लग रही थी 38 की उमर और बदन इतना भारी लाल सारी में जेवेरात के साथ क्सिी ठकुराइन की तरह आई थी…उसके माथे की शिकार ऊस्की फ़िकरमंद और डर को साफ दिखा रहा था

पास आते ही वो वही खड़ी हो गयी और ऊसने इधर उधर देखते हुए अपने छोटे से फोन को कान में लगा लिया…एकदम से काला साया का फोन बज उठा…ऊसने फौरन फोन शांतलाल को दिया…ऊसने कहा की यहां से उसे काला साया की भूमिका निभानी है ताकि बाद में वो कुटुम्ब के मन में और डर बिता सके की काला साया कोई और नहीं खुद शांतलाल है…शांतलाल बस हमको के गुलाम की तरह वही करता है…फोन उठाते ही वो बाहर निकल जाता है पहले उसे लगता है कुटुम्ब उसे पहचान लेगी लेकिन फिर अपने सामने एक मोष्टंडे आदमी को हाथ का इशारा अपने पास करते देख कटुउंब सहेंटे हुए उसके करीब आने लगती है

कुटुम्ब जैसे उसके करीब आती है काला साया पीछे से गायब हो जाता है..”आररी वाहह आज तो तू पूर्ीी धीनचक आइटम लग रही है रे”…..शांतलाल मुस्कुराकर कुटुम्ब को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहता है…”चुप्प करो और ये बताओ एम एम एसे कहाँ है? मैं वही लेने आई हूँ”…..शांतलाल को बेहद गौर से देखते हुए कहती है उसे लग रहा था ऊसने उसे कहीं देखा है क्योंकि सिर्फ़ उसके चेहरे पे एक ही मुकोता था जबकि काला साया एक काला काप्रा के साथ एक और मुकोता लगता है


शांतलाल : हाहाहा काला साया से डर नहीं लगता तुझे यहां तुझे सिर्फ़ क्या एम एम एसे दिखाने भेजा हूओ
कुटुम्ब : देखू तूमम जो कर रहे हो ठीक नहीं हाीइ मैंन्न्न्
शांतलाल : अच्छा साली तू मुझे सिकहाएगी छल्ल मेरे साथ मैं कहा चल अगर अपने बेटे की खरयात और अपने घर की इज्जत चाहती है तो

कुटुम्ब चुपचाप शांतलाल के पीछे पीछे झोंपड़े में घुसती है….और ठीक तभी शांतलाल उसे कमर से पकड़ लेता है “ययई क्या कर रहे हो तूमम्म?”……शांतलाल उसके पेंट पे छुट्टी कांतके अपने बदन से चिपका लेता है

शांतलाल : तुझे क्या फ्री फंड में बुलाया हूँ रंडी छल्ल अब जैसा कहूँ वैसा कर वरना एम एम एसे तो तुझे नहीं मिलेगा और साथ में तेरी जान भी
कुटुम्ब : देख तुझे भगवान का वास्ता
शांतलाल : देखह मेरी बात मान जा वरना अभी तेरे गले को रंगायत दूँगा इस चाकू से (शांतलाल चाकू निकलकर कुटुम्ब के चेहरे पे लगा देता ही कुटुम्ब तार्र तार्र काँपते हुए आँसू टपकाने लगती है)
कुटुम्ब : थे.ए…सीसी है पर जो तुममहेंन्न करना हाीइ प्लीज़ किसी को मत बताना मेरा संसार उजध जाएगा मेरा पति मुझे घर से निकाल देगा
शांतलाल : शांत हो जा और अपनी आंखें मूंद ले

