• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Horror किस्से अनहोनियों के

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
96
280
53
Bhole bhale Balbir ko Komal ne handsome hero bana diya. Desi pehelwaan mard jab angrezi shirt pant pehne toh angrezo ko bhi peeche chhod de..

Komal ki chulbuli shararaten aur apne toy boy ko show off karna mazedaar hai.
Update 21A


नया दिन निकल गया. कोमल को डॉ रुस्तम के टाइम से मैच होने वाली कोई फ्लाइट नहीं मिली. अहमदाबाद की सिर्फ 2 ही फ्लाइट थी. एक अर्ली मॉर्निंग के लिए. और दूसरी 12:30 के लिए. कोमल ने दोपहर 12:30 की फ्लाइट बुक की थी. कोमल तो सुबह उठी नहीं मगर बलबीर एक्सीइटेड था. आखिर पहेली बार हवाई जहाज मे जो बैठ रहा था. उसकी नींद सुबह चार बजे ही खुल गई.


कोमल की नींद 5 बजे टूटी. और उसने देखा बलबीर बाथरूम से टावल लपेटे बहार आ रहा है. कोमल ने तुरंत मोबाइल मे टाइम देखा. वो हालत समझ गई. और वापस सो गई. उसकी नींद सुबह 7 बजे खुली. बलबीर ने सारी तैयारी कर ली थी. घर भी साफ कर दिया था. दिया बत्ती भी कर दीं थी. दाई माँ ने तैयार की हुई वो किले भी बताए हुई जगहों पर लगा दीं थी. डोर पर वही छोटी सी नीबू मिर्ची की मला भी लगा दीं. इन सब लगाने पर बलबीर को ठोका पीटी भी करनी पड़ी. जिसकी वजह से कोमल की नींद भी बहोत टूटी.

मगर कोमल मे बदलाव आ चूका था. अब वो चिड़चिड़ी नहीं रही थी. जब कोमल उठी और उसने देखा सारा काम हो चूका है. घर एकदम साफ है. मंदिर मे दिया जल रहा है. वो खुश हो गई. उसे गरमा गरम परठो की खुसबू भी आ रही थी. कोमल ने बलबीर से कोई शिकायत नहीं की. वो सीधा बाथरूम मे घुस गई. कोमल ने भी सब काम कम्पलीट कर दिया. नहाना धोना फ्रेश होना.

इन सब काम कम्पलीट होने के बाद कोमल का भी मन पूजा करने का होने लगा. कोमल भगवान की मूर्ति के आगे खड़ी हो गई. ग*** भगवान के आगे हाथ जोड़े. और प्रार्थना की. हे भगवान मुजे और बलबीर को सारी बुराइयों से बचाना. भगवान के आगे साफ सच्चे मन से ये पहेली प्रार्थना थी. उसके बाद बलबीर से बाते करते उसने नास्ता भी किया. बलबीर को जल्दी थी.

वो समझ सकती थी. पर पेकिंग अब भी बाकि थी. कोमल ने देखा बलबीर ने अपने पुराने बैग को भर रखा था. कोमल सोच मे पड़ गई.


कोमल : ये क्या किया. हमें क्या वहां बसने जाना है. सिर्फ दो दिन लगेंगे.


बलबीर बेचारा क्या बोलता. वो बस कोमल को देखता ही रहा.


कोमल : तुम चुप चाप बैठो. मै सब कर लुंगी.


कोमल ने एक ट्रॉली बैग निकला. उसमे अपने और बलबीर के कपडे और जरुरी सामान डालने लगी. जब वो अपनी ब्रा और पैंटी डाल रही थी. तब उसकी नजरें निचे थी. कोमल नजरें निचे किये मुस्कुरा भी रही थी. वो जानती थी की बलबीर उसे देख रहा है. कोमल को शर्म भी आ रही थी और उसे मझा भी आ रहा था. कोमल सारी पेकिंग करने के बाद सबसे पहले खुद बलबीर को तैयार करती है.

उसे इसी पल का तो इंतजार था. बलबीर के लिए उसने जो नए कपडे ख़रीदे थे. वही कपडे उसने बलबीर को पहेन ने दिये. ब्राडेड वाइट शर्ट, क्रीम पेंट, ब्लेक ब्रांडेड जूते, बेल्ट पर्स सब कुछ बढ़िया. बलबीर उस लुक मे कोई अमीरजादा ही लग रहा था. जब कोमल ने उसे तैयार कर दिया और बाथरूम के मिरर के सामने खड़ा कर दिया.

वो अपने आप को फुल तो नहीं देख सकता था. मगर खुद के लुक को देख कर बलबीर हैरान था. तभि कोमल उसके पीछे आकर खड़ी हो गई. बलबीर की नजर मिरर से ही कोमल से मिली. कोमल ने एक मोटी गोल्डीचैन बलबीर के गले मे डाली. ऐसे सीन अक्सर पत्नी या प्रेमिका को प्रेमी या पति करता है. पर यहाँ उल्टा था.

यहाँ प्रेमिका प्रेमी को इस तरह से तोफे दे रही थी. कोमल ने गोल्ड चेन के बाद उसका हाथ पकड़ा. और महंगी घड़ी उसके हाथ मे बांध दीं. कोमल वहां से चली गई. बलबीर आईने मे अपने आप को कई देर देखता ही रहा. उसे भरोसा ही नहीं हो रहा था. वही कोमल ने अपने लिए साड़ी ही चुनी. एक हॉट ग्रीन नेट महंगी साड़ी और बहोत छोटा ब्लाउज. कोमल को थोडा टाइम लगा. बलबीर कोमल को भी देखता ही रहे गया. वो परफेक्ट मैरिड वुमन लग रही थी.

कोमल ने टेक्सी बुक की हुई थी. वो दोनों साथ एयरपोर्ट आ गए. बलबीर बहोत एक्साइटिड था. वो पहेली बार एयरपोर्ट को अंदर से देख रहा था. वो कोमल के साथ चलते हुए सब जगह देख रहा था. कोमल उसकी एक्साइटमेंट समझ सकती थी. कोमल ने खुद ही दोनों का बोर्डिंग पास लिया. पर कोमल को शारारत करने का मन होने लगा. वो चलते हुए बलबीर से जान बुचकर चिपक जाती है. वो जाताना चाहती थी की ये हैंडसम मेरे साथ है.


बलबीर : (धीमे से) क्या कर रही हो. ऐसे सब के सामने कोई क्या सोचेगा.


बलबीर बेचारा गांव का सीधा. और कोमल शहर की शरारती. देखने से तो दोनों हस्बैंड वाइफ ही लग रहे थे. क्यों की बलबीर का गेटप चेंज हो चूका था.


कोमल : (धीमी आवाज) ससससस.... तुम्हे बताया नहीं था. गर्लफ्रेंड के साथ बॉयफ्रेंड फ्री होता है. वरना उन्हें सक हो जाएगा.
आगे चेकिंग है.


बलबीर कुछ नहीं बोल पाया. वो कोमल की बातो को सच मान ने लगा. अब अंदर एंट्री लेने के लिए सिक्योरिटी चेकिंग स्टार्ट होने वाली थी. कोमल अपना मुँह घुमाकर बिना आवाज किये मुस्कुरा रही थी. उसे हंसी भी आ रही थी. पर उसे बालवीर को पता नहीं चलने देना था.


कोमल : (धीमी आवाज) देख लो. तुम्हे पता हेना कोई पूछे तो क्या बोलना है.


बलबीर थोडा डर गया. उसका थूक निगलना भी मुश्किल हो गया.


बलबीर : (घबराहट) ह ह हा हा..


कोमल मुश्कुराई वो दोनों साथ साथ चल रहे थे. ट्रे मे दोनों ने अपना अपना मोबाइल डाला, बेल्ट और पर्स भी. कोमल आगे गई. उसका मेटल डिटेक्टर से चेकिंग हुआ. कोमल ने जानबूकर दोनों बोर्डिंग पास अपने हाथ मे रखा. जब बलबीर आगे आया और उसके होलिये को देख कर सिक्योरिटी चेकिंग ऑफिसर ने उस से उसका बोर्डिंग पास माँगा.



सिक्योरिटी ऑफिसर : सर प्लीज शो योर बोर्डिंग पास???


अब बलबीर की फट गई. उस तरफ कोमल बलबीर की हालत पर खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी. बलबीर कभी उस सिक्योरिटी देखा तो कभी कोमल को देखने की कोसिस करता. बालवीर ने सामने कोमल को देख लिया. और डरते हुए तुरंत ही बोल गया.


बलबीर : (डर) वो वो वो मेरी गर्लफ्रेंड हे.


कोमल तुरंत आगे आई. और दोनों बोर्डिंगपास ऊपर हाथ किये दिखाने लगी.


कोमल : yesh sir. This is their boarding pass.


सिक्योरिटी ऑफिसर ने तुरंत ही बालवीर को चेकिंग करके जाने दिया. बलबीर की हालत पर कोमल इस बार जोरो से हस पड़ी. कोमल बलबीर से एकदम चिपक कर चलने लगी. बलबीर की मजबूत बाजु मे हाथ डालकर चलना कोमल को बहोत रौनचक लग रहा था.

बलबीर ने पहेली बार एयरप्लेन को टेक ऑफ करते देखा. वो वो हैरान रहे गया. इतना बड़ा एरोप्लेन कैसे हवा मे उड़ गया. पर उसकी गति आवाज सुनकर बलबीर को थोडा डर भी लगा. कोमल सब सनाझती थी. जब वो फ्लाइट से पहेली बार ट्रैवलिंग किया.

उसे भी कुछ ऐसा ही फील हुआ था. पर मझा तब आया जब वो दोनों एरोप्लेन के अंदर गए. क्योंकि अंदर जाते ही सुंदर बालास से सामना हुआ. अंदर जाते ही एयर होस्टेस स्माइल किये सब को वेलकम कर रही थी. बलबीर को देखते ही एक एयर होस्टेस के फेस की स्माइल डार्क हो गई. बलबीर का लुक ही इतना जबरदस्त था.

वो एयर होस्टेस बलबीर से अट्रैक्ट हो गई. वो बहोत हॉट थी. छोटी सी स्क्रिट और ब्यूटीफुल फेस था. एक औरत इन चीजों को बहोत जल्दी भाप लेती है. कोमल ने भी ये सब भाप लिया. उसे बुरा ही नहीं लगा. उस एयर होस्टेस पर गुस्सा भी आने लगा. कोमल ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. मगर हमारे बलबीर भाईसाहब तो नजरें चुराने लगे. जैसे ही एयर होस्टेस बलबीर को देख कर स्माइल करती है. बलबीर के पसीने छूटने लगे.



एयर होस्टेस : (स्माइल) वेलकम सर. गुड आफ्टरनून सर.


बलबीर तुरंत निचे देखने लगा. कोमल ने जताने के लिए तुरंत बलबीर का हाथ पकड़ लिया. कोमल और बलबीर दोनों अपनी शीट तक पहोच गए. कोमल ने जानबुचकर बलबीर को विंडो शीट पर बैठाया. ताकि वो उस खुबशुरत नज़ारे को देख सके. सारे पैसेंजर्स बैठ गए थे. एयर होस्टेस बार-बार चक्कर लगा रही थी. और चक्कर लगाते उसकी नजर बार-बार बालवीर पर भी जा रही थी.

