• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica चुदकड ब्यानजी

137
352
79
पहले जब मेरी बिटिया का रिश्ता पक्का करने मैं ओर मेरे पति उनके घर गए थे तब ही मेरी ब्यानजी कितनी छिछोरी है पता चल गया था मैंने उनसे हाथ जोड़कर राम राम किया और वो पास आयी गले लगकर दो उंगली मेरी गांड में साड़ी के ऊपर से ही कि ओर बोली अब तो थे ब्यानजी बन गया हो तो अब तो राम राम इसाण होई। ओर हँसने लगी में क्या बोलती बस शर्मा गयी। पता चल गया था कि किसी दिन उनके हाथ लग गयी तो जम के रगड़ाई होगी मेरी।

अब हम भी सगाई की तैयारियों में बिजी हो गए। वो अपने रिश्तेदारों के साथ हमारे घर आने वाले थे और रात रोककर सुबह उन्हें विदाई देनी थी। मेरी ननद भी जल्दी आ गयी थी पर नंदोईजी भी बिजी होने के कारण बाद में आने वाले थे। सगाई वाली सुबह मेरी ननद बोलीभौजाई आज तो नई ब्यानजी की खूब रगड़ाई करनी है। मेने भी बोला हाँ पहली ब्यान है रगड़ाई तो बनती है। शाम को सब मेहमान आगये ब्याहीजी ब्यानजी पावणा ओर उनके रिश्तेदार। आते ही ब्यानजी मेरे गले लगी मेने भी उन्हें कस के जकड़ा ओर अपनी दो उंगली साडी के ऊपर से उनकी गांड में वो भी कहाँ कम थी उन्होंने भी मेरी गांड में उंगली की बोली राम राम ब्यानजी।
थोड़ी देर दोनो ऐसे ही रही फिर हटी। अब मेरी ब्यान को मेरी ननद ओर मेरे रिश्तेदारों ने घेर लिया। मेरी ननद ने पीछे से आकर ब्यान जी के दोनों भारी भरकम बोबो को पकडकर औऱ बाकी
ओरतो, किसी ने ब्यान जी की चूत सहला के किसी ने गांड में उंगली देखे किसी ने बोबे दबाकर नई बयान से राम राम किया और अभी से ही ब्यान की रगड़ाई शुरू कर दी।
 

