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Incest खाला और अम्मी की चुदा‌ई (Completed)

shakirali

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नज़ीर ने अम्मी और अम्बरीन खाला को बेड पर सीधा लिटा दिया। फिर उसने अम्मी की टाँगें खोलीं और उनकी चूत चाटने लगा। उसकी लम्बी ज़ुबान शपाशप मेरी अम्मी की उभरी हुई चिकनी चूत पर तेज़ी से चलने लगी। उसने अपने दोनों हाथ अम्मी के चूतड़ों के नीचे रखे और उन्हें थोड़ा ऊपर उठा दिया। वो उनकी गाँड के सुराख से ले कर उनकी चूत के ऊपरी हिस्से तक अपनी ज़ुबान फेर रहा था। अम्मी अपनी चूत और गाँड के सुराख पर नज़ीर की ज़ुबान बर्दाश्त ना कर सकीं और उनके मुँह से मस्ती भरी आवाज़ें निकलनी शुरू हो गयीं। अम्बरीन खाला उनके साथ ही लेटी थीं और अपनी बहन की हालत देख कर खुद भी गरम हो गयी थीं और अपनी चूत पर हाथ फेर रही थीं। करामत भी अम्मी की हालत देख कर बे-काबू हो रहा था।

वो नज़ीर से पूछे बगैर बेड पर चढ़ा और अम्बरीन खाला के ऊपर लेट गया। उसने अम्बरीन खाला के मुँह पे ज़ोर-ज़ोर से बहुत सी चुम्मियाँ लीं और उनके मुलायम मम्मों को हाथों में ले कर बुरी तरह चूसने लगा। अम्बरीन खाला ने भी “ऊँऊँहहह ऊँऊँहहह” शुरू कर दी और उनकी टाँगें खुद-ब-खुद खुल गयीं। करामत अम्बरीन खाला पर चढ़ा हुआ था और जब उनकी टाँगें खुलीं तो वो अपने जिस्म के दर्मियाने हिस्से को पूरी तरह उनकी चूत के ऊपर ले आया। उसका लंड अम्बरीन खाला की चूत और गाँड के सुराख से टकराता हुआ बेड की चादर से थोड़ा ऊपर आ गया।

अम्बरीन खाला के मम्मे अच्छी तरह चूसने के बाद करामत नीचे की तरफ़ खिसका और उनकी चूत चाटने लगा। अम्बरीन खाला बेड पर कसमसाने लगीं और उनके मुँह से एक तवातुर के साथ आवाज़ें बरामद होने लगीं। करामत उनकी चूत के कुछ हिस्से को मुँह में लेता तो उनके जिस्म में जैसे करंट दौड़ जाता। दोनों बहनों के मुँह से निकलने वाली मस्ती भरी आवाज़ें एक दूसरे में मद्घम हो रही थीं।

करामत ने फिर उठ कर अम्बरीन खाला के मुँह में अपना लंड दे दिया। वो उसका लम्बा लंड पूरा अपने मुँह में नहीं ले सकती थीं लेकिन बहरहाल वो उस का टोपा और टोपे से नीचे का काफी हिस्सा चूसती रहीं। करामत के टट्टे इस दौरान पेंडुलम की तरह हिलते रहे।

अम्बरीन खाला उसके लंड के टोपे को बड़ी अच्छी तरह चाट रही थीं और वो खूब मज़े ले रहा था। करामत ने ज़बरदस्ती अपने लंड को अम्बरीन खाला के मुँह के और अंदर करने की कोशिश की। शायद उसके लंड का टोपा उनके हलक़ में लगा और वो खाँसने लगीं। नज़ीर ने करामत से कहा कि एहतियात करे। करामत मुस्कुरा दिया।
 

shakirali

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नज़ीर ने अब अम्मी को अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा। अम्मी ने अपनी चढ़ी हुई साँसों को काबू करने की कोशिश की और नज़ीर के पेट पर बैठ गयीं। फिर उन्होंने अपने मोटे चूतड़ ऊपर उठाये और नज़ीर के थूक में लिथड़ी हुई अपनी चूत उसके लंड के बिल्कुल ऊपर ले आयीं। नज़ीर ने अपना लंड हाथ में पकड़ा और उसे अम्मी की चूत के अंदर करने लगा। उसके लंड का टोपा अम्मी की चूत को खोलता हुआ उसके अंदर घुस गया। अम्मी के चेहरे पर हल्की सी तक़लीफ नज़र आने लगी।

