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Erotica चुदकड ब्यानजी

Nevil singh

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पहले जब मेरी बिटिया का रिश्ता पक्का करने मैं ओर मेरे पति उनके घर गए थे तब ही मेरी ब्यानजी कितनी छिछोरी है पता चल गया था मैंने उनसे हाथ जोड़कर राम राम किया और वो पास आयी गले लगकर दो उंगली मेरी गांड में साड़ी के ऊपर से ही कि ओर बोली अब तो थे ब्यानजी बन गया हो तो अब तो राम राम इसाण होई। ओर हँसने लगी में क्या बोलती बस शर्मा गयी। पता चल गया था कि किसी दिन उनके हाथ लग गयी तो जम के रगड़ाई होगी मेरी।

अब हम भी सगाई की तैयारियों में बिजी हो गए। वो अपने रिश्तेदारों के साथ हमारे घर आने वाले थे और रात रोककर सुबह उन्हें विदाई देनी थी। मेरी ननद भी जल्दी आ गयी थी पर नंदोईजी भी बिजी होने के कारण बाद में आने वाले थे। सगाई वाली सुबह मेरी ननद बोलीभौजाई आज तो नई ब्यानजी की खूब रगड़ाई करनी है। मेने भी बोला हाँ पहली ब्यान है रगड़ाई तो बनती है। शाम को सब मेहमान आगये ब्याहीजी ब्यानजी पावणा ओर उनके रिश्तेदार। आते ही ब्यानजी मेरे गले लगी मेने भी उन्हें कस के जकड़ा ओर अपनी दो उंगली साडी के ऊपर से उनकी गांड में वो भी कहाँ कम थी उन्होंने भी मेरी गांड में उंगली की बोली राम राम ब्यानजी।
थोड़ी देर दोनो ऐसे ही रही फिर हटी। अब मेरी ब्यान को मेरी ननद ओर मेरे रिश्तेदारों ने घेर लिया। मेरी ननद ने पीछे से आकर ब्यान जी के दोनों भारी भरकम बोबो को पकडकर औऱ बाकी
ओरतो, किसी ने ब्यान जी की चूत सहला के किसी ने गांड में उंगली देखे किसी ने बोबे दबाकर नई बयान से राम राम किया और अभी से ही ब्यान की रगड़ाई शुरू कर दी।
Bahtreen update.
 

Nevil singh

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और ब्यान जी का गालियों से स्वागत किया मेरी ननद ने गीतों में गालियां देनी शुरू की। बोली,
ब्याहीजी वाली न मोरयो लेग्यो, बागां में जार पफेड़ी र
हां बागां में जार पफेड़ी र।
खेत-खेत का चणा रुखाल्या पालर पाणी पीदो रे हां पालर पाणी पीदो रे
बारा बारा बरसा परणया क रहगी तो ही ठालड़ रेगी र, हां तो ही ठालड़ रेगी र
एक रात म्हारा खसम क रहजा झटपट लालो लेजा ये, हां झटपट लालो ले जा ये
काणी छोरी हो तो थारी जेलू भूर्यो बेटो हो तो मारो ये, हां भूर्यो बेटो हो तो मारो ये।

