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Horror किस्से अनहोनियों के

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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Ab jung chhid chuki hai.. NTT ne Komal aur Balbir ko darne ki poori koshish ki... Lekin dono ne haar nahi maani..

Komal ne bhi apni lalkaar ke saath .. jung ki taiyaari kar li hai..

Palkesh? Kya woh bhi waapas aaya hai?


Update 16

रात हो चुकी थी. कोमल और बलबीर दोनों लंच कर रहे थे. दोनों ही आमने सामने बैठे हुए थे. पर खाने मे दोनों मे से किसी का मन ही नहीं था. कोमल ने तो डॉ रुस्तम से बात करने के बाद उस NTT की आवाज भी सुनी. जो डॉ रुस्तम को मार डालने की बात कहे रहा था.

खाना खाते वो यही सब सोच रही थी. पर ये बात कोमल ने बलबीर को नहीं बताई. कोमल की नजर बलबीर पर गई. वो भी परेशान था.


कोमल : क्या हुआ??? खाओ ना.


बलबीर खाना छोड़ कर कोमल की आँखों मे देखने लगा.


बलबीर : तुम... अपनी माँ के घर चली जाओ.


कोमल को मानो गुस्सा ही आ गया. पर अपने आप को रोक रही हो.


कोमल : और तुम???


बलबीर सोच मे पड़ गया.


बलबीर : मै भी कही होटल मे चले जता हु.


बलबीर का डर भी लाजमी था. उसने तो खुद अपनी आँखों से दो भयानक दिखने वाले 2 सक्स को देखा था. पर कोमल बुरी तरह से झल्ला गई. वो खड़ी हुई और अपने हाथ वाली स्पून को जोर से फर्श पर पटक दिया.


कोमल : मै किसी से भी डरकर कही नहीं जाने वाली. तुम्हे जाना है तो जाओ.


कोमल गुस्से मे बेडरूम मे चली गई. बलबीर कुछ पल तो सोचता रहा. फिर वो भी बेडरूम मे चले गया. कोमल बेड पर बैठी घुटनो के बिच अपना सर छुपाए रो रही थी.


बलबीर : देखो कोमल. मै जानता हु की तुम पीछे हटने वालों मे से नहीं हो. पर कभी तो समाज़दारी से काम लेना पड़ेगा. तुम जानती हो की मै तुम्हे कभी छोड़ कर नहीं जाऊंगा.


कोमल ने तुरंत ही बलबीर को बाहो मे भर लिया.


कोमल : (रोते हुए ) मे जानती हु. तुम मुजे कभी छोड़ कर नहीं जा सकते. पर कही मेरे कारण मेरी फॅमिली को कुछ हो गया तो??? और बच्चे भी तो है. कही....


कोमल चुप हो गई. कोमल जितना अपने आप को बहार से जता रही थी. वो वैसी नहीं थी. अंदर से कोमल बहोत नेक दिल थी.


बलबीर : पर डॉ साहब ने तो कहा था की वहां कुछ नहीं हो सकता. उस घर की लकीरें किसी ऐसी चीज को अंदर नहीं आने देती.


कोमल : कहा तो पलकेश के लिए भी था. पर वो अब इस दुनिया मे नहीं हेना. और क्या चीजे सब ठीक हुई??? मै मेरी वजह से उन्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकती.


बलबीर समझ गया. और वो भी कोमल की बगल मे लेट गया. वो काफ़ी देर यही सब सोच रहा था. उसने देखा की कोमल सो चुकी है. वो भी उसकी बगल मे ही लेट गया. बहोत देर तक तो उसे नींद नहीं आई.

पर नींद आई तब उसे एक भयानक सपना आया. बलबीर को सपने मे वैसा ही चहेरा देखा. जिन 2 सक्स को उसने बेड पर कोमल के पास बैठा देखा था. वो चहेरा बलबीर को देखते हुए हस रहा था.

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बलबीर पूरी कोसिस करने लगा नींद से उठने की. पर वो उठ ही नहीं पाया. बलबीर का बदन ही अकड़ गया था. वो चीज बलबीर से कुछ कहती है.


चले जा. इसे छोड़ कर चलेजा. वरना मार डालूंगा.


बलबीर का शरीर एकदम से ढीला हुआ. और एकदम से उठकर बैठ गया. वो बहोत जोरो से हाफ रहा था. जब शांत हुआ तो उसे लगा की सायद डर की वजह से उसने कोई सपना देखा है. पर उसे ये नहीं पता थी की उस सपने के जरिये वो चीज उनके सामने आ रही थी. बलबीर ने कोमल की तरफ देखा. वो चैन से सो रही थी.

