ब्याहता मरद औरत की चुदाई का यही तो फायदा है, बुर में पानी डालने के पहले मरद कभी नहीं सोचता कहाँ गिराऊं और मन आने पर कस के गाल, और जोबन दोनों को काटता भी है और नोचता भी है। और औरत भी न लजाती है न शर्माती है न उन निशानों को छिपाती है ,
मैं खुद गौने की रात के अगले दिन सबेरे बड़ी कोशिश की उन निशानों को छुपाने की लेकिन दो तीन दिन में समझ गयी,
फिर मेरी सास ने भी मुझे समझाया, और मैं खूब लो कट चोली पहन के जिससे उनके दांत के नीचाँ साफ़ साफ़ मेरे जोबना पे, होंठ एकदम सूजे सूजे, दोनों गालों पे दांतो के निशान,
मैं समझ गयी थी यह सब तो नयी सुहागन के निशान है,
दिन में ठीक से चला न जाए, जाँघों में बार चिलख हो, बार बार जम्हाई आये, आँखे बारे बारे चोरी छुपे दरवाजे तक दौड़ी दौड़ी जाए की कहीं देवरों नन्दोईयों के झुरमुट में ये दिख जाएँ, बार बार सिकोड़ने पर भी रात की मलाई का कतरा सरक के नीचे,
यही सब तो निशान है रात को मरद ने नयी दुल्हन को कचकचा के प्यार किया है,
Very nice... कंटाप लिखा