कुमार को एयर होस्टेस की हरकत पर गुस्सा भी बहुत आ रहा था. कोमल शरारत किये बिना रहे नहीं पाई. वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर बहोत धीमे से बोली.


कोमल : देख रहे हो ना. उसे सक है की हम गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नहीं है. अगर पूछेगी तो बता देना.



तभी वह अरेस्ट आई. बलबीर को देख कर स्माइल करती है. और वही खड़ी होकर अपनी रटी रटाई स्पीच देने लगी. हिंदी और फिर इंग्लिश मे.


यात्रीगण कृपया ध्यान दें........


कोमल ने तुरंत ही अपनी और बलबीर दोनों की शीतबेल्ट लगा दिया. जब प्लेन टेक ऑफ हुआ तब बलबीर को बहोत डर लगा. उसने कस कर कोमल का हाथ पकड़ लिया.


कोमल : बलबीर छोडो. अब ठीक है. बलबीर बलबीर ससस.... मुजे दर्द हो रहा है.


जब कोमल का दर्द सुना तो बलबीर ने तुरंत उसका हाथ छोड़ दिया. बाद मे उसे अच्छा लगने लगा. विंडो से कुछ देर तो बदल भी दिखे. बलबीर के लिए ये सफर बड़ा रोमांचक रहा. और कुछ ही देर मे वो दोनों इलाहबाद एयरपोर्ट पर पहोच गए. ठीक फिर से वैसी ही हालत बलबीर की दोबारा भी हुई. जब प्लेन ने लेंड किया.


कोमल : (स्माइल) हम पहोच गए बलबीर. कैसा लगा??


बलबीर जैसे थक गया हो.


बलबीर : बहोत अच्छा. पर दोबारा नहीं बैठूंगा.


कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. वो दोनों बहार जाने लगे. जाते हुए कोमल और बलबीर दोनों ने देखा एयर होस्टेस सब को गुड बाय ट्रीट कर रही थी.


कोमल : (धीमी आवाज) देखा ये कितना सक कर रही थी?? पुरे रास्ते तुम पर ही नजर रख रही थी.


बलबीर सोच मे पड़ गया. जब वो एयर होस्टेस के पास पहोंचा तो वो बलबीर से बात करने की कोसिस करती है.



एयर होस्टेस : (स्माइल) hello sir. How did you like our service???


बलबीर बेचारा इंग्लिश सुनकर डर गया. उसने कोमल का हाथ पकड़ा और हकलाते हुए बोल गया.


बलबीर : ये ये ये ये मेरी ग.. ग... गर्लफ्रेंड है.


कोमल बहोत जोरो से हसीं. उस एयर होस्टेस का मुँह देखने लायक था. स्माइल तो थी पर बहोत फीकी. कोमल बलबीर के साथ एरोप्लेन से बाहर आ गई. वो बहोत खुश थी. लड़कियों को भी लड़कों की तरह अपने वाले का शॉ अप करना पसंद है. पर उससे भी ज्यादा अपने वाले से सब के सामने एक्सेप्ट करवाना ज्यादा पसंद आता है. कोमल ने भी वही किया. वह दोनों डॉक्टर रुस्तम से पहले आ चुके थे. इसलिए उन दोनों को वेट करना पड़ा.

 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
96
280
53
Komal ka pehla din as paranormal 👻expert, bahot excited hai woh, lekin excitement mei kuch gadbad na kar de. 🤦

Pichle kisso mei toh ek ya do NTTs .. lekin yaha toh kuch aur hi mamla lag raha hai... :bounce:

Yeh wala kissa zabardast lag raha hai. :cool3:
Update 21/B

डॉ रुस्तम को आते आते बहोत देर हो गई. कोमल और बलबीर दोनों ही डॉ रुस्तम का एयरपोर्ट पर ही इंतजार कर रहे. कुछ शाम के 5 बजे कोमल के मोबाइल पर डॉ रुस्तम का फ़ोन आया.


कोमल : हेलो डॉ साहब आप कब पहोचोगे???


डॉ : फ्लाइट लैंड हो चुकी है. बस जल्दी ही. तुम इंट्रेस्ट पर आ जाओ. मै तुम्हे वही मिलूंगा.


कोमल और बलबीर दोनों एंट्रेंस तक पहुंचे. बस कुछ ही देर मे डॉ रुस्तम दिखाई दिये. उनके साथ पटनायक भी था. आते ही दोनों ने कोमल और बलवीर से हाथ मिलाया. पर डॉ रुस्तम बलबीर को देखते ही रहे गए.


डॉ रुस्तम : (स्माइल) वाह बलबीर मेने तो तुम्हे पहचाना ही नहीं. काफ़ी हैंडसम लग रहे हो.


डॉ रुस्तम ने सारा अरेंजमेंट पहले से ही करवा रखा था. उनको लेने के लिए एक मिनी बस पहले से ही खड़ी थी. वो चारो उस बस मे आराम से बैठ गए. और उनका एक नया ही सफर शुरू हो गया.


कोमल : डॉ साहब हम सिर्फ 4 ही. आप की बाकि टीम???


डॉ : मेरी टीम पहले ही पहोच चुकी है. वो पहले से ही सारा अरेंजमेंट कर के रखेंगे.


इस बार कोमल को इनफार्मेशन पटनायक देता है. सायद डॉ रुस्तम ने उसे पहले से कहे रखा हो.


पटनायक : हम जिस लोकेशन पर काम करने वाले है. वो इलाहबाद से कुछ 20 km दूर है. एक हिलोरी गांव मे आज से 5 साल पहले एक हादसा हुआ. जिसमे 35 बच्चे मर गए.


कोमल : क्या हुआ था???


पटनायक : स्कूल की छत गिर गई थी. मामला गंभीर था. स्कूल बंद हो गई. मगर एक साल बाद उस स्कूल को दोबारा से शुरू किया. सरकार ने बच्चों के माँ बाप को मुआवजा दिया. और स्कूल की नई छत भी डलवाई. फिर भी वो स्कूल कभी चालू नहीं हो पाई


कोमल : क्यों???


इस बार बिच मे डॉ रुस्तम आए.


डॉ : क्यों की वहां अजीबो गरीब घटना होने लगी.

ये सब मुजे उस स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया. वहां दिन मे ही पैरानॉर्मल एक्टिविटीज होने लगी. कभी स्कूल का फैन अचानक से गिर जाता. तो कभी चालू क्लास का डोर विंडो अचानक से धड धड बंद हो जाते. बच्चों का ही नहीं बड़ो का तक टॉयलेट जाना मुश्किल हो गया. स्टाफ रूम मे टीचर परेशान हो गए. उनके साथ भी कई घटनाए हो गई. लोगो ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना छोड़ दिया.


कोमल : ओहह तो मामला बहोत गंभीर है.


पटनायक : सिर्फ इतना ही नहीं. उस स्कूल के दोबारा बंद होने के बाद कुल 12 लोगो ने सुसाइड भी अटेंम किया.


कोमल ये सुनकर सॉक थी???


कोमल : तो क्या उन 12 को किसी एंटीटी ने मारा होगा???


डॉ : (स्माइल) वाह रे पटनायक कोमल तो अपनी भाषा बोलने लगी.


कोमल भी मुस्कुरा देती है. बलबीर उनकी बस बाते सुन रहा था.


डॉ : उन 12 का एक दूसरे से कोई वास्ता नहीं था. और तक़रीबन 7 से 8 लोग तो बहोत सुखी जीवन जी रहे थे. पर ये कैसे हुआ. ये तो वही जाकर पता चलेगा. हमें रुकने के लिए जगह भी बढ़िया मिल गई है.


कोमल : कहा??? होटल मे??


डॉ : नहीं एक आश्रम है.


कोमल : पर आश्रम मे क्यों???


डॉ : क्यों की वहां कोई होटल नहीं है. हा अगर इमरजेंसी में तुम्हे कही जाना पड़े तो ये बस तुम्हे ड्राप कर देगी.


कोमल को थोड़ी राहत हुई. क्यों की अगले दिन उसके 2 केस थे. साथ ही एक कंपनी के साथ मीटिंग भी थी. किसी प्रॉपर्टी पेपर्स की लीगल एडवाइस के लिए. वो लोग पहले सीधा उस लोकेशन पर ही पहोचे. स्कूल एक भूतिया खंडर जैसी ही लग रही थी. वो दो मंज़िला स्कूल थी. बहार स्कूल के भूतपूर्व प्रिंसिपल भी खड़े थे.


होरी लाल श्रीवास्तव : आई ये डॉ साहब.


कोमल उन सब को ध्यान से देख रही थी. डॉ रुस्तम और होरी लाल बाते कर रहे थे. पटनायक कोमल के पास आया.


पटनायक : हम अभी सिर्फ काम देखने आए है.

आज रात हमारी पहेली रिसर्च होंगी. पर ध्यान रहे. अंदर कोई भी इनविटेशन देने वाले वर्ड्स नहीं बोलना. जैसे चलो. कोई मेरे साथ चलेगा. और हा कोई बात या कुछ सुनाई दे तो उसपर कोई रिएशन मत देना. हमने कैमरा और एकम्युलेट सेट किये हुए है.



कोमल ने पहले बलबीर को देखा और फिर पटनायक की तरफ देख कर हा मे गर्दन हिलाई. डॉ रुस्तम ने पीछे मुड़कर कोमल पटनायक बलबीर सभी को देखा. और हाथो से अंदर चलने का हिशारा किया. अंदर जाते गेट से ही कोमल और बलवीर हार चीज देख रहे थे. सेटअप तैयार था. गेट से ही कैमरे लगे हुए थे. स्कूल के अंदर का माहोल कुछ अलग ही था. बहार हवा चल रही थी. गरम लू.

और स्कूल के अंदर एकदम ठंडक थी. एकदम चिल्ड मौसम. जब की लकड़ी की विंडो और डोर भी टूटे हुए थे. कइयों के तो थे ही नहीं. मगर फिर भी विंडो और डोर से कोई हवा ही नहीं आ रही थी. हेरत की बात ये थी की अंदर का वातावरण इतना ज्यादा ठंडा था की कोमल तो अपने बाजुओं को मसलने लगी.

कोई बदबू वगेरा कुछ भी नहीं. फिर भी अजीब सी घुटन हो रही थी. कोमल और बलबीर दोनों ने चारो तरफ देखा. कई चीजों को तो कोमल दुखते ही समझ गई की ये इक्विपमेंट्स किस काम आते हैं. पर बलबीर के लिए समाजना मुश्किल था. वहां सेंसरस कैमरा बहोत कुछ था. कई अचीवमेंट्स तो आर्मी भी इस्तेमाल करती थी. जैसे कोई स्पीड नापने वाला तो कोई फिकवंशी नापने वाला इक्विपमेंट.

ऐसी चीजों जो इंसान नरी आँखों से ना देख पाए पर वो अब उन इक्विपमेंट्स के जरिए कैमरा मे कैद हो जाए. उन सब ने मिलकर पूरा स्कूल देखा. पहले निचे वाली मंज़िल.


डॉ : ये वो क्लास रूम हे.


