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जय- अपना साया पीछे से कमर तक उठाओ और फिर चलो, हमारी माँ सजनी।" ममता ने हाथ पीछे कर साया अपनी कमर पर रखा, जिससे उसके पैर, जाँघे, बुर, चूतड़ सब नंगे हो गए। पर वो जय को नहीं दिख रहे थे। उसकी चुच्ची सामने से ब्रा में अधनंगी थी। जो कि किसीका लण्ड खड़ा करने के लिए, काफी थी। ममता को पीछे काफी खुला खुला महसूस हो रहा था। कमरे की ठंडी हवा उसके बुर से टकरा रही थी। गाँड़ पर सिहरन की वजह से दाने दाने से उग गए थे। ममता अब धीरे धीरे जय के पास आ रही थी, और जय उसके सामने उसकी पैंटी लगातार सूंघ रहा था।
कविता उसके पैर चूम रही थी। ममता धीरे धीरे मटकते हुए उसके पास पहुंची। कविता और ममता एक दूसरे के सामने थी। जय ने हुक्म किया," चलो, दोनों एक दूसरे को किस करो"। उसके बोलते ही दोनों किस करने लगी। वो दोनों कुतिया बने हुए एक दूसरे को किस कर रही थी। दोनों के होंठ और जीभ जैसे आपस में कुश्ती लड़ रहे थे। जय को ये देख बड़ा मजा आ रहा था। उसने इसी क्रम में ममता की ब्रा की हुक खोल दी। उसकी ब्रा छटककर उसके चुच्चियों को नंगी कर, कोहनियों तक आ लटकी। ममता चौंक उठी। फिर अपनी लटकती चुच्चियों का नंगापन महसूस कर उसने ब्रा को उतार दिया।
तीनों मुस्कुरा रहे थे। कविता फिर धीरे से ममता के पीछे गयी और उसके नंगे चूतड़ों पर अपना चेहरा रगड़ने लगी। ममता की गाँड़ के दरार के बीच अपनी नाक लगा सूंघ रही थी। वहां गीली बुर की खुश्बू आ रही थी। कविता की जुबान काबू नहीं रख पाए और ममता की भीगी बुर पर को चाटने लगी। ममता सिहर उठी। कविता के जुबान के एहसास से वो कामोन्माद में बहने लगी। गाँड़ के छेद पर टकराती उसकी सांसें, और बुर पर गीली जीभ का अनमोल एहसास से उसकी आंखें अनायास बंद हो गयी। इस वक़्त ममता का चेहरा बेहद उत्तेजना वर्धक लग रहा था। वो खुद भी उत्तेजना में आ रही थी।
जय ने दोनों को बिस्तर पर आने को कहा। दोनों सिर्फ साये में बिस्तर पर आ गयी। एक तरफ खेली खिलाई पकी बुर और दूसरी तरफ कम चुदी कमसिन कच्ची बुर। जय की तो लॉटरी लगी थी। जय उन दोनों को बिस्तर पर ऐसे महसूस किया जैसे दो शेरनी हो। दोनों एक दूसरे पर टूटी थी। एक दूसरे की चुच्ची लगातार सहला और दबा रही थी। दोनों की सांसें एक दूसरे से टकड़ा रही थी।
कविता- हहम्ममम्म, आआहह उमम्म ऊई । फिर कविता ने ममता को लिटा दिया और उसको किस करने लगी। ममता भी उसे मना नहीं कर रही थी। तभी उसकी नज़र जय से टकराई और वो झेंप गयी।
जय- ममता क्यों शर्मा रही हो? अपने पति के सामने अपनी सौतन के साथ सेक्स कर रही हो इसलिए?
ममता कुछ नहीं बोली।
जय- आज तुम दोनों के लिए सरप्राइज है, ये देखो। जय ने उन दोनों को एक बट प्लग दिखाया।
ममता- ये क्या है?
