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Incest क्या ये गलत है ? (completed)

KGB

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wonderful, hot, sexy, erotic, very very exciting and full of love as well as eroticism. Just mind blowing update.:yes1::yes1:
 

Rakesh1999

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wonderful, hot, sexy, erotic, very very exciting and full of love as well as eroticism. Just mind blowing update.:yes1::yes1:



Bahut bahut thanks bro
 

BIMBO

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bahut h mast kahaani,
 

The Dark Devil

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vah! vah !vah! bahut khoob bhai! such mine bahut khoob.

bahut hi majedaar, lajatdaar aur chatpata update yaar.

bahut maja agaya padhkar yaar

kia likha hai aap ne, ekdum lajawab aur dashu

ekdum jabadast aur kamaal ki batcheets hai

just loved it too much:applause::applause::applause:
 

Rakesh1999

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bahut h mast kahaani,

Thanks for comment
 

Rakesh1999

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vah! vah !vah! bahut khoob bhai! such mine bahut khoob.

bahut hi majedaar, lajatdaar aur chatpata update yaar.

bahut maja agaya padhkar yaar

kia likha hai aap ne, ekdum lajawab aur dashu

ekdum jabadast aur kamaal ki batcheets hai

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Thanks.

Comment padhkar hi kahani aage likhne me maza aata hai.
 

Rakesh1999

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Rakesh1999

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ममता के घर लौटने पर
कविता ने ममता के पैर छुए, पर इस बार वो बेटी बनके नहीं, खुद को ममता की बहु समझ रही थी। ममता ने कविता को अपने सीने से लगा लिया। जय ममता के बैग उठाके रूम में रख आया। कविता और ममता दोनों सोफे पर जाके बैठ गयी।
कविता अपनी माँ के पैर दबा रही थी। फिर जय ममता के लिए पानी लेके आया। ममता उससे गिलास लेकर पूरा पानी पी गयी। कविता ने जय के करोड़पति बनने की सारी बात ममता को बताई। ममता सब जानते हुए अनजान बनते हुए कहा," अच्छा, लगता है वो केस हमलोग जीत गए। जय तुम्हारा इस बार अच्छा जन्मदिन रहा, क्यों? तुम्हारे बाबूजी ने इस विरासत के साथ तुम पर ज़िम्मेदारी भी छोड़ी है। अब तुम इस घर के मालिक बन गए हो। तुम्हें अब अपने पिता की जगह लेनी है। अपनी बहन की शादी करनी है। हम जानते हैं कि तुम अभी इन सब बातों के लिए काफी छोटे हो, पर ये सब चीज तुमको अभी से सीखनी है। तुम एक महान बाप के बेटे हो, वो जहां भी हैं तुम्हारे साथ साथ हम सबपर दया दृष्टि बनाये हुए हैं। अब उनका आशीर्वाद लेके तुम एक जिम्मेदार पुरुष बनो। अब तुम्हारा निर्णय सिर्फ तुम्हारे लिए नहीं, बल्कि हम सबको ध्यान में रखके करोगे। तुम अब इस घर के सारे फैसले लोगे। तुम एक अच्छे आदमी बनोगे हमको तुम्हारी काबिलयत पर पूरा भरोसा है, और तुमको आशीर्वाद देते हैं। इधर आओ हमारे पास।"
जय ममता के करीब गया और ममता ने उसे अपने सीने से लगा लिया। जय ममता से पूरी तरह चिपक गया। और उसकी चुच्चियों में अपना चेहरा समा दिया।उसके होंठ ममता के चुचियों के ऊपरी हिस्से से टकड़ा रहे थे। वैसे तो वो अलग नहीं होना चाहता था, पर ममता ने उसके माथे पर चुम्मा लेके उसको खुद से अलग किया। जय लेकिन फिर से ममता को बाहों में भर लिया। ममता ने सोचा कि वो भावुक हो रहा है, पर शायद उसे ये पता नही था कि जय उसे माँ की तरह नहीं एक औरत की तरह गले लगा रहा था। ममता," अरे जय हमारा बच्चा,आजा।" बोलके उसके माथे को सहला रही थी। जय ने ममता के कंधे पर सर रखके, कविता को आंख मारी। कविता उसको देखकर मुस्कुराई और, थम्प्स अप दिखाया। अगले एक हफ्ते जय की परीक्षा थी। तो जय ने जमकर पढ़ाई की, पर पढ़ाई से ज्यादा उसका ध्यान अपनी माँ बहन के मस्त बदन पर ज्यादा था। कविता को भी बिना लण्ड के शुरू में रहना मुश्किल हो रहा था। उसकी बुर भी जब तब जय के लण्ड के लिए पनियाती रहती थी। पर उसने जो कसम उठायी थी, उसे इमानदारी से निभा रही थी।
इस बार जय उतना ढंग से नहीं पढ़ पाया। फिर भी उसने लगभग 76 प्रतिशत के बराबर अंक पाने का अनुमान लगाया, जो कि तीनों वर्षों का औसत निकालने पर 82.5 प्रतिशत होता था। बहरहाल यहां अब उसे अंकों की नहीं बल्कि अपनी सगी माँ को चोदने की पड़ी थी। कविता भी अपनी ड्यूटी पर जा रही थी। कविता और जय एक दूसरे को मैसेंजर के जरिये, सेक्सटिंग किया करते थे। जय इस बीच उसको काम पर जाने से मना करता रहा। पर कविता बोली आप जब माँ को चोद लोगे, उस दिन खुद जॉब छोड़ देंगे और फिर आपकी सेवा करेंगे। ड्यूटी बंद तो होगी ही। रोज सुबह वो अपनी बुर की तस्वीर खींचकर जय को मैसेंजर पर भेजके गुड मॉर्निंग कहती थी। जय की परीक्षा खत्म हो चुकी थी, पर उसे अब अपनी माँ को पटाना था, जो अपने आप में ही एक कठिन परीक्षा थी।
 