बलबीर खड़ा हुआ और टोइलेट की तरफ चल दिया. वो रूम मे चारो तरफ देखता हुआ चल रहा था. वो लाइट ऑन कर के टोइलेट मे घुसा. पर अंदर पेशाब करते अचानक लाइट ऑफ हो गई. लाइट का स्विच तो टोइलेट के अंदर ही था. वो स्विच के बटन को ऑन ऑफ कर के देखता है.लेकिन कोई फर्क ही नहीं पड़ा. बलबीर ने डोर खोलने की कोसिस की. पर ऐसा लगा जैसे बहार से किसी ने डोर लॉक कर दिया है. तभी अचानक से फ़्लैश और नल चालू हो गया.

बलबीर हड़बड़ा गया. वो उसे तुरंत बंद करता है. वही वहां कोमल अकेली हो गई थी. वो तो गहेरी नींद मे थी. तभी उसे शरीर मे कुछ अलग ही भरिपन महसूस होने लगा. कोमल भी उठने की कोसिस करने लगी. पर ना ही उसकी आंखे खुल पा रही थी. और ना ही अपने बदन को हिला पा रही थी. तभी अचानक से किसी ने उसकी टांग खींची. कोमल एकदम से बेड पर आधी खिसकती हुई लटक गई.

कोमल की नींद भी खुल गई. और वो घबराकर एकदम से बेड पर बैठ गई. वो चारो तरफ देखने लगी. कोई नहीं था. तभी उसका ध्यान आ रही आवाज पे गया. बलबीर टोइलेट के डोर को पिट रहा था. जोरो से धक्का मार रहा था. कोमल जल्दी से उठी. और टोइलेट को तरफ तेज़ी से गई. वो डोर एकदम से खुल गया. बलबीर जैसे ही बहार आया. कोमल ने तुरंत जोरो से बाहो मे भींच लिया.


कोमल : (रोना) ये सब क्या हो रहा है हमारे साथ.


इस बार कुछ बताने जताने की जरुरत नहीं थी. हालत जरुरत से ज्यादा बिगड़ रहे थे. तभी एकदम से टीवी की आवाज आने लगी. बलबीर और कोमल तेज़ी से ड्राइंग रूम की तरफ गए. टीवी ऑन थी. और उसपर न्यूज़ चेनल चल रहा था. बलबीर ने तुरंत टीवी बंद की. तभी एकदम से डोर बेल बजने लगी. कोमल और बलबीर दोनों ही एक दूसरे की तरफ देखने लगे. इस वक्त कौन हो सकता है.

एक डर का माहौल छा गया. कोई लगातार डोर नॉक कर रहा था. बलबीर डोर की तरफ बढ़ने गया तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया. जब की कोई जोर जोर से डोर को पिट रहा था. बलबीर रुक गया. कोमल आगे हुई. वो डोर तक पहोची और पीछे मुड़कर बलबीर को देखती है. कोमल ने की हॉल से देखा. वो हैरान रहे गई.

बहार पलकेश खड़ा था. डर और घबराहट से कोमल एकदाम से पीछे हो गई. उसे बलबीर ने संभाला. वो हैरान था की कोमल ने ऐसा क्या देख लिया. पर डोर अपने आप ही खुल गया.
वो दोनों एकदम से सॉक हो गए. क्यों की बहार तो कोई नहीं था. जैसे थोडा डर कम हो गया हो. कोमल ने घूम कर एक बार फिर बलबीर को देखा.

क्यों की उसने डोर के की हाल से पलकेश को देखा था. एकदम सफ़ेद चहेरा. जैसे उसे किसी फ्रीजर से निकला हो. पर जब अपने आप डोर खुल गया तो सामने कोई भी नहीं था.
कोमल एकदम से बहार निकल गई. जब वो बहार निकली तो बलबीर भी उसके पीछे उसके फ्लेट से बहार आ गया.

लेकिन बहार आते जो उन दोनों ने देखा. वो देख कर उन दोनों की ही रूह कांप गई. वो फ्लेट के ऊपर से ही निचे का नजारा देख रहे थे. फ्लेट के निचे रोड पर पलकेश खड़ा था. और वो ऊपर ही उन दोनों की तरफ देख रहा था. खास कर कोमल को ही. बलबीर भी हैरान था.

क्यों की पलकेश को वो भी देख रहा था. अचानक कोमल के सर मे एकदम से दर्द उठा. जो कोमल बर्दास्त नहीं कर पाई. और अपना सर पकड़ कर बैठ गई. बलबीर भी कोमल को संभालने लगा. वो कोमल को अंदर ले आया और सोफे पर बैठाया. रात के 03:30 हो गए थे. दोनों एकदूसरे को बाहो मे भरे कब सो गए पता ही नहीं चला.