कुटुम्ब ने आंखें मूंद ली…और तभी उसके आंखों पे किसी ने बारे क़ास्सके पट्टी बंद्धि वो छटपटाने लगी….उसके बाद कोई इंजेक्शन उसके गले पे किसी ने लगाई ऊस्की तेज जलन उसे बर्दाश्त नहीं हुई ऊस्की एक चीख के बाद वो बेहोश हो गयी…..काला साया पीछे खड़ा था वो बेहोश कुटुम्ब को देख रहा था ऊसने अपने हाथ के इंजेक्शन को काले पॉलयथीन में फ़ेक दिया और उसे बाँधके अपने जेब में डाल लिया ताकि सबूत ना छूते यहां…शांतलाल ने मुकोता पहने ही कुटुम्ब को अपने कंधे पे उठा लिया उसका भारी वज़न उसके पूरा बदन पे जैसे झूल रहा था….शांतलाल कुटुम्ब के पिछवाड़े की महक पेटीकोट से बाहर ही सूंघते हुए उसे गाड़ी की ओर ले जाने लगा….काला साया भी फौरन गाड़ी पे सवार हो गया

जल्द ही दोनों एक बहुत ही बदनाम होटल पहुंच गये…फिर कुटुम्ब के पट्टी को खोल दिया और ऊसको अपने कंधे पे लटकते हुए होटल में आया होटल का रिसेप्षनिस्ट उसे ही घूर्र रहे थे….काला साया अपनी मुकोते को उतारके बारे ही गुप्त तरीके से सीडियो से ऊपर चढ़के दूसरे ओर से अंदर आया….होटल वाला सब जनता था ऊसने चाबी दी सबके सामने कुटुम्ब को ऊसने अपनी पत्नी बताया..होटल वाले ने आँख मर दी दोनों ने सिग्नेचर किए झूते टूर से और फिर जल्द ही होटल के कमरे में आकर कुटुम्ब को बिस्तर पे पटक डाला…जल्द ही दरवाजे पे दस्तक हुई काला साया अंदर आया और ऊसने दरवाजा लगा दिया…ऊसने फौरन शांतलाल के हेल्प के थ्रू होटल के कैमरा को हर एंगल से ऑन कर दिया..

जल्द ही कुटुम्ब को होश आया और वो फिर चीख के उठ कहर इहुई….शांतलाल ने उसे जूस दिया…कुटुम्ब के रज़ामंदी के ना बावजूद भी ऊसने जूस पी लिया…उसे थोड़ी ताक़त आई शरीर में….”तुझे बेहोशी का एक छोटा सा इंजेक्शन मारा था यहां लाने के लिए तुझे क्या लगता है ? मैं इतना चूतिया हूँ जो तुझे वहां खेतों में ही चोदता”…..कुटुम्ब हाथ पैर जोड़के रोने लगी मिन्नटें करने लगी
 

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“देख रोने का कोई फायदा नहीं जो कर रहा हूँ कर लेने दे तेरा भी कुछ नहीं बिगड़ेगा मेरा भी नहीं यहां से भागना मत बाहर मेरे ही लोग है तुझे पकड़कर अंदर ले आएँगे जगह बदनाम है किसी के हटते चढ़ गयी तो बैच देगा चुपचाप जो करना चाहता हूँ कार्वाले और फिर तुझे फिर चोद दूँगा”……कुटुम्ब हार मान गयी ओसोका दिल बैठा जा रहा था

कुटुम्ब ने फौरन सुबकते हुए अपनी सारी खोलने लगी…”शब्बाशह”….शांतलाल तहाका लगाकर हस्सने लगा..वो फौरन कुटुम्ब के करीब आया और ऊसने कुटुम्ब का पल्लू खींच के उतार दिया और फिर उसका ब्लाउज भी फाधने लगा कुटुम्ब उससे छुड़ाने लगी…पर फरका नहीं पड़ा कुटुम्ब के दो स्तनों टूट गये…और ऊस्की वाइट ब्रा अंदर से दिखने लगी…शांतलाल ने ऊस्की ब्रा के बीच में ही उंगली डालकर उसे इतनी ज़ोर की खींचा की ब्रा का हुक टूट गया और ब्रा फर्श पे गिर पड़ी…कुटुम्ब अपने छातियो को हाथों से छुपाने लगी

