pawankamdev123
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आप सभी पाठकों का मैं शुक्रगुजार हूं, ये केवल और केवल आपका ही साथ था जो ये कहानी यहां तक पहुंच पायी आप सब लोग मेरे लिए फॅमिली है क्या हुआ जो हम दूर है पर एक चीज हमे नजदीक लाती है, एक चीज जिसने हमे जोड़ा वो है ये कहानिया. कुछ देर पहले मैं अपनी काफी का इंतजार कर रहा था मेरे सामने कुछ लड़के बैठे इस कहानी की बात कर रहे थे 18-20 साल के जोश से भरे उन लड़कों की आँखों मे चमक थी, कहानी के बारे मे बात करते हुए उनके चेहरों को देखना अपने आप मे सुख था
चुस्कियां लेते हुए मुझे लगा कि जो मेरा उद्देश्य था वो कहीं ना कहीं पूर्ण जरूर हो रहा है. अब बात आप सब की अपेक्षाओं की दोस्तों मैं फिर से कहता हूं ये फोरम मेरे लिए घर जैसा है. यहां पर लिखना सम्मान है एक तरह का. बहुत से पाठकों की इच्छा रही है कि मैं शहरो की कहानी लिखूं
मित्रों, हम जैसे लोग जो दो रोटी कमाने को गांव से क्या निकले सब छूट गया हमसे, ये महंगे घर, साज सामान, बढ़िया खाना पर इसकी कीमत है ये कैद जो कंक्रीट के जंगलों ने हमे दी है
मेरे दिल मे कुछ है ही नहीं सिवाय गांव के, गांव जंगल नहर पहाड़ मंदिर बस यही सार है मेरा
बस इतना ही कहूँगा आप सब से की ईन पंक्तियों का ध्यान रखिए क्या मालूम क्या छिपा है इनमे
आपका अपना
HalfbludPrince
इन्ही पंक्तियों के कारण तो पाठकगण परेशान है। अगर आप इसके आगे लिखने वाले हो तो बहुत अच्छी बात होगी और अगर आप आगे नहीं लिखेंगे तो आपके पाठकगण परेशान होंगे की वो कौन थी..?? आपसे यही निवेदन है कि इस कहानी को आगे बढ़ाए या फिर एक बोनस अपडेट देकर कहानी को समाप्त करें। बोनस अपडेट में जो छूट गया है वो पॉइंट्स क्लियर करें।