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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०

वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट

अपडेट पोस्टेड

कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।


 
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komaalrani

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komaalrani

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आपकी तो जितनी भी तारीफ करो कम है कोमल जी। हमेशा की तरह इस बार ही एक बहुत ही बढ़िया और उत्कृष्ट अपडेट. सच में आपके लेखन की तारीफ में शब्द ही नहीं सूझते. ननद भाभी के बीच की केमिस्ट्री भी लाजवाब है. ननद पे प्रति इतना स्नेह, उसकी प्रति इतनी चिंता ये सब बहुत ही अद्भुत है. और भोजई की चतुराई तो जैसे सोने पे सुहागा। कैसे माँ के आदेश से बंधे ननदोई का काबू मुझे करना है वो अच्छे से जानती है. अपना सच कहा कि पति पत्नी में रिश्ते में पति कभी गलत नहीं होता लेकिन उस पति को जवानी की एक झलक दिखला कैसे बेवकूफ़ बनाया जा सकता है वो अच्छे से जानती है।. मर्द चाहे कितना भी ताक़तवर क्यों न हो..औरत के आगे हथियार डाल ही देते हैं.



मजा मेरे मरद ने लिया. हचक हचक के नन्दोई की मेहरारू को लिटाय के, निहुराय के, कुतिया बनाय के पेला, फाड़ी उसकी बुर, उसे गाभिन किया, लेकिन सेने का काम,... ननदोई के जिम्मे ।चोद के, आपन बीज डाल के, गाभिन कर के , ….जब पेट फूलने लगेगा तो अपने बहनोई के हवाले….: सचमुच बहुत खूब. पड कर ही मजा आ गया. एक नपुंसक मर्द अपनी मर्दंगी पे इतरा रहा होगा बिना ये जाने के उसकी बीवी के पेट में पल रहा बच्चा उसका नहीं बल्कि बल्की उसके साले का है और इस सब काम को अंजाम देने वाला और कोई नहीं उसकी अपनी सलहज है जिसे वो अपना परम मित्र और उसकी हितेषी मानता है.



कोटि कोटि प्रणाम आपको इस अपडेट के लिए
आप ऐसी सिद्धहस्त लेखिका के मुंह से ऐसे शब्द सुनके मैं जो भी आभार करूँ, धन्यवाद दूँ, कम होगा। कई बार आपके कमेंट्स का जवाब मैं जानबूझ के विलम्ब से देती हूँ, क्योंकि ऐसे शब्दों को जितनी बार पढूं, थोड़ा आत्मविश्वास बढ़ता हैं, दूसरे अच्छा भी लगता है की आप ऐसी कुशल लेखिका न सिर्फ मेरे थ्रेड पे आयीं बल्कि उन्होंने अपना मत भी रखा।

यह और उसके पहले केएक दो भाग और आने वाले भाग, भाग ९९ और भाग १०० इस समस्या को एक नयी दृष्टि देते हैं, इसमें नारी की वेदना भी है , और जो आपने कहा नपुंसकता वाली बात, तो दोष तो हमेशा नारी को ही दिया जाता है, ज़मीन को ही लोग ऊसर बंजर बोलते हैं, हल और बीज की कमी कौन निकालता है

और नपुंसकता का एक अलग आयाम भी नन्दोई के पक्ष से इस कहानी में आया है। ननदोई के जबरदस्त सेक्स सीन्स हैं, सलहज और सास से भी और हमारा कानून भी नपुंसकता और इंफर्टिलटी में अंतर् करता है। नपुंसकता ( साल भर तक अगर विवाह में देह संबंध न स्थापित हों तलाक का कारण है लेकिन इनफर्टिलिटी नहीं। पर वन्ध्यापन की सामाजिक प्रतारणा, और व्यक्तिगत कष्ट तो हैं ही।

कोशिश करुँगी, इसी हफ्ते अगली पोस्ट दे दूँ और फिर आपके कमेंट की राह तकूँगी।

एक बार फिर से आभार, नमन
 

komaalrani

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Wow.

All men have two heads, but only enough blood for one to function at a time.​

Sir, You have said in one line what I could not utter in the entire story. Just too Good, superb.

:applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
 

komaalrani

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वाह क्या माहोल बनाया है. कोमलिया के तो वारे न्यारे है. उसकी तो बिना कहे ही समझ जाते है. कोर्ट के चक्कर मे नन्दोई जी को उलझा दी. अब दोपहर 12बजे तो जज बैठेंगे. उसके बाद भुना गोस और बटेर की दावत ने संभल लिया. मगर आते ही उन्हें जाना है. नन्दोई जी की अपनी नागिन जैसी महतारी से बहोत फटती है. सासु माँ के कहे से भी नहीं रुक रहे. और डर से आँखो से अंशू भी आ गया. और नांदिया बेचारी भोजी से उम्मीद लगाए देख रही है.