Rajchouhan

Member
164
305
43
उनका मुरझाया हुआ लंड जो अब भी काफी बड़ा लग रहा था पीछे से मेरी गांड की दरार में रगड़ खा रहा था और उनके
दोनो हाथ पीछे से मेरे बोबो को सहला रहे थे ओर वो पीछे से मेरी गर्दन पर किस करने लगे उनका एक हाथ सरक
कर नीचे जाने लगा मेरे एक हाथ ने उसे पकडा फिर भी वो मेरी रसभरी को हल्के हल्के सहला रहा था इन हमलों से मैं
वापस गरम हो रही थी और इनकी बाहो में आगे पीछे होके मचल रही थी। उनका डंडा भी अब धीरे धीरे सख्त होकर
मेरी गांड की दरार में चुभ रहा था। मुझे पता था अगर दूसरी बार चुदाई हुई तो वो पहले से भी जोरदार होगी। क्योंकि मेरे
पति भी दूसरे राउंड मे मेरी चूत का कचूमर बना देंते थेओर नंदोई तो आज अलग ही जोश में थे। उनके सख्त होते लंड से ओर सब्र नही हो रहा था उन्होंने मुझे सीधा किया ओर मुझ पे चढ़ गए। ओरअपने होठ मेरे होठो से चिपका दिए और अपने लंड से मेरी चुत को रगड़ने लगे। अब उन्होंने अपने डंडे को पकड़ा और मेरी रसभरी की मुंह पर रखा जोश में वो इतने बावले थे कि एक ही बार मे आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत में था। दूसरे झटके में तो पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया।
आआआआआआ नंदोईजी आराम से।उनका लंड तेजी से अंदर बाहर होकर वापस मुझे चोद रहा था। अब तो शुरू से ही उनकी धक्को की स्पीड ज्यादा थी नंदोई के लंड पे तो जैसे तूफान सवार हो बड़ी बेहरहमी से मेरी चूत की कुटाई कर रहा था। ओर तेज होती चुदाई से मेरी भी रसभरी में दर्द होने लगा।रूम तो दोनों के शरीर के मिलने के आवाज पट पट पट से गूंज रहा था और वो ओर धीमे धीमे तेज हो रही थी। ओर बाहर से औरतों के ठहाको की आवाज भी आ रही थी मेरी
ननद ही होगी वो जो चाहती थी वो तो हो रहा है । उसका पति उसकी भाभी की कितनी जोरदार चुदाई कर रहा था बाहर जाती आवाज से शायद उसे भी पता चल गया हो कल तो बहुत छेड़ने वाली है फिर तो मेरी ननद। नंदोई जी धीमे करो मेने कहा पर आज कहा सुनने वाले थे वो। लंड तो पूरा अंदर जाकर मेरे अंदर चोट पहुचा रहा था।और मेरी रसभरी ओर ज्यादा नही सहन कर पा रही थी। आह आह नंदोई जी बोलते हुए आखिर झड़ गयी पर वो तो अभी उसी ही स्पीड में चोद रहे थे अब लास्ट की तो चुदाई ओर भी जोरदार हो रही थी ओर मेरी चीखे निकल रही थी । अरे बार्रे नंदोई जी धीमे।मुझे झड़े भी 10 मिनट हो गयी होगी पर वो कहा रुक रहे थे में वापस झड़ने के कगार पर आ गयी और अब तो इनके धक्के सीधे बच्चेदानी पर जा रहे थे। आह मेरा हो रहा था और एक तूफानी धक्के के साथ दोनो झड़ गए। दोनो वापस निढाल हो के लेट गए
पहले से भी ज्यादा अब थकान थी ।चुदाई भी तो पहले से ज्यादा देर तक हुई थीं ।अब मेने अपना पेटिकोट संभाला ब्लाउज भी पहना ओर बाथरूम में चली गयी अभी की चुदाई से तो टांगे भी सीधी नही हो पा रही थी। अपनी रसभरी पे पानी डाल के साफ करके उसे रिलैक्स किया और वापस आ गयी वापस आते ही नंदोईजी ने जकड़ लिया वापस पूरी नंगी कर दिया ओर हम दोनो ऐसे ही नंगे एक दूसरे की बाहो में सोने लगे। आज क्या चुदी थी में पूरा बदन टूट गया पर
पूरा मन की गई चुदाई के आनंद से सराबोर हो गया। ओर पता ही नही कब नींद आ गयी।
सुबह 6 साढ़े 6 बजे मेरे बूब्स पर उनकी जीभ महसूस हुई नंदोई जी तो सुबह सुबह ही चालू हो गए
कहानी पुरी करना, अधुरी मत छोड देना,
 

Rajchouhan

Member
164
305
43
पहले जब मेरी बिटिया का रिश्ता पक्का करने मैं ओर मेरे पति उनके घर गए थे तब ही मेरी ब्यानजी कितनी छिछोरी है पता चल गया था मैंने उनसे हाथ जोड़कर राम राम किया और वो पास आयी गले लगकर दो उंगली मेरी गांड में साड़ी के ऊपर से ही कि ओर बोली अब तो थे ब्यानजी बन गया हो तो अब तो राम राम इसाण होई। ओर हँसने लगी में क्या बोलती बस शर्मा गयी। पता चल गया था कि किसी दिन उनके हाथ लग गयी तो जम के रगड़ाई होगी मेरी।

