प्रिय पाठक, कहानी का स्वरूप Incest (कौटुंभिक व्यभिचार) है। ग्रामीण परिवेश की कहानी है इनसेस्ट इंट्रोड्यूस (शुरू) करने में समय लग रहा है ।Likhne ka tareeka shandar hai lekin mujhe kahani ka theme bilkul bhi samajh nahi aa raha
प्रिय पाठक, कहानी का स्वरूप Incest (कौटुंभिक व्यभिचार) है। ग्रामीण परिवेश की कहानी है इनसेस्ट इंट्रोड्यूस (शुरू) करने में समय लग रहा है ।Likhne ka tareeka shandar hai lekin mujhe kahani ka theme bilkul bhi samajh nahi aa raha
Bohot bdhiya ja rhe ho aap , maza aa gya aapki story pdh krप्रिय पाठक, कहानी का स्वरूप Incest (कौटुंभिक व्यभिचार) है। ग्रामीण परिवेश की कहानी है इनसेस्ट इंट्रोड्यूस (शुरू) करने में समय लग रहा है ।
लेखक जी पाठको के कमेन्ट पर लिखित प्रतिक्रिया( अपडेट )दिया करें सिर्फ लाईक से क्या होता है
प्रिय पाठक, पाठक के बिना लेखक वैसे ही है जैसे बिन पहिया की साइकिल। आप लोगों को कहानी पसंद आ रही है इसलिए मैं बहुत ही उत्साहित हूं। आप सब का आभार।किसी पाठक ने अपडेट का समय पूछा था मै प्रत्युत्तर देने के बजाय लिखने में लगा रहा और अपडेट ही दे दिया। एक साथी को थीम समझ नहीं आ रही थी, मैने उन्हे प्रत्युत्तर दिया था।देवनागरी में फोरम पर कहानियां तेजी से घट रही हैं इसलिए मुझे कहानी लिखने की इच्छा हुई। लिखने वाले की आईडी से लोग अपडेट की उम्मीद अधिक रखते हैं इसलिए मै लिखित प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।जैसे आपने लिखा ऐसे ही अन्य लोग चाहेंगे तो वार्तालाप बिलकुल आगे बढ़ेगा।