Rakesh1999

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अगले दिन खाते समय जय ने ममता से कहा," माँ, क्यों ना कहीं घूमने चलें। हमारी परीक्षाएं भी खत्म हो गयी हैं और दिल्ली में रहकर हम काफी बोर हो रहे हैं।" ममता उस वक़्त पूजा कर रही थी और घर में धूप दिखा रही थी। वो एक कॉटन की पीली साड़ी में थी और भीगे बाल खुले हुए थे। उसकी पेट आगे से साफ नंगी थी और ढोड़ी झलक रही थी।
कविता निवाला खाते हुए," ये अच्छा आईडिया है। मूड भी फ्रेश हो जाएगा, परीक्षा से थकान भी मिट जाएगी।
ममता," ठीक है, सब साथ जाएंगे, जहां भी जाएंगे। लेकिन जाएंगे कहाँ?
जय- खजुराहो। जय का ये बोलना था कि कविता सरक उठी क्योंकि वो जानती थी कि खजुराहो क्यों प्रसिद्ध है और खांसने लगी। ममता ने उसे पानी का गिलास दिया," आराम से खाओ कविता।"
ममता- अच्छा खजुराहो में क्या क्या है घूमने लायक ?
जय- माँ वहाँ भव्य मंदिर हैं और पर्यटन स्थल भी है। वो विश्व धरोहरों में से एक है।
ममता मंदिरों के बारे में सुनकर उत्साहित हो गयी और बोली, अच्छा है, फिर तो चलना चाहिए। अगले सप्ताह चलते हैं। आज तुम टिकट करा लो, तीनों की।
कविता- हम नहीं आ पाएंगे, क्योंकि हम पहले ही एक हफ्ता छुट्टी ले चुके हैं और बहुत काम बाकी है। आप दोनों जाइये।
जय- कविता दीदी तुम भी चलो ना और मज़ा आएगा। छुट्टी ले लो ना, मिलेगी नहीं क्या?
कविता- बोले ना कि बहुत काम बाकी है, और आरिफ सर अगले हफ़्ते हमको बहुत बिजी रखने वाले हैं, क्योंकि रिटर्न फ़ाइल होने शुरू हो गए हैं, और काम हद से ज्यादा है।
ममता- फिर ठीक है, बाद में जाएंगे। जब तुम खाली रहोगी तब।
कविता- अरे नहीं माँजई, जय और आप दोनों चले जाइये। अभी जय की परीक्षा खत्म हुई है, अच्छा रहेगा।
ममता- फिर ठीक है, जय हम और तुम चलेंगे।
फिर सब खाना खाके, उठ गए और ममता अपने रूम में चली गयी। जय ने कविता को कमर से पकड़ लिया और गुस्से में बोला," तुम साथ क्यों नहीं चल रही हो? तुम नही रहोगी तो मज़ा नहीं आएगा?
उसपर कविता उसके माथे पर हाथ से हल्का धक्का मारके बोली," अरे बुद्धूराम ले जाओ ना माँ को अकेले तब ना तुमको उसको पटाने का मौका मिलेगा। अकेले तुम दोनों रहोगे तभी कुछ होगा ना। UPSC कैसे करेगा रे तुम। औरत को कैसे पटाते हैं पता नहीं क्या? जब तुम माँ को वापिस लेके आना, तो ममता हमारी माँ और सासू माँ से सौतन बन जानी चाहिए।
जय उसको देखके हसने लगा।
जय ने टिकट्स बुक कर लिए ममता और उसका। और फिर वो दिन आ गया जब ममता और जय खजुराहो के लिए निकल पड़े। उनकी टिकट ऐसी थर्ड में आर ए सी में थी। उनको अगले दिन शाम तक पहुंचना था। दिन तो माँ बेटे ने काट लिया, फिर वो समय आया जिसका जय को इंतज़ार था, जब वो अपनी सपनों की रानी अपनी माँ ममता के साथ चिपक के सोएगा। ममता और जय खाना खाने के बाद एक दूसरे की ओर पैर करके सो गए। ममता तो तुरंत सो गई पर जय को नींद कहाँ आ रही थी। रात के करीब 11 बज चुके थे। और पूरे बोगी की रोशनी बंद थी।
 
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