अब हम भी सगाई की तैयारियों में बिजी हो गए। वो अपने रिश्तेदारों के साथ हमारे घर आने वाले थे और रात रोककर सुबह उन्हें विदाई देनी थी। मेरी ननद भी जल्दी आ गयी थी पर नंदोईजी भी बिजी होने के कारण बाद में आने वाले थे। सगाई वाली सुबह मेरी ननद बोलीभौजाई आज तो नई ब्यानजी की खूब रगड़ाई करनी है। मेने भी बोला हाँ पहली ब्यान है रगड़ाई तो बनती है। शाम को सब मेहमान आगये ब्याहीजी ब्यानजी पावणा ओर उनके रिश्तेदार। आते ही ब्यानजी मेरे गले लगी मेने भी उन्हें कस के जकड़ा ओर अपनी दो उंगली साडी के ऊपर से उनकी गांड में वो भी कहाँ कम थी उन्होंने भी मेरी गांड में उंगली की बोली राम राम ब्यानजी।
थोड़ी देर दोनो ऐसे ही रही फिर हटी। अब मेरी ब्यान को मेरी ननद ओर मेरे रिश्तेदारों ने घेर लिया। मेरी ननद ने पीछे से आकर ब्यान जी के दोनों भारी भरकम बोबो को पकडकर औऱ बाकी
ओरतो, किसी ने ब्यान जी की चूत सहला के किसी ने गांड में उंगली देखे किसी ने बोबे दबाकर नई बयान से राम राम किया और अभी से ही ब्यान की रगड़ाई शुरू कर दी।
Nice
 
137
352
79
और ब्यान जी का गालियों से स्वागत किया मेरी ननद ने गीतों में गालियां देनी शुरू की। बोली,
ब्याहीजी वाली न मोरयो लेग्यो, बागां में जार पफेड़ी र
हां बागां में जार पफेड़ी र।
खेत-खेत का चणा रुखाल्या पालर पाणी पीदो रे हां पालर पाणी पीदो रे
बारा बारा बरसा परणया क रहगी तो ही ठालड़ रेगी र, हां तो ही ठालड़ रेगी र
एक रात म्हारा खसम क रहजा झटपट लालो लेजा ये, हां झटपट लालो ले जा ये
काणी छोरी हो तो थारी जेलू भूर्यो बेटो हो तो मारो ये, हां भूर्यो बेटो हो तो मारो ये।

