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Incest क्या ये गलत है ? (completed)

Harshit

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Jaisa ki iss kahani ka title hai kya ye galat hai to meri nazar me nahi ye galat nahi hai ye bilkul sahi hai aur aur bhi jyada sahi tab hoga jab ye kahani puri complete hogi real life me bhi sage bhai bahan aapas mai chudaie karte hain ye bilkul sach hai
 

xxxlove

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Badhiya story hai Rakesh bhai please continue kro
 
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Rakesh1999

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Jaisa ki iss kahani ka title hai kya ye galat hai to meri nazar me nahi ye galat nahi hai ye bilkul sahi hai aur aur bhi jyada sahi tab hoga jab ye kahani puri complete hogi real life me bhi sage bhai bahan aapas mai chudaie karte hain ye bilkul sach hai

थैंक्स bhai
 
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Rakesh1999

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Badhiya story hai Rakesh bhai please continue kro

अपडेट कल आएगा।
 

Sandy66

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कहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही।
कहानी के बारेे में अपनी राय अवश्य लिखे।
Bahut badhiya...mamta ko bhi shamil kro... keep it within family and include romance
.. waiting for next update
 
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Rakesh1999

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जय अपनी बहन को अपने गोद में नंगी बैठाए हुए था। उसका लण्ड कविता की गाँड़ के नीचे दबा हुआ था। कविता अपने भाई के मुंह मे चबाया हुआ निवाला बड़े शौक़ से खा रही थी। उसे ये बहुत उत्तेजक और अलग लग रहा था। आखिर कोई बहन अपने ही भाई के गोद मे नंगी बैठके ऐसे खाना थोड़े ही खाती है। जय जब उसे निवाला देता था, तो उसको चुम्मा भी लेता था। कविता इसमें बड़े मजे से चुम्मा दे रही थी। जय बीच बीच में कविता की लटों को संवारता भी था। कविता बोली- ऐसे खाने में हमको मेहनत ही नहीं करनी पड़ेगी, सब तुम चबाके दे रहे हो। जय- ऐसे जूठा खाने से प्यार बढ़ता है, कविता दीदी। कविता - तुम हमको बस कविता कहो ना, अब तो तुमको पूरा हक है। जय- जानते हैं, पर इस रिश्ते में रहकर जब हम तुमको चोदते हैं तभी तो मज़ा आता है। कभी सोची हो कि तुम इतनी उत्तेजना में क्यों आ जाती हो जब तुम चुद रही होती है। क्योंकि तुम अपने सगे छोटे भाई से काम क्रीड़ा कर रही होती हो। ये जो रिश्ता हमारे बीच है, हमारी चुदाई में गरम मसाला के तरह है, जो हमारी चुदाई को मसालेदार बना देती है। इसीलिए जब चुदाई के दौरान कभी तुम्हे कविता दीदी या रंडी बोलते है, भाई बहन का पवित्र रिश्ता ताड़ ताड़ और ज़लील होता है। तभी तो तुम्हारी बुर और पानी छोड़ती है।
कविता हंसी और जय को चुम्मा लेते हुए बोली- सही कहा भैया, चुदाई तो पति पत्नी भी करते हैं, गर्लफ्रैंड और बॉयफ्रेंड भी करते हैं, पर उसमे चुदाई वैध है। पर भाई बहन के रिश्ते में तो चुदाई का सवाल ही नहीं उठता। तभी तो मज़ा आता है इतना तुमसे चुदने में। हाय देखो ना सुनके ही चुच्चियाँ तनने लगी।
जय- हाँ दीदी इसलिए हम इस रिश्ते को बनाये रखेंगे। और ये हमारी सच्चाई भी है। हमारा लण्ड भी तनने लगा है, तुम्हारी बुर से सटके।
कविता- भाई तुम कितने अच्छे हो ।
दोनों ने खाना लगभग एक घंटे में खाया। कविता थाली लेके उठने लगी। उसने उठकर जय के लण्ड को छू लिया, और हंसते हुए किचन की ओर जाने लगी। जय ने कविता को पीछे से देखा, जब वो चल रही थी तो उसकी गाँड़ हिलोडे मार रही थी। कभी उछलके दांये तो कभी बायें। जैसे किसी धुन पर नाच रही हो। कविता की गाँड़ थी भी बहुत मस्त। उन मस्त बड़े चूतड़ों से उसका यौवन खूब निखर जाता था। बड़े बड़े तरबूज़ जैसे थे उसके चूतड़। चलते वक़्त उसकी चाल की वजह से चूतड़ों में जो कंपन होती थी, तो किसी भी मर्द का दिल आ जाये। यहाँ तो खैर वो नंगी चल रही थी, जो जय को पागल बना रही थी। कविता की आवाज़ जब उसके कानों से टकराई, तो वो होश में आया।
कविता- दूध पियोगे ना भाई, हम लेके आ रहे हैं।
जय शैतानी से - तुम्हारे पास दूध है??
कविता पूरी गंभीरता से बोली - हाँ, भाई है ना। बहुत है 1 लीटर। आज तो ज़्यादा भी है।
जय- पर हमको तो दिखा नहीं। कविता- भाई, है बेफिक्र रहो, हम रखे हैं।
जय - है पक्का ना?
कविता की दिमाग की बत्ती तब जली, वो दरवाज़े पर आई थप्पड़ का इशारा किया और जय से झूठा गुस्सा दिखाते हुए हंसकर बोली, आते हैं , खूब पिलायेंगे तुमको हम दूध। जय ने हंसकर बोला- आ जाओ वहां से क्या बोल रही हो।
कविता बोली रुक जाओ ज़रा आती हूँ, फिर अंदर चली गयी।
 