सभी समझ गए की ये वही क्लास रूम हे जहा छत गिरने से बच्चे दब के मर गए थे. कोमल आगे बढ़ी और उस रूम मे टहलते हुए सब कुछ देखने लगी. एक खंडर जैसा क्लास रूम जो सालो से बंद पड़ा हुआ था. देखने मे तो कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था. पर बार बार कोमल को ऐसा महसूस हुआ की उसके पीछे कोई है.

सभी उस क्लास रूम से बहार निकल गए. उसके बाद उपरी मंज़िल पर भी गए. लेजिन ऊपरी मंज़िल पर कुछ भी ऐसा किसी को महसूस नहीं हुआ. जब की सारे सुसाइड अटेम्प्ट वही ऊपर से ही हुए थे. सारी टीम डॉ रुस्तम के पीछे पीछे बहार आ गई.


डॉ : किसो को कुछ महसूस हुआ????


पटनायक : ना कुछ नहीं.


डॉ ने बलबीर की तरफ देखा. उसने ना मे सर हिलाया. फिर उसने कोमल की तरफ देखा.


कोमल : मुजे ऐसा तो कुछ नहीं लगा. पर उस क्लास रूम मे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई पीछे खड़ा है


डॉ रुस्तम ने जेब से एक रेडियो सेट निकला.


डॉ : डॉ टू नवीन रिपोर्ट ओवर.



रेडियो सेट पर रिप्लाई मिला.


नवीन : ओके रोजर.


डॉ : क्या कुछ नोटे हुआ क्या???


नवीन : अभी तक कुछ भी नहीं. नो एनी फ्रीक्वेंसी.


डॉ ने कोमल और बाकि सभी को बस की तरफ चलने का हिशारा किया. सारे बस मे बैठ गए. वो बस ही उनके आराम करने के लिए बेस्ट थी. इस बार और भी कुछ डॉ रुस्तम के टीम मेम्बर्स थे. डॉ रुस्तम, पटनायक, कोमल बलबीर के आलावा और 7 लोग. वो सारे male ही थे.


डॉ : हम तक़रीबन एक एक घंटा स्कूल मे अकेले बिताने वाले है. और फील करना चाहते है की क्या फील होता है.


पटनायक : पर जो वालंटियर हो उसी को.


कोमल : क्या मुजे मौका मिलेगा.


डॉ : तुम ये कर सकती हो पर इस बार रहने दो. वैसे भी तुम हमारे साथ 1st टाइम आई हो.


पटनायक : 11 बजे से स्टार्ट करेंगे. 3 बजे तक.


डॉ : 11 बजे नवीन को भेज देंगे. फिर उसे कैमरा भी संभालना है.


पटनायक : 12 बजे मै चले जाता हु.


डॉ : एक बजे सतीश तुम.


सतीश : ओके.


कोमल तुरंत बोल पड़ी.


कोमल : तो फिर मै भी जाउंगी.


डॉ : ये तुम्हारा 1st टाइम है. प्लीज तुम देखो. एक्सपीरियंस लो.


कोमल : मेने लाइफ टाइम खुद खुदके ही एक्सपीरियंस की है. मै उसके बाद जाउंगी.


डॉ पटनायक का मुँह देखने लगा.


पटनायक : 12 सुसाइड एटम हो चुके है वहां. और इसे अभी इस रिसर्च का कोई आईडिया नहीं है.


कोमल : एक बार मौका तो दो. कई दिन मै खुद भूतों के बिच काट चुकी हु.


सभी हस पड़े. पर कोमल के वॉलिंटियर होने से बलवीर को डर लगने लगा.


डॉ : (स्माइल) पता नहीं पर मुजे कोमल पर भरोसा हो रहा है. वो आसानी से कर लेगी.


बलबीर : फिर मै भी करूँगा.


डॉ : नहीं तुम नहीं. या तो तुम या कोमल. अब आपस मे डिसाइड कर लो तुम.


कोमल ने बलबीर का हाथ पकड़ा.


कोमल : (धीमी आवाज) प्लीज बलबीर... तुम नहीं प्लीज.


बलबीर मान गया. कोमल ने घूम कर डॉ रुस्तत्म की तरफ देखा. और हा मे हिशारा किया.


डॉ : एक से दो कोमल जाएगी. और दो बजे मै जाऊंगा. Thats it.


सभी एक दूसरे को देखने लगे. डॉ ने सब से कोमल और बलबीर का इंट्रोडक्शन करवाया.


डॉ : आप लोग यही बस मे ही कुछ देर आराम कर लो. फिर हम अपना काम शुरू करेंगे.


डॉ रुस्तम बस से उतर गए. कुछ तो शीट पर ही लम्बे हो गए. कोमल बलबीर की गोद मे अपना सर रख कर लेट गई. कोमल को हलकी सी ज़बकी भी आई. उसकी नींद रात 9 बजे खुली. बलबीर भी बैठे बैठे ही सो गया था.


कोमल : बलबीर बलबीर उठो.


उन दोनों ने एक गलती ये की की पूरा दिन रेस्ट नहीं किया. अब उन्हें रात जगनी थी. बलबीर उठा. बस मे सिर्फ वो दोनों ही थे. वो दोनों बहार आए. डॉ रुस्तम और उनकी टीम के सब के पास टोर्च लाइट थी. उनके पास नाईटविजन एक्यूमैंट्स भी थे. टोर्च लिए डॉ रुस्तम कोमल और बलबीर के पास आए.


डॉ : ये लो टोर्च हमारे पास सिर्फ एक ही एक्स्ट्रा है.


कोमल ने टोर्च ले ली.


डॉ : आओ मेरे पास वहां.


कोमल और बलबीर स्कूल की दीवार से सटे एक वान के पास गए. वो एक मोबाइल वान थी. जिसमे छोटी छोटी कुछ स्क्रीन और कुछ रिसीवर लगे हुए थे. ये सारा डॉ रुस्तम की टीम का सेटअप था.


डॉ : हमारे पास टाइम है. अभी कुछ डेढ़ घंटा है हमारे पास.


डॉ ने कोमल की तरफ देखा.


डॉ : कोमल तुम पटनायक के साथ यही मोबाइल मे बैठो.


डॉ रुस्तम वहां से थोडा साइड मे खड़े बाते करने लगे. कोमल पटनायक के साथ बैठ गई. पटनायक सभी स्क्रीन और बाकि जानकारिया देने लगा. नेवीगेशन, फ्रीक्वेंसी वगेरा वगेरा. और तब टाइम हो गया.


डॉ : दोस्तों यहाँ क्लोज हो जाओ सारे.


टेक्निकल काम कर रहे लोगो के सिवा सारे डॉ रुस्तम के पास चले गए.


डॉ : दोस्तों टाइम हो गया है. कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए. पहले पटनायक जाएगा. ये सभी जो अंदर जाने वाले है. वो खास ध्यान दे.

ऊपर कोई भी बुरे ख्याल आता है. डर लगता है. तो सीधा बहार आ जाए. और हमारी नजर के सामने वहां उस विंडो पर ही खड़े खड़े वक्त बिताना है. जैसे ही आप को रेडिओ सेट पर वापस लौटने का मैसेज मिले तुरंत वापस आ जाए. ऊपर कुछ दिखे तो कोई बात नहीं करेगा. कोई जवाब नहीं देगा.


डॉ रुस्तम की स्पीच ही डरवानी थी. ऊपर क्या होगा. कोमल यही सोच रही थी.
 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
96
280
53
Yaar ye baccho,🧒 wale horror kaafi daravne hote hai.. Bacche waise toh maasoom 🥺 hote hai lekin kab shaitaan 😡 ban jaaye keh nahi sakte.
Update 22

चांदनी रात थी. स्कूल के बहार वैसे तो सब दिखाई तो दे रहा था. पर स्पस्ट नहीं. गांव के बहार की स्कूल थी. जिसके बाद खेत शुरू हो जाते थे. डॉ रुस्तम की टीम के आलावा कोई भी इंसान वहां नहीं था. पूरा सन्नाटा छाया हुआ था.

रात मे टिटहरी की आवाज भी सुनाई दे रही थी. और कल कल आवाज करने वाले किडो की भी आवाज आ रही थी. पटनायक जाने को तैयार हो गया.
वो दो मंज़िला स्कूल थी. कोमल और डॉ रुस्तम वान मे बैठ गए. स्क्रीन सारी ब्लॉक एंड वाइट ही थी. स्क्रीन मे ऊपर जहा खड़ा रहकर वक्त गुजरना है.

वो जगह साफ दिखाई दे रही थी. कैमरे के आगे घूमता मच्छर जो बड़े दाने जितना दिख रहा था. वो तक साफ नजर आ रहा था. तभि स्क्रीन मे पटनायक दिखाई दिया.


वो आकर चारो तरफ देखने लगा. वहां बैठने के लिए एक चेयर भी रखी गई थी. पर पटनायक आकर वहां खड़ा हुआ. वो बैठा बिलकुल नहीं. वो खड़ा खड़ा हर तरफ देखने लगा. डॉ रुस्तम ने रेडिओ सेट उठाया.


डॉ : पटनायक टू डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


स्क्रीन पर साफ दिखाई दे रहा था की पटनायक के हाथ मे जो रेडिओ सेट था उसकी छोटी सी लाइट जली. पटनायक सेट को अपने फेस के पास ले गया.


पटनायक : पटनायक ओके ओवर.


डॉ : क्या सब ओके है??


पटनायक : आल ओके ओवर.


डॉ : कुछ फील हो तो बता देना. तू पुराना है यार. तू कर लेगा.


वहां डॉ रुस्तम और स्क्रीन पर पटनायक दोनों ही मुस्कुरा रहे थे. कोमल भी पटनायक को आसानी से देख रही थी. धीरे धीरे वक्त बीतने लगा. 10 मिनट हुई.


कोमल : हम ऐसे एक इंसान को वहां मतलब क्यों???


डॉ : हम जान ना चाह रहे है की वहां इतने लोगो ने सुसाइड क्यों अटेंम किया.


कोमल : पर अगर हमारे किसी इंसान ने ऐसा किया तो???


डॉ : हम हमेशा बैकअप रेडी ही रखते है.


डॉ और कोमल को बाते करते 10 ही मिनट हुई थी. बाते करते दोनों देख तो स्क्रीन पर ही रहे थे. तभि पटनायक मे बदलाव आना शुरू हुए. उसके फेस के एक्सप्रेशन चेंज होने लगे.


डॉ : तुम्हे कुछ चेंज दिखा???


कोमल : हा जब पटनायक गए थे तब उनके फेस पर एक्साइटमेंट थी. अब ऐसा लग रहा है. जैसे वो थोडा सेड है.


डॉ : गुड. तुम राइट हो.


कोमल : पर ऐसा क्या हो रहा है. क्या वो नहीं करना चाहते थे??? उन्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं हे ना???


डॉ : सायद प्रॉब्लम बाद मे होंगी. मै बाद मे बताऊंगा. बस नोटे करते रहो.


और 10 मिनट गुजर गए. तभि पटनायक मे और ज्यादा बदलाव हुआ. धीरे धीरे पटनायक रोने लगे.


कोमल : (एक्साइ सॉक) सर सर वो तो रो रहे है.


डॉ : हा हा रुको. बस देखो.