शांतलाल खुद पे काबू नहीं कर पा रहा तो उसने धीरे धीरे कुटुम्ब के हाथ हटा दिए…और उसके छातियो को देखते ही पागलों की तरह हाथों में भरके दबाने लगा और उसे चुस्सने लगा…उसके कड़े मोटे निपल्स मुँह में भरते ही कुटुम्ब सिहर उठी….शांतलाल बारे ही काश क़ास्सके दोनों चुचियों को दबाए जा रहा था…और अपना चहरा छातियो के बीच रगड़ रहा था….कुटुम्ब बस सिसक रही थी कमरा में सबकुछ रिकार्ड हो रहा था…क्‍ाअल साया हर एक एंगल को ज़ूम करके दोनों की रासलीला का वीडियो चुत कर रहा दूसरे कमरे के सी सी टी अभी के थ्रू

शांतलाल झट से कुटुम्ब के पेटीकोट के नारक होल्के उसे बारे ही बुरी तरीके से नीचे खिकच देता है कुटुम्ब के जाँघ से लेकर कमर तक लाल निशान पढ़ जाता है वो ज़ोर से चिल्लाती है पर शांतलाल रुकता नहीं और अपने हाथ ऊस्की खुली पैंटी पे फहीराने लगता है…कुटुम्ब उसका हाथ बार बार रोकती है पर कुछ फायदा नहीं होता….शांतलाल ऊस्की चड्डी को ज़ोर से खिसकाके फाड़ देता है कुटुम्ब ज़ोर से चिल्लाती है और शांतलाल पे गुस्सा होने लगती है पर शांतलाल पे जो बदला और सेक्स का जुनून चढ़ा था उससे तो ओसोका बचना नामुमकिन ही था….कुटुम्ब के मोटे सूजी चुत को मुट्ठी में भरके शांतलाल दो तीन बार दबा देता है…कुटुम्ब ज़ोर से सिहर जाती है वो खड़ी खड़ी काँपने लगती है

फिर शांतलाल मुट्ठी में कैद चिड़िया को कुछ देर दबाते हुए ऊस्की चुत में पूरा का पूरा मुँह घुसा देता है कुटुम्ब को एक बिजली का झटका लगा था वो उसे रोकने लगती है पर शांतलाल बारे ही बेरहेमी से ऊस्की चुत में मुँह घुसाए छांट रहा था ये साफ कमेरे पे शो हो रहा था….कुछ देर बाद शांतलाल कुटुम्ब को वैसे ही बिस्तर पे लैटाके उसके जांघों को अपने कंधे पे रखकर अपना पूरा मुँह चुत पे दबाने लगता है ऊसपे घिस्सने लगता है कुटुम्ब बस सिसक रही थी बार बार मुँह पे हाथ रख रही थी

और इतने में ही उसे सांखलन हो जाता है वो झधने लगती है शांताल ऊस्की भीनी रस की खूबसू सूँघे उसे चाटने लगता है और ऊस्की चुत के ऊपर से नीचे तक जुबान से साफ करता है फिर वो कुटुम्ब अपने नीचे बैठा देता है “चलो जानेमन अपने पति का लंड मुँह में लो”……कुउत्मब मना करती है पर कुटुम्ब के चेहरे को सख्त इसे पकड़कर शांतलाल उसे अपने लंड पे रगड़ने लगता है कुटुम्ब को उबकिया आने लगती है

पर उसके गले को जब क़ास्सके दबोचता है तो कुटुम्ब की साँसें अटक जाती है तब जाकर उसे अपने शांतलाल का लंड मुँह में लेना पड़ जता है…पहले दो तीन बार मुँह से बाहर कर देता है…पर कुटुम्ब बारे ही मुश्किल से उसका मुँह में लंड लेकर बस रखे रहती है “आबे चूस ना”….शांतलाल एक करारा धक्का कुटुम्ब के मुँह पे मर देता है लंड गले तक पहुंच जाता हाीइ कुटुम्ब तड़पने लगती है