Update 16A

सुबह कोमल की नींद उसके फ़ोन से खुली. वो बलबीर की बाहो मे ही थी. रात सोफे पर बैठे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला. कोमल के हिलने से बलबीर की भी नींद खुल गई. फोन सोफे के पास ही निचे पड़ा हुआ था. लगातार रिंग बज रही थी. कोमल खड़ी हुई और call अटेंड करती है. वो call डॉ रुस्तम का था.


कोमल : हेलो???


डॉ : हेलो कोमलजी. मै अहमदाबाद पहोच गया. एयरपोर्ट पर हु. क्या आप मुजे आप का अड्रेस सेंड कर सकती हो???


कोमल : डोंट वरी. आप वही रुकिए. मै बलबीर को आपको पिक करने के लिए भेज रही हु.


कोमल ने बलबीर को डॉ रुस्तम का फोन नंबर दिया. और उसे एयरपोर्ट के लिए भेज दिया. कोमल ने सारी विंडो खोल दी. धुप अंदर घर मे आने लगी. कोमल को थोडा अच्छा फील हो रहा था. वो बाथरूम मे घुस गई. जब कोमल नहा रही थी. तब बदन पर पानी गिरते कुछ जगहों पर जलन सी होने लगी.

कोमल ने बाथरूम मिरर मे अपने आप को देखा. गले के पास. कमर पर. झांगो के पास कुछ लाल दाग से बने हुए थे. कोमल हैरान थी. उसे कही चोट तो लगी नहीं थी.
फिर ये निशान कहा से आए. कोमल अपना बदन पोछकर बाथरूम से निकल गई. कोमल को वैसे तो देर हो गई थी. पर उसने कही ना जाने का मन बना लिया था.

वो अलमारी खोल कर अपने कपडे निकल राही थी तब उसने कुछ कपड़ो के बिच मे देखा. कोमल को बड़ा अजीब लगा. उसने कपडे हटाकर देखा तो वो हैरान रहे गई. वो गणेश भगवान की वही मूर्ति थी. कोमल ने वो मूर्ति उठाई और उसी वक्त सोच लिया. वो हारेगी नहीं. कोमल एकदम जोश मे आ गई.


वो उस मूर्ति को लेकर किचन मे गई. और मूर्ति को मंदिर मे रख कर हाथ जोड़ती है. कोमल ने पहेली बार अपने घर के मंदिर मे दिया जलाया. और कोमल जोरो से चिल्लाई. जैसे जंग का एलान कर रही हो.


कोमल : (जोश) आआआ......................


वहां निचे बलबीर डॉ रुस्तम को लेकर पहोच गया था. वो दोनों ने निचे से कोमल की आवाज सुनी. बलबीर एकदम से डर गया. बलबीर एकदम से भगा. वो तेज़ी से भागते हुए सीढिया चढ़ते ऊपर तक आ गया. डॉ रुस्तम भी उसके पीछे भागता हुआ आया. बलबीर ने एकदम से डोर को धक्का मरना सुरु कर दिया.


बलबीर : (घबराहट) कोमल... कोमल.


कोमल ने जाकर एकदम से डोर खोला. अंदर आते ही बलबीर ने कोमल को बाहो मे भर लिया. डॉ रुस्तम भी डोर तक पहोच गया था.


कोमल : कुछ नहीं हुआ बलबीर कुछ नहीं हुआ. रिलेक्स.


बलबीर : (सॉक) तो फिर तुम चीलाई क्यों???


कोमल की नजर डॉ रुस्तम पर गई.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.



बलबीर हैरान था. डॉ रुस्तम ने भी स्माइल की. उन्होंने कोमल मे एक अलग ही एनर्जी देखि.
 

Shetan

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Shetan Ji.. Komal ke ghar par bhi NTT ne kaaboo kar liya hai... yeh sab gaun ke Khet mei hui ek galti ke wajah se...

Aur Daayi maa toh antaryami nikli yaar.. dur baithe bhi unhe , apni muhboli beti par aayi musibat ka pata chal gaya...

Lekin 4 din toh bahot jyada hai.. pata nahi iss dauraan in dono ki kya halat hone wali hai..
Galti to vahi se shuru hui. Vese vo NTT sharir me hona aur sath hona dono me fark hai. Vo NTT komal ke andar nahi sath hai. Is lie panotiyo ka samna ho raha hai.
 