तभि एकदम से पटनायक खड़ा हो गया. और उस तरफ जाने लगा. जहा से कूद कर 12 लोगो ने सुसाइड एटम किया था. डॉ और कोमल दोनों ही सॉक हो गए. डॉ ने तुरंत ही रेडिओ सेट उठाया.


डॉ : डॉ तो पटनायक रिपोर्ट ओवर.


पटनायक रुक गया. पर उसने सेट नहीं छुआ. वो बहोत दुखी ही दिखाई दे रहा था. वो कुछ बाड बड़ा रहा था. पर रेडिओ सेट प्रेस ना करने के कारण वो क्या बोल रहा है वो पता नहीं चल रहा था.


डॉ : पटनायक पटनायक प्लीज मेरी बात सुनो वापस आ जाओ. प्लीज पटनायक तुम स्ट्रांग हो. प्लीज वापस आ जाओ.


पटनायक वापस पीछे हुआ. और वापस आने वाले रास्ते से निचे आ गया. कोमल और डॉ दोनों ने हेडफोन पहेन रखे थे. वो तुरंत अपना हेडफोन उतार कर पटनायक के पास पहोचे. वो निचे आकर भी रो ही रहा था. पर जब डॉ और कोमल दोनों उसके पास पहोचे वो रोते हुए भी मुश्कुराने लगा.


पटनायक : (रोते हुए स्माइल) सॉरी डॉक्टर. मे पूरा घंटा नहीं रुक पाया. सायद अभी प्रेक्टिस करनी पड़ेगी.


कोमल को कुछ समझ नहीं आया. वो तीनो वापस वान तक आए. कोमल ने अपनी और डॉ ने अपनी जगह ले ली. पटनायक भी थोडा उन दोनों के पीछे खिसक कर बैठा. क्यों की वान छोटी थी. तभि रेडिओ सेट पर डॉ के लिए call आया.


नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


डॉ : डॉक्टर ओके.


नवीन : क्या सतीश को भेजू क्या??? ओवर.


डॉ : नो.. वो अपने टाइम पे ही जाएगा. तुम बैटरी की सिचुएशन बताओ ओवर.


नवीन : बैकअप तो बढ़िया है ओवर.


डॉ : मतलब अभी तक नो एनी फ्रीक्वेंसी.


नवीन : राइट डॉक्टर ओवर.


डॉ : ओके रोजर.


कोमल को अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा था की यहाँ हुआ क्या.


डॉ : (स्माइल) साला पटनायक मुजे विश्वास नहीं हो रहा है. तू साला 47 मिनट निकल लिया. पर तू चल क्यों पड़ा???


पटनायक : (स्माइल) मै मराठा हु डॉक्टर. जाता भी तो कूदता नहीं.


डॉ : (स्माइल) रहने दे रहने दे. ये मराठा कूद ही जाता.


पटनायक : (भड़कना) अरे तुम्हारा बात सुना ना. भुरोसा करने का मुझपर.


डॉ : चल ठीक है.


डॉ ने फिर सेट उठाया.


डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.


नवीन : नवीन ओके ओवर.


डॉ : सतीश को भेजो ओवर.


अब सतीश की जाने की बारी थी. कोमल कुछ नहीं बोली. पर सवाल उसके मन मे बहोत थे. वो अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : सर मुजे प्लीज बताओगे की हुआ क्या???


डॉ : ससससस...


कोमलने देखा सतीश जो की 30,35 साल का मर्द था. वो स्क्रीन पर आ चूका था. डॉ उसपर नजर बनाए हुए थे. पटनायक थोडा अपना फेस कोमल के फेस के करीब ले गया. कोमल ने अपने हेडफोन उतार दिये.


पटनायक : ध्यान से सतीश के फेस को देखो.


कोमल ने फिर सतीश के फेस को देखा. उसे सिर्फ 10 ही मिनट हुए थे. और चेंज आना शुरू हो गया. वो हसने लगा. फिर रोने लगा. फिर रोते हुए हसने लगा. उसके अंशू गिर रहे थे. अचानक उसका रोना और ज्यादा हो गया. उसकी आवाज तो नहीं आ रही थी. मगर देखने से पता चल रहा था. सतीश ऐसे जोरो से रो रहा था.

जैसे कोई मर गया हो. पूरा मुँह खोले सायद उसकी शास अटक रही हो. उसके मुँह से लार भी तपने लगी.


कोमल : (सॉक) इसे हो क्या गया???


पटनायक : इसे अपना अतीत याद आ रहा है. ये अपनी लाइफ के कोई बुरे हादसे को याद कर रहा है.


सतीश कुछ बाड बड़ा भी रहा था. तभि वो खड़े हो गया. डॉ रुस्तम ने तुरंत ही रेडिओ सेट हाथ मे लिया.


डॉ : फ़ास्ट फ़ास्ट बैकअप... कोई जल्दी जाओ. वो पक्का कूदेगा.


कोमल ये सब देख कर सॉक थी. उसने स्क्रीन पर ही देखा. सतीश उस जगह पहोच गया था. जहा से कूद कर पहले 12 लोगो ने आत्महत्या की थी. डॉ रुस्तम की टीम के कुछ बन्दे तेज़ी से जाकर उसे रोक देते है. और उसे सारे पकड़ कर निचे लाने लगे. पर सतीश उनसे छूटने की कोसिस कर रहा था. वो लोग सतीश को निचे ले आए थे. डॉ रुस्तम तुरंत खड़ा होकर सतीश तक पहोच गया.

कोमल भी उसके पीछे पीछे चली गई. कोमल ने अपनी आँखों से सतीश की हालत देखि. वो बहार आने के बाद भी रो रहा था.


सतीश : (रोते हुए) मुजे नहीं जीना. मेरी अनीता मुजे छोड़ कर चली गई. मुजे मर जाने दो.


डॉ : शांत हो जाओ सतीश शांत हो जाओ. कुछ नहीं हुआ. तुम बिलकुल ठीक हो.


कुछ पल बाद सतीश शांत हो गया. टीम ने उसे पानी पिलाया. डॉ रुस्तम ने जो कोमल को बताया वो सुनकर कोमल भी हैरान रहे गई.


डॉ : 4 साल पहले इसकी बीवी ने इसे तालाख दे दिया. और किसी और से सादी कर ली. इसे वही पल याद आया. आओ चलो उसे मेरी टीम संभाल लेगी.


वो दिनों वापिस वान की तरफ जाने लगे.


डॉ : तुम्हे समझ आ गया की वहां जाते तुम्हे तुम्हारा दुख सूख याद आएगा. वहां की एनर्जी तुम्हे उकसाएगी. तुम्हे एहसास दिलाएगी की अब तुम्हारे जीवन मे कुछ नहीं बचा. तुम्हे मर जाना चाहिये. मतलब तुम्हे सुसाइड करने का मन होने लगेगा.


वो दोनों वान तक पहोच गए थे. कोमल की जगह पटनायक ने ले ली थी.


कोमल : एक मिनट तुमने एनर्जी कहां. क्या वहां कोई एनटीटी नहीं है??


डॉ : अभी तक तो कोई एनटीटी नजर नहीं आई. कोई फ्रीक्वेंसी तो नहीं मिली. फिर हम यह नहीं मान सकते कि वह सब एंटी नहीं करवाया है. या करवा रही है. यह गलत वास्तु भी हो सकता है. जमीन की खुद की भी अपनी एनर्जी होती है.



कोमल सोच में पड़ गई. अगली बारी उसकी खुद की थी. डॉ रुस्तम ने घड़ी देखि.


डॉ : कोमल सतीश तो पुरे 15 मिनट भी नहीं रुक पाया. याद रहे. जब ऐसी सिचुएशन आती है तब तुम्हे उसे याद करना है जिसे तुम सब से ज्यादा प्यार करती हो. उस नेगेटिव एनर्जी को अपने ऊपर हावी मत होने दो.


कोमल हामी भर्ती है. बलबीर भी जानता था की अब बारी कोमल की है. वो भी वहां आ गया. कोमल और बलबीर दोनों की नजरें भी मिली.


बलबीर : कोमल...


कोमल बस बलबीर का हाथ पकड़े हुए निचे देखने लगी.


डॉ : अगर तुम ना जाना चाहो तो मै किसी और को भेज दू.


कोमल : नहीं नहीं. मै कर लुंगी.


डॉ : गुड. वन, टू, थ्री. अब जओ.


कोमल ने उस स्कूल की तरफ देखा. फिर वो बलबीर को देखती है. और अंदर जाने लगी. इस बार कोमल की जगह बलबीर ने ले ली. हलाकि उसने हैडफोन नहीं लगाए. पटनायक और डॉ रुस्तम स्क्रीन पर हैडफोन लगाए बैठे थे. और बलबीर उनके पीछे.

वो भी स्क्रीन को देख रहा था. उन्होंने देखा कोमल स्क्रीन मे दिखने लगी थी. वो वहां पहोच कर दए बाए देख रही थी. वही कोमल जब ऊपर पहोची तो उसे वही ब्लैक एंड वाइट चीजे अब रियल मे दिख रही थी.

कोमल को वो जगह भी दिख गई. जहा से लोगो ने सुसाइड एटम करने की कोसिस की थी. मगर कोमल ने वहां से तुरंत नजरें हटा ली. वो उस चेयर पर बैठ गई. और सोचने लगी. उसे 10 मिनट हो गए. पर कोई ख्याल नहीं आया. दरसल कोमल खुद भी ये जान ना चाहती थी की उसके जीवन मे कोनसा ऐसा दुख है जो सबसे ज्यादा है.

15 मिनट हो गई. पर कोमल को कोई ख्याल नहीं आया. तभि कोमल खुद ही सोचने लगी. वो खुद अपनी लाइफ को रिमाइन करने की कोसिस करने लगी. उसे सबसे पहले पलकेश याद आया.

पर उस से कोमल को कोई फर्क नहीं लगा. फिर उसे याद आया की उसने बलबीर के साथ सेक्स किया था. वो भी पलकेश को डाइवोर्स लेने से पहले. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. उसका उसे कोई रिग्रेट नहीं था. फिर उसे याद आया कैसे उसने बलबीर के प्यार को धोए बिना पलकेश से वो चाटवा दिया. कोमल को हसीं ही आ गई. पर फिर उसे वो याद आया जब उसे पलकेश के शूट से किसी दूसरी लेडिस के परफ्यूम की खुशबू आई थी.

कोमल को गुस्सा आया. और उसने अपने दांत भींच दिये. वो पलकेश को गली भी देने लगी.


कोमल : ससस साला कुत्ता. पूरी जिंदगी चीटिंग की. और फिर मुझसे उम्मीद करेगा. भाड़ मे जा तू साले.


कोमल की ये सारी हरकते बलबीर भी देख रहा था. वहां कोमल ने अपनी आंखे बंद की. और उसे कॉलेज के लड़के याद आए. वो कैसे उन्हें चुतिया बनती. राइट टाइम पर बोल देती. मै तो तुम्हे अपना सबसे बेस्ट फ्रेंड समज़ती थी. तुम मेरे बारे मे ऐसा सोचते हो. शीट. कोमल का काटा हुआ बकरा जब तक पूरा हलाल नहीं हुआ तब तक कोमल से नहीं बच्चा. उनको याद करके तो कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. और हस्ते हुए ताली भी बजा देती.


कोमल : (हसना) चूतिये साले.


