keepinsimple99
New Member
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Hamara aabhar itni shandar kahani likhne ke lie..asha karta hu aap aise hi likhte rahengi२७ लाख व्यूज के लिए आभार, धन्यवाद
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Hamara aabhar itni shandar kahani likhne ke lie..asha karta hu aap aise hi likhte rahengi२७ लाख व्यूज के लिए आभार, धन्यवाद
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Bahoot Bahoot dhanyvaad bas aap ka saath rahe, ye yatra chalati rahegiHamara aabhar itni shandar kahani likhne ke lie..asha karta hu aap aise hi likhte rahengi
आपने एकदम सही कहा बिना सही राग और धुन के इनका मजा अधूरा रहता है और बीच बीच में यू ट्यूब वीडियो के सौजन्य से मैं कुछ गानों की धुनों के साथ उस अहसास को लाने की कोशिश करती हूँ, पर लोकगीतों में जो दर्द रहता है, जो करुणा छिपी रहती है उसका अहसास कभी कभी ही होता है, और मैंने भाग १०० में बाँझिन के सोहर के साथ उस वेदना को बांटने की कोशिश की थी और आपने सराहा भी था।शानदार मेगा अपडेट कमल जी
बहुत दिनों बाद देशज गीतों की सुगंध आई है।
लेकिन समस्या जस की तस है कि गीतों को गाया कैसे जाता है।
पहले भी आपने कुछ गीतों के वीडियो शेयर किए थे। यदि इस बार भी संभव हो तो शेयर करने की कृपा करें।
सादर
कोशिश करुँगी की शादी की सारी रस्मो का, गानों का जिक्र करूँ, गाँव देहात, कस्बाई शहरों का जब फ़िल्मी गाने लोकगीतो के ऊपर नहीं छाए थे, हर रस्म का गाना अलग होता था, और सब काम घर- गाँव की औरतें देखते देखते उठा लेती थीं।वाह मान गए कोमलजी. मोहे रंग दे मे आपने जो शादी और प्यार दर्शाया था. पर उतनी मस्ती तो वहां भी नहीं थी. वार त्यौहार शादी ब्याह एक ही. जताने का अबदाज़ भी वही. पर किस्सा अलग अलग तो उसकी फीलिंग्स एकदम ही अलग.
बुचि की मुनिया के दोनों फाको के बिच ऊँगली डाली और चासनी सूरजबली उसके भैया के मुँह मे. मंजन ही कर दिया.
शादी ब्याह के मज़ाक मस्ती को आप से ज्यादा भला कौन समझ सकता है. सही डांटा सूरज की महतारी ने बुचि को. साली नेक लेने आएगी. चुदवाएगी. पर भैया का ध्यान नहीं रखेगी. साथ ही रहना.
उसकी महतारी के रूप का तो क्या बखान किया है. और रसम मे सूरजवा को अपनी महतारी के गोद मे बिठा दिया. वाह.
इमरतिया मौका नहीं छोड़ती. और डायलॉग भी मस्त है.
बचपन मे छुआ होगा. अभी पकड़ के देख लो.
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उसकी महरतारी भी तो सही कहे रही है. नजर मत लगा. वो अपने सास की बेटी को जम के पेलेगा.
ननद भौजाई की मस्ती के बिना कोई भी रस्म अधूरी रहती है, थोड़ी नोक झोंक भी होती है लेकिन दोस्ती यारी भी और कांति बूआ उसका उदहारण है, बूआ नहीं आएंगे तो कोहबर कौन लिखेगा, लावा कौन भूनेगा और सबसे बढ़कर गरियाया किसे जाएगा,मान गए कोमलजी. ऐसा जबरदस्त फलेशबैक किस्सा भौजी नांदिया का अभी तक पढ़ने नहीं मिला. मज़ा ही आ गया.
सूरज की बुआ... कांति बुआ जो बुचि की मौसी लगती है. आते ही रंग जमा दिया.
लेकिन यह चीज पे ध्यान नहीं दिया की वो सूरजके महतारी की नांदिया लगती है.
अरे अब तक कहा चुदवा रही थी. रास्ते मे.