Shetan

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Do do NTT !!👿😈 .. Yeh Komal ke peeche pade hai.. Lagta hai dono mard hi hai.. 😉.. Haan waise bhi mard log in bhooton se kum nahi hote.. 😒

(Next time Balbir ,💪😁 ko bhi nahate hue.. touch karwa do kissi sexy chudail se.. :love3:)

Dr. Aur Daayi Maa jaldi aa jaaye toh raahat mile..
Ye story pichhli jinn story se judi hui hai.
 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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Kisse mei kissa!! Yeh Jinn 👿 toh kaafi dustt hue yaar.. ek ko maarne ke bad uske gharwalo ko bhi pareshan karte rehte hai..
A

Update 17

कोमल ने डोर पर खड़े रुस्तम को देखा. जो मुस्कुरा रहा था. पर स्माइल तो कोमल के फेस पर भी थी. कुछ हद तक उस माहौल मे एक अलग ही एनर्जी फेल गई थी. क्यों की सारी विंडो खुली हुई थी. बहार से सुबह की धुप और बहोत ही प्यारी हवा चल रही थी. ऊपर से कोमल के हौसले जैसे बुलंद हो रखे हो. बलबीर ने लाई हुई मूर्ति के आगे दिया जल रहा था.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.


डॉ : (स्माइल) आज मै कोनसी कोमल को देख रहा हु??? क्या ये कोमल असली है. या वो जो फोन पर थी.


कोमल बस जरासा मुस्कुराकर निचे देखने लगी.


कोमल : कोमल तो वो भी असली ही थी. बस हालत बदल गए.


डॉ : (स्माइल) बिलकुल वही लड़की जैसा दाई माँ ने बताया था.


दाई माँ को याद कर के कोमल को ख़ुशी तो हुई. पर उसी वक्त उसे एक डर भी लगा. बलबीर बिना ब्याहे उसके घर मे पति की तरह रहे रहा था. वो दाई माँ को क्या मुँह दिखाएगी.


कोमल : (स्माइल) दाई माँ मुजे मुझसे ज्यादा समज़ती है. खेर आप आइये बैठिये.


कोमल ने डॉ रुस्तम को सोफे पर बैठने का हिशारा किया. डॉ रुस्तम एक बैग ही लेकर आया था. वो उसे निचे रख कर सोफे पर बैठ गया.


डॉ : मै चाय पिऊंगा.


तीनो हसने लगे.


कोमल : (स्माइल) अभी बनाती हु.


कोमल किचन मे गई. और चाय बनाने लगी. बलबीर और डॉ रुस्तम दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे. कोमल उन दोनों की बाते साफ सुन सकती थी.


बलबीर : और कुछ बताया माँ ने???


लम्बी शांस लेते हुए डॉ रुस्तम कुछ सोचने लगा. वो भी जानता था की उनकी बाते कोमल सुन रही है. क्यों की किचन तो सिर्फ 5 कदम की दूरी पर ही था.


डॉ : दाई माँ बता रही थी वो 2 जिन्न है. जो तुम्हे परेशान कर रहे है.


कोमल के कान खड़े हो गए. वो देख तो पतिले मे उबालते पानी को रही थी. मगर उसका ध्यान अब बलबीर और डॉ रुस्तम की बातो पर चले गया. मगर झटका सिर्फ कोमल को ही नहीं. बलबीर को भी लगा. क्यों के उसने भी कोमल के पास अजीब से दिखने वाले दो लोगो बैठा देखा था.


बलबीर : (सॉक) दो जिन्न??? पर ये आए कहा से???


डॉ : वही से. जहा से पहले वाला आया था.


बलबीर और कोमल दोनों ही समझ गए. जो पलकेश के अंदर जिन्न था. वो बलवीर के खेत मे जो पेड़ था. उसी से आया था. बलबीर डॉ रुस्तम को हैरत भरी नजरों से देखने लगा. कोमल भी किचन के डोर तक आ गई. डॉ रुस्तम कभी बलबीर को देखता तो कभी कोमल को.


डॉ : वो तीन थे. जिसमे से एक ने पलकेश को पजेश किया. पर बाकि 2 यही है. तुम्हारे घर मे. और ये बात मुजे खुद दाई माँ ने बताई.


बलबीर और कोमल दोनों को मानो झटका ही लगा था. कोमल किचन के डोर से ही खड़े खड़े डॉ रुस्तम से सवाल करने लगी.


कोमल : दाई माँ को कैसे पता चला.


डॉ : दाई माँ ने कोई एनर्जी सिद्ध की हुई है.