कविता- उम्म्म्म्म ममता के चुच्चियों को चूस रही थी, वो चूसना छोड़कर बोली," आआहहहह .... वाओ ये तो बट प्लग है, इसको गाँड़ में घुसाके रखते हैं। चुदाई के दौरान और ऐसे भी। बहुत सी महिलाएं इसको घुसाना बहुत पसंद करती हैं। नार्मल काम करते हुए, बाजार घूमते हुए, सब घुसाके करती हैं।
कविता उसके पैर चूम रही थी। ममता धीरे धीरे मटकते हुए उसके पास पहुंची। कविता और ममता एक दूसरे के सामने थी। जय ने हुक्म किया," चलो, दोनों एक दूसरे को किस करो"। उसके बोलते ही दोनों किस करने लगी। वो दोनों कुतिया बने हुए एक दूसरे को किस कर रही थी। दोनों के होंठ और जीभ जैसे आपस में कुश्ती लड़ रहे थे। जय को ये देख बड़ा मजा आ रहा था। उसने इसी क्रम में ममता की ब्रा की हुक खोल दी। उसकी ब्रा छटककर उसके चुच्चियों को नंगी कर, कोहनियों तक आ लटकी। ममता चौंक उठी। फिर अपनी लटकती चुच्चियों का नंगापन महसूस कर उसने ब्रा को उतार दिया।
तीनों मुस्कुरा रहे थे। कविता फिर धीरे से ममता के पीछे गयी और उसके नंगे चूतड़ों पर अपना चेहरा रगड़ने लगी। ममता की गाँड़ के दरार के बीच अपनी नाक लगा सूंघ रही थी। वहां गीली बुर की खुश्बू आ रही थी। कविता की जुबान काबू नहीं रख पाए और ममता की भीगी बुर पर को चाटने लगी। ममता सिहर उठी। कविता के जुबान के एहसास से वो कामोन्माद में बहने लगी। गाँड़ के छेद पर टकराती उसकी सांसें, और बुर पर गीली जीभ का अनमोल एहसास से उसकी आंखें अनायास बंद हो गयी। इस वक़्त ममता का चेहरा बेहद उत्तेजना वर्धक लग रहा था। वो खुद भी उत्तेजना में आ रही थी।
जय ने दोनों को बिस्तर पर आने को कहा। दोनों सिर्फ साये में बिस्तर पर आ गयी। एक तरफ खेली खिलाई पकी बुर और दूसरी तरफ कम चुदी कमसिन कच्ची बुर। जय की तो लॉटरी लगी थी। जय उन दोनों को बिस्तर पर ऐसे महसूस किया जैसे दो शेरनी हो। दोनों एक दूसरे पर टूटी थी। एक दूसरे की चुच्ची लगातार सहला और दबा रही थी। दोनों की सांसें एक दूसरे से टकड़ा रही थी।
कविता- हहम्ममम्म, आआहह उमम्म ऊई । फिर कविता ने ममता को लिटा दिया और उसको किस करने लगी। ममता भी उसे मना नहीं कर रही थी। तभी उसकी नज़र जय से टकराई और वो झेंप गयी।
जय- ममता क्यों शर्मा रही हो? अपने पति के सामने अपनी सौतन के साथ सेक्स कर रही हो इसलिए?
ममता कुछ नहीं बोली।
जय- आज तुम दोनों के लिए सरप्राइज है, ये देखो। जय ने उन दोनों को एक बट प्लग दिखाया।
ममता- ये क्या है?
कविता- उम्म्म्म्म ममता के चुच्चियों को चूस रही थी, वो चूसना छोड़कर बोली," आआहहहह .... वाओ ये तो बट प्लग है, इसको गाँड़ में घुसाके रखते हैं। चुदाई के दौरान और ऐसे भी। बहुत सी महिलाएं इसको घुसाना बहुत पसंद करती हैं। नार्मल काम करते हुए, बाजार घूमते हुए, सब घुसाके करती हैं।