कोमल इन सब को याद करते हुए गिनती करने लगी. पर उसे उसका पहला प्यार भी याद आया. सच्चा प्यार तो किया. पर उसे भूल गई. हलाकि कोमल की नजरों मे वो भी डंप करना ही था. इस लिए कोमल की आँखों से अंशू आ गए. वो बच्चों जैसा बिहेव करने लगी.


कोमल : ओओओ सॉरी बलबीर. मै बहोत बुरी हु ना. सॉरी..... अब मै तुम्हे कभी हर्ट नहीं करुँगी. I love you बलबीर.


प्यार का इज़हार करते कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. कोमल खुद से इन्वॉल्व होती उस एनर्जी की चपेट में आ गई थी. पर अब तक उसकी लाइफ मे ऐसा कुछ भी उसे नहीं लगा. जिसके लिए वो सुसाइड एटम करें. पर फिर उसे याद आया की अहमदाबाद के बहार की तरफ एक छोटा प्लाट उसने बिकवाया था.

जिस बेचारे की वो जमीन थी. वो बेचारा गरीब था. और कोमल ने उसके हाथ से जमीन खिंच ली. जब कोमल जिस से डील की उस बिजनेसमैन के साथ वहां पहोची तब वो किसान हाथ जोड़ के रो रहा था. पर कोमल को कोई फर्क नहीं पड़ा. कोमल अंदर से गिल्टी फील करने लगी. उसे रोना आने लगा. उसका दिल बोलने लगा कि.


कैसी है तू. एक गरीब की जमीन छीन ली. तुझे तो मर जाना चाहिए. चल खड़ी हो कूद जाए यहां से. तू जीने के लायक ही नहीं है.


कोमल के मन मे ख्याल आया. और वो खड़ी हो गई. पर कमल 55 मिनट सरवाइव कर चुकी थी. वो चल कर सुसाइड वाली जगह की तरफ जाने लगी. उसके हाथो मे जो रेडियो सेट था. उसमे से डॉ रुस्तम की आवाज आने लगी.


डॉ : कोमल रुको प्लीज. तुम मुझे सुन सकती हो. कोमल रुको प्लीज रुको.


पर कोमल नहीं रुक रही थी. वो चलती ही जा रही थी. वहां जब डॉ रुस्तम की बात कमल ने नहीं सुनी तो बालवीर ने डॉ रुस्तम के हाथ से रेडियो सेट छीन लिया.


बलबीर : कोमल रुक जाओ प्लीज रुक जाओ मेरे खाते रुक जाओ



बालवीर की आवाज सुनकर अचानक से कोमल रुक गई. वह एकदम घबरा गई. उसे एहसास हो गया कि वह कहां जा रही थी. क्यों जा रही थी. कोमल ने भी सेट पर रिप्लाई किया


कोमल : हां बालवीर में सुन रही हूं ओवर



बालवीर : वापी सजाओ कोमल


डॉ रुस्तम ने बालवीर के हाथ से रेडियो सेट ले लिया


डॉ : गुड जॉब कोमल वापस आ जाओ.


कोमल : मैं कितना टाइम सरवाइव किया.


कोमल को डॉक्टर रुस्तम की खुशी वाली आवाज सुनाई दी.


डॉ : 5 मिनिट्स एक्स्ट्रा कोमल ग्रेट जॉब


कोमल के फेस पर हसीं छा गई. और वो वहां से निचे की तरफ आने लगी. पर स्कूल के अंदर की सीढ़ियां उतरते कोमल को कुछ दिखाई दिया. 15-7 साल का बच्चा उसे खड़ा हुआ दिखाई दिया. जिसने स्कूल यूनिफार्म पहन रखी थी. कोमल भी वही खड़ी हो गई और उसे देखने लगी. वह बच्चा भी उसे ही देख रहा था वह लड़का था. तभी वह लड़का वापस अंदर भाग गया. कोमल भी उसके पीछे जाने लगी. रेडियो सेट पर डॉक्टर की फिर आवाज आने लगी.


डॉ : कोमल नहीं कोमल नहीं वापस आओ ओवर.


वह बच्चा एक खंडहर जैसे क्लास रूम में घुस गया था. कोमल भी उसके पीछे गई. वह भी क्लास रूम में घुस गई. पर क्लास रूम में उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. कोमल 1 मिनट खड़ी रही. उसके रेडियो सेट पर लगातार डॉक्टर रुस्तम बोल रहे थे. कोमल को एहसास हुआ वापस पीछे मुड़ गई. वह स्कूल के बाहर आ जाती है.

जब कोमल को वो छोटा लड़का दिखा. उस वक्त कैमरामैन नवीन की स्क्रीन भी blink हुई थी. उसे स्क्रीन पर बस एक ब्लू पिंक पट्टी सी नजर आई. ठीक वैसी ही स्क्रीन डॉ रुस्तम और पटनायक के सामने भी हुई. डॉ रुस्तम ने तुरंत नवीन को कॉल किया.


डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.



नवीन : नवीन ओके ओवर


डॉ : कुछ नोट हुआ क्या हुआ क्या? ओवर.



नवीन : सरवाइवर स्पीड कैच हुई है. ओवर.


डॉ : ओके नॉटेड ओवर.


जब स्क्रीन पर कोमल को वापिस आते देखा तो डॉ रुस्तम के फेस पर स्माइल आ गई. वो समझ गया की इस फिल्ड मे कोमल के रूप मे उसे रुपए का मिल गया है. पटनायक और डॉ रुस्तम की जगह किसी और ने ले ली. और वो दोनों कोमल के पास पहोचे. उसे बधाई दीं. उसके बाद डॉ रुस्तम की बारी थी. डॉ रुस्तम मजा हुआ खिलाडी था. उसने अपना टाइम पूरा किया और खुद ही वापिस आ गया. उसने आते ही सब क्लोज करने का आर्डर दिया.


डॉ : ओके गाइस बैकअप.


कोमल डॉ रुस्तम के पास आई. बलबीर भी उसके साथ था.


कोमल : डॉक्टर साहब कल 10:00 की मेरी फ्लाइट है अहमदाबाद के लिए.


डॉ : क्या तुम आगे नहीं करना चाहती????


कोमल : नहीं करना तो चाहती हु. कल मेरे केस की डेट है. तो शाम को मे वापिस आ जाउंगी.


डॉ : ठीक है. हम तुम्हे छोड़ देंगे एयरपोर्ट तक. पर देख लो. कल और परसो तक हम उन बच्चों की एंटीटी से कॉन्टेक्ट करने की कोसिस करने वाले है. अगर आ सको तो???


कोमल : नहीं सर में जरूर आऊंगी. मुजे आगे बढ़ना है.


डॉ रुस्तम ने स्माइल की.


कोमल : पर सर मे आपको कुछ बताना चाहती हु.


डॉ : हा बोलो??? कुछ देखा क्या???


कोमल : सर मेने एक छोटे बच्चे को देखा. उसने स्कूल यूनिफार्म पहनी हुई थी. और वो भाग कर किसी रूम मे चले गया. पर मै वहां गई तो मुजे कुछ नहीं दिखा.


डॉ रुस्तम समझ गए की उसी वक्त उनकी स्क्रीन blink हुई थी.


डॉ : हम इस बारे मे बादमे बात करेंगे. तुम्हे सुबह जाना है. तुम आराम कर लो.



कोमल बलबीर और सारी टीम बैकअप करके आश्रम में आ गए.
 

Shetan

Well-Known Member
14,993
40,004
259
Yaar ye baccho,🧒 wale horror kaafi daravne hote hai.. Bacche waise toh maasoom 🥺 hote hai lekin kab shaitaan 😡 ban jaaye keh nahi sakte.
Thankyou very very much Bawari. तुमने धीरे धीरे सारे अपडेट क्लियर किये. Lots of thanks
 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
96
280
53
Baap re, 34 bacche :protest2: aur ek buddha :budhau: !!! Itni saari NTTs !!! Bahot hi dil dehla dene wala kissa hai yeh toh.

Komal ke himmat ki daad deni padegi, yeh ladki dardti hi nahi hai:nana:. Aur Gubbare :bestwishes:wala idea bahot hi badhiya tha.

Lekin usne galti kardi. Dr Rustom :einsteink: ke samjhane par bhi usne baccho se madat ke liye puch ho liya. 🤦.

Lagta hai agle uodates ussae bhi kyada darwane hai. 😳
Update 23A



रात बस से कोमल बलबीर के साथ बैठी हुई थी. बलबीर बोल रहा था. और कोमल सुन रही थी. लेकिन कोमल बहोत कुछ सोच कर थक गई. कोमल ने बलबीर के कंधे पर अपना सर रख दिया. वो बलबीर की आवाज तो सुन रही थी. मगर बलबीर क्या बोल रहा है. ये उसे पता ही नहीं चला. थकान की वजह से उसे नींद आ गई.

कोमल एक बच्ची के जैसे सो गई. उसे ये पता ही नहीं चला की वो कब कैसे आश्रम मे आई. और कैसे बिस्तर पर लेटी. दरसल बस मे जगाने से कोमल नहीं उठी तो उसे बलवीर अपनी गोद मे उठाकर आश्रम मे ले आया. कोमल का फोन डिस हो गया था. उसे भी चार्जिंग मे लगाया. उसका ही नहीं सब के फ़ोन डिस हो गए थे.

सुबह 8 बजे कोमल को खुद बलबीर ने उठाया. कोमल उठ ही नहीं पा रही थी. उसके गलो को हलकी हलकी थपकी मरते हुए. कोमल की नींद खुली और वो एकदम झटके से उठ कर बैठ गई.


कोमल : (हड़बड़ट) कितने बजे है???


बलबीर : 8 बज रहे है. फ़िक्र मत करो. मेने टाइम पे ही उठाया है. ये लो तुम्हारा फ़ोन.


कोमल ने देखा की वो निचे फर्श पर ही बिस्तर पर लेटी हुई थी. रूम एकदम साफ सुत्रा पर खाली ही था. पास पिने के पानी का मटका भी था. बलबीर की आंखे लाल हो रखी थी. देखने से ही पता चल रहा था की वो सोया नहीं था. कोमल ने तो 03:30 से 8 बजे तक की नींद ले ली. पर बलबीर 24 घंटे से ज्यादा वक्त से सोया ही नहीं था.


कोमल : तुम सोए नहीं. तुम्हारी आंखे लाल हो रखी है.


बलबीर : वो छोडो एयरपोर्ट तक तुम्हे बस छोड़ने जाने वाली है. तुम जल्दी तैयार हो जाओ. लेडिस बाथरूम उस तरफ है.


कोमल जल्दी से उठी और नहाना धोना नितक्रिया सब करने लगी. बलबीर कोमल चूक ना जाए इस लिए वो खुद नहीं सोया. ताकि कोमल को सही वक्त पर जगा सके. सब कुछ कर के वो रेडी हो गई. भूख भी लग रही थी. कोमल को खुशबु आ रही थी. कोमल ने देखा आश्रम मे ही डॉ रुस्तम की टीम का लंगर लगा हुआ है.

सब मैनेजमेंट किसी कैंप जैसा था. कोमल वहां गई तो पुरिया छन रही थी. उसे वहां डॉ रुस्तम भी दिखे. जो खुद काम कर रहे थे. उन्होंने भी देखा. कोमल वहां आ चुकी है.