जब मेने उन्हें पलकेश के जिन्न के बारे मे बताया तब उन्होंने अपनी एनर्जी से संपर्क किया. धीरे धीरे उन्हें जानकारी मिलने लगी. और धीरे धीरे सब पता चलने लगा. वो किस हद तक तुम्हे परेशान कर रहे है. सब दाई माँ को पता चल रहा है. वो मुजे हर बात बताती है. वो मूर्ति वाली बात भी और डोर पर लगे उस स्टिकर की बात भी.


कोमल सॉक जरूर थी. पर उसने ये नहीं सोचा की बलबीर के साथ उसके रिश्ते की बात भी तो दाई माँ को पता चल गई होंगी. कोमल का तो मानो सर चक्र गया था.


कोमल : अमम... मुजे मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा है.


डॉ : तुम फ़िक्र मत करो. वो सब ठीक कर देगी. तकलीफ तो तब ज्यादा होती जब वो दोनों जिन्न मे से एक भी तुम्हारे अंदर आ चूका होता.


बलबीर : मतलब अभी डरने की जरुरत नहीं??


डॉ : हा वैसे तो डरने की जरुरत नहीं है. पर वो तुम्हे ऐसे ही परेशान जरूर करेगा.


कोमल : (गुस्सा)(किचन से ही) करने दो साले को जो करना है. मै डरने वाली नहीं हु.


डॉ रुस्तम को ये बहोत अच्छा लगा की कोमल के हौसले बुलंद है. कुछ पल के लिए माहौल शांत हो गया. लेकिन कोमल और बलबीर दोनों के मन मे अजीब से सवाल चल रहे थे. उन्होंने जिन्न कभी देखा नहीं था.

पलकेश के साथ हुए हादसे से पहले तक तो वो जिन्न मतलब कुछ और ही समझ रहे थे. टीवी पर एक काल्पनिक धारावाहिक अलिफ़ लैला जो देखा था. उनके हिसाब से तो जिन्न वैसा ही मानते थे. जो चिराग घिसने पर एक बड़ासा जिन्न निकलता है.

और वो सारी मनोकामना पूरी करता है. पर पलकेश के साथ हुए हादसे के बाद तो कोमल और बलबीर के सारे वहेम एकदम से ही दूर हो गए. आखिर बलबीर ने हिचकते सवाल पूछ ही लिया.


बलबीर : जिन्न इतने खतरनाक हो सकते है. ये मेने कभी सोचा ही नहीं था.


डॉ : जिन्न किसी के अंदर आए बिना भी इतनी तकलीफ पहोंचा सकता है. तुम सोच नहीं सकते.


तभी कोमल चाय की ट्रे लेकर आ गई. वो तीनो की चाय लेकर आई. उसने बलबीर और डॉ रुस्तम को चाय दी. और खुद भी चाय लेकर बैठ गई. कोमल भी डॉ रुस्तम की बातो को बड़े ध्यान से सुन रही थी.


डॉ : अगर किसी को पजेश करने की कोसिस करेगा तो वो सिर्फ नापाक जिन्न.

नापाक माने तो बुरा या गन्दा. ये इतने बुरे होते है की इनके आने से मनहूसियत तक छा जाती है. अच्छे कामों को बिगड़ देते है. इंसान सिर्फ साथ होने के असर से ही अइयासी नशे बहोत कुछ बुरी चीजों मे पड़ जाते है. तुम्हे वो हर अच्छी चीजों से दूर करने की कोसिस करेगा.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई. क्यों की वो जिन्न तो सबसे ज्यादा कोमल को ही परेशान कर रहा था.


कोमल : अगर वो किसी के अंदर आ जाए तो कितना परेशान करेगा????


बलबीर : पलकेश को तो तुमने देखा ही ना.


बलबीर डॉ रुस्तम की तरफ देखता है. जैसे अपनी बात पर हामी भरवाने की कोसिस कर रहा हो.


डॉ : उस से भी ज्यादा.


कोमल : उस से भी ज्यादा???


कोमल हैरान रहे गई. क्यों की पलकेश के किस्से मे ही वो दोनों जबरदस्त परेशान रहे थे. पलकेश ने हर पल अलग अलग प्रकार से झटके दिये थे.


डॉ : अपने मोबाइल पर विकिपीडिया निकालो. तुम्हे एक किस्सा बताता हु. बांग्लादेश किस्सा है.


कोमल ने अपना मोबाइल लिया. और उसमे विकिपीडिया खोला. डॉ रुतम ने जो कहा उसने वही सर्च किया. कोमल को वो किस्सा मिल गया. एक बांग्लादेश की न्यूज़ थी.


बलबीर : आप ही बताओ ना??