एक रात म्हारा खसम क रहजा झटपट लालो लेजा ये, हां झटपट लालो ले जा ये।

ब्यानजी से मस्ती तो चालू थी। साथ मे सगाई का प्रोग्राम भी चालू हो गया था। रिंग सेरेमनी हुई। फिर खाने का प्रोग्राम । अब हम सब ब्यानजी की मनुहार करने लगे खाने की। मैने सबसे पहले पहले एक बड़ा गुलाब जामुन
उनके मुंह मे ठूस दिया वो अंदर नही गया उसके पहले ही दूसरा भी ठूस दिया। अब तो ब्यानजी का मुंह पूरा भर गया कुछ बोला क्या कुछ निगला भी नही जा रहा था। पास में से कोई बोली ब्यानजी मोटा मोटा लॉलीपाप लियेड़ा हैं मुंह मे ये तो आराम से कहा ले ई । ओर सब हँसने लगी । फिर सबने कुछ न कुछ खिलाके ब्यान की मनुहार की।
मेरी ननद कहा कम थी वो ब्यानजी के पेटिकोट में हाथ डालकर उनकी रसभरी पर गुलाब जामुन लगा कर बोली ब्यानजी आता से मीठो मुंह करलो। पास में से कोई बोली अटे तो मोटा मोटा मूसल सु मीठो मुंह करे ब्यानजी। खाने
के टाइम भी बहुत छेड़ा ब्यानजी को चैन से खाना भी नही खाने दिया खूब मस्ती की। अब सोने की बारी थी सब जेंट्स को ऊपर छत पर सुला दिया उनके साथ आई रिश्तेदार औरतों को पास के कमरे में सुलाया पर केवल ब्यानजी
के लिए सोने की अलग व्यवस्था थी। केवल उन्हें हमारे पास सुलाया ताकि रात भर उनकी रगड़ाई कर सके। एक बड़े डबल बेड पर में मेरी ननद ओर बीच मे हमारी नई ब्यान थी और कमरे में मेरी 5,6 रिश्तेदार थी हम 7,8 थी और मेरी
बयान अकेली।अब धीमे धीमे ब्यानजी से हंसी मजाक होने लगी मेरी ननद ने ब्यानजी की रसभरी को सहला के पूछा
ब्यानजी कितना को घोंटी या। ब्यानजी थोड़ी देर चुप रही तो दूसरी बोली ब्यानजी गिन रिये कितना को ली है और फिर सब हँसने लगी। अब हमें मैन काम करना था क्योंकि फ्री होते होते वेसे ही बहुत टाइम हो गया था। अब मैने बोला ब्यानजी गर्मी हो री होइ लाओ थाका कपड़ा उतार देवा।मेरी ननद बोली भोजाई पहली ब्यान है कपडा उतारा कोनी फाड़ा। ओर अब ब्यानजी कस वस्त्रहरण चालू हो गया। पहले ब्यानजी की साड़ी खुली ।ब्यानजी ने भी काफी बचाव किया पर वो अकेली थी उनका बस कहा पे चलता। अब मेरी ननद ने सीधे उनके पेटिकोट में हाथ डालके उनकी चड्डी को खीच के बाहर निकाल दिया और उनके सामने ही उनकी चड्डी फाड् दी जैसे कह रही हो कि जैसे उनकी चड्डी फटी है वैसे उनकी भी फटने वाली है। अब ब्यानजी छटपटाने लगी पर एक हाथ से मैने उनकी पेटिकोट की दरार को पकड़ा और दोनों हाथों से जोर लगा के उनके पेटिकोट को चर्र की आवाज के साथ फाड् दिया। अब बेचारी ब्यान केवल ब्रा में थी अब ओर अपने दोनों हाथो से अपनी रसभरी को हमसे छुपा रखा था। ओर बोल रही थी। ब्यानजी मानो कई इज्जत लूट री हो म्हारी।पर आज तो ब्यानजी की इज्ज़त तार तार होने वाली थी। अब ब्यानजी की बची ब्रा भी हमने फाड् दी। अब हमारी नई ब्यान हमारे सामने पूरी नंगी थी। अब कोई ब्यान की गांड में उंगली कर रही थी तो कोई उनके बोबे दबा रही थी। और उन्हें बोल रही थी कितनो से डब्वाया है जो इतने मोटे मोठे हो गये। अब एक तरफ में एक तरफ मेरी ननद ओर बीच मे मेरी ब्यानजी। ब्यानजी का एक बोबा मेरे मुंह मे तो एक मेरी ननद के, दोनों उनके बच्चो जैसे दूदू पी रहे थे। और हमारे पड़ोस में रहने वाली रश्मि भाभी उनकी टाँगों के बीच
उनकी रसभरी को अपनी उंगली से चोद रही थी।
Bamishaal update.
 