एक रात म्हारा खसम क रहजा झटपट लालो लेजा ये, हां झटपट लालो ले जा ये।

ब्यानजी से मस्ती तो चालू थी। साथ मे सगाई का प्रोग्राम भी चालू हो गया था। रिंग सेरेमनी हुई। फिर खाने का प्रोग्राम । अब हम सब ब्यानजी की मनुहार करने लगे खाने की। मैने सबसे पहले पहले एक बड़ा गुलाब जामुन
उनके मुंह मे ठूस दिया वो अंदर नही गया उसके पहले ही दूसरा भी ठूस दिया। अब तो ब्यानजी का मुंह पूरा भर गया कुछ बोला क्या कुछ निगला भी नही जा रहा था। पास में से कोई बोली ब्यानजी मोटा मोटा लॉलीपाप लियेड़ा हैं मुंह मे ये तो आराम से कहा ले ई । ओर सब हँसने लगी । फिर सबने कुछ न कुछ खिलाके ब्यान की मनुहार की।
मेरी ननद कहा कम थी वो ब्यानजी के पेटिकोट में हाथ डालकर उनकी रसभरी पर गुलाब जामुन लगा कर बोली ब्यानजी आता से मीठो मुंह करलो। पास में से कोई बोली अटे तो मोटा मोटा मूसल सु मीठो मुंह करे ब्यानजी। खाने
के टाइम भी बहुत छेड़ा ब्यानजी को चैन से खाना भी नही खाने दिया खूब मस्ती की। अब सोने की बारी थी सब जेंट्स को ऊपर छत पर सुला दिया उनके साथ आई रिश्तेदार औरतों को पास के कमरे में सुलाया पर केवल ब्यानजी
के लिए सोने की अलग व्यवस्था थी। केवल उन्हें हमारे पास सुलाया ताकि रात भर उनकी रगड़ाई कर सके। एक बड़े डबल बेड पर में मेरी ननद ओर बीच मे हमारी नई ब्यान थी और कमरे में मेरी 5,6 रिश्तेदार थी हम 7,8 थी और मेरी
बयान अकेली।अब धीमे धीमे ब्यानजी से हंसी मजाक होने लगी मेरी ननद ने ब्यानजी की रसभरी को सहला के पूछा
ब्यानजी कितना को घोंटी या। ब्यानजी थोड़ी देर चुप रही तो दूसरी बोली ब्यानजी गिन रिये कितना को ली है और फिर सब हँसने लगी। अब हमें मैन काम करना था क्योंकि फ्री होते होते वेसे ही बहुत टाइम हो गया था। अब मैने बोला ब्यानजी गर्मी हो री होइ लाओ थाका कपड़ा उतार देवा।मेरी ननद बोली भोजाई पहली ब्यान है कपडा उतारा कोनी फाड़ा। ओर अब ब्यानजी कस वस्त्रहरण चालू हो गया। पहले ब्यानजी की साड़ी खुली ।ब्यानजी ने भी काफी बचाव किया पर वो अकेली थी उनका बस कहा पे चलता। अब मेरी ननद ने सीधे उनके पेटिकोट में हाथ डालके उनकी चड्डी को खीच के बाहर निकाल दिया और उनके सामने ही उनकी चड्डी फाड् दी जैसे कह रही हो कि जैसे उनकी चड्डी फटी है वैसे उनकी भी फटने वाली है। अब ब्यानजी छटपटाने लगी पर एक हाथ से मैने उनकी पेटिकोट की दरार को पकड़ा और दोनों हाथों से जोर लगा के उनके पेटिकोट को चर्र की आवाज के साथ फाड् दिया। अब बेचारी ब्यान केवल ब्रा में थी अब ओर अपने दोनों हाथो से अपनी रसभरी को हमसे छुपा रखा था। ओर बोल रही थी। ब्यानजी मानो कई इज्जत लूट री हो म्हारी।पर आज तो ब्यानजी की इज्ज़त तार तार होने वाली थी। अब ब्यानजी की बची ब्रा भी हमने फाड् दी। अब हमारी नई ब्यान हमारे सामने पूरी नंगी थी। अब कोई ब्यान की गांड में उंगली कर रही थी तो कोई उनके बोबे दबा रही थी। और उन्हें बोल रही थी कितनो से डब्वाया है जो इतने मोटे मोठे हो गये। अब एक तरफ में एक तरफ मेरी ननद ओर बीच मे मेरी ब्यानजी। ब्यानजी का एक बोबा मेरे मुंह मे तो एक मेरी ननद के, दोनों उनके बच्चो जैसे दूदू पी रहे थे। और हमारे पड़ोस में रहने वाली रश्मि भाभी उनकी टाँगों के बीच
उनकी रसभरी को अपनी उंगली से चोद रही थी।
 