कोमल ने भी तुरंत अपना मोबाइल बंद किया और डॉ रुस्तम की तरफ देखने लगी. कोमल वैसे भी भूतिया किस्सा सुन ने को ज्यादा ही बेताब रहती थी. वो ये भूल गई की उसे खुद को 2 जिन्न परेशान कर रहे थे. डॉ रुस्तम वो किस्सा बताने लगे.


सच्ची कहानी - दोस्तों बांग्लादेश न्यूज़ और विकिपीडिया पर ये किस्सा उपलब्ध है. बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने हमारे देश और दुनिया के सारे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स को ये किस्सा पोस्ट किया था. जिसमे हमारे मुल्क के सबसे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर गौरव तिवारी सर भी शामिल थे. हलाकि आज के वक्त मे हमारे गौरव तिवारी सर जीवित नहीं है. पर स्पेशल उन्हें ये किस्सा ईमेल पोस्ट के द्वारा ये किस्सा खास तौर पर भेजा गया था.


डॉ : ये किस्सा 10 साल पुराना बांग्लादेश ढाका का है. रहेमान मालिक का.

रहेमान 34 साल का था. उसकी एक बीवी और 2 बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी. बेटी कुछ 8 साल की थी. पर बेटा तो जस्ट हुआ ही था. कुछ 2 या 3 महीने का ही होगा. रहेमान घर से कुडा फेकने गया. ढाका मे वैसे भी बहोत गंदगी है. कुछ मकानों के बिच एक खाली जगह थी. जहा कूड़े का पहाड़ जैसा बना हुआ था.

रहेमान ने वही अपना कुदा फेका. वहां एक पेड़ था. पेड़ के निचे एक छोटी मटकी(हांडी) और एक दिया जल रहा था. रहेमान ने बस एक ही गलती की. उस मटकी को जाते हुए जोर से लात मारी. वो मटकी सीधा कूड़े के ढेर मे जा गिरी. रहेमान जाने लगा. पर जाते हुए उसे सर मे तेज़ दर्द सा उठा. वो अपना सर पकड़ कर वही बैठ गया.

पर थोड़ी ही देर मे वो दर्द ठीक हो गया. रहेमान ने घूम कर उसी पेड़ को देखा. वो हैरान रहे गया. उसे उस पेड़ के निचे वही दिया जलता हुआ दिखा. पर साथ मे उसे कुछ और ही दिखा.


बलबीर : क्या????


डॉ : उसका खुद का कटा हुआ सर.


बलबीर : (सॉक) क्या????


डॉ : हा सही सुना तुमने.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : एएए एक मिनट. मतलब रहेमान ने उस पेड़ के निचे उस मटकी की जगह खुद का ही कटा हुआ सर देखा???


डॉ : हा तो मै भी तो वही कहे रहा हु. उसने खुद का ही कटा हुआ सर देखा.


ये सुनकर कोमल और बलबीर दोनों ही एकदम हैरान रहे गए. उन्हें सुनकर बड़ा अजीब लगा. लेकिन बोलते हुए वैसी ही हैरानी डॉ रुस्तम मे भी नजर आ रही थी.


डॉ : रहेमान वहां से चले गया. वो बहोत घबरा गया था. पर अपने घर आते आते रहेमान रहेमान नहीं रहा था. उसमे बदलाव आ गया था. उसकी बीवी का नाम रुबीना था. आते ही उसने रुबीना से पानी माँगा. रुबीना ने उसे ग्लास पानी दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और दो.


रुबीना ने फ्रिज से बोतल निकली. और एक ग्लास और भर दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और.


रुबीना ने उसे पानी की बोतल ही थमा दी.


रुबीना : कितनी प्यास लगी है तुम्हे???


रहेमान पूरी बोतल पानी पी गया.


रहेमान : और पानी दो.


रुबीना फ्रिज से दूसरी बोतल ले आई. और रहेमान को थमा दी.


रुबीना : ये लो. क्या किया जो आप को इतनी ज्यादा प्यास लग रही है.


रहेमान ने वो बोतल तो ले ली. मगर रुबीना को एक उलटे हाथ का जोर डर थमाचा रुबीना को मारा. रुबीना दूर जा गिरी. रहेमान दूसरी बोतल भी पानी पी गया. वो खुद ही खड़ा हुआ. और बारी बारी फ्रिज की सारी बोतलो का पानी पी गया.

रुबीना हैरान रहे गई. वो बस रहेमान को ही देखे जा रही थी. इस से पहले रहेमान ने कभी रुबीना पर हाथ नहीं उठाया था. वो एक डरपोक इंसान था. मगर उसमे अजीब सा बदलाव आ गया था. रहेमान पलट कर फिर रुबीना के पास गया.