डॉ : (स्माइल) कोमल आओ आओ. नाश्ता करो.


डॉ रुस्तम ने खुद एक डिश कोमल को बनाकर दीं. और उसके साथ बैठ गए. कोमल भूखी थी. वो फटाफट खाने भी लगी. वो दोनों ओपन मे ही चेयर पर बैठे हुए थे.


कोमल : (खाते हुए) आप भी कीजिये ना.


डॉ रुस्तम ने भी एक डिश ले ली. और खाते हुए ही दोनों आपस मे बाते करने लगे.


कोमल : मुजे समझ नहीं आया की वहां पर हमें सब अपनी लाइफ के दुख महसूस होते है. उसके बाद सुसाइड करने का ख्याल आता है. ऐसा क्यों??


डॉ : क्योंकि मौत मौत को खींचती है.


कोमल : यह तो दी मां ने भी बताया था. पर ऐसा क्यों मुझे कुछ समझ नहीं आया.


डॉ : जिसे हम एनटीटी कहते हैं वह एक आत्मा ही होती है. अब आत्मा कहीं जा नहीं सकती. उसे अपने साथ रहने वाला कोई चाहिए. इसलिए वह कोशिश करती है कि जिंदा इंसान.....


कोमल : हम्म्म्म समझ गई. तो क्या जो लोग ऐसे सुसाइड करके मर गए जो. क्या उन बच्चों के एनटीटी के साथ में रहेंगे???



डॉ : पता नहीं. पर ज़्यादातर तो आत्मा एक दूसरे के साथ रहे नहीं पति.


कोमल को सुन ने मे दिलचस्पी आ रही थी. दोनों ने ही नास्ता कर लिया.


डॉ : बस तैयार है तुम्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने के लिए. तुम जल्दी आ जाओ.


कोमल जब वापस रूम में गई. देखा बालवीर सो रहा था. कोमल को बलबीर पर प्यार आने लगा. वो उसके लिए जानबुचकर नहीं सोया. ताकि कोमल सही वक्त पर जा सके. बेचारा बालवीर जैसे ही सुस्ताने गया वह सो ही गया. पर वह अपना काम कर चुका था. कोमल ने अपना सब सामान लिया. और बस मे आ गई.

डॉ रूस्तंबी बस में ही थे. वह कोमल को एयरपोर्ट तक छोड़ने आ रहे थे. बस एयरपोर्ट के लिए चल पड़ी. रास्ते पर दोनों ने खूब चर्चा विमष किया.


डॉ : क्या बालवीर अभी जाग रहा था.



कोमल समझ गई. बालवीर उसके लिए जाग रहा था. वह डॉक्टर साहब को भी पता है.


कोमल : (स्माइल) नहीं. मुजे जागते ही सो गया. बेचारा मुझे फोन देते ही सो गया.


डॉ : क्या तुम्हारा फोन फुल चार्ज है???


कोमल : हां शायद बालवीर नहीं चार्ज किया होगा.


डॉ : उसे मैं नहीं कहा था. तुम्हारा फोन पूरी तरीके से डिश हो गया था??



कोमल : पर यहां दीपक रास्ते में मैंने उसे फुल चार्ज किया था इतनी जल्दी कैसे डिश हो गया???


डॉ : तुम्हारा ही नहीं सबका फोन भी सो चुका था. यहां तक कि हमारे कैमरास की बैटरीस भी.


कोमल : कारण???


डॉ : तुम्हें शायद सुनने में अजीब लगेगा पर.

कोई भी पैरानॉर्मल एक्टिविटी होते वक्त. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बैटरीज जल्दी डिश हो जाती है. क्यों की आत्माए या सुपरनैचुरल एनर्जी मैग्नेटिक होती है. यह अर्थ का टच नहीं झेल पाती. यह ऊपर और में ही होती है. यार से जुड़ी किसी चीज में. इसलिए इन्हें इलेक्ट्रॉन पावर्स सूखने में मदद मिलती है. यह जानबूझकर ऐसा करते हैं. चेन्नई से एनर्जी मिलती है.


कोमल को एक नया ज्ञान मिला था.


कोमल : क्या उन सुसाइड अटेम्प्ट किया लोगों का उन बच्चों की एनटीटी से कोई वास्ता हो सकता है???


डॉ : शायद हां शायद नहीं. मैंने पहले ही बताया ना. मौत मौत को खींचती है.


कोमल : पर अपने वस्तु कहा था. जमीन की ऊर्जा. औरत की एनर्जी.


डॉ : इस बारे में हम बाद में बात करेंगे. एयरपोर्ट आ चुका है. तुम जल्दी जाओ बेबी बहुत टाइम है.


कोमल वहां से टाइम पर अपनी फ्लाइट मे बैठ गई. और अहमदाबाद पहोच गई. लंच ब्रेक के बाद उसके दो केस थे. लेकिन मोटी फीस देने वाली पार्टी आई ही नहीं. उसके पास एक छोटा सा कैसे बचा था. जिसके फीस डील बहुत कम थी. कोमल को गुस्सा आ रहा था. क्योंकि उसे अगली डेट मिली थी. दूसरा केश एक बूढ़े का था. जिसकी सरकारी पेंशन बंद हो चुकी थी. जिसे चालू करवाना था. वो बूढा फॉर डिविजन सरकारी कर्मचारी था.

जिसकी पेंशन भी बहुत कम थी. मुकेश जीत गया और उसकी पेंशन चालू हो गई. फेस कुछ 5000 तय हुई थी. प्रकाश जीतने के बाद वह बूढ़ा रिक्वेस्ट करने लगा. ऑफिस बाद में दे देगा. फिलहाल उसके पास पैसे नहीं है. कोमल अपना पैसा कभी नहीं छोड़ती थी. इस मामले में बहुत कमीनी थी. कोमल ने गुस्से में तुरंत उसकी गर्दन पकड़ ली.


कोमल : (गुस्सा) साले बुड्ढे. एक तो तेरा कैसे लिया. और तू पैसे देने में नाटक कर रहा है.


वो बूढा घबरा गया. और हाथ जोड़ने लगा. कोमल को याद आया कैसे उस से एक पाप हुआ. जिसे याद कर के उसे सुसाइड करने का मन होने लगा. कोमल अफसोस करने लगी.


कोमल : क्या हो गया चाचा पैसा क्यों नहीं है.



बुद्ध ने बताया उसकी बहू उसे मरते पीटीती है. उसे खाना भी नहीं देती. कोमल सारा मामला समझ गई. कोमल ने उस बूढ़े को खाने का पूछा. वो भूखा भी था. और जाने के लिए पैसे भी कम थे.


कोमल : फिक्र मत कर चाचा. तेरी बहू को भी हम देख लेंगे. ले 500 रूपए. खाना भी खा लेना. इससे हो जाएगा ना.


कोमल जैसी बेरहेम ने पहेली बार किसी पर दया दिखाई. और दान पुण्य भी किया. शायद उसने पहली बार दुआ कमाई थी. शाम 5:00 की उसकी एक और मीटिंग थी. कोमल एक कंपनी की डील के लिए वहां चली गई. उसने कंपनी को लीगल एडवाइस दी. अब जो पेमेंट मिला. कोमल की सोच से ज्यादा थी. कोमल ने सोचा था शायद उसे 25,000 तक मिलेगा. लेकिन उसे 2,00,000 दिए गए.

क्योंकि कंपनी का काम लंबे वक्त तक रुका हुआ था. और कोमल की एडवाइस से लग रहा था कि उनका काम अच्छे से होगा. साथ में कोमल ने कुछ और भी फ्री एडवाइस दी थी. उन्हें कोमल पॉजिटिव लगी. कमल का मूड खुश हो गया. उसने 5000 गावाए तो 2 लाख कमाए. शाम हो चुकी थी. कोमल को इलाहाबाद के लिए कोई फ्लाइट नहीं मिली. वह अपने घर चली गई. उसने डॉक्टर रुस्तम को कॉल लगाया. और बताएं कि वह नहीं आ सकती.


डॉ : हम दो दिन रिसर्च करेंगे. देख लो कल शाम तक तुम शायद आप आ पाओ तो.


कोमल मान गई. वह अपने फ्लैट में थी. उसने खाना खाया और सो गई. सोते वक्त उसे वह ख्याल जरूर आया. जिस गरीब परिवार की जमीन उसके कारण गई थी. कोमल उनके लिए कुछ करना चाहती थी. उस रात कोमल घोड़े बेच कर सोइ. सुबह उठी और पॉजिटिविटी के साथ सब काम किया. नहाना धोना दिया बत्ती करना प्रार्थना करना. और कोर्ट मे. कोमल के पास केस नहीं था.

पर काम बहोत थे. जिनसे पैसे आ सके. वो दूसरे वकीलों को तक एडवाइस देती थी. कोमल के पास केश कम होते. पर मोटी रकम देने वाले होते. वो सस्ते केश तब ही लेती जब वो उसके टाइम मे फिट बैठ रहे होते. टाइम जैसे एक केश लड़ लिया. तो दूसरा सस्ता केश भी एटैच टाइम में हो. कोमल दोपहर 3:00 बजे फ्री हुई.

वो अपने घर जा रही थी. पर उसे वो बूढ़े दम्पति बार बार याद आ रहे थे. कोमल ने अहमदाबाद के बहार की तरफ जाने वाले रास्ते पर कार दौड़ाड़ी. उसे ज्यादा दूर नहीं जाना था. क्यों की वो जगह अहमदाबाद से टच ही थी. कोमल कुछ 20 मिनट मे ही वो जगह पहोच गई. कोमल ने जिस जमीन को बिकवाया था. वहां मॉल बन गया था.

कोमल को बहोत अफ़सोस हुआ. वो खेती की जमीन थी. दए बाए नजर दोडाइ पर वो दम्पति कहा मिलते. वो रोड की जमीन थी. रोड पर एक गैरेज था. कोमल वहां गई. क्यों की वो गैरेज पहले भी था. कोमल उस गैरेज पर गई और उस बूढ़े बूढी के बारे मे पूछा. उस गैरेज वाले ने बताया की वो मॉल के पीछे वाले गांव मे ही रहते है.

वो बूढा इसी मॉल मे सिक्योरिटी का काम करता है. कोमल ने उस बूढ़े का नाम भी पूछा. उसका नाम किशोर भाई था. कोमल ने मॉल मे जाकर उस बूढ़े के बारे मे पता किया तो पता चला की वो नाईट सिफ्ट करता है. कोमल तुरंत ही अपनी कार लेकर उस गांव मे चली गई.

पूछ ताछ करने पर उसे किशोर भाई का घर मिल गया. उसका घर तो पक्का था. पर छत टीन शेड वाली. मतलब लोहे के पतरे. वो लोग कोमल को देखते ही पहचान गई. कोमल को डर था की उसे देख कर वो भड़क जाएंगे. गालिया देंगे. हो सकता है की अटैक भी कर दे. पर उस बुढ़िया ने उसे देखते ही पहचान लिया.


बुढ़िया : (स्माइल) अरे बेन आवो आवो.