फिर शांतलाल ज़ोर ज़ोर से कुटुम्ब के मुँह में ही मुख मैथुन स्टार्ट कर डेटह आई…कुतुब अब आंखें बंद किए रोते रोते शांतलाल के लंड को चुस्सथी है…और ज़ोर से और ज़ोर से स्लूर्रप्प्प के इयवाज़ मुँह से आती है…बीच बीच में शांतलाल झुककर मुँह में लंड डाले कुटुम्ब के गान्ड पे भी छपात मारता हाीइ


कुछ देर बाद कुटुम्ब खुद ही लंड चुस्सते रहती है…और फिर शांतल्ला लंड मुँह से निकल देता है कुटुम्ब गहरी साँसें लिए बिस्तर के कॉर्नर पे बैठ जाती है…शनलाल उसे फिर उठाकर बिस्तर पे लेटा देता है और ऊस्की टाँग खोल देता है “चल अब तुझे चोदूंगा”…..कुटुम्ब के लाख मना करने के बावजूद भी शांताला लृक्ता नहीं…वो फौरन अपने पूरी बढ़हास्स्स कुटुम्ब के चुत पे टिकाए लंड से निकलता है…पर लंड अंदर घुस्सता नहीं शांतलाल अपने थूक और पॉकेट से एक लूब्रिकॅंट निकलटः आई उसे लंड पे लगतः आई और ऊस जेल को चुत के मुआने पे भी लगा देता है धायर सारा…और फिर एक ज़ोर डर धक्का पेलता है…कुटुम्ब ज़ोर से चिल्ला उठती है…इतनी ज़ोर से की स्पेअकर पे ऊस्की आवाज़ गूंज उठती है…काला साया बस मुस्करा उठता है

शांतलाल बारे ही काश क़ास्सके चुत में धक्के मारने लगता है….कुटुम्ब अब दाँत पे जुबान लगाए झटकों को सहन कर ने लगती है…और बारे ही करार धक्को को झेल रही होती है….शांतलाल जानवर की तरह उसे चोद रहा था ऊस्की चुत से फहक्च फच्छ की आवाज़ साफ सुनाई दे रही थी….कुछ करार धक्को में ही कुटुम्ब ना च्चटे हुए भी शांतल्ल को कसके रोक लेती है और वो फिर झड़ जाती है…शांतल्ल को बड़ा मजा आया और वॉ धक्के लगातार लगता रहा सेक्स की गोली का अच्छा ख़ास्सा फायदा था शांताला झड़ ही नहीं रहा था

शांतलाल ने फौरन चुत से लंड बाहर खींचा और हाँफती कुटुम्ब को अपने ऊपर ले लिया अब कुटुम्ब शांतलाल के ऊपर चधीी लंड को चुत में लेने लगती है…या यूँ कह लीजिए शांतलाल के सख्त हाथ खुद लंड को चुत के मुआने में घुसाने लगते है…..कुटुम्ब बस बारे ही ज़ोर ज़ोर से उछालने लगती है और फिर लंड पे ही गान्ड रगड़ देती है उसके मोटे पिछवाड़े के अंदर लंड ऐसे धासा था जैसे ड्रिल मशीन दीवार में छेद कर देती हो

कुछ देर बाद कुटुम्ब खुद लंड पे कूदने लगती हाीइ पूरा बाहर शांतलाल के जिस्म पे होता है वॉ बस कुटुम्ब के चूतड़ और कमर को मसलते हुए कुटुम्ब को अपने ऊपर कूदवा रहा होता है…कुटुम्ब्ब आहह आहह उहह आहह करके कूद रही होती है…बीच बीच में सेक्स उठाने के लिए शांतलाल छातियो को भी क़ास्सके दबाने लगता है….ओसॉके निपल्स को मसलने लगता है कुटुम्ब से अब और सहन नहीं होता वो और चुदने के काबिल नहीं होती लेकिन शांतलाल नहीं मानता और उसे उसी हालत में खूब चोदता है

