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जय- आज तो तुम्हारा खाली गाँड़ चोदेंगे।
ममता- तो मारो ना हमारी गाँड़, ये तो मरवाने के लिए ही बनी है।
जय- बिल्कुल सही, और तुमको पता है, औरतों के बाल लंबे क्यों होते हैं, ताकि हम चुदाई के दौरान इनको हैंडल की तरह इस्तेमाल कर सकें।" कहकर उसने ममता के बाल कसके खींच लिए, जिससे उसका सर ऊपर की ओर तन गया। जय ने उसके गाँड़ पर थूक दिया और लण्ड से फैला दिया। कविता ने अपने मुंह से थूक निकालकर ममता की गाँड़ के छेद पर मल दिया। उसने अपनी दो उंगलियां भी गाँड़ में घुसा दी, ताकि थोड़ा ढीला हो जाये। कुछ ही देर में ममता की गाँड़ की भूरी छेद, तैयार हो चुकी थी। जय ने अपना लण्ड उसकी गाँड़ में घुसाने लगा। ममता के मुंह से आँहें निकल रही थी, आखिर लण्ड को गाँड़ में एडजस्ट करने तक हर औरत कराहती है। जय इससे परिचित था, इसलिए कुछ देर रुका। जब ममता की कराह, मस्ती भरी आहों में तब्दील हो गयी, तो उसकी कमर में भी चाल आ गयी। चोदते हुए उसने कविता से कहा," कविता दीदी अपना बट्ट प्लग गाँड़ में डाल के रखो। हम चाहते हैं, की तुम अपना गाँड़ लण्ड के लिए तैयार रखो।" कविता प्यासी नज़रों से देख कर बोली," जय, बट्ट प्लग बाहर है।
जय- तो चली जाओ, और लगाके आओ।" कविता बोली," हम बाहर नहीं जाएंगे अभी।" ये बोलकर उसने अपनी गाँड़ में थूक लगाकर सीधे तीन उंगलियों को घुसा लिया। जय की ओर देखते हुए अंदर बाहर करने लगी। जय को ये बहुत उत्तेजक लग रहा था।जय उसकी बुर पर थप्पड़ मारते हुए बोला," क्या मस्त गाँड़ और बुर पाई हो तुम, बिल्कुल चिकने चूतड़, और रसेदार बुर। तुम दोनों बिल्कुल पोर्नस्टार जैसी हरक़तें कर रही हो। दीदी तुमको तो मॉडलिंग करनी चाहिए। माँ भी थोड़ी फिट हो जाये, तो हम तुम दोनों को न्यूड मॉडलिंग करवाएंगे।"
कविता- तुम जो चाहे करवाओ, अब तो हम बीवी है तुम्हारे, हमको बीच बाजार नंगी करवाओगे, तो भी होना पड़ेगा। अब तो तुम्हारी इच्छा को पूरा करना, हमारी मान मर्यादा से कहीं ऊपर है।
जय- सच।
कविता- आजमा के देख लो।
जय- तो फिर तुम अपनी गाँड़ में अब मुट्ठी बनाके घुसा लो। तुम्हारी गाँड़ देखते हैं, कितना सह पाती है।
कविता मुस्कुराते हुए," बड़े, गंदे हो भैया। गाँड़ में मुट्ठी से गाँड़ का तो छेद पूरा फैल जाएगा और दर्द भी होगा।"
जय- तो क्या हुआ तुम्हारा हाथ और हमारा लण्ड एक ही साइज तो है। घुसाओ ना।
कविता ने और थूक मला, और बची हुई दोनों उंगली, गाँड़ की कसी हुई छेद में किसी तरह घुसानी चाही। उसका दर्द से बुरा हाल हो गया। पर उस बेचारी का समर्पण, था कि वो हिली नहीं। दर्द को सहते हुए, पांचों उंगली गाँड़ में घुसा ली। ममता चुदते, हुए अपनी बेटी से बनी सौतन का हौसला बढ़ा रही थी। ममता,"बेटी, तुम बहुत, लायक बीवी हो, जो अपने पति, के लिए हर हद पार कर रही हो।"
