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Adultery गुजारिश 2 (Completed)

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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DFoji bhai is kahani ne waki man moh liya.
Lekin aisa lag raha hai ki iska ant aapne jaldi me likh diya ho.
Kuch kisse adhure reh gaye.
Or kuch kahani beech me reh gai.
Or dusri baat tum abhi Budhe nahi hue ho to agli kahani jaldi start karna. Mujhe besabri Se intzaar rahega .
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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जो धरती से अंबर जोड़े, उसका नाम मोहब्बत है।
जो शीशे से पत्थर तोड़े, उसका नाम मोहब्बत है।
कतरा- कतरा सागर तक तो, जाती हैं हर उम्र मगर,
बहता सागर वापस मोडे, उसका नाम मोहब्बत है ।।( मनीष भाई को समर्पित)
विद लव राज
 
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Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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मित्रों, साथियो, ये कहानी आज समाप्त हो गई है. जब इसे लिखना शुरू किया था तो सोचा नहीं था कि आप सब का इतना साथ मिलेगा, दिल मे बहु ज़ज्बात है कहने को समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूँ जब xossip पर लिखना शुरू किया फिर यहां इस फोरम पर आप लोग हमेशा साथ रहे
इतने साल कैसे बीत गए मालूम ही नहीं हुआ पर हर सृजन का एक अंत होता है मेरे लिए शायद वो आज है. बेशक मैं फोरम नहीं छोड़ूंगा एक पाठक के रूप मे कहानिया पढ़ता रहूँगा
उम्मीद है कि आप सब याद रखेंगे एक साथी और भी था 🙏
Hum to hamesha se hi aapke saath hai mitra xossip ki dil apna Preet parayi ekmaatra aisi kahani hai jiski wajah se hum yaha khiche chale aaye or Kisne kaha ye ant hai ye to nayi shuruwaat hai abhi safar bahot lamba hai :hug:
Lagbhag sabhi update read kar liye hai Humne Preet story ki tarah hi iska bhi ant ho gaya ek khubsurat mod me or yahi mai chahta bhi tha.. aapne hamara dil khush kar diya bas or kya chahiye Hume
Kehne ka bahot kuch hai lekin ab kya kahe lafz khatam ho gaye hai ya fir samjh nahi aa raha hai ... Har update me ek sawal hota hai to ant me bhi ek sawal kar lete hai aakhir manish ke pitaji kisse milne gaye the....
Pyaar ka matlab kya hota hai or rishto ko kaise nibhaya jaata hai sabkuch tha kahani me, shuruwaat se lekar ant bechani thi ki aage kya honga or ab bhi hai, isme koi shak nahi hai ki aap ek behtarin writer ho or itni khubsurat kahani likhne ke liye mai aapko dil se shukriya kahna chahta hu... dil to karta hai ye kahani kabhi khatam hi na ho or hum bas padte jaaye padte jaaye, aap hamesha update dete raho hum review dete rahe lekin ant to hota hi hai kabhi na kabhi Khair
Ab gujarish part 1 bhi ko bhi ek mod de do aap :approve:
Intzaar rahega mitra :dost:
 

Ladies man

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#73

जिस बाज़ी को मैंने अपने हिस्से में पलटते हुए देखा था रीना पर हुए इस हमले ने पल भर में ही हम सबको अहसास करवा दिया की ये बिसात इतनी जल्दी ख़तम नहीं होने वाली. वो काला साया जिसने उस दिन जब्बर की पत्नी को मारा था , जिसने मेरी छाती पर हाथ रख कर मेरी नसों से लहू निचोड़ने की कोशिश की थी अचानक से उसने शिवाले में आकर रीना को दूर पटक दिया था .

आसमान में घुमड़ती काली घटाओ ने रोना शुरू कर दिया था ,आकाश जैसे फटने लगा था . बारिश शुरू हो गयी थी . वो काला साया लहराते हुए मेरी तरफ बढ़ा. मेरे दिमाग ने जैसे काम करना बंद कर दिया था . मैंने उन गहरी काली आँखों के अँधेरे को अपने दिल में उतरते हुए महसूस किया. इस से पहले की वो कुछ अनिष्ट कर देती चाची अचानक से हमारे बीच आ गयी .

“दूर हट मेरे बेटे से ” चाची ने उस साए को जैसे धक्का सा दिया . वो साया फुफकार उठा.

“बीच में मत आ संध्या ” साए ने पहली बार कुछ कहा और हम समझ गए की ये कोई औरत ही थी .