कुछ देर बाद पोस्चर बदल जाता है कुटुम्ब किसी गाय की तरह खड़ी होती है और किसी सांड़ की तरह खड़े खड़े शांतलाल कुटुम्ब की गान्ड मारता है….कुउत्मब को बेहद सख्त दर्द हो रहा था चुत का हाल तो बुरा ही था और गान्ड का भी आज पति के अलावा एक गैर मर्द के साथ सो रही थी वो…शांतलाल बस धक्के लगाए रहता है….कुटुम्ब आहहह आहह यू म्मा आहह आस्ती बोलते बोलते चीख रही होती है…..लेकिन शांतलाल अभीतक झड़ा नहीं था….और कुछ ही पल में वो कुटुम्ब की गान्ड से लंड निकलकर उसके मुआने पे मुँह लगा देता है एक तो काली गान्ड ऊपर से शांतलाल ने उसके गान्ड के छेद पे मुँह लगा दिया….शांतलाल के छुपी हसरत आज कुटुम्ब के साथ चुदाई की कसर से निकल रही थी

“अब बॅस करूं आहह मैं और से नहीं पौँगीइ”……शांतलाल कुछ बलटा नहीं और फिर टाँगें चौदीी किए ज़मीने पे ही कुटुम्ब को पट्टक्के उसके ऊपर चढ़ जाता है दोनों चुदा का गहरा खेल खेलने लगते है…चुत से अब लंड बारे ही आराम से अंदर बाहर हो रहा था….कुटुम्ब सिसक रही थी उसे बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही थी शांतलाल उसके होंतोप ए होंठ लगाए उसे अभी किस कर रहा था…और ठीक उसी पल कुटुम्ब ने एक चाल चली और ऊसने फौरन शांतलाल का मास्क उतार दिया…शांतलाल एकदम कत्तुआ गया पर वो धक्के मारता रहा रुका नहीं..शांतलाल के ओदेखके कुटुम्ब की साँसें थाम गयी उसे लगा की वो फोन कॉल वो ढँक भारी बातें इसका मतलब वो काला साया नहीं बल्कि शांतलाल था…..

ये सब सोचते ही उसके रौूंगते खड़े हो गये वो मुँह पे हाथ रखक्के शांतलाल को सहमी निगाहों से देखने लगी “तेरे पतीी ने जो मेरे सहत किया उसे मैं भुला नहीं हूँ रंडी की जानी आज तुझे मैं बक्षुंगा नहीं आहह आहह आहह ले मेरा बीज़्ज़ज्ज”…..और शांतलाल 2 घंटे की इस चुदाई के बाद झधने लगता है….उसका सारा रास चुत को भेगोटे हुए पूरी गान्ड तक भिगो डालता है
 

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(UPDATE-21)



और फिर लंड को फहक्च से निकलकर कुटुम्ब के छातियो से लेकर नाभी तक रस को झधता रहता है…कुटुम्ब वैसे ही पड़ी रही और शांतलाल का शिकार हो गयी….शांतलाल ने जब अपना मंसूबा उसे बताया तो कुटुम्ब उसके सामें हाथ पैर जोड़ने लगी और उससे एम एम एसे माँगी….शांतलाल ने ज़ोर से तहाका लगाया और बताया की उसके बेटे का ऐसा कोई एम एम एसे था ही नहीं

ये सुनते ही कुटुम्ब की ज़मीन खिसक गयी यानि ऊसने बेमतलब में एक धमकी से शांताल्ल के आगे घुटने तक दिए वॉ ज़ोर से रोने लगी शांताल बस मुस्कुराकर एक जगह बैठकर भीड़ी फहुंकने लगा..”चल छल्ल अब ज्यादा ड्रामा मत कर”….इतना कहते हुए वॉ अपन पेंट पहने बाहर निकल गया जब वो वापिस आया तो ओसॉके हाथ में कुछ तस्वीरें थी जो एकदम गरम हो रही थी शायद अभी के अभी प्रिंट्स निकले हुए थे कमरा से

उसे कुटुम्ब के सामने बिखेरते ही कुटुम्ब एकदम से काँप उठी…ये शांतलाल और उसके बीच की चुदाई का सारा सीन था…”हाहाहा मेरा क्यः आई? अपुन तो वैसे ही बदनाम है पर गैर आदमी के साथ तालूक़ है तेरा चुदाई की है ये तो पूरी दुनिया जान जाएगी”…..कुटुम्ब एकदम से क़ास्सके शांतलाल को एक थप्पड़ मार्टी है शांतलाल का पड़ा चाहड़ज आता है और वो कुटुम्ब दो तीन थप्पड़ जधढ देता हे कुटुम्ब रोने लगती है

