Baawri Raani
👑 Born to Rule the World 🌏
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Ab jung chhid chuki hai.. NTT ne Komal aur Balbir ko darne ki poori koshish ki... Lekin dono ne haar nahi maani..
Komal ne bhi apni lalkaar ke saath .. jung ki taiyaari kar li hai..
Palkesh? Kya woh bhi waapas aaya hai?
Komal ne bhi apni lalkaar ke saath .. jung ki taiyaari kar li hai..
Palkesh? Kya woh bhi waapas aaya hai?
Update 16
रात हो चुकी थी. कोमल और बलबीर दोनों लंच कर रहे थे. दोनों ही आमने सामने बैठे हुए थे. पर खाने मे दोनों मे से किसी का मन ही नहीं था. कोमल ने तो डॉ रुस्तम से बात करने के बाद उस NTT की आवाज भी सुनी. जो डॉ रुस्तम को मार डालने की बात कहे रहा था.
खाना खाते वो यही सब सोच रही थी. पर ये बात कोमल ने बलबीर को नहीं बताई. कोमल की नजर बलबीर पर गई. वो भी परेशान था.
कोमल : क्या हुआ??? खाओ ना.
बलबीर खाना छोड़ कर कोमल की आँखों मे देखने लगा.
बलबीर : तुम... अपनी माँ के घर चली जाओ.
कोमल को मानो गुस्सा ही आ गया. पर अपने आप को रोक रही हो.
कोमल : और तुम???
बलबीर सोच मे पड़ गया.
बलबीर : मै भी कही होटल मे चले जता हु.
बलबीर का डर भी लाजमी था. उसने तो खुद अपनी आँखों से दो भयानक दिखने वाले 2 सक्स को देखा था. पर कोमल बुरी तरह से झल्ला गई. वो खड़ी हुई और अपने हाथ वाली स्पून को जोर से फर्श पर पटक दिया.
कोमल : मै किसी से भी डरकर कही नहीं जाने वाली. तुम्हे जाना है तो जाओ.
कोमल गुस्से मे बेडरूम मे चली गई. बलबीर कुछ पल तो सोचता रहा. फिर वो भी बेडरूम मे चले गया. कोमल बेड पर बैठी घुटनो के बिच अपना सर छुपाए रो रही थी.
बलबीर : देखो कोमल. मै जानता हु की तुम पीछे हटने वालों मे से नहीं हो. पर कभी तो समाज़दारी से काम लेना पड़ेगा. तुम जानती हो की मै तुम्हे कभी छोड़ कर नहीं जाऊंगा.
कोमल ने तुरंत ही बलबीर को बाहो मे भर लिया.
कोमल : (रोते हुए ) मे जानती हु. तुम मुजे कभी छोड़ कर नहीं जा सकते. पर कही मेरे कारण मेरी फॅमिली को कुछ हो गया तो??? और बच्चे भी तो है. कही....
कोमल चुप हो गई. कोमल जितना अपने आप को बहार से जता रही थी. वो वैसी नहीं थी. अंदर से कोमल बहोत नेक दिल थी.
बलबीर : पर डॉ साहब ने तो कहा था की वहां कुछ नहीं हो सकता. उस घर की लकीरें किसी ऐसी चीज को अंदर नहीं आने देती.
कोमल : कहा तो पलकेश के लिए भी था. पर वो अब इस दुनिया मे नहीं हेना. और क्या चीजे सब ठीक हुई??? मै मेरी वजह से उन्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकती.
बलबीर समझ गया. और वो भी कोमल की बगल मे लेट गया. वो काफ़ी देर यही सब सोच रहा था. उसने देखा की कोमल सो चुकी है. वो भी उसकी बगल मे ही लेट गया. बहोत देर तक तो उसे नींद नहीं आई.
पर नींद आई तब उसे एक भयानक सपना आया. बलबीर को सपने मे वैसा ही चहेरा देखा. जिन 2 सक्स को उसने बेड पर कोमल के पास बैठा देखा था. वो चहेरा बलबीर को देखते हुए हस रहा था.
बलबीर पूरी कोसिस करने लगा नींद से उठने की. पर वो उठ ही नहीं पाया. बलबीर का बदन ही अकड़ गया था. वो चीज बलबीर से कुछ कहती है.
चले जा. इसे छोड़ कर चलेजा. वरना मार डालूंगा.