नज़ीर ने उनकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर लगा कर उनके जिस्म को नीचे की तरफ़ दबाया। उसका लंड फंस-फंस कर अम्मी की चूत में गायब हो गया। चंद सेकंड रुक कर नज़ीर ने अम्मी कि चूत में एक ज़बरदस्त घस्सा मारा। अम्मी के मुँह से ज़ोर की आवाज़ निकली। अब वो नज़ीर का पूरा लंड अपने अंदर ले चुकी थीं। नज़ीर ने अम्मी के मम्मे पकड़े और उन्हें अपनी तरफ़ खींचते हुए नीचे से उनकी चूत में घस्से मारने लगा। अम्मी उसके सीने पर झुक गयीं और नज़ीर ने उनके होंठ अपने मुँह में ले लिये।

कुछ देर इस तरह अम्मी को चोदने के बाद नज़ीर ने अपने दोनों हाथ अम्मी के चूतड़ों के पीछे ला कर उन्हें मज़बूती से पकड़ लिया और उन्हें अपने लंड पर आगे-पीछे करने लगा। अम्मी के गोरे चूतड़ों पर उसके काले हाथ ऐसे लग रहे थे जैसे दो सफ़ेद घड़ों पर काले रंग से इंसानी हाथों के निशान बना दिये गये हों।

अम्मी भी मस्ती के आलम में नज़ीर के सीने पर हाथ रख कर अपने जिस्म को ऊपर उठा रही थीं ताकि उसका लंड आसानी से उनकी चूत ले सके। नज़ीर के हर घस्से पर अम्मी का मुँह खुल जाता और वो ज़ोर-ज़ोर से “ऊँऊँहहह ऊँऊँहहह” करने लगती थीं। नज़ीर ने कहा कि – “तुम्हारी फुद्दी में भी बिल्कुल तुम्हारी बहन जैसा मज़ा है।“ अम्मी मस्ती से अपनी चूत मरवाती रहीं और कोई जवाब नहीं दिया। उनके लंबे और रेशमी बाल नज़ीर के एक कंधे पर पड़े हुए थे। कुछ ही देर में उसके लंड पर अम्मी के मोटे चूतड़ों की उछल-कूद तेज़ हो गयी और वो अपने मोटे मम्मे हिला-हिला कर ज़ोरदार आवाज़ें निकालते हुए खल्लास हो गयीं। खल्लास होने की वजह से उनका सारा जिस्म थर्रा रहा था। रफ़्ता-रफ़्ता नज़ीर के लंड पर उनके चूतड़ों की हर्कत आहिस्ता होने लगी।
 

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मुझे अम्मी की गाँड का सुराख साफ़ नज़र आ रहा था और उससे ज़रा नीचे नज़ीर का मोटा लंड भी जो आधा अम्मी की चूत के अंदर था। उसके लंड के ऊपर अम्मी की चूत से निकलने वाला पानी एक लकीर बनाता हुआ उसके टट्टों की तरफ़ बह रहा था। उसकी बड़ी उंगली अम्मी कि गाँड के सुराख पर रखी हुई थी। कुछ देर अम्मी की चूत मारने के बाद नज़ीर ने रुक कर अपने लंड को एक हाथ में पकड़ा और दूसरे हाथ से अम्मी के चूतड़ों को हर्कत देते हुए उसे उनकी चूत में सही जगह फिट करके फिर घस्से मारने लगा। थोड़ी देर बाद उसने अम्मी को सीधा लिटाया और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। अब उसका लंड फिर अम्मी कि चूत को फाड़ रहा था। वो अम्मी को चोदते हुए उनके कान में कुछ कह भी रहा था लेकिन मैं सुन नहीं सकता था।

करामत ने इस पोज़िशन में अम्बरीन खाला के जिस्म को अच्छी तरह चूमने और चाटने के बाद उन्हें बेड पर लिटा दिया था। उसने उनके ऊपर आ कर उनकी चूत के अंदर एक ऐसा घस्सा मारा कि उसका पूरा लंड एक झटके से अम्बरीन खाला की चूत के अंदर चला गया। जब उसका लम्बा लंड अम्बरीन खाला की चूत में घुसा तो बे-साख्ता उनकी चींख निकल गयी। अम्मी ने नज़ीर के नीचे लेटे-लेटे अम्बरीन खाला की तरफ़ देखा और फिर अपनी आँखें बंद करके उस के मोटे लंड का मज़ा लेने लगीं।

कुछ ही देर में अम्बरीन खाला की चूत करामत का लंड ज़रा सहुलियत से लेने लगी और वो उन्हें तेज़-रफ़्तार से चोदने लगा। उसने अचानक अपने लंड को अम्बरीन खाला की चूत में गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया। अम्बरीन खाला का मुँह खुल गया और वो अपने चूतड़ों को ज़ोर-ज़ोर से ऊपर उठाने लगीं। अब करामत और अम्बरीन खाला दोनों ही घस्से मार रहे थे। अम्बरीन खाला करामत के लंड पर घस्से मार रही थीं और करामत अम्बरीन खाला की चूत में घस्से लगा रहा था। एक मिनट बाद ही अम्बरीन खाला छूट गयीं और उनके मुँह से निकलने वाली आवाज़ें पहले कुछ और तेज़ हुईं और फिर दम तोड़ने लगीं।