शांतलाल पास से गुण निकालके कुटुम्ब के सर पे लगा देता है “बहेनचोड़ रंडी बहुत पार निकल रहे है तेरे बीए तू देख तू तो मेरी रखैल बनेगी ही बनेगिइ”……कुटुम्ब काँपने लगती है और ठीक उसी पल शांतलाल मुस्कुराकर गुण बिस्तर पे फ़ेक देता है और कुटुम्ब का बाल क़ास्सके जकड़ लेता है….”अब बता तू मेरी रंडी है की नहीं? मुझपर हाथ उठाने से पहले सोच ले ये फोटोस तेरा पति अपनी आंखों से देखेगा की ऊस्की बीवी उसके कट्टर दुश्मन के सात सोई है और फिर कौन यकीन करेगा तुझपे तू खुद अपने मर्जी से यहां आयआई होटल में मिया बीवी बनकर मेरे साथ सोईइ हाहाहा”…..कुटुम्ब के पास सही में कोई चारा नहीं था तभी एकदम से शांतलाल हिल पड़ा…उसके भेजे से खून बहाने लगा और कुछ चीटें कुटुम्ब के छाती पे परे जहां उसके लंड का पानी वैसे ही बह रहा था कुउतुंब कुछ समझ अँहि पाई की इतने कम वक्त में आख़िर क्या हुआ?

जल्द ही शांतलाल के भेजे में लगी गोली धंस गयी और शांतलाल पीछे जैसे पलटा काला साया को खड़ा पाया…शांतलाल उसे देखकर वही गिर पड़ा…कुटुम्ब नंगी थी वो अपने छाती पे हाथ रखकर काला साया को देखत इहाई और एकदम से काला साया उसे घूर्र रहा होताः आई उसके गुण से धुंआ निकल रहा है…और एकदम से वो गुण कुटुम्ब के हाथ पे फैक देता है…कुटुम्ब एकदम सहम जाती है वो अपने हाथों से वो गुण फैक्के उठ जाती है

काला साया : तू सोच रही होंगी मैं यहां कैसे? ये ज़लील इंसान तो वैसे ही कमीना था…इसने तो अपना बदला ले लिया और मर भी गया पर तू अकेले इसके साथ बंद कमरे में सोई भी और इसका क़त्ला कर डाला
कुटुम्ब : न्न्न..नहीं ये नहीं हो सकता ये झूठ हाईईइ मैंने इसे
काला साया : इसने तुझे ब्लैकमेल करके यहां बुलाया तूने अपनी और इसकी तस्वीर देखी सहएमे और डर से तूने इस पे गोली चलाई और इसे मर डाला पुलिस यहां राइड करने आ रही है तुझे देखेगी इसकी लाश देखेगी फिर तू वैसे ही बदनाममम

कुटुम्ब एकदम से हताश हो गयी…काला साया ने रूमाल से ऊस गुण को उठाया जिससे ऊसने शांतलाल का कत्ल किया था…शांतलाल के सर से खून बह रहा था ऊसने किनारे से गुण उठाया रूमाल से और बिस्तर पे पड़ी वॉ गुण का सेफ्टी लॉक खोला….”असल में ये गुण मिर है शांतलाल के पास जो गुण थी ये वही है…और ये गुण जो मेरे हाथ में थी वॉ शांतलाल की है शांतलाल का गुण इस घर में बिस्तर पे रखा है इस पे तेरे उंगलियों के निशान गुण कोएदुम से पकड़ने से पढ़ गये है अब ये सबूत तुझे फाँसी तक पहुचाएगा लपटे में तेरा हज़्बेंड और बेटा आएगा”…..कुटुम्ब अब काला साय के पैर पे गिरके रोने लगी


