लेकिन अभी कहां ब्यानजी को छोड़ते। अभी तो दूसरा पार्ट बाकी था। अभी तो ब्यान की पूरी रात रगड़ाई होनी थी।
अब रश्मि भाभी ब्यानजी की रसभरी में उंगली डाल कर उनकी मलाई उन्ही को चटा रही थी और मेरी ब्यान झटपटा रही थी। अब मेरी ननद बोली भोजाई अब ब्यानजी से आपणी रसभरी भी चटवानी है। मेरी ननद ने मुझे इशारा किया और मैं लेट गयी ।अब मेरी ननद ने ब्यान को पकड़ा और उनका मुंह मेरे पेटिकोट में डाल दिया और अब उनका मुंह मेरी रसभरी पर था। पीछे से मेरी ननद बोली ब्यान जी आछि तरह से चाटजो ओर कोई काटा काटी की तो ,एक बड़ा सा डंडा दिखाती हुई बोली नही तो यो थाकि गांड में दाल देवेला।अब ब्यान से मेरी रसभरी चटवाई जा रही थी।अब ब्यान की जीभ मेरी रसभरी की पंखुड़ियों पर चल रही थी ।ब्यान थी तो पूरी चटोकड। बढ़िया से मेरी रसभरी को चाट रही थी। अब तो धीरे धीरे अपनी जीभ मेरे अंदर घुसा रही थी।थोड़ी देर में ही मैं मदहोश होने लगी थी। अब मेरी आँखें बंद हो रही थी । औऱ बड़ी मुश्किल से अपनी सिस्कारियो पर कंट्रोल किया मैंने । अब मुझ पर मेरी ब्यान हावी हो रही थी। मेरी ननद को भी पता चल गया था कि ब्यान हावी हो रही हैं। अभी हमे हावी होना था ब्यान पर ।इसलिये मेरी ननद ने ब्यान को मेरे पेटिकोट में से निकाला ओर बोली आओ ब्यानजीथाने देसी घी की चक्की खिलाऊँ ओर खुद घोड़ी बन गयीं ओर मुझे ईशारा किया ।अब मैने अपनी ब्यान को मेरी ननद के पेटिकोट
में घुसेड़ा ओर उनका मुंह मेरी ननद की गांड पर लगा दिया। और अब ब्यानजी से गांड चटवाने की बारी थी। फिर वही डायलॉग की ब्यानजी सही नी चाटी तो गांड में डंडा दाल देवा। मजबूरी में मेरी ब्यान मेरी ननद की गांड चाट रही थी। ननद बोल रही थी हाँ ब्यानजी पूरी जीभ घुसेडो छेद मे। फिर मुझे बोली भोजाई थारी ब्यान सही नी चाट रिये। ओर मैने ब्यानजी की गांड पर एक चपेट लगाई और बोली ब्यानजी ढंग से चाटो। अब बीच बीच मे मैं ब्यानजी कि गांड पर चपेट मार के उनकी गांड की कुटाई कर देती। काफी देर अपनी चटवाने के बाद मेरी ननद बोली लो भौजाई अब थारो नंबर ।अब मेरी ब्यानजी मेरी गांड चाट रही थी।ओर मेरी ननद पीछे से ब्यानजी की गांड में उंगली कर रही थी और उनकी गांड पे चपेट भी लगती जा रही थी।ब्यानजी कि जीभ सीधे मेरे गांड के छेद पे थी। काफी देर गांड चटवाने के बाद । बाकी सब ने भी ब्यानजी से बारी बारी से अपनी गांड चटवाई । अब ब्यानजी थक के निढाल थी इतनी देर की चुसाई से उनकी जीभ ओर मुंह भी दर्द करने लगे थे।
अब रश्मि भाभी ब्यानजी की रसभरी में उंगली डाल कर उनकी मलाई उन्ही को चटा रही थी और मेरी ब्यान झटपटा रही थी। अब मेरी ननद बोली भोजाई अब ब्यानजी से आपणी रसभरी भी चटवानी है। मेरी ननद ने मुझे इशारा किया और मैं लेट गयी ।अब मेरी ननद ने ब्यान को पकड़ा और उनका मुंह मेरे पेटिकोट में डाल दिया और अब उनका मुंह मेरी रसभरी पर था। पीछे से मेरी ननद बोली ब्यान जी आछि तरह से चाटजो ओर कोई काटा काटी की तो ,एक बड़ा सा डंडा दिखाती हुई बोली नही तो यो थाकि गांड में दाल देवेला।अब ब्यान से मेरी रसभरी चटवाई जा रही थी।अब ब्यान की जीभ मेरी रसभरी की पंखुड़ियों पर चल रही थी ।ब्यान थी तो पूरी चटोकड। बढ़िया से मेरी रसभरी को चाट रही थी। अब तो धीरे धीरे अपनी जीभ मेरे अंदर घुसा रही थी।थोड़ी देर में ही मैं मदहोश होने लगी थी। अब मेरी आँखें बंद हो रही थी । औऱ बड़ी मुश्किल से अपनी सिस्कारियो पर कंट्रोल किया मैंने । अब मुझ पर मेरी ब्यान हावी हो रही थी। मेरी ननद को भी पता चल गया था कि ब्यान हावी हो रही हैं। अभी हमे हावी होना था ब्यान पर ।इसलिये मेरी ननद ने ब्यान को मेरे पेटिकोट में से निकाला ओर बोली आओ ब्यानजीथाने देसी घी की चक्की खिलाऊँ ओर खुद घोड़ी बन गयीं ओर मुझे ईशारा किया ।अब मैने अपनी ब्यान को मेरी ननद के पेटिकोट
में घुसेड़ा ओर उनका मुंह मेरी ननद की गांड पर लगा दिया। और अब ब्यानजी से गांड चटवाने की बारी थी। फिर वही डायलॉग की ब्यानजी सही नी चाटी तो गांड में डंडा दाल देवा। मजबूरी में मेरी ब्यान मेरी ननद की गांड चाट रही थी। ननद बोल रही थी हाँ ब्यानजी पूरी जीभ घुसेडो छेद मे। फिर मुझे बोली भोजाई थारी ब्यान सही नी चाट रिये। ओर मैने ब्यानजी की गांड पर एक चपेट लगाई और बोली ब्यानजी ढंग से चाटो। अब बीच बीच मे मैं ब्यानजी कि गांड पर चपेट मार के उनकी गांड की कुटाई कर देती। काफी देर अपनी चटवाने के बाद मेरी ननद बोली लो भौजाई अब थारो नंबर ।अब मेरी ब्यानजी मेरी गांड चाट रही थी।ओर मेरी ननद पीछे से ब्यानजी की गांड में उंगली कर रही थी और उनकी गांड पे चपेट भी लगती जा रही थी।ब्यानजी कि जीभ सीधे मेरे गांड के छेद पे थी। काफी देर गांड चटवाने के बाद । बाकी सब ने भी ब्यानजी से बारी बारी से अपनी गांड चटवाई । अब ब्यानजी थक के निढाल थी इतनी देर की चुसाई से उनकी जीभ ओर मुंह भी दर्द करने लगे थे।