करामत उनके खल्लास होने से और बिफर गया और उसके घस्सों में शिद्दत आ गयी। उसका लंड अम्बरीन खाला की पानी से भरी हुई चूत में ‘शपड़-शपड़’ की आवाज़ों के साथ आ जा रहा था। चंद लम्हों के अंदर ही अम्बरीन खाला ने एक बार फिर तेज़-तेज़ “ऊँऊँहहह आआंआंह” शुरू की और बड़े खौफ़नाक तरीके से दूसरी दफ़ा खल्लास हो गयीं। उनकी चूत से निकलने वाले पानी ने बेड की नीली चादर पर काफी बड़ा गोल-सा निशान बना दिया था। करामत उनकी हालत से बे-नियाज़ उसी तरह अपने लंड से उनकी चूत की धज्जियाँ उड़ाता रहा और उसके टट्टे अम्बरीन खाला की गाँड के सुराख से ‘थप-थप’ टकराते रहे।
 

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कुछ देर में नज़ीर ने अम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और करामत से कहा कि वो अब अम्बरीन खाला की फुद्दी मारना चाहता है। करामत फौरन अम्बरीन खाला के ऊपर से उठ गया और आ कर अम्मी के मोटे मम्मे चूसने लगा। नज़ीर ने पहले तो अम्बरीन खाला के आठ-दस बोसे लिये और फिर उनके मम्मे मसलते हुए उनको अपने लंड पर बिठा लिया। उन्होंने इस दफ़ा नज़ीर का मोटा लंड बड़ी आसानी से अपनी चूत में ले लिया और उस पर ऊपर नीचे होने लगीं। कुछ देर तक अम्बरीन खाला के मम्मे हाथों में पकड़ कर नज़ीर उन्हें इसी तरह चोदता रहा।

फिर उसने अम्बरीन खाला को कुत्तिया बनाया और पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसके घस्सों के ज़ोरदार झटकों से अम्बरीन खाला के मोटे मम्मे बे-काबू हो कर ज़ोर-ज़ोर से झूलने लगे। कोई आठ दस मिनट तक उन्हें पीछे से चोदने के बाद नज़ीर ने एक दफ़ा फिर उनका पानी छुड़ा कर उनकी चूत की जान छोड़ी और दो तकिये सर के नीचे रख कर बेड पर लेट गया। अम्बरीन खाला भी वहीं अपनी टाँगें फैला कर के लेटी हुई अपनी साँसें काबू करने लगीं।

करामत उस वक़्त अम्मी के चूतड़ों को खोल कर उनकी चूत और गाँड के सुराख को चाट रहा था। नज़ीर ने अम्मी से कहा कि वो उसका लंड चूसें और अपनी बहन की चूत के पानी का मज़ा लें। उसने हंस कर कहा कि आज वो उन्हें लंदन की सैर करायेगा। अम्मी मुस्कुराते हुए करामत के पास से हट गयीं। वो एक लम्हे के लिये रुकीं लेकिन फिर उन्होंने घुटनों के बल बैठ कर नज़ीर का गीला लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगीं। करामत ने भी अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया और अम्मी बारी-बारी उन दोनों के लंड चूसती रहीं।

थोड़ी देर तक अम्मी से अपना लंड चुसवाने के बाद करामत उनके चूतड़ों की तरफ़ आ गया और अपना लम्बा लंड हाथ में पकड़ कर उनकी फूली हुई चूत में अपनी बड़ी उंगली डाल कर हिलाने लगा। अम्मी ने फुसफुसाते हुए कहा कि – “उंगली नहीं अपना लंड अंदर डालो!” इस पर करामत ने एक झटके से अपने लंड को अम्मी की चूत के अंदर घुसेड़ दिया। अम्मी उस वक़्त नज़ीर का लंड चूस रही थीं लेकिन जब करामत ने अपना लंड अचानक उनकी चूत में डाला तो नज़ीर का लंड उनके मुँह से निकल गया। करामत ने फौरन ही अम्मी के चूतड़ों को पकड़ा और उनकी चूत में घस्से मारने लगा। उसका ताकतवर लंड अम्मी कि चूत को जैसे फाड़ता हुआ उसके अंदर जा रहा था। अम्मी के चेहरे पर तक़लीफ के आसार थे और वो अपनी चूत में लगने वाले हर घस्से पर “आआंआंहह... आंआंआईईई.... आआंआंहह... आआंआंहह...” कर रही थीं। करामत का लंड उनकी चूत में तेज़ी से अंदर-बाहर हो रहा था।
 