कुटुम्ब : मुझे मांफ कर दे काला साया मैंने कुछ नहीं किया मुझे फ़साया गया हाीइ प्लीज़ मुझे बच्चा ले मैं मररणा नहीं चाहतीई
काला साया : तूने जो सलूक दिव्या के साथ किया और ऊस्की ये सजा है सिर्फ़ उसके लिए नहीं तेरे बेटे ने लाखों की जिंदगी बर्बाद तेरे पति ने हज़ारों औरतों का घर उजाड़ दिया अब बोल मैं तुझे क्या सजा दम? ये सजा तो फिर भी कम है की मैं तुझे सीधे गोली मारा नहीं
कुटुम्ब : प्लीज़ काला साया मैंने तेरे आगे हाथ जोधती हूओ प्लीज़
काला साया : इसने तेरा वीडियो बना लिया है उसे तो मैंने अपने पास रख लिया है लेकिन मैं तुझेटबटालक नहीं बक्षुंगा जबतक तू प्रस्चीत नहीं कर लेती
कटुउंब : तू जो बोलेगा मैं करूँगी

काला साया ने फौरन कुटुम्ब को उठाया और उसे जल्दी से उसे सारी दी ब्लाउज और पेटीकोट फटा हुआ था….ब्रा और पैंटी फॅट चुकी थी शांतलाल ने उसके साथ बहुत ज़बरदस्ती की थी…काला साया बस कुटुम्ब के शरीर को घूर्र रहा था…कुटुम्ब ने जैसे तैसे खुद को साफ करके सारी पहनी…और फिर काला साय ने ऊन फोटोग्राफेस को बंड्ल बनकर अपने जेब में रख लिया और कुटुम्ब का हाथ पकड़े उसे बाहर ले आया…काला साया ने रिसेप्षनिस्ट पे बैठे लड़के को देखा और उसे उसी पल गोली दंग दी…कसूर उसका सिर्फ़ यही था की ऊसने होटल के याध में लाखों कपल्स के अश्लील एम एम एसे स्कॅंडल किए थे सबूत वहां मौज़ूद था ऊन कैमरा में

कुटुम्ब : तुम प्ल्स वो वीडियो डेलीट कर दो मैं बदनाम नहीं होना छाती
काला साया : दररो नहीं वो सब मैं पहले ही कर चुका हूँ ऊस्की एक सीडी मेरे हाथ में हे अब चुछाप चलो

काला साया ने एक जीप पे कुटुम्ब को बिठाया और बहुत ही गुप्त रूप से वहां से फरार हो गया…कुटुम्ब पूरे रास्ते काँप रही थी अभी कुछ देर पहले जो कुछ हुआ वो उसके आंखों से गया नहीं खून का इल्जाम ऊसपे था…पूरा सबूत काला साया के पास अब उसका बचना ननूमकिन सा लग रहा था….पर यहां भी काला साय ने चाल खेली

ऊसने गाड़ी रोकी और ऊन तस्वीरों को जला डाल जो शांतलाल के साथ थी…फिर ऊसने ऊस वीडियो की सीडी को अपने पास ये कहकर रख लिया की कुटुम्ब का गुनाह अभी छुपा नहीं कुटुम्ब ने काफी मिन्नत की पर काल साया मना नहीं ऊसने कुटुम्ब को साफ बयान कर दिया…किया अब काला साया का ऊसपे पहरा है अब पुलिस उसे छू नहीं सकती लेकिन उसे जो काला साया कहिएं करना पड़ेगा….कुटुम्ब ने हार मानके हाँ में सर झुका दिया अब वो भी काला साया की गुलाम थी…काल साया ने कुटुम्ब का एक वीडियो बनाया ऊसपे कुटुम्ब से दिव्या के लिए अपॉलजी बनाई कुटुम्ब ने सुबकते हुए दिव्या से माँफी माँगी उसके बाद काला साया ने खेत में ही कटुउंब को घर जाने को कहा जो विटनेस थे उसे तो मर गिराया काल साया ने पुलिस को अब शक होना मुश्किल था
 
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