ममता- तो मारो ना हमारी गाँड़, ये तो मरवाने के लिए ही बनी है।
जय- बिल्कुल सही, और तुमको पता है, औरतों के बाल लंबे क्यों होते हैं, ताकि हम चुदाई के दौरान इनको हैंडल की तरह इस्तेमाल कर सकें।" कहकर उसने ममता के बाल कसके खींच लिए, जिससे उसका सर ऊपर की ओर तन गया। जय ने उसके गाँड़ पर थूक दिया और लण्ड से फैला दिया। कविता ने अपने मुंह से थूक निकालकर ममता की गाँड़ के छेद पर मल दिया। उसने अपनी दो उंगलियां भी गाँड़ में घुसा दी, ताकि थोड़ा ढीला हो जाये। कुछ ही देर में ममता की गाँड़ की भूरी छेद, तैयार हो चुकी थी। जय ने अपना लण्ड उसकी गाँड़ में घुसाने लगा। ममता के मुंह से आँहें निकल रही थी, आखिर लण्ड को गाँड़ में एडजस्ट करने तक हर औरत कराहती है। जय इससे परिचित था, इसलिए कुछ देर रुका। जब ममता की कराह, मस्ती भरी आहों में तब्दील हो गयी, तो उसकी कमर में भी चाल आ गयी। चोदते हुए उसने कविता से कहा," कविता दीदी अपना बट्ट प्लग गाँड़ में डाल के रखो। हम चाहते हैं, की तुम अपना गाँड़ लण्ड के लिए तैयार रखो।" कविता प्यासी नज़रों से देख कर बोली," जय, बट्ट प्लग बाहर है।
जय- तो चली जाओ, और लगाके आओ।" कविता बोली," हम बाहर नहीं जाएंगे अभी।" ये बोलकर उसने अपनी गाँड़ में थूक लगाकर सीधे तीन उंगलियों को घुसा लिया। जय की ओर देखते हुए अंदर बाहर करने लगी। जय को ये बहुत उत्तेजक लग रहा था।जय उसकी बुर पर थप्पड़ मारते हुए बोला," क्या मस्त गाँड़ और बुर पाई हो तुम, बिल्कुल चिकने चूतड़, और रसेदार बुर। तुम दोनों बिल्कुल पोर्नस्टार जैसी हरक़तें कर रही हो। दीदी तुमको तो मॉडलिंग करनी चाहिए। माँ भी थोड़ी फिट हो जाये, तो हम तुम दोनों को न्यूड मॉडलिंग करवाएंगे।"
कविता- तुम जो चाहे करवाओ, अब तो हम बीवी है तुम्हारे, हमको बीच बाजार नंगी करवाओगे, तो भी होना पड़ेगा। अब तो तुम्हारी इच्छा को पूरा करना, हमारी मान मर्यादा से कहीं ऊपर है।
जय- सच।
कविता- आजमा के देख लो।
जय- तो फिर तुम अपनी गाँड़ में अब मुट्ठी बनाके घुसा लो। तुम्हारी गाँड़ देखते हैं, कितना सह पाती है।
कविता मुस्कुराते हुए," बड़े, गंदे हो भैया। गाँड़ में मुट्ठी से गाँड़ का तो छेद पूरा फैल जाएगा और दर्द भी होगा।"
जय- तो क्या हुआ तुम्हारा हाथ और हमारा लण्ड एक ही साइज तो है। घुसाओ ना।
कविता ने और थूक मला, और बची हुई दोनों उंगली, गाँड़ की कसी हुई छेद में किसी तरह घुसानी चाही। उसका दर्द से बुरा हाल हो गया। पर उस बेचारी का समर्पण, था कि वो हिली नहीं। दर्द को सहते हुए, पांचों उंगली गाँड़ में घुसा ली। ममता चुदते, हुए अपनी बेटी से बनी सौतन का हौसला बढ़ा रही थी। ममता,"बेटी, तुम बहुत, लायक बीवी हो, जो अपने पति, के लिए हर हद पार कर रही हो।"