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अम्मी ने नज़ीर का लंड अपने हाथ में पकड़ा हुआ था लेकिन करामत के तेज़ झटकों की वजह से अब उसे चूस नहीं पा रही थीं। करामत का लंड अपने अंदर लेटे हुए अम्मी का तनोमंद जिस्म बार-बार दुहरा हो-हो जाता था। करामत ने अम्मी को काबू करने के लिये अपना एक हाथ उनकी गर्दन पर रखा और उन्हें नीचे दबा कर उनकी चूत में पूरी ताकत से घस्से मारने लगा। नज़ीर ने अम्मी के दोनों मम्मे हाथों में दबोच लिये और उन्हें अपनी चूत को करामत के लंड के ऊपर ही रखने पर मजबूर कर दिया। अम्मी अब आगे हो कर करामत के लंड से अपनी चूत को बचा नहीं सकती थीं। उन्होंने बे-बसी के आलम में अपना एक हाथ पीछे कर के करामत की रान पर रखा और उसे तेज़ घस्से मारने से रोकने की कोशिश की मगर वो अपने लंबे लंड से अम्मी कि चूत का कचूमर निकालने में मसरूफ रहा। वो इसी तरह अम्मी को चोदता रहा और अम्मी की मस्ती भरी चींखें बेडरूम में गूँजती रहीं। इसी तरह चींखें मारते मारते अम्मी फिर खल्लास हो गयीं।

अम्बरीन खाला नज़ीर के बिल्कुल साथ जुड़ कर लेटी थीं और अम्मी की मस्ती भरी चींखें उन पर भी असर कर रही थीं। मैंने उनके मम्मों के निप्पल अकड़ते हुए देखे। वो एक हाथ से अपना एक मम्मा मसल रही थीं और दूसरा हाथ से अपनी चूत। वो लंड लेने के लिये बेताब नज़र आ रही थीं लेकिन नज़ीर और करामत दोनों की तवज्जो अम्मी को चोदने पर मरकूज़ थी। बिल-आखिर नज़ीर ने अम्मी को करामत के हवाले किया और अम्बरीन खाला को अपने लंड पर बैठने को कहा। उन्होंने वक़्त ज़ाया किये बगैर नज़ीर के ऊपर टाँग पलटायी और उस का लंड अपनी चूत में ले लिया। दोनों बहनों को दो इंतेहाई तजुर्बेकार मर्द बे-तहाशा चोद रहे थे।

अम्बरीन खाला नज़ीर के लंड पर बैठी ही थीं कि तीन-चार मिनट में फिर खल्लास हो गयीं। नज़ीर हंसने लगा। उसने अम्बरीन खाला को बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया। अभी उसने उनकी चूत में दस-बारह घस्से ही लगाये थे कि उसके मुँह से अजीब भोंडी आवाज़ें निकलने लगीं। उसके काले चूतड़ अकड़ गये और उसने खल्लास होते हुए अम्बरीन खाला की चूत में अपनी सारी मनि छोड़ दी। फिर उसने अपना लंड उनके अंदर से निकाला और उनके साथ लेट गया।

करामत अब भी अम्मी की चूत में घस्से मार रहा था और उसका मुँह जिस्मानी मुशक्कत से लाल हो रहा था। वो भी अब यकीनन छूटने के क़रीब था। उसने चंद ज़ोरदार घस्सों के बाद अपने लंड को अम्मी की चूत में पूरा घुसा कर दबा दिया और वहीं रुक गया। फिर अपना पूरा मुँह खोल कर उसने अम्मी के चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उनके अंदर अपनी मनि डालने लगा। अम्मी की चूत में अपनी मनि का आखिरी कतरा डालने के बाद वो उनके बगल में लेट गया।.
 

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जब नज़ीर और करामत फारिग हुए तो मुझे लगा कि चलो काम निपट गया लेकिन मेरा ख्याल बिल्कुल गलत था। दो-तीन मिनट तो चारों बेड पर लेटे अपनी-अपनी साँसें संभालते रहे। फिर नज़ीर ने मेरी अम्मी और अम्बरीन खाला से पूछा कि उन्हें भी मज़ा आया कि नहीं। इस बार दोनों ने मुस्कुराते हुए “हूँहूँ” करके हाँ में जवाब दिया। चारों में से किसी ने भी अपने नंगे जिस्म को ढकने की ज़हमत नहीं की। उनके लिये मैं तो जैसे वहाँ मौजूद ही नहीं था। फिर अचानक नज़ीर मुझसे मुखातिब होते हुए बोला – “तुम्हें मज़ा आया अपनी अम्मी और खाला को चुदते देख कर?” मैं कुछ नहीं बोला और नज़रें झुका लीं। मेरा लंड अभी भी पैंट के अंदर तन कर खड़ा था लेकिन शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी। फिर वो मुझसे बोला कि उनके पीने लिये कुछ ठंडा ले कर आऊँ। मैं किचन में जाकर पाँच बड़े गिलसों में बर्फ़ के साथ पेप्सी डालने लगा। मुझे बेडरूम से अम्मी और अम्बरीन खाला के कुछ बोलने और खिलखिला के हंसने कि आवाज़ें सुनाई दे रही थी। जब मैं ट्रे में गिलास ले कर आया तो मैं बेडरूम के बाहर रुक कर अंदर चल रही गुफ़्तगू सुनने लगा।