कोमल गुजरती जानती थी. उसे विश्वास नहीं हो रहा था. उस बुढ़िया ने उसे बहोत प्रेम से बैठाया. चाय पानी भी पिलाया. किशोर भाई किसी के ट्रैक्टर पर काम करने गए थे. कोमल हैरान थी की किशोर भाई दो तीन गुनाह ज्यादा काम करते है. तभि किशोर भाई भी आ गए. किशोर भाई भी कोमल से खूब आदर सत्कार से पेश आए.

कोमल ने खुद ही बताया की उसी ने उनकी जमीन बिकवाई. पर उन दम्पति ने तो सब किश्मत का खेल बताया. कोमल को ये भी पता चला की उनका एक बेटा और बेटी थी. दोनों की शादी कर दीं. पर बेटा बीमारी के कारण मर गया. बेटे की एक बेटी थी. वो जो फिलहाल 12 क्लास साइंस मे पढ़ रही थी. सरकारी खर्चे पर.

वो पढ़ने मे होशियार थी. वो डॉक्टर बन ना चाहती थी. वो जमीन इसी लिए नहीं बेच रहा था. की वक्त आने पर पोती की पढ़ाई के लिए पैसों की जरूरत हुई तब वो जमीन बिक्री करेंगे. मगर कोमल ने बहोत सस्ते दाम पर वो जमीन बिकवा दीं थी. कोमल ने उन्हें 10,000 रुपये दिए. वादा किया की उनकी पोती की पूरी पढ़ाई का खर्च वो उठाएगी. साथ मे उसके मकान की छत भी वो डलवाएगी.

कोमल वहां से चली गई. कार चलाते उसे बहोत ख़ुशी हो रही थी. रास्ते मे एक सरकारी स्कूल दिखी. जिसमे से बच्चे बहार आ रहे थे. शायद स्कूल की छुट्टी हुई थी. कोमल ने भी वही गाड़ी रोक दी. और गेट पर चली गई. वही गुब्बारे वाला भी खड़ा था. कोमल ने उसे गुब्बारे वाले को पैसे दिए. और बोला कि सभी बच्चों को एक-एक गुब्बारा देते जाए. इस गुब्बारे वाले ने भी यही किया. वह भी बहुत गरीब था.

उसके सारे गुब्बारे बिक गए. वह भी खुश हो गया. और उसने खुशी से कोमल को एक गुब्बारे का पैकेट दे दिया. कोमल ने बोला. वो इन गब्बर का क्या करेगी. गुब्बारे वालों ने कहा किसी और बच्चों को दे देना. यह कर्म था. कमल के कर्म बैक होकर उसे मिल रहे थे.

उसे एक बड़ी दिल तो मिल गई. 2 लाख रुप जैसी बड़ी रकम भी मिली. कोमल अपने फ्लैट में वापस आई. उसने फ्लाइट बुक करी. उसकी शाम 06:00 बजे की फ्लाइट थी. कोमल ने मैसेज डॉ रुस्तम और बालवीर को भी कर दिया. और कोमल फ्रेश होकर एयरपोर्ट के लिए निकल गई. कोमल ने फ्लाइट मे बैठने से पहले डॉ रुस्तम को call किया.


डॉ : हेलो कोमल. तुम आ रही होना??


कोमल : हां मैं आ रही हूं. बालवीर कैसा है??


डॉ : वह ठीक है.


कोमल : कल कुछ हुआ??? मतलब मै नहीं थी. आप उन बच्चों की एंटीटी से कनेक्शन जोड़ने की कोशिश में थे जो...


डॉ : कुछ भी नहीं हुआ. वह बातें नहीं करना चाहते शायद. हमारे दो कैमरास भी ब्लास्ट हो गए. आज लास्ट कोशिश करेंगे. नहीं हुआ तो फिर दाई माँ को बुलाने की कोशिश करेंगे.


कोमल : मैं 8:00 बजे तक पहुंच जाउंगी.


डॉ : ठीक है. तुम्हें पिकअप करने के लिए बस वहीं पर मिलेगी.


कोमल : ओके फिर वहीं मिलते हैं.


कोमल ने फोन कट कर दिया. और फ्लाइट के लिए निकल गई. वह सही टाइम पर इलाहाबाद पहुंच गई. इलाहबाद पहोचते ही कोमल एयरपोर्ट से बहार निकली. उसे वही बस दिख भी गई. बस के साथ एक ड्राइवर और बालवीर भी खड़ा था. बालवीर कोमल कोई कॉल करने की कोशिश कर रहा था. उसने भी कोमल को देख लिया और हाथ हिलाया. कोमल स्माइल करती हुई उसकी तरफ चली गई.

करीब पहोचते दोनों की नजरें मिली. और दोनों के फेस पर खुशियों भरी स्माइल. वो बस मे बैठ गए और बस चल पड़ी. बलबीर उसे समझाने लगा. बहोत खर्चा हो रहा है. अब नहीं आएँगे. कोमल उसे समझाती है की कमाएंगे तभि तो खर्चा होगा. कोई बात नहीं.


कोमल : कल वहां क्या हुआ???


बलबीर : वहां जो छत गिरी थी. डॉ साहब गए. कैमरा वगेरा लगा हुआ था. मै तो निचे था. पर उन्होंने वो कान मे सुन ने वाला( हेडफोन) दिये थे. उस से डॉ साहब को देखा भी. और सुना भी. डॉ साहब वहां अकेले बैठ गए.


डॉ : क्या यहाँ पर मेरे सिवा कोई है??? अगर है तो हिशारा दे.


कुछ भी नहीं हुआ.


डॉ : क्या यहाँ पर बच्चों तुम हो. हो तो मुझसे बात करने की कोसिस करो. कोई हिशारा दो. वो टूटी हुई खिड़की को हिलाओ. मुजे पता चल जाएगा.


पर कुछ नहीं हुआ. डॉ साहब फिर भी बात करने की कोसिस कर रहे थे.


डॉ : देखो मै तुमसे बात करना चाहता हु. प्लीज कोई तो हिशारा दो.


तभि अचानक वहां जो एक बड़ी लाइट लगाई थी. वो एकदम से फुट गई. डॉ साहब तुरंत खड़े हो गए. उसके बाद जैसे वो खड़े हुए उनके सामने वाला कैमरा फूटा. डॉ साहब फिर भी खड़े रहे. फिर वो नवीन ने उनके फोन पे फोन( रेडियो सेट) किया. नवीन उन्हें बताने लगा की फ्रीक्वेंसी मिल रही है. स्पीड भी मिल रही है. वह कुछ कहना चाहते हैं.


डॉ : पूछो वह क्या कहना चाहते हैं???


नवीन : वह यहां से जाने को बोल रहे हैं. वह एक नई कई सारे है.


मेने भी देखा. छोटी सी टीवी पर गुलाबी नीला गुलाबी नीला होने लगा. तभी अचानक एक और कैमरा फूट गया. और डॉक्टर सब नीचे आ गए.



कोमल : किसी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ?? किसी को कोई चोट???


बालवीर : नहीं वैसा तो कुछ नहीं हुआ.


बाते करते हुए वो दोनों उसी स्कूल वाली लोकेशन पर ही पहोच गए. पर वहां तो पैकअप की तैयारी हो रही थी. कोमल ने डॉ रुस्तम को देखा. और तुरंत उनके पास पहोच गई.


कोमल : डॉक्टर साहब मे आ गई. पर यहाँ क्या हो रहा है.


डॉ रुस्तम थोडा लम्बी शांस लेते मुश्कुराए.


डॉ : सायद वो हमसे बात नहीं करना चाहते. कल मे दाई माँ को call कर दूंगा. वो सब संभल लेगी. यहाँ विधि ही करनी पड़ेगी.


कोमल : प्लीज मै ट्राय करू???


डॉ : तुम पागल हो. तुम इस फिल्ड को जानती नहीं. अभी कल ही आई हो. तुम जानती हो कल मेरे साथ क्या हुआ????


कोमल : हा सर.. बलबीर ने मुजे बताया. पर मुजे एक कोसिस करने दो प्लीज.


डॉ : नहीं. कल हम मुंबई वापस जाएंगे. तुम भी वापस जाओ. प्लीज. तुम्हे कुछ हुआ तो दाई माँ मुजे माफ नहीं करेंगी. बड़ी मिन्नतो से मेने उनसे तुम्हे अपने साथ काम करवाने को राजी किया. वो बिलकुल नहीं चाहती थी.


कोमल : मै यहाँ आई. कोई तो ऊपर वाले की मर्जी होंगी. अब मेरे लिए इतना कुछ किया तो एक मौका दो. और पैदा होते कौन सिख जाता है.





Update 23B



डॉ : ना, नहीं नो. अब आगे कोई बात नहीं.


कोमल वकील थी. इतनी आसानी से मान जाती क्या.


कोमल : डॉ साहब आपने ही मुजे इस काम के लिए राज़ी किया. ये कहेके ना की ये लोगो की भलाई के लिए है.


एक पल वो कोमल को देखते रहे.


डॉ : मुजे तुम मे गौरव तिवारी नजर आ रहे है. ठीक है जाओ. पर याद रहे. हम किसी भी एनटीटी से कोई डील नहीं करते. कोई वादा कोई कसम प्रॉमिस मत करना. वरना प्रॉब्लम होंगी.


कोमल : हा ठीक है. पर ये गौरव तिवारी कौन है???


डॉ : वो मै बाद मे बताऊंगा. अभी तुम जाने की तैयारी करो.


डॉ रुस्तम ने घूम कर सब को वापिस सेटअप लगाने को कहते है. बलबीर भी कोमल के पास ही था.


कोमल : बलबीर मेरे पर्स मे एक गुब्बारो का पैकेट है. उसके प्लीज सारे गुब्बारो मे हवा भर दो. हो सके तो कुछ और भी लोगो को ले लो. ताकि जल्दी काम हो जाए.


बलबीर तुरंत बस मे गया. और अपने काम मे लग गया. ड्राइवर और दो लोग उसके साथ जूटे. मगर गुब्बारो मे मुँह से हवा भरना भी मामूली काम नहीं है. इसके लिए शरीर मे तंदुरस्त फेफड़े चाहिये. सब की हालत ख़राब हुई. मगर बलवीर एक गांव का तंदुरस्त नवजावान था.

हालत तो उसकी भी ख़राब हुई. पर वो जानता था की ये सब वो कोमल के लिए कर रहा है. वही कोमल को भी डॉ रुस्तम की टीम तैयार करने लगी. उसपर माइक्रोफोन माइक्रो कैमरा. सेंसर डिवाइस बहोत कुछ लगाया गया. कोमल जाने के लिए तैयार हो गई.


डॉ : क्या कोमल तुम तैयार हो???


कोमल ने हा मे सर हिलाया. डर उसे भी लग रहा था. उसकी दिल की धड़कने भी तेज़ थी. पर कोमल रोमांचित भी हो रही थी. उसे अंदर से फील हो रहा था की कुछ अच्छा भी होने वाला है.


डॉ : याद रखना किसी भी एनटीटी से नो डील. कुछ भी प्रॉमिस मत कर देना. वरना लेने के देने पड़ जाएंगे. तभि बस से दोनों हाथो मे गुब्बारे लिए बलबीर आने लगा.


बलबीर : कोमल....