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Thanks so much for such interesting comments and support

:thanks::thanks::thanks::thanks::thanks::thanks::thanks:
 

komaalrani

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Aapki kahaniya mazedar hoti hai.ya ye kahe ki unki kuch alag story hoti hai.maza aa jata hai padh ke.aapki complete story ka link mil sakta hai.
thanks so much , alag se to koyi link nahi hain aap koyi speciic story ki baat karen to try kar sakti hun, haam Mohe Rang de agar aap ne naa padhi ho to jaroor padhiyegaa . Isi foram pe hain
 

komaalrani

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Wonderful update madam...I wish..i can also add pics like you add to your update...each pic is so sexy...and goes very well with the update as well.
Fantastic!!

komaalrani
are aapke updates me bhi bahoot jabrdst pis hain aur pics ka kahana Shaitan ji ke paas hai unke do pics ke threads hain main kaafi kuch vahin se churaati hun, unhe bata kar aur bahoooooooot saara thanks aapke commnts aur appreciation ke liye

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks:
 
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komaalrani

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वाह री कोमलिया मान गए तुझे. अनजान बनकर क्या सही वक्त पर दाव खेला. खुद नन्दोई जी से ही पूछ लिया. कब करोगे. हमारा भी बाद मे नम्बर आए. पहले नांदिया ब्याही तो उसका ही पहले होना चाहिये. नहीं तो लोग ताना मरेंगे.

नन्दोई जी ने तो पूरा किस्सा ही सुना दिया. सहलाज हो तो कोमलिया जैसी. नन्दोई का मुँह खुला. और उन्होंने तो पूरी वेदना बता दी.

ऊपर से ये गुरूजी वाला चक्कर. नादौई जी की नागिन जैसी महतारी तो वंश चलने के नाम पर कुछ भी दाव पर लगाने को तैयार है.

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:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks:
 

komaalrani

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अरे कोमलजी. कलेजा निकल कर हाथ मे रख दिया. वैसे तो ये टॉपिक पुराना है. फिल्मो मे टीवी सीरियलों मेंकई बार ऐसे किस्से देखे. मगर एक औरत की नजरों से देखो तब ये वेदना पता चले. की क्या बीत ती है. नदिया अपने मायके मे आकर हस खेल रही है. मगर एक बार भी उसने अपनी ये तकलीफे किसी को नहीं बताई. गांव की चाची ने अपने बहु की गोद भराई मे नांदिया को लाने से मना कर दिया. कहती है की बानझन की पड़छाई ना पड़े. सही कहा. तेरी सास होती तो जलता कोयला उसके मुँह मे भर देती.

साली कामवाली बाई भी मुँह खोलने लगी. एक औरत औरत का दर्द नहीं समझ रही. ऊपर से घर की बेटी. वो भी कभी ब्याह के जाएगी. वो तक ताना मार गई. सच मे एक बेटी दो घर की इज्जत संभालती है. उफ़ ना किया. मायके मे कुछ नहीं बताया. बेचारे नन्दोई जी भी क्या करें.


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नारी की वेदना जो शायद मेरी कहानी कोशिश कर के भी न कह पायी, वो आपने इस कमेंट में कह दी।

आपने जो बात कही, " एक औरत की नजर से देखो तब ये वेदना पता चले " बस उसके बाद तो कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं। और ये बात भी एकदम मन की बात, हर घर की बात है, बेटी को दो दो घरों की इज्जत सम्हालनी होती है।

रोज कितनी कहानियां यहाँ पोस्ट होती हैं, कितने कमेंट भी, लेकिन नारी का यह रूप सिर्फ आप ने देखा

आप के इस कमेंट ने मौन कर दिया।

बस आभार।
 

komaalrani

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Man gae ri komaliya. Kya patti padhai hai nandoi ji ko. Garbh me sui ki nok hai jo bacha nahi hone de rahi. Ab sadhvi ne jo laddu vala prasad diya hai. Uska asar. Garbh me to ling ke raste hi dava dalegi. Bechare nadoi ji ko pata hi nahi ki garbh to pahele hi bhar chuka hai. Maza aa gaya komalji.

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Next Update bas isi hafte
 

komaalrani

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क्या खूब व्यवस्था की है भौजी !!
पूरी चाक - चौबंद व्यवस्था।!!
बहुत बहुत आभार, धन्यवाद , ननद का घर बच जाए, इज्जत बनी रहे, आश्रम में जा के देह न नुचवानी पड़े, बस
 
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