नज़ीर बोल रहा था – “अभी तो और मज़ा आयेगा... जब हम दोनों मिल के तुम दोनों तो लंदन की सैर करवायेंगे!” अम्मी ने मुस्कुराते हुए पूछा – “लंदन की सैर? वो कैसे?”

“जब सैर करोगी तब देख लेना!” कहते हुए नज़ीर और करामत दोनों हंसने लगे और अम्मी और अम्बरीन खाला भी उनके साथ हंसने लगीं। ज़ाहिराना तौर पे दोनों बहनें इस हरामकारी में खुल कर शरीक़ हो रही थीं और बस मेरी मौजूदगी में शाइस्तगी का थोड़ा नाटक कर रही थीं। नज़ीर फिर बोला – “मेरी तो सलाह है कि थोड़ी शराब और पी लो तुम दोनों... मदहोशी में लंदन की सैर का पूरा मज़ा ले सकोगी।“

मैं ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुआ तो अम्मी और खाला चुप हो गयीं। चारों पहले जैसी ही नंगी हालत में थे। अम्मी और अम्बरीन खाला मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थीं। मैंने बेड के साइड में छोटी सी मेज़ पर ट्रे रख दी। चारों पेप्सी पीने लगे। इतने में अम्मी बेड से उतरकर नंगी ही ऊँची हील के सैंडल में चूतड़ मटकाती बेडरूम के अटैच्ड बाथरूम में चली गयीं। फिर अम्बरीन खाला भी अपनी पेप्सी खतम करके अम्मी की तरह नंगी ही सैंडल खटकाती हुई ड्राइंग रूम की तरफ चली गयीं। कुछ सेकंड के बाद खाला जब वापस आयीं तो उनके हाथ में शराब की वही आधी भरी बोतल थी जिसमें से वो और अम्मी नज़ीर के आने से पहले पी रही थीं। मेरे लंड की हालत खराब थी इसलिये मैं धीरे से बोला कि मैं अभी आता हूँ और बेडरूम से बाहर निकल कर अपने बाथरूम में मुठ मारने के लिये चला गया। मुठ मार के करीब दस मिनट के बाद जब मैं वापस अम्मी के बेडरूम में आया तो अम्मी और खाला बेड पर नज़ीर और करामत के बीच में बैठी शराब पी रही थीं। नज़ीर और करामत उनके जिस्मों को सहला रहे थे। अम्बरीन खाला ने भी शराब पीते हुए नज़ीर का लंड अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और हंसने लगीं। थोड़ी देर ऐसे ही छेड़छाड़ का सिलसिला चला और अम्मी और खाला ने काफी शराब पी ली थी और नशे में झूमने लगी थीं। अम्बरीन खाला को तो मैंने पहले पिंडी में होटल में नशे में चूर होते देखा था लेकिन अम्मी को मैंने इससे पहले कभी इतने नशे में नहीं देखा था। अब तो उन्हें मेरी मौजूदगी का भी कोई लिहाज़ या फिक्र नहीं थी।
 

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थोड़ी देर में ही फिर चुदाई का खेल शुरू हो गया। अम्मी खुद-ब-खुद नज़ीर का लंड चूसने लगीं और अम्बरीन खाला करामत का लंड चूस रही थीं। दोनों के लौड़े फिर अकड़ कर सख्त हो गये थे। नज़ीर बेड पर लेट गया और अम्मी को अपने लंड पर बैठने को बोला – “आजा मेरी जान... मेरा पूरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ ले... फिर करामत पीछे से तेरी गाँड में अपना लंड डाल कर चोदेगा तो लंदन के नज़ारे हो जायेंगे.... मज़ा आ जायेगा तुझे!”

अम्मी नशे में लरज़ती आवाज़ में जोर से एहतिजाज करते हुए बोली – “पागल हो गये तुम दोनों... इसका इतना बड़ा मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं जायेगा... और दो-दो लौड़े चूत और गाँड में एक साथ... कैसे... नहीं होगा!”

करामत अम्मी को हौंसला देते हुए बोला – “सब हो जायेगा... तुम पहले नज़ीर के लौड़े पर बैठ कर उसे अपनी चूत में तो लो... बाकी हम कर लेंगे... हम तुम्हारी गाँड और चूत दोनों को एक साथ चोद कर तो रहेंगे ही... बेहतर होगा तुम भी साथ दो!” नज़ीर ने भी कहा कि, “नखरे मत करो... हमारा साथ दोगी तो तुम्हें लंदन तो क्या चाँद की सैर करवा देंगे! वैसे तुम दोनों की गाँड के सुराख और उनके चारों और बनी हुई कटोरी से साफ ज़ाहिर है कि तुम दोनों खूब गाँड मरवाती हो!”

“हाँ मरवाती हूँ गाँड.... खूब मरवाती हुँ... लेकिन इतने बड़े खौफ़नाक लौड़े से कभी नहीं मरवायी... और वो भी दो-दो बड़े-बड़े लौड़े एक साथ मैं नहीं झेल पाऊँगी!” इतने नशे में भी अम्मी के लहज़े में मुखालफत के साथ-साथ खीझ भी साफ़ ज़ाहिर थी। लेकिन मैं तो अम्मी जो कह रही थीं वो सुनके सदमे में था। इतने में अम्बरीन खाला अम्मी की हौंसला अफ्ज़ाही करते हुए बोलीं – “यास्मीन... कुछ नहीं होगा... मैंने कईं दफ़ा दो-दो लंड एक साथ लिये हैं... बेहद मज़ा आता है!” अम्मी और अम्बरीन खाला नशे और हवस के आलम में एक के बाद एक अपने फाहिश राज़ ज़ाहिर कर रही थीं। जोश-ओ-खरोश में अम्मी फिर आगे बोल गयीं कि – “लिये तो मैंने भी हैं दो-दो लौड़े कईं दफ़ा... लेकिन इनके लौड़ों का साइज़ तो देख!”

नज़ीर का लंड सीधा खड़ा हुआ अम्मी के थूक से सना हुआ चमक रहा था। अम्मी ने और मुखालफत नहीं की और नज़ीर के दोनों तरफ टाँगें करके बैठते हुए आहिस्ता-आहिस्ता उसका लंड अपनी चूत में लेने लगीं। जब नज़ीर का पूरा लंड अम्मी की चूत में दाखिल हो गया तो मुझे सिर्फ उसके टट्टे ही नज़र आ रहे थे। अम्मी थोड़ा आगे होकर नज़ीर के ऊपर झुक गयीं और उनके मम्मे नज़ीर के चेहरे के ऊपर लटक रहे थे। “तुम दोनों मेरी जान ही ले लोगे आज!” अम्मी सरगोशी से बड़बड़ायीं और नज़ीर के लंड पे धीरे-धीरे ऊपर-नीचे उछलने लगीं।
 

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खाला अमबरीन अम्मी के चूतड़ों को सहलाते हुए अम्मी को तसल्ली देते हुए बोलीं – “कुछ नहीं होगा यास्मीन! मैं अभी इस करामत का लंड चूस कर बेहद चिकना कर देती हूँ... बड़ी सहुलियत से चला जयेगा तेरी गाँड में।“ ये कहते हुए अम्बरीन खाला करामत का लौड़ा चूसने लगीं और एक हाथ से उसके पूरे लौड़े पर अपना थूक मलने लगीं। उधर नज़ीर नीचे से अपने चूतड़ उठा-उठा कर अम्मी की चूत में ऊपर घस्से मार रहा था और अम्मी भी सिसकते हुए उसके घस्सों का जवाब दे रही थीं। दो मिनट में ही अम्बरीन खाला ने करामत का अज़ीम लौड़ा अपने थूक से तरबतर कर दिया।

नज़ीर ने घस्से मारने बंद कर दिये और अम्मी की कमर पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया। अम्मी भी अपने हाथ उसके कंधों पर टिका कर अपने निचले होंठ दाँतों में दबा कर करामत के लंड का इंतज़ार करने लगीं। खाला अमबरीन ने थोड़ा सा थूक अपनी उंगलियों पे ले कर अम्मी की गाँड के सुराख पर मल दिया। करामत अम्मी के पीछे आ गया और अपना लौड़ा मुठ्ठी में पकड़ कर उनके चूतड़ों के बीच की दरार में रगड़ने लगा। फिर उसने अपने लंड का टोपा अम्मी की गाँड के सुराख पर रख के धीरे से दबया तो टोपा उनकी गाँड में घुस गया। अम्मी ने शायद अपनी साँसें रोक रखी थीं और टोपा अंदर जाते ही साँस छोड़ते हुए “ऊँहह” करके सिसकीं। करामत ने एक बार टोपा बाहर निकाल कर फिर अम्बरीन खाला के मुँह में दे दिया। अम्बरीन खाला ने उसके टोपे को दो-तीन दफ़ा चूसा और उस पर थूक कर उसे फिर भिगो दिया। करामत ने फिर एक दफ़ा अपना टोपा अम्मी की गाँड के सुराख पर रख के अंदर दबा दिया। नज़ीर नीचे से बोला – “हाँ यार! पेल दे साली की गाँड में पूरा लंड... जल्दी से!”

अम्बरीन खाला भी घुटनों पर बैठी हवस-ज़दा नज़रों से ये नज़ारा देख रही थीं। मुझे भी नज़ीर के टट्टे और उसके लंड का बुनियादी हिस्सा तिर्छा होकर अम्मी की चूत में घुसा हुआ दिख रहा था और करामत के लंड का टोपा मेरी अम्मी की गाँड में घुसा हुआ था। “ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता डालो... चीर ना देना मुझे दो हिस्सों में अपने शदीद लौड़ों से!” अम्मी सिसकते हुए नशे में लरज़ती आवाज़ में बड़बड़ायीं।
 

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नज़ीर करामत को जोश दिलाते बोला – “इसकी बात पे तवज्जो ना दे! घुसेड़ दे गश्ती की गाँड मे लंड एक बार में... मज़ा आयेगा इसे भी...।” करामत ने जोर से अपना लंड अम्मी की गाँड में दबा कर और अंदर घुसेड़ना शुरू किया लेकिन अम्मी की गाँड शायद चूत में नज़ीर का लंड मौजूद होने से और ज्यादा टाईट हो गयी थी। करामत ने लंड घुसाना ज़ारी रखा और आहिस्ता-आहिस्ता उसक लंड और ज्यादा अंदर फिसलने लगा। अम्मी अब मुसलसल ज़ोर-ज़ोर से “ऊँहह आँहह” करते हुए कराह रही थीं। बीच-बीच में उनकी आवाज़ टूट रही थी। अम्बरीन खाला भी मस्ती में ज़ोर से बोल पड़ीं – “जा रहा है अंदर! रुको मत! यास्मीन देख तेरी गाँड कैसे चौड़ी होकर लौड़ा अंदर ले रही है... मैंने कहा था ना कि कुछ नहीं होगा!”

अम्मी कराहते हुए बोलीं – “हाय अल्लाह.. आआआईईई... अम्बरीन... जब तेरी चूत और गाँड एक साथ फटेगी तब पता चलेगा... आआईईई.... ऊँऊँहहह!”

“मुझे तेरा लंड इसकी गाँड में महसूस हो रहा है करामत!” नज़ीर मस्ती से बोला। करामत का दो-तीन इंच लौड़ा अभी भी बाहर था। करामत कुछ लम्हों के लिये रुका और फिर अपना लंड आगे-पीछे करते हुए अम्मी की गाँड मारने लगा। नज़ीर भी नीचे से अम्मी की चूत में घस्से मार रहा था। करामत के हर धक्के के साथ अम्मी का जिस्म आगे झुक जाता था और उनके बड़े मम्मे नज़ीर के चेहरे पर टकरा जाते थे। दो बड़े- बड़े खौलनाक लौड़े मेरी अम्मी की चूत और गाँड में एक साथ अंदर-बाहर घस्से मार रहे थे। इससे पहले ब्लू-फिल्मों में इस तरह की दोहरी चुदाई देखी थी और अब अपनी अम्मी की दोहरी चुदाई का मंज़र मेरे लिये निहायत सैक्सी था। अगर मैंने थोड़ी देर पहले मुठ नहीं मारी होती तो इस वक़्त मैं पैंट में ही फारिग हो जाता।

करामत अब पूरा लंड अम्मी की गाँड में डाल कर घस्से मार रहा था और नज़ीर नीचे से अम्मी की चूत फाड़ रहा था। अब अम्मी की सिसकियों से ज़ाहिर था कि उन्हें भी मज़ा आने लगा था। अपनी चूत और गाँड में दो अज़ीमतन लौड़ों को झटक कर उनके घस्सों को बर्दाश्त करते हुए अम्मी का जिस्म इधर-उधर मरोड़ जाता था। वो मस्ती में और भी ज़ोर-ज़ोर से कराहने लगीं। फिर अचानक अपनी गर्दन पीछे उठा कर छत्त की तरफ मुँह करके जोर से चिल्लाते हुए नशे में लरज़ती आवाज़ में बोलीं – “या खुदाऽऽऽ चोदो मुझे... हरामी कुत्तों! फाड़ दो मेरी चूत और गाँड अपने जसीम लौड़ों से... मज़ा आ गया... बे-इंतेहा मज़ा... चोदो... और ज़ोर-ज़ोर से!” मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि अम्मी ऐसे गंदे अल्फाज़ भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
 

shakirali

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अम्बरीन खाला ज्यादा देर तक अपनी बहन की दोहरी चुदाई देख नहीं सकीं और उनके बगल में लेट कर अपनी चूत में तीन उंगलियाँ घुसेड़ कर मुठ मारने लगीं। इतनी देर में अम्मी का जिस्म ऐंठ गया और वो जोर से चींखते हुए खल्लास हो गयीं और नज़ीर के सीने पर गिर पड़ीं।

करामत और नज़ीर ने घस्से मारने बंद कर दिये। एक-दो मिनट रुके रहने के बाद नज़ीर के कहने पर करामत ने अपना अज़ीम लंड धीरे से अम्मी की गाँड के फैले हुए छेद में से ‘प्लॉप’ की आवाज़ के साथ बाहर निकाला और अम्मी भी पलट कर नज़ीर के लंड से उतर के बेड पर लेट के उखड़ी हुई साँसें संभालने लगीं। नज़ीर और करामत के बड़े लंड अभी भी अकड़े हुए थे। नज़ीर का लंड अम्मी की चूत के पानी से भीगा हुआ था जबकि करामत का लंड खाला के थूक के साथ-साथ अम्मी की गाँड की नजासत से सना हुआ था। नज़ीर ने अम्बरीन खाला से कहा कि अब उनकी बारी है लंदन की सैर करने की और उनसे पूछा कि वो किसका लंड गाँड में पसंद करेंगी। अम्बरीन खाला शराब और हवस के नशे में मदहोश थीं और बिल्कुल बेहया और बे-तकल्लुफ़ हो चुकी थीं। “पहले तो करामत का ही लुँगी और बाद में तुम्हारा भी लंड लुँगी अपनी गाँड में... तुम दोनों जगह बदल लेना“– अम्बरीन खाला नशे में लरज़ती आवाज़ में बोलीं और ये कहते हुए उन्होंने जो किया वो देखकर एक बार तो मुझे मतलाई आ गयी। अम्बरीन खाला ने करामत के लंड का सुपाड़ा अपने मुँह में लिया जो दो मिनट पहले अम्मी की गाँड में से निकला था और अम्मी की नसाजत से सना हुआ था। खाला की आँखों में शोखी और चेहरे के तासुरात से ज़ाहिर था कि उन्होंने जानबूझ कर करामत का आलूदा लंड अपने मुँह में लिया था और उसपे लगी अपनी बहन की नजासत बड़े मजे से चाट रही थी। करामत और नज़ीर भी अम्बरीन खाला की इस हर्कत से हैरान रह गये। अम्मी को एहसास हुआ तो उन्होंने खाला को टोका भी कि ये कैसी ग़लीज़ हर्कत है लेकिन अम्बरीन खाला तो करामत का नजिस लौड़ा चूस-चूस कर उसपे से अपनी बहन की गाँड के ज़ायक़े का पूरा मज़ा ले रही थीं। कुछ ही देर में उन्होंने करामत के लौड़े से नजिस रस का एक-एक कतरा चाट कर साफ कर दिया और उसका लौड़ा जड़ से टोपे तक अम्बरीन खाला के थूक से भीग कर चमकने लगा। उसका लंड अपने मुँह में से निकाल कर खाला ने शरारत से मुस्कुराने लगीं और अम्मी से मुखातिब होकर लरज़ते आवाज़ में बोलीं – “यास्मिन! मज़ा आ गया... तेरी गाँड तो बेहद लज़ीज़ है!”

नज़ीर एक दफ़ा फिर बेड पर कमर के बल लेट गया। अम्मी की चूत के रस से सना हुआ उसका शदीद लौड़ा मिनार की तरह सीधा खड़ा था। अम्बरीन खाला ने उसे ललचायी नज़रों से एक बार निहारा और फिर नज़ीर के चूतड़ों के दोनों तरफ अपने घुटने टिका कर उसके ऊपर सवार हो गयीं और उसका लौड़ा पकड़ कर उसका टोपा अपनी चूत में ले लिया। नज़ीर के ऊपर झुक कर उसके कंधों को कस कर पकड़ के अम्बरीन खाला अपने चूतड़ गोल-गोल घुमाते हुए नीचे ठेल कर वो अकड़ा हुआ लौड़ा अपनी मक्खन जैसी चूत में लेने लगीं। नज़ीर ने भी नीचे से अपने चूतड़ उछाल कर अम्बरीन खाला की चूत में अपना अज़ीम लौड़ा उनकी चूत में अंदर तक पेलना सुरू कर दिया। इस दफ़ा अम्बरीन खाला के चेहरे पर ज़रा सा भी शिकन नज़र नहीं आया। वो खुद ज़ोर-ज़ोर से उछल-उछल कर नज़ीर के लौड़े पे अपनी रसीली चूत से ऊपर-नीचे घस्से मारने लगीं और सिसकते हुए बिल्कुल बिंदास होकर बेशरमी से बोलने लगीं – “चोद मुझे... ऊँऊँघघ! चोद मेरी चूत! ओह फक मी!”
 
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