अपनी भौजी का बयाना दे रही थी. वाह.
और फिर गाने शुरू हुए. गरियाना.
दूल्हा अपनी बुआ चुदवाए सो रूपय मे.
तो ज़वाब मे बुआ ने भी मस्त गया.
दूल्हे की माई गिर गई. घुस गई लकड़िया भोसड़े मे फिर गंडिया मे. सूरज निकले लकड़िया.
सच मे ब्याह शादी मे जो गरिया के गाने सुन ने मिलते है. बहोत मज़ा आता है.
और तो और कांति ने तो सूरज की महतारी को उसका ब्याह भी याद दिला दिया. कैसे वो चल भी नहीं पा रही थी.
तो सूरज की महतारी ने भी अपने भैया से चुदवाने वाली बात से मज़ाक किया.
सब डर रहे थे. पर यही नांदिया भौजी का प्यार होता है.
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सादी बियाह में जब लोग मिलते हैं तो एक से एक पुरानी बातें निकलती है और आज कल की लड़कियों बहुओं को भी अपनी सास के किस्से सुनने को मिलते हैं और यहाँ तक की बिन ब्याही लड़कियां भी बहुत कुछ सीखती हैं, इसलिए गाने का प्रोग्राम हो, रस्म रिवाज का लड़कियां चाहे जो उम्र हो आती जरूर हैं और बिना किसी हिचक के उनके सामने भी मस्ती चलती रहती हैं।वाह क्या किस्सा सुनाया है. मज़ा आ गया. अरे अपनी दुल्हन को कौन छोड़ेगा. जब सूरज बाहुबली है तो उसका बाप कैसा होगा. लेकिन जितना बल. उतना ही बैल बुद्धि. जिसका फायदा उसकी भाभी मतलब सूरज के महतारी की जेठानी ने उठाया. गंडिया रोंदवा दी बेचारी की.
तो जब उसके महतारी के भाई आए तो उन्हें भी खूब चिढ़ाया. रिश्ते मे मज़ाक मस्ती बनती भी है. लेकिन प्रथा बिलकुल सही हुई. भौजी अपनी नांदिया को उसके भाई से और अपने भाई से चुदवा भी देती है. सूरजवा की बुआ कांति की चुदाई सूरज के मामा से.
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वाह मज़ा ही आ गया.
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अमेज़िंग. तो दुल्हन के आने के बाद सूरजवा को सिखाया जा रहा है. पढ़ी लिखी बहु आ रही है. तुरंत सूरजवा की पठान भौजी बोली. अरे पढ़े लिखें का क्या करना है. बस चुदवाते आना चाहिये.
यहाँ तक तो काबू मे था. लेकिन आने वाले बहु की छिनार नांदिया. मतलब सूरजवा की बहन भी अपने भाई के लंड को गांव के इज्जत की दुहाई देने लगी.
मेरा भाई पहलवान है. गाउ की इज्जत नहीं जानी चाहिये भैया.
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कई बार फ्लैश बैक रिश्तो को दोस्ती को समझने में मदद देता है और इस से शीला और बुच्ची की दोस्ती किस हद तक है और बुच्ची ने अब तक अपनी टाँगे क्यों सिकोड़ के रखी हैं और सूरजु के लिए बुच्ची के मन में क्या इरादा है सब साफ़ हो जाता है।बिलकुल छिनार का दूसरा नाम ही नांदिया है. बेचारी बुचि तो कोहबर मे अपनी भउजीयो के सिकंजे मे आ गई. बेचारी को शिराह बहोत पसंद हेना. कोहबर कभी भूलेगी नहीं. वही शिलवा तो चार कदम आगे है. पहले से ही खेली खाई है. कितनी बार. गन्ने के खेत मे एक साथ दो दो. अमेज़िंग अपडेट.
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बहुत बहुत आभार धन्यवाद, एकदम सही कहा आपने इसलिए ऐसे गाने, रस्मे सब ले के आयी हूँ इस बार।Uffff kitna majedaar likhti ho aap KOmal ji. Gaaon ki shadiyon ka aisa scene aksar dekhne ko mil jata hai.