Rakesh1999

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जय अपने कमरे में गया और वियाग्रा की गोली ले आया। फिर अपनी जगह पर बैठ गया। कविता फिर दूध लेके आ गयी। कविता के हाथ मे दो गिलास दूध थे। कविता ने दोनों को टेबल पर रखा। जय ने अपनी हार्ड ड्राइव कनेक्ट कर दी थी, उसमें उसने एक गंदी पोर्न फ़िल्म लगा दी। स्टार्टिंग में ही कुछ सीन्स थे, जो कि पूरी फिल्म की ट्रेलर जैसी थी। हीरोइन्स के नाम अभी स्क्रीन पर आ रहे थे। उसमें एक लड़की दूसरे लड़की की चुदती हुई गाँड़ से ताज़ा निकला लण्ड चूस रही थी, और उस लड़की की गाँड़ भी चाट रही थी।
अगले सीन में दो लड़कियां उसका मूठ मुंह मे भरकर एक दूसरे की मुंह मे डाल रही थी। कविता ये सब देख रही थी। वो अपने भाई को टोक भी नही रही थी, तभी जय ने कविता को देखा। कविता एक टक वो सीन देखे जा रही थी। जय ने कविता को खींचके अपने गोद मे बिठा लिया, अपनी बांयी जांघ पर। कविता अभी भी स्क्रीन देख रही थी। जय- क्या सोच रही हो, दीदी?
कविता अपने गले से थूक घोंटकर हल्की आवाज़ में बोली- ऊउ। कविता की नज़र जय पर पड़ी। कुछ नहीं, भाई ऐसे चुदने में कोई खतरा तो नहीं होता ना। जिस तरह वो एक दूसरे की गाँड़ चाट रही है। पता नहीं पर हमको ये सब देखकर बड़ा मजा आता है।
जय- तुम करोगी ? कविता दीदी।
कविता- हम क्या बोलें, हमारे यहां लोग ऐसे चुदाई थोड़े ही करते हैं। पर करने में मज़ा आता होगा ना?
जय- तुम ठीक कहती हो, पर आजकल भारत मे भी लोग ये सब करना शुरू कर चुके हैं।ये तो कुछ भी नहीं है, लोग इससे गंदी चुदाई भी करते हैं।