बलबीर का शरीर एकदम से ढीला हुआ. और एकदम से उठकर बैठ गया. वो बहोत जोरो से हाफ रहा था. जब शांत हुआ तो उसे लगा की सायद डर की वजह से उसने कोई सपना देखा है. पर उसे ये नहीं पता थी की उस सपने के जरिये वो चीज उनके सामने आ रही थी. बलबीर ने कोमल की तरफ देखा. वो चैन से सो रही थी.
बलबीर खड़ा हुआ और टोइलेट की तरफ चल दिया. वो रूम मे चारो तरफ देखता हुआ चल रहा था. वो लाइट ऑन कर के टोइलेट मे घुसा. पर अंदर पेशाब करते अचानक लाइट ऑफ हो गई. लाइट का स्विच तो टोइलेट के अंदर ही था. वो स्विच के बटन को ऑन ऑफ कर के देखता है.लेकिन कोई फर्क ही नहीं पड़ा. बलबीर ने डोर खोलने की कोसिस की. पर ऐसा लगा जैसे बहार से किसी ने डोर लॉक कर दिया है. तभी अचानक से फ़्लैश और नल चालू हो गया.
बलबीर हड़बड़ा गया. वो उसे तुरंत बंद करता है. वही वहां कोमल अकेली हो गई थी. वो तो गहेरी नींद मे थी. तभी उसे शरीर मे कुछ अलग ही भरिपन महसूस होने लगा. कोमल भी उठने की कोसिस करने लगी. पर ना ही उसकी आंखे खुल पा रही थी. और ना ही अपने बदन को हिला पा रही थी. तभी अचानक से किसी ने उसकी टांग खींची. कोमल एकदम से बेड पर आधी खिसकती हुई लटक गई.
कोमल की नींद भी खुल गई. और वो घबराकर एकदम से बेड पर बैठ गई. वो चारो तरफ देखने लगी. कोई नहीं था. तभी उसका ध्यान आ रही आवाज पे गया. बलबीर टोइलेट के डोर को पिट रहा था. जोरो से धक्का मार रहा था. कोमल जल्दी से उठी. और टोइलेट को तरफ तेज़ी से गई. वो डोर एकदम से खुल गया. बलबीर जैसे ही बहार आया. कोमल ने तुरंत जोरो से बाहो मे भींच लिया.
कोमल : (रोना) ये सब क्या हो रहा है हमारे साथ.
इस बार कुछ बताने जताने की जरुरत नहीं थी. हालत जरुरत से ज्यादा बिगड़ रहे थे. तभी एकदम से टीवी की आवाज आने लगी. बलबीर और कोमल तेज़ी से ड्राइंग रूम की तरफ गए. टीवी ऑन थी. और उसपर न्यूज़ चेनल चल रहा था. बलबीर ने तुरंत टीवी बंद की. तभी एकदम से डोर बेल बजने लगी. कोमल और बलबीर दोनों ही एक दूसरे की तरफ देखने लगे. इस वक्त कौन हो सकता है.
एक डर का माहौल छा गया. कोई लगातार डोर नॉक कर रहा था. बलबीर डोर की तरफ बढ़ने गया तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया. जब की कोई जोर जोर से डोर को पिट रहा था. बलबीर रुक गया. कोमल आगे हुई. वो डोर तक पहोची और पीछे मुड़कर बलबीर को देखती है. कोमल ने की हॉल से देखा. वो हैरान रहे गई.
बहार पलकेश खड़ा था. डर और घबराहट से कोमल एकदाम से पीछे हो गई. उसे बलबीर ने संभाला. वो हैरान था की कोमल ने ऐसा क्या देख लिया. पर डोर अपने आप ही खुल गया. वो दोनों एकदम से सॉक हो गए. क्यों की बहार तो कोई नहीं था. जैसे थोडा डर कम हो गया हो. कोमल ने घूम कर एक बार फिर बलबीर को देखा.
क्यों की उसने डोर के की हाल से पलकेश को देखा था. एकदम सफ़ेद चहेरा. जैसे उसे किसी फ्रीजर से निकला हो. पर जब अपने आप डोर खुल गया तो सामने कोई भी नहीं था. कोमल एकदम से बहार निकल गई. जब वो बहार निकली तो बलबीर भी उसके पीछे उसके फ्लेट से बहार आ गया.
