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सब की अपनी अपनी मान्यता होती है भाईHamare yaha nahi hota hai bro..........
सब की अपनी अपनी मान्यता होती है भाईHamare yaha nahi hota hai bro..........
Trying my best efforts to entertain youPast is the foundation on which future is built, without past there is no future. your stories strikes chord with readers and this is the ample proof that past n present happenings shape your future
ये दोनों अलग अलग कहानिया है दरअसल कोई शीर्षक समझ नहीं आ रहा था तो 2 लगा दियामित्र, आपकी इस कहानी पड़े। मुझे थोड़ा उलझन है। यह "गुजारिश" और "गुजारिश 2" दोनों का बिषय एक ही है। आपका दोनों कहानी पड़े हैं। पहले वाला "गुजारिश" मे कहानी थोड़ा गहन (Intense) ज्यादा था लगा मुझे। दो कहानी मे अंतर है की प्रधान चरित्र का नाम बदल गया है और ऊपर से ताईजी का अलग बखान है जो पुराना गुजारिश मे नहीं था। मैं आपसे अनुरोध करना चाहूँगा की आप "गुजारिश" को फिर चालू करके तार्किक समापन कीजिये, अगर आपका लैपटाप का समस्या समाप्त हो गया होगा तो। आपका बहुत आभार हमे इतना सुंदर एक कहानी पेश करने के लिए। नमस्कार।
आपके लिए एक कहानी और शुरू कर दी हैमुसाफिर - मित्र आप सही कह रहे हैं, आप की कहानी मे सभी पाठकों के लिए होती है, बैसे आज की दुनिया मे कई बदलाव आए हैं, अभी भी बहुत कुछ अच्छे लोग हैं जो पूरे दिल से संबंधो को निभाते हैं, नई जनरेशन को भी समझना व उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए हम सबके जीवन का लक्ष्य होना चाहिए, जंहा तक अपने जिस तरह से गाँव की पृष्टभूमि पर अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया है वह अद्भुत है अविश्वसनीय है, आपकी अगली रचना के इंतजार में..
वैसे जो भी 1995 के बाद जन्म लिए है उनकी सोच व 2000 के बाद जन्म लिए लोगों की सोच हम सब से भिन्न है...
अपने लेखन को कभी भी बंद कर ने की सोच त्याग दे व हम सब आपके प्रशंसकों के प्यार को याद करते हुए कोइ नई प्रस्तुति लिखते हुए हम सब को आंनद दे व स्वयं भी प्रफुल्लित रहे
Thanks bhai aapka feedback valuable haiHamare hissab se ek behtarin kahani ke liye tino hi bahot maayne rakhte hai, aapke najariya hai aap ise kis tarah se dekhte hai or samjhte hai,
Bilkul isme koi shak nahi hai, hum sab apni kahani me to uljhe hi hue hai isiliye agar kuch pal ke liye hum kisi or kahani se relate karte hai to aisa hota hai
Join me at तेरे प्यार मेबस इतना ही कहूँगा आप सब से की ईन पंक्तियों का ध्यान रखिए क्या मालूम क्या छिपा है इनमे
आपका अपना
HalfbludPrince
Guzarish PART 3
Intezar Rahega Fauzi Bhai
मैं बस लिखता हूँ भाई बाकी आप सब के विचार, आप सब का सहयोग कहानी के रूप में प्रस्तुत हो जाता हैआपके इस सवाल का जवाब देने से पहले यह जानना जरूरी है कि कहानी की परिभाषा क्या है।
कहानी एक ऐसी रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का मूल उद्देश्य होता है।
यह हमेशा याद रखिएगा कि कहानी और उपन्यास अलग अलग हैं। कहानी का दायरा सीमित होता है जबकि उपन्यास का विस्तृत।
जहां तक कहानी की बात है , यह लेखक पर निर्भर करता है कि वो अपने कहानी के माध्यम से कहना क्या चाहता है। वह किसी घटना प्रधान पर लिखना चाहता है... किसी चरित्र प्रधान पर... किसी परिवेश प्रधान पर...या उसने कहानी की शैली एतिहासिक सोच कर रखा है... कोई आत्मकथा सोच कर रखा है... या कोई डायरी शैली सोच रखा है। यह लेखक पर निर्भर करता है।
कहानी ऐसी होनी चाहिए कि सीख स्वाभाविक रूप से रीडर्स के मस्तिष्क पर छाप छोड़े । मतलब पाठक स्वयं ही चिंतन करें।
प्रजेंट , पास्ट और फ्यूचर कोई भी मायने नहीं रखता है। मायने रखता है तो कहानी की विषय वस्तु। कहानी में किरदारों का चरित्र। कहानी का भौतिक और आध्यात्मिक वातावरण । कहानी का निष्कर्ष । और कहानी का रियलिटी होने का एहसास।
Kosish jari haiसोचा था गुजारिश पढ़ लेने के बाद ही गुजारिश 2 पढूंगा लेकिन क्या करे आप लेखक बहुत अच्छे है रोक नहीं पाया खुद और सच कहूं तो आप ने निराश भी नही किया। अब तक की पढ़ी सबसे अच्छी कहानी में से एक है लेकिन भाई समय मिले तो गुजारिश भी पूरी कर दो कृपा करके
Join me at तेरे प्यार मेHardik dhanyawaad priye Mitra.
Aapke liye do line:
हम रखते हैं ताल्लुक तो निभाते है उम्र भर,
हम रखते हैं ताल्लुक तो निभाते है उम्र भर,
हमसे बदले नहीं जाते "यार " भी ओर "प्यार" भी।। ( आपका आपना "राज")
वो hint था अगली
वो hint था अगली कहानी का