रहेमान : मुजे और पानी दो.


रुबीना ने बस मटके की तरफ हिशारा किया. क्यों की वो भी डर गई थी. रहेमान मटके के पास गया. वो 10 लीटर के आस पास से भरा मटका उठता है. और मुँह लगाकर पानी पिने लगा. ये देख कर रुबीना डर गई. और वहां से भाग निकली.

उसके मकान के बगल मे ही रहेमान के बड़े भाई का घर था. अयान मालिक. अयान रुबीना के बुलाने पर आया. वही रहेमान उस मटके का पानी पीते उसे फेक दिया. और दूसरा मटका भी उठाकर वैसे ही पानी पिने लगा.


अयान भी ये देख कर सॉक हो गया. वो अपने छोटे भाई के पास आया. उसके कंधे पर हाथ रखा.


अयान : क्या हो गया तुम्हे रहेमान????


रहेमान ने घूम कर अयान को जोर से थप्पड़ मारा. अयान भी गिर गया. उसका सर चकरा गया. वो समझ गया की वो उसका भाई नहीं. कोई और है. अयान भी मार खाकर वहां से चले गया. रात रहेमान ने रुबीना का जबरदस्त बलात्कार किया. बच्चे रोते रहे और रुबीना चिल्लाती रही. मगर रहेमान को कोई फर्क नहीं पड़ा.

दो तीन दिन निकल गए. रुबीना फस चुकी थी. अयान भी उनके घर नहीं आ रहा था. रहेमान ऐसे ही घर का सारा पानी पी जाता. पर तक़रीबन चार दिन बाद रुबीना की मानो रूह ही कांप गई. एक शाम उसे अपना बेटा नहीं मिल रहा था. वो परेशान हो गई. आखिर घर से बच्चा गायब कैसे हो गया.


कोमल : (सॉक) क्या वही बच्चा??? जो दो तीन महीने का था???


डॉ : हा. उसका बेटा. उस शाम रुबीना को अपने बच्चे के रोने की आवाज आने लगी. पर कहा से वो समझ नहीं आया. रुबीना ने अपना पूरा घर छान मारा. मगर उसका बेटा मिल ही नहीं रहा था. बच्चे के रोने की आवाज ज्यादा आने लगी. रुबीना घर से बहार आ गई.

वो आवाज बहार ज्यादा आ रही थी. रुबीना दए बाए देखने लगी. फिर अचानक उसकी नजर ऊपर गई. और जो देखा. वो देख कर वो बुरी तरह से डर गई. रहेमान बच्चे की एक टांग पकडे छत से निचे लटका रखा था. एक माँ ये कैसे बरदास कर लेती. रुबीना बहोत तेज़ी से भाग कर सीढिया चढने लगी.

और बहोत जल्दी पहोच कर रहेमान के हाथो से अपना बच्चा छीन लिया. रुबीना सीधा अयान के घर चली गई. सारी बाते अयान को जाकर बताई.
अब तक आस पास के लोगो को भी ये बात पता चल चुकी थी. रहेमान की हालत ठीक नहीं है.

उसके अंदर कुछ है. अयान एक मौलवी को बुलाकर लाया. पर रहेमान ने तो उस मौलवी की हालत भी ख़राब कर दी.



कोमल : तो क्या मौलवी भी जिन्न को काबू नहीं कर सकते???


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. एक मौलवी 5 वक्त का पक्का नमाज़ी होता है.

वो ऊपर वाले की बहोत खिदमत करता है. उसे आयात और कुरान का अच्छा नॉलेज होता है. पर उस मौलवी ने अपनी तालीम बंगाली भाषा मे की थी. जिस कारण उसका कई शब्दो का ज्ञान अधूरा था. ऊपर से वो बिना पूरी तालीम लिए ही मौलवी का काम सँभालने लगा था.

वो रहेमान के हाथ चढ़ गया. रहेमान ने उसे कोई आयत पढ़ने ही नहीं दिया. और पिट पिट कर भगा दिया. कोई रस्ता नहीं था. सबने रहेमान को उसी के हाल पर छोड़ दिया. एक शाम रुबीना को रहेमान कही दिखाई नहीं दे रहा था. घर का सारा पिने वाला पानी ख़तम था.

बल्कि रुबीना ने पहले से ही भरा ही नहीं था. उसे प्यास लगती तो वो पड़ोस मे अयान के घर पी आती. बच्चों को भी उसी के घर छोड़ दिया था. रुबीना को घर मे कही भी रहेमान नहीं दिखा तो वो उसे खोजने लगी. मगर जब उसे रहेमान दिखा.