137
352
79
उंगली जाते ही ब्यानजी कसमसाने लगी तभी रश्मि भाभी बोली
ब्यानजी आराम से करवा लो नही तो पूरी मुट्ठी पेल देऊ। इस तिहरे हमले से ब्यान मचल रही थी । हमारी जीभो ओर रश्मि भाभी की उंगली ने उन्हें सिसकने पर मजबूर कर दिया। आआआह मम्मम्ह!अब तो ब्यानजी को खूब प्यार करना था और अपने प्यार
की निशानी भी छोड़नी थी जो उनके गर्दन पर बोबो पर काट के छोड़ रहे थे। काफी देर उनका दूदू पीने ओर उनका बोबा काटने के बाद मेरी ब्यान भी चुदासी होने लगी थी । मेरी ननद ने भी अब उनके बोबो को छोड़ कर होठो पे हमला किया दोनो होंठो को अपने होठो में लेके जोर जोर से चूसने लगी थोड़ी देर बाद ये मौका मुझे मिला पहले बार किसी औरत का चुम्मा ले रही थी मैं। मेने भी उनके होठो को जम के चूसा। नीचे भी रश्मि भाभी दो दो उंगलियों से उनकी रसभरी को मथ रही थी। अब हमें ब्यानजी को झडाना नहि था बल्कि ओर कुछ स्पेशल देना था। अब मै बाहर गयी और किचन में रखे फ्रिज से ब्यानजी के लिए स्पेशल चीज ले आयी जो मेरी ननद ने खास ब्यानजी के लिए खरीदे थे। सुबह ही मेरी ननद लंबे लंबे और मोटे मोठे खीरे लाई थी। अब मेने दो चार खीरो में से मेरी ब्यान से पूछा
ब्यानजी कौनसो खीरो खाओं। वो बोली कोइसो ही काटलो। मेरी ननद उनकी रसभरी पर हाथ रख के बोली यो मुंह से खाबा को कोनी अटे से खाबा को है।मेरी बयान बोली अरे बार्रे म्हारी फाड् देओ थे तो। अब एक लंबा मोटा सा खीरा मैंने ओर एक खीरा मेरी ननद ने लिया ओर वापस उसी पोजिशन में आ गयी बीच मे ब्यानजी ओर अगल बगल हम दोनों। अब मेरी ननद ने खीरा ब्यानजी की रसभरी के मुंह पर लगाया और उसकी पंखुड़ियों को खोलने लगी । ओर धीरे धीरे खीरा घुसाने लगी ।और ब्यान की सिसकारियां निकलने लगी। अब वो धीरे धीरे मस्ती में आके हमे गालियां देने लगी।
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ब्यानजी की लोड़ी फाड् मत दीजो इने।’इतनी रगड़ाई के बाद ब्यानजी कि रसभरी लसलसाने लगी थी।अब मेरी ननद ने मुझे इशारा किया और अपना खीरा हटा लिया । अब मेरी बारी थी उनके खीरा डालने की अब मेने अपना लम्बा मोटा खीरा उठाया और ब्यान जी की रसभरी में डालने लगी। धीरे धीरे करके लगभग एक चौथाई खीरा ब्यान के अंदर डाल दिया। अब ब्यान चिखि ओर बोली। अरे बार्रे ब्यानजी फाट गी म्हारी।
ओर मुझे गली देती हुई बोली अरे ब्यानजी मानो थांकी जीसान बोस्यो थोड़ी ह म्हारो फाट जाई म्हारी। मेरी ननद बोली ब्यानजी फटेडी तो पहली से ही है थाकि। रश्मी भाभी ब्यानजी के लिये बोली
लंड बिना न हो सवेरो लंड बिना न ढले जीकी रात
इसान की है आपणी फटा बोस्या की ब्यान।।
बोलो फटा बोस्या की ब्यान।
ओर हम सब हँसने लगी। काफी देर तक हम दोनों अदल बदल कर अपने खीरा से ब्यानजी को चोद रहे थे।
अब मेरी ननद सीधी हुई और बोली बहुत देर होगी ब्यानजी ने तड़फते हुए और तेजी से खीरा ब्यानजी की रसभरी में करने लगी। अंदर बाहर अंदर बाहर सटासट सटासट आधे से ज्यादा खीरा ब्यानजी की रसभरी में जा रहा था। और ब्यानजी सिसकते हुए आंखे बंद करके चुदाई का आनंद ले रही थी। आआ हहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ब्यानजी। अब ननद के खीरा की भी स्पीड बढ़ने लगी और मेरी ब्यानजी की सिसकारियां भी उह्हह हफ़्फ़ उफ़्फ़ ह्हह हहाआआ अनन्न आआऐ म्हारी ब्यान।। अब एक जोर के झटके में ब्यानजी का फव्वारा छूट गया। और उन्होंने रसभरी का सारा
रस खीरे पर निकाल दिया। और हम सब बोले चुद गए ब्यानजी।
 
Top