चाची- तो फिर चली जा वापिस

साया- जाने के लिए नहीं लौटी मैं . इस लड़के का लहू चख लिया मैंने अद्भुद है , इसका स्वाद , इसका स्वाद जाना पहचाना है .भा गया है ये इसे लेकर जाउंगी मैं

“मनीष की आन बन कर मैं खड़ी हूँ , देखती हूँ तुझे भी और तेरे जोर को भी ” रीना ने मेरे पास आकार कहा.

रीना ने अपनी आँखों से मुझे आश्वस्त किया .

साया- तू दो कौड़ी की छोकरी तू , तेरी ये हिमाकत की तू मेरे सामने खड़ी हो . पहले मैं तेरे रक्त से ही अपनी तृष्णा शांत करुँगी

बरसती घटाओ के बीच उस टूटे शिवाले में ये जो भी हो रहा था शुक्र है की उसे देखने के लिए कोई कमजोर दिल का प्राणी वहां नहीं था . उस साए ने अपनी जगह खड़े खड़े ही रीना की बाहं मरोड़ी . पर रीना ने भी प्रतिकार किया और उस साए को सामने पत्थरों के फर्श पर पटक दिया. साया जोर से चिंघाड़ करने लगा. उसकी आवाज जैसे धडकनों को खोखला कर रही थी .

पर वो साया बलशाली था , रीना के पीछे सरकते कदम ये बता रहे थे की वो उस से पार नहीं पा पायेगी की तभी मीता ने रीना के हाथ को थाम लिया और आँखों से इशारा किया . दोनों में न जाने क्या बात हुई उन्होंने क्या समझा पर दोनों के होंठ कुछ बुदबुदाने लगे और फिर एक तेज रौशनी का धमाका हुआ और वो साया शिवाले की दिवार से जा टकराया . उसकी चीख फिर से गूंजी.

पर फुर्ती से सँभालते हुए उसने मलबे में पड़ी कड़ी के टुकड़े को उठा कर मीता पर दे मारा . नुकीला टुकड़ा मीता की जांघ को चीर गया वो एक तरफ गिर पड़ी. चाची मीता को सँभालने के उसकी तरफ दौड़ी और उसी पल वो साया रीना के पास पहुंचा गया . उसने रीना के गले को ऐसे पकड़ा की जैसे उसका गला घोंट रही हो . पर फिर मैंने देखा की उसने रीना के गले से वो हीरे वाला धागा निकाल लिया.



“हा हा हा , तभी मैं सोचु की ताकत क्यों मुझे जानी पहचानी लग रही है , मुर्ख लड़की तो ये था तेरी शक्ति का राज ” उस साए ने हँसते हुए वो लाकेट अपने गले में पहन लिया . कुछ देर के लिए सब कुछ थम सा गया . ऐसी ख़ामोशी छा गयी की जरा सी आवाज भी दिल का दौरा ला दे. और फिर वो चीख पड़ी ..

“अर्जुन, अर्जुन,,,,,,,,,,, ” इतनी जोर डर चीख थी वो की मैंने अपने कान से खून बहते हुए महसूस किया. वो जैसे पागल ही हो गई थी . कभी इधर भागे कभी उधर भागे उसकी आँखे और अँधेरी होने लगी . इतनी अँधेरी की जैसे वो सब कुछ निगल जायेगी. उसने रीना के गले को पकड लिया और उसे मारने लगी. रीना की चीखो ने मुझे पागल ही कर दिया था . मैं गुस्से से उसकी तरफ बढ़ा पर बीच में मीता आ गयी उसने एक सुनहरी डोर निकाली और उस साये को बाँधने की कोशिश करने लगी. वैसा ही चाची ने किया.

साए ने फुफकारते हुए कहा- खेल खेलना चाहती हो तुम . चलो ये खेल ही सही .

वो अकेली थी तीन त्रिदेवियो के सामने , तभी मेरी नजर पृथ्वी पर पड़ी जिसे होश आ गया था और वो दद्दा ठाकुर की बन्दूक उठा कर रीना पर निशाना लगा ही रहा था की मैंने एक बड़ा सा पत्थर उठा कर उसके हाथो पर दे मारा. बन्दूक उसके हाथो से गिर गयी और मैंने उसे धर लिया. पृथ्वी से गुथ्तम गुत्था होते हुए मैंने देखा की . शिवाले में वैसा ही धुआ उठा जैसा की तब था जब रीना ने अश्वमानव मारे थे .

पृथ्वी- आज या तो तू नहीं या मैं नहीं .

मैं- मुर्ख, तुझे अंदाजा भी नहीं है की यहाँ पर क्या हो रहा है

पृथ्वी- तेरी वजह से मेरे दादा मारे गए . तुझे नहीं छोडूंगा.