लेकिन बहार आते जो उन दोनों ने देखा. वो देख कर उन दोनों की ही रूह कांप गई. वो फ्लेट के ऊपर से ही निचे का नजारा देख रहे थे. फ्लेट के निचे रोड पर पलकेश खड़ा था. और वो ऊपर ही उन दोनों की तरफ देख रहा था. खास कर कोमल को ही. बलबीर भी हैरान था.
क्यों की पलकेश को वो भी देख रहा था. अचानक कोमल के सर मे एकदम से दर्द उठा. जो कोमल बर्दास्त नहीं कर पाई. और अपना सर पकड़ कर बैठ गई. बलबीर भी कोमल को संभालने लगा. वो कोमल को अंदर ले आया और सोफे पर बैठाया. रात के 03:30 हो गए थे. दोनों एकदूसरे को बाहो मे भरे कब सो गए पता ही नहीं चला.
Update 16A
सुबह कोमल की नींद उसके फ़ोन से खुली. वो बलबीर की बाहो मे ही थी. रात सोफे पर बैठे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला. कोमल के हिलने से बलबीर की भी नींद खुल गई. फोन सोफे के पास ही निचे पड़ा हुआ था. लगातार रिंग बज रही थी. कोमल खड़ी हुई और call अटेंड करती है. वो call डॉ रुस्तम का था.
कोमल : हेलो???
डॉ : हेलो कोमलजी. मै अहमदाबाद पहोच गया. एयरपोर्ट पर हु. क्या आप मुजे आप का अड्रेस सेंड कर सकती हो???
कोमल : डोंट वरी. आप वही रुकिए. मै बलबीर को आपको पिक करने के लिए भेज रही हु.
कोमल ने बलबीर को डॉ रुस्तम का फोन नंबर दिया. और उसे एयरपोर्ट के लिए भेज दिया. कोमल ने सारी विंडो खोल दी. धुप अंदर घर मे आने लगी. कोमल को थोडा अच्छा फील हो रहा था. वो बाथरूम मे घुस गई. जब कोमल नहा रही थी. तब बदन पर पानी गिरते कुछ जगहों पर जलन सी होने लगी.
कोमल ने बाथरूम मिरर मे अपने आप को देखा. गले के पास. कमर पर. झांगो के पास कुछ लाल दाग से बने हुए थे. कोमल हैरान थी. उसे कही चोट तो लगी नहीं थी. फिर ये निशान कहा से आए. कोमल अपना बदन पोछकर बाथरूम से निकल गई. कोमल को वैसे तो देर हो गई थी. पर उसने कही ना जाने का मन बना लिया था.
वो अलमारी खोल कर अपने कपडे निकल राही थी तब उसने कुछ कपड़ो के बिच मे देखा. कोमल को बड़ा अजीब लगा. उसने कपडे हटाकर देखा तो वो हैरान रहे गई. वो गणेश भगवान की वही मूर्ति थी. कोमल ने वो मूर्ति उठाई और उसी वक्त सोच लिया. वो हारेगी नहीं. कोमल एकदम जोश मे आ गई.
वो उस मूर्ति को लेकर किचन मे गई. और मूर्ति को मंदिर मे रख कर हाथ जोड़ती है. कोमल ने पहेली बार अपने घर के मंदिर मे दिया जलाया. और कोमल जोरो से चिल्लाई. जैसे जंग का एलान कर रही हो.
कोमल : (जोश) आआआ......................
वहां निचे बलबीर डॉ रुस्तम को लेकर पहोच गया था. वो दोनों ने निचे से कोमल की आवाज सुनी. बलबीर एकदम से डर गया. बलबीर एकदम से भगा. वो तेज़ी से भागते हुए सीढिया चढ़ते ऊपर तक आ गया. डॉ रुस्तम भी उसके पीछे भागता हुआ आया. बलबीर ने एकदम से डोर को धक्का मरना सुरु कर दिया.
बलबीर : (घबराहट) कोमल... कोमल.
कोमल ने जाकर एकदम से डोर खोला. अंदर आते ही बलबीर ने कोमल को बाहो मे भर लिया. डॉ रुस्तम भी डोर तक पहोच गया था.
कोमल : कुछ नहीं हुआ बलबीर कुछ नहीं हुआ. रिलेक्स.
बलबीर : (सॉक) तो फिर तुम चीलाई क्यों???
कोमल की नजर डॉ रुस्तम पर गई.
कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.
बलबीर हैरान था. डॉ रुस्तम ने भी स्माइल की. उन्होंने कोमल मे एक अलग ही एनर्जी देखि.