Nevil singh

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उंगली जाते ही ब्यानजी कसमसाने लगी तभी रश्मि भाभी बोली
ब्यानजी आराम से करवा लो नही तो पूरी मुट्ठी पेल देऊ। इस तिहरे हमले से ब्यान मचल रही थी । हमारी जीभो ओर रश्मि भाभी की उंगली ने उन्हें सिसकने पर मजबूर कर दिया। आआआह मम्मम्ह!अब तो ब्यानजी को खूब प्यार करना था और अपने प्यार
की निशानी भी छोड़नी थी जो उनके गर्दन पर बोबो पर काट के छोड़ रहे थे। काफी देर उनका दूदू पीने ओर उनका बोबा काटने के बाद मेरी ब्यान भी चुदासी होने लगी थी । मेरी ननद ने भी अब उनके बोबो को छोड़ कर होठो पे हमला किया दोनो होंठो को अपने होठो में लेके जोर जोर से चूसने लगी थोड़ी देर बाद ये मौका मुझे मिला पहले बार किसी औरत का चुम्मा ले रही थी मैं। मेने भी उनके होठो को जम के चूसा। नीचे भी रश्मि भाभी दो दो उंगलियों से उनकी रसभरी को मथ रही थी। अब हमें ब्यानजी को झडाना नहि था बल्कि ओर कुछ स्पेशल देना था। अब मै बाहर गयी और किचन में रखे फ्रिज से ब्यानजी के लिए स्पेशल चीज ले आयी जो मेरी ननद ने खास ब्यानजी के लिए खरीदे थे। सुबह ही मेरी ननद लंबे लंबे और मोटे मोठे खीरे लाई थी। अब मेने दो चार खीरो में से मेरी ब्यान से पूछा
ब्यानजी कौनसो खीरो खाओं। वो बोली कोइसो ही काटलो। मेरी ननद उनकी रसभरी पर हाथ रख के बोली यो मुंह से खाबा को कोनी अटे से खाबा को है।मेरी बयान बोली अरे बार्रे म्हारी फाड् देओ थे तो। अब एक लंबा मोटा सा खीरा मैंने ओर एक खीरा मेरी ननद ने लिया ओर वापस उसी पोजिशन में आ गयी बीच मे ब्यानजी ओर अगल बगल हम दोनों। अब मेरी ननद ने खीरा ब्यानजी की रसभरी के मुंह पर लगाया और उसकी पंखुड़ियों को खोलने लगी । ओर धीरे धीरे खीरा घुसाने लगी ।और ब्यान की सिसकारियां निकलने लगी। अब वो धीरे धीरे मस्ती में आके हमे गालियां देने लगी।
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ब्यानजी की लोड़ी फाड् मत दीजो इने।’इतनी रगड़ाई के बाद ब्यानजी कि रसभरी लसलसाने लगी थी।अब मेरी ननद ने मुझे इशारा किया और अपना खीरा हटा लिया । अब मेरी बारी थी उनके खीरा डालने की अब मेने अपना लम्बा मोटा खीरा उठाया और ब्यान जी की रसभरी में डालने लगी। धीरे धीरे करके लगभग एक चौथाई खीरा ब्यान के अंदर डाल दिया। अब ब्यान चिखि ओर बोली। अरे बार्रे ब्यानजी फाट गी म्हारी।
ओर मुझे गली देती हुई बोली अरे ब्यानजी मानो थांकी जीसान बोस्यो थोड़ी ह म्हारो फाट जाई म्हारी। मेरी ननद बोली ब्यानजी फटेडी तो पहली से ही है थाकि। रश्मी भाभी ब्यानजी के लिये बोली
लंड बिना न हो सवेरो लंड बिना न ढले जीकी रात
इसान की है आपणी फटा बोस्या की ब्यान।।
बोलो फटा बोस्या की ब्यान।
ओर हम सब हँसने लगी। काफी देर तक हम दोनों अदल बदल कर अपने खीरा से ब्यानजी को चोद रहे थे।
अब मेरी ननद सीधी हुई और बोली बहुत देर होगी ब्यानजी ने तड़फते हुए और तेजी से खीरा ब्यानजी की रसभरी में करने लगी। अंदर बाहर अंदर बाहर सटासट सटासट आधे से ज्यादा खीरा ब्यानजी की रसभरी में जा रहा था। और ब्यानजी सिसकते हुए आंखे बंद करके चुदाई का आनंद ले रही थी। आआ हहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ब्यानजी। अब ननद के खीरा की भी स्पीड बढ़ने लगी और मेरी ब्यानजी की सिसकारियां भी उह्हह हफ़्फ़ उफ़्फ़ ह्हह हहाआआ अनन्न आआऐ म्हारी ब्यान।। अब एक जोर के झटके में ब्यानजी का फव्वारा छूट गया। और उन्होंने रसभरी का सारा
रस खीरे पर निकाल दिया। और हम सब बोले चुद गए ब्यानजी।
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पर अभी तो गांड चटाई की रस्म हुई थी अभी तो ओर बहुत कुछ बाकी था। अब ब्यानजी के पीछे वाले छेद को भरने की बारी थी।पहले तो खुब तेल लगाया ब्यानजी के छेद पे।अब मेरी ननद ने एक लंबी मोटी मोमबत्ती ली और उसपे एक्सट्रा डॉटेड वाला कॉन्डोम चढ़ाया ओर ब्यान को दिखाया कि अब ये तुम्हारे पीछे जाने वाला है ब्यानजी घबरा गई औऱ बोली मानो ब्यानजी पीछे नी फाट जाइ। मेरी ननद बोली कितना मोटा मोटा खायेदा ह ओर इतना सा में फट जाई।औऱ मेरी ब्यान को घोड़ी बना दिया औऱ कॉन्डोम वाली मोमबत्ती अब ब्यानजी की गांड में जाने लगी। अरे ब्रारे उम्म्ह… अहह… हय… याह… मां मररर … गयययी … रे … आंह बाहरररर निकालो इने!
लेकिन ब्यानजी की कौन सुनता ओर पीछे से मोमबत्ती की धकमपेल शुरू हो गयी। आगे से मैं भी ब्यानजी की रसभरी में खीरा घुसाने लगी ।अब ब्यानजी के दोनों छेद भरे हुए थे और उनका बुरा हाल था ब्यानजी कि सिसकारियां बंद नही हो रही थी और वो गालिया भी दे रही थी। अब धीरे धीरे वो भी चुदासि होने लगी। आह ब्यानजी अहह… हय… याह। अब ब्यानजी के दोनो छेड़ो में घुसाने की स्पीड बढ़ चुकी थी। साथ मे ब्यानजी की गांड पर चपेट भी पड़ जाते थे। अब काफी झटको बाद ब्यानजी झाड़ गयी।और उनकी रसभरी ने काफी रस टपका दिया। लेकिन अभी कहा सोना था अब ब्यानजी के मेहंदी लगानी थी। ब्यानजी के जांघो तक मेहंदी से पैर भर दिए।
 

