- 22,209
- 57,779
- 259
ekdamसाजन से हर छेद का मजा लेना भी है और साजन के हर छेद को मजा देना भी है.....
ekdamसाजन से हर छेद का मजा लेना भी है और साजन के हर छेद को मजा देना भी है.....
अरे हमारे आपके बिचार एकदमै मिलते हैं ,मैंने तो सोचा था कि जिस तरह आपके साजन ने होली के पहले वाली रात आपको झड़ाया नहीं तो अगली सुबह चुदवासी होकर खुद अपने भाई पर
तो उसी तरह अपने साजन को नहीं झड़ा कर... अगले दिन भाई को बहन पर हीं....
लेकिन खैर देखते हैं... कहानी किस करवट लेती है....
एकदम, एकदम आप लोग अगर चाहते हैं तो,हाँ ... मजा तो खूब आया... लेकिन ये मजा सौ गुना बढ़ जाता है जब बहु के सामने बेटा माँ पर....
और अंत में रस भी खूब बरसे ... की चूत से...
jija to jija... double jija bhi... wo bhi pichhe se kudaal chalayenge..Ekdam ,... aur meri saas ne use samjha diya hai ,...Poora gaon uska Jija hai
अभि नांदोई कीं क्या हालत हुई होगी
wahi hoga jo manjoore jija aur jiji hoga...sochne ki baat hai
In electronic theory if two atoms forms a bond... then due to overlapping one molecule is formed.एकदम सही कहा,... बिन बोले मन की बात समझ जाएँ वही तो साजन सजनी का रिश्ता है,
Not, ' Made for Each Other' but where ' Each is Both.'
bura maanana bhi nahi chahiye....नहीं नहीं पियासी नहीं रही, मेरे साजन जब तक दो तीन बार सामने वाली को किनारे पर न पहुंचा लें , तबतक, खुद,.. भूखे को भोजन न करा लें , तब तक
,
हाँ सूखी मैं जरूर रही क्योंकि सारी रबड़ी मलाई मेरी छुटकी बहिनिया को उन्होंने खिला दी,... लेकिन मैंने भी बुरा नहीं माना ,
आखिर उनकी छोटी साली है और मुझसे पहले उसका हक़ है,...
एकदम,
और फिर मेरी सास और नैना ननदिया भी तो यही चाहती हैं,
और मैं भी, ...अपने मनभावन साजन और नटखट नन्दोई के सुख के लिए ही उसे ले आयी हूँ,...
हाँ मेरी सास और नैना ननदिया खुद भी उसका रस निचोड़ निचोड़ के लेना चाहती हैं और गाँव जवार के मरदो को भी उसपर चढ़ाना चाहती हैं,...
और मैं उन नए ज़माने की बहुओं में से नहीं जो सास ननद की राय के खिलाफ जाएँ
reet rivaj ke kaaran baahar rahenge toअरे हमारे आपके बिचार एकदमै मिलते हैं ,
लेकिन का करें जो स्साली इनकी छोटी साली है न उससे अपने जीजा का, और ख़ास तौर से जीजा के ' उसका ' दुःख देखा नहीं जाता, बहुत दया माया है उसमें,
और मेरी छोटी बहिनिया है , इसलिए मैंने भी सोचा जाने दो , पिछवाड़े तो बाढ़ आयी हुयी है, और उस छुटकी अपनी ' सुनहली शराब' भी अपने जीजा को पिला दी,.... तो,
फिर एक फरक था,... होली की रात तो उन्होंने तड़पाया था,...
पर अगले ही दिन चार पांच घंटे के अंदर , मेरी ननद जेठानी ने भांग और देसी दारू पिला के मुझे,... इतना चढ़ा दिया,... की सबके सामने, अपने सगे समान छोटे भाई के ऊपर चढ़ के मैंने जबरदस्ती उसी को,... और फिर नन्दोई , उन के दोस्त, ... गाँव के देवर,... दिन भर तो मल्टी कोर्स दावत रही और,
ये बिचारे दिन भर बाहर ' ऐसे ही ' ... कहीं देर रात आएंगे,... इसलिए मैंने भी सोचा की मेरी बहन भी चाहती है तो , हो जाने दो