पृथ्वी ने मुझे लात मारी .मेरा ध्यान पृथ्वी से ज्यादा रीना , मीता की तरफ था इसी का फायदा उठाते हुए पृथ्वी ने मुझे दिवार से लगा दिया जिस पर गडी कील मेरे सीने में धंस गयी . मैं दर्द से दोहरा हो गया . वो लगातार मुझे दिवार की तरफ धकेल रहा था ताकि कील और अन्दर घुस जाए. प्रतिकार करते हुए मैंने अपना पैर पीछे किया और उसके पंजे पर मारा जैसे ही वो लडखडाया मैंने उसे धर लिया.

“बहुत फडफडा लिया तू हरामजादे, तेरे पापो को मैंने बहुत कोशिश की माफ़ करने की ये जानते हुए भी की तूने मेरी जान पर हाथ डाला मैं तुझे मारना नहीं चाहता था पर तेरी तक़दीर में ये ही लिखा था ” कहते हुए मैंने पृथ्वी की गर्दन मरोड़ दी. वो चीख भी नहीं पाया. टूटी सहतीर सा लहरा कर गिरा वो .

तभी रौशनी का एक धमाका हुआ और तीन साए शिवाले में इधर उधर जाकर गिरे, रीना मीता और चाची खून से लथपथ धरती पर पड़े अपनी सांसो की डोर को थामने की कोशिश कर रही थी . वो साया मेरी तरफ बढ़ा और मुझे घसीट लिया.

उसने अपने चेहरे को मेरे सीने की तरफ झुकाया और मैंने पहली बार उस को देखा. वो खूबसूरत चेहरा . इस से पहले की वो अपने होंठ मेरे बदन पर लगा कर मेरा खून पी पाती. .उस आवाज ने जैसे मेरे बदन में शक्ति का संचार कर दिया .

“बस मंदा बस बहुत हुआ ”


उस साए ने पलट कर देखा उसके सामने अर्जुन सिंह खड़ा था .............
👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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मित्रों, साथियो, ये कहानी आज समाप्त हो गई है. जब इसे लिखना शुरू किया था तो सोचा नहीं था कि आप सब का इतना साथ मिलेगा, दिल मे बहु ज़ज्बात है कहने को समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूँ जब xossip पर लिखना शुरू किया फिर यहां इस फोरम पर आप लोग हमेशा साथ रहे
इतने साल कैसे बीत गए मालूम ही नहीं हुआ पर हर सृजन का एक अंत होता है मेरे लिए शायद वो आज है. बेशक मैं फोरम नहीं छोड़ूंगा एक पाठक के रूप मे कहानिया पढ़ता रहूँगा
उम्मीद है कि आप सब याद रखेंगे एक साथी और भी था 🙏
अभी तो फसाना अधूरा है....
प्रीत का भी... और गुज़ारिश का भी
मंजिल तक पहुंचाने की गुज़ारिश है ..... मझधार में ना छोड़ो
 

Rekha rani

Well-Known Member
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बेहतरीन कहानी और बेहतरीन उसका समापन किया है आपने, जितने रहस्य के साथ कहानी शुरू हुई उतने ही रहस्य के साथ आपने समाप्त भी कर दी। आपने लेखन कार्य छोड़ने का लिखा है लेकिन पाठक के रूप में हमे हमेशा आपके नए सृजन का इंतजार रहेगा,
 

Lutgaya

Well-Known Member
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इस कहानी का अंत आज ही लिखा जायेगा और मेरी लेखनी का भी . साथ जुड़े रहिये
भाई सिर्फ कहानी का लेखनी का नही, आपको रीना और मीता की कसम
 

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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मित्रों, साथियो, ये कहानी आज समाप्त हो गई है. जब इसे लिखना शुरू किया था तो सोचा नहीं था कि आप सब का इतना साथ मिलेगा, दिल मे बहु ज़ज्बात है कहने को समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूँ जब xossip पर लिखना शुरू किया फिर यहां इस फोरम पर आप लोग हमेशा साथ रहे
इतने साल कैसे बीत गए मालूम ही नहीं हुआ पर हर सृजन का एक अंत होता है मेरे लिए शायद वो आज है. बेशक मैं फोरम नहीं छोड़ूंगा एक पाठक के रूप मे कहानिया पढ़ता रहूँगा
उम्मीद है कि आप सब याद रखेंगे एक साथी और भी था 🙏
Thank you very much for this marvelous story writer Sahab, बहुत मजा आया इस कहानी पढ़ने में goosebumps आ जाते थे हर एपिसोड पर
 
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