रुबीना की रूह कांप गई. वो बुरी तरह से घबरा गई. रहेमान बाथरूम मे निचे बैठा हुआ था. बाथरूम का नल खुला हुआ था. और पानी सीधा निचे बैठे रहेमान के मुँह मे ही गिर रहा था. नल से जिस स्पीड मे पानी गिरता है. उतनी स्पीड से तो इंसान क्या कोई जानवर भी पानी नहीं पी सकता. मगर बाथरूम के नल से पानी रहेमान के मुँह मे ऐसे गिर रहा था. जैसे रहेमान के पेट मे कोई बड़ी टंकी हो.

रुबीना डर कर वहां से चिल्लाते हुए भागी. सभी लोग जमा हो गए. इस किस्से को दशवा दिन (10 days) हो गया था. जब सब लोग आए तब देखा की रहेमान की हालत ज्यादा ख़राब हो गई थी. चहेरा सफ़ेद हो गया था होंठ सुख गए थे. जैसे चहेरे से नमी ही गायब हो गई हो. रहेमान बाथरूम मे ही गिरा पड़ा था. बस पलके झबक रही थी. सब ने मिलकर रहेमान को उठाया और हॉस्पिटल ले गए.

रहेमान को ढाका की मेडिकल कॉलेज लेजाया गया. पर जब डॉक्टर्स ने रहेमान को चेक किया तो वो भी हैरान रहे गए. मेडिकल रिपोर्ट बता रही थी की ज्यादा पानी शरीर मे होने के कारण रहेमान 10 दिन पहले ही मर चूका था. जब की रहेमान उनके सामने जिन्दा था.


कोमल : (सॉक) क्या????? वो दस दिन पहले ही मर चूका था????


बलबीर : पर जब रहेमान उनके सामने जिन्दा था तो उसे रिपोर्ट मे कैसे मरा हुआ घोषित कर सकते थे.


डॉ : तुम समझ क्यों नहीं रहे. उसे मरा हुआ घोषित नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत तो 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

जब मेडिकल कॉलेज ने उस केस से हाथ खड़े किये तब वो लोग रहेमान को घर लेजाने लगे. मगर हॉस्पिटल से बहार निकलते ही रहेमान पूरी तरह से मर गया. रुबीना और अयान ने मेडिकल कॉलेज पर ही दावा ठोक दिया की उसे हॉस्पिटल मे डॉ ने ही मार डाला. अब डॉ भी फस गए. डेडबॉडी जा चुकी थी. और उनके पास रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

गवाह पूरा माहौला था. नतीजा यह हुआ की मेडिकल कॉलेज को मुआबजा देना पड़ा.


कोमल : तो वो क्या जिन्न था????


डॉ : बिलकुल. उस हॉस्पिटल मे कुछ डॉक्टर्स पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स थे.

उन्होंने बाद मे इस केस पर आगे काम किया. वो एक नापाक जिन्न था. और उसी कूड़े मे रहे रहा था. बाद मे उसने रुबीना को बहोत परेशान किया. उसके लिए स्पेशल लखनऊ से मौलवी को बुलाकर उस जिन्न से पीछा छुड़वाया गया.


काफ़ी वक्त उस किस्से को सुनते हो गया था. कोमल खड़ी हुई और किचन मे चली गई. और लंच की तैयारी करने लगी.
 

Shetan

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Kisse mei kissa!! Yeh Jinn 👿 toh kaafi dustt hue yaar.. ek ko maarne ke bad uske gharwalo ko bhi pareshan karte rehte hai..
Vese pahele batana nahi chahiye par bata hi deti hu. Vo jinn 3 the. Jisme se sirf 1 palkesh ke jariye pakada gaya. Baki ka sath hona panoti de raha tha. Bad me to saxat dilhne bhi lage. Dai maa aaegi na.
 

sunoanuj

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Vese pahele batana nahi chahiye par bata hi deti hu. Vo jinn 3 the. Jisme se sirf 1 palkesh ke jariye pakada gaya. Baki ka sath hona panoti de raha tha. Bad me to saxat dilhne bhi lage. Dai maa aaegi na.


Dai maa iska bhi kuch intazam kar hee dengi ….
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Dai maa iska bhi kuch intazam kar hee dengi ….
हां ..हां. वैसे भी वो बाबड-चोदों को ठीक करने मे माहिर है.. :lotpot:
 

Shetan

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हां ..हां. वैसे भी वो बाबड-चोदों को ठीक करने मे माहिर है.. :lotpot:
Mene puchha tha padosan se. Iska matlab chutiya hota hai
 

Raj_sharma

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