उसके पीछे ड्राइवर और एक और बंदा भी था. गुब्बारे इतने ज्यादा थे की एक इंसान नहीं ला सकता था. डॉ रुस्तम गुब्बारो को देख कर हैरान रहे गए. पर फेस स्माइल भी करने लगा.


डॉ : (स्माइल) गुब्बारे.


कोमल : बलबीर जल्दी इन सारे गुब्बारो को वही उसी क्लास रूम मे पहोंचा दो.


बलबीर कोमल के किसी भी काम को रुकने नहीं देता. बाकि लोग जाने से डर रहे थे. पर बलबीर ने सारे गुब्बारे 3 चक्कर लगाकर क्लास रूम मे पहोचवा दिए. वो कोमल के पास वापस आया. स्पीड की वजह से वो पसीना पसीना भी हो गया था. थोडा हाफ भी रहा था.


बलबीर : (स्माइल) हो गया.


कोमल : (स्माइल) थैंक्यू बलबीर.


बलबीर के लिए तो वो थैंक्यू i love you ही था. डॉ रुस्तम फिर कोमल को हिदायत देने लगे.


डॉ : याद रहे कोमल. नो डील. सिर्फ कोसिस करो. वो कॉन्टेक्ट करें तो ठीक. वरना तुम वापस आ जाना.


कोमल ने हा मे सर हिलाया.


डॉ : अब जाओ. Best of luck.


कोमल स्कूल के अंदर जाने लगी. डॉ रुस्तम बलबीर को वही वान मे ले जाते है. वो जानते थे की कोमल बलबीर की बात जल्दी मानेगी. इस लिए उसे पास मे रखना जरुरी था.


डॉ : पटनायक बलबीर को हेडफोन दे दो


डॉ रुस्तम और बलबीर दोनों हैडफोन पहन कर स्क्रीन के सामने बैठ गए. उस बार वो कोमल की आवाज भी सुन सकते थे. जिस क्लास रूम मे बच्चे दब कर मारे थे. कोमल उस रूम मे पहोच गई. बलबीर को डर भी लग रहा था. वही कोमल जब रूम मे पहोची same ठंडा चिल्ड माहोल. हवा बिलकुल नहीं चल रही थी. सब कुछ शांत था.

कोमल रूम मे हार तरफ देखने लगी. हैलोजन लाइट से पूरा रूम देखा जा सकता था. गुब्बारे पुरे रूम मे बिखरे हुए थे. एक भी गुब्बारे की मूवमेंट नहीं थी. कोमल ने खडे होकर एक लम्बी शांस ली. फिर दोनों हाथ पीछे करके रूम मे ही चलने लगी. जैसे वो कोई क्लास टीचर हो.


कोमल : कैसे हो बच्चों... मै तुमसे मिलने आई हु. कौन कौन मुझसे बात करेगा...


डॉ रुस्तम स्क्रीन पर कोमल की एक्टिविटी देख कर हैरान रहे गया. डॉ रुस्तम ने सिर्फ एक गुब्बारे को थोडासा हिलते देखा. जो कोमल ने नहीं देखा. पर स्क्रीन पर एक हलकी सी पिंक लाइन जरूर उभरी थी. कोमल ने एक गुब्बारा उठाया और उसे बाकि सारे गुब्बारो को दूर कर के बिच मे रख दिया. वहां सिर्फ एक चेयर भी थी. कोमल उसपर जाकर बैठ गई.


कोमल : अगर कोई मुझसे बात करना चाहता है तो प्लीज इसे राइट तरफ ले जाए.


स्क्रीन पर भी डॉ रुस्तम और बाकि पूरी टीम एक्साइड थी. ये देखने के लिए. कुछ होता है या नहीं. मगर गुब्बारा पहले तो हल्का सा राइट तरफ झूका. फिर एक राउंड राइट तरफ लुढ़क गया. हल्का सा डर कोमल को भी लगा. मगर वो स्माइल करती है.


कोमल : वेरी..... गुड. वेरी गुड. अब मुजे बताओ तुम कितने बच्चे हो यहाँ??? मै काउंटिंग करूंगी. जो भी राइट आंसर आए. आप लोग गुब्बारे को लेफ्ट तरफ कर देना.


कोमल गिनती करने लगी.


कोमल : 1,2,3....


जब कोमल गिनती कर रही थी. तब सब हैरान और एक्साइड थे. डर सभी को लग रहा था. बलबीर कोमल के लिए कुछ ज्यादा ही डर रहा था. वही कोमल की गिनती बहोत स्लो भी थी.


कोमल 30..... 31..... नहीं 31 भी नहीं है??? तो फिर क्या 32 अममम 33.... या फिर......34.


जब कोमल ने 34 बोला वो गुब्बारा एकदम स्लो लेफ्ट तरफ लुढ़क गया. कोमल की भी डर से फटने लगी. वहां नवीन का डॉ रुस्तम को रेडियो सेट पर कॉल आता है.


नवीन : नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


डॉ : या डॉक्टर ओके ओवर.


नवीन : सर बहोत कुछ हो रहा है ओवर.


डॉ : वाह... क्या क्या???? ओवर.


नवीन : वेव्स, वॉइस, बच्चों की बाते करने की भी आवाज आ रही है.


उन बच्चों के शोर की आवाज डिवाइस में कैप्चर होने लगी. जैसे एक क्लास के सारे बच्चे आपस मे बात कर रहे हो. नवीन ने नोट किया की बच्चे आपस मे बात कर रहे है. आंटी बहोत अच्छी है. देखो हमारे लिए आंटी गुब्बारे लेके आई. नवीन ने ये बात जब डॉ रुस्तम को बताई तो डॉ रुस्तम के भी कान खड़े हो गए. ऊपर से उन्होंने कोमल के सवाल पर बच्चों की तरफ से जवाब आया की वो 34 है.

ये देख कर उनके होश ही उड़ गए. ये सब बलबीर भी देख सुन रहा था. बलबीर का डर भी धीरे धीरे ज्यादा बढ़ने लगा. डॉ रुस्तम कोमल को रेडियो सेट पर कॉल करता है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हा बोलिये डॉ साहब????


डॉ : बच्चों की आवाज कैप्चर हो रही है. वह तुम्हें रिप्लाई दे रहे हैं. वह तुम्हें पसंद कर रहे हैं. तुमने सवाल करो. उनका जवाब हमें मिल रहा है.


कोमल की हिम्मत बढ़ गई. वो स्माइल करती है.


कोमल : तो बच्चों यहां क्या हुआ था??? तुम यहां पर क्यों हो???



बच्चों की कैप्चर वॉइस : सब कुछ पंडित जी ने किया सब कुछ पंडित जी ने किया. वह बहुत गुस्से वाले हैं. वह किसी को नहीं छोड़ते.


डॉ ने ये बात कोमल को बताई.


कोमल : बच्चों पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वो वह स्कूल के नीचे है. पीछे की तरफ. वह हमें नहीं जाने देंगे.


कोमल : बच्चों मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूं.


डॉ रुस्तम तुरंत भड़क गए.


डॉ : (गुस्सा) पागल लड़की. तुम्हें बोला था कोई दिल नहीं करनी है.


कोमल तो चुप हो गई. उसे एहसास हो गया की उस से गलती हो गई. पर बच्चों ने जो रिप्लाई दिया. वो दिल दहलाने वाला था.



कैप्चर वॉइस : आप हमें अच्छी लगती हो आंटी. आप मत जाओ. आप भी हमारे साथ आ जाओ. आप स्कूल की छत से कूद जाओ. आप हमारे साथ आ जाओगी.


वह बच्चे कोमल को सुसाइड अटेम्प्ट करने के लिए बोल रहे थे. यह सुनकर नवीन की भी हालत खराब हो गई और डॉक्टर रुस्तम की भी. यह सारी बातें बालवीर ने भी सुन ली. बालवीर की आंखों से तुरंत आंसू आने लगे.


कोमल : बच्चों अभी पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वह यहीं खड़े हैं. वह तुम्हें देख रहा है.


तभि नवीन के डिवाइस में एक बूढ़े की आवाज कैप्चर होती है



मेरी हस्तियों का विसर्जन करो. मुझे एक जगह दो. नहीं तो ऐसा ही लोग मरते रहेंगे. यह स्कूल का दान मैंने दिया था. मेरे नाम से भंडारा करने का वादा किया था. पुष्पा खंडी ने भंडारा नहीं किया. वह पैसे लेकर भाग गया.


नवीन ने ये बात डॉ रुस्तम को बताई. डॉ रुस्तम मामला समझ गए. वो कोमल को वापिस आने को कहते है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हां बोलिए डॉक्टर साहब.


डॉ : कोमल वापस आ जाओ ओवर.


कोमल : ओके.


कोमल खड़ी हुई और जाने लगी.


कोमल : तो ठीक है बच्चों अब मैं जा रही हूं.



नवीन के डिवाइस में फिर आवाज कैप्चर हुई


कैप्चर वॉइस : नहीं आंटी आप मत जाओ. आप हमारे साथ रहो. हमारे साथ आ जाओ. हम आपको लेने आएंगे.


ये बात बहोत कडराने वाली थी. कोमल स्कूल के बहार आ गई. डॉ उस्ताद में तुरंत ही बैकअप करने का ऑर्डर दे दिया. और वह लोग वापस आश्रम में आ गए
 

Shetan

Well-Known Member
14,993
40,004
259
Panditji ki kalam se new love story. Ek bar visit kare. Amezing skill aur jabardast feel. Romantic , aur crime par adharit love story. Drama he. Romance he. Aur romanch bhi hai.

 

Shetan

Well-Known Member
14,993
40,004
259
Baap re, 34 bacche :protest2: aur ek buddha :budhau: !!! Itni saari NTTs !!! Bahot hi dil dehla dene wala kissa hai yeh toh.

Komal ke himmat ki daad deni padegi, yeh ladki dardti hi nahi hai:nana:. Aur Gubbare :bestwishes:wala idea bahot hi badhiya tha.

Lekin usne galti kardi. Dr Rustom :einsteink: ke samjhane par bhi usne baccho se madat ke liye puch ho liya. 🤦.

Lagta hai agle uodates ussae bhi kyada darwane hai. 😳
Vesi hi sirf 1 bache ki aur bhi aage story hai. Story ke sath manikarnika ghat ka bhi rahasya hai. Aap ko 100% maza aaega.
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
20,947
55,094
259
Vesi hi sirf 1 bache ki aur bhi aage story hai. Story ke sath manikarnika ghat ka bhi rahasya hai. Aap ko 100% maza aaega.
Maja to mujhe bhi aaya👌🏻 per or maje ke intzaar me hu. :yes1:
अर्ज किया है:
आखों की गहराई को समझ नहीं सकते, होठों से कुछ कह नही सकते, कैसे बयां करें हम आपको यह दिल का हाल की, तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नही सकते!
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
20,947
55,094
259
Shetan tere intzaar me aakhe bichaye baithe hai,
Tu aai nahi story pe aur hum aas lagaye baithe hai
:?:
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
14,993
40,004
259
Shetan tere intzaar me aakhe bichaye baithe hai,
Tu aai nahi story pe aur hum aas lagaye baithe hai
:?:
Meri aur bhi bahot problem hai. Ek bar saya 2 complete ho gai to me is story ko aur bhi jabardast andaz me likh sakungi. Please abhi ise start karne ka pressure mat dena.
 
Top