कविता- कैसे? जय- वो बाद में बताऊंगा। पहले ये लो और वियाग्रा की एक टेबलेट उसको दे दी। कविता बोली ये कैसा टेबलेट है ? जय ने खुद एक टेबलेट दूध के साथ ले ली। कविता ये वियाग्रा है इससे चुदाई की टाइमिंग बढ़ जाती है। कविता बोली- इसकी क्या ज़रूरत है? तुम तो अच्छे से कर ही रहे हो। जय बोला आज की रात तुमको बहुत चुदना है, इसलिए ये खा लो। देखो हमने भी खा लिया है।
कविता- ठीक है, तुम कहते हो तो खा लेते हैं। उसने भी दूध के साथ ले लिया। कविता फिर बोली- तुमने कहा था कि कुछ नियम बनाओगे। बताओ ना।
जय- बताएंगे पहले दूध तो पी लो।
कविता- नहीं भाई पहले बताओ ।
जय - ठीक है, हम तुम्हारे लिए 3 नियम बनाये हैं। पहला अभी से एक हफ्ते तक तुम नहाओगी ही नहीं।
कविता- भाई पर ..........
जय बीच मे ही काटते हुए बोला- सससस........ पहले सुन लो। दूसरा तुम बिन कपड़ो के रहोगी, जब तक तुम और हम अकेले रहेंगे।
कविता- और तीसरा ?
जय- ये की हम जब चाहे तब तुम्हारे लिए नियम बना सकते हैं और बदल सकते हैं।
 

Rakesh1999

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कविता- ये कैसे नियम बनाये हो तुम? हम नहाएंगे नहीं तो शरीर पर कितना गंदगी हो जाएगा। पसीना से बदन में नोचने लगेगा। ऊपर से गर्मी का महीना चल रहा है, हमारा तो हालात खराब हो जाएगा। कपड़े तो चलो नही पहनेंगे, पर बिना नहाए रहना बहुत दिक्कत हो जाएगा।
जय ने कविता के चूतड़ पर हल्का बिठ्ठू काट लिया। कविता चिहुंक उठी, उसके मुंह से आआहहहहहहह,
जय- तभी तो मज़ा आएगा, तुम नहीं नहाओगी तो तुम्हारे बदन में एक अजीब सी खुसबू पनपेगी, जब दोनों चुदाई करेंगे और बुर लण्ड का पानी एक दूसरे के बदन पर लगेगा, जो कि पसीने से मिलेगा तब तुम्हारे बदन से जो खुसबू आएगी, कितनी कामुक होगी। तुम्हारे बदन के हर हिस्से पर हम मूठ लगाएंगे। जब तुम नहीं नहाओगी तो वो तुम्हारे बदन पर डिओ जैसा काम करेगा। तुम चेहरा नहीं धो सकती हो, मेक अप कर सकती हो, पर सेंट या डिओ नहीं लगा सकती। बाल में सिर्फ कंघी करोगी, पर बाँधोगी नहीं। पसीना आये तो पोछना नहीं है, उसे ऐसे ही लगे रहने देना, हाँ पसीने को तुम सुखाने की कोशिश कर सकती हो, सिर्फ पंखे के नीचे जाके। तुम जब ऐसे रहोगी,तो फिर हम तुम्हारे बदन को चाटेंगे। ऊफ़्फ़फ़फ़ सोचके ही मज़ा आ रहा है
कविता अपने भाई को बस देखती रही, जिस बेशर्मी से वो ये सब बोल गया, उसके मन को भी रोमांचित करने लगा। कविता, क्या तुम भी नहीं नहाओगे?
जय- अगर तुम चाहो तो? कविता- दोनों ऐसे ही रहेंगे।
कविता ने फिर बोला, की तीसरा नियम तुमने बहुत सोच समझ के बनाया है, जब मन चाहे वो करोगे? शैतान कहीं का। जय मुस्कुराया और बोला, ऐसे ही IAS की तैयारी थोड़े ही करते हैं, कविता दीदी। कविता भी हंस पड़ी जोर से। उसकी बत्तीसी दिख रही थी। हीरे जैसे दांत थे कविता के। हंसते हुए उसकी चुच्चियाँ हिल रही थी, " क्या... क्या बोले, IAS की तैयारी, यही सब पूछते हैं क्या, UPSC की परीक्षा में, हाहाहाहा...... । कविता हंसती जा रही थी। जय भी हंसते हुए कविता को देखे जा रहा था। उसने अपनी दीदी को बहुत दिनों बाद ऐसे हंसते देखा था। उसने कविता के गाल में बने डिंपल को खूब निहारा। जय आखिर बोल उठा, " हंसो, हंसते हुए तुम कितनी सुंदर लगती हो, तुम्हारी हंसी तो जैसे कहीं खो गयी थी, बहुत दिनों बाद लौटी है। इस सुंदर चेहरे से ये हंसी खोने मत दो। तुम जब हंसती हो, तो हमारे चारों ओर खुशियां फैल जाती हैं।"
 
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