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पर अभी तो गांड चटाई की रस्म हुई थी अभी तो ओर बहुत कुछ बाकी था। अब ब्यानजी के पीछे वाले छेद को भरने की बारी थी।पहले तो खुब तेल लगाया ब्यानजी के छेद पे।अब मेरी ननद ने एक लंबी मोटी मोमबत्ती ली और उसपे एक्सट्रा डॉटेड वाला कॉन्डोम चढ़ाया ओर ब्यान को दिखाया कि अब ये तुम्हारे पीछे जाने वाला है ब्यानजी घबरा गई औऱ बोली मानो ब्यानजी पीछे नी फाट जाइ। मेरी ननद बोली कितना मोटा मोटा खायेदा ह ओर इतना सा में फट जाई।औऱ मेरी ब्यान को घोड़ी बना दिया औऱ कॉन्डोम वाली मोमबत्ती अब ब्यानजी की गांड में जाने लगी। अरे ब्रारे उम्म्ह… अहह… हय… याह… मां मररर … गयययी … रे … आंह बाहरररर निकालो इने!
लेकिन ब्यानजी की कौन सुनता ओर पीछे से मोमबत्ती की धकमपेल शुरू हो गयी। आगे से मैं भी ब्यानजी की रसभरी में खीरा घुसाने लगी ।अब ब्यानजी के दोनों छेद भरे हुए थे और उनका बुरा हाल था ब्यानजी कि सिसकारियां बंद नही हो रही थी और वो गालिया भी दे रही थी। अब धीरे धीरे वो भी चुदासि होने लगी। आह ब्यानजी अहह… हय… याह। अब ब्यानजी के दोनो छेड़ो में घुसाने की स्पीड बढ़ चुकी थी। साथ मे ब्यानजी की गांड पर चपेट भी पड़ जाते थे। अब काफी झटको बाद ब्यानजी झाड़ गयी।और उनकी रसभरी ने काफी रस टपका दिया। लेकिन अभी कहा सोना था अब ब्यानजी के मेहंदी लगानी थी। ब्यानजी के जांघो तक मेहंदी से पैर भर दिए।
आगे पीछे..............फिर दोनों में.................
अब भी कुछ बच गया क्या

अब देखना शादी के बाद..............माँ-बेटी दोनों की फाड़ेंगी,,,,,,,,,,,,,,
ब्यानजी :hehe:
 
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अब मेरी ननद ने बोला की ब्यानजी की सारी मैन चीजो को अंडरलाइन करते है।अब उनके बोबो के घेरो पे डार्क मेहंदी से मोटी अंडरलाइन की ओर उनके नीचे रसभरी को भी अंडरलाइन की अब उन्हें पीछे घुमाके ज्यादा डार्क वाली मेहंदी होती हैं ना उससे उनकी गांड के हल्का ऊपर लिखा “कृप्या यहा डालें”
औऱ उनकी गांड की एक फांक पर लिखा “मात्र”ओर दूसरी पर लिखा”सौ रुपये” मतलब पूरा लिखा “कृप्या यहाँ डाले मात्र सौ रूपये में”।ब्यानजी मुझे बोली थांकी रेट होएली सौ रुपया। मैंने बोला थे तो दस रुपया में करवा लेओ। फिर भी 100 रुपया लिखिए हा। रात भर यू ही मस्ती मज़ाक करते रहे। ब्यानजी के उँगली करते करते पता नही कितनी बार झड़ा दिया उन्हें। चैन से सोने भी नही दिया उन्हें।सुबह उठकर सबको खाना खिलाकर उन्हें विदाई देनी थी। सुबह ब्यानजी उठे बोले कपड़ा तो दे दो बाथरूम में जाउ।हमने कपड़े तो उनके फाड़ दिए थे फिर ऐसे ही पलंग के चददर लपेट कर बाथरूम गए। अब तो उन्हें भेजना था इसलिए जब वो नहा के आये तब उन्हें नए कपड़े दिए।उनके सामने ही ब्याहीजी ओर पावणा के खाने में कल की उनकी रसभरी में गयी हुई खीरा काट के भेजी। सब बोली ब्याहीजी तो पेली ही चख लिया होइ अब पावणा भी चख लेइ बेकी माँ की रसमलाई औऱ फिर सब हँसने लगी।अब ब्यानजी को भी खाना खिलाया गया।ओर बीच बीच मे सब मस्ती भी कर रहे थे।पूछ रहे थे ब्यानजी काल की चुदाई केन की री थाकि ओर चुदनो हुवे तो अटे ही रह जाओ।अब विदाई का टाइम था। हमारे विदाई के टाइम ब्यान ब्याही को रंगके भेजते है रंग का शगुन करते है। इसलिए मेरी ननद बोली अब तो ब्यानजी की रंगाई बाकी है।पहले तो एक रेड कलर की बाल्टी भर के दूर से ही ब्याहीजी के ऊपर डाल के आये। ब्याहीजी भी शगुन मानकर कुछ नही बोले अभी होली होती तो वापस आकर रगड़ देते पर अभी चुप थे। अब ब्यान की साथ मे आयी रिश्तेदार औरतो की बारी थी। कल भी बस ब्यान की रगड़ाई के कारण वो सुकी बच गयी थी पर अभी तो उनके कहा कहा रंग लगाया किसी के ब्लाऊज में तो कीसी के पेटिकोट के अंदर तक एक को तो रंग से मंजन भी करा दिया । अब बस ब्यानजी की बारी थी सब ब्यान को घेर कर खड़ी होगयी ओर बीच मे ब्यान अकेली थी । ओर सब की यहि डिमांड़ थी कि ब्यान ने नागी कर रंगा। मेरी ब्यान बोली ब्यानजी केवल शगुन करलो ज्यादा रगड़ाई मत करो। पर पब्लिक डिमांड थी तो ब्यान को नंगी तो करना ही था। इतने हाथ थे कि 2 मिनट भी नही लगे ब्यान को नंगी करने में किसी ने घाघरा किसी ने ब्लाउज ओर हो गयी ब्यान नंगी। अब किसी ने उनके बोबो पर कलर लगाया तो किसी ने उनकी रसभरी पर। शरीर का कोई कोना नही छोड़ा और रगड़ रगड़ कर ब्यान को कलर लगाया बस गांड पर जो रात को लिखा था वहा नही लगाया बाकी कोई जगह नही छोड़ी फिर थोड़ा कलर लेके मेने मेरी ब्यान के मुँह में डालके मंजन कराया। अब रंग रगड़ाई के बाद अब ब्यान को वापस कपड़े पहनाने थे मेरी ननद ने ब्यानजी को घाघरा पहनाया ओर जानबूझकर उसकी गांठ हल्की बांधी ताकि थोड़ी दूर में ही घाघरा खुल जाए ओर ब्यान सब के सामने नंगी हो जाये।अब ब्यान जाने लगी पर उनके साथ आई रिश्तेदार समझ गयी और उनकी घाघरे की गांठ को सही बांध दिया। अब इतनी रगड़ाई करवाकर